Published By : Admin | August 16, 2023 | 20:29 IST
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ڈیجیٹل انڈیا پروگرام یکم جولائی 2015 کو شروع کیا گیا تھاتاکہ شہریوں کو خدمات کی ڈیجیٹل ڈیلیوری کو ممکن بنایا جا سکے۔ یہ ایک بہت ہی کامیاب پروگرام ثابت ہوا ہے۔
عزت مآب وزیر اعظم جناب نریندر مودی کی صدارت میں مرکزی کابینہ نے کل 14,903 کروڑ روپے کے خرچ سے آج ڈیجیٹل انڈیا پروگرام کی توسیع کو منظوری دی۔
اس کے ذریعہ درج ذیل اقدامات کئے جائیں گے:
فیوچر اسکلز پرائم پروگرام کے تحت 6.25 لاکھ آئی ٹی پروفیشنلز کو ری-اسکلڈ اور اپ – اسکلڈ کیاجائے گا۔
2.65 لاکھ افراد کو انفارمیشن سیکیورٹی اینڈ ایجوکیشن اویئرنس فیز (آئی ایس ای اے) پروگرام کے تحت انفارمیشن سیکیورٹی کی تربیت دی جائے گی۔
یونیفائیڈ موبائل ایپلیکیشن فار نیو- ایج گورننس (یو ایم اے این جی) ایپ/ پلیٹ فارم کے تحت 540 اضافی خدمات دستیاب ہوں گی۔ اس وقت یو ایم اے این جی پر 1,700 سے زیادہ خدمات پہلے سے ہی دستیاب ہیں۔
نیشنل سپر کمپیوٹر مشن کے تحت مزید 9 سپر کمپیوٹرز کا اضافہ کیا جائے گا۔ یہ پہلے سے تعینات 18 سپر کمپیوٹرز کے علاوہ ہے۔
بھاشینی یعنی مصنوعی ذہانت پر مبنی کثیر لسانی ترجمہ کا آلہ (فی الحال 10 زبانوں میں دستیاب ہے) شیڈیول 8 میں درج تمام 22 زبانوں میں متعارف کرایا جائے گا۔
1787 تعلیمی اداروں کو جوڑنے والے نیشنل نالج نیٹ ورک (این کے این) کی جدید کاری ۔
ڈیجی لاکر کے تحت ڈیجیٹل دستاویز کی تصدیق کی سہولت اب ایم ایس ایم ایز اور دیگر تنظیموں کو دستیاب ہوگی۔
ٹائر 2/3 شہروں میں 1200 اسٹارٹ اپس کو سپورٹ کیا جائے گا۔
صحت، زراعت اور پائیدار شہروں سے متعلق مصنوعی ذہانت کے تین سینٹرس آف ایکسی لینس قائم کئے جائیں گے۔
12 کروڑ کالج طلباء کے لیے سائبر آگاہی کورسز؛
سائبر سیکیورٹی کے شعبے میں نئے اقدامات جس میں آلات کی ترقی اور نیشنل سائبر کوآرڈینیشن سینٹر کے ساتھ 200 سے زیادہ سائٹس کا انضمام شامل ہے۔
آج کے اعلان سے ہندوستان کی ڈیجیٹل معیشت کو فروغ ملے گا، خدمات تک ڈیجیٹل رسائی کو تحریک ملے گی اور ہندوستان کے آئی ٹی اور الیکٹرانکس ماحولیاتی نظام کو سپورٹ ملے گا۔
Text of PM’s address at the News9 Global Summit via video conferencing
November 22, 2024
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गुटेन आबेन्ड
स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!
मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!
Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।
साथियों,
इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।
साथियों,
यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।
साथियों,
भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।
साथियों,
आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।
साथियों,
जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।
साथियों,
आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।