When there is a weak government like Congress, it weakens the country as well, says PM Modi in Koderma
Naxalism caused a lot of harm to the country but also crushed the dreams of so many mothers in this country: PM Modi while targeting opposition
JMM, Congress and Left- they are the biggest role models of wrong things. Mountain of cash was discovered in the house of the servant of Minister's PA: PM
I have seen poverty and the hardships I have suffered, I want to free the poor people of the country from those hardships, says the PM in Koderma

भारत माता की..

भारत माता की..

कोडरमा और गिरिडीह को जोहार। मां चंचला देवी की पावन भूमि को मैं प्रणाम करता हूं। मैं पारसनाथ पर्वत को भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। हम बचपन से एक नाम हमेशा सुनते आए जब रेडियो का जमाना था झूमरी-तिलैया, झूमरी- तिलैया का नाम पूरा हिंदुस्तान जानता है। मैं तो देशवासियों को कहूंगा कि आपने जितना झूमरी-तिलैया का नाम सुना है, उससे भी अधिक हमारा झूमरी- तिलैया सुंदर है। (बेटे आप बैठ जाओ थक जाओगे बेटा..थक जाओगे, भाई कोई, इस बच्चे ने तस्वीर बनाकर लाया है, जरा एसपीजी के लोग ले लेना, बेटा पीछे अपना नाम-पता लिख देना) भारत माता की..भारत माता की। मैं सीधे काशी से आपके बीच आ रहा हूं, मुझे आने में विलंब हुआ इसलिए आप सब मुझे क्षमा करें और मुझे बताया गया कि आपमें से बहुत लोग सुबह 8:30 बजे आकर के बैठ गये थे। मैं काशी से भगवान विश्वनाथ का, भोले बाबा का आप सबके लिए आशीर्वाद लेकर के आया हूं। मैं आज काशी में अपना नामांकन दाखिल करने के बाद ये मेरी पहली जनसभा है और मैं देख रहा हूं कि काशी हो या कोडरमा या गिरिडीह, एक ही बात गूंज रही है, फिर एक बार.. फिर एक बार..फिर एक बार।

साथियों,

जितने लोग यहां दिखते हैं ना उससे डबल लोग बाहर हैं, ये आपका प्यार, ये आपका आशीर्वाद, ये आपका उमंग मैं आपको शत्-शत् नमन करता हूं। साथियों, काशी के लिए मैं पीएम नहीं, एमपी हूं। कोडरमा और गिरिडीह वालों को भी यही समझकर वोट डालना है, मोदी ही आपका एमपी है, मोदी ही आपका पीएम है। कोडरमा से बहन अन्नपूर्णा देवी और गिरिडीह से आजसू के हमारे साथी श्री चंद्र प्रकाश चौधरी जी, इन दोनों को आप भारी बहुमत से जिताकर दिल्ली भेजियेगा। आपका एक-एक वोट देश में तीसरी बार मोदी की मजबूत सरकार बनायेगा। इनके अलावा आपको दिलीप कुमार वर्मा जी को जो गांडेय विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं, उनको भी जिताना है।

साथियों,

जब एक मजबूत सरकार होती है तो वो सबसे पहले देश का हित देखती है, देश के लोगों का हित देखती है। लेकिन जब देश में कांग्रेस जैसी कमजोर सरकार होती है, तो वो देश को भी कमजोर कर देती है। ऐसी कमजोर सरकार कभी भी देशवासियों का भला नहीं कर सकती। कोडरमा और इस क्षेत्र के लोगों को इन्होंने दशकों तक कमजोर सरकारों का रवैया देखा है। कांग्रेस की कमजोर सरकारों ने देश को नक्सलवाद की आग में झोंक दिया और नक्सलवाद ने देश का बहुत नुकसान तो किया ही किया लेकिन मेरे देश की अनेक माताओं के सपनों को कुचल डाला है, जो बेटे नक्सलवाद की राह पर जाकर बम- बंदूक उठा रहे थे उन्होंने खुद को तो बर्बाद कर दिया, उस परिवार को बर्बाद कर दिया और उस मां को जिंदगी भर रोते रहने के लिए मजबूर कर दिया। इस आग में वामपंथियों ने भी अपनी रोटियां सेकी। ये भाजपा की सरकार है जिसने देश में नक्सली हिंसा पर लगाम लगाई। मोदी को चुनौतियों को टालना नहीं, मोदी को टकराना आता है और जब फौलादी हौसला हो, जब हौसला फौलादी हो तो बड़े से बड़ी चुनौती भी चरण चूमने लग जाती है। आज पूरे देश में नक्सलवाद का दायरा बहुत सिकुड़ गया है, बहुत सिकुड़ गया है और मैं कोडरमा की इस धरती से सभी देशवासियों को ये गारंटी दे रहा हूं आतंक हो या फिर नक्सलवाद मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में इन पर बहुत बड़ा प्रहार करने का संकल्प ले चुका है। मोदी झारखंड को फिर से नक्सलवाद का गढ़ नहीं बनने देगा। मैं अपने नौजवानों की जिंदगी तबाह नहीं होने दूंगा। मैं उन माताओं की कोख छीनने नहीं दूंगा वो दिन दूर नहीं जब पूरी आदिवासी बेल्ट खून-खराबे से मुक्त होगी और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

आज आपने टीवी पर देखा होगा, कल रात को टीवी पर देखा होगा इस पूरे चुनाव में अगर कोई पूछे मुझे कि मोदी जी सबसे संतोषजनक बात क्या लगी? तो मैं कहूंगा कल श्रीनगर में जो मतदान हुआ है, लोकतंत्र के प्रति जिस प्रकार से श्रद्धा व्यक्त की गई है, भारत के संविधान के प्रति जो मुहर लगाई गई है, दशकों बाद श्रीनगर में चुनाव का उत्सव था, दशकों बाद श्रीनगर के चुनाव में इतना भारी मतदान हुआ और लोग उमंग और उत्साह से भरे हुए थे और लोग कह रहे थे ये 370 जाने के कारण ये संभव हुआ है, लोग कह रहे थे मोदी के आने के बाद संभव हुआ है। इस एक घटना से ये बात साफ हो जाती है कि मोदी के काम की दिशा सही है और मोदी के प्रयास सही परिणाम लाते हैं, ये श्रीनगर का कल का मतदान पूरे देश के लिए संतोष का, उमंग का, उत्साह का अवसर है और इसलिए भाइयों-बहनों, मेरे लिए और जो लोग धारा 370 को लेकर मोदी को दिन-रात गालियां दे रहे थे कान खोलकर सुन लो ये धारा 370 की दीवार हटी है हमारे दिलों को जोड़ दिया है, हमारे सपने, हमारे अरमान एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत के लोकतंत्र के जीवन में इससे बड़ी कोई घटना नहीं हो सकती है।

साथियों,

जब मैं देशहित में इतने काम कर रहा हूं तो झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी वाले बौखलाए हुए हैं, संतुलन खो चुके हैं। यहीं कोडरमा में इंडी गठबंधन के एक नेता ने मुझे गोली मारने की बात कही थी। ये जो गोली मारने के सपने देख रहे हैं ना, जो मोदी की कब्र खोदने के सपने देख रहे हैं जरा यहां आइये ये नजारा देखिए ये माताओं-बहनों का प्यार देखिए ये गोली मारने वालों ये ही मेरा सुरक्षा कवच है, ये ही मेरा सुरक्षा कवच है, ये ही लोग मोदी को जीने की ताकत देने वाले लोग यहां बैठे हैं और जिस मोदी को गरीब से गरीब बाल-वृद्ध सहित, माता-बहन सहित जब रक्षा कवच बन जाता है ना तो मोदी को अमृत प्राप्त हो जाता है, अमृत प्राप्त हो जाता है।

साथियों,

मैं किसी राजघराने में पैदा नहीं हुआ हूं, मैं किसी शाही परिवार में पैदा नहीं हुआ हूं और ना ही मेरे पिता कभी भी गांव के चुनाव में प्रधान भी बने हैं। मेरे परिवार का कोई चुनाव तक नहीं लड़ा है। मैं गरीब मां का बेटा हूं, चाय बेचते-बेचते यहां पहुंचा हूं और आपने मुझे पहुंचाया है और इसलिए किसी को अच्छा लगे या किसी को बुरा लगे मैंने गरीबी देखी है, मैं गरीबी को जिया हूं और जो मुसीबतें मैंने झेली हैं मैं मेरे देश के गरीबों को उससे मुक्ति दिलाना चाहता हूं और इसलिए मोदी का मंत्र है- वंचितों को वरीयता। जिन्हें पहले कोई पूछता तक नहीं था, मोदी ने उन्हें पूजता है। भक्ति-भाव से पूजता है। पहले आपके इलाज की, सस्ते इलाज की किसी ने चिंता नहीं की। हमारे परिवारों में तो अगर कोई मां बीमार हो जाती है कितनी ही पीड़ा क्यों ना हो वो कभी भी घर में किसी को बताती नहीं है वो दर्द सहती है, पीड़ा सहती है (एक मिनट भइया प्लीज मुझे बोलने दीजिए) वो दर्द सहती है, पीड़ा सहती है लेकिन अपने परिवार में किसी को अपनी बीमारी के विषय में बताती नहीं है, क्योंकि उसके मन में एक ही भाव रहता है कि अगर परिवार में सबको बीमारी का पता चल जाएगा तो इलाज कराने का खर्चा कहां से लायेंगे। ये लोग कर्ज में डूब जायेंगे अरे मैं दो-चार साल मुसीबत झेल लूंगी फिर चली जाऊंगी लेकिन मैं बच्चों को कर्जदार नहीं बनाना चाहती, मेरे देश की हर माता ये ही सोचती है लेकिन मातायें-बहनें अब आप को दर्द छिपना नहीं है, अब आपको पीड़ा नहीं सहनी है अब दिल्ली में आपका बेटा बैठा है। अब आपके इलाज की चिंता ये आपका बेटा करेगा आपका एक पाई का खर्चा नहीं होगा इलाज मैं करवाऊंगा। मैंने देशभर के मेरे गरीब भाई-बहनों को कहा है।

भाइयों-बहनों,

मैंने देवघर में एम्स बनवाया। हिंदुस्तान का बढ़िया से बढ़िया अस्पताल। देवघर एम्स से इस क्षेत्र के गरीबों को बहुत बड़ा सहारा मिला है। मोदी ने उन्हें अस्पताल में 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। हर गरीब का सपना होता है, उसके पास पक्का घर हो। अगर आपका बेटा दिल्ली में बैठा हो और आप झोपड़ी में रहें, आपका बेटा दिल्ली में बैठा हो और आप कच्चे घर में रहें इस बेटे को मंजूर नहीं है। मैं हर गरीब परिवार को पक्का घर देना चाहता हूं, अब तक 4 करोड़ परिवारों को पक्के घर दे चुका हूं और तीसरे टर्म में आऊंगा जो बच गए हैं ना उनको भी पक्का घर देकर रहूंगा, ये मोदी की गारंटी है। मोदी ने कोडरमा-गिरिडीह में गरीब परिवारों को सवा लाख से ज्यादा पक्के घर बनाकर दिए हैं। मेरी आपसे प्रार्थना है आप जब गांव-गांव जायेंगे अभी भी कहीं कोई नजर आयें आपको जिसको पक्के घर की जरुरत है उसका नाम-पता लिख दीजिए मुझे भेज दीजिए और उस मां-बहन को कह देना मोदी की गारंटी है तीसरी बार.. तीसरी बार जब आयेगा तो आपका घर भी पक्का हो जायेगा, मेरे लिए आप ही मोदी हैं गारंटी दे देना। 7-8 साल पहले तक यहां करीब 2 लाख घर ऐसे थे जहां बिजली नहीं थी। मोदी ने अब उनके जीवन से अंधेरा दूर किया है, उनका घर रौशन किया है। मुफ्त राशन की योजना से भी यहां लाखों परिवारों को फायदा पहुंच रहा है। आज इतने साल हो गये 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन मिल रहा है। मुझसे पहले सोनिया बहन की एक रिमोट वाली सरकार चलती थी, 10 साल पहले उस समय के प्रधानमंत्री को पूछा गया कि आपके पास अनाज भीग रहा है, सड़ रहा है आप गरीबों को क्यों नहीं देते उन्होंने कहा मैं गरीबों को इतना दे नहीं सकता हूं, मेरे पास इतना नहीं है। जब आपका बेटा वहां बैठा ना भूख क्या होती है वो मैं जानता हूं और बच्चे भूखे होते हैं तो मां रातभर आंसू पीती रहती है, वो मैंने देखा है और इसलिए मैंने तय किया कि मैं गरीब का चूल्हा बुझने नहीं दूंगा। मैं गरीब के बच्चों को भूखे सोने नहीं दूंगा और इसलिए 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पहुंच रहा है और मेरे भाइयों-बहनों लिखकर रखिए तीसरी बार आने के बाद अगले पांच साल भी मुफ्त राशन मिलता रहेगा। 4 लाख परिवारों को अब यहां पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। यहां लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का भी लाभ मिल रहा है। गरीब का ये बेटा, आपके जीवन से हर परेशानी को समाप्त करने में जुटा है और इसलिए मुझे आपका आशार्वाद चाहिए ताकि जो छूटे गए हैं, मैं उन लोगों तक भी मेरी ये सारी योजनाएं की सुविधाएं पहुंचा सकूं।

साथियों,

जब दिल्ली में कांग्रेस-JMM-लेफ्ट की सरकार थी तब खनिज संपदा से निकला पैसा उस क्षेत्र को नहीं मिलता था, सीधे सरकार के खजाने में और कुछ चोरों की जेब में चला जाता था। यहां तो अभ्रक की कितनी सारी खदानें रही हैं, आपको क्या मिला? कोडरमा और गिरिडीह उसको भी नाम मात्र के लिए कुछ मिल गया तो मिल गया। मोदी ने कहा- ऐसा नहीं चलेगा। मोदी ने नई नीति बनाई। हमने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाया। अब मैंने तय किया है कि जिस जिले से खनिज संपदा निकलती है, उसका एक हिस्सा उस जिले के लोगों की भलाई के लिए, उस जिले के विकास के लिए खर्च होना चाहिए और इस योजना के तहत झारखंड को अबतक 12 हज़ार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। कोडरमा और गिरिडीह उसको भी करीब 60 करोड़ रुपए उससे मिले हैं। ऐसे काम तभी होते हैं, जब आपके लिए संवेदनशील हो, ऐसी सरकार हो। आपकी परेशानियों के प्रति जो खुद परेशान होता हो, जिसको आपकी परवाह हो तब होता है।

भाइयों और बहनों,

मैंने लाल किले से कहा था और मैंने डंके की चोट पर कहा हुआ है, छिपाकर के नहीं कर रहा हूं, मैंने कहा था मैं भारत को भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्त होने के लिए अपना जीवन खपा दूंगा। JMM-कांग्रेस-लेफ्ट का इंडी-गठबंधन, इन सारी बुराइयों का सबसे बड़ा मॉडल है। आपने देखा कि यहां कांग्रेस के एक मंत्री, मंत्री, मंत्री के कर्मचारी और कर्मचारी का नौकर उसके घर में से नोटों के पहाड़ निकल रहे हैं भाई, ये नोटों के पहाड़ इतने बड़े हैं कि गिनते-गिनते मशीन हांफ जाती है मशीन। मैंने तो मेरे जीवन में कभी नोटों का ऐसा ढेर आंखों के सामने देखा नहीं पहली बार टीवी पर देख रहा हूं। इससे पहले कांग्रेस के सांसद के घर से नोटों के पहाड़ निकले। ये भी पूरे देश ने देखा। मुझे बताइये ये सारे जिनके यहां से पैसे निकल रहे हैं, ये किसके करीबी हैं? अफसरों के घर से पैसे निकले वो भी उनके खासमखास, नेताओं के यहां से निकले पैसे वो भी उनके खास, नौकरों से पैसे निकले वो भी उनके खास। मतलब ये कि इनके सिर पर किसका हाथ है भाई? ये ही तो लोग हैं ना ये जो भी करते हैं, वो शाही परिवार के इशारे पर करते हैं। आपके गांव की सड़कें, पुल, नहरें नहीं बनीं आज भी खस्ताहाल हैं, क्योंकि वो पैसा मंत्री जी के यहां पहुंच जाता है, उनके कर्मचारी के यहां पहुंच जाता है, नौकर के यहां पहुंचता है। साथियों, ये तो अभी शुरुआत है। मैं तो और ज्यादा खजाने खोजने वाला हूं। मैं चोरों को नींद से सोने नहीं दूंगा, मैं उनकी नींद तो उड़ा दूंगा उनके खजाने भी खाली करके रखूंगा। ये पैसे आपके हैं, इन पैसों के मालिक आप हैं। कोई चोरी- लूट नहीं कर सकता है मोदी इन पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है और इसलिए ये मोदी को गोली मारने की बातें करते हैं, मोदी को गालियां देते हैं।

साथियों,

झारखंड में आज अपनी आस्था का पालन करना मुश्किल हो गया है। हमारे आराध्यों की मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। जिहादी मानसिकता वाले घुसपैठिए झुंड बनाकर हमला कर रहे हैं और झारखंड सरकार आंखें मूंदकर बैठी है, पीछे से समर्थन कर रही है। इन घुसपैठियों ने राज्य में हमारी बहनों-बेटियों की सुरक्षा को खतरे में डाला हुआ है। क्या झामुमो-कांग्रेस-आरजेडी वालों को आपका एक वोट भी मिलना चाहिए क्या? उनको कहीं पर भी जगह मिलनी चाहिए क्या? हर बूथ में से उनका पराजय होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? भाइयों और बहनों, इंडी गठबंधन वालों का तुष्टिकरण का खेल अब चरम पर पहुंच चुका है। ये लोग पहले जो पर्दे के पीछे करते थे, वो आज सामने आकर के कहने लगे हैं। अब ये खुलेआम कह रहे हैं कि मोदी के खिलाफ वोट जिहाद करेंगे, वोट जिहाद।

भाइयों-बहनों,

500 साल के बाद, 500 साल के बाद अयोध्या में हमारे राम जी, भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। पूरा देश खुश हुआ कि नहीं हुआ। आप सब खुश हुए कि नहीं हुए। बोलिए, जय श्री राम.. जय श्री राम, लेकिन ये इंडी-अलायंस वाले ये लोग राम मंदिर को लेकर भद्दी-भद्दी बातें कर रहे हैं। आए दिन इनके नेताओं के जो बयान आते हैं वो शर्मनाक बयान आ रहे हैं। कांग्रेस के कुछ लोग तो ये तक कह रहे हैं कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की साजिश कर रही है। कांग्रेस के एक पुराने नेता वो आजकल कह रहे हैं कि कांग्रेस ने तो तय कर लिया है कि अब रामलला को फिर से टेंट में भेजेंगे, क्या आप रामलला को टेंट में जाने देंगे? क्या देश में उनको ऐसा पाप करने देंगे? रामलला भव्य राम मंदिर में रहेंगे कि नहीं रहेंगे? ये कहते हैं कि राम मंदिर को ताला लगा देंगे। भाइयों और बहनों, मोदी की नीति एकदम साफ है, हमरा मातायें-बहनें हर परिवार की बेहतरीन प्रबंधक होती हैं इसलिए देश उनके इस कौशल के सदुपयोग के बिना विकसित नहीं हो सकता, तभी मोदी सभी माताओं-बहनों की समृद्धि के लिए हर योजना बना रहा है। यहां बहुत बड़ी संख्या में बहनें सहायता समूहों से जुड़ी हैं। 10 वर्ष में 10 करोड़ बहनों को ऐसे समूहों से हमने जोड़ा है। हमने पहली बार बहनों के भी बैंक खाते खुलवायें और समूहों के भी बैंक खाते खुलवायें। आज मोदी लाखों-करोड़ रुपये की मदद इन समूहों तक पहुंचा रहा है। मोदी ने संकल्प लिया है कि हमारी सरकार 3 करोड़ बहनों को, ये आपके लिए खुशी की खबर है, 3 करोड़ बहनों को मोदी लखपति दीदी बनायेगा..लखपति दीदी बनायेगा।

साथियों,

विकास के जनकल्याण के काम तेजी से पूरे हो इसके लिए आपको बड़ी संख्या में मतदान करना है। घर-घर जाना है, ज्यादा से ज्यादा मतदान करना है। हमें हर सीट नहीं, हर बूथ को जीतना है। आप घर-घर जाइयेगा और कहियेगा कि मोदी जी ने आपको जोहार कहा है, नमस्कार कहा है और इस चुनाव में हमारे दो लोकसभा के साथी और एक हमारे विधानसभा के साथी, मेरे इन तीनों साथी को आपको विजयी बनाना है। बोलिए, भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!