The priority of the BJP is the country before the party – dal se pehle desh: PM Modi
Whoever is in favour of triple talaq is doing biggest injustice to Muslim women: PM Modi
Other parties want their sons and daughters to flourish, BJP wants your sons and daughters to flourish: PM Modi
Whoever is in favour of triple talaq is doing biggest injustice to Muslim women: PM Modi
The opposition parties are a guarantee of scams. Let me also give a guarantee that action against every person who has looted the poor and the country will be taken: PM Modi

नमस्कार !
मध्य प्रदेश की धरती भाजपा को दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनाने में इस धऱती की बहुत बड़ी भूमिका है। और इसलिए, ऐसी ऊर्जावान मध्य प्रदेश की धरती पर मेरा बूथ सबसे मजबूत इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए मुझे हृदय से आनंद आ रहा है अच्छा लग रहा है गौरव हो रहा है। अभी कुछ ही देर पहले ही मुझे देश के 6 राज्यों को जोड़ने वाली 5 वंदे भारत ट्रेनों को एक साथ हरी झंडी दिखाने का अवसर भी मिला है। मैं मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र की जनता को इस आधुनिक वंदे भारत ट्रेन कनेक्टिविटी के लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं। और इसमें भी एमपी को मैं विशेष बधाई दूंगा, क्योंकि आज एक साथ 2 वंदे भारत ट्रेनें ये मेरे मध्य प्रदेश के भाई-बहनों को मिली हैं। अभी तक यात्री भोपाल से दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के सफर का आनंद ले रहे थे। अब भोपाल से इंदौर और भोपाल से जबलपुर का सफर तेज़ भी होगा, आधुनिक भी होगा और सुविधा से संपन्न भी होगा।

साथियों,
मैं जानता हूं कि आप सभी अपने-अपने बूथ में वर्ष भर बहुत व्यस्त रहते हैं। केंद्र सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर, देशभर में जो कार्यक्रम हो रहे हैं, और उसमें आप लोग जो मेहनत करते हैं, दिन रात जुटे रहते हैं, उसकी जानकारियां लगातार मुझ तक पहुंच रही है। मैं जब अमेरिका और मिस्र में था, तब भी आपके प्रयासों के बारे में मुझे लगातार जानकारी मिलती रहती थी। इसलिए वहां से आने के बाद सबसे पहले आप सभी से मिलना, मेरे लिए ज्यादा सुखद है ज्यादा आनंददायक है।

साथियों,
भाजपा की सबसे बड़ी ताकत भाजपा की सबसे बड़ी ताकत ये सबसे बड़ी ताकत आप सभी कार्यकर्ता हैं। और मैं नड्डा जी का केंद्रीय भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व का, राज्यों के भाजपा के नेतृत्व का, मध्य प्रदेश भाजपा नेतृत्व का हृदय से अभिनंदन करता हूं इस कार्यक्रम की रचना के लिए, क्योंकि आज मैं एक साथ बूथ में काम करने वाले करीब 10 लाख कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित कर रहा हूं। आप तो इतने लोग यहां है लेकिन देश का हर पोलिंग बूथ आज यहां आपसे जुड़ा हुआ है। शायद किसी भी राजनीतिक दल के इतिहास में ग्रासरूट लेवल पर ऑर्गनाइज वे में इतना बड़ा कार्यक्रम कभी नहीं हुआ होगा। इतना बड़ा कार्यक्रम आज हो रहा है। एक और बात मै गर्व से आज कहना चाहता हूं। मुख्यमंत्रियों की मीटिंग होना। पार्टी के अध्यक्षों की मीटिंग होना। महासचिवों की मीटिंग होना। प्रदेश कार्यसमितियों की मीटिंग होना। जिला कार्यसमिति, मंडल कार्यसमिति का होना, ये तो शायद लंबे अरसे से चल रहा है। होता भी है, लेकिन सिर्फ और सिर्फ बूथ का नेतृत्व करने वाले लोगों का सम्मेलन इतिहास में पहली बार होता होगा।

 
साथियों,
आप सिर्फ बीजेपी ही नहीं आप सब सिर्फ दल ही नहीं, देश के संकल्पों की सिद्धि के भी मजबूत सिपाही हैं। भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए देशहित सर्वोपरि है, दल से बड़ा देश है। जहां दल से बड़ा देश हो ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं से बात करने का मेरे लिए भी एक मंगल अवसर है मैं भी बहुत उत्सुक हूं। मुझे नड्डा जी ने बताया कि मोदी जी आज भाषण वाषण तो बाद में आज कुछ सवाल-जवाब हो जाए। मैंने भी बात को मान लिया।

आइए, बातचीत का सिलसिला शुरू करते हैं। हमारी बहन जी वहां से जैसे ही आगे आज्ञा करेंगी। मैं अपनी गाड़ी आगे चलाऊंगा।

श्री राम पटेल, दमोह, मध्य प्रदेश
किस तरफ हैं, हां बताइए मैं स्क्रीन पर देख रहा हूं बताइए..

आदरणीय मोदी जी प्रणाम, बूथ 171 दमोह से आपको प्रणाम करता हूं। आपसे मैं प्रश्न करना चाहता हूं आपने भी खुद मंडल स्तर तक कार्यकर्ता बन करके काम किया है। ऐसे में आप राजनीति के अतिरिक्त भी हमारे सामाजिक जुड़ाव को कैसे देखते हैं? आपसे पूछना चाहता हूं आदरणीय प्रधानमंत्री जी।


एक तो मुझे अच्छा लगा कि आप रोज की आपाधापी की बजाए, किसी और दिशा में सवाल को लाए हैं। आप बैठिए, मेरा जवाब थोडा लंबा हो जाएगा। आप बैठिए आराम से। देखिए जो एक बूथ होता है वो अपने आप में एक बहुत बड़ी इकाई है हमें कभी भी बूथ की इस इकाई को छोटा नहीं समझना चाहिए। हमें अपने बूथ में राजनीतिक कार्यकर्ता से भी ऊपर उठकर, समाज के लिए सुख-दुख के साथी के रूप में अपनी पहचान बनानी चाहिए। बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जिसमें जमीन का फीडबैक बहुत जरूरी होता है। जो बूथ

के हमारे साथी हैं वे इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। प्रधानमंत्री भी या मुख्यमंत्री भी, अगर कोई सफल नीति बनाता है मान लेना किसी न किसी बूथ के कार्यकर्ता की दी हुई जानकारी की ताकत बहुत बड़ी होती है। हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, उनमें से नहीं हैं जो एयरकंडीशन्ड कमरों में बैठकर पार्टी चलाते और फतवे निकालते रहते हैं। हम तो वो लोग हैं जो गांव-गांव जाकर, गर्मी हो, बारिश हो, कडकड़ाती ठंड हो, हर मौसम, हर परिस्थिति में जनता के बीच जाकर के खुद को खपाने वाले यहां लोग हैं। इस वजह से बूथ का बहुत मजबूत होना स्वाभाविक है। मुझे याद है कि अगर ये बूथ कमेटी नहीं होती तो शायद ही कभी उज्ज्वला योजना का विचार ही नहीं आता।

साथियों,
ये आपकी आपकी निरंतर कोशिश होनी चाहिए क्योंकि गांव से कार्यकर्ताओं ने मुझे उज्ज्वला गैस योजना के विषय में समझाया, बाद में वो नीति बन गई और गरीब के घर तक गैस का चूल्हा पहुंच गया। साथियो, भाजपा की बूथ कमेटी की पहचान सेवा से होनी चाहिए। बूथ के अंदर रोज आंदोलन संभव नहीं है, तू-तू मैं-मैं संभव नहीं है। और इसके लिए भाजपा की पहचान सेवाधारी की होनी चाहिए, सेवाभाव की होनी चाहिए। और इसके लिए छोटे-छोटे समझे जाने वाले काम जो लोगों को बहुत छोटे लगते हैं लेकिन बहुत उपयोगी होते हैं।

अब जैसे गांव में कहीं न कहीं तो आपको बैठने की कोई जगह होगी। किसी पेड़ के नीचे बैठते होंगे। किसी चाय के ठेले के पास जाकर बैठते होंगे। क्या कभी आपने सोचा है कि सुबह अखबार पढ़ लिए दोपहर के बाद वहां जाएंगे, एक खटिया में सारे अखबार लगा देंगे। और गांव वाले जिसको भी अखबार पढ़ना होगा वहां आएगा, बैठेगा, अखबार पढ़ेगा, देश और दुनिया की बात करेगा। आपने तो अखबार पढ़ लिया था लेकिन वो अखबार अब पूरे बूथ के लोगों के काम आ रहा है। देखिए कोई खर्चा नहीं, वो आपको नेता मानने लग जाएगा कि नहीं लग जाएगा। कभी-कभी हम अखबार में एडवरटाइजमेंट देखते हैं। भारत सरकार की एडवरटाइजमेंट आती है, राज्य सरकार की एडवरटाइजमेंट आती है, अपने पार्टी के नेताओं की तस्वीर उसमें होती है। क्या हम एक नियम बना सकते हैं कि अपने बूथ के अंदर एक जगह फिक्स करें और अखबार में जो एडवरटाइजमेंट आई है उसको उस दिन काटकर के उसको एक बड़ा बोर्ड बनाकरके वहां लटका दें। आपके बूथ के लोगों को पता चल जाएगा कि भई आज की खबर कहां है, उस पेड़ के नीचे जो लटक रहा है, चलो वहां चले जाते हैं। बहुत बड़ी ताकत बन जाती है। एक छोटा सा ब्लैकबोर्ड बना सकते हैं बूथ के अंदर आप। हर दिन एक कार्यकर्ता को

जिम्मेदारी दो, आज भाजपा की जो अच्छी खबरें हैं, देश की अच्छी खबरें हैं, ब्लैकबोर्ड पर देख लीजिए, बूथ के लोग आएंगे, जाएंगे, जरूर पढ़ेंगे। मैंने एक कार्यकर्ता देखा है, वो फर्स्ट एड बॉक्स अपने यहां रखता था। वो फर्स्ट एड बॉक्स के कारण उस इलाके से सारे लोग उसके घर आते-जाते रहते थे। इससे गांव के लोगों में विश्वास बढ़ेगा कि अगर कोई समस्या हुई, कोई उपचार करवाना है तो वो भाजपा के अपने भाई हैं न उसके घर में फर्स्ट एड बॉक्स है चलो भाई पहुंच जाते हैं। किसी को बीमारी है, थर्मामीटर चाहिए, चलो उसके यहां से ले आते हैं। घर में कोई तकलीफ है, गरम पानी की थैली चाहिए, चलिए उनके यहां मिल जाएगी मांग करके ले आते हैं। आप एक सामाजिक नेता बन जाएंगे। देखिए बूथ के अंदर संघर्ष की जरूरत नहीं होती है, सेवा ही एकमात्र माध्यम होता है। आप अपने, अखबार जैसा मैंने कहा, पढ़ने की व्यवस्था पर जोर दें। कुछ अपने मैगजीन होते हैं। कमल संदेश है, और भी हमारी पार्टी के कई अखबार निकलते हैं। जब मैं गुजरात में था तो वहां मनोगत नाम का अखबार निकलता था। ये मैगजीन जो आता है हमने तय करना चाहिए कि चलिए भई मंडे को ये मैगजीन इस घर में देंगे, फिर दूसरे दिन सुबह जाके मांगेंगे कि कल आपने पढ़ लिया होगा, ले लेंगे। दूसरे दिन दूसरे के घर देंगे। फिर 24 घंटे के बाद जाएंगे, फिर वहां से ले लेंगे। हमारा एक कमल संदेश होगा, हमारा एक मैगजीन होगा, तय करेंगे अगला आने तक घर-घर वो घूमता रहेगा। 30-40 घरों में जाएगा फिर वापिस आएगा। आप खुद तो अपने लिए खर्चा करते हैं, पढ़ते हैं, लेकिन वही अगर आप मुहल्ले में पहुंचा देंगे, तो फायदा होगा।

अब देखिए गांव में खेती। खेती के समय यूरिया खरीदने के लिए गांव वाले निकलते हैं। हर कोई अलग-अलग जाता है, हर कोई न कोई वेहिकल करके उठा करके ले आता है। मान लीजिए आपने गांव वालों को इकट्ठा कर दिया। उनका एक वाट्सएप ग्रुप बना दिया और आपने उनको कहा अच्छा भाई देखिए, बताओ किसको कितना यूरिया चाहिए। चलिए दो-चार लोग मेरे साथ। और हम सब मिलकरके पूरा गांव का यूरिया एक ही वेहिकल में ले आए। तो किराया कम हो जाएगा। गांव के लोगों का पैसा बच जाएगा। वो आपको तारीफ करेंगे कि नहीं करेंगे। आपका गौरवगान करेंगे कि नहीं करेंगे। आपका कोई खर्चा हुआ क्या। नहीं हुआ। ऐसे ही छोटे-छोटे काम।

साथियों,
हमने देखा है कि गांव हो या शहर, अगर कुछ करने की भावना सबमें ही होती है, पर अक्सर माध्यम नहीं होता है। लेकिन जैसे ही कोई व्यक्ति माध्यम बन जाता है, नेतृत्व करने लग जाता है तो सेवाभाव वाले लोग उसके साथ जुड़ ही जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति घर-घर जाकर कहता है कि कोई पुरानी किताब हैं तो मुझे दे दीजिए, आप देखेंगे कि हर घर से बच्चे आकर खुद अपनी किताबें पुरानी दे देंगे। आप जरा किताबों को ठीक कर लें घर में बूथ के कार्यकर्ता और जो गरीब बच्चे हैं उनमें वो किताब बांट दें अपने बूथ में। हर गरीब परिवार के पास किताब पहुंच जाएगी। उनको लगेगा अरे, मेरे बच्चे पढ़ाई करें, इसकी वो चिंता कर रहा है। जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था। मणिनगर मेरा विधानसभा क्षेत्र था। तो मैंने आंगनवाड़ी की चिंता करने काम अपने जिम्मे लिया। अपने कार्यकर्ताओं को तैयार किया। मैंने कहा- आपको आंगनवाड़ी में चक्कर काटना है। बोले-क्या करना है। किसी न किसी नए साथी को ले जाओ। अगर खजूर का सीजन है, आंगनवाड़ी में जाकर हरेक बच्चे को दो-दो खजूर खिला दो। अगर बेर का सीजन है, आंगनवाड़ी में जाकर हरेक बच्चे को दो-दो बेर खिला दो। अगर कोई अच्छी टॉफी आ गई है तो दो-दो टॉफी जाके….न्यूट्रीशन का प्रॉब्लम भी सॉल्व होगा। उन गरीब परिवारों से भी दोस्ती बन जाएगी। और इस इलाके में कोई जाने या न जाने, आप निकलेंगे हर बच्चा आपको जानता होगा। एक बहुत बड़ी ताकत बन जाती है साथियों। इस ताकत पर हमने जोर देना चाहिए और ये जितना करेंगे। हमें गांव गांव में, शहर में,कस्बे में जाकर इस तरह से काम करते रहना चाहिए। तब जाकर हमारे बूथ की ताकत बनती है। जब आप जनता से जुड़े ऐसे छोटे छोटे काम करोगे तो मुझे पक्का विश्वास है पूरे बूथ में कोई परिवार ऐसा नहीं होगा जो आपसे दूरी करेगा, वो आपसे नहीं जुड़ेगा। आपकी पहचान एक भाजपा के कार्यकर्ता से आगे बढ़कर एक समाज सेवक की तरह बने, इसके लिए बूथ के अंदर लगातार काम करना चाहिए। और यहां से आप बूथों में जाने वाले हो, अलग-अलग बूथों में रहने वाले हो। वहां जरूर जा करके इन चीजों का प्रयोग कीजिए। आप देखना, आपकी तरफ देखने का, आपके बूथ के कार्यकर्ताओं की तरफ देखने का पूरा दृष्टिकोण बदल जाएगा।

आइए कुछ और साथी भी पूछना चाहते हैं। अगले सवाल पर चलते हैं।

Sh. Salla Ramakrishna, Andhra Pradesh
कहां से बोल रहे हैं भाई, हां दिखाई दिया हां बोलिए मैं आपको स्क्रिन पर देख रहा हूं, हां आराम से फिर से बताइए, जरा आराम से सवाल बताइए..
प्रधानमंत्री जी, हमारी सरकार गांव के विकास के लिए इतना कुछ कर रही है। भाजपा कार्यकर्ता के रूप में हम इसमें अधिक योगदान कैसे दे सकते हैं?


बैठिए, आप काम तो कर ही रहे हैं लेकिन ज्यादा काम करने के लिए कह रहे हैं। देखिए कार्यकर्ता के दिल में और ज्यादा काम करने की भूख होना ये भी बहुत बड़ी ताकत है। आर्दगाड़ू को मेरा अभिनंदन। देखिए 2047 में जब हमारे देश की आजादी के सौ साल होंंगे और हम देश को विकसित भारत बनाना चाहते हैं लोकिन भारत विकसित तभी होगा, जब गांव विकसित होगा। इसलिए हर गांव का संकल्प बनना चाहिए कि 2047 के पहले हमें अपना कार्यक्षेत्र गांव होगा, पंचायत होगी, नगर होगा, महानगर होगा। हमें उसे भी डेवलप बनाना है , समस्याओं से मुक्त करना है। और इसके लिए छोटे-छोटे प्रयास ही बड़े असर दिखा सकते हैं। जैसे कि हमारा गांव कैसे हरा भरा हो, कैसे गांव में स्वच्छता को लेकर हम अलग अलग कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं। हम गांव में सोलर को कैसे बढ़ाएँ? सोलर इनर्जी की कैसे आदत डालें आज भारत सरकार सोलर इनर्जी पर इतना जोर दे रही है। हमारे भाजपा बूथ कार्यकर्ता ये ठान लें कि अगर किसी गांव में 100 घर हैं, तो अगले दो साल में वहां सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो। हमारे किसान हो उनको समझाएं, सोलर पंप का उपयोग करिए आपका पैसा भी बच जाएगा। ज्यादा से ज्यादा लोग कैसे सोलर लगवाएं, हम उनको प्रेरित करें। काम सरकार का नहीं है, जनता जनार्दन में ले जाने का एक सकारात्म तरीका है। उसमें बैंकों से जो कैसे मदद मिलती है , उसमें बैंकों से कैसे मदद मिलती है, उनको बैंकों से मदद कैसे दिलवाएं आर्थिक सहयोग बैंकों से मिलता है वो उन तक कैसे पहुंचे। उनको हम ये जानकारियां कैसे दें । आप जानते हैं, केंद्र सरकार के प्रयासों से स्कूलों में ड्रॉप आउट रेट बहुत तेजी से कम होता जा रहा है । लेकिन फिर भी भाजपा कार्यकर्ता ये सोचें कि मैं जिस बूथ में काम करता हूं वहां कोई ड्रॉप आउट नहीं होगा। बेटा हो या बेटी शतप्रतिशत पढ़ेंगे इसके लिए मैं काम करूंगा। मुझे बताइए, भाजपा कार्यकर्ताओं को ये काम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? आपका बूथ मजबूत होगा कि नहीं होगा? आपके गांव में से अशिक्षा जाएगी कि नहीं जाएगी? कोई बच्चा अगर बीच सेशन में स्कूल छोड़ रहा है, हम उसको पहचान लें, हम उसको मिलने जाएं, उसके मां-बाप को मिलने जाएं, उसको स्कूल ले जाएं। सेवा भी होगी भाजपा का काम भी हो जाएगा। अगर उसको कोई आर्थिक परेशानी है, किताब नहीं है लिखने के लिए नोटबूक नहीं है, आप गांव के दो लोगों से कहेंगे आओ भाई, इन बच्चों के लिए दो नोट ले आइए, उनको यूनिफॉर्म नहीं है आओ भाई इनके लिए भी यूनिफॉर्म ले आओ। आप देखिए धीरे-धीरे आप परिवर्तम ले आएंगे। अब कुछ बच्चे कुपोषित होते हैं। हम गांव के अंदर कूपोषण कैसे मिटा सकते हैं। मैंने अभी बताया मेरा मणिनगर का अनुभव। हम गांव के लोगों को ले जा सकते है। इतना ही नहीं किसी को कहेंगे भाई जन्मदिन आंगनबाड़ी में मनाओ। आपके पिताजी की मृत्यु की तिथि है.. आंगनबाड़ी में मनाओ। आपकी शादी की सालगिरह है आंगनबाड़ी में मनाओ, घर से कुछ बनाकर ले आओ, चलो ये तीस-चालीस बच्चे होते हैं इन्हें खिलाओ। कूपोषण भी जाएगा और उन्हें अपना जन्मदिन मनाने का आनंद भी आएगा। मैं मानता हूं कि ऐसे तरीके ढूंढने चाहिए। और जैसे, जहां पर डेयरी का काम है वो दूध इकट्ठा कर के पिला सकते हैं। मैं समझता हूं कि यही तरीके होते हैं जिन तरीकों से हम बहुत तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। और मैं मानता हूं कि इसका आदत लोगों को भी लगेगा ऐसा नहीं है कि नहीं लगेगा। और इसलिए मेरा आग्रह है कि हम इस बातों को ज्यादा महत्व दें। अपने गांव के अंदर इसी प्रकार के काम को अब जैसे अंकुरित मूंग होता है, अंकुरित चना होता है, अपने घऱ में करें, सौ ग्राम, कितना अंकुरित हो जाएगा… आपने वहां बांट दिया आंगनबाड़ी में। आंगनबाड़ी के बच्चों का कूपोषण से लड़ाई लड़ने की ताकत आएगी, पोषण बढ़ेगा। देखिए सरकार की योजनाओं से समाज की शक्ति जुड़ जाती है तो निश्चित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और हम चाहते हैं कि 2047 में भारत को विकसित बनाना है तो ऐसे हर छोटी चीजों को हर समस्या से हमें मुक्ति लेना भी है। वो मुक्ति हम लाएंगे तो वो परिणाम लाएंगे। आप जानते हैं कि देश में नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है। उसमें एक बात कही गई है कि बच्चों को प्रैक्टिकल नॉलेज पढ़ाना कम सीखना ज्यादा। टीचिंग नहीं लर्निंग ये जब आया है। क्या कभी हम जाएं स्कूल में और मास्टर जी से बात करें कि चलो आज बच्चों को जरा पहाड़ ले जाते हैं, मैं भी साथ में आता हूं और बच्चों को बताएंगे कि बरगद का पेड़ कौन सा है। चलो देखो नीम का पेड़ कहां है देखो। चलो ढूंढ के लाओं कौन-कौन सा कौन सा पेड़ है । फूल है तो कौन सा फूल है। बच्चों की पढ़ाई भी हो जाएगी। कोई कुम्हार होगा गांव में, चलो भाई आज कुम्हार के घर जाएंगे। वो मिट्टी का काम कैसे करता है? वो मिट्टी से घड़ा कैसे बनाता है? यानि स्कूल जो करता होगा, लेकिन मेरे बूथ का कार्यकर्ता जुड़ जाता है तो उन बच्चों के जीवन में भी बदलाव आता है। और नई एजुकेशन पॉलिसी, हमारी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अपनेआप लागू हो जाती है। कई हस्तशिल्पी होते हैं, चीजें कैसे बनाते हैं। बच्चे जब बारीक से देखते हैं कि सूई-धागे से ऐसे-ऐसे काम होता है तो बच्चे का विश्वास बनता है। हम एक सामाजिक कार्यकर्ता बन जाते हैं। और इसलिए मैं बूथ के भाजपा कार्यकर्ताओं से यही कहूंगा कि आप वहां के जन-जीवन से जुड़िए , उनकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़िए। उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में राजनीति नहीं होती है। उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में आगे बढ़ने का इरादा होता है, उस आगे बढ़ने के इरादे को पहचानिए और अपनेआप को उसके साथ जोड़िए, वो आपके साथ जुड़ जाएगा। आपका बूथ मजबूत बनने से कोई रोक नहीं सकता है और इसके लिए हमें आगे बढ़ना चाहिए।


आइए, अगले सवाल की तरफ चलते हैं।


अगले सवाल के लिए हमारे बीच रिपु सिंह बिहार से.. हां बताइए

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PM to distribute over 50 lakh property cards to property owners under SVAMITVA Scheme
December 26, 2024
Drone survey already completed in 92% of targeted villages
Around 2.2 crore property cards prepared

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute over 50 lakh property cards under SVAMITVA Scheme to property owners in over 46,000 villages in 200 districts across 10 States and 2 Union territories on 27th December at around 12:30 PM through video conferencing.

SVAMITVA scheme was launched by Prime Minister with a vision to enhance the economic progress of rural India by providing ‘Record of Rights’ to households possessing houses in inhabited areas in villages through the latest surveying drone technology.

The scheme also helps facilitate monetization of properties and enabling institutional credit through bank loans; reducing property-related disputes; facilitating better assessment of properties and property tax in rural areas and enabling comprehensive village-level planning.

Drone survey has been completed in over 3.1 lakh villages, which covers 92% of the targeted villages. So far, around 2.2 crore property cards have been prepared for nearly 1.5 lakh villages.

The scheme has reached full saturation in Tripura, Goa, Uttarakhand and Haryana. Drone survey has been completed in the states of Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, and Chhattisgarh and also in several Union Territories.