Tamil Nadu will shatter the false confidence and pride of the I.N.D.I alliance
On the one hand, our record is of unprecedented development, and on the other hand, the I.N.D.I alliance holds a record of crores of scams.
Both the DMK and the Congress are against Tamil Nadu's timeless traditions and culture. The DMK-Congress even supported the ban against 'Jallikattu, ' the pride of Tamil Nadu and its people.
Even when our fishermen were languishing in Sri Lankan jails, they did nothing, and it was our government that got them back safely.
DMK-Congress supports crime against women and also politicizes issues for convenience

भारत माता की, भारत माता की।
एन अन्बारंद तमिल सगोदर सगोदरिगडे वणक्कम !

आज कन्याकुमारी से, देश के इस दक्षिणी छोर से जो लहर उठी है, वो बहुत दूर तक जाने वाली है। अभी अन्नामलाई बड़े विस्तार से बता रहे थे, मैं 1991 में एकता यात्रा लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर गया था और, इस बार मैं कश्मीर से कन्याकुमारी आया हूं। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने देश को तोड़ने का सपना जो देखते हैं, जम्मू-कश्मीर के लोगों ने ऐसे लोगों को नकार दिया है। अब तमिलनाडु के लोग भी ऐसा ही करने जा रहे हैं। साथियों, मैं तमिलनाडु की धरती पर बहुत बड़े परिवर्तन की आहट देख रहा हूं। तमिलनाडु में बीजेपी का प्रदर्शन इस बार डीएमके और कांग्रेस के इंडी अलायंस का सारा घमंड तोड़कर रख देगा।

साथियों,
डीएमके और कांग्रेस का इंडी अलायंस कभी भी तमिलनाडु को विकसित नहीं बना सकता। इन लोगों की हिस्ट्री घोटालों की है, इन लोगों की राजनीति का आधार लोगों को लूटने के लिए सत्ता में आना है। एक तरफ बीजेपी की कल्याणकारी स्कीम होती हैं, दूसरी तरफ इनके करोड़ों के स्कैम होते हैं। हमने ऑप्टिकल फाइबर और 5G दिया, हमारे नाम पर डिजिटल इंडिया स्कीम है। इंडी अलायंस के नाम पर लाखों करोड़ रुपए का 2G का स्कैम है। और डीएमके उस लूट की सबसे बड़ी हिस्सेदार थी। बीजेपी ने बड़ी संख्या में एयरपोर्ट बनाए, हमारे नाम पर उड़ान स्कीम है। इंडी अलायंस के नाम देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला हेलिकॉप्टर स्कैम है। हमारी खेलो इंडिया और TOPS स्कीम्स से देश ने खेलों में ऊंचा मुकाम हासिल किया। लेकिन उनके नाम पर CWG स्कैम का दाग है। हमने खनिज सेक्टर में Reforms को लागू किया। इंडी अलायंस के नाम पर कोल स्कैम की कालिख लगी है। ये लिस्ट बहुत लंबी है और यही इंडी अलायंस की सच्चाई है।

साथियों,
कन्याकुमारी ने हमेशा बीजेपी को भरपूर प्यार दिया है। और इसीलिए, यहां की डीएमके-कांग्रेस गठबंधन कन्याकुमारी के लोगों को सजा देने का कोई मौका नहीं छोड़ती। आप एक के बाद एक इनकी हरकतें देखिए, 20 साल पहले, अटल जी ने नॉर्थ-साउथ कॉरिडॉर की नींव रखी थी। इस कॉरिडोर के कन्याकुमारी-नारीकुलम ब्रिज का काम इन लोगों ने इतने वर्षों तक लटकाकर रखा। 2014 में जब हमारी सरकार आई, तब हमने उसे पूरा किया। कन्याकुमारी और तिरुवनन्तपुरम फोरलेन रोड भी यहां की सरकारें बनने नहीं दे रही थीं। हमें इसके लिए अतिरिक्त फंड देना पड़ा, तब ये काम शुरू हो पाया। कन्याकुमारी के लोग मार्तंडम और पार्वतीपुरम फ्लाइओवर के लिए भी वर्षों से मांग कर रहे थे। लेकिन, डीएमके और कांग्रेस के लोगों ने एक बार भी नहीं सुना। जब बीजेपी केंद्र में आई, तब ये काम भी पूरा किया गया। यहां लोग 40 साल से डबल रेल ब्रिज का भी सपना देख रहे थे। उसे भी इन्होंने पूरा नहीं होने दिया। अब बीजेपी सरकार ये काम कर रही है।

साथियों,
हम तमिलनाडु का Port Infrastructure डवलप करने में भी जुटे हुए हैं। अभी पिछले महीने ही मैं थूथुकुडी आया था। वहां मैंने चिदम्बरनार पोर्ट ‘आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल’ का शिलान्यास किया था। हमारे फिशरमेन भाइयों के लिए भी बीजेपी सरकार लगातार काम कर रही है। चाहे वो आधुनिक फिशिंग बोट्स के लिए आर्थिक मदद देना हो या फिर उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाना, आपकी हर चिंता का हमने समाधान करने का प्रयास किया है। यहां के हमारे साथी श्रीमान ‘जॉय डी क्रूज’ ने भी फिशरमेन कम्यूनिटी के लिए जो काम किया है, मैं उसकी प्रशंसा करता हूं। और जब भी मैं उनको मिलता हूं, ऐसे अनेक विषयों पर उनसे मुझे बात करने का अवसर मिलता है।

साथियों
हम तमिलनाडु की connectivity को बेहतर बनाने के लिए रेलवेज और हाइवेज का नेटवर्क तैयार कर रहे हैं। इन 10 वर्षों में तमिलनाडु में भी करीब-करीब Fifty Thousand Crore के हाइवे प्रोजेक्ट्स पूरे किए गए हैं। Seventy Thousand करोड़ रुपये के हाइवे प्रोजेक्ट्स पर काम भी चल रहा है। 2009 से 2014 तक, कांग्रेस-डीएमके सरकार, दिल्ली में बैठी थी, हर साल तमिलनाडु को रेल विकास के लिए करीब-करीब सिर्फ Eight Hundred करोड़ rupees देती थी। बीजेपी सरकार ने इस साल रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तमिलनाडु को करीब Sixty Three Hundred करोड़ रुपए दिये हैं।

साथियों,
डीएमके तमिलनाडु के भविष्य की ही दुश्मन नहीं है, डीएमके तमिलनाडु के अतीत की, उसकी विरासत की भी दुश्मन है। मैं अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले तमिलनाडु आया था। मैंने यहां के प्राचीन तीर्थों के दर्शन किए थे। लेकिन डीएमके सरकार ने क्या किया? डीएमके ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखने तक पर रोक लगाने का प्रयास किया था। सुप्रीम कोर्ट को तमिलनाडु सरकार को कड़ी फटकार लगानी पड़ी थी। आप कल्पना कीजिए, कि इनके मन में हमारा देश, हमारी संस्कृति, हमारे महापुरुष, हमारी परंपरा इन सब बातों के लिए कितनी नफरत है। इतना ही नहीं, जब दिल्ली में संसद की नई इमारत बनी तो, तमिल महान परंपरा के प्रतीक इस धरती के आशीर्वाद स्वरूप पवित्र सेंगोल को हमने संसद के नए भवन में स्थापित किया। लेकिन इन लोगों ने डीएमके वालों ने इसका भी बॉयकॉट किया, उन्हें सेंगोल की स्थापना भी पसंद नहीं आई। ये लोग अब गाली-गलौच पर उतर आए है। तमिलनाडु की पहचान को बदनाम कर रहे हैं। आप सोचिए, डीएमके और कांग्रेस तब भी चुप बैठे रहे थे जब जलिकट्टू पर पाबंदी लगी थी। ये लोग तमिल संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। ये हमारी सरकार है, एनडीए की सरकार है जिसने जलिकट्टू को पूरे उत्साह के साथ मनाए जाने का रास्ता साफ किया। जलिकट्टू तमिलनाडु का गौरव है। जलिकट्टू हो, या तमिलनाडु की पहचान यहां की संस्कृति हो, जब तक मोदी है, इस पर आंच नहीं आने देगा। इदु मोदियिन् गारंटी।

साथियों,
ये दिल्ली में बैठे हुए लोगों की नींद खराब हो रही है कि कन्याकुमारी से आवाज उठ रही है। ये आपका प्यार, ये आपके आशीर्वाद सिर्फ मेरी ही नहीं, पूरे देश की ऊर्जा को नई ताकत दे रहे हैं।

साथियों,
इंडी अलायंस के ये लोग तमिलनाडु के लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ के भी गुनहगार हैं। और मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ कह रहा हूं, ये गुनहगार हैं। आपको याद होगा, श्रीलंका में हमारे मछुआरे भाइयों को फांसी की सजा दे दी गई थी। ये मोदी चुप नहीं बैठा, ये मोदी सोता नहीं रहा, हर रास्ते का इस्तेमाल किया, डिप्लोमेटिक चैनल का इस्तेमाल किया, हर प्रकार का दबाव बनाया, और मेरे तमिलनाडु के भाइयों-बहनों, मैं उन सभी मछुआरों को श्रीलंका में फांसी के फंदे से उतारकर वापिस लेकरके आया हूं। हमारे मछुआरों को क्यों श्रीलंका की जेलों में जाना पड़ता है, इसका जिम्मेदार कौन है? किसने हमारे मछुआरों को, हमारे तमिल भाई बहनों को, और देश की जनता को इतने सालों तक किसने गुमराह किया है?

साथियों,
ये पाप न आपने किया है न हमने किया है। ये पाप कांग्रेस और DMK ने मिलकर किया है। दशकों से दोनों मिल कर देश की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। लेकिन अब देश इनको और नहीं सहेगा। मेरे तमिल परिवारजन अब और नहीं सहेंगे। मेरे मछुआरे भाई-बहन अब और नहीं सहेंगे। कांग्रेस और DMK, दोनों को अपने इन पापों का हिसाब जल्द ही देना होगा। हिसाब मांगोगे ना?

साथियों,
केंद्र की NDA सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए पूरी शक्ति से काम कर रही है। और मुझे खुशी है कि आज मंच पर भी बहुत बड़ी मात्रा में महिलाएं नेतृत्व की ताकत दिखा रही है। लेकिन भाइयों-बहनों, डीएमके कांग्रेस के लोग महिलाओं को केवल धोखा देना जानते हैं, उनका अपमान करना जानते हैं। तमिलनाडु के लोग जानते हैं कि जयललिता जी के साथ डीएमके नेताओं ने कैसा व्यवहार किया था। डीएमके में वही संस्कृति अब भी जारी है। तमिलनाडु में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। ये लोग महिलाओं के नाम पर राजनीति करने की कोशिश करते हैं। जब हम महिला आरक्षण बिल लेकर आए, तो इसमें सहयोग की जगह डीएमके नेताओं ने उस पर भी सवाल उठाए। डीएमके और कांग्रेस, महिला विरोधी है और यही इनका असली चेहरा है।

साथियों,
मुझे तमिलनाडु में आपका इतना प्यार मिलता है, इतने आशीर्वाद मिलते हैं, आप इतनी बड़ी तादाद में आते हैं, लेकिन, मुझे ये तकलीफ भी रहती है कि मैं तमिल भाषा नहीं सीख पाया। थोड़ा-बहुत समझ लेता हूं। मुझे इसकी तकलीफ है। लेकिन इस कमी को पूरा करने के लिए हमने technology की मदद लेना शुरू किया है। अब आप सोशल मीडिया साइट एक्स पर...नमो इन तमिल हैंडल पर भी मेरी बात सुन सकते हैं। और वो तमिल में सुन सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि काफी हद तक 95 परसेंट मैं कह सकता हूं। मैं इसके जरिए आप तक अपनी बात पहुंचाऊंगा। और बाद में मैं अन्नामलाई को कहूंगा कि वो आपको, ये टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है, आपको क्या करना है, कैसे मोदी का तमिल भाषा में सुन सकते हैं, वो अन्नामलाई समझाएंगे आपको। आपके इस आशीर्वाद के लिए मैं एक बार फिर आप सभी का बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे ये प्रयास आपके आशीर्वाद से सफल होगा। क्या आपलोग इसको डाउनलोड करके तमिल में मेरे मन की बात सुनेंगे। औरों को भी सुनने के लिए बताएंगे। हरेक को मोबाइल पर सिखाएंगे कि कैसे सुनना चाहिए। ये मोदी जो तमिल में कोशिश कर रहा है न, आप तमिल भाषा का सम्मान कर रहे हैं। आप… मोदी का तमिल के प्रति प्यार है उसका सम्मान कर रहे हैं। और इसलिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद, वणक्कम।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!