Public is distressed by problems, while Congress govt is busy looting: PM Modi in Kalaburagi
PM Modi, in Kalaburagi rally, expresses gratitude for overwhelming support, reiterates BJP's commitment to Karnataka's development and nation's progress
PM Modi condemns Congress' mismanagement and corruption in Karnataka emphasizing deteriorating law and order situation and betrayal of public trust
It is Congress that is depriving the youth of their rights: PM Modi in Kalaburagi
PM Modi underscores BJP's transformative impact in Karnataka, mentioning schemes like Ayushman Yojana and Ujjwala Yojana, empowering women and improving living standards

भारत माता की, भारत माता की।
जगद्गुरु बसवेश्वरा अवरा नाडु,
शिवशरणरा बीडु,
कलबुरगी-या जनतेगे नमस्कारगड़ू

कलबुर्गी का ये जनसैलाब, आप सबके चेहरों का ये उत्साह... कर्नाटका ने लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को रिकॉर्ड सीटों पर जिताने का संकल्प ले लिया है। अभी मैं हेलीपैड से यहां आ रहा था, इतनी धूप में रोड शो का जो वातावरण बन गया। इतनी बड़ी मात्रा में लोग उत्साह, उमंग के साथ आशीर्वाद दे रहे थे। अभी तो चुनाव की घोषणा होना बाकी है। और आपने घोषणा कर दी। आज पूरा कर्नाटका कह रहा है- अबकी बार...400 पार। अबकी बार...400 पार। अबकी बार...।

साथियों,
बीते दो दिनों से मैं भारत के इस दक्षिणी भाग में ही हूं। और इसके पहले मैं श्रीनगर में था। श्रीनगर के पत्रकारों ने जो ब्लॉग लिखा है, उसमें लिखा है- 1988 के बाद श्रीनगर में इतनी बड़ी रैली किसी पोलिटिकल पार्टी की नहीं हुई है। जो दृश्य मैंने श्रीनगर में देखा, जो जज्बा देखा, भारत के प्रति, भाजपा के प्रति, जो उमंग और उत्साह देखा। साथियों, मैं बड़े विश्वास से कह रहा हूं देश अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए तैयार हो चुका है। और उसके बाद पिछले दो दिन से दक्षिण भारत में मैंने चार अलग अलग राज्यों का दौरा किया है। तमिलनाडु में कन्याकुमारी हो या केरला में पथनमथिट्टा हो, हर तरफ़ लोग बीजेपी को बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं। तेलंगाना के नागरकुरनूल की रैली में मैंने लोगों को अपने बच्चों के लिए विकसित भारत का निर्माण करने का संकल्प लेते हुए देखा है। हैदराबाद के रोड शो में हर उम्र के लोगों ने विकास और तरक्की के हमारे संकल्प को अपना समर्थन दिया। पूरे दक्षिण भारत में हर क्षेत्र में, हर वर्ग के लोगों ने बीजेपी को अपना अपार समर्थन दिया है। दक्षिण में बीजेपी को मिल रहे इस भारी समर्थन का ही नतीजा है कि इंडी-अलायंस और कांग्रेस के लोग भी कहने लगे हैं, और आपके यहां के एक नेता ने तो पार्लियामेंट में कह दिया। हमारे विरोधी कह रहे हैं- अबकी बार 400 पार! अबकी बार…अबकी बार।

साथियों,
कर्नाटका में आप लोगों का कांग्रेस के लिए जो आक्रोश है, वो भी मैं समझ सकता हूं। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जो चाहे कितने भी कपड़े बदल ले, कांग्रेस की करतूतें नहीं बदलतीं। इसीलिए, कर्नाटका में जनता जाग चुकी है, आक्रोश और गुस्से से लाल है। किसी सरकार से इतने कम समय में ही जनता का मोहभंग हो जाना ये दिखाता है कि लोगों को कांग्रेस की सच्चाई क्या है, इसका पता चल गया है। और कभी-कभी लोग भी सोचते हैं कि चलो भई एक बार सजा दी, अब वो सुधर जाएंगे। दुबारा कुछ अच्छा करेंगे। लेकिन लोग फिर निराश, वो सुधरने को तैयार ही नहीं है भई, आप कितने ही मौके दीजिए, वो नहीं सुधरेंगे। आज कर्नाटका में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। असामाजिक तत्वों को खुलेआम संरक्षण दे रही है। जनता के मन में खौफ पैदा किया जा रहा है। जनता परेशानियों से त्रस्त है, और कांग्रेस लूट में व्यस्त है।

साथियों,
एक बार कोयले से कालिख दूर हो सकती है, लेकिन कांग्रेस से करप्शन दूर नहीं हो सकता। इन परिवारवादियों के लिए करप्शन ही ऑक्सीजन है। बिना भ्रष्टाचार के ये लोग सियासत में सांस भी नहीं ले सकते। चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी घोषणाएं करना, और चुनाव के बाद सिर्फ अपनी जेबें भरना, यही कांग्रेस का काम है। कर्नाटका को कांग्रेस ने अपना ‘फैमिली एटीएम’ बना लिया है। पार्टी और परिवार के खर्चे पूरे करने के लिए कर्नाटका की जनता की मेहनत की कमाई यहां से सप्लाई की जा रही है।

साथियों,
जहां राज्य की सारी पूंजी कुछ लोगों का पेट भरने में, जेब भरने में, तिजोरी भरने में खपने लगती है, वहां सबसे पहले कुशासन, अव्यवस्था और अराजकता चारों तरफ हर स्तर पर फैलना शुरू हो जाती है। इसीलिए, कांग्रेस ने चुनाव में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करना तो दूर, उल्टा कर्नाटका के हालात दिन पर दिन बदहाल होते जा रहे हैं। चुनाव में कांग्रेस ने मुफ्त बिजली का वादा किया था। लेकिन जवाब में जनता को बिजली की कटौती मिली है। अंधेरा मिला। आज किसान पूछ रहे हैं, कि जब बिजली है ही नहीं, तो खेतों में पंप सेट कैसे चलेंगे? इन लोगों ने किसानों से एक और धोखा किया। हर किसान को पता है कि मोदी सरकार यहां के 55 लाख किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के पैसे भेजती है। ये योजना किसानों के लिए वरदान जैसी है। पहले बीजेपी की राज्य सरकार किसानों को इसमें 4 हजार रुपये जोड़कर देती थी। लेकिन कांग्रेस वालों ने ये 4 हजार रुपये देने का प्रावधान बंद कर दिया।

साथियों,
ये लोग युवाओं से बड़े बड़े वादे करके सरकार में बैठ गए। लेकिन आज ये उन्हीं युवाओं की स्कॉलरशिप रोक रहे हैं, उसमें कटौती कर रहे हैं। ये कांग्रेस ही है, जो नौजवानों के हक मारने का पाप कर रही है। कांग्रेस की लूट का हाल ये है कि छोटे-छोटे विकास कार्यों के लिए भी, सरकार के पास पैसा नहीं है। विधायकों को कह दिया गया है कि सरकार के पास पैसे नहीं है। हाथ ऊपर कर दिए। कलबुर्गी के मेरे भाइयों-बहनों बताइए, क्या कोई सरकार ऐसे चल सकती है क्या? चल सकती है क्या? कर्नाटका का भला कर सकती है क्या? आपके सपने पूरे कर सकते हैं क्या? उनके वादे पूरे हो सकते हैं क्या? कांग्रेस भी ये जान चुकी है, कि ये दोबारा सरकार नहीं बना पाएंगे। इसलिए, कांग्रेस का एक ही एजेंडा बचा है- जितना लूट सको लूटो। क्या आप लूटने देंगे क्या? लूटने देंगे क्या?

साथियों,
जब राज्य सरकार इस तरह काम कर रही हो, आपको लूट रही हो, तो ये बहुत जरूरी है कि संसद में आपकी आवाज जरूर पहुंचे। कर्नाटका को लूट से बचाने के लिए सांसद के रूप में मुझे एक रक्षा कवच बनाना है। ताकि इस पर निगरानी रहे। हर पल मुझे दिल्ली में खबर रहे और कर्नाटक की जनता के लूटने के कारनामो को मैं रोक पाऊं। जब यहां कर्नाटका में ज्यादा संख्या में बीजेपी सांसद जीतेंगे तो कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार को डर करके रहना पड़ेगा। सात बार सोचना पड़ेगा कि अब खबरें मोदी को पहुंच रही है। बीजेपी सांसद, यहां कांग्रेस के कारनामों को लाख कोशिश करें, कांग्रेस वाले छिपाने नहीं देंगे। इसलिए मुझे कर्नाटका से ज्यादा से ज्यादा बीजेपी सांसदों का आशीर्वाद मिले, जनता-जनार्दन के आशीर्वाद मिले। इसलिए आपका ये सेवक प्रार्थना करने आया है। सभी सीटों पर भाजपा को जिताएंगे? आप पक्का जोर लगाएंगे? हर पोलिंग बूथ में जाएंगे। बीजेपी की जीत पक्की करेंगे?

साथियों,
भाजपा ने हमेशा कर्नाटका के विकास के लिए काम किया है। हमने कर्नाटका की पहचान को सम्मान दिया है। मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, मैं लोकतंत्र के उन सिद्धांतों की बात करता हूं जिसे हमें जगदगुरु बसवेश्वरा ने हमें सिखाया था। हमने अनुभव मंतपा से प्रेरणा लेकर ही दिल्ली के भारत मंडपम का नाम रखा है। इसी जगह, दुनिया भर के नेताओं की जी-20 समिट हुई थी। इससे पूरे विश्व में कर्नाटका का गौरव और सम्मान बढ़ा था।

साथियों,
जब हम कहते हैं कि भारत मदर ऑफ डेमॉक्रेसी है, तो पूरी दुनिया उसे स्वीकार करती है। दुनिया को कोई एतराज नहीं है, लेकिन जब ये बात कांग्रेस वाले सुनते हैं, सुनते ही कांग्रेस के पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है। ये लोग दुनियाभर में जाकर हमारे देश को, हमारे लोकतंत्र को, हमारी महान परंपराओं को बदनाम करते हैं, ये लोग भगवान बसवेश्वरा की विरासत का मज़ाक उड़ाते हैं।

साथियों,
भाजपा ने कर्नाटका के हर समाज, हर वर्ग के लिए काम किया है। हमारे कामों से कैसे परिस्थितियां बदली हैं, हमारी माताएं-बहनें इस बात को बखूबी समझ सकती हैं। पहले पैसों की कमी के कारण घर की महिलाएं, घर के बुजुर्ग अपनी बीमारियों को छिपाते थे। बच्चों को भी नहीं बताते थे, क्योंकि उनको डर रहता था कि ये बीमारी का पता चल जाएगा, अस्पताल में जाना पड़ेगा और इतना बड़ा खर्च हो जाएगा कि बच्चे कर्ज में डूब जाएंगे। इसलिए हमारी माताएं, हमारे बुजुर्ग बीमारी की पीड़ा सहन करते थे पर बच्चों पर कर्ज नहीं होने देते थे। लेकिन बीते कुछ सालों में, आयुष्मान योजना लाकर हमने लोगों को इस चिंता से मुक्त कर दिया है। और मैंने हर माता-बहन को कहा है बीमारी को छिपाने की जरूरत नहीं है। अब माताओं बहनों को पीड़ा सहन करने की जरूरत नहीं है। दिल्ली में आपका बेटा बैठा है। पांच लाख रुपये तक इलाज की गारंटी मोदी देता है। हमारे कर्नाटका में इस योजना से करीब-करीब 80 लाख मुफ्त इलाज हो चुके हैं। और वे सब मोदी को आशीर्वाद देते हैं। लोग मुझे पूछते हैं न.. मोदी इतनी एनर्जी लाते कहां से हो। इतना काम करते हो, थकते नहीं हो। अरे, जहां मेरे कर्नाटका के 80 लाख लोग, जो बीमारी से मुक्त हुए हों, जब उनके आशीर्वाद मिलते हैं न तो एक बड़ी एनर्जी लेकर के आते हैं, बड़ी ऊर्जा लेकर के आते हैं।

आज मुफ्त इलाज की ये गारंटी, ये मोदी की गारंटी बन गई है। पहले गांव की महिलाओं को भीषण गर्मी में पानी लेने के लिए घर से दूर तक जाना पड़ता था। लेकिन बीते कुछ वर्षों में, हमने कर्नाटका के 75 लाख से अधिक परिवारों के घर तक नल से जल पहुंचाया है। साफ पानी की सुविधा, आज ये मोदी की गारंटी बन गई है। पहले एलपीजी कनेक्शन ना होने के कारण हमारे घरों में महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती थीं। आज हमने कर्नाटका में उज्जवला योजना के तहत चालीस लाख से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन, इन माताओं-बहनों की तबियत को सुरक्षित रखने का बहुत बड़ा काम किया है। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को धुएं से बाहर निकालना, धुएं से मुक्ति दिलाना, ये मोदी की गारंटी है। हमने कर्नाटका में 8 लाख से ज्यादा पीएम आवास बनाए। जिनके पास घर नहीं था उनको घर दिया। जो कच्चे झोपड़े में रहते थे, उनको पक्का घर दिया। इतना ही नहीं, जो घर हमने दिए हैं न, इनमें से ज्यादतर घरों को हमने महिलाओं के नाम रजिस्टर किया। इन कोशिशों ने आज कर्नाटका की महिलाओं का जीवन बदला है। यही कारण है कि कर्नाटका के हर घर की महिलाएं आत्मविश्वास से कह रही हैं, भरोसे से कह रही हैं, हर मां-बहन कह रही है- आएगा तो.....मोदी ही! आएगा तो.....मोदी ही! आएगा तो.....मोदी ही!

साथियों,
ये बीजेपी ही है, जिसने ‘कल्याण कर्नाटका क्षेत्र’ के विकास के लिए लगातार काम किया है। कांग्रेस वाले हमेशा इस क्षेत्र को पिछड़ा बताकर पल्ला झाड़ लेते थे। लेकिन बीजेपी ने अपनी सरकार बनने के बाद कल्याण कर्नाटका रीजनल डवलपमेंट बोर्ड को हजारों करोड़ रुपये की मदद दी। कांग्रेस वालों ने इस क्षेत्र में विकास करना जरूरी नहीं माना। हमने तूअर दाल के किसानों को फसलों के अच्छे दाम दिलाकर उनकी मदद की है। कलबुर्गी से रायचूर के बीच उत्तर कर्नाटका का पहला Six Lane Greenfield Highway बनाने के लिए केंद्र सरकार ने करीब 6 हजार करोड़ रुपए की राशि जारी की है। हमने इस क्षेत्र को बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए कलबुर्गी से बेंगलुरु के बीच एक वंदे भारत और एक पैसेंजर ट्रेन भी शुरू की है। हमने कलबुर्गी-बीदर रेलवे लाइन के 110 किलोमीटर लंबे हुमनाबाद-गुलबर्गा सेक्शन का निर्माण भी करवाया है। ये इस इलाके में आज़ादी के बाद बनी पहली रेल लाइन है। आप जानते हैं कि कांग्रेस सरकारों ने इस इलाके की कितनी उपेक्षा की थी। लेकिन बीजेपी की केंद्र सरकार इनफ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ यहां उद्योग को भी बढ़ावा दे रही है। कलबुर्गी में बन रहा मेगा टेक्सटाइल पार्क, इस क्षेत्र के लाखों किसानों, नौजवानों और छोटे उद्योगों के लिए अनेकों अवसर लेकर आने वाला है।

साथियों,
हमें कर्नाटका को कृषि और इंडस्ट्री का बड़ा Hub बनाना है। ये सिर्फ वादा नहीं है, ये मोदी की गारंटी है। लेकिन एक गारंटी मुझे आपसे भी चाहिए। मिलेगी? आपकी गारंटी मुझे मिलेगी? आपसे मुझे एक गारंटी चाहिए, मेरे से आपको सैकड़ों गारंटी मुबारक है। आपकी गारंटी मिलेगी। हाथ ऊपर करके बताइए गारंटी मंजूर। गारंटी मिलेगी। मुझे गारंटी चाहिए, कर्नाटका में बीजेपी की जीत हर एक लोकसभा सीट पर यहां की जनता पक्की करे। अब आपको ये गारंटी देनी है कि कांग्रेस वाले कितने भी झूठ बोल लें, साजिश कर लें, लेकिन इस बार इनका खाता नहीं खुलना चाहिए। आप ये गारंटी देंगे? इधर से भी गारंटी देंगे? उधर से भी गारंटी देंगे? इसके लिए आपको कमल के निशान पर बटन दबाना है, ज्यादा से ज्यादा संख्या में बीजेपी को जिताना है। यहां मेरे साथ गुलबर्गा से बीजेपी प्रत्याशी उमेश जी जाधव हैं, हावेरी से हमारे प्रत्याशी बसवराज बोम्मई जी हैं। धारवाड़ से हमारे प्रत्याशी प्रहलाद जोशी जी आपकी सेवा में रहेंगे, और बीदर से भगवंत खुबा जी को पार्टी ने टिकट दिया है। और भाजपा में टिकट देना मतलब आप सबकी सेवा करने का जिम्मा मोदी ने इनको दिया है। ये लोग आपकी सेवा में हमेशा आगे रहे हैं। लेकिन अब मोदी की भी ताकत उनके साथ जुड़ जाती है तो सेवा और व्यापक होती है। इस बार आपको पहले से भी ज्यादा समर्थन इन सभी को देना है। यही मेरी प्रार्थना है।

साथियों,
अभी हमारे प्रदेश अध्यक्ष जी बता रहे थे, मैं दुबारा उसका उल्लेख करना चाहूंगा। कन्नड़ा भाषा के प्रति मेरा सम्मान कितना ज्यादा है, ये आप भली-भांति जानते हैं। जो लोग मुझे कन्नड़ा में भी सुनना चाहते हैं उनके लिए मैंने टेक्नोलॉजी और AI की मदद से एक कोशिश की है। और अब तक मेरा जितना ज्ञान है 80-90 परसेंट तो मामला ठीक चल रहा है। 5-10 परसेंट इधर-उधर हो सकता है। लेकिन ये आप जब सुनोगे तो मुझे करेक्शन के लिए अवसर मिलेगा। तो मेरी मदद करोगे। मुझे आपकी मदद चाहिए आज। आपको सुनकर के मुझे बताना पड़ेगा कि मोदी जी इसमें थोड़ी कमी है। बताओगे? क्योंकि मुझे उसको और अच्छा बनाना है। और आपकी मदद के बिना नहीं बना सकता हूं। करोगे मदद। तो करना क्या है। आपको सोशल मीडिया साइट एक्स पर जा करके Namoinkannada, ये जो हैंडल बनाया गया है, उस पर जाना है। मोदी आपकी सेवा में हाजिर है। और आप किसी को भी दिखाकर कह सकते हो, बड़े गर्व से कह सकते हो मोबाइल दिखाकर, देखो मोदी मेरी जेब में है। तो ये करेंगे आप। करेंगे। कन्नड़ा के सम्मान के लिए मुझे आपकी मदद चाहिए, करेंगे। आप अगर सहमत हैं तो आपका मोबाइल फोन निकाल करके फ्लैश लाइट चालू करके आइए कन्नड़ा भाषा का गौरव करें। सब अपना मोबाइल फोन से फ्लैश चालू करें और कन्नड़ा भाषा का सम्मान करें। इधर भी हां, शाबाश। ये कन्नड़ा भाषा के सम्मान में है। Namoinkannada आपके हरेक के मोबाइल में होना चाहिए। देखिए चारों तरफ उत्साह है, उमंग है, ऊर्जा है। कन्नड़ा भाषा का सम्मान है, कन्नड़ा भाषा के प्रति प्रेम है।

मेरे साथ बोलिए…भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!