We defeated the opposition's no-confidence motion in Parliament and gave a befitting reply to those spreading negativity in the entire nation: PM Modi
They do anything required to ensure that no BJP candidate can file nomination… they not only threaten BJP karyakartas but also the voters: PM Modi on TMC's goondaism
PM Modi says a significant portion of the 13.5 crore people lifted out of poverty in the last 5 years hail from Eastern India
PM Modi urges nation to take part in ‘Har Ghar Tiranga’ campaign, also encourages people to participate in the ongoing Amrit Kalash Yatra

नमस्कार।

आज की इस बैठक से पूर्व कुछ दिन पहले हरियाणा में स्थानीय स्वराज के प्रतिनिधियों से बातचीत करने का मुझे अवसर मिला था। आज आप सभी प्रतिनिधि पश्चिम बंगाल में जुटे हैं। और जैसा अभी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी बता रहे थे कि मोदी जी को जब कहें, कितनी ही व्यस्तता हो, लेकिन वो पार्टी के लिए, कार्यक्रम के लिए समय निकालते हैं। हकीकत तो ये है कि जब मैं पार्टी के कार्यक्रम में आता हूं, पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलता हूं तो हमेशा मुझे एक नई प्रेरणा मिलती है। नया उत्साह मिलता है। क्योंकि लाखों कार्यकर्ता दिन-रात कोई पद की अपेक्षा के बिना मां भारती का जय-जयकार करने के लिए पूरी शक्ति से जुटी है। परिवार के परिवार जुटे हैं। और जब इतने त्यागी तपस्वी कार्यकर्ताओं का समूह उनके दर्शन से ही एक नई प्रेरणा और ऊर्जा मिल जाती है। मेरी तो कोशिश भी रहती है कि जहां हो सके फिजिकली भी आपके बीच रहूं। लेकिन अब कार्यक्रमों की विविधता और बंधन इतने हैं, समय की सीमाएं बन गई हैं तो कुछ कार्यक्रम मुझे वीसी से करने पड़ते हैं। लेकिन इसमें भी इतना तो लाभ है मुझे आपके दर्शन करने का तो मौका मिल ही जाता है।

साथियो,
मेरा हमेशा से मानना है कि पूर्वी भारत में देश के विकास का एक मजबूत स्तंभ, देश के विकास का एक मजबूत इंजन, उसका पूरा-पूरा सामर्थ्य है। हमारे पूर्वी भारत के क्षेत्र में है। वहां प्राकृतिक संसाधन भी भरमार है और वहां ऊर्जावान, तेजस्वी, ओजस्वी हमारे नागरिकों का भी एक बहुत बड़ा सामर्थ्य है। इसलिए पूर्वी भारत के आप सभी प्रतिनिधियों से मिलना, बात करना, अपने आप में बहुत अहम हो जाता है।

साथियों,
हम आज ऐसे समय में मिल रहे हैं जब देश में विश्वास और आत्मविश्वास का एक उत्तम से उत्तम माहौल है। आप सबको पता है अभी दो दिन पहले ही देश की संसद से, 140 करोड़ देशवासियों के आर्शीवाद से नया विश्वास, नई प्रेरणा, नई ऊर्जा, देश पूरा संसद के साथ जुड़ा हुआ था। आपने देख है कि हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास को भी हराया, और देशभर में निगेटिविटी फैलाने का जो ये सिलसिला चला है उसका भी करारा जवाब दिया। और हालत ये थी कि विपक्ष के लोग, चर्चा में लोकतंत्र का दायित्व होता है कि जब आप बोलते हैं तो दूसरे को सुनना चाहिए। लेकिन बीच में से ही भाग गए, सदन छोड़कर चले गए। बहानेबाजी कुछ भी करी हो लेकिन सच्चाई ये थी कि वो अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गए थे। वो लोग नहीं चाहते थे कि वोटिंग हो। क्योंकि वोटिंग होती तो ये घमंडिया गठबंधन की पोल खुल जाती, कौन किसके साथ है, ये दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता। और इसीलिए बचने के लिए ये भाग गए।

साथियों,
ये लोग सदन से भाग गए, ये पूरे देश ने देखा है। लेकिन ये बहुत ही दुखद है कि इन लोगों ने मणिपुर के लोगों के साथ इतना बड़ा विश्वासघात किया। सत्र प्रारंभ होने से पहले देश के गृह मंत्री, उन्होंने इन राजनीतिक दलों से चिट्ठी लिखकर के कहा था कि वो तत्काल मणिपुर की चर्चा करना चाहते हैं। और अकेले मणिपुर पर चर्चा हो ये जरूरी है। इतने संवेदनशील विषय पर पक्ष-विपक्ष में विस्तार से बात होती तो जरूर मणिपुर के लोगों को भी मरहम लगता और समस्या के समाधान के लिए नए-नए कुछ रास्ते भी निकल आते। लेकिन, ये लोग मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहते थे। क्योंकि उनको मालूम था कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उनरको चुभने वाला है। उनको मणिपुर के नागरिकों की, उनके दुख-दर्द की पीड़ा नहीं थी, परवाह भी नहीं थी। उनके लिए उनकी राजनीति देश से बड़ा दल, वो नहीं चाहते थे मणिपुर, इसीलिए क्या किया मणिपुर की चर्चा तो टाल दी, अविश्वास प्रस्ताव लाकरके राजनीतिक बहस को ही उन्होंने प्राथमिकता दी। राजनीतिक मुद्दों को लेकर ही सदन का तीन दिन में, विपक्ष में बैठे हुए साथी अपना स्कोर करने की कोशिश कर रहे थे। और उन्होंने इतने सारे विषय उठाए, इतने सारे विषय उठाए, और तरह-तरह के अनर्गल आरोप लगाए, सिर-पैर बिना की बातें की, क्यों क्योंकि मणिपुर का विषय किनारे हो जाए। साथियों, ये सदन में भले ही व्यवधान डाल लें, लेकिन हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने, हम सभी भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने जनता के बीच जाकर के सच्चाई और उसको बहुत बारीकी से, सच्चाई के हर पहलू से तैयार होकरके लोगों के पास जाना ही जाना है। हमें जनता के बीच सच्चाई और गहराई के साथ इस विषय को लेकर जाना है।

साथियों,
आप सभी भारत के लोकतंत्र की एक बड़ी मजबूत ईकाई, एक मजबूत कड़ी, उसका नेतृत्व कर रहे हैं। जिला परिषद का अध्यक्ष राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर से भी ज्यादा ताकत रखता है, राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर से भी ज्यादा काम कर सकता है। भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर भी, आप अपने जिले में, राज्य में पार्टी की नींव मजबूत करने में भी अपने काम के जरिये, अपने व्यवहार के जरिये, पद पर रहते हुए भी, घमंड के बिना काम करते हुए आज आप लोगों का दिल जीत रहे हैं और इसके लिए बार-बार लोग भाजपा पर विश्वास जता रहा है।

साथियों,
इसके लिए हमारे दाएं-बाएं जो हमारे कार्यकर्ता खड़े हैं। हमारे आगे-पीछे हमारा जो नेतृत्व खड़ा है, उन सभी कार्यकर्ताओं को पसीना भी निरंतर बहा है, इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ये भारत मां के इस पवित्र धरती को अपने खून से सींचा है। कई बार संघर्ष किए हैं, और पश्चिम बंगाल के मेरे साथियों को विशेष तौर पर आज के परिदृश्य में, जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल के कार्यकर्ता मां भारती के लिए, पश्चिम बंगाल के उज्जवल भविष्य के लिए, पश्चिम बंगाल के गरीब भाई बहनों के लिए जिस प्रकार से संघर्ष कर रहे हैं, एक प्रकार से साधना कर रहे हैं। अपने आप तिल-तिल जलाकरके ये हमारे कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के पुराने वैभव को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं। अभी-अभी वहां पंयायत चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में टीएमसी ने कैसा खूनी-खेल खेला, ये भी देश ने देखा है।

पहले चुनाव में, इनका तरीका क्या है। पहले तो चुनाव की तैयारी के लिए समय मत दो, बहुत ही जल्दी-जल्दी फार्म भरने की तारीख घोषित कर दो, फिर कोई भी विरोधी दल का, कोई भी बीजेपी का व्यक्ति पर्चा ही न भर सके इसके लिए जो कुछ भी कर सकते हैं करो। और अगर मानो उसने चातुर्य पूर्वक फार्म भरने के लिए जगह पर पहुंच भी गया तो फिर चुनाव लड़ने में अडंगे डालना। उनको घर-घर जाने नहीं देना, प्रचार करने नहीं देना, धमकियां देना, और सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ताओं को धमकाना ऐसा नहीं, वोटरों को भी भयभीत कर देना और बीजेपी के जो समर्थक रिश्तेदार है उनको भी जीना मुश्किल कर देना। घर से निकलने नहीं देना। और जब वोटिंग होती है तो उस वोटिंग में थप्पेबाजी करना, ये टोलाबाजों की फौज थप्पेबाजी की फौज बन जाती है। सारे गुंडों को कांट्रैक्ट दिया जाता है, कितने पोलिंग बूथ को कौन कैप्चर करेगा, मतपेटियां उठाकर भागना। और फिर जब काउंटिंग होता है, तो एक-एक वोट पर अडंगे डालना, भय का वातावरण बनाना। काउंटिंग में से बीजेपी कार्यकर्ताओं को उठाकर बाहर ले जाना। बैठने नहीं देना। इतने जुल्म के बाद भी ये पश्चिम बंगाल की जनता है उसका प्यार है कि वे बीजेपी के कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद देते रहे हैं और बीजेपी के प्रत्याशी जीतते जा रहे हैं। और जब जीत जाते हैं तो जुलूस नहीं निकालने देना, कोई जुलूस निकालने की कोशिश करे तो हमले बोल देना, जानलेवा हमले करना।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी की राजनीति का यही तरीका है। वहां हमारी बहनों को, आदिवासी साथियों को कैसे प्रताड़ित किया जाता है, ये हम भली-भांति जानते हैं। इन हालातों में भी भाजपा के जो प्रतिनिधि जीतकर आए हैं, मैं उन्हें और आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जो लोग लोकतन्त्र के चैम्पियन बनते हैं, आए दिन ईवीएम से छुटाकारा पाने के लिए मनगढंत कथाएं चलाते हैं, ईवीएम पर सवाल उठाते हैं, आपने उनका नकाब देश के सामने उतार दिया है। आज की ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आप सब देश के पूर्वी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। और मैं नड्डा जी को और भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि उन्होंने ये अभ्यास वर्ग का सिलसिला जो भारतीय जनता पार्टी के चरित्र की सबसे बड़ी ताकत है, पद प्राप्त करने के बाद भी वो सिलसिला चलता रहता है। अभी बता रहे थे सभी पंचायत सदस्यों का अभ्यास वर्ग 35 जगहों पर चल रहा है। जिला परिषद के अध्यक्षों का अभ्यास वर्ग चल रहा है। और अभ्यास वर्ग में हम गेट-टूगेदर के लिए नहीं आते हैं। कुछ न कुछ नया सीखने के लिए आते हैं। एक-दूसरे की बेस्ट प्रैक्टिस को समझने के लिए आते हैं। किसी जिले में हमारे साथी ने कोई अच्छा काम किया है तो उसमें से सीख करके अपने जिले में लागू करने के लिए आते हैं। हम निरंतर नया सीखना, नई पद्धतियों को जोड़ना, नई आवश्यक दिशाओं की ओर जाना, इसीलिए अभ्यास वर्ग एक बहुत बड़ी ताकत होता है, बहुत उपयोगी होता है। और मुझे विश्वास है जो बातें आपको बताई जाएगी उसके उपरांत जब आप अपने साथियों से गप्पे मारोगे भोजन के समय, चाय के समय, उनके अनुभव सुनोगे तब आपको बहुत कुछ नई-नई चीजें जानने मिलेगी कि काम करने का कौन सा तरीका ज्यादा उपयोगी होता है।

साथियों,
पूर्वी भारत एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हमेशा से भाजपा की प्राथमिकता रही है। भाजपा के लिए सबसे प्राथमिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा पर हमेशा अपना भरोसा भी जताया है। इसलिए, इस क्षेत्र की आकांक्षाओं को पूरा करने की हम सबकी विशेष ज़िम्मेदारी है और वो जिम्मेदारी दिनो दिन बढ़ती चली जा रही है। और जैसे-जैसे जिम्मेवारी बढ़ती है, हमें भी अपनी क्षमता बढ़ानी है। मैं हमेशा कहता हूँ, आज़ादी के बाद पूर्वी भारत की जो उपेक्षा हुई है, उसने देश की प्रगति को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई है। हम इस खाईं को पाटने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। बीते 5 वर्षों में अगर साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं, तो इसमें एक बहुत बड़ा हिस्सा पूर्वी भारत का है। और नड्डा जी ने अभी बड़ा विस्तार से इसका वर्णन भी किया। मैं चाहूँगा कि आप इन आंकड़ों से खुद भी परिचित हों, और अपने क्षेत्र में लोगों को भी इस बदलाव के बारे में बताएं। इससे उनका विश्वास और बढ़ेगा। देश को आगे ले जाने में वो एक ताकत बन जाएंगे।

साथियों,
हमारे देश में पिछले पचास साल से, हम एक नारा सुनते आए हैं, चारो तरफ वही बोला जाता है और चुनाव के समय तो जरा चिल्ला-चिल्ला करके बोला जाता है, चीख-चीख करके बोला जाता है। क्या नारा है.. गरीबी हटाओ। कितनी बार सुना है। कितनी पीढ़ियों ने सुना है। नारे...नारे...नारे...बस नारे देते गए। लेकिन जिन्होंने ये नारा दिया, उन्होंने कभी गरीब की सुध नहीं ली। गरीबों की परवाह नहीं की और न ही वो गरीबी हटा पाए। एक स्वभाविक सा प्रश्न है कि जो काम पांच दशकों में नहीं हो सका, वो भाजपा सरकार ने इतने कम समय में कैसे करके दिखाया है? इसके पीछे वजह है कि, हमने सामान्य मानवी के जीवन की मूलभूत कठिनाइयों को कम किया है। और हमलोग वो लोग हैं जो गरीबी को जीकर के आए हैं। गरीबी की समस्या की जड़ें कहां-कहां है इसका हमलोगों को भली-भांति ज्ञान है, अनुभव है, इसीलिए हम उन जड़ों से गरीबी को काट करके गरीबों को गरीबी से मुक्त करने का सफल अभियान चला पा रहे हैं।

आप देखिए, सरकार ने देश में उन 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई है, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची थी। इनमें से लगभग 13 हजार गांव पूर्वी भारत के ही तो थे। और ये लोग जो मणिपुर-मणिपुर करके राजनीति करने में लगे हैं न उनको कभी ये विचार नहीं आया कि नार्थ-ईस्ट और पूर्वी भारत में 13 हजार गांव अंधेरे में डूबे पड़े थे। हमने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। तब देश के 20 प्रतिशत से भी कम ग्रामीण परिवारों तक नल से जल की सुविधा थी। आज 60 प्रतिशत से भी ज्यादा ग्रामीण परिवारों को नल से जल, नल से पानी मिल रहा है। आप से कई लोग ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि मिजोरम जैसे राज्य में 4 साल पहले तक केवल 6 प्रतिशत घरों में पाइप से पानी पहुंचता था। आज ये संख्या 90 प्रतिशत से ज्यादा है। बिजली पानी की तरह ही पीएम आवास योजना ने भी गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। बिहार में पिछले 9 वर्षों में 50 लाख से ज्यादा पक्के घर पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत बने हैं। 50 लाख। ये हमारे पश्चिम बंगाल में...ये सरकार काम भी नहीं करने देती तो भी... लगभग 45 लाख गरीब परिवारों को पक्का घर देने का काम हम कर पाए हैं। उधर असम में भी गरीबों के लिए 20 लाख घर बने हैं। इन योजनाओं से गरीब की ताकत बढ़ी है, उसे नए अवसर मिले हैं, और वो अब गरीबी में रहना नहीं चाहता है, गरीबी से बाहर निकलने के लिए वो भी हमारे साथ कदम से कदम मिलाकरके मैदान में उतर चुका है। देश ने अब ऐसी सभी योजनाओं के saturation का टार्गेट रखा है। शत-प्रतिशत जो भी इसके हकदार है, जिनको मिलना चाहिए वो शत-प्रतिशत काम पूरा होना चाहिए। इसलिए मेरा सुझाव है कि आपके पास अपनी पंचायत के एक एक लाभार्थी का डेटा होना चाहिए। जितनी भी योजनाओं का लाभ मिलता है। हर गाम के अनुसार उसकी सूची होनी चाहिए। उन्हें इन योजनाओं से जोड़ने के लिए आपको समयसीमा तय करके काम करने की जरूरत है। हर सप्ताह इसका एक चार्ट बना करके अफसरों से रिपोर्टिंग लेना चाहिए। डिटेल में उनसे जानकारी लेनी चाहिए, बताओ भाई ये योजना इस हफ्ते कहां पहुंची, ये योजना इस हफ्ते कहां पहुंची, फलाने तहसील में क्यों कम रह गए। फलाने गांव में क्यों कुछ नहीं हुआ। आप जितनी पूछताछ बढ़ाओगे, और पूछताछ मतलब किसी को कटघड़े में खड़ा करना नहीं होता है। प्यार से बातचीत करके उनका ध्यान आकर्षित करना होता है। तो उससे अफसरों का भी काम करने का उत्साह बढ़ जाता है। तू-तू मैं-मैं करने से कभी फायदा नहीं होता।

साथियों,
आज हम सभी साक्षी हैं कि पूर्वी भारत में कितनी तेज गति से विकास हो रहा है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए, असम के गुवाहाटी से लेकर पश्चिम बंगाल के कल्याणी तक, झारखंड देवघर से लेकर बिहार में दरभंगा तक, इस प्लानिंग के साथ नए-नए एम्स खोले गए हैं ताकि लोगों को इलाज के लिए सैकड़ों किमी दूर न जाना पड़े। पिछले 9 वर्षों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा को 31 मेडिकल कॉलेज भी मिले हैं। नॉर्थ ईस्ट में भी मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी, पश्चिम बंगाल के कल्याणी में, बिहार के भागलपुर में, और झारखंड के रांची में ‘ट्रिपल आईटी’ खोला गया है। त्रिपुरा के अगरतला और मणिपुर के सेनापति में भी ट्रिपल आईटी खुला है। ओड़ीसा और बिहार को IIM संबलपुर और IIM बोधगया जैसे संस्थान मिले हैं। झारखंड के धनबाद में IIT की भी स्थापना हुई है। इन संस्थानों से प्रतिभाशाली युवा निकलने वाले हैं। जो देश के भाग्य को बदलने में बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाले हैं। उन्हें रोजगार और आसानी से मिलने वाले हैं। और इसमें पूर्वी भारत का औद्योगिक विकास भी बड़ी भूमिका निभाएगा। बरौनी, सिंदरी, गोरखपुर और तलचर में फर्टीलाइजर कारखाने खुलने से ना सिर्फ पूर्वी भारत के किसानों को फायदा हुआ है बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार का भी निर्माण हुआ है।

भाइयों बहनों,
पूर्वी भारत की अपार खनिज सम्पदा को पहले की सरकारों ने लूट का जरिया बनाया हुआ था। हमने इस सम्पदा को औद्योगिक संभावनाओं से जोड़ने के लिए इनफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्ण काम किया है। पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में करीब दो लाख करोड़ के डेढ़ सौ से ज्यादा प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं। साढ़े 14 लाख करोड़ के करीब साढ़े 12 सौ प्रोजेक्ट्स पर आज काम तेज गति से चल रहा है। बहुत जल्द ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से खनिज और पोर्ट्स का समान देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचेगा। बीते वर्षों में अथक परिश्रम करके पूर्वोत्तर की रेल लाइनों को भी ब्रॉडगेज में बदला जा चुका है। मेजर पोर्ट्स की कैपेसिटी में भी बीते 9 वर्षों में काफी इजाफा हुआ है। इस क्षेत्र में नए-नए वॉटरवेज का निर्माण भी किया जा रहा है। ये वॉटरवेज नेशनल और इंटरनेशनल ट्रेड के लिए पूरब को भारत का बिज़नस गेटवे बना रहे हैं। बेहतर एयर कनेक्टिविटी के लिए पूर्वी भारत में 9 एयरपोर्ट्स भी विकसित किए जा रहे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, कितना बड़ा देश का पूर्वी हिस्सा कितने बड़े transformation का गवाह बनने जा रहा है।

साथियों,
आज दुनिया तेजी से बदल रही है। गाँव-शहर के बीच की दूरियाँ तेजी से खत्म हो रही हैं। आज जो लोकल है, उसकी डिमांड ग्लोबल है। इसीलिए, वोकल फॉर लोकल जैसे अभियान के साथ देश ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को लॉंच किया। आपके जिले की जो खासियत है, उसे बेहतर प्रॉडक्ट के रूप में मार्केट तक लाने के लिए पंचायतों की एक बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है। इसमें जिले से लेकर देश तक, आर्थिक विकास के अनंत अवसर जुड़े हैं। आप प्रयास करिए, कि छोटे छोटे कामगारों को, उद्योगों को बाज़ार से जोड़ा जा सके, वो GEM पोर्टल से जुड़ सकें। और मैं तो आप सब से भी आग्रह करूंगा कि आपकी जिला परिषद, आपकी जिला पंचायत वो जल्द से जल्द GEM पोर्टल से जुड़ जानी चाहिए। आपके जिला पंचायत में जो भी खरीदना है वो GEM पोर्टल से खरीदना चाहिए। पैसे भी बचेंगे, भ्रष्टाचार जाएगा और अच्छी क्वालिटी का निर्णय आप आसानी से कर सकते हैं।

साथियों,
लोकल प्रॉडक्ट की सफलता के लिए आज ग्लोबली GI टैग की चर्चा होती है। कौन सी चीज GI टैग है, अगर GI टैग है तो उसका अपने आप बहुत बड़ा मार्केट बन जाता है। हमारे पूर्वी भारत के पास ऐसी अनेक प्रोडक्ट है जिसे हमें प्रमोट करने की जरूरत है। और इसीलिए हमारे यहां की ऐसी विशेष चीजें हैं, उनको GI टैग कैसे मिले, आपके अफसरों को लगाइए, कि ऐसी चीजें, GI टैग के लिए कैसे करना होता है सब उनको बताया जाए। आज कई सारे पारंपरिक हुनर उपेक्षा के कारण, बाज़ार न मिलने के कारण लुप्त हो रहे हैं। इन्हें बचाने में पंचायतें सबसे प्रभावी भूमिका निभा सकती हैं। आपके क्षेत्र में स्किल इंडिया मिशन एक मुहिम बने, कारीगरों को ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट मिले, इसके लिए रोडमैप बनाकर काम करिए।

साथियों,
आज देश में हमारी बहनों के 80 लाख से भी ज्यादा स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं। करीब 10 करोड़ महिलाएं इन समूहों से जुड़ी हैं। आप जिला स्तर पर इनका संघ बनाने में पहल करें, इनकी हर जरूरत आप पूरी करें। आप जहां भी प्रवास करें, जिले में, और मैं मानता हूं सप्ताह में कम से कम तीन दिन आपको प्रवास करना चाहिए। कम से कम दो रात जिले के किसी न किसी स्थान पर आपको रुकना चाहिए। और वहां जब जाएं तो ये महिलाओं से जरूर मीटिंग करनी चाहिए। उनके काम को समझना चाहिए।

साथियों,
महिलाएं मुद्रा लोन जैसी योजनाओं का लाभ लेकर आगे बढ़ें, इसमें भी आप अहम भूमिका निभा सकते हैं। आपको ये भी टार्गेट सेट करना चाहिए कि हम हमारी पंचायत को पावर consumer की जगह power प्रोड्यूसर बनाएँगे। निर्माता बनाएँगे, वो सिर्फ खरीदार नहीं होगा। बिना धुएँ के ईंधन का इस्तेमाल हो, बिजली के लिए LED बल्ब ही प्रयोग किए जाएँ, इसका आपका पूरा मानीटरिंग होनी चाहिए। खेतों में, और मैं तो कहता हूं नार्थ-ईस्ट जो है न वो हिंदुस्तान का आर्गेनिक कैपिटल है मेरे हिसाब से। उसको और मजबूत बनाना है। केमिकल खेती की जगह किसान organic और natural खेती से जुड़ें, किसान सिंचाई के लिए per drop more crop की तकनीक से जुड़ें, जल संरक्षण के लिए घर और खेतों में इंतजाम हों, सूखे तलाबों सरोवरों को पुनर्जीवित किया जाए, और आपके इलाके में तो अगर तालाबों का रखरखाव किया जाए तो मत्स्य पालन करने वाले गरीब परिवारों को भी बहुत लाभ होता है। अमृत सरोवर के अभियान में आपका जिला सबसे आगे होना चाहिए। आप तय कीजिए, पूरे राज्य में आपका जिला अमृत सरोवर बनाने में, अमृत सरोवर के रखरखाव में, अमृत सरोवर के सौंदर्य में, हर प्रकार से आप नंबर एक होंगे। और आपको हिसाब लगाना चाहिए, लोगों को कहना चाहिए फोटो अपलोड करे आपकी जो वेबसाइट हो वहां। उसी प्रकार से ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जाए, ये सभी काम, मैं समझता हूं अगर सप्ताह में एक दिन आपके काम में इस प्रकार के काम जैसे एक-दो घंटे स्वच्छता अभियान में जुड़ना ही जुड़ना है, सब कार्यकर्ताओं को समाज को लेकर, किसी न किसी इलाके में, जहां गए हैं वहां, स्वच्छता का अभियान करें। ऐसे अनेक काम आप बड़े प्रभावी तरीके से करते आए हैं और मुझे विश्वास है आगे भी करेंगे। स्वच्छ भारत के संकल्प को भी हमें पंचायत स्तर पर शत-प्रतिशत पूरा करना है। मैं तो पहले भी जैसे कहा कि स्वच्छता हमारी भी प्राथमिकता होनी चाहिए। और स्वच्छता के साथ-साथ आप अपने क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को भी निखार सकते हैं, पार्कों का विकास हो, स्थानीय स्मारकों की देखरेख हो, होमस्टे बनाना हो, ऐसे अनेक विषयों पर आप लोगों की मदद कर सकते हैं।

साथियों,
15 अगस्त अब बिलकुल दरवाजे पर दस्तक दे रही है। और हम सबका दायित्व है कि इस बार भी हर घर तिरंगा कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा घरों की भागीदारी सुनिश्चित कराएं। देश में शहीदों के सम्मान में चल रही अमृत कलश यात्रा से अपने गांव को जोड़ें, हर परिवार को जोड़ें, आपके गांव का कोई बेटा मां भारती के सम्मान के लिए शहीद हो गया है तो उसके परिवार का सार्वजनिक अभिनंदन करें। साथियों अभी नड्डा जी ने विस्तार से बताया कि आने वाली 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस है, ये बड़ा दुखद दिवस है, दर्दनाक दिवस है। और पश्चिम बंगाल में तो वो दर्द आज भी चीख रहा है। पश्चिम बंगाल के लोगों ने कितना झेला है, विभाजन का दंश आज भी उनको चैन से बैठने नहीं देता है। हमें उन्हीं की संवेदना के साथ, उनके दर्द के साथ जुड़ करके उन्हें भी जोड़ना है। मुझे पूरा विश्वास है ढाई लाख से ज्यादा पंचायतों और 30 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ हम इन लक्ष्यों के लिए काम करेंगे। मैं आप सभी को इस कार्यशाला के लिए, वर्कशाप के लिए, शुभकामनाएं देता हूं। नड्डा जी और टीम का भी बहुत अभिनंदन करता हूं। क्योंकि मेहनत करके इतना बढ़िया सा कार्यक्रम की रचना की है। और पश्चिम बंगाल के लोग अनेक संकटों के बीच आपके स्वागत सम्मान में भी कोई कमी नहीं रखेंगे, ये मुझे पक्का विश्वास है। मैं सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।


बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।