Inspired by Pt. Deendayal Upadhyaya, 21st century India is working for Antyodaya: PM Modi
Our government has given top priority to roads, highways, waterways, railways, especially regarding infrastructure: PM
Our government is working to reach the last person in the society, to bring the benefits of development to them: PM

हर-हर महादेव !!!

महाशिवरात्रि, रंगभरी एकादशी अऊर होली का आप सबके बहुत बधाई हौ।

यहां भारी संख्या में पधारे मेरे भाइयों और बहनों !!

मां गंगा के तट पर आज एक अद्भुत संयोग बन रहा है। अवधूत बाबा भगवान राम की तपोस्थली इस पार है और अब दीनदयाल उपाध्याय जी की स्मृति स्थली भी गंगापार क्षेत्र विकसित की गई है।

साथियों, मां गंगा जब काशी में प्रवेश करती हैं, तो वो उन्मुक्त होकर अपनी दोनों भुजाओं को फैला देती हैं। एक भुजा पर धर्म, दर्शन और आध्यात्म की विराट संस्कृति विकसित हुई और दूसरी भुजा अर्थात इस पार, सेवा, त्याग, समर्पण और तपस्या मूर्तिमान हुई है। इसी तट पर सिद्धयोगी अवधूत बाबा भगवान राम ने तप और साधना का पारंपरिक रूप बदलकर सेवा की एक नवीन तपोस्थली को निर्मित किया। आज इस क्षेत्र, दीनदयाल जी की स्मृति स्थली का जुड़ना, अपने नाम ‘पड़ाव’ की सार्थकता को और सशक्त कर रहा है। ऐसा पड़ाव जहां, सेवा, त्याग विराग और लोकहित सभी एक साथ जुड़कर एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित होंगे। मुझे विश्वास है कि यह क्षेत्र जीवन के सच्चे उद्देश्य को जानने, समझने और उन्हें प्राप्त करने की संकल्प भूमि बनेगा।

साथियों, आज का ये दिन उन करोड़ों भारतीयों के लिए सपना साकार होने जैसा है, जिनको पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी हमेशा से प्रेरित करते आए हैं। यहां जो देश के सबसे बड़े बड़े रेल जंक्शनों में से एक है, वो उनकी स्मृति के लिए पहले ही समर्पित हो चुका है। अब यहां जो ये स्मृति स्थल बना है, उद्यान बना है, उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, इससे आने वाली पीढ़ियों को भी दीन दयाल जी के आचार और विचार से प्रेरणा मिलती रहेगी।

भाईयों और बहनों जिनके दिल में दलित, पीडि़त, शोषित, वंचित, दबे-कुचले समाज के किसी भी व्यक्ति के लिए दर्द है, अनुकंपा है ऐसे सभी के लिए यह भूमि प्रेरणा भूमि है, प्रेरणा स्थली है जो देश भक्ति के रंग में रंगे हुए है जिनके जीवन में दल से उपर देश है स्व के बदले समस्त की चिंता है ऐसे देशभक्ति के रंग में रंगे हुए देश के कोटि-कोटि जनों के लिए यह तीर्थ क्षेत्र है जहां से देश के लिए जीने की, देश के लिए जुझने के लिए और देश के लिए जीवन खपाने के लिए पे्ररणा मिलती रहेगी। मैं आज इस धरती को नमन करता हूं उस पुण्यआत्मा को नमन करता हूं। और मुझे विश्वास है कि दीनदयाल जी का आत्मा जहां भी होगी हमें निरंतर आर्शीवाद देती रहती है, हमें निरंतर प्रेरण देती रहती है क्योंकि हम समाज के आखिरी छोर के व्यक्ति के लिए समाज के दबे कुचले व्यक्ति के लिए दलित, पीडि़त, शोषित, वंचित लोगों के लिए हम अपना जीवन खपाएं उनकी सेवा के लिए हमें जो भी जिम्मेदारी मिली है उसका पूरी तरह निर्वाह करें।

साथियों, दीन दयाल उपाध्याय जी ने हमें अंत्योदय का मार्ग दिखाया था। यानि जो समाज की आखिरी पंक्ति में हैं, उसका उदय। 21वीं सदी का भारत, इसी विचार से प्रेरणा लेते हुए अंत्योदय के लिए काम कर रहा है। जो विकास की आखिरी पायदान पर है, उसे विकास की पहली पायदान पर लाने के लिए काम हो रहा है। चाहे वो पूर्वांचल हो, पूर्वी भारत हो, उत्तर पूर्व हो, देश के 100 से ज्यादा आकांक्षी जिले हों, सभी क्षेत्रों में विकास के अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज इस पवित्र अवसर पर वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल को लाभ पहुंचाने वाली करीब 1200 करोड़ रुपए से भी अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इसमें बड़े अस्पताल भी हैं, स्कूल और शैक्षणिक संस्थान भी हैं, सड़कें भी हैं, फ्लाईओवर भी हैं, पानी की योजनाएं भी हैं, पार्क भी हैं, शहर को और सुंदर बनाने वाले प्रोजेक्ट्स भी हैं। सामान्य मानवी के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सुविधा, आस्था और रोज़गार से जुड़ी इन तमाम परियोजनाओं के लिए मैं आप सभी को, वाराणसी और पूर्वांचल के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

ये तमाम प्रोजेक्ट्स बीते 5 वर्षों से काशी सहित संपूर्ण पूर्वांचल में चल रहे कायाकल्प के संकल्प का एक अटूट हिस्सा हैं। इन वर्षों में वाराणसी जनपद में लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपए के विकास कार्य या तो पूरे हो चुके हैं, या काम तेज गति से चल रहा है। देवी अहिल्याबाई होल्कर के बाद इतने बड़े पैमाने पर काशी नगरी में विकास के कार्य हो रहे हैं, तो इसके पीछे महादेव की ही इच्छा है, बाबा भोले का ही आशीर्वाद है। ये हम सभी का सौभाग्य है कि बाबा ने इन कार्यों के लिए हम सबको दायित्‍व दिया है, जिम्‍मेदारी दी है। इन कार्यों का बहुत बड़ा लाभ, बनारस सहित पूरे पूर्वांचल को मिल रहा है। विशेषकर इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर, सड़क, हाईवे, वॉटरवे, रेलवे को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर योगी जी की टीम तेज़ी से काम कर रही है। बहुत जल्द इसका लाभ इस पूरे क्षेत्र को मिलने वाला है।

आज यहां, चौकाघाट-लहरतारा मार्ग पर बने पुल का लोकार्पण भी हो गया है। पहले की स्थिति आपको पता है। कैंट रेलवे स्टेशन हो, BHU हो, बस स्टेशन हो, हवाई अड्डा हो, इन सभी जगहों तक आने-जाने में कितनी समस्या होती थी, कितना जाम लगता था। अब इस जाम से मुक्ति मिल जाएगी। ये 4 लेन का पुल बनने से अब लहरतारा-इलाहाबाद और चौकाघाट-दीन दयाल उपाध्याय नगर का रास्ता भी जुड़ गया है। इसके साथ-साथ अलग-अलग गांवों को जोड़ने वाली 16 सड़कों का भी आज लोकार्पण हुआ है। इससे प्रयागराज, मिर्जापुर, जौनपुर, गाजीपुर, आज़मगढ़, गोरखपुर, बलिया से लेकर बिहार आने जाने वालों को भी बहुत लाभ होगा। जिसको सारनाथ सहित तमाम दूसरे पर्यटन स्थलों में जाना है, उनको भी इन रास्तों से सुविधा होगी।

साथियों, काशी सहित इस पूरे क्षेत्र में हो रहे कनेक्टिविटी के ये काम आपकी सुविधा के साथ-साथ रोज़गार निर्माण के भी बड़े साधन तैयार कर रहे हैं। विशेषतौर पर पर्यटन आधारित रोज़गार, जिसको लेकर काशी और आसपास के क्षेत्रों में बहुत बड़ी संभावना है, उनको बल मिल रहा है। पर्यटन एक ऐसा सेक्टर है जिसमें हर स्तर, हर वर्ग का व्यक्ति कम से कम निवेश में ज्‍यादा से ज्‍यादा कमाता है। यही कारण है कि आज जब भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात हो रही है, तो पर्यटन उसका अहम हिस्सा है। भारत के पास तो प्रकृति के साथ-साथ हैरिटेज टूरिज्म की भी बहुत बड़ी ताकत है, जिसको 21वीं सदी का रूप दिया जा रहा है। विशेषतौर पर काशी समेत हमारे आस्था से जुड़े तमाम स्थलों को नई ज़रूरतों के मुताबिक, नई तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया जा रहा है। सारनाथ का सुंदरीकरण हो, गंगा जी के घाटों का सुंदरीकरण हो, आज काशी आने वाला हर श्रद्धालु, हर पर्यटक सुखद अनुभव लेकर यहां से जाता है। कुछ दिन पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री भी यहां आए थे। तो यहां के अद्भुत वातावरण, दिव्य अनुभूति से बहुत मंत्रमुग्ध थे। आपने भी देखा होगा कि सोशल मीडिया में उन्होंने काशी के साथियों की बहुत प्रशंसा की है।

साथियों, काशी विश्वनाथ धाम से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर चल रहे काम से भी आप सब भलीभांति परिचित हैं। आज भी यहां मंदिर परिसर में बन चुके अन्नक्षेत्र भवन का लोकार्पण किया गया है। इस भवन के बनने से यहां प्रसाद वितरण और भक्तों को भोजन से होने वाली असुविधा अब हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। काशी विश्वनाथ धाम में ऐसे तमाम कार्य तेज़ी से पूरे किए जा रहे हैं। बहुत ही जल्द बाबा का दिव्य प्रांगण एक आकर्षक और भव्य रूप में हम सभी के सामने आएगा। इसी तरह अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में भी भव्य मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो चुका है। ये ट्रस्ट अब श्री राम धाम के निर्माण पर तेज़ी से काम करना शुरु कर देगा।

भाइयों और बहनों, देशभर में, आस्था और आध्यात्म से जुड़े तमाम बड़े केंद्रों को विकसित करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक भी बनाया जा रहा है। खासतौर पर इन स्थानों में निरंतर कनेक्टिविटी श्रद्धालुओं को मिले, इसके लिए काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज बाबा विश्वनाथ की नगरी को ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से जोड़ने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई गई है। अब काशी में बाबा के दर्शन करने के बाद उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर पाएंगे और इसी ट्रेन में आगे बढ़ते हुए इंदौर में ओंकारेश्वर में भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर पाएंगे। यही नहीं ये रेल सेवा प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, झांसी, बीना, संत हिरदाराम जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के क्षेत्रों को भी जोड़ेगी। ये महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा के भक्तों को एक विशेष उपहार की तरह है।

भाइयों और बहनों, काशी आस्था और आध्यात्म के साथ-साथ ज्ञान का भी मुख्य केंद्र रहा है। बीते 5 वर्षों में BHU जैसे ज्ञान और विज्ञान के बड़े सेंटर को विस्तार दिया गया है। आज भी यहां वैदिक ज्ञान-विज्ञान से लेकर आधुनिक चिकित्सा से जुड़ी अनेक सुविधाओं का लोकार्पण किया गया है। आज वाराणसी, पूर्वांचल का बहुत बड़ा मेडिकल HUB बनकर उभर रहा है। यहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के आधुनिक इलाज के लिए कई अस्पताल तैयार हो चुके हैं। पहले जिन बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता था, उनका इलाज अब यहीं पर मिल रहा है। इसका व्यापक लाभ उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूर्वी भारत के बहुत बड़े हिस्से को हो रहा है। BHU में आज जिस सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल का लोकार्पण हुआ है, उसका शिलान्यास तो 2016 के आखिरी में, मैंने ही किया था। सिर्फ 21 महीने में 430 बेड का ये अस्पताल बनकर काशी और पूर्वांचल के लोगों की सेवा के लिए तैयार हुआ है। कबीरचौरा में जिला महिला चिकित्सालय में 100 बेड के मैटरनिटी विंग से शहर की महिलाओं को बहुत मदद मिलेगी। मैं योगी जी और उनकी टीम को बधाई दूंगा कि पूरे उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेज और आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स बनाने पर फोकस किया जा रहा है। इसके साथ-साथ शुद्ध पीने के पानी और स्वच्छता को लेकर भी जो प्रयास बीते 2-3 वर्षों में यहां हुए हैं, उससे एनसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों से निपटने में बहुत सहायता मिली है।

साथियों, ये जो कुछ भी पिछले 5 साढ़े 5 वर्षों में हमने हासिल किया है, अब उसे और तेज गति से आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। स्वच्छता को लेकर जो ये मुहिम छेड़ी गई है, उसको हमें जारी रखना है। वहीं जल जीवन मिशन के तहत आने वाले 5 वर्षों में हर घर तक जल पहुंचाने के लिए भी हमें पूरी शक्ति से काम करना है। मैं आपको ये आश्वस्त करता हूं कि इस काम के लिए ना तो बजट आड़े आएगा ना सरकार के इरादे कमजोर होंगे। बनारस के कायाकल्प की महादेव की इच्छा को हम सभी मिलकर पूरा करेंगे।

भाइयों और बहनों, बदलते हुए भारत में देश के विकास की कहानी में नए अध्याय जोड़ने का काम बड़े-बड़े मेट्रो सिटीज से ज्यादा बनारस जैसे टीयर-2, टीयर-थ्री सिटिज ही करेंगे। दीन दयाल जी, जिस तरह अंत्योदय की बात करते थे, वैसे ही, देश के छोटे शहरों का उदय, देश के विकास को नई ऊँचाई पर ले जाएगा। केंद्र सरकार की योजनाओं का बहुत ज्यादा लाभ, इन छोटे शहरों और इनमें रहने वाले लोगों को ही हुआ है। अभी हाल में जो बजट आया है, उसमें सरकार ने घोषणा की है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया जाएगा। इसका बहुत बड़ा हिस्सा, देश के छोटे-छोटे शहरों के ही खाते में आएगा।

साथियों, दीन दयाल जी कहते थे कि आत्म निर्भरता और स्वयं सहायता सभी योजनाओं के केंद्र में होनी चाहिए। उनके इन विचारों को सरकार की योजनाओं और सरकार की कार्य संस्कृति में निरंतर लाने का प्रयास किया जा रहा है। आप देखिए, मेक इन इंडिया के केंद्र में आत्मनिर्भरता है। आज रेल के डिब्बों से लेकर, मोबाइल फोन और सेना के लिए आधुनिक अस्त्र-शस्त्र तक भारत में बनने लगे हैं। पूर्वांचल सहित पूरे यूपी में भी अनेक नई फैक्ट्रियां बीते 5 वर्ष में लगी हैं।

इसी तरह, स्टार्ट अप इंडिया के केंद्र में भी आत्मनिर्भरता है। बीते 5 वर्षों में लगभग 26 हज़ार नए स्टार्ट अप रजिस्टर हुए हैं, जिससे भारत के युवाओं ने ही भारत के लाखों युवाओं को रोज़गार देने का काम किया है। मुद्रा योजना के केंद्र में भी आत्मनिर्भरता और स्वयं सहायता है। इस योजना ने पूरे देश में लगभग साढ़े 5 करोड़ नए उद्यमी तैयार किए हैं। करीब 3 हज़ार करोड़ रुपए का मुद्रा ऋण वाराणसी के ही लगभग साढ़े 6 लाख साथियों को मिला है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के मूल में भी स्वयं सहायता ही है। इसके तहत यूपी के लगभग 2 करोड़ किसानों को करीब 12 हजार करोड़ रुपए उनके खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

भाइयों और बहनों, हमारी सरकार समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने के लिए, उस तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। आप बताइए, वो 50 करोड़ से अधिक देशवासी जिनको आज आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज संभव हुआ है, वो कौन हैं? ये 70 वर्षों में विकास के आखिरी पायदान पर ही रहे हैं। आज देश में लगभग 90 लाख गरीब मरीज़ों को इलाज मिल चुका है, जिसमें से यूपी के 3 लाख और वाराणसी के करीब 16 हज़ार साथी हैं। देश के वो 11 करोड़ साथी भी अंतिम पायदान पर ही थे, जिनके घर में पहली बार शौचालय पहुंचा है। देश के वो 8 करोड़ से अधिक परिवार भी अंतिम पायदान पर ही थे, जिनको पहली बार उज्‍ज्‍वला का गैस कनेक्शन मिला है। इसमें भी यूपी के करीब डेढ़ करोड़ और वाराणसी के लगभग पौने 2 लाख परिवारों को लाभ हुआ। इनमें भी करीब 50 लाख मेरे दलित भाई-बहन के परिवार हैं, जिनको उज्‍ज्‍वला का गैस कनेक्शन मिला है।

देश के करीब 2 करोड़ साथी जिनको पक्का आवास मिला है, वो भी आखिरी पायदान पर खड़े हुए लोग थे। आज जिन 24 करोड़ देशवासियों को 4 लाख रुपए तक का दुर्घटना और जीवन बीमा मिल रहा है, वो भी अंतिम पायदान पर थे। जिन करोड़ों किसानों, श्रमिकों, छोटे व्यापारियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हज़ार रुपए की मासिक पेंशन की सुविधा तय हुई है, वो भी विकास के आखिरी पायदान पर रहे हैं।

साथियों, आज़ादी के लंबे कालखंड तक इस आखिरी पायदान को बनाए रखा गया, क्योंकि इसकी समस्याओं को सुलझाने में नहीं, उलझाने में ही राजनीतिक हित सिद्ध होते थे। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं, देश बदल रहा है। जो आखिरी पायदान पर रहा है, उसे अब सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। महादेव के आशीर्वाद से, देश आज वो फैसले भी ले रहा है जो हमेशा पीछे छोड़ दिए जाते थे। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला हो या फिर सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, बरसों से देश को इन फैसलों का इंतजार था। देशहित में ये फैसले जरूरी थे और दुनिया भर के सारे दबावों के बावजूद, इन फैसलों पर हम कायम हैं और कायम रहेंगे। आज बाबा भोलेनाथ की नगरी में, अवधूत बाबा भगवान राम के सानिध्य में, दीन दयाल की स्मृति में, मैं काशी के लोगों को, देश के लोगों को ये विश्वास दिलाता हूं कि देश के लिए ये काम निरंतर जारी रहेंगे।

एक बार फिर आप सभी को इतनी बड़ी तादाद में यहां आने के लिए, मुझे आशीर्वाद देने के लिए, बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!

Explore More
وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن

Popular Speeches

وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن
When PM Modi Fulfilled A Special Request From 101-Year-Old IFS Officer’s Kin In Kuwait

Media Coverage

When PM Modi Fulfilled A Special Request From 101-Year-Old IFS Officer’s Kin In Kuwait
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.