QuoteMaharashtra will lead the vision of a ’Viksit Bharat’, and the BJP and Mahayuti are working with this commitment: PM Modi in Panvel
QuoteCongress has always worked on the agenda of keeping the poor poor: PM Modi while addressing a large gathering in Panvel

जय भवानी// जय शिवाजी//
जय माता महाकाली//
‘जय सेवालाल’//
‘जय बिरसा’
छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या //या पवित्र भूमीला //मी //हृदयपूर्वक नमस्कार करतो. //
स्वराज्य आची //राजधानीतील //रायगड वासियान्ना //माझा नमस्कार।

मेरा सौभाग्य है कि आज एक बार फिर मुझे रायगढ़ की इस मिट्टी को नमन करने का अवसर मिल रहा है। रायगढ़ से मेरा एक आत्मीय संबंध है। एक भावनात्मक संबंध है। 2013 में जब भाजपा ने मुझे पीएम पद का उम्मीदवार बनाया था। तब मैंने रायगढ़ किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया था। जैसे कोई भक्त भगवान की मूर्ति के आगे बैठता है, वैसे ही छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर मैंने राष्ट्रसेवा के लिए उनसे आशीर्वाद मांगे थे। रायगढ़ एक ऐसी पवित्र जगह है, जो देश की भावनाओं से जुड़ी है। अभी कुछ ही दिन पहले 31 अक्टूबर को गुजरात में सरदार पटेल जयंती निमित्त, हर वर्ष एक बड़ा कार्यक्रम होता है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर। देशभर के पुलिस की एक परेड होती है वहां, एकता परेड, उस एकता परेड के मुख्य कार्यक्रम में, उसकी पृष्ठभूमि में रायगढ़ के किलों को वहां बनाया गया था। और, आज जब इतनी बड़ी संख्या में रायगढ़ के लोगों का आशीर्वाद हमें मिल रहा है। ये बता रहा है कि महाराष्ट्र को अब विकास की नई ऊँचाइयाँ छूने से कोई नहीं रोक सकता।

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साथियों,

एक प्रकार से ये शहरी क्षेत्र बन गया है और शहरी क्षेत्र में दोपहर के 2 बजे से 3 बजे से लोगों का आना और इतनी बड़ी विराट रेली करना। मेरी नजर जहां पहुंचती है, ऐसा लग रहा है जैसे केसरिया समंदर लहरा रहा है। ये दृश्य अपने आप में 23 तारीख को नतीजे क्या आने वाले हैं। उसकी गारंटी यहां दिखाई दे रही है। आज महाराष्ट्र के कोने-कोने से एक ही आवाज आ रही है-
भाजपा-महायुति //आहे//
तर गति आहे//
महाराष्ट्राची// प्रगति आहे//

साथियों,

आज क्रांतिगुरू लहुजी वस्ताद सालवे जी की जन्म जयंती भी है। मै उनको नमन करता हूँ। आज इस अवसर पर मैं महाराष्ट्र के सपूत लोकनेता दि.बा.पाटिल जी को भी श्रद्धांजलि देता हूं। उनका त्याग और बलिदान, उनका परिश्रम हमें महाराष्ट्र के संकल्पों को पूरा करने के लिए नित नयी ऊर्जा देता है।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमें स्वराज की शपथ दिलाई थी। हमें विकसित भारत के निर्माण के लिए स्वराज के साथ-साथ सुराज के संकल्प को आगे बढ़ाना है। और सुराज का संकल्प तब पूरा होगा जब हमारा गरीब आगे बढ़ेगा। इस संकल्प की सिद्धि का काम केवल बीजेपी और महायुति सरकार ही कर सकती है। आप भी जानते हैं काँग्रेस पार्टी ने तो हमेशा गरीब को गरीब बनाए रखने के एजेंडे पर ही काम किया है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग केवल गरीबी हटाओ का झूठा नारा देते रहे। गरीबी हटाओ के नारे के नाम पर कांग्रेस ने गरीबों को ही लूट लिया। इसीलिए, मेरा गरीब जिंदगी की मुश्किलों से बाहर ही नहीं आ पाया! रोटी, कपड़ा, मकान आज़ादी के 70 साल बाद भी देश के ज़्यादातर लोग इसी को पाने में जूझते रहे। पिछले 10 वर्षों में पहली बार ये हालात बदले हैं। पहली बार कोई सरकार 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाई है। हमने 4 करोड़ बेघर लोगों को पहली बार पक्के मकान का सुख दिया, सुरक्षा दी। हमने 12 करोड़ गरीबों के घर में शौचालय बनवाकर उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार दिया। जल जीवन मिशन चलाकर हमने 12 करोड़ घरों में पहली बार पाइप से पानी पहुंचाया। आज देश में करीब-करीब हर व्यक्ति के पास अपना बैंक खाता है। रेहड़ी पटरी वाला व्यक्ति भी, एक मेहनतकश मजदूर भी अब मोबाइल पर यूपीआई से पेमेंट कर रहा है। गरीब अब खुद भी आगे बढ़ रहा है, देश को भी आगे बढ़ा रहा है। और इन योजनाओं का सबसे बड़ा लाभार्थी कौन है? इसका सबसे बड़ा लाभार्थी है, हमारा दलित समाज, हमारा आदिवासी समाज, हमारा पिछड़ा समाज, हमारे वंचित समुदाय के लोग। महायुति सरकार की नीतियाँ आज शोषियों-वंचितों की ताकत बन रही हैं।

भाइयों बहनों,

जो काम 10 साल में हुए, वो पहले भी हो सकते थे। लेकिन, काँग्रेस की सरकारों की मंशा ही नहीं थी कि गरीब आगे आकर अपना हक मांगे। इसीलिए, आज भी काँग्रेस ऐसी हर योजना का, जो गरीबों के लिए कल्याणकारी हो, जो नागरिकों के लिए सुविधा की हो, जो मध्यम वर्ग को सुखचैन की जिंदगी देने वाली हो, ऐसी हर योजना का कांग्रेस जमकर विरोध करती है। आप देखिए, हम देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त राशन पहुंचा रहे हैं। यहाँ रायगढ़ में भी करीब 18 लाख लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। अब मुझे बताइए भैया इस काम से किसी का भी विरोध हो सकता है क्या। हो सकता है क्या। गरीब के घर चुल्हा जले हमें खुशी होगी की नहीं होगी। मैं आपसे पूछना चाहता हूं। खुशी होगी की नहीं होगी। अगर गरीब का भला होता है तो आपको खुशी होगी की नहीं होगी। लेकिन, काँग्रेस पार्टी को नहीं होती है। कांग्रेस पार्टी क्या कहती है। काँग्रेस कहती है कि जो 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, उन्हें राशन क्यों मिल रहा है? काँग्रेस चाहती है कि इन लोगों का खर्च बढ़े, और ये फिर से गरीबी में चले जाएँ। अगर अघाड़ी वालों को मौका मिला, तो ये महाराष्ट्र में यही करेंगे। इतना ही नहीं हमें तो सवाल पूछा जा रहा है कि गरीबों को मुफ्त राशन क्यों दे रहे हो। लेकिन आज कांग्रेस के एक नेता ने झारखंड में घोषणा की है आप सुनकर की चौंक जाएंगे, उसने झारखंड में घोषणा की है कि वे सस्ते गैस सिलेंडर हिंदुओं को देंगे, मुसलमानों को देंगे और आगे क्या कहते हैं, जो घूसपैठिए हैं उनको भी देंगे। आप मुझे बताइए भाई ये जो घुसपैठियों की आरती उतारते हैं। क्या ऐसे लोगों को देश में कहीं पर भी अवसर मिलना चाहिए क्या। जरा दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बताइए, ऐसे लोगों को कहीं पर भी अवसर मिलना चाहिए क्या। खुलेआम उनका एक नेता घोषणा कर रहा है कि जो घुसपैठिए हैं रोहिंग्या हैं, बांग्लादेशी है उनको हम सस्ते में गैस सिलेंडर देंगे। ये वोट पाने के लिए देश के साथ आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के साथ कैसा खेल खेल रहे हैं। इसका ये उदाहरण है। इसलिए हमें ध्यान रखना है कि कांग्रेस वोटबैंक की राजनीति करने में तो अग्रिम है, लेकिन गरीब की दुश्मन है, इसलिए कांग्रेस से रोकने के बड़े जिम्मेदारी भी मेरे गरीब भाई-बहनों की भी है।

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साथियों,

बीजेपी और महायुति सरकार के लिए महाराष्ट्र का विकास ही पहली प्राथमिकता है। हम महाराष्ट्र के उज्जवल भविष्य का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं। पिछली सरकारों ने जो काम नामुमकिन बना दिये थे, हमने उन्हें धरातल पर उतारकर दिखाया है। मुंबई में अटल सेतु बना। अटल सेतु से रायगढ़ भी नई संभावनाओं से जुड़ गया है। अब रायगढ़ से मुंबई जाना पहले से कहीं आसान हो गया है। इसी तरह 20 हजार करोड़ रुपए की लगात से बन रहा नवी मुंबई एयरपोर्ट, 80 हजार करोड़ की लागत से बन रहा वाढ़वण पोर्ट, लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का समृद्धि महामार्ग, मुंबई कोस्टल हाईवे, मुबई एक्सप्रेसवे, पनवेल से करजत तक के रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम इनसे पूरे महाराष्ट्र की तस्वीर बदल रही है। इनसे पूरे महाराष्ट्र की तकदीर बदल रही है।

भाइयों और बहनों,

आज हमारा रायगढ़, विकास की नई गाथा लिख रहा है।

आप देखिए, तालोजा में 30 हजार करोड़ की लागत से डेटा सेक्टर पार्क एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पार्क बन रहा है। रायगढ़ पनवेल आने वाले दिनों में डेटा और AI का बड़ा केंद्र बनने वाला है। कलम्बोल में सेंटर आफ एक्सिलेंस बनाया जा रहा है। यहाँ स्किल यूनिवर्सिटी भी खुल रही है। पनवेल में सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी बहुत बड़ा निवेश आ रहा है। पालघर पोर्ट और जेएनपीटी पोर्ट से भी नए रास्ते खुलेंगे। यानी, पनवेल, रायगढ़ और ये क्षेत्र भविष्य की संभावनाओं का नया सेंटर बनकर उभर रहा है। इससे महाराष्ट्र के युवाओं के लिए रोजगार के लाखों नए अवसर बनेंगे। महाराष्ट्र विकसित भारत का सबसे प्रमुख ग्रोथ इंजन बनेगा।

साथियों,

पनवेल, रायगढ़ का ये पूरा इलाका समुद्री संपदा से भरपूर है। हमारी सरकार कोस्टल इकोनामी को सशक्त कर रही है। अपने मछुआरे भाई बहनों के लिए काम कर रही है। हमारे मछुवारे साथियों की आमदनी बढ़े। उन्हें समुद्र में कम से कम मुश्किलें हों। इसके लिए आधुनिक बोट से लेकर, आधुनिक नैविगेशन तक की व्यवस्था की गयी है। पीएम मत्स्य संपदा योजना के जरिए मछुवारों को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी गई है। हमने मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा है। प्रदेश की महायुति सरकार भी महादेव कोली और आगरी समाज के लिए कई योजनाएं चला रही है। लगभग 450 करोड़ रुपए की लागत से कोंकण में 3 नये बंदरगाह भी बनाए जा रहे है। जीवना, हरणाई और साखरनाते में बनाये जा रहे ये बंदरगाह हमारे मछुवारे भाई बहनों की आमदनी बढायेंगे। इन सारे प्रयासों से ब्लू इकॉनॉमी को भी बढ़ावा मिलेगा।

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साथियों,

आज हमारा भारत हर क्षेत्र में प्रगति के नए रिकॉर्ड बना रहा है। क्योंकि, आज देश में महिलाओं को आगे बढ़ाने वाली सरकार, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। हमारी सरकार ने गरीबों को घर देने के लिए पीएम आवास योजना शुरू की। हमने तय किया कि इस योजना के तहत मिलने वाले घरों की रजिस्ट्री घर की महिलाओं के नाम भी होगी। हमने देश भर में शौचालय बनवाए। ये काँग्रेस वाले उसका मज़ाक उड़ाते थे। लेकिन, आज वही शौचालय करोड़ों माताओं बहनों के लिए इज्जतघर का काम कर रहे हैं।

साथियों,

हमारी बहनें देश की आर्थिक प्रगति को गति दे रही हैं। केंद्र सरकार की मुद्रा लोन योजना का लाभ भी करोड़ों महिलाओं को मिल रहा है। अब, हम 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। और 3 करोड़ लखपति दीदी बनने का मतलब ये वन टाइम नहीं है। हर वर्ष उस दीदी की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से ज्यादा हो ऐसी व्यवस्था ये काम 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का सपना है मेरा। ड्रोन जैसी नई टेक्नालजी आज हमारे देश में जिसकी चर्चा है। इसका लाभ भी हमारी महिलाओं को मिले, इसके लिए ड्रोन दीदी योजना का काम चल रहा है। माताओं बहनों, महाराष्ट्र में महायुति सरकार महिलाओं को डबल लाभ दे रही है। इसका उदाहरण है -महाराष्ट्र की माझी लाडकी बहिन योजना! और इससे आपके खर्चों में मदद मिलती है, अपने काम को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। लेकिन, काँग्रेस और अघाड़ी वाले बहनों के लिए ये जो योजना बनी है, इसका भी विरोध कर रही है। इनके लोग इस योजना को रुकवाने के लिए कोर्ट तक चले गए थे। आप सोचिए., अघाड़ी वालों के इरादे कितने खतरनाक हैं। इसीलिए, मैं माताओं-बहनों को विशेष आग्रह से करता हूं, ये आपके भविष्य के हर चीज को रोकने के लिए इंतजार करते बैठे हुए हैं। और इसलिए अघाड़ी वालों को मौका न मिले, ये महाराष्ट्र की महिलाओं ने ठान लिया है। और मुझे विश्वास है कि जब महिलाएं ठान लेती हैं, तो मैं नहीं मानता हूं कि ये कांग्रेस अघाड़ी वालों के लिए किसी के दरवाजे तक पहुंचने की हिम्मत रहेगी।

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साथियों,

देश अब काँग्रेस की सच्चाई जान चुका है। इसीलिए, अब ज़्यादातर राज्य में काँग्रेस का वजूद तक खतरे में है। काँग्रेस अपना वजूद बचाने के लिए, सत्ता पाने के लिए कुछ भी करेगी। इसीलिए, काँग्रेस पार्टी अब समाज में जहर घोलने पर उतर आई है। इन्हें सबसे ज्यादा खतरा ST-SC-OBC के ताकतवर होने से, उनके आगे बढ़ने से कांग्रेस कांप जाती है, गुस्से में आ जाती है। काँग्रेस की मंशा है, दलित, आदिवासी, पिछड़ा जो आज उसकी पहचान बनी है, संगठित ताकत बनी है। वो जातियों में बिखर जाए। जाती-जाती के बीच टक्कर शुरू हो जाए और ओबीसी कमजोर हो जाए! एसटी कमजोर हो जाए! एससी कमजोर हो जाए! कॉंग्रेस फिर से पुराने जमाने की तरह अपनी जड़ें जमा ले! दलित, पिछड़ा, आदिवासी आपस में अगर एक नहीं रहेंगे। अगर कांग्रेस की झूठी बातों में भ्रमित हो गए तो कांग्रेस इन सभी समाजों को तोड़ दे करके, बिखेर दे करके वो सत्ता पाने का मौका ढूंढ लेगी। इनके शहजादे विदेश में कह चुके हैं कि उन्हें मौका मिला तो वो आरक्षण को भी खत्म करेंगे। इसीलिए, आज काँग्रेस ST-SC-OBC की एकता को एकजुटता को तोड़ने में जुटी है। कांग्रेस चाहती है, ST की जातियां आपस में लड़ें। कांग्रेस चाहती है, SC की जातियां आपस में झगड़ा करें, कांग्रेस चाहती है, OBC जातियों में आपस में टकराव हो जाए। इसलिए कांग्रेस आगरी को जाति को माली से लड़वाना चाहते हैं। ये लोग तांडेल जाति को कुंभार से लड़वाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। हर समाज में भी ये जाति के आधार पर विद्वेष पैदा करना चाहते हैं। मेरे प्यारे भाई-बहनों हमें इस षड्यंत्र से सावधान रहना है। हमें याद रखना है- हम एक हैं, तो सेफ हैं। हम एक हैं, तो सेफ हैं। पूरी ताकत से हाथ ऊपर करके बोलिए, ताकी समाज को तोड़ने वालों की नींद हराम हो जाए। हम एक हैं, तो सेफ हैं। हम एक हैं, तो सेफ हैं। हम एक हैं, तो सेफ हैं।

साथियों,

आप इस चुनाव में केवल अपना विधायक नहीं चुनेंगे। बल्कि, आप महाराष्ट्र का भविष्य भी तय करेंगे। महाराष्ट्र का भविष्य महायुति सरकार के हाथों में सुरक्षित है। आपको याद रखना है- महायुतीचीच सरकार पाहिजे. आप इतनी बड़ी तादाद में आए, हमें आशीर्वाद दिया, मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए।

भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • Dr srushti March 28, 2025

    namo
  • Dheeraj Thakur March 05, 2025

    जय श्री राम जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur March 05, 2025

    जय श्री राम
  • pankaj sharma January 21, 2025

    Modi
  • pankaj sharma January 21, 2025

    Namo
  • pankaj sharma January 21, 2025

    Yes
  • amar nath pandey January 02, 2025

    Jai
  • MAHESWARI K December 19, 2024

    Jai kishan
  • Vishal Seth December 17, 2024

    जय श्री राम
  • krishangopal sharma Bjp December 12, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।