If someone even by mistake presses the button for RJD, Congress or INDI alliance, his vote is sure to be wasted: PM Modi in Hajipur
The priority of RJD and Congress is not you, the people, but their own vote bank, says PM Modi while addressing the public in Hajipur

हाजीपुर, बिहार

भारत माता की जय

भारत माता की जय

भारत माता की जय

पूरा दुनिया के गणतंत्र के मतलब बतावे...आ सिखावे वाला हाजीपुर के ई महान धरती के...परनाम करइत हती। आज देश में चौथे चरण के लिए मतदान हो रहा है। मेरा सभी मतदाताओं से अनुरोध है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोटिंग करें। ये चुनाव, लोकतंत्र का एक महापर्व होता हैं...और ज्यादा मतदान, इसकी शोभा और बढ़ा देता है और आपका एक-एक वोट लोकतंत्र का गहना बन जाता है।

साथियों,

ये भगवान महावीर की धरती है...ये भगवान बुद्ध की धरती है..और ये वो धरती है, जहां लोकतंत्र की भी जड़ें हैं...और ये वो धरती है जहां रामचौरा मंदिर भी है...मान्यता है कि यहां हमारे प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे। इसलिए हाजीपुर आकर आपसे आशीर्वाद लेना...मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है।

साथियों,

ये पहला लोकसभा चुनाव है जब हम स्वर्गीय रामविलास पासवान जी की अनुपस्थिति में लड़ रहे हैं। रामविलास जी, सामाजिक न्याय के सच्चे साधक थे और हाजीपुर के प्रति उनका लगाव और समर्पण हमेशा याद रहेगा। हाजीपुर के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए हम सब संकल्पबद्ध हैं।

साथियों,

4 जून बहुत दूर नहीं है। 4 जून को सुबह के इस समय सबकी नजर टीवी पर होगी...रेडियो पर होगी। सोशल मीडिया खंगालते होंगे और आप जो आशीर्वाद दे रहे हैं। वो 4 जून को एक के बाद एक भाजपा-एनडीए के विजय की ओर आगे बढ़ता जाएगा और चुनाव के परिणाम क्या कहेंगे....? चुनाव के परिणाम क्या कहेंगे....? फिर एक बार....मोदी सरकार ! फिर एक बार....मोदी सरकार ! फिर एक बार....मोदी सरकार !

एनडीए को दिया आपका वोट केंद्र में मोदी की मजबूत सरकार बनाएगा। RJD…कांग्रेस...या इंडी अलायंस को तो किसी ने गलती से भी बटन दबा दिया ना तो उसका वोट बेकार जाना तय है और बिहार के लोग तो समझदार हैं, वो बेकार जाने वाली चीज कभी करते ही नहीं है। इसलिए अपना वोट सरकार बनाने के लिए दीजिए, देश बनाने के लिए दीजिए, आपके भविष्य के लिए, आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए दीजिए। आपका वोट एनडीए को दीजिए।

साथियों,

बिहार के लोगों के सामर्थ्य औऱ समझदारी का मैं बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन मुझे ये देखकर दुख भी होता है कि सामाजिक न्याय के नाम पर लालटेन वालों ने बिहार में कितनी अंधेरगर्दी फैलाई। इन लोगों ने बिहार के लोगों को गरीबी और अभाव में धकेल दिया, जंगलराज दिया। इन लोगों ने सबको बर्बाद किया और खुद अपने आलीशान महल खड़े कर लिए। क्या ऐसे लोग बिहार का कभी भला कर सकते हैं? आरजेडी-कांग्रेस में बिहार को आगे बढ़ाने की इच्छाशक्ति ही नहीं है। वो तो सोच रहे हैं अभी जितना समय बचा है खुद का, जितना लूट सको लूट लो। वो अपने बच्चों को सेट करने में लगे हैं, उनको आपके बच्चों की परवाह नहीं है। आप लोग यहां एक कहावत कहते हैं ना...ना नीमन गितिया गाइब...ना मड़वा में जाइब...आरजेडी-कांग्रेस का हाल यही है। ये लोग विकास के कार्यों से भागते हैं, क्योंकि उसमें मेहनत लगती है...खुद को खपाना होता है। इन लोगों के नकारेपन ने बिहार के कई अमूल्य दशक बर्बाद किए हैं। ऐसे लोगों से हमें बिहार को बचाकर रखना है।

भाइयों और बहनों,

RJD हो, कांग्रेस हो, इन दोनों पार्टियों ने अब तुष्टिकरण को अपना सबसे बड़ा राजनीतिक हथियार बनाया है। आजकल आप देखते होंगे...इंडी-अलायंस का हर दल, राम मंदिर के लिए भद्दी-भद्दी बातें कर रहा है। राम मंदिर को गाली देकर, उसका बहिष्कार करके ये आपको चिढ़ा रहे हैं। क्या ऐसे लोगों को आप माफ करेंगे? ऐसे लोगों को कोई माफ कर सकता है क्या।

साथियों,

आरजेडी-कांग्रेस की प्राथमिकता, आप लोग नहीं, बल्कि उनका अपना वोट बैंक है। अभी आपने सुना होगा...बिहार में जंगलराज लाने वाले जो व्यक्ति हैं...जो चारा घोटाले में अदालत ने सजा की हुई है...गुनहगार माना है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण दिया जाना चाहिए...वो भी पूरा का पूरा। यानि दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों को मिलने वाला पूरा आरक्षण...ये अब सिर्फ मुसलमानों को देना चाहते हैं।

भाइयों-बहनों,

मैं भी आपकी तरह अति पिछड़े समाज से आता हूं। मैं जानता हूं ऐसा सुनकर के उनकी बेचौनी कितनी बढ़ जाती है। उनको लगता है कि हमारा तो भविष्य ही डूब जाएगा। हमारे दलित भाई-बहन, हमारे आदिवासी भाई-बहन, हमारे पिछ़ड़े, हमारे अति पिछड़े, अगर धर्म के आधार पर आरक्षण के नाम पर, उनको बाबासाहेब और संविधान ने जो अधिकार दिया है, अगर वो लूट लिया जाएगा, तो इनकी तो आने वाली सारी पीढ़ियां बर्बाद हो जाएंगी। लेकिन इन्हें ना को बाबासाहेब की परवाह है और ना इन्हें संविधान की परवाह है, क्या बिहार का दलित हो, पिछ़ड़ा हो, आदिवासी हो, ये हमारे समाज के लोग अपना हक आरजेडी-कांग्रेस वालों को छीनने देंगे क्या? छीनने देंगे क्या? मैं आपको गारंटी देता हूं, जब तक मोदी जिंदा है, ये आपके अधिकारों पर डाका नहीं डाल सकते। ये आपके आरक्षण को छीन नहीं सकते। वो समझ लें, वो वक्त चला गया, जब आपने महिलाओं को मिलने वाले आरक्षण के कागज फाड़ दिए थे। आगे अगर ऐसी कोई कोशिश करेंगे तो लेने के देने पड़ जाएंगे।

साथियों,

ये बीजेपी है, एनडीए है, जो सामाजिक न्याय की पहरेदार है। आज देश में SC/ST/OBC के सबसे अधिक MP/MLA ये बीजेपी-NDA के हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में 60 परसेंट मंत्री, इन्हीं वर्गों के हैं। इतना ही नहीं, 2014 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने एक दलित के बेटे, रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति बनाया। और अब आज आदिवासी समाज की बेटी, द्रौपदी मुर्मू जी, हमारे देश की राष्ट्रपति होने के नाते हमारा मार्गदर्शन कर रही है। ये होती है भागीदारी। ये होता है सबका साथ-सबका विकास का मंत्र।

भाइयों और बहनों

कांग्रेस-आरजेडी ने मिलकर बिहार की अनेक पीढ़ियों को उनके सपनों को तबाह किया है। आज जब यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें आशीर्वाद देने आई हैं। 40 साल से लटका हुए एक मामला, आरजेडी वालों ने पार्लियामेंट में जिन कागजों को छीन करके फाड़ दिया था। वो मामला था इस देश की माताओं-बहनों को पार्लियामेंट में असेंबली में अधिकार देने का, आरक्षण देने का। अब इसके कारण, आरजेडी और कांग्रेस की विकृत मानसिकता के कारण महिलाओं को वो अधिकार नहीं मिला। ये आपका भाई, आपका बेटा, आपने जब मुझे वहां सेवा करने के लिए भेजा ना, नई संसद बनते ही महिलाओं के लिए आरक्षण का काम पूरा कर दिया। ये आरजेडी वाले इसके विरोधी हैं। ये दोबारा कोशिश की आने की तो ये भी छीन लेंगे मान के चलिए।

RJD के राज में यहां सिर्फ अपहरण और फिरौती उद्योग ही फला-फूला। हाजीपुर ने तो देखा है, कैसे उद्योग-धंधे सब चौपट हो गए...आरजेडी-कांग्रेस ने बिहार को सिर्फ पलायन दिया....बिहार को सिर्फ तबाही दी।

साथियों,

मोदी, विकसित बिहार...विकसित भारत के संकल्प को लेकर निकला है। और मोदी का, NDA का ट्रैक रिकॉर्ड क्या है? हमारा ट्रैक रिकॉर्ड भ्रष्टाचारियों को खोजकर सजा देने का है। मैं देश को, आप लोगों को एक आंकड़ा देता हूं...आप लोग ध्यान से सुनेंगे? ये आपको काम आएगा। ये जो टीवी पर आप नोटों के पहाड़ देखते हैं ना, ये राजनेताओं के यहां से पकड़े जाते हैं, ये गरीब का पैसा है और गरीब के पैसों की लूट मुझे सोने नहीं देती है।

जब केंद्र में आरजेडी और कांग्रेस वाले सरकार चलाते थे तो ED ने उस समय 10 साल में कितना रुपया जब्त किया था...पता है आपको? कांग्रेस के 10 साल में ED ने जब्त किया था सिर्फ 35 लाख रुपए नकद...अब ये इतना ही रुपया है जितना आपके बच्चे के स्कूल बैग में आ जाए। स्कूल बैग में भर जाए उतना पैसा जब्त किया था और चोरी करने वाले चारी कर रहे थे। मोदी ने जिन्होंने गरीबों के यहां से पैसा लूटा है, उनके यहां सर्च की और मोदी ने अपने 10 साल में भ्रष्टाचारियों से कितना रुपया जब्त किया? 2200 करोड़ रुपया जब्त किया। इतने पैसे को रखने के लिए करीब-करीब 70 छोटे ट्रकों की जरूरत होती है। सोचिए, स्कूल बैग बराबर पैसा और 70 ट्रक बराबर पैसा...आज चोरों की नींद उड़ गई है इसलिए मोदी को गाली दे रहे हैं।

साथियों,

इन लोगों ने आपको लूट कर...नौकरी के बदले जमीनें लिखवाकर...दिल्ली और देश में जो जायदाद बनाई है...वो सब अब एजेंसियों ने जब्त कर ली है। और मैं आपको भरोसा गारंटी देता हूं- जिसने गरीब से जमीन छीनी है, वो बचकर जा नहीं पाएगा।

साथियों,

मोदी के सेवाकाल में भारत में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है।
और जब अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है तो उतने ही रोजगार के भी मौके पैदा होते हैं। पिछले 10 साल में बिहार में 1400 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं। बिहार में 400 से अधिक रेलवे फ्लाईओवर और अंडरपास बने हैं...कोई मुझे बताइए, बिना रोजगार के कोई काम हुआ होगा क्या? छू मंतर करके जैसे रूपये ले जाते हैं, वैसा पुलिया भी बन जाती होगी क्या? किसी को रोजगार मिला होगा, तब जाकर बना होगा ना। पिछले 10 साल में बिहार में 3300 किलोमीटर के नेशनल हाईवे बने हैं। कोई मुझे बताए 3300 किलोमीटर के हाईवे क्या ये बिना रोजगार दिए बन जाते हैं क्या। लगातार चौड़े हो रहे हाईवे हों...एक्सप्रेसवें हों...बिहार में खाद कारखाने का काम हो...थर्मल पावर प्लांट हो, गंगा नदी पर बन रहे अनेकों बड़े पुल हों...पटना मेट्रो में चल रहा कार्य हो, नैचुलर गैस का नेटवर्क हो...गांव-गांव तक उज्ज्वला की गैस पहुंचाने का नेटवर्क हो...ये सब रोजगार की गारंटी होते हैं, रोजगार की गारंटी। लेकिन जो अपने बाप-दादा की कमाई खा कर जीते हैं उनको रोजगार क्या होता है, उसकी समझ तक नहीं है। अभी मोदी ने तय किया है कि बिहार के 90 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाया जाएगा...क्या ये बिना रोजगार पैदा किए होगा? पिछले 10 साल में मोदी ने देश में 4 करोड़ पक्के घर बनाकर गरीबों को दिए हैं। अकेले बिहार में ही 40 लाख पक्के घर बनवाए गए हैं...इन घरों के लिए जो सीमेंट-सरिया आया है, ईंट-बालू आया है...वो भी मोहल्ले की दुकान से ही गया है। इन सबका लाभ बिहार के नौजवानों को ही तो हुआ है...उन्हें रोजगार के, व्यापार-कारोबार के नए अवसर मिले हैं।

साथियों,

मोदी के वारिस, मोदी के वारिस कौन हैं? है आपके पास कोई नाम, मोदी जिसको देकर के जाएगा। कोई नाम नहीं है क्या, मोदी के वारिस आप हैं। मोदी के वारिस आपका परिवार है। मोदी के वारिश आपके बच्चे हैं। और मुझे वारिस में आपको सबकुछ देकर के जाना है। मुझे आपको सुख-चैन की जिंदगी देकर जाना है। मुझे आपको और आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी देकर जाना है। मुझे आपको विकसित भारत आपके हाथ में सौंपकर जाना है। इसलिए मैं हर कोशिश कर रहा हूं कि युवाओं के हर सपने पूरे हों...वो हर काम कर सकें। अपने सारे सपनों को सिद्ध कर सकें।

सिर्फ मुद्रा योजना से ही बिहार में ढाई लाख करोड़ रुपए की मदद युवाओं को दी गई है। और वो भी मोदी की गारंटी पर। इन युवाओं से गारंटी नहीं मांगी उनसे उनकी संपत्ति का हिसाब नहीं मांगा। मोदी को बिहार के नौजवानों पर भरोसा है। उनको मैं रुपए दूंगा वो डबल कर देंगे और बैंक का लोन भी वापस कर देंगे, ये मेरा भरोसा है। ये 3 लाख करोड़ रुपए यहां दलित-पिछड़े-अतिपिछड़े युवाओं को मिले हैं, महिलाओं को मिले हैं...इससे यहां लाखों काम शुरु हुए हैं। यहां वैशाली सहित, पूरे बिहार में टूरिज्म आधारित रोजगार की अद्भुत संभावनाएं हैं। यहां बुद्ध सर्किट योजना के तहत काम चल रहा है। इससे भी इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

साथियों,

विकसित बिहार-विकसित भारत के लिए आपको 20 मई को ज्यादा से ज्यादा मतदान करना है। ज्यादा से ज्यादा मतदान करोगे। पुराने रिकॉर्ड तोड़ेंगे। रामविलास को जितने वोट मिले हैं, मुझे चिराग के लिए उससे ज्यादा वोट चाहिए। रामविलास जी की आत्मा को चिराग के जीतने से शांति नहीं होगी। रामविलास जी को मिले वोट से ज्यादा वोट मिलेंगे, तब जाकर के रामविलास जी को शांति होगी। और इसलिए इस बार जब आप वोट देंगे ना तो एक वोट की ताकत है आपके, चिराग का जीतना और उसी वोट की आत्मा है, रामविलास को श्रद्धांजलि।

भाइयों-बहनों,

मैं चिराग के लिए इसलिए नहीं आया कि उसको मुझे जीताना है। वह तो जीतने वाला ही है। मैं यहां आया हूं। रामविलास जी का कर्ज चुकाने के लिए। मेरे साथी रहे हैं रामविलास जी और इसलिए मैं यहां आया हूं। मुझे मालूम है, यहां का परिणाम आप लोगों ने तय कर लिया है। चिराग के प्रति मेरा प्यार इसलिए है। मैं आम तौर पर पब्लिकली बोलता नहीं, लेकिन आज बोल देता हूं। चिराग जब पहली बार पार्लियामेंट में आए, तो मैं तो इतना ही जानता था कि रामविलास जी के बेटे हैं। लेकिन मैं देखता था कि उनके व्यवहार में रामविलास जी के बेटे होने के गुरूर का नामो-निशान नहीं था। ये बहुत बड़ी बात है और मैं इसके लिए मैं उनकी माता जी को सारे क्रेडिट देता हूं। आपने इसको ऐसा संस्कार दिया, गुरूर का नामोनिशान नहीं। दूसरी बात मैंने एक बार हमारी कैबिनेट में कही थी। शायद चिराग को भी पता नहीं होगा। रामविलास जी कैबिनेट में थे। मैंने कहा, मैं देखता हूं कि चिराग जब पार्लियामेंट चलती है। वह पूरे दिन सदन में बैठता था। सॉरी मैं थोड़ा तू-तारी कर देता हूं, क्योंकि मैंने उसको बेटे की तरह देखा है, वरना वो हमारे माननीय सांसद हैं। पूरा समय वह पार्लियामेंट में बैठते थे 2014 से 2019. मैंने कैबिनेट में कहा, इस बच्चे में सीखने की जनने की इतनी लगन है, वह एक एमपी के रूप में इतना कोशिश कर रहा है सीखने की। मैं मानता हूं कि एक सांसद के रूप में चिराग सफल सांसद है। आपके बिहार के सच्चे प्रतिनिधि हैं और इसलिए आप जब चिराग को वोट देंगे ना, तो वो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।

जरा सब बताइए मेरा एक काम करेंगे , चिराग की बात करता हूं तो बड़ा उत्साह आ जाता है। मेरी बात करता हूं तो थके पड़ जाते हो। जरा हाथ ऊपर करके बताइए मेरा काम करोगे। देखिए यहां से जाने के बाद ज्यादा से ज्यादा घरों में जाइए, ज्यादा से ज्यादा परिवार में जाइए और जाकर के कहिए कि मोदी जी आए थे। उन्होंने आपको जय श्री राम कहा है। मेरा जय श्री राम पहुंचा दीजिएगा। मेरा जय श्री राम पहुंचा दीजिएगा।

भारत माता की जय

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भारत माता की जय

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!