QuoteGovernment will keep taking decisions to achieve the goal of 5 trillion dollar economy: PM Modi
QuoteThis year’s Budget has given utmost thrust to Manufacturing and Ease of Doing Business: PM
QuoteGeM has made it easier for small enterprises to sell goods to the government, says PM

हर-हर महादेव !!

भारी संख्या में यहां पधारे हुए बुनकर और कारीगर बहनों और भाइयों !!

काशी में ये मेरा आज का तीसरा कार्यक्रम है। सबसे पहले मैं आध्यात्म के कुंभ में था। फिर आधुनिकता के कुंभ में गया, बनारस के लिए सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया और अब मैं एक प्रकार से स्वरोजगार के इस कुंभ में पहुंच गया हूं।

यहां भांति-भांति के शिल्पकार, कलाकार एक ही छत के नीचे उनके दर्शन करने का मुझे सौभाग्य मिला है। एक-एक धागे को जोड़कर, मिट्टी के एक-एक कण को गढ़कर बेहतरीन निर्माण करने वालों से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चलाने वाले एक ही छत के नीचे बैठे हैं। ऐसा दृष्य मन को आनंदित करता है, एक नया विश्वास पैदा करता है उत्साह बढ़ा देता है। सच में काशी एक है, लेकिन इसके रूप अनेक हैं।

मैं योगी जी और उनकी पूरी टीम की इस आयोजन के लिए प्रशंसा करता हूं। यूपी के उत्पादों को देश-विदेश के बाजारों तक पहुंचाने, उनको दुनिया के व्यापक ऑनलाइन बाज़ार पर उपलब्ध कराने का ये जो प्रयास है, इससे पूरे देश को लाभ होने वाला है। यही नहीं, हमारे बुनकर साथियों को, दूसरे हस्तशिल्पियों को जो मशीनें दी जा रहीं हैं, बैंकों से जो लोन दिया जा रहा हैं, उनके जीवन को आसान बनाने के लिए अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं, ये सारी बातें बहुत-बहुत सराहनीय हैं। आज भी जिनको ये सुविधाएं यहां मिली हैं, ऐसे तमाम साथियों को मैं बहुत बधाई भी देता हूं, बहुत शुभकामनाएं भी देता हूं।

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साथियों, भारत की हमेशा से ही ये शक्ति रही है कि यहां के हर क्षेत्र, हर जिले की पहचान से कोई ना कोई विशेष कला, विशेष आर्ट और विशेष उत्पाद जुड़ा रहा है। ये सदियों से हमारे यहां परंपरा रही है और हमारे व्यापारियों-कारोबारियों ने इस परंपरा का प्रचार-प्रसार भी पूरी दुनिया में किया है। अलग-अलग तरह के मसाले, अलग-अलग तरह का सिल्क, कहीं कॉटन, कहीं पशमीना, कहीं मिनरल्‍स ना जाने क्या नही है भंडार-भंडार ही भरे पड़े है। हमारे हर जिले के पास एक प्रोडक्ट है और हर प्रोडक्ट की अपनी एक विशेषता है उसकी अपनी एक कहानी है। हमारे आदिवासी अंचलों में भी बेहतरीन आर्टिस्टिक प्रॉडक्ट बनाए जा रहे हैं। यही नहीं, ऐसे अनेक हैंडिक्राफ्ट्स हैं, ऐसे अनेक उद्योग हैं, जो पारंपरिक हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाए जा रहे हैं। और यही मेक इन इंडिया और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट जैसे विचारों के पीछे की सबसे बड़ी प्रेरणा है। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के पीछे भी भारत का यही सामर्थ्य है।

साथियों, हमारे पास संसाधनों की और कौशल की कभी कमी नहीं रही है, बस एक व्यापक सोच के साथ काम करने की जरूरत है। ज़रूरत बस इस कहानी को दुनिया तक पहुंचाने की है। उत्तर प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, इस काम में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। मुझे बताया गया है कि UPID द्वारा पिछले 2 वर्षों में, 30 जिलों के 3500 से ज्यादा शिल्पकारों, बुनकरों को डिजाइन में सहायता दी गई है। क्राफ्ट से जुड़े उत्पादों में सुधार के लिए एक हजार कलाकारों को tool kit भी दिए गए हैं। Buyers-Sellers meet के जरिए, शिल्पकारों-बुनकरों के कॉन्क्लेव के जरिए, टूल किट देकर, अनेकों वर्कशॉप आयोजित करके UPID ने हजारों कलाकारों को अपना कारोबार बढ़ाने में भी और अपने कारोबार में नयापन लाने में भी बहुत बड़ी मदद की है। दुनिया में क्राफ्ट और शिल्पकारी में जो कुछ चल रहा है, यूपी के कलाकारों के लिए UPID उसका एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बन रहा है।

साथियों, यहां आने से पहले मैं वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट से जुड़ी एक बहुत शानदार प्रदर्शनी को भी देखकर आया हूं, और मेरा आपसे भी आग्रह है कि इस प्रदर्शनी को बारिकी से जरूर देखिए आप। यूपी के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों का शानदार कलेक्शन वहां है। वहां दोना-पत्तल बनाने वाले कारीगरों को आधुनिक मशीनें भी दी गईं हैं और उनका आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था।

साथियों, अब जब भारत ने 2022 तक सिंगलयूज़ प्लास्टिक से मुक्ति का संकल्प लिया है, पूरी दुनिया प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ रही है। ऐसे समय में हमारे environment friendly समाधान, हम पूरी देश के साथ-साथ पूरी दुनिया के साथ साझा कर सकते हैं।

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साथियों, ज़रूरत बस अपनी इस पुरातन परंपरा को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के हिसाब से ढालने की जरूरत है। अपने उत्पादों को और परिष्कृत करने- refine करने, उसमें समय के हिसाब से जरूरी बदलाव लाने, quality product बनाने की है। और ये तभी संभव है जब परंपरा से चल रहे इन उद्योगों को हम संस्थागत सपोर्ट दें। जब बदलती दुनिया, बदलते समय, बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी ज़रूरी बदलाव करें। इसके लिए इन पारंपरिक उद्योगों से जुड़े साथियों को ट्रेनिंग, आर्थिक मदद, नई तकनीक और मार्केटिंग की सुविधा मिले ये बहुत ज़रूरी है।

बीते 5-साढ़े 5 वर्षों से यही प्रयास हम निरंतर कर रहे हैं। ये सोलर चरखा, ये सोलर लूम, सोलर लाइट, इलेक्ट्रिक चाक, ये सब इसी के उदाहरण है। इतना ही नहीं, आज जिस हस्तकला संकुल में हम सभी बैठे हैं, ये भी सरकार की इसी सोच और अप्रोच का परिणाम है। आप मुझे बताइए, साल 2014 से पहले बनारस का, यूपी का सामान्य बुनकर, सामान्य निर्यातक इस तरह निवेशकों से, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से संवाद कर सकता था क्या? कभी उसने सोचा भी था क्या। ये संभव ही नहीं था, क्योंकि ऐसा कोई मंच ही नहीं था। तब की सरकारों के पास पैसा नहीं था या समझ नहीं थी, ऐसा तो हम नहीं कह सकते। सवाल था कि अप्रोच की समस्या थी। अब देश उस पुरानी अप्रोच से आगे निकल चुका है। देश के हर क्षेत्र, हर व्यक्ति को सशक्त और स्वावलंबी बनाने की सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सेंटर के अलावा भी वाराणसी सहित पूरे देश में अनेक ऐसे केंद्र बनाए गए हैं, जहां सामान्य हस्तशिल्पी, सामान्य कारोबारी, अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सके।

मैं योगी जी और उनकी टीम को बधाई दूंगा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की योजना केंद्र सरकार के व्यापक विजन को भी गति दे रही है। ऐसे ही प्रयासों का परिणाम है कि बीते 2 वर्षों में यूपी से होने वाले एक्सपोर्ट में निरंतर वृद्धि हो रही है। ये ग्रोथ वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट जैसी योजनाओं और MSMEs को मिल रही सुविधाओं के कारण ही संभव हो पा रहा है। अब इसमें अभी लॉन्च किया गया e-Commerce पोर्टल भी आने वाले दिनों में बहुत मदद करेगा।

साथियों, इस बार का जो बजट है, उसने भी सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है। सिर्फ इस साल के लिए नहीं बल्कि आने वाले 5 वर्षों के लिए छोटे और मझोले उद्योगों के विकास का एक खाका खींचा गया है। इस बजट में जिन क्षेत्रों पर सबसे अधिक फोकस रहा है, वो है मैन्युफेक्चरिंग और ease of doing business. इसमें भी MSMEs और Start Ups प्रमुख रहे हैं। यही मेक इन इंडिया के, देश में बड़ी संख्या में रोज़गार निर्माण के बड़े माध्यम हैं।

साथियों, टेक्स्टाइल उद्योग, कपड़ा उद्योग, देश में, उत्तर प्रदेश में रोज़गार निर्माण का बहुत बड़ा माध्यम है। ये पूरा क्षेत्र तो बुनकरों का, कालीन उद्योग से जुड़े कलाकारों और श्रमिकों का एक प्रकार से मुख्य केंद्र है। लाखों परिवारों का जीवन कपड़ा और कालीन उद्योग पर चलता है। इसी टेक्स्टाइल उद्योग को नया आयाम देने का प्रयास इस वर्ष के बजट में किया गया है। जैसे-जैसे देश में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ रही हैं, ऑटोमोबाइल सेक्टर का विस्तार हुआ है, टूरिज्म बढ़ रहा है, डिफेंस और एग्रीकल्चर सेक्टर विस्तृत हो रहा है। वैसे-वैसे इन सेक्टर में टेक्स्टाइल की डिमांड भी और वो भी टेक्नीकल टेक्स्टाइल की डिमांड भी बहुत व्यापक हो रही है।

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आप कल्पना कर सकते हैं, आज भारत हर वर्ष करोड़ो रूपयो से अधिक का टेक्निकल टेक्स्टाइल आयात करता है। लेकिन जितना कार्पेट हम एक्सपोर्ट करते हैं, उससे ज्यादा टेक्निकल टेक्स्टाइल हम इंपोर्ट करते हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए इसके रॉ-मटीरियल यानि polymer fiber पर एंटी डंपिंग ड्यूटी इस बजट के अंदर खत्म कर दी गई है। टेक्स्टाइल की इस दुनिया से जुड़े लोग दशकों से इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन उस काम को इस सरकार ने इस बार पूरा कर दिया है। इसके अलावा National Technical Textiles Mission भी शुरु किया गया है, जिस पर आने वाले 4 सालों में 1500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। देश में टेक्निकल टेक्स्टाइल के निर्माण से जुड़ी ज़रूरी सुविधाओं का, इंफ्रास्ट्रक्चर का और skills का निर्माण किया जाएगा।

साथियों, इस साल के बजट में, यूपी में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर के लिए भी करीब 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हाल में लखनऊ में दुनियाभर की डिफेंस कंपनियों ने यहां उद्योग लगाने की रुचि दिखाई है। कई कंपनियां समझौते भी कर चुकी हैं। इस डिफेंस कॉरिडोर से मौजूदा छोटे, लघु और मझोले उद्योगों को भी लाभ होगा और अनेक नए लघु उद्योगों के लिए भी रास्ता खुलेगा। इस कॉरिडोर के निर्माण के दौरान रोज़गार के हजारों नए अवसर भी बनेंगे।

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साथियों, New India की एक पहचान, wealth creators पर विश्वास, उनका सम्मान भी है। आज कोशिश ये की जा रही है कि सामान्य जन को और सामान्य कारोबारी को कागजों के, दस्तावेज़ों के बोझ से मुक्त किया जाए। सरकारी प्रक्रियाएं उलझाने के बजाय सुलझाने वाली हों, रास्ता दिखाने वाली हों, इसके लिए काम किया जा रहा है। यहां जो MSMEs से जुड़े उद्यमी साथी हैं, आपकी ऑडिट वाली एक बहुत बड़ी शिकायत रहती थी। सिर्फ 1 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले उद्योगो में भी आपको कागज़ों में उलझे रहना पड़ता था। और Chartered Accountant रखवाना पड़ता था, ऑडिट का certificate लेना पड़ता था कितना अनावश्यक खर्च और समय की भी बर्बादी इन सब चीज़ों पर करना पड़ता था। इस बजट में आपको इससे मुक्ति मिली है। अब ऑडिट सिर्फ 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले उद्योगो के लिए ही रखा गया है।

साथियों, सरकार के अलग-अलग विभागों कई बार लंबी प्रक्रियाओं की वजह से छोटे उद्यमियों को कैशफ्लो की समस्या भी आती रही है। अब कानून में संशोधन किया गया है, जिसके बाद आपके सामान के बिल और invoice के आधार पर NBFCs आपको ऋण दे सकेंगी। लोन की सुविधा को और आसान बनाने के लिए mobile app आधारित Invoice Financing Loans Product भी लॉन्च करने की योजना है। आप अपने मोबाइल फोन से लोन ले सकते हैं ये स्थिति बन जाएगी। इसके अलावा वर्किंग कैपिटल के लिए भी MSMEs के लिए नई योजना बनाने की घोषणा की गई है।

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साथियों, यही नहीं, सरकारी खरीद से लेकर लॉजिस्टिक्स तक भी अनेक ऐसे निर्णय लिए गए हैं, जिनका सीधा लाभ छोटे और मझोले उद्योगों को होने वाला है। गवर्नमेंट E-market place यानि GeM के बनने से सरकार को सामान बेचने में छोटे उद्यमियों को बहुत आसानी हुई है। इससे सरकारी खरीद में पारदर्शिता भी आई है। अब इस सिस्टम को और आसान बनाने के लिए Unified Procurement System बनाने की घोषणा की गई है। इससे सरकार छोटे उद्यमियों के द्वारा दी जाने वाले Goods, Services और works, सभी को एक ही प्लेटफॉर्म से procure कर पाएगी।

साथियों, exporters के लिए refunding की डिजिटल व्यवस्था तैयार की जा रही है। इससे निर्यातकों को रिफंड की सुविधा तेजी से और आसानी से सुनिश्चित हो पाएगी। साथियों, एक और बहुत बड़ा रिफॉर्म है जिससे इस हॉल में बैठे सभी स्टेकहोल्डर्स को लाभ होने वाला है। GST लागू होने से देश के लॉजिस्टिक्स में एक व्यापक बदलाव आया है। अब इस बदलाव को और मज़बूत किया जा रहा है। देश में पहली बार नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी तैयार की जा रही है। इससे Single window e-logistics market का निर्माण होगा। इससे लघु उद्योग अधिक competitive होंगे और रोज़गार निर्माण में भी मदद मिलेगी। MSMEs को सशक्त करने के लिए ऐसे प्रोडक्ट्स के आयात को कम किया जा रहा है, जिनसे बेहतर उत्पाद भारत में ही बन रहा है।

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साथियों, टैक्स सिस्टम में सुधार, चाहे वो इनकम टैक्स हो, कॉरपोरेट टैक्स हो या फिर GST हो, इसका भी व्यापक लाभ आप सभी को, देश के हर साथी को होने वाला है। देश के Wealth Creators को अनावश्यक परेशानी ना हो, इसके लिए पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर बनाया जा रहा है। दुनिया के बहुत देश होंगे जहां इस प्रकार की सोच नही है इससे टैक्स पेयर के अधिकार तय होंगे। टैक्स पेयर को इसके कारण सामने से कोई भी आएगा तो उसको पूछने की ताकत मिलेगी। एक वह प्रकार से बहुत बड़ा assurance टैक्स पेयर को मिल रहा है। टैक्स कलेक्शन को faceless किया जा रहा है। देश में मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स को 15 प्रतिशत तक किया गया है। आज भारत दुनिया के उन बहुत कम देशों में हैं जहां कॉर्पोरेट टैक्स की दरें इतनी कम हैं। Investors को आसानी हो, इसके लिए एक Investment Clearance Cell बनाने की भी योजना है। ये एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से काम करेगा। इससे निवेशकों को सेंटर और स्टेट लेवल पर ज़रूरी क्लीयरेंस और जरूरी जानकारी लेना आसान हो जाएगा।

साथियों, ये तमाम कदम हर भारतीय के लिए, हर स्टेक होल्डर के लिए, हर निवेशक के लिए, हर उद्यमी के हित में हैं। देश को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, वो आगे भी उठाए जाएंगे। हमारे बुनकरों, हस्तशिल्पियों, छोटे उद्योग से जुड़े श्रमिकों के हित में लिए जा रहे फैसले आगे भी होते ही रहेंगे। चाहे वो केंद्र की सरकार हो या फिर उत्तर प्रदेश की सरकार हो, हमारी तरफ से कोई कसर नहीं रहेगी। भारत को Manufacturing Powerhouse बनाने, और Products को दुनियाभर में पहुंचाने के लिए हम सब मिलकर के काम करेंगे।

मैं, एक बार फिर, इस भव्य आयोजन के लिए, एक focus initiative के लिए और वैश्विक पहचान बनाने के लिए, ये जो योजना बनाई है जो आज का समारोह आयोजित किया है आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। और कुछ ही दिन के बाद बनारस का सबसे प्यारा महाशिवरात्रि का पर्व आ रहा है, महाशिवरात्रि के लिए भी मैं आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत बधाई देता हूं

धन्यवाद !!!

 

  • Laxman singh Rana September 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌹🌹
  • Laxman singh Rana September 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌹
  • Laxman singh Rana September 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
  • G.shankar Srivastav June 11, 2022

    G.shankar Srivastav
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Prime Minister condoles the loss of lives due to a road accident in Pithoragarh, Uttarakhand
July 15, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi today condoled the loss of lives due to a road accident in Pithoragarh, Uttarakhand. He announced an ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF for the next of kin of each deceased and Rs. 50,000 to the injured.

The PMO India handle in post on X said:

“Saddened by the loss of lives due to a road accident in Pithoragarh, Uttarakhand. Condolences to those who have lost their loved ones in the mishap. May the injured recover soon.

An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of kin of each deceased. The injured would be given Rs. 50,000: PM @narendramodi”