Wherever the crisis struck, we have left no stone unturned to bring back our citizens safe. We are now bringing back thousands of Indians from Ukraine by running Operation Ganga: PM Modi
Those who have a history of taking commissions in defence deals cannot strengthen the country: PM Modi in Basti
For decades these 'Parivarwadis' let our armies’ dependent on other countries, destroyed India's Defence (sector)...But today, we have a Defence corridor being set up in UP: PM Modi

नमस्कार।

बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, अंबेडकरनगर के सभी लोगों को मेरा प्रणाम। आज 5वें चरण का मतदान हो रहा है। आज का मतदान, यूपी में भाजपा, एनडीए की प्रचंड बहुमत वाली सरकार को एक और ठप्पा लगाने वाले हैं।

भाइयों और बहनों,

यूपी को दंगामुक्त बनाए रखने के लिए, गुंडामुक्त बनाए रखने के लिए, यूपी के विकास के लिए लोगों का भरपूर आशीर्वाद हमें मिल रहा है।

भाइयों और बहनों,

आज चंद्रशेखर आज़ाद जी के बलिदान दिवस पर देश अपने सपूत को याद कर रहा है। कल बालाकोट एयरस्ट्राइक के तीन साल पूरे होने पर देश ने अपनी वायुसेना के पराक्रम को भी याद किया। हमारे शूरवीरों ने देश को चुनौती देने वालों को उनके घर में ही घुसकर मारा था। याद है न... याद है न...।

ये दिन जब-जब आता है, देश का सीना गर्व से और चौड़ा हो जाता है। लेकिन साथियों, भारत का ये पराक्रम, दिल्ली और यूपी में बैठे कुछ घोर परिवारवादियों को रत्ती भर भी पसंद नहीं आता। ये लोग आज भी हमारी सेनाओं से सबूत मांगते हैं, उनके सामर्थ्य पर विश्वास नहीं करते। इसलिए ऐसे लोगों से यूपी की जनता को बहुत सतर्क रहना है।

भाइयों और बहनों,

बीते 2 साल से दुनिया में जो स्थिति बनी है, उससे आप सभी परिचित हैं। कोरोना की भयंकर महामारी पूरी दुनिया को पूरी मानव जाति को 100 साल में कभी ऐसी महामारी का सामना नहीं करना पड़ा था। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के सामने संकट खड़ा हो गया। इस समय भी जो वैश्विक हालात हैं, उस पर प्रत्येक भारतीय की नजर है। इस चुनौती भरे कालखंड में भारत ने हमेशा अपने एक-एक नागरिक के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जहां भी संकट आया, हमने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

ऑपरेशन गंगा चलाकर हम यूक्रेन से भी हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं। हमारे जो बेटा-बेटी अभी भी वहां हैं, उनको पूरी सुरक्षा के साथ अपने घर पहुंचाने के लिए सरकार दिन-रात काम कर रही है।

साथियों,

आज का ये दौर भारत को, हर भारतवासी को एक बहुत बड़ा संदेश दे रहा है। ये समय भारत को ज्यादा से ज्यादा ताकतवर, भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। ये समय जात-पात से ऊपर उठकर, छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठकर राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय है।

साथियों,

हमें हर साल, हर हाल में अपनी सेनाओं को आधुनिक बनाते ही रहना होगा। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद को खपाना होगा। ये काम घोर परिवारवादी, घोर स्वार्थी कभी नहीं कर सकते। जिन लोगों का इतिहास रक्षा सौदों में कमीशन खाने का रहा हो, वो परिवारवादी कभी भी देश को मजबूत नहीं कर सकते। जो लोग देश की सेनाओं की जरूरत को हमेशा नजरअंदाज करते रहे, वो परिवारवादी देश को मजबूत नहीं कर सकते। जिन लोगों का दिल, देश में बम धमाके करने वाले आतंकियों के लिए धड़कता है, वो कभी देश को सशक्त नहीं बनाएंगे।

भाइयों और बहनों,

देश तभी ताकतवर होगा, जब देश के राज्य ताकतवर होंगे, जब हमारा उत्तर प्रदेश ताकतवर होगा। लेकिन घोर परिवारवादियों का तो एक ही फॉर्मूला है- पैसा परिवार की तिजोरी में, कानून जेब में और जनता इनके पैरों पर । ये उत्तर प्रदेश को, देश को ताकतवर नहीं होने देंगे। ये तो समाज के कमज़ोर वर्गों पर गुंडई करने वालों, माफियाओं को ताकत देते हैं। कबीर जी इनके लिए ही बहुत पहले कह गए थे- दुर्बल को ना सताइए, जाकि मोटी हाय ! गरीब की इसी हाय ने, 2014 में इनको झटक दिया, 2017 में पटक दिया, 2019 में साफ किया, और अब 2022 में तो अब इनको अपनी ही सीट बचाने के लाले पड़ गए हैं।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत अभियान, सिर्फ भाजपा सरकार का नहीं है, बल्कि एक-एक देशवासी की जरूरत है। देश आत्मनिर्भर होगा तो नौजवानों, महिलाओं, किसानों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों सभी को लाभ होगा।

बहनों और भाइयों,

पहले की सरकारों की जो नीतियां थीं, उन्होंने विदेश से सामान मंगाने पर ही जोर दिया। इन लोगों को भारत का दूसरे देशों पर निर्भर बने रहना अच्छा लगता है। उन्हें एक ही बात नजर आती है कौन सी पता है, कमीशन, कटकी। इसलिए ये लोग कभी आत्मनिर्भर भारत की बात नहीं करते। राष्ट्रभक्ति और परिवारभक्ति में यही फर्क होता है।

भाइयों और बहनों,

इन घोर परिवारवादियों ने दशकों तक हमारी सेना को भी पूरी तरह विदेशों पर निर्भर रखा, भारत के रक्षा उद्योग को बर्बाद कर दिया। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ही बहुत बड़ा डिफेंस कॉरिडोर बना रहा है। हमारे पास तेल के कुएं नहीं हैं, हम बहुत सारा कच्चा तेल बाहर से मंगाते हैं, लाखों करोड़ रुपए उस पर खर्च करते हैं। इन लोगों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया कि गन्ने की मदद से ज्यादा से ज्यादा इथेनॉल भी बनाया जा सकता है, उसे पेट्रोल में मिक्स किया जा सकता है। पहले ये लोग गन्ने से सिर्फ चीनी बनवाते रहे और नीतियां ऐसी बनाईं कि चीनी मिलें और गन्ना किसानों, दोनों को सरकार की दया पर जीने के लिए मजबूर कर दिया। आज हमारी सरकार गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इथेनॉल प्लांट का बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार कर रही है।

यहां पिपराइच में जो डिस्टिलरी लगी है, उसमें भी गन्ने से सैकड़ों लीटर इथेनॉल हर रोज बनेगा। गांव में जो गोबर होता है, शहरों में घरों से जो कचरा निकलता है, उससे भी बायोगैस बनाने के लिए आज देश में सैकड़ों बायोगैस प्लांट बनाए जा रहे हैं। खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के लिए हमने हज़ारों करोड़ रुपए का मिशन शुरु किया है। इसके तहत सरकार किसानों को तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए मदद दे रही है। यानि हर साल जो लाखों करोड़ रुपए हम विदेश भेजने के लिए मजबूर हैं, वो हमारे ही किसानों की जेब में जाएंगे। कमीशन के लिए जीने वाले परिवारवादी, किसान हित और राष्ट्रहित के ऐसे कदम कभी नहीं उठा सकते। आप याद रखिएगा साथियों, ये किसी जाति के नहीं होते, किसी समाज के नहीं होते, इनके लिए अपना स्वार्थ सबसे बड़ा है। ये कितने स्वार्थी हैं आप देखिए 2017 में किनको साथ लेकर घूमते थे, 2019 में आते आते उनको छोड़ दिया, दूसरों का साथ लिया, फिर उनको छोड़ दिया, 2022 में नए साथी लेकर आए, जो अपने साथियों को छोड़ देते हैं। वो कभी आपका साथ करेंगे क्या?

साथियों,

ये घोर परिवारवादी जब सरकार में थे, तो इन लोगों ने कैसे यूपी को लूटा है, इसका एक और उदाहरण मैं आपको देना चाहता हूं। जब इन घोर परिवारवादियों की सरकार के पांच साल के खर्च का लेखा-जोखा किया गया, तो पता चला कि हजारों करोड़ रुपए का कोई हिसाब ही नहीं है। रातो-रात फर्जी कंपनियां बनाकर, उन्हें सरकारी ठेके तो दे दिए गए लेकिन वो पैसा खर्च कहां हुए इसका कभी हिसाब नहीं दिया गया। हजारों करोड़ रुपयों से इस क्षेत्र में कितने स्कूल बन सकते थे, गरीबों के कितने घर बन सकते थे। लेकिन ये घोर परिवारवादी, सारे पैसे खाकर बैठ गए।

साथियों,

बस्ती समेत ये पूरा क्षेत्र जो कभी अपनी फैक्ट्रियों, मिलों के लिए जाना जाता था, उन पर ताले किसने लगाए?...किसने ताले लगाए? ये बोरोजगार किसने किया।

भाइयों और बहनों,

गन्ना किसानों को, बुनकरों को भी इन घोर परिवारवादियों ने बेहाल कर दिया था। योगी जी की सरकार ने मुंडेरवा-पिपराइच चीनी मिल का तोहफा गन्ना किसानों को दिया है। एक जनपद, एक उत्पाद जैसी योजनाओं के माध्यम से यहां के बुनकरों, यहां के कारीगरों को भाजपा सरकार नया विश्वास दे रही है। इस साल के बजट में केंद्र सरकार ने एक स्टेशन, एक उत्पाद की घोषणा की है। इसके तहत हमारे बुनकरों, कारीगरों के सामान को बड़े मार्केट तक पहुंचाने के लिए रेलवे में विशेष सुविधाएं तैयार की जाएंगी।

भाइयों और बहनों,

हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हर गरीब को सशक्त कर रही है। जाति धर्म से ऊपर उठकर, बढ़ाया है सम्मान, सबसे पहले गरीब कल्याण, इसी भावना के साथ हम काम कर रहे हैं। जब मेडिकल कॉलेज खुलते हैं, आईटीआई खुलती हैं, तो सबका विकास होता है। जब हम सिंचाई की दशकों पुरानी योजनाओं को पूरा करते हैं, तो सबका विकास होता है। जब हम गरीब को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देते हैं, तो सबका विकास होता है। जब सरकार मुफ्त राशन देती है, जीवन बचाने वाला टीका मुफ्त लगाती है, तो ये सबका कल्याण होता है।

भाइयों और बहनों,

आपका टीका लग गया, टीका लग गया। आपको एक भी रुपया देना पड़ा क्या, कोई खर्चा करना पड़ा करना पड़ा क्या। ये बिना भेदभाव हुआ की नहीं हुआ, बिना पक्षपात हुआ की नहीं हुआ।

भाइयों और बहनों,

मेरे लिए इस देश का हर नागरिक मेरा अपना परिवार है और इसलिए बिना किसी भेदभाव बिना पक्षपात सरकार गरीब को पक्की छत देती है, तो ये सबका विकास ही है। लेकिन घोर परिवारवादियों के लिए तो अपना विकास ही सर्वोपरि है। इसलिए ये गरीब के हित में बनाई गई इन योजनाओं के खिलाफ हैं। ऐसे लोगों को सत्ता से हमेशा दूर रखना है। इसलिए आपको एकजुट होकर, भाजपा, निषाद पार्टी और अपना दल के उम्मीदवारों के लिए भारी मतदान करना है। आपका हर एक वोट उत्तर प्रदेश को मजबूत बनाएगा, देश को नई ताकत देगा। याद रखिए पहले मतदान, फिर बाकी काम !

भाइयों-बहनों

मेरा एक काम करेंगे आप लोग, ऐसे नहीं जोर से बताइए। माताएं बहनें मेरा काम करेंगी, नौजवान मेरा काम करेंगे, सारे किसान भाई मेरा काम करेंगे, पक्का करेंगे। तो देखिए 3 तारीख के पहले हरेक के घर जाइए और उनको कहिए की मोदीजी ने आपको प्रणाम भेजा है। ये काम करेंगे, हरेक के घर में मेरा प्रणाम पहुंचना चाहिए। मेरा नमस्ते पहुंचना चाहिए, पहुंचेगा न, आप घर-घर जाकर एनडीए को जिताने के लिए समझाएंगे, भाजपा तो जिताने के लिए समझाएंगे। निषाद पार्टी को जिताने के लिए समझाएंगे, अपना दल को जिताने के लिए समझाएंगे।

भाइयों-बहनों

भारी मतदान करवाइए, सबको एनडीए के साथियों को जिताइए, मेरे साथ बोलिए.

भारत माता की जय !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।