People of UP have decided to defeat 'Parivarvadi' parties: PM Modi in Bahraich
We opened up 'Anna ke Bhandaar' during the COVID crisis, 80 crore people have been getting free ration for the last 2 years: PM Modi
This time we are going to hit a 'Jeet Ka Chowka'...First in 2014, then 2017, 2019, and now 2022: PM Modi in Bahraich

भारत माता की...

भारत माता की...

बालार्क ऋषि कय तपो भूमि आउर महाराजा सुहेलदेव कय युद्ध स्थली बहराइच, स्वतंत्रता कय अमर सेनानी राजा देव बक्स सिंह कय जन्मभूमि गोंडा, महात्मा बुद्ध कय श्रावस्ती आउर मां पाटेश्वरी देवी कय पुण्य भूमि बलरामपुर कय लोगन का हमार कोटि- कोटि प्रणाम।

सबसे पहले तो मुझे पहुंचने में विलंब हुआ, इसके लिए मैं आप सबका क्षमा चाहता हूं, मैं आज नॉर्थ-ईस्ट में मणिपुर में था, मणिपुर से आते थोड़ा समय हो गया, इसलिए मैं आपकी क्षमा चाहता हूं, लेकिन ये जो दृश्य मैं देख रहा हूं, कहीं पैर रखने की भी जगह रखी है कि नहीं और जितने लोग यहां हैं, उतने मैं बाहर देख रहा हूं, पता नहीं उनको सुनाई देता होगा, नहीं देता होगा। इतनी बड़ी तादाद में लोग आज यहां दूसरे जिलों से भी एक तो यहां मौजूद हैं बाकि लोग वर्चुअली और जिलों में भी इस कार्यक्रम से जुड़े हैं, मैं उन सबको भी यहां से प्रणाम करता हूं।

आप जो इतनी बड़ी संख्या में हम सबको, भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद देने आए हैं, उससे साफ है कि यूपी चुनाव में इस बार भी जीत का लगने वाला है चौका। एक बार 2014, दूसरी बार 2017, तीसरी बार 2019 और इस बार चौका। यूपी के लोग बाइस में भी घोर परिवारवादियों को हराने के लिए फैसला कर चुके हैं।

भाइयों और बहनों,

हिंदुस्तान का कोना कोना शौर्य और पराक्रम की गाथाओं से भरा हुआ है। हमारी मिट्टी ही हमारे मिजाज को तय कर देती है। हमारी मिट्टी ही हमारा व्यक्तित्व रच देती है। जिस धरती पर हम हैं, ये धरती ही महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम की महक लिए हुए है। पिछले वर्ष मुझे उनके स्मारक के शिलान्यास का भी सौभाग्य मिला। इस स्मारक में उनकी भव्य प्रतिमा भी लगाई जाएगी।

साथियों,

आप देख रहे हैं कि इस समय दुनिया में कितनी उथल-पुथल मची हुई है। जब चारो तरफ उथल-पुथल मची हो, चारो तरफ कल क्या होगा परसों क्या होगा, गिनतियां चलती हो, ऐसे में आज भारत को ताकतवर होना चाहिए की नहीं होना चाहिए, भारत मजबूत होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, आज भारत का ताकतवर होना न सिर्फ भारत के लिए पूरी मानवता के लिए बहुत जरूरी है।

आज आपका एक-एक वोट भारत को ताकतवर बनाएगा। सुहेलदेव की धरती के लोगों का एक-एक वोट, देश को मजबूती देगा। आप देखिए स्कूल में भी कोई ढीला-ढाला टीचर हो तो बच्चों को पसंद आता है क्या, ढीला-ढाला मास्टरजी हो तो बच्चों को पसंद आता है क्या, बच्चों के परिवारवालों को पसंद आता है क्या, आप भी चाहते हैं न कि टीचर मजबूत होना चाहिए, आपके इलाके में दरोगा भी बिल्कुल ढीला-ढाला हो तो किसी को पसंद आता है क्या, दरोगा भी मजबूत होना चाहिए आपको लगता है कि नहीं लगता है, तो भाईयो-बहनों इतना बड़ा देश , इतना राज्य जिम्मेवारी भी मजबूत कंधों पर होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए, इसलिए भाइयों और बहनों जब टफ टाइम होता है तो टफ लीडर भी होना जरूरी होता है।


साथियों,

हमने तमाम संघर्षों से लोहा लेते हुए आज़ादी से यहां तक का सफर तय किया है। हर भारतीय का ध्येय एक विकसित, समृद्ध भारत है। इस समृद्ध भारत के लिए, उत्तर प्रदेश का समृद्ध होना, उत्तर प्रदेश का विकसित होना उतना ही जरूरी है। आज हम सभी आपके सामने, इसी महायज्ञ के लिए आपका सहयोग मांगने आए हैं। उत्तर प्रदेश आज विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है, उसमें डबल इंजन की सरकार उतनी ही जरूरी है।


साथियों,

मैंने 2014 से लेकर 2017 तक इन घोर परिवारवादियों का कामकाज, उनका कारोबार, उनके कारनामें बहुत करीब से देखा है।दुख होता है जब अपने स्वार्थ के लिए घोर परिवारवादियों की सरकारें जनता के हित को ही स्वाहा कर देती हैं। 2017 से पहले बस्ती, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर के लोगों ने भी बहुत भेदभाव झेला।

झेला था कि नहीं झेला था, आपके साथ भेदभाव होता था कि नहीं होता था, अब योगी जी की सरकार पिछले पांच सालों से हर वो प्रयास कर रही है जो आपके जीवन में सहूलियत ला सके, जो गरीब को सम्मान दे सकें। और निश्चित तौर पर इसमें बहुत बड़ी बाधा थी यूपी की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था। बीते पांच साल में भाजपा सरकार, यहां की कानून व्यवस्था को पटरी पर ले आई है।

वो जो आपके हक की जमीन पर बैठे थे। वो जो आप पर भय बना कर बैठे थे। वो जिनके डर से आप घरों से निकलने से बचते थे, जिनकी वजह से हमारी बहन-बेटियां परेशान थीं, वो सब आज काबू में हैं, लेकिन अभी ये पूरे तरह न सुधरे हैं और न समझे हैं वो मौके की तलाश में हैं, अभी वो अंतिम सांस ले रहे हैं।

अगर दुबारा इनको मौका मिल गया तो इनकी जान में जान आ जाएगी, आने देना है क्या, आने देना है क्या, भाइयों ये जो समझ नहीं रहे हैं, ये जो सुधरे नहीं हैं और आखिरी सांस ले रहे हैं और बदले का भाव लेकर बैठे हैं, उनको दुबारा खड़े नहीं होने देना है।

साथियों,

भाजपा सरकार के प्रयासों की वजह से अब उत्तर प्रदेश में डर का माहौल दूर हो रहा है। डर उनको लग रहा है जो वर्षों तक निर्दोषों को डराते रहते थे वो आज डर के मारे कांप रहे हैं। आपके लिए आगे बढ़ने के रास्ते खुल रहे हैं, नए रास्ते बन रहे हैं। आप बच्चे को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, इसलिए भाजपा सरकार स्कूलों की स्थिति सुधार रही है। आप अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देना चाहते हैं, इसलिए भाजपा सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोल रही है, नए इंजीनियरिंग संस्थान बना रही है, ITI-पॉलिटेक्निक में सीटें बढ़ा रही है।

आप अपनी दुकानदारी करना चाहते हैं, अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं, इसलिए भाजपा सरकार मुद्रा योजना के जरिए आपको मदद दे रही है, स्टार्ट अप योजना के जरिए आपको पैसा दे रही है। आप चाहते हैं कि इलाज पर खर्च कम हो, बेहतर इलाज की सुविधा मिले। इसलिए भाजपा सरकार आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है, गांव-देहात में भी हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनवा रही है।

सामान्य मानवी के जीवन के हर पड़ाव उसकी हर जरूरतों को ध्यान में रखकर हमारी सरकार योजनाएं लागू कर रही है। और ये सब काम बिना भेदभाव हो रहा है, बिना तुष्टिकरण किए हो रहा है। यही तो है सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास। मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं।

साथियों,

आप सभी को पता है कि गरीब के घर में अनहोनी हो जाए, कोई दुर्घटना हो जाए, तो उस परिवार पर क्या बीतती है। पैसे की कमी तो गरीब के जीवन पर दोहरा संकट ला देती है। गरीब की इसी तकलीफ को समझते हुए हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना शुरू की थी।

और हमने प्रीमियम कितना रखा था? एक योजना के लिए सिर्फ 90 पैसे प्रतिदिन यानि एक कप चाय की कीमत से भी कम। और दूसरी योजना के लिए महीने का एक रुपए। इन योजनाओं के माध्यम से हमने गरीब को 2-2 लाख रुपए का सुरक्षा कवच दिया।

आज यूपी के साढ़े चार करोड़ से ज्यादा गरीब भाई-बहन इस योजना से जुड़े हुए हैं। और आपको खुशी होगी, इस सुरक्षा की वजह से यूपी के गरीब परिवारों को बीते वर्षों में करीब-करीब एक हजार करोड़ रुपए की मदद मिली है। हमारी सरकार संकट के समय कभी भी किसी का साथ नहीं छोड़ती बल्कि गरीब परिवार का संबल बनती है।

भाइयों और बहनों,

गरीबों के लिए सरकार की इसी संवेदनशीलता को आपने इस कोरोना के काल में भी देखा है, महसूस किया है। हम सबको पता है पूरी दुनिया में कितनी बड़ी भयंकर महामारी आई है। दो साल हो गए हैं पूरी मानव जाति दुनिया का हर देश अमीर हो गरीब हो हर कोई 100 साल की इस भयंकर बीमारी की चपेट में आया है। ये संकट हमारे देश पर भी बहुत गहरा है।

लेकिन ऐसे संकट के समय हमारी सरकार हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठी। क्या करें पूरी दुनिया में हुआ है ये तो वायरस है, आने ही वाला है, हम रोते नहीं रहे, बैठे नहीं रहे हम एक के बाद एक इस समस्या के सामने रास्ते खोजते रहे। देश के लोगों की जिंदगी बचाने में लगे रहे। ऐसे कालखंड में कोई भी गरीब भूखा ना रहे, किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले, किसी गरीब का संतान रात को भूखे पेट सो न जाए, इसलिए हमारी सरकार ने अन्न के भंडार खोल दिए।

पूरी दुनिया को आश्चर्य भी होता है, 80 करोड़ लोगों को करीब-करीब दो साल से मुफ्त में राशन मिल रहा है। हमारे उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पहुंचा है। आज गरीब भाजपा को आशीर्वाद दे रहा है। इसी संकट के समय में हमारी सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी गरीब, हिन्दुस्तान का कोई भी नागरिक अमीर हो या गरीब हो, उच्च-मध्यम वर्ग हो या निम्न-मध्यम वर्ग हो, शहर में रहता हो या गांव में रहता हो, स्त्री हो या पुरुष हो, कोई भी वैक्सीन से छूट ना जाए।

आप सबको वैक्सीन लगी है, हाथ ऊपर करके बताइए टीका लगा है। आप मुझे बताइए आपको टीका लगाने के लिए एक नया पैसा भी खर्च करना पड़ा है क्या। जोर से बोलिए ताकि ये घोर परिवारवादियों तो भी पता चला, कोई खर्चा आया क्या, एक भी रुपया देने पड़ा क्या।

भाइयों-बहनों

इतना बड़ा सेवा काम, इतना बड़ा देश और इतने कम समय में..लेकिन इन घोर परिवारवादी लोगों ने देश की जनता को गुमराह करने के लिए आपको बहकाने के लिए दिन-रात नए-नए मनगढ़ंत तर्क दिए, अफवाहें फैलाई, भ्रम फैलावाया, लेकिन भाइयों-बहनों आपका मेरे प्रति जो विश्वास था, आपका मेरे प्रति जो प्रेम था, उसके कारण वो सफल नहीं हो पाए और आज हर नागरिक तक टीका पहुंच गया। आप लोगों को बहकाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हुए।

उन्होंने ये तक कह दिया कि ये वैक्सीन भाजपा की है, इन लोगों ने आप लोगों को उकसाया ये तो भाजपा की वैक्सीन है। ये भाजपा के रंग वाली वैक्सीन है। ये भाजपा के कमल वाली वैक्सीन इसलिए वैक्सीन मत लृगाओ। लेकिन आपने उनकी एक भी बात नहीं सुनी, जैसे वैक्सीन में उनकी बातें नहीं सुनी है, चुनावों में भी मत सुनना। आपने हमारी बात मानी और टीका लगवाया। मैं आपका हृदय से धन्यवाद करता हूं भाइयों-बहनों और तो और इन लोगों ने तस्वीरें दिखाकर यूपी को बदनाम करने का भी काम किया।

साथियों,

दशकों-दशक तक हमारे यहां गरीबी हटाओ के नाम पर, समाजवाद के नाम पर सिर्फ और सिर्फ वोट बटोरे गए और बाद में धन लूटा गया। लेकिन जो इतने वर्षों तक देश की सत्ता में रहे, यूपी में जिन्होंने हमसे पहले सरकार चलाई, उन्होंने गरीब को गरीबी से लड़ने के लिए न अस्त्र दिए, न शस्त्र नहीं दिए, न उनको कोई समर्थन दिया। 2014 में जब आपने हमें अवसर दिया, तो हमने इस पुरानी सोच को बदलने के लिए कदम उठाए। बैंकों के दरवाज़े गरीब, दलित, पिछड़े, किसान, मजदूर, महिलाओं के लिए हमने खोलना, ऐसा ही एक बड़ा कदम था।

गरीब कभी बैंक के दरवाजे तक नहीं जा सकता था। आजादी के इतने दशकों के बाद भी नहीं जा सकता था। हमने बैंक के दरवाजे गरीबों के लिए खोल दिए दोस्तों। वरना पहले ये माना जाता था कि जिसके पास पैसा होता है, वही बैंक जाता है। गरीब के पास भी बैंक खाता हो, पहले की सरकारों ने इसकी जरूरत ही नहीं समझी। ये भाजपा की सरकार है जिसने देशभर में 44 करोड़ गरीबों के जनधन खाते खुलवाए

भाइयों-बहनों
इन जनधन खातों की ताकत देखिए, ये मेरा घोर विरोध करने वालों ने आंख बंद करके उस समय जनधन खाते का भी विरोध किया था, उसका भी मजाक उड़ाया था। लोगों के पास पैसे नहीं है, खाते खोल कर के क्या करेंगे, ये जनधन खाता तो ड्रामा है, ऐसे ही बैंक के कागज खराब कर रहे हैं। ऐसी-ऐसी बातें बोली थीं। लेकिन जनधन खातों की ताकत देखिए साथियों, बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकारी मदद, बिना बिचौलिए, बिना कट सीधे बैंक खाते में पहुंच जाती है। पीएम किसान निधि कोई बिचौलिया नहीं, सीधा छोटे किसानों के और हर किसान के बैंक खाते में पैसा पहुंच जाता है।

फसल बेची, तो पैसा सीधा बैंक खाते में आ रहा है, आज कोई सब्सिडी आनी है तो सीधे बैंक खाते में आती है। पीएम आवास का पैसा आता है, तो सीधे बैंक खाते में आता है। मनरेगा का पैसा आता है, तो सीधा बैंक के खाते में जाता है। जो पहले आपके हक पर डाका पड़ता था, बिचौलिए जो आपका पैसा खा जाते थे, उनके लिए भाजपा सरकार ने दरवाजे बंद कर दिए।

साथियों जनधन खाते के साथ जब हमने मोबाइल फोन और आधार को जोड़ा, तो ये सुरक्षा चक्र और मजबूत हो गया। अब हमारे छोटे किसानों, पशुपालकों, मछली पालकों को भी जनधन खातों के कारण बैंकों के आसान ऋण मिलना संभव हो पाया है। आपको पता होगा, हमारे देश के प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से बोले थे, उन्होंने कहा था मैं दिल्ली से एक रुपया भेजता हूं तो गरीब के घर 15 पैसा पहुंचता है। तो ये 85 पैसे किसके जेब में जाते थे भाई, ये कौन मार लेता था। ये कौन मार लेता था।

ये कौन मार लेता था पैसे। अगर 1 रुपया भेजा है तो 100 पैसे पूरे गरीब के खाते में जाने चाहिए की नहीं जाने चाहिए ।100 के 100 पैसे गरीब को मिलने चाहिए की नहीं मिलने चाहिए। अब मैने ये पक्का कर लिया कि गरीब के खाते में मैं दिल्ली से 1 रुपया भेजूंगा तो बीच में कोई हाथ नहीं लगाएगा 100 के 100 पैसे पहुंचेंगे।

अब मुझे बताइए भैया, जिनकी दुकानें बंद हो गईं, जिनको ये मलाई खाने को मिलता था, उनको मेरे पर गुस्सा आएगा कि नहीं आएगा, आएगा कि नहीं आएगा। वो मोदी को गाली देगा कि नहीं देगा, मोदी को बुरा बोलेगा कि नहीं बोलेगा, मोदी के पीछे पड़ जाएगा कि नहीं पड़ जाएगा। मोदी ने कोई गुनाह नहीं किया, गुनाह यही है कि मलाई खाने वालों की कटकी बंद कर दी है। आप मुझे बताइए, मैंने सही किया कि गलत किया, सही किया कि गलत किया, ये करना चाहिए था कि नहीं करना चाहिए।

अगर मैंने सही किया तो आप मेरे साथ रहोगे पूरी मुझे ताकत दोगे। आपकी जितनी ताकत मिलेगी उतने ही ताकतवर फैसले मैं करूंगा भाइयों-बहनों। अब आप देखिए स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी ठेले वालों को भी बैंकों से बिना गारंटी के लोन दिया जा रहा है। इस प्रकार के काम तभी होते हैं, जब सही मायने में गरीब को सशक्त करने का इरादा मन में होता है। वरना दशकों से घोर परिवारवादी तो सिर्फ नारों से ही काम चला रहे थे।

साथियों,

आजकल ये लोग नौकरी को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। इनकी सच्चाई भी मैं आपको बताता हूं। यहां योगी जी ने पांच साल में करीब 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। जबकि योगी जी से पहले के 10 साल तक जो सरकारें चलीं, उन्होंने 10 साल में दो लाख नौजवानों को ही नौकरी दी थी।

10 साल में 2 लाख और पांच साल में 5 लाख लोगों को नौकरी दी। तब कारोबार क्या था, किसी की सिफारिश लगानी पड़ती थी, किसी नेताजी का कुर्ता पकड़ कर चलना पड़ता था। गरीब मां को अपनी जमीन गिरवी रख करके करप्शन के पैसे देने पड़ते थे, तब जाकर के मुश्किल से बेटे का इंटरव्यू निकलता था।

गरीब का कितना नुकसान इन्होंने किया था हमने वे स्थिति बदली है। क्या युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे लोगों को आप माफ कर देंगे? क्या ऐसे लोगों को आप माफ कर देंगे? ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्तियों में हमने इंटरव्यू समाप्त करने का भी बहुत बड़ा काम किया है। ये सब कटकी कंपनी को दरवाजे दिखाइए भाइयों-बहनों, दरवाजे दिखाइए। आज गरीब को अर्जी करने पर योग्यता के आधार पर घर पर ऑर्डर आ जाता है भाइयों।

साथियों,

आज ये परिवारवादी लोग, किसानों की भी बातें करने लग गए हैं। लेकिन बहराइच का किसान इनकी सच्चाई भी जानता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश में दर्जनों चीनी मिलें बंद करवा दिया। चीनी मिलों को ताले लगवाए की नहीं लगवाए, ये वो लोग हैं जिन्होंने यूरिया और खाद के लिए किसानों पर डंडे चलवाए।

ये वो लोग है जो किसान को गन्ने की पर्ची के लिए भी तरसा देते थे। पिछली सरकार के समय बहराइच के 75 हजार किसानों को ही सरकारी खरीद का लाभ मिल पाया था। जबकि हमारी सरकार ने सिर्फ बहराइच में गेहूं और धान के करीब 2 लाख किसानों से सरकारी खऱीद की है।

यूपी के किसानों को छुट्टा जानवरों से हो रही दिक्कतों को लेकर भी हम गंभीरता से ले रहे हैं, हमने रास्ते खोजे हैं दोस्तों। मैं आपकी इस चिंता को समझता हूं और मैं रास्ता खोज कर लाया हूं। 10 मार्च को आचार संहिता समाप्त होने के बाद, नई सरकार बनने के बाद, हम उन सारी योजनाओं का लागू कर देंगे भाइयों।

साथियों,

इन लोगों के काम करने का तरीका क्या रहा है, इसका उदाहरण सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना भी है। इनकी लापरवाही की वजह से ये योजना चार दशक में भी पूरी नहीं हो पाई। 40 साल बीत गए भाइयों, ऐसे लोगों की क्या जरूरत है। अरे आप के घर में काम करने वाला व्यक्ति अगर 2 घंटे में काम करना है और दो दिन तक नहीं करता है तो उसको रखते हैं क्या, उसको कहते हैं बाबा जाओ, तुम नहीं कर सकते, कहते हैं कि नहीं।

ऐसे लोगों को सरकार में वापिस लाओगे क्या, 40 साल तक जो आपके जीवन मरण का सवाल है, ऐसा पानी का काम लटकाए रखा और देखिए बर्बाद कैसे किया रुपयों को। जब ये योजना का प्रारंभ हुआ था तो खर्चा होने वाला था 100 करोड़।100 करोड़ में शानदार काम हो जाता लेकिन 40 साल लटका के रखा। जो आए उन्होंने कटकी की, हर किसी ने अपनी मलाई खाने का रास्ता खोजा। और जाते जाते 100 करोड़ रुपयों का काम 10 हजार करोड़ रुपयों तक पहुंचा।

ये पैसे आपके थे जो बर्बाद कर दिए इन लोगों ने आपकी कमाई के पैसे थे इन्होंने बर्बाद किए। इस योजना से बहराइच और गोरखपुर के बीच 9 जिलों के 30 लाख किसानों को सीधा फायदा होना था। लेकिन 30 लाख किसानों का इन्होंने गला घोंट दिया भाइयों। लेकिन बरसों के इंतजार के बाद आपको ये लाभ अब मिला है, हमारी सरकार के प्रयासों से मिला है।

साथियों,

बहराइच की ये धरती हमेशा से आक्रमणकारियों के मंसूबों को ध्वस्त करती रही। देश के खिलाफ जाने वालों को यहां की मिट्टी माफ नहीं करती है। लेकिन इसी मिट्टी ने देखा है कि कैसे इन परिवारवादियों ने आतंकी हमला करने वालों पर अपना प्यार उड़ेला।

जिन लोगों पर यूपी में एक नहीं कई-कई बम धमाकों का आरोप था, ये लोग उन आतंकवादियों को जेल से रिहा करने पर पक्का निर्णय करके बैठे थे, साजिश कर रहे थे। ये उन पर मुकदमा नहीं चलाना चाहते थे। समाजवादी सरकार, आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के तक खिलाफ थी। इसलिए मैं कहता हूं, जो लोग देश की नहीं सोच सकते, देश की सुरक्षा को ताक पर रखते हैं, वो यूपी का कभी भला नहीं कर सकते।

भाईयों-बहनों,

आप मुझे बताइए और जरा बहराइच से आवाज ऐसी निकलनी चाहिए कि इन घोर परिवारवादियों की नींद उड़ जाए, जवाब देंगे। आप मुझे बताइए, जो बम धमाके करके निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दे, ऐसे आतंकवादियों को सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए अगर फांसी का हुकूम होता है तो होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। अगर आतंकवादियों को फांसी होती है तो निर्दोष नागरिकों को उसका स्वागत करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए।

न्यायपालिका में विश्वास करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। आतंकवादियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए कि नहीं उठानी चाहिए। अभी दो दिन पहले अहमदाबाद के न्यायालय ने अनेक लोगों को फांसी की सजा सुनाई, जो आतंकवादी घटनाएं करके, बम धमाके करके निर्दोष लोगों को मार दिया था

मुझे बताइए ये न्यायालय ने सही काम किया कि नहीं किया। ऐसा काम होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था। हमें न्यायालय का सम्मान करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए, न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। लेकिन ये चुप बैठे है, क्योंकि उनको मालूम है कि अब सारा खेल जनता के सामने खुल चुका है, कौन किसकी मदद कर रहा था ये उत्तर प्रदेश का बच्चा-बच्चा जान गया है।

भाइयों-बहनों

बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों में विकास को रफ्तार दी जा सके, इसके लिए कई सौ करोड़ रुपये की योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। बहराइच-गोंड़ा रेल लाइन पर इलेक्ट्रिक ट्रेन की शुरुआत का रास्ता खुल गया है। यहां नए पुल बनाना हो या फिर कनेक्टिविटी के काम, हमारी हर कोशिश उत्तरप्रदेश के विकास के लिए है।

10 मार्च के बाद हमारी सरकार ऐसे कार्यों के लिए, आपकी सेवा के लिए, नई ऊर्जा के साथ जुटेगी लेकिन भाईयों-बहनों आपको ये बात गांठ बांध लेनी है कि माफियावादियों को मौका मिला तो ये लोग गांव-गरीब की योजनाओं को बंद कर देंगे। बदले की भावना से बंद करेंगे, जिसको मौका पड़ेगा, वो बदले की भावना की ताक में है, क्या आप बदला लेने देंगे। जो बदला लेना चाहते है उनको आने देंगे, ये बदला लेने वालों को अवसर देंगे। कमीशन, क्राइम, कब्जेदारी यही लोग फिर से मैदान में उतर आएंगे।

इसलिए आपको ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाजपा को वोट देना है। कमल के निशान पर बटन दबाना है। एक वोट भी छूटना नहीं चाहिए। आप मुझे बताइए आज मैं हेलिकॉप्टर से देख रहा था इतनी जबरदस्त भीड़, इतनी बड़ी तादाद में आप लोग आए हैं, आप थक गए होंगे, अब मन करता होगो मोदी जी आ गए, योगी जी आ गए, सभा शानदार हो गई ,चलो अब सो जाते हैं। सो जाएंगे, नहीं सो जाएंगे न, घर घर जाएंगे, मतदाताओं को मिलेंगे, मेरी बात पहुंचाएंगे, मेरे प्रणाम उनको कहेंगे। मोदी जी आए थे आपको नमस्ते बोला है, बता देंगे।

और बताएंगे कि मोदी जी ने आप से कुछ मांगा है आप उनको बताएंगे मोदी जी ने कहा वोट डालना है, बताएंगे, कमल पर वोट डालने के लिए कहेंगे, ज्यादा से ज्यादा वोटिंग करवाएंगे, हर पोलिंग बूथ आगे निकल जाएगा। पहले से ज्यादा वोट करवाएंगे, पक्का, मैं आप पर भरोसा करूं। अरे मुझे विश्वास है दोस्तों आपने जो सभा आज करके दिखाई है आप इन सबको जिताकर लाएंगे। ये मुझे पूरा भरोसा है। मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए

भारत माता की..

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!