It is because of 26th November that we celebrate 26th January as our Republic Day: PM Modi
Every person has the right to spend his or her money and no one can stop them in doing so: PM Modi
Due to demonetisation a few people were facing the heat as they didn’t get time to prepare: PM Modi
The common citizen of India has become a soldier against corruption and black money: PM

आदरणीय सुमित्रा जी एवं उपस्थित सभी वरिष्‍ठ महानुभाव

26 नवंबर संविधान दिवस के रूप में मनाना 2015 से प्रारंभ किया| कल्‍पना ये है कि हमारी नई पीढ़ी इस सविंधान के साथ उसकी प्रक्रिया के साथ उसके उद्देश्‍यों के साथ कनेक्‍ट रहनी चाहिए | ऐसा न हो कि सब कुछ चलता है लेकिन कैसे चलता है पता ही न हो| और ऐसी चीजों का एक निरंतर पुन: स्‍मरण आवश्‍यक होता है | जो मूल तत्‍वों का बार बार स्‍मरण करते हैं तो तत्‍कालीन समय के संदर्भ में करते हैं।

जिस विषय का अर्थ आज से 40 साल पहले होता होगा हो सकता है उसी बात का अर्थ दस साल के बाद अलग रूप में दिखेगा एक progressive format होता है लेकिन वो तब होता है जब इन मूलभूत चीजों के साथ हम हर चीज को कसते रहेगें, तौलते रहेंगें। हमारे स्‍कूल कॉलेजो के सभी बालकों को संविधान का preamble कम से कम साल में एक बार सामूहिक रूप से उसका पठन हो, उद्घोष हो, व्‍याख्‍या हो इससे लाभ ये होगा कि संविधान के महात्‍मय का सामान्‍य जीवन में एक स्‍थान बनेगा | बहुत कम देशों के जीवन में ऐसी घटना शायद घटती है कि जिसमें संविधान का उल्‍लेख बार-बार आता है लेकिन भारत एक देश ऐसा है कि जहां जब-जब हम संविधान का स्‍मरण करते हैं हमें डॉ बाबा साहेब अम्‍बेडकर का पुण्‍य स्‍मरण साथ-साथ याद आता है यानि बाबा साहेब और संविधान| संविधान यानि बाबा साहेब, बाबा साहेब यानि संविधान| ऐसी जीवन की सिद्धि किसी भी व्‍यक्ति के जीवन में असंभव है जो बाबा साहेब अम्‍बडेकर के जीवन में हम आज अनुभव कर रहे हैं बाबा साहेब ने नहीं कहा था| उनके कालखंड में शायद किसी ने इतना recognize भी नहीं किया होगा लेकिन जैसे समय बीतता गया हम सबको लग रहा है कि कितना महान काम हम लोगों के लिए हो रहा है|

संविधान, समय ऐसा बदला है कि संविधान में तो हर कोई अपने अधिकार ढूंढता रहता है अपने अधिकारों को और अधिक हवा भरने का भी प्रयास करता है | बड़े चतुर लोग संविधान को ही आधार बनाकर के अधिकार का दुरूपयोग करने की हद तक भी कभी-कभी सीमांए लांघ देते हैं| इससे एक anarchy पैदा होती है और बाबा साहेब अम्‍बेडकर grammar of anarchy की बात करते थे| ये हम सबका दायित्‍व होता है नागरिक हो , शासन व्‍यवस्‍था हो सरकार हो, शासन व्‍यवस्‍था के भिन्‍न-भिन्‍न अंग हों। हर एक के बीच तालमेल बिठाने का सबसे बड़ा अगर source है तो हमारा संविधान है| Lubrication करने की ताकत भी है तो संविधान में हैं, रक्षा करने की ताकत है तो वो संविधान में है और इसलिए इन संविधान की आत्‍मा के साथ हमारा जुड़ना बहुत जरूरी है, सिर्फ धाराओं के साथ जुड़ने से बात चलती नहीं है | Spirit of the constitution और इसलिए आज उसकी प्रोसेस की जो किताब निकली है वो शायद spirit of the constitution के लिए उस एक पन्‍ने को खोलने के लिए शायद हमें काम आ सकता है तो मैं इसका भी स्‍वागत करता हूं|

ये बात सही है कि देश आजाद हुआ कर्तव्‍य भावना की उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति के बाद| देश का हर नागरिक आजादी के आंदोलन को अपना कर्तव्‍य मानता है| देश आजाद होने तक कर्तव्‍य का भाव इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचा था जो बेमिसाल था और शताब्‍दी से भी ज्‍यादा अधिक समय तक वो भाव लोग जीते थे। लेकिन आजादी के तुरंत बाद उस ऊंचाई से अचानक हम ऐसे नीचे आए कि कर्तव्‍य का सारा भाव अधिकार में परिवर्तित हो गया और अघिकार, हक, मेरा क्‍या इसने इस प्रकार से जीवन को ग्रथित कर लिया कि कर्तव्‍य का लोप होता चला जा रहा है |

हम संविधान के माध्‍यम से कर्तव्‍य और अधिकार का संतुलन कैसे बिठाए देश के सामने चुनौती है| और उस दिशा में इस प्रकार के प्रयत्‍नों से रास्‍ते खोजे जा रहे हैं| हम 26 जनवरी बड़े गर्व के साथ मनाते हैं लेकिन हम न भूलें कि 26 नवंबर के बिना 26 जनवरी अधूरी है | 26 जनवरी की ताकत 26 नवंबर में है और इसलिए इस 26 नवंबर संविधान दिवस के रूप में नई पीढ़ी के लिए विशेष रूप से उसका पुण्‍य स्‍मरण करते हुए उसकी बारिकियों को जानने का प्रयास अलग-अलग जगह पर अलग-अलग काम हो करते रहना चाहिए|

ऑनलाइन काम्‍पीटिशन हो कभी संविधान पर बालकों के लिए essay writing competition हो| यही चीजें हैं आखिरकर लोगों को इसके साथ जोड़ती है| इन दिनों भ्रष्‍टाचार, काला धन उसके खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई है देश लड़ रहा है देश का सामान्‍य नागरिक इस लड़ाई का सिपाही बना है | उसको लगता है कि सत्‍तर साल तक इसी कानूनों नियमों का दुरूपयोग करने वालों ने देश को भ्रष्‍टाचार में डुबो दिया है | संविधान कानून का दुरूपयोग करके किया है | इस सरकार के इस निर्णय के संबंध में बहुत कम आलोचना हो रही है लेकिन कुछ लोगों की आलोचना क्‍या है, आलेचना ये है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की।

मैं समझता हूं कि मुद्दा ये नहीं है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की। ऐसे लोगों की पीड़ा इस बात की है कि सरकार ने किसी को तैयारी करने का समय नहीं दिया। दुख इस बात का है अगर उनको एक 72 घंटे भी तैयारी के मिल जाते तो तो वाह-वाह मोदी जैसा कोई नहीं, कितना बड़ा अहम कदम उठाया है और इसलिए फिर भी इतना बड़ा देश है निर्णय बहुत बड़ा है देश का उज्‍जवल भविष्‍य देखनें वालो से इतनी अपेक्षा है कि आइए हम सब मिलकर के सामान्‍य मानवीय की कठिनाइयों को दूर करें| इस महायज्ञ में सफल होकर के विश्‍व के सामने भारत को एक ताकतवर देश के रूप में हम उभारें, सारा देश, सारी दुनिया जब सर्वे होता है भ्रष्‍टाचार की कतार में बहुत अग्रिम पंक्ति में भारत का नाम नजर आता है, भारत को नीचा देखना पड़ता है। हमने गर्व से माथा ऊंचा करना है और इसलिए फैसले लेने होते हैं और फैसलों को अनुपालन करके सिद्धियां भी प्राप्‍त करनी होती हैँ और मैं निमंत्रण देता हूं सभी राजनीतिक दलों को सामाजिक संस्‍थाओं को, मीडिया को दूसरा डिजिटल करेंसी हर किसी को उसके पैसों का हक है, हर किसी को उसके पैसों को उपयोग करने का हक है कोई रोकता नहीं है लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार नोट हाथ में हो तभी उपयोग हो आज व्‍यवस्‍थाएं बहुत उपलब्‍ध है| आप अपने मोबाइल फोन से भी अपने सारे रुपये जहां खर्च करने हैं कर सकते हो, आपके पाई-पाई पर आपका हक है मैं इस माध्‍यम से जब संविधान की चर्चा हो रही है संविधान इन व्‍यवस्‍थाओं को विरक्षक है।

मैं देशवासियों से और खासकर के समाज का नेतृत्‍व करने वाले हर शख्‍स से मैं मीडिया से आग्रह करता हूं जिस देश के पास पैंसठ प्रतिशत नौजवान हो 35 से कम उम्र के नौजवान हो, जिस देश में 100 करोड़ से ज्‍यादा मोबाइल फोन हो जिस देश में अब टेक्‍नोलॉजी मोबाइल फोन से भी कारोबार करने के लिए सुविधा उपलब्‍ध हो सभी बैंक की अपनी एप हो तो हम क्‍यों न लोगों को प्रेरित करें, लोगों को प्रशिक्षित करें और ये कोई कठिन काम नहीं है जब आज हम व्‍हाटपअप कहां सीखने गये थे कि किसी इंजीनियर कॉलेज में जाकर के आइटी कॉलेज में जाकर के अनपढ़ भी अनपढ़ आदमी को मालूम है कि व्‍हॉटसअप कैसे देखना है व्‍हॉटसअप कैसे फॉरवर्ड करना है जितनी सरलता से व्‍हॉटसअप फॉरवर्ड होता है उतनी ही सरलता से हम शॉपिंग भी कर सकते हैं अपने मोबाइल फोन से| देश का उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए हमने ट्रांसपेरेंसी लाने की आवश्‍यकता है, डिजिटल करेंसी की ओर जाने की आवश्‍यकता है और हिन्‍दुस्‍तान की 500 शहर, 500 शहर अगर एक हफ्ते में अगर चाहे तो इस काम को कर सकते हैं। आपको हैरानी होगी 8 नवंबर के इस निर्णय के परिणाम का सबसे बड़ा फायदा किसने उठाया मैंने कल हिसाब लिया |कुछ नगरपालिका, महानगरपालिकाओं का बहुत कम ईनी-गिनी पलिका, महानगरपालिका | कोई 40-50 का मुझे बताया गया | पहले तीन साढे तीन हजार करोड़ टेक्‍स आता था 8 नवंबर के बाद 13 हजार करोड़ उनके खजाने में जमा हो गया| ये पैसा किसके काम आएगा उस गांव में गरीब बस्‍ती में कहीं रास्‍ते बनेंगे, कहीं बिजली लगेगी कहीं पानी के नल लगेंगे एक समाज जीवन में क्रांति की दिशा में काम कर रहा है| और इसलिए राजनीति के ऊपर भी समाज जिनके बहुत काम करने होते हैं संविधान हमें वो प्ररेणा देता है| संविधान हमें हमारी विरासतों को संभालने की जिम्‍मेदारी देता है| लिखा हुआ है उसमें हमारी महान विरासतों को संभालना ये हमारी जिम्‍मेदारी है|

आइए हम सब मिलकर के बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने जो महान कार्य किया है उसके शब्‍दों को और भावों को पीढ़ी दर पीढ़ी समयानुकूल संदर्भ में हम उसको जीके सीखें, जीना सीखें, जीकर के दिखाएं और देश को हर पल नई ताकत, नई ऊर्जा देते रहे|

मैं सुमित्रा जी का हद्य से अभिनंदन करता हूं इस बार पार्लियामेंट नहीं थी 26 तारीख को छुट्टी थी फिर भी उन्‍होंने इस संविधान दिवस के महात्‍मय को बरकरार रखने के लिए इतना बड़ा प्रकल्‍प किया| स्‍टेट में भी उसका initiative लिया गया, स्‍कूल कॉलेज में initiative लिया गया और धीरे-धीरे करके ये भी एक महत्‍वपूर्ण अवसर के रूप में बनेगा ये विश्‍वास है हमें इस समय मुझे आने का अवसर मिला मेरे समय की कठिनाई के कारण आपको भी जरा जल्‍दी-जल्‍दी आना पड़ा इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं|

बहुत-बहुत धन्‍यवाद

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PM Modi highlights extensive work done in boosting metro connectivity, strengthening urban transport
January 05, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has highlighted the remarkable progress in expanding Metro connectivity across India and its pivotal role in transforming urban transport and improving the ‘Ease of Living’ for millions of citizens.

MyGov posted on X threads about India’s Metro revolution on which PM Modi replied and said;

“Over the last decade, extensive work has been done in boosting metro connectivity, thus strengthening urban transport and enhancing ‘Ease of Living.’ #MetroRevolutionInIndia”