QuoteWhen BJP govt came to power in the centre, the work on fertiliser plants picked up speed: PM Modi in Talcher
QuoteI urge Naveen Babu to give priority to cleanliness in Odisha for the health of the people here: PM Modi in Odisha
QuotePM Modi says Odisha has a lot left to do, especially in matters of cleanliness
QuoteOur Govt is making sure that whatever money is allotted, all of it reaches the people: PM Modi
QuoteTalcher fertilizer plant will be ready in 36 months, I will come again then, says PM Modi in Odisha

भारत माता की जय...

मंच पर विराजमान हम सबके वरिष्ठ नेता श्रीमान विश्वभूषण हरिचंदन जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान जुएल जी,श्री धमेन्द्र प्रधान जी, विधायक दल के नेता केवी सिंहदेव जी,भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्रीमान अरुण सिंह जी, राष्ट्रीय प्रवक्ता और इसी धरती की संतान डॉ. संबित पात्रा जी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हमारे बहुत पुराने तपस्वी कार्यकर्ता श्रीमान प्रताप सारंगी जी, हमारे वरिष्ठ नेता श्रीमान मनमोहन श्यामल जी, श्रीमान रुद्र नारायण पाणि जी,हमारे रुद्र नारायण पाणि जी की आवाज अभी भी पार्लियामेंट में गूंजती रहती है, वरिष्ठ नेता श्रीमती सूरमा पाणि जी।

जय जगन्नाथ, जय मां हिंगुला।

ओडिशा के लोगों का ये प्यार, ये स्नेह मेरे लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है और मैं अनुभव कर रहा हूं कि जब 2014 के पहले मुख्यमंत्री के बतौर ओडिशा में कुछ कार्यक्रमों के लिए आने का अवसर मिलता था, फिर 2013-14 में लोकसभा के चुनाव को लेकर आना होता था, 2014 के बाद कई बार प्रधानमंत्री के रूप में, कार्यकर्ता के रूप में आपके बीच में आने का मौका मिला, लेकिन मैं लगातार देख रहा हूं कि आपकी हर रैली पुरानी सारी रैलियों के रिकॉर्ड तोड़ देती है। आज भी मैं देख रहा हूं, आपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ये विराट जनसागर, ये उत्साह, ये उमंग, ओडिशा के लोग क्या सोच रहे हैं, इसका ये जीता-जागता उदाहरण है। ओडिशा के जन-मन में क्या है, ये साफ-साफ दिखाई दे रहा है। साथियो, ओडिशा की ये ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध धरती, उस धरती पर आना मेरे लिए बहुत ही सुखद अनुभव है।

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पूर्वी भारत के उदय के सपने का बड़ा आधार, ओडिशा की अपनी क्षमताएं यहां लोगों की असीम शक्ति है। आज मुझे दोहरी खुशी इसलिए भी है क्योंकि अब से कुछ देर पहले ही तालचेर फर्टिलाइजर प्लांट के पुनरुद्धार का कार्य शुरू हो गया है। इस काम परसरकार करीब-करीब 13 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। तालचेर के लोगों को,ओडिशा के लोगों को, खास कर के यहां की युवा पीढ़ी को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। साथियो, इस पवित्र भूमि को मां हिंगुला का आशीर्वाद प्राप्त है। उनकी असीम अनुकंपा से इस धरती को भरपूर प्राकृतिक संपदा भी मिली है। मान्यता तो ये है कि भगवान जगन्नाथ की रसोई की अग्नि स्वयं मां हिंगुला ही हैं। आजकल गणेश पूजा का उत्सव भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। गणेश जी के आशीर्वाद से, माता हिंगुला के आशीर्वाद से तालचेर में शुरू हुआ ये कार्य नए ओडिशा के विकास की नई गाथा लिखेगा।

भाइयो और बहनो, ओडिशा की इस पवित्र भूमि पर अनेक पराक्रमी वीरों ने जन्म लिया है। महान नेता पवित्र मोहन प्रधान के नेतृत्व में प्रजामंडल आंदोलन आम जन के धैर्य और साहस की कहानियां आज भी हमें प्रेरणा दे रही हैं। इस आंदोलन की वानर सेना के सदस्य बालक बाजीराव की कहानी तो पराक्रम और साहस का एक अनूठा उदाहरण है। देश के लिए अपनी जान की परवाह न करने वाले ऐसे अनेक वीरोंमहेश चंद्र सुबाहु सिंह, सारंगधर दास, दाशरथ पाणी, वैष्णव पटनायक और मुसा मलिक को हम फिर आदरपूर्वक नमन करते हैं। यह भूमि वीर राजा सोमनाथ सिंह की भी है जिन्होंने अंग्रेजों की पराधीनता को स्वीकार नहीं किया और ओडिशा से उनको बाहर करने के लिए संघर्षरत रहे। इन वीरों के आशीर्वाद से तालचेर का फर्टिलाइजर प्लांट राष्ट्रनिर्माण की अहम धुरी बनेगा और ये मेरा विश्वास पक्का है। ये क्षेत्र ओडिशाके तटीय इलाकोंको पश्चिमी भाग से भी जोड़ता है और इसलिए फर्टिलाइजर प्लांट का आधुनिकीकरण होने के बाद पूरे-पूरे क्षेत्र के विकास को नई गति मिलना तय है।

साथियो, तालचेर का खाद कारखाना अब तक पहले की सरकारों की असफलता का प्रतीक है, विफलता का प्रतीक है। अब ये खाद कारखाना हमारी सरकार की सफलता का प्रतीक बनके रहेगा ये मैं आपको विश्वास दिला रहा हूं। यहां खाद कारखाना जीवन की और विकास की कभी अहम धुरी रहा करता था लेकिन पहले की सरकारों की नीतियां और नीयत ऐसी रही कि अनेक खाद के कारखाने बंद हुए और जो एक बार बंद हुए वो गए काम से, कभी शुरू नहीं हो पाए। साल 2000 में तब की सरकार ने तालचेर कारखाने को शुरू करने का फैसला तो लिया लेकिन सारी बातें कागज पे धरी की धरी रह गईं। जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनी तो फिर एक बार काम में तेजी आई और उन रुकावटों को, उन कठिनाइयों को दूर किया गया जो खाद कारखाने के रास्ते में रुकावट बनकर के रुकी पड़ी थीं। आज इसी का नतीजा है कि ओडिशा के लोगों को ये शुभ अवसर देखने को मिला है। और जब मैं अभी प्लांट का पुनरुद्धार का कार्य प्रारंभ कर रहा था, तो मुझे सारा मैप पर दिखा रहे थे, तो मैंने हमारे हमारे भारत सरकार के सब लोग जो इस काममें जुटे हैं उनको पूछा कि बताओ भाई प्रोडक्शन कब शुरू करोगे, उत्पादन कब प्रारंभ करोगे, कारखाने का काम कब पूरा होगा। उन्होंने मुझे वादा किया है कि 36 महीने के अंदर काम पूरा कर दिया जाएगा।

तालचेर के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि 36 महीने में काम पूरा होने के बाद मैं स्वयं फिर एक बार आपके बीच आऊंगा और इसका लोकार्पण करूंगा। देश के किसानों को, देश की कृषि व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च करके बंद पड़े खाद कारखानों को खोलने का काम हमने तेज गति से आगे बढ़ाया है। यहां तालचेर के अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में, झारखंड के सिंदरी में, तेलंगाना के रामागुंदममें और बिहार के बरौनी में देश के पांच बड़े खाद कारखानों को फिर से जीवन देने का काम चल रहा है। भाइयो और बहनो, कई बार मैं सोचता हूं, तो हैरान रह जाता हूं कि जब हमारे देश में साधन थे, संसाधन थे, हमारे देश में सामर्थ्य था तो भी इन कारखानों को शुरू करने की गंभीर कोशिश पहले क्यों नहीं हुई। क्योंसिर्फ फाइलों पर ही काम हुआ, राजनीतिक वादे होते रहे, भाषण होते रहे लेकिन जमीन पर कुछ नजर नहीं आया है।

भाइयो और बहनो, पिछले चार-सवा चार साल में हमारी सरकार ने देश के गरीबों, देश के पिछड़ों और हमारे पिछड़े इलाकों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने में पूरा जोर लगा दिया है। जन धन योजना की वजह से ओडिशा में भी एक करोड़ तीस लाख गरीबों के बैंक खाते खुल चुके हैं। केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का पैसाअब इन खातों में सीधे ट्रांसफर किया जा रहा है। साथियो, आपको याद होगा और ओडिशा वालों को ज्यादा याद रहना चाहिए, हमारे देश में एक प्रधानमंत्री थे, उन्होंने एक बार कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं तो सिर्फ 15 पैसा गरीब तक पहुंचता है, ये बीच में कौन बिचौलिये थे जो एक रुपये का 15 पैसा कर देते थे। उन्हें बीमारी क्या थीउसका तो पता चला, लेकिन उस बीमारी से देश को कैसे बचाया जा सके इसके लिए न उनमें कोई दम था, न संकल्प शक्ति थी, न विजन था, न सामर्थ्य था। वो चोरी का सिलसिला चलता रहा। अब हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि जो पैसा दिल्ली से भेजा जाए वोशत-प्रतिशत, पूरा का पूरा गरीब के बैंक खाते में सीधा जमा हो जाए, बीच में कोई बिचौलिया ना हो। हमारे काम करने का तरीका है और ये तरीका इसलिए है कि हमारी नीति स्पष्ट है, हमारी नीयत साफ है।

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मेरे प्यारेभाइयो-बहनो, आज पूरे देश में स्वच्छता का मिशन तेज गति से काम कर रहा है। स्वच्छता का अभियान चल रहा है, हिंदुस्तान के हर छोटे-मोटे राज्य उसके साथ जुड़ रहे हैं। 2014 में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा ओडिशा में केवल 10 प्रतिशत था, लेकिन जबसे भारत सरकार ने बीड़ा उठाया है, उसमें गति लाने का प्रयासकिया है, ओडिशाके जागरूक नागरिकों ने मेरी मदद की है, मेरा साथ दिया है, कंधे से कंधा मिलाकर के साथ दिया हैऔर उसके कारण 2014 में जो 10 प्रतिशत था वो अब करीब-करीब 55 प्रतिशत पहुंचा है। लेकिन देश किस गति से आगे बढ़ रहा है। देश ने जिस प्रकार से स्वच्छता का बीड़ा उठाया है, ओडिशा को बहुत कुछ करना बाकी है। यह न केवल राष्ट्रीय औसत से बहुत पीछे है, बल्कि ऐसे कई राज्यों से भी कम है जो कई अन्य मापदंडों से ओडिशा से पीछे हैं वो भी स्वच्छता के मुद्दे पे आगे निकल गए हैं और इसलिए हमें और भी आगे जाना है, और प्रयास करने हैं। मेरा विश्वास है कि आने वाले महीनों में इस अभियान को और तेज करके हम ओडिशा में भी संपूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करेंगे।

मैंने कुछ दिन पहले यहां के मुख्यमंत्री श्रीमान नवीन बाबू से भी आग्रह कियाथा कि देखिए देश स्वच्छता में काफी आगे बढ़ रहा है और ओडिशा पीछे रह जाएगा। शौचालय नहीं बन रहे हैं, ओपेन डेफिकेशन फ्री का मूवमेंट नहीं चल रहा है। मैंने उन्हें आग्रहपूर्वक संदेश भेजा था, लेकिन आज जब माता हिंगुला की धरती पर आया हूं, भगवान जगन्नाथ की धरती पर आया हूं, तब मैं नवीन बाबू को फिर से एक बार आग्रह करता हूं कि ओडिशा में वो स्वच्छता को प्राथमिकता दें। ये स्वच्छता स्वास्थ्य के साथ जुड़ी हुई है। ओडिशा के लोगों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए उत्तम स्वच्छता की भी आवश्यकता है।

कुछ इस प्रकार से मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, आने वाले दिनों में हम देश के लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा एक और भगीरथ कार्य कल से झारखंड की धरती से एक साथ हिंदुस्तान के गांव- गांव में प्रारंभ करने जा रहे हैं। ये कार्यक्रम है आयुष्मान भारत योजना के तहत कल से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना PMJAYइसकी शुरुआत हो रही है। इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को यानि कि करीब-करीब 50 करोड़ लोगों को मतलब अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको उनकी पूरी जो जनसंख्या है उससे भी ज्यादा लोगों को,उनके परिवारों में अगरगंभीर बीमारी के इलाज के लिए आवश्यकता पड़ेगी तो साल भर में पांच लाख रुपये तक का हेल्थ एश्योरेंस दिया जाएगा। पांच लाख रुपया..यानि कोई गंभीर बीमारी होने की स्थिति में गरीब परिवार को तय अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में मिलेगा। गरीब के घर में बीमारी आती है तो वो ब्याज के चक्कर में डूब जाता है, परिवार तबाह हो जाता है, मैं ऐसे परिवारों को बचाना चाहता हूं।

मेरे भाइयो-बहनो, हिंदुस्तान के अधिकतम राज्य भारत सरकार की इस योजना से जुड़ गए हैं। जो राज्य जुड़ गए हैं, उस राज्य के गरीबों को इसका फायदा मिलने वाला है। आप मुझे बताइए भाइयो-बहनो, इसका फायदा ओडिशा के गरीबों को मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। पूरी ताकत से मुझे समझाइए, मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। क्या ऐसी योजना का लाभ लेना चाहिए कि नहीं लेना चाहिए, ओडिशा की सरकार को आगे आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है, हमारे नवीन बाबू को समझ नहीं आ रहा है। मैं आज आप के माध्यम से सार्वजनिक रूप से हमारे मित्र नवीन बाबू को फिर से आग्रह करूंगा कि ओडिशा के लाखों परिवारों की भलाई के लिए, गरीब परिवारों के स्वास्थ्य के लिए, गरीब परिवारों को मदद करने के लिए भारत सरकार ने जो योजना बनाई है आयुष्मान भारत योजना आप उसके साथ जुड़िए और हर परिवार को पांच लाख रुपये तक की मदद में आप भी आ जाइए, मैं निमंत्रण देता हूं। इस योजना से जुड़ने पर ओडिशा के लोग किसी भी राज्य में, अगर यहां से आपको दिल्ली भी जाना पड़े बीमारी में, तो उसका इलाज भी उस योजना के तहत आपका मुफ्त में हो जाएगा, लेकिन योजना होगी तो लाभ मिलेगा। अगर ओडिशा की सरकार नहीं जुड़ेगी, तो आपकी सेवा मैं नहीं कर पाऊंगा।

भाइयो और बहनो, ओडिशा में स्वास्थ्य सेवाएं किस स्थिति में रही हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। जन्म के समय माता और बच्चे की होने वाली मृत्यु, ओडिशा के हेल्थ सेंटर की सच्चाई, मैं नहीं मानता हूं, उसके लिए अब कोई मुझे वर्णन करने की जरूरत है। सारी चीजें खुली किताब की तरह लोगों के सामने पड़ी हैं। इसलिए केंद्र सरकार का प्रयास है कि यहां स्वास्थ्य सुवाएं सुधरें। यहां के नागरिकों को बीमारियों के इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों की तरफ न जाना पड़े। आयुष्मान भारत के तहत आपके राज्य की बड़ी पंचायतों में वेलनेस सेंटर भी खोलने की तैयारी है। इसके अलावा राज्य में पांच नए मेडिकल कॉलेज भी खोले जा रहे हैं, बालासोर, बारीपडा, बोलांगीर, कोरापुट और पुरी में मेडिकल कॉलेज और राउरकेला में मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 570 करोड़ रुपये की मदद दी जा रही है। साथ ही तालचेर और सुंदरगढ़ में सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल पर काम चल रहा है। कटक, बुर्ला और बहरामपुर के मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के आधुनिकीकरण पर भी 360 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

भाइयो और बहनो, आज इस मंच पर आपके लोकप्रिय साथी श्रीमान धर्मेंद्र जी, श्रीमान जुएलजी जो मेरी सरकार की टीम में काम करते हैं, उनकी भी मैं प्रशंसा करूंगा क्योंकि उनकी योजनाओं के कारण सरकार की कई योजनाएं यहां लागू हुई हैं। बहनों-बेटियों को रसोईघर में धुएं से मुक्ति मिली है। ओडिशा में उज्ज्वला योजना के तहत 34 लाख से ज्यादा गरीब परिवार, महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। ओडिशा ने एलपीजी गैस कनेक्शन के मामले में बहुत बड़ी छलांग लगाई है। 2014 में राज्य में सिर्फ 22 प्रतिशत लोगों के पास गैस कनेक्शन था, अब यह बढ़कर 60-65 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। उज्ज्वला योजना की वजह से न सिर्फ महिलाओं का, बल्कि उनके परिवार का भी स्वास्थ्य सुधर रहा है।
साथियो, केंद्र सरकार की कोशिश आपका जीवन आसान बनाने की है, आपके जीवन से बेवजह की चुनौतियां कम करने की है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सिर्फ एक रुपये महीना और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ओडिशा के 50 लाख लोगों को सुरक्षा बीमा कवच दिया गया है। किसी अनहोनी की स्थिति में अब प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमत्री सुरक्षा बीमा योजना, इसके कहत दो-दो लाख रुपये इन गरीब परिवारों को मिल रहे हैं।

भाइयो और बहनो, किस गरीब का सपना नहीं होता कि उसके पास अपना एक घर हो। हर किसी का सपना होता है लेकिन दशकों तक घरों को लेकर भी नारे चलते रहे, बड़ी-बड़ी बातें कहीं, जमीन पर काम न के बराबर हुआ। पहले आवास योजनाओं के तहत किस तरह के घर मिलते थे, कितने घर मिलते थे, ये सारी बातें आपको भलीभांति पता हैं। अब भारतीय जनता पार्टी सरकार ने ठाना है कि साल 2022 तक जब आजादी के 75 साल मनाएंगे, देश में कोई बिना घर के न हो, हर गरीब के पास छत हो और इसके लिए पहले की योजनाओं में जितनी कमियां थीं उन्हें दूर किया गया है। केंद्र सरकार की आवास योजनाओं के तहत ओडिशा में बन रहे घरों में भी 40 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है।

पिछले चार साल में प्रधानमंत्री आवास योजना समेत दूसरी केंद्रीय योजनाओं के तहत राज्य के करीब-करीब 10 लाख घरों के निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी गई है। जबकि पहले की सरकार के 10 साल के शासन में सिर्फ सात लाख घरों की स्वीकृति दी गई। घरों के निर्माण के ये अंतर गवाह हैं कि हमारी सरकार ओडिशा के गरीब भाई-बहनों को घर देने के लिए कितनी गंभीर है।

भाइयो और बहनो, केंद्र सरकार ये भी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि ओडिशा में किसी भी गरीब को भूखा सोने की नौबत नहीं आनी चाहिए। कभी-कभी ये जानकारियां लोगों को नहीं होती हैं तभी हमें मजबूरन बताना पड़ रहा है मेरे ओडिशा के प्यारे भाइयो-बहनो, ओडिशा में जो चावलगरीबों को एक रुपये प्रति किलो दिया जाता है, उस एक किलो चावल के पीछे 25 रुपया से 30 रुपया भारत सरकार के खजाने से देते हैं। तब जाकर के एक रुपये किलो चावल आपकी थाली में आता है। ये जानकारी लोगों को है ही नहीं, उनको पता ही नहीं है, सारा पैसा दिल्लीसे आता है।राज्य के 85 लाख से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार नवीन बाबू की सरकार को हर महीने लगभग 450 करोड़ रुपये देती है। इसके अलावा जो वितरण प्रणाली है, उसका आधुनिकीकरण करके ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि गरीबों का अधिकार कोई बिचौलिया छीन न ले।

भाइयो और बहनो, जब नीयत साफ हो, देश का हित सबसे आगे हो, तो ऐसे फैसले लिए जाते हैं जिन्हें लेने का हौसला दूसरों में कहीं नजर नहीं आता है। हमारी सरकार आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है। दशकों से देश में ओबीसी कमीशन को संवैधनिक दर्जा देने की मांग हमारे पिछड़े समुदाय के भाई-बहन कर रहे थे। इस मांग को पूरा करने का काम भी इसी सरकार ने किया है। अब ओबीसी कमीशन के पास जितनी जिम्मेदारियां हैं, उतने ही उचित उसके पास अब अधिकार भी हैं।

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तीन दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक और ऐसा फैसला लिया है, जिसकी आवश्यकता दशकों से महसूस की जा रही थी लेकिन पहले की कोई भी सरकार इसका जिक्र तक करने से डरती थी। ये फैसला है तीन तलाक पर। तीन तलाक किस तरह हमारी मुस्लिम बहनों की जिंदगी को तबाह कर रहा है, ये हम भलीभांति जानते हैं लेकिन वोट खोने के डर से इस समस्याके बारे में कोई बात तक करने को तैयार नहीं था। हमारी सरकार ने जब लोकसभा में तीन तलाक से जुड़ा कानून पास कराया तो उसे राज्यसभा में रोकने की कोशिश की गई। लेकिन हम मुस्लिम बहनों-बेटियों को इस कुप्रथा के चंगुल से निकालने के लिए संकल्पबद्ध हैं, प्रतिबद्ध हैं। अब तीन तलाक पर ऑर्डिनेंस (अध्यादेश) लाकर इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है। हमारी निरंतर कोशिश रहेगी कि इस पर संसद से भी जल्द से जल्द मुहर लगवाई जाए।

साथियो, आपके आशीर्वाद से ओडिशा भी देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर के आगे बढ़ने के लिए तैयार है। रुकावट क्या है, वो मुझे कहने की जरूरत नहीं है, मुसीबत कहां है वो मुझे समझाने की जरूरत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आपका ये समर्थन इस बात का गवाह है कि नए ओडिशा के सपने को आप जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं। आपके इस सपने को पूरा करने के लिए, ओडिशा के इस सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार हर तरह से आपके साथ है।
एक बार फिर आप सभी को तालचेर में हो रहे नवनिर्माण की बहुत-बहुत बधाई। फिर से एक बार 36 महीने पर काम पूरा होने पर आपके आशीर्वाद से यहां उद्घाटन के लिए आऊंगा।

भाइयो-बहनो, अब यहां से मुझे झारसुगुड़ा जाने का कार्यक्रम है। वहां भी नए ओडिशा से जुड़ी अनेक परियोजनाओं की शुरुआत होगी। आप यहां आए, इतना स्नेह, इतना आशीर्वाद दिया, मैं हृदय से आप सबका बहुत-बहुत धन्याद करता हूं।

जय जगन्नाथ
जय जगन्नाथ
जय जगन्नाथ।।

  • Jitendra Kumar March 29, 2025

    🙏🇮🇳
  • Devendra Kunwar October 19, 2024

    BJP
  • bijayalaxmi nanda February 15, 2024

    jai ho
  • israrul hauqe shah pradhanmantri Jan kalyankari Yojana jagrukta abhiyan jila adhyaksh Gonda January 16, 2024

    Jai ho
  • Banu Mathi district secretary January 16, 2024

    super
  • BABALU BJP January 14, 2024

    Jay BJP
  • Bimla Thakur March 19, 2023

    मोदी जी आप महिलाओ के इस युग के भगवान है हम घर बैठ कर अपनी जीविका साधन चुटा रही है
  • G.shankar Srivastav August 10, 2022

    जय श्री राम
  • G.shankar Srivastav June 20, 2022

    नमस्ते
  • Jayanta Kumar Bhadra June 01, 2022

    Jay Ganesh
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PM Modi’s remarks at the BRICS session: Environment, COP-30, and Global Health
July 07, 2025

Your Highness,
Excellencies,

I am glad that under the chairmanship of Brazil, BRICS has given high priority to important issues like environment and health security. These subjects are not only interconnected but are also extremely important for the bright future of humanity.

Friends,

This year, COP-30 is being held in Brazil, making discussions on the environment in BRICS both relevant and timely. Climate change and environmental safety have always been top priorities for India. For us, it's not just about energy, it's about maintaining a balance between life and nature. While some see it as just numbers, in India, it's part of our daily life and traditions. In our culture, the Earth is respected as a mother. That’s why, when Mother Earth needs us, we always respond. We are transforming our mindset, our behaviour, and our lifestyle.

Guided by the spirit of "People, Planet, and Progress”, India has launched several key initiatives — such as Mission LiFE (Lifestyle for Environment), 'Ek Ped Maa Ke Naam' (A Tree in the Name of Mother), the International Solar Alliance, the Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, the Green Hydrogen Mission, the Global Biofuels Alliance, and the Big Cats Alliance.

During India’s G20 Presidency, we placed strong emphasis on sustainable development and bridging the gap between the Global North and South. With this objective, we achieved consensus among all countries on the Green Development Pact. To encourage environment-friendly actions, we also launched the Green Credits Initiative.

Despite being the world’s fastest-growing major economy, India is the first country to achieve its Paris commitments ahead of schedule. We are also making rapid progress toward our goal of achieving Net Zero by 2070. In the past decade, India has witnessed a remarkable 4000% increase in its installed capacity of solar energy. Through these efforts, we are laying a strong foundation for a sustainable and green future.

Friends,

For India, climate justice is not just a choice, it is a moral obligation. India firmly believes that without technology transfer and affordable financing for countries in need, climate action will remain confined to climate talk. Bridging the gap between climate ambition and climate financing is a special and significant responsibility of developed countries. We take along all nations, especially those facing food, fuel, fertilizer, and financial crises due to various global challenges.

These countries should have the same confidence that developed countries have in shaping their future. Sustainable and inclusive development of humanity cannot be achieved as long as double standards persist. The "Framework Declaration on Climate Finance” being released today is a commendable step in this direction. India fully supports this initiative.

Friends,

The health of the planet and the health of humanity are deeply intertwined. The COVID-19 pandemic taught us that viruses do not require visas, and solutions cannot be chosen based on passports. Shared challenges can only be addressed through collective efforts.

Guided by the mantra of 'One Earth, One Health,' India has expanded cooperation with all countries. Today, India is home to the world’s largest health insurance scheme "Ayushman Bharat”, which has become a lifeline for over 500 million people. An ecosystem for traditional medicine systems such as Ayurveda, Yoga, Unani, and Siddha has been established. Through Digital Health initiatives, we are delivering healthcare services to an increasing number of people across the remotest corners of the country. We would be happy to share India’s successful experiences in all these areas.

I am pleased that BRICS has also placed special emphasis on enhancing cooperation in the area of health. The BRICS Vaccine R&D Centre, launched in 2022, is a significant step in this direction. The Leader’s Statement on "BRICS Partnership for Elimination of Socially Determined Diseases” being issued today shall serve as new inspiration for strengthening our collaboration.

Friends,

I extend my sincere gratitude to all participants for today’s critical and constructive discussions. Under India’s BRICS chairmanship next year, we will continue to work closely on all key issues. Our goal will be to redefine BRICS as Building Resilience and Innovation for Cooperation and Sustainability. Just as we brought inclusivity to our G-20 Presidency and placed the concerns of the Global South at the forefront of the agenda, similarly, during our Presidency of BRICS, we will advance this forum with a people-centric approach and the spirit of ‘Humanity First.’

Once again, I extend my heartfelt congratulations to President Lula on this successful BRICS Summit.

Thank you very much.