Quoteخوش قسمت ہوں کہ میں ، ملک کی خدمت کے لئے وقف، بھارتیہ جنتا پارٹی کا رکن ہوں : وزیر اعظم مودی
Quoteیہ ایک فخر کی بات ہے کہ 19 ریاستوں میں ہماری حکومت ہے اور اس سے بھی بڑی فخر کی بات یہ ہے کہ ہم دنیا کی سب سے بڑی پارٹی ہیں : وزیر اعظم مودی
Quoteشیوراج جی کی زیر قیات، مدھیہ پردیش میں بی جے پی حکومت، ریاست کے عوام کی خدمت میں کوئی کسر نہیں چھوڑ رہی ہے: وزیر اعظم مودی
Quoteہمارے لئے، ملک کے 125 کروڑ ہندوستانی ہمارا کنبہ ہیں، ہمارے لئے ملک ہمیشہ سب سے پہلے آتا ہے: وزیر اعظم نریندر مودی
Quoteپنڈت دین دیال اپادھیائے کے خیال سے ترغیب حاصل کرکے، ہم نے اپنے آپ کو ملک کی خدمت کرنے کے لئے وقف کر دیا ہے: وزیر اعظم
Quoteہم خوش قسمت ہیں ۔ ہماری شناخت گاندھی جی، لوہیا جی اور پنڈت دین دیال اپادھیائے جی سے ہے کیونکہ ہم اشتراک میں یقین رکھتے ہیں : وزیراعظم
Quote10 سال کانگریس نے لوگوں کو دھوکہ دیا۔ اب وقت آ گیا ہے کہ انہیں منھ توڑ جواب دیا جائے: وزیر اعظم مودی بھوپال میں
Quoteہمارا تصور صاف ہے ۔ ’میرا بوتھ، سب سے مضبوط‘ : وزیر اعظم
Quoteمدھیہ پردیش کے عوام کو ترقی کی سیاست اور ووٹ کے لئے سیاست میں سے کسی ایک کا انتخاب کرنا ہے : وزیر اعظم مودی
Quoteہمارا عزم مسلم خواتین کو خودمختار بنانا ہے۔ ایک طرف ہم ’طلاق ثلاثہ‘ کو ختم کرنے کے لئے کوششیں کر رہے ہیں، لیکن کانگریس اسے ووٹ بینک کا مسئلہ بنا رہی ہے : وزیر اعظم مودی
Quoteوزیر اعظم مودی نے مدھیہ پردیش کی ترقی کے لئے کشابھاؤ ٹھاکرے، راج ماتا سندیاکے تعاون کو یاد کیا۔
Quoteحزب مخالف جتنی کیچڑ پھینکے گا، کمل (بی جے پی کا نشان) اتنا زیادہ کھلے گا : وزیر اعظم مودی

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष...परिश्रम की पराकाष्ठा करने वाले हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक दलों में पार्टी का अध्यक्ष कैसा होना चाहिए, इस पर देश की हर छोटी-मोटी पार्टी को चर्चा करने के लिए जिसने मजबूर कर दिया है, वैसे श्री अमित भाई शाह। मध्य प्रदेश के जनसेवक मुख्यमंत्री, मेरे मित्र श्रीमान शिवराज सिंह जी चौहान। लोकसभा में मेरे साथी और मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान राकेश सिंह जी। मंच पर विराजमान सभी गणमान्य वरिष्ठ नेतागण और मध्य प्रदेश के कोने-कोने से विशाल संख्या में आए हुए मेरे प्यारे कार्यकर्ता भाइयो और बहनो।

इस कार्यक्रम का नाम है ‘कार्यकर्ताओं का कुंभ’। शायद ये विशाल जन सागर... जहां भी मेरी नजर पहुंच रही है, मुझे उत्साह से भरे हुए, ऊर्जा से भरे हुए, लाखों लोग नजर आ रहे हैं।

हम कितने भाग्यवान हैं, पता नहीं किस जन्म में हमने कितने पुण्य किए होंगे कि हमें भी इस महान पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में हम सबको कार्य करने का, मां भारती की सेवा करने का सद्भाग्य प्राप्त हुआ है। ऐसा पुण्य और ऐसा सौभाग्य बदइरादे से जीने वालों के नसीब नहीं होता है।

निष्काम कर्मयोगी की तरह सिर्फ और सिर्फ मां भारती के जय-जयकार के लिए जिंदगी खपाने के इरादे हैं। सवा सौ करोड़ लोगों को जो परिवार मानते हैं। हिंदुस्तान के हर दुखी का दुख बांटने की कोशिश करते हैं, ऐसे लाखों-लाखों मध्य प्रदेश के कोने-कोने से आए कार्यकर्ता भाइयों-बहनों। भारतीय जनता पार्टी की 19 राज्यों में सरकार होना, ये गर्व की बात है, लेकिन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होना, वह उससे भी बड़े गर्व की बात है। और, विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के कार्यकर्ता होना इससे बड़ा जीवन का गौरवपूर्ण पुरुष्य क्या हो सकता है दोस्तो।

आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती है। शायद विश्व में हम ही एक ऐसी पार्टी हैं, जिस पार्टी की विचारधारा को जिस एक शब्द में जाना जाता है, वह है – ‘एकात्म मानववाद’।

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दुनिया में कहीं पर भी कोई भी राजनीतिक दल ‘मानववाद’ शब्द से जुड़कर के काम कर रही हो, ऐसा मैंने न सुना है, न मैंने पढ़ा है। हम अकेले हैं जो सिर्फ और सिर्फ मानवता के मुद्दे को लेकर के राजनीतिक जीवन में काम कर रहे हैं।

भाइयो-बहनो, गत वर्ष हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मशती मना रहे थे। और जन्मशती को भी भारतीय जनता पार्टी ने कैसे मनाया?  बड़े-बड़े समारोह करके नहीं मनाया। तुम भी भले, हम भी भले, तुम्हारा जय-जयकार, मेरा भी जय-जयकार ऐसा नहीं किया। दीनदयाल जी ने जिस बात के लिए जीवन खपाया था उसको जन्म शताब्दी वर्ष में पार्टी के हर स्तर के कार्यकर्ताओं ने, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने भी उसमें निर्धारित किए उन सारे कामों को खुद से किया और बूथ में बैठे भारतीय जनता पार्टी के छोटे सिपाही ने भी उसे उसी लगन के साथ पूरा किया... ये है हमारी ताकत।

भाइयो-बहनो, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, उनका चिंतन, उनका जीवन, उनका आचार, उनका विचार हमारी प्रेरणा हैं।

आप सब मेरे साथ बोलेंगे, दोनों हाथ ऊपर करके, मुट्ठी बंद कर के बोलेंगे।

मैं कहूंगा पंडित दीनदयाल उपाध्याय, आप दोनों हाथ ऊपर करके दो बार बोलेंगे– अमर रहे, अमर रहे...

पंडित दीनदयाल उपाध्याय – अमर रहे, अमर रहे

पंडित दीनदयाल उपाध्याय – अमर रहे, अमर रहे

पंडित दीनदयाल उपाध्याय – अमर रहे, अमर रहे

भाइयो-बहनो, आम तौर पर मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की संगठन की धरातल बहुत मजबूत है। कुशाभाऊ ठाकरे जी के जमाने से इसके संगठन के एक-एक रूट को जमीन में इतना गहरा मजबूत बनाया गया है, जो इसी धरती के रस-कश से ये विशाल वटवृक्ष के रूप में आज पनपा है।

और मध्य प्रदेश एक ऑर्गेनाइज्ड ‘वे’ में काम करने की आदत वाली पार्टी है। कई वर्षों से 25 सितंबर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती कार्यकर्ताओं के मिलन के साथ मनाने की यहां परंपरा रही है। मुझे भी पहले ऐसे समारोह में आप सबके आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। आज मुझे फिर एक बार आपके बीच 25 सितंबर को इस कार्यकर्ताओं के महाकुंभ में पवित्र आचमन लेने का सौभाग्य मिला है, लेकिन एक फर्क है।

पहले जब भी आए तब मन में एक एहसास हुआ करता था कि जिसकी जन्मभूमि यह धरती रही है, जिस धरती ने ऐसे योग्य पुरुष को जन्म दिया था, जिसने देश और दुनिया में हिंदुस्तान के नाम को रोशन किया था, ‘वन लाइफ-वन मिशन’, एक ही विचार को समर्पित जीवन जिया था, वैसे अटल बिहारी वाजपेयी आज हमारे बीच नहीं हैं।

भारतीय जनता पार्टी के हम लाखों कार्यकर्ताओं पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी हों, श्यामा प्रसाद मुखर्जी हों, अटल बिहारी वाजपेयी हों, राजमाता सिंधिया जी हों,  दल के विचार के लिए बलिदान देने वाले सैकड़ों नौजवान कार्यकर्ता हों, केरल में जूझते हुए मौत के घाट उतारने के बाद भी संघर्ष करने वाले, पश्चिम बंगाल को बचाने के लिए जीवन की आहुति देने वाले कार्यकर्ता हों या जम्मू कश्मीर की धरती पर मां भारती के लिए अपने बलिदान के लिए हर पल तैयार रहने वाले ये लाखों कार्यकर्ताओं की सौगात, भाइयो-बहनो, इन सबका हम पर कर्ज है।

इन सभी महापुरुषों ने सपनों को लेकर के सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने का सपना लेकर के अपना जीवन खपा दिया था। हम उनके आशीर्वाद से पले-बढ़े लोग हैं, और इसलिए हम सब पर इन महापुरुषों का, उन सैकड़ों बलिदानी कार्यकर्ताओं का, तीन-तीन चार-चार पीढ़ी, इस विचार के लिए खपा देने वालों का, हम सभी कार्यकर्ताओं पर कर्ज है, ये कर्ज चुकाने का कोई मौका हम नहीं छोड़ेंगे। कोई अवसर हम नहीं जाने देंगे।

भाइयो-बहनो, आजादी के बाद देश तीन महापुरुषों को कभी भूल नहीं सकता। महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय। ये तीनों महापुरुष जो राष्ट्र के विकास के लिए, राष्ट्र के हर नागरिक के कल्याण के लिए, आखिरी पंक्ति में जो बैठा हुआ है, जो आखिरी छोर पर खड़ा हुआ है, जो विकास की दौड़ में बहुत दूर बैठा है, उन सबको प्राथमिकता देते हुए राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के विचारों से देश का हमेशा मार्गदर्शन करते रहे। गांधी, लोहिया और दीनदयाल ये तीन ही महापुरुष हैं जिनके विचारों में पले-बढ़े लोग जो आज हिंदुस्तान की राजनीति में अपना काम कर रहे हैं।

भाइयो-बहनो, ये हमारा सौभाग्य है कि हम वो लोग हैं, जिन्हें गांधी भी मंजूर हैं, लोहिया भी मंजूर हैं, और दीनदयाल भी मंजूर हैं। क्योंकि हम समन्वय में विश्वास करते हैं। हम सामाजिक न्याय में विश्वास करते हैं।

भाइयो-बहनो, ‘सबका साथ-सबका विकास’ ये सिर्फ चुनावी नारा नहीं है। उज्ज्वल भारत के भविष्य के लिए, कोटि-कोटि भारतीयों की आशा-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए, सोच समझकर के चुना हुआ ये हमारा मार्ग है। इसी मार्ग पर आगे बढ़ते हुए समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूट जाए। चाहे वो सामाजिक कारणों से हो, चाहे वो आर्थिक कारणों से हो, चाहे वो अवसर के अभाव के कारण हो, ये हम सब का दायित्व बनता है कि हम समाज के सभी वर्ग के लोगों को उनके कल्याण के लिए, हम योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। अगर राज्य भी है तो राज्य में भी कौन सा जिला पीछे रह गया है। अगर जिला भी है, तो उसमें कौन सा ब्लॉक पीछे रह गया है। अगर ब्ल़ॉक भी है तो उसमें कौन सा गांव पीछे रह गया। और गांव भी है तो कौन परिवार है जो पीछे रह गए, उन सबको आगे लाने के लिए हम विस्तृत योजनाओं के साथ काम कर रहे हैं।

भाइयो-बहनो, हमारे देश में वोट बैंक की राजनीति ने समाज को दीमक की तरह तबाह कर दिया है। इसलिए आजादी के 70 साल में जो बर्बादी आई उससे अगर देश को बचाना है, तो हमारे सामने ये वोट बैंक की राजनीति की दीमक से देश को मुक्त कराना, ये भारतीय जनता पार्टी की विशेष  जिम्मेदारी है। क्योंकि वोट बैंक की राजनीति ने एक ऐसी बर्बादी लाई कि नेता या दल समाज के एक समूह को पकड़ लेते थे। एक-दो समूहों का समीकरण बना लेते थे और उसी में से चुनाव जीतने के हथकंडे बनाते थे। न वो सबको जवाबदेह थे और न वो सबका कल्याण चाहते थे, न वो सबकी भलाई के लिए काम करते थे, उनको तो अपनी कुर्सी बचाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं था।

भाइयो-बहनो, ये पाप जिन्होंने किया है, देश को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटने का, समाज के ताने-बाने को तोड़ने का, तहस-नहस करने का और राजनीति के खेल खेलने का, देश की तबाही का कारण बना हुआ है। और भाइयो-बहनो, तब जाकर के ‘सबका साथ-सबका विकास’, ये मंत्र भव्य भारत के लिए, उज्ज्वल भारत के लिए, समृद्ध भारत के लिए, सशक्त भारत के लिए एक अनिवार्य मार्ग बन गया है। और इसलिए मध्य प्रदेश की जनता से आज कार्यकर्ताओं के माध्यम से आग्रह करता हूं कि अगर पहले की सरकारों ने, कांग्रेस के कल्चर ने, अगर मध्य प्रदेश का भला चाहा होता, जो काम भारतीय जनता पार्टी की सरकारें कर पाईं, वो भी कर सकते थे। और मध्य प्रदेश को मैं कहना चाहूंगा कि भारतीय जनता पार्टी को आपने सेवा करने का मौका दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश को भारतीय जनता पार्टी की जो कठिनाइयां हैं, उसका भी पता होना चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश की सरकारों की कठिनाई क्या रही, चाहे सुंदरलाल जी ने काम संभाला हो, चाहे कैलाश जी ने काम संभाला हो, चाहे बाबूलाल गौर ने काम संभाला हो, चाहे उमा भारती जी ने काम संभाला हो, चाहे शिवराज जी ने कार्य संभाला हो, जब तक दिल्ली में यूपीए की सरकार थी, वे जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकारें थीं, सिर्फ उन सरकारों के प्रति नहीं वहां की जनता के प्रति भी दुश्मनी का भाव पाल कर के बैठे थे। सरकार के हर काम में दिल्ली रुकावट करने में गर्व अनुभव करती थी। और उनके नेता भी- मैंने तो ये, गुजरात में मैं मुख्यमंत्री था, कांग्रेस का कोई मंत्री अगर हमारी नमस्ते भी स्वीकार कर ले और अगर वह तस्वीर छप जाए तो वह कांपता था कि अब मेरा पत्ता कट जाएगा। मोदी जी के साथ मेरी नमस्ते करती हुई तस्वीर छप गई है।

इतना जुल्म दिल्ली के अंदर यूपीए के शासनकाल में चला है। अफसर लोग भी,  पैसे पड़े रहें तो पड़े रहें, योजनाएं अटक पड़ें तो अटक पड़ें, लेकिन जहां भाजपा की सरकार है, वहां तो कुछ नहीं होने देंगे। तब जाकर के वहां पर जनता का आक्रोश पैदा होगा और तब जाकर के जनता भारतीय जनता पार्टी को हटाएगी।

भाइयो-बहनो, क्या ऐसे षडयंत्रों से मध्य प्रदेश को बचाना चाहिए कि नहीं चाहिए?

ऐसे षडयंत्रों से मध्य प्रदेश को बचाना चाहिए कि नहीं चाहिए? जिन्होंने दस-दस साल तक मध्य प्रदेश से दुश्मनी रखी हो, उनको सजा देनी चाहिए कि नहीं चाहिए? ऐसे लोगों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? इस चुनाव के अंदर उनको धरती पर लाकर के खड़ा कर देना चाहिए कि नहीं चाहिए?

भाइयो-बहनो, दस साल तक आपके अधिकारों के साथ दिल्ली में बैठकर इन्होंने खिलवाड़ किया है, इनको सजा देने का मौका पहली बार आया है। पहली बार आया है भाइयो-बहनो। उनके पापों की सजा मिलनी चाहिए।

कौन लोग थे, जिन्होंने मध्य प्रदेश को भी ‘बीमारू’ की सूची में डालने के लिए ‘गौरवपूर्ण’ काले कारनामे किए थे। कितनी मेहनत पड़ी है मध्य प्रदेश को उस गड्ढे से निकाल कर के विकास की बराबरी में लाने के लिए। अब दिल्ली में एक सरकार है, जो ये मानती है कि हिंदुस्तान को आगे बढ़ाना है तो हिंदुस्तान के राज्यों को मजबूत करना होगा। राज्यों को आगे बढ़ाना होगा, राज्यों की ताकत बढ़ानी होगी। मुझे सेवा करने का मौका चाहिए भाइयो-बहनो।

आने वाले पांच साल मध्य प्रदेश की अच्छी सेवा करने के लिए दिल्ली की सरकार और मध्य प्रदेश की सरकार-भारतीय जनता पार्टी की सरकार मिलकर के, मध्य प्रदेश जिन सपनों के साथ चल पड़ा है, शिवराज जी ने गति दी है, दिल्ली में हमें जितना अवसर मिला हमने पूरा साथ और सहयोग दिया है। अब सब चीजें तैयार हैं, अब मौका है नई छलांग लगाने का।

भाइयो-बहनो, आज हिंदुस्तान में जितने भी रैंकिंग होते हैं... चाहे कृषि के संबंध में हो, अर्बन डेवलपमेंट हो, रोड बनाने की रैंकिंग हो, पानी-नदियों को जोड़ने की रैंकिंग हो, मैं शिवराज जी की सरकार और उनके साथियों को अभिनंदन देता हूं कि हर रैंकिंग में आज वे हिंदुस्तान में नंबर एक पर खड़े रहते हैं।

भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए कि जो पार्टी सवा सौ साल से भी बड़ी हो, जिस पार्टी के पास सैकड़ों निवृत्त केंद्रीय मंत्री हों, अनकों भूतपूर्व गवर्नर हों, अनेकों भूतपूर्व मुख्यमंत्री हों, अनेकों एक्स एमपी और अनेकों एक्स एमएलए हों, पचास-साठ साल तक लगातार देश पर शासन किया हो, ऐसा क्या हुआ कि इतनी बड़ी पार्टी, सूक्ष्मदर्शक यंत्र लेकर निकलना पड़ता है कि हिंदुस्तान के किसी कोने में बची है कि नहीं बची है।

जरा कांग्रेस के लोग आत्मचिंतन करो कि आपका ये हाल क्यों हुआ? और आप इतनी पराजय के बाद सुधरने को तैयार नहीं हैं। ‘84 में हमारी भी पराजय हुई थी। अटल जी समेत चुनाव हार गए थे, लेकिन हमने चुनाव हारने के बाद ईवीएम मशीन को गालियां देकर के अपनी चमड़ी बचाने का काम नहीं किया। चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पार्टी ने कैसे हरा दिया ऐसा कर के चुप नहीं रहे। हमने भीतर देखा, जनसामान्य का विश्वास पाने के लिए संकल्प के साथ चल पड़े, घोर पराजय के बाद चल पड़े और देश की जनता को विश्वास दिलाया और देश की जनता ने हम पर भरोसा कर लिया।  

कांग्रेस ये करने को भी तैयार नहीं है। इतना बड़ा 440 में से 44 हो गए, आत्मचिंतन करने को तैयार नहीं है। उसका कारण अहंकार। उसका कारण, ये गद्दियां तो हमारे लिए रिजर्व है। कोई चाय वाला, कोई गरीब मां का बेटा शिवराज, कोई गरीब मां का बेटा योगी जी, ये नहीं बैठ सकते। जिसका खानदानी हक है, वही बैठ सकते हैं। क्या लोकतंत्र में आपको मंजूर है क्या? क्या लोकतंत्र में मंजूर है क्या? लोकतंत्र में आपको मंजूर है क्या?

और अब क्या कर रहे हैं, कांग्रेस पार्टी खुद के लिए। अभी जम्मू-कश्मीर में चुनाव चल रहे हैं। जो उनके साथी दल हैं, वो चुनाव से भाग रहे हैं, अगर साथियों के प्रति इतना प्रेम था तो कांग्रेस पार्टी को उनके साथ खड़े रहना चाहिए था, लेकिन जम्मू-कश्मीर में कहते हैं कि अच्छा आपको साथ नहीं चलना है तो कोई बात नहीं, ये पंचायत के चुनाव में तो लड़ लेंगे। ये कैसा गठबंधन है भाई? ये कैसा गठबंधन है तुम्हारा? ये गठबंधन पराजय के भय से पैदा हुआ है। देश की भलाई के लिए पैदा नहीं हुआ है।

अगर दिल्ली की सरकार सफल न हुई होती, अगर शिवराज जी की सरकार सफल न हुई होती, अगर रमन सिंह और वसुंधरा जी सरकारें कामयाब न हुई होतीं, तो कांग्रेस का अहंकार इतना है कि छोटे-छोटे दलों के पैर पकड़ने के लिए नहीं जाती, वो कुचल देते। आज तो घर-घर जाकर के पैर पकड़ रहे हैं, आ जाओ..हमारे साथ आ जाओ, अरे खड़े होकर के हाथ पकड़ कर के एक फोटो निकाल दो, अरे कहीं तो बोल दो हमारे लिए कुछ। ये हाल हो गया सवा सौ साल पुरानी पार्टी का कि वो छोटे-छोटे दलों के सर्टिफिकेट लेने के लिए भटक रही है।

अगर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आत्मचिंतन किया होता, चार साल मिल गए उनको, कुछ देश की भलाई के लिए किया होता, तो आज हर किसी की गोद में जाकर के बैठने की नौबत न आती, हर किसी को गोद लेने की नौबत न आती, ये बर्बादी न होती। भाइयो-बहनो, अगर उनके नसीब में बर्बादी लिखी हुई है, तो मुझे और आपको रोने की क्या जरूरत है।

और इसलिए भाइयो-बहनो, हमलोगों को विकास के मुद्दे पर चुनाव में जाना है। वे समाज को तोड़ने के रास्ते पर जाना चाहते हैं। वे सत्ता हथियाने के लिए ‘कांड’ करना चाहते हैं। वे मुट्ठी भर लोगों को उपयोग करके ‘अपप्रचार’ की, झूठ की आंधी फैलाना चाहते हैं। उनका रास्ता उनको मुबारक। हमारा रास्ता है - ‘संगठन में शक्ति है’। दल भी संगठन की ताकत पे आगे बढ़ेगा। देश भी ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के मिजाज से आगे बढ़ेगा। अब देश दुनिया में अपनी जगह बना रहा है। आज दुनिया में हिंदुस्तान का लोहा माना जा रहा है। इसलिए आज आपसे कहने आया हूं...अब चुनाव सामने है...संकोच करने की जरूरत नहीं है, लेकिन चुनाव जीतने का हमारा मंत्र भी साथ है।

भाइयो-बहनो, हम धन बल से चुनाव न लड़ते हैं, न लड़ना चाहते हैं। हम चुनाव लड़ते हैं जन बल से। हमें जन बल से आगे बढ़ना है और ये जन बल में जुड़ने का काम हमारा कार्यकर्ता करता है। और इसलिए हमारा मंत्र है – ‘मेरा बूथ-सबसे मजबूत बूथ’। मेरा बूथ-सबसे मजबूत। मेरा बूथ सबसे मजबूत।  

अगर भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ता एक ही मंत्र लेकर जाएं, बहुत बड़े लंबे-लंबे इरादे की जरूरत नहीं है। हम तय कर लें - आंधी आए तूफान आए, झूठ का बवंडर चल जाए, जातिवाद का जहर फैला दिया जाए, नोटों के ढेर लग जाएं,  गलत रास्ते अपनाए जाएं..कुछ भी हो जाए, लेकिन मैं मेरे बूथ में भाजपा का झंडा झुकने नहीं दूंगा।

लाखों कार्यकर्ता इसी मंत्र को लेकर के चल दें - ‘मेरा बूथ-सबसे मजबूत’। चुनाव जीतने की यही जड़ी-बूटी है। और मुझे सार्वजनिक रूप में कहने से डर नहीं है। कांग्रेस वाले भी सुनते हैं तो सुनें, क्योंकि मुझे मालूम है कि ऐसे समर्पित लोग उनके पास हैं कहां?

और जिस पार्टी के पास ऐसे लाखों कार्यकर्ताओं की फौज हो, जिसका सिवाय देश कोई सपना न हो, उस पार्टी के लिए विजय निश्चित होती है दोस्तो।  

ये विजय मध्य प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य के लिए है।

ये विजय हिंदुस्तान के भाग्य का नीति निर्धारण करने के लिए है। ये विजय आने वाले हिंदुस्तान के गरीब से गरीब समाज के हर तबके का कल्याण करने के लिए है, हर नागरिक को न्याय दिलाने के लिए है।

भाइयो-बहनो, अगड़े और पिछड़ों का भेद देश का भला नहीं करेगा। हमें ‘सबका साथ-सबका विकास’ इसी मंत्र को आगे बढ़ाना है और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी प्रतिबद्ध है। हमारे लिए सवा सौ करोड़ देशवासी यही हमारा परिवार है। हमारे लिए ‘दल से बड़ा देश है’। इसलिए भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ता जिस मिजाज के साथ, और ये पहला चुनाव मध्य प्रदेश का है जब अटल बिहारी वाजपेयी, उनकी स्मृतियां हमारे साथ हैं, वाजपेयी जी नहीं हैं। इसी मिट्टी की संतान नहीं हैं।

ये वो चुनाव है जब देश राजमाता सिंधिया जी की जन्मशती मनाने जा रहा है। ये चुनाव का वो वर्ष है, वो राजमाता जिन्होंने मूल्यों के लिए, आदर्शों के लिए जेल जाना पसंद किया था, लेकिन कांग्रेस के सामने झुकना जिन्हें मंजूर नहीं था। ऐसी प्रेरणा शक्ति, उनकी प्रेरणा और आशीर्वाद लेकर हमें जाना है। मध्य प्रदेश की एक-एक महिला राजमाता जी का कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष करने का जो माद्दा था, जो मिजाज था, उसी को लेकर के मध्य प्रदेश की एक-एक महिला निकलेगी।

भाइयो-बहनो, ये वोट बैंक की राजनीति ने क्या कर के रखा है। कोई मुझे बताए दुनिया के इस्लामिक देशों में भी तीन तलाक मंजूर नहीं है। यहां वोट बैंक की राजनीति और जिस पार्टी की मुखिया एक महिला हो, उनको, वोट बैंक की राजनीति...कुर्सी की भलाई, तीन तलाक की पीड़ित उन मेरी मुसलमान बहनों की चिंता नहीं हो रही है। भाइयो-बहनो, ये वोट बैंक की राजनीति का विकृत रूप है। आप मुझे बताइए सभी महिलाओं का सम्मान होना चाहिए कि नहीं, समान अधिकार होना चाहिए, उन पर जुल्म रुकना चाहिए कि नहीं चाहिए।

मां-बेटी हिंदू हो या मुसलमान, भेद किस बात का। ये आपके वोट बैंक की राजनीति है जो ये परिस्थिति पैदा करती है। और इसलिए भाइयो-बहनो, हमारे लिए अनिवार्य है।

अब कांग्रेस पार्टी हिंदुस्तान में गठबंधन करने में सफल नहीं हो रही है। अगर मिल भी जाएं तो ये मेल-मिलाप संभव नहीं दिखता है। और इसलिए भारत के बाहर गठबंधन खोजा जा रहा है। दुनिया के देश तय करेंगे कि हिंदुस्तान में कौन प्रधानमंत्री बनेगा?

कांग्रेस पार्टी...क्या हाल  हो गया है आपका...क्या हो गया है।  क्या सत्ता खोने के बाद आपने संतुलन भी खो दिया। अरे चुनाव तो आते हैं जाते हैं, सवा सौ साल पुरानी पार्टी...उसमें कुछ तो बचा रहना चाहिए। अरे कुछ नहीं बचा है दोस्तो...कुछ नहीं बचा है।

ये कांग्रेस पार्टी बोझ बन गई है। ऐसे लोगों से देश को बचाना...ये भी लोकतंत्र में जागरूक नागरिकों का कर्तव्य है।

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता...यहीं से हम संकल्प लेकर के चलें...हमारा बूथ हम हारने नहीं देंगे। हमारा बूथ जिसमें कमल को झुकने नहीं देंगे।  

और मेरे विरोधियों को मैं कहता हूं कि अभी भी समझो। 2001 से लेकर के जब से मैं राजनीति में आया हूं...उसके पहले तो मैं संगठन में काम करता था, राजनीति में नहीं था...2001 से आया हूं और आपने पूरी ताकत लगा दी है मुझ पर गालियां देने की। डिक्शनरी की कोई गाली नहीं है जो आपने मेरे लिए उपयोग न किया हो। आपके एडवाइजर से पूछ लीजिए, आपने जितना कीचड़ उछाला है कमल उतना ही ज्यादा खिला है।

पिछले दो दशक के आपके ये सारे ये प्रयास, ये प्रयोग देश की जनता के गले नहीं उतरे हैं। और इसलिए मैं फिर आपको कहता हूं आइए, विकास के मुद्दों पर बहस करें। देश को विकास की राह पर ले जाने के लिए हम योजनाएं लेकर के चलें। हम विरोध करें विकास के लिए करें। हम आलोचना भी करें विकास के लिए करें। लेकिन वो ताकत नहीं है। सरल रास्ता है कीचड़ उछालो-कीचड़ उछालो।

और इसलिए कहता हूं जितना कीचड़ उछालोगे उतना ही कमल खिलेगा। हर कोने में कमल खिलेगा, हर बूथ में कमल खिलेगा, हर घर में कमल खिलेगा, हिंदुस्तान की सरकार कमल पर खिलेगी।

इस विश्वास के साथ मेरे साथ बोलिए...भारत माता की जय। वंदे मातरम।

 

  • krishangopal sharma Bjp January 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • Dr Swapna Verma April 25, 2024

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
  • Laxman singh Rana June 23, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷🌹
  • Laxman singh Rana June 23, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷
  • Laxman singh Rana June 23, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
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