QuoteGovernment’s work shall be analysed carefully in all aspects: PM Modi
QuoteWork done by our Government in last 2 years is now an inspiration for us to serve the country even better: PM
QuoteOur Government believes in ‘Vikasvad’ & not ‘Virodhvad’: PM Modi
QuoteThe termite of corruption has eaten away, but we have been able to curb it: PM Modi
QuoteIn our campaign to stop corruption, we saved over Rs 36000 crore leakages: PM Modi
QuoteOur focus is on farm sector & farmers. Soil Health Card is an initiative in that direction: PM
QuotePeople of India have placed their faith in us. We’ll leave no stone unturned in our hard work: PM Modi

देशवासियों को नमस्‍कार।

दो वर्ष पूर्व देश में हम लोगों पर एक नई जिम्‍मेवारी दी और लोकतंत्र का ये माहात्‍मय है कि लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार का निरंतर आंकलन होना चाहिए। कमियां हो, अच्‍छाईयां हो, इसका लेखा-जोखा होना चाहिए। दो साल के कार्यकाल की ओर नजर करने से इस बात का भी अहसास होता है कि हम जहां पहुंचने के लिए चले थे वहां पहुंचे पाए कि नहीं पहुंच पाए, जिस दिशा में निकले थे वो दिशा सही थी या नहीं थी, जिस मकसद से चले थे वो मकसद पूरा हुआ कि नहीं हुआ।

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और जब दो साल का लेखा-जोखा करते है तो आने वाले दिनों के लिए एक नया आत्‍मविश्‍वास न सिर्फ सरकार में लेकिन देशवासियों के दिल में भी पैदा होता है। पूरे देश में मैं देख रहा हूं पिछले करीब-करीब 15 दिन से भारत सरकार के हर काम का बड़ा बारीकी से मूल्‍यांकन हो रहा है। हर पहलू को बारीकी से देखा जा रहा है, और मैं आज देशवासियों के सामने बड़े संतोष के साथ खड़ा हूं। इतनी बारीकी से जांच-पड़ताल होने के बाद हम एक नए विश्‍वास को प्राप्‍त कर पाए है, नए उत्‍साह को प्राप्‍त कर पाए है और जनता जनार्दन के आर्शीवाद हर दिन बढ़ते चले जा रहे है तो हमारा काम करने का उत्‍साह भी बढ़ता चला जा रहा है। मैं उन लोगों के लिए तो कुछ कह नहीं सकता हूं कि जिनका राजनीतिक कारणों से विरोध करना अनिवार्य होता है और वो स्‍वा‍भाविक भी है लोकतंत्र में, लेकिन देश ने पिछले 15 दिन में दो बातें स्‍पष्‍ट देखी है, एक तरफ विकासवाद है दूसरी तरफ विरोधवाद है। और विकासवाद और विरोधवाद के बीच में ये जनता जनार्दन दूध का दूध और पानी का पानी करके क्‍या सत्‍य है कितना सत्‍य है इसको भली-भांति नाम सकते है।

अनेक विषयों पर चर्चाएं हुई है और इसलिए मैं इन बातों को यहां दोहराना नहीं चाहता हूं। लेकिन चिंता उस बात की जरूर होती है, मुद्दों के आधार पर, हकीकतों के आधार हर काम का कठोरता से मूल्‍यांकन होना लोकतंत्र के लिए आवश्‍यक है। लेकिन कहीं हम ऐसी गलती न कर दे जो देश को बिना कारण निराशा की गर्त में ठकेलने का प्रयास करती है। कहीं-कहीं पर ये बातें नजर आती है जिसमें हकीकतों का आधार नहीं होता लेकिन उस पर इस प्रकार की स्थितियां सवार हो जाए, ये कभी-कभी चिंता कराता है।

सरकार के काम का लेखा-जोखा पुरानी सरकारों के काम के संदर्भ में होता है। पहले क्‍या होता था अब क्‍या हो रहा है इसका तुलनात्‍मक अध्‍ययन हो रहा है। हम बिल्‍कुल ही बीती हुई सरकारों की बातों को ओझल कर दें और अचानक ही चीजों की चर्चा करेंगे तो शायद सही मूल्‍यांकन नहीं कर पाएंगे। अगर आज मेरी सरकार ये कहें कि हमने कोयले की समस्‍या का समाधान किया। आप कल्‍पना कर सकते है अचानक सुप्रीम कोर्ट कोयलें की खदानों के लाइसेंस रद्द कर दें और बिजली के कारखानों में कोयले का संकट पैदा हो जाए और ऐसी विकट स्थिति में जबकि पूरी सरकार कोयले के भ्रष्‍टाचार के कारण देश के अंदर बदनामी भुगत चुकी हो।

दो साल पहले कोई अखबार, कोई दिन, कोई टीवी, कोई चैनल, कोई चर्चा, कोई भाषण, इन भंयकर भ्रष्‍टाचारों से अछूता नहीं था, लेकिन आज अगर मैं ये कहूं कि auction किया, Transparent way में किया। अब तक इस पर कोई सवालिया निशान नहीं लगा है, देश के खजानें में लाखों-करोड़ों रुपयां आना तय हो चुका है। राज्‍यों के खजानें में भी पैसा जा रहा है। इतना ही नहीं जहां कोयले की खदान है वहां हमारे ज्‍यादातर आदिवासी समाज के लोग रहते है उनके कल्‍याण के लिए उसमें से फंड निकलने वाला है।

ये सारी बातें अगर ऐसे ही मैं कह दूं तो लगता है कि चलों भई मोदी जी ने काम कर दिया। लेकिन इसकी ताकत तब समझ में आती है कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसा क्‍यों करना पड़ा था, कोयले में इतना बड़ा भ्रष्‍टाचार क्‍यों हुआ था, वो कौन से तरीके थे और उसमें से देश को बाहर लाना.. तब जा करके समझ आता है कि काम कितना बड़ा हुआ है, काम कितना महत्‍वूपर्ण हुआ है और इसलिए जब तक हम बीती हुई सरकार के दिनों को स्‍मरण करके, वर्तमान के निर्णयों को परखेंगे तो हमें ध्‍यान में आएगा कि बदलाव कितना बड़ा आया है।

इस बात से कौन इन्कार कर सकता है कि दीमक की तरह भ्रष्‍टाचार ने इस देश को अंदर से खोखला कर दिया, तबाह कर दिया। हमारे हर सपनों को चूर-चूर करने की ताकत किसी एक दीमक में है तो उस दीमक का नाम है भ्रष्‍टाचार।

और मैंने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ बहुत ही सकल तरीके से एक के बाद एक कदम उठा करके हिन्‍दुस्‍तान के जन-मन को आंदोलित करने वाला इस issue को स्‍पष्‍ट करने का प्रमाणित प्रयास किया है और जब आप इनकी गहराई में जाओगे तो आप चौंक जाओगे। आप कल्‍पना कर सकते हो कि देश कैसे चला है। वो बेटी जो कभी पैदा भी नहीं हुई है, देश की सरकारों के फाइलों में वो बेटी विधवा भी हो जाती है और उस विधवा बेटी को पेंशन भी मिलना शुरू हो जाता है और सालों तक पेंशन जाता है और कभी ऐसे भ्रष्‍टाचारों की चर्चा नहीं होती।

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हमने जब direct benefit transfer स्‍कीम के अंतर्गत रसोई गैस उसकी सब्सिडी डायरेक्‍ट पहुंचाना शुरू की, आधार से उसको लिंक किया, जन-धन अकांउट से लिंक किया और कैसा अद्भुत परिणाम आया है। देशवासियों को जान करके हैरानी होगी अकेले रसोई गैस में इतने फर्जी नाम मिले, इतने फर्जी सिलेंडर की चर्चा निकली, जिसको हमने leakage को बंद करने का प्रयास किया। करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपया, आपके हक़ का पैसा बचा लिया है।

किसी के यहां raid हो जाए और किसी के यहां से 50 करोड़ रुपया मिल जाए तो हमारे देश में headline बन जाती है। 50 करोड़ मिल जाए तो.. बड़ी मेहनत करे योजना करके 15 हजार करोड़ रुपया करीब-करीब देश का बचाना है। मैं कहता हूं मेरा देश, मेरी इस एक काम के लिए भी ये कहेगा मोदी जी आप सही कर रहे है।

आपको हैरानी होगी राशन कार्ड जिससे गरीबों के लिए सस्‍ते में अनाज मिलता है, कैरोसिन मिलता है, उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति होती होगी। हमने जरा जांच-पड़ताल शुरू की कि भला कारोबार क्या चल रहा है, क्योंकि गरीब की थाली में जो चावल जाता है तो उसे तो यही लगता है कि मुझे 3 रूपये में चावल मिला, 2 रूपये में मिला, 1 रूपये में मिला, लेकिन उस गरीब तक वो बात नहीं पहुँचती है कि उसकी थाली में जब चावल जाता है तो एक किलो पर 27 रुपया भारत सरकार के खजाने से जाता है। उसे पता नहीं है। तब जा करके उसकी थाली में 1 रुपया, 2 रुपया, 3 रुपया में चावल आता है और वो राशन कार्ड का होता है। अभी तो मेरा काम चल रहा है लेकिन जितना हुआ है। अब तक, अब तक 1 करोड़ 62 लाख से ज्‍यादा फर्जी राशन कार्ड हमने खोज के निकाले। 1 करोड़ 62 लाख फर्जी राशन कार्ड। मतलब उस राशन कार्ड पर जो भी जाता था वो किसी की जेब में तो जाता था। कहीं तो बेईमानी होती थी।

हरियाणा सरकार ने एक मुहिम चलाई, हमारे इस आधार योजना के तहत, जन-धन की योजना के तहत, mobile connectivity के तहत। मुझे बताया गया, कैरोसिन, फर्जी कैरोसिन लेने वालों की संख्‍या 6 लाख निकली एक छोटे से राज्‍य में। ये 6 लाख लोगों के नाम पर सब्सिडी वाला कैरोसिन जाता था। वो कैरोसिन कहा जाता होगा, डीज़ल में मिक्‍स करने के लिए जाता होगा, वो पॉल्‍यूशन करने के लिए जाता होगा, किसी केमिकल फैक्‍ट्री के काम आता होगा और सरकार के खजाने से पैसा गरीब के नाम से जाता होगा।

1 करोड़ 62 लाख राशन कार्ड, 6 लाख कैरोसिन के, अभी हमने इस योजना के तहत एक प्रदेश में 540 करोड़ रूपया बचाया, 540 करोड़ रूपये किस बात का तो फर्जी टीचर, तनखाह जा रहा है, uniform जा रहा है, स्कूल के लिए मध्यान भोजन जा रहा है। क्यों teacher होगा तो स्कूल होगा ही होगा। ये सारा जांच-पड़ताल में से खुल रहा है। और उसका परिणाम क्या आया है, मोटा-मोटा हिसाब मैं लगाऊं, तो करीब 36000 करोड़ रुपया, ये leakages रूक गया है। ये corruption जाता था रूक गया और एक साल के लिए ये हर वर्ष इतना बचने वाला है और अभी शुरूआत है, एक नई सुबह है।

कुछ लोग कहते है कि मोदी जी आप इतनी मेहनत करते हो, इतना काम करते हो, आपका इतना विरोध क्‍यों होता है। रोज आपके खिलाफ इतना तूफान क्‍यों चलता रहता है। आप अपना कोई communication strategy ठीक बनाओ। आप मीडिया से कुछ बात करने को कुछ करो। मुझे बहुत लोग समझाते हैं, अब उनको मैं कैसे समझाऊं कि भाई! जिन लोगों के जेब में 36 हजार करोड़ रूपया जाता था जो मोदी ने बंद करवा दिया, तो मोदी गाली नहीं खाएगा, तो क्‍या खाएगा। लूट चलाने वालों को कैसी-कैसी परेशानियां होती होगी, इसका अंदाज हम भली-भांति कर सकते हैं। मैं कई ऐसी विषय बताता हूं जिस पर हमने दो साल में बड़े सटीक तरीके से initiatives लिए हैं। और उसका परिणाम आज दिखने को मिल रहा है।

आप देखिए कभी LED बल्‍ब कितने रूपये में बिकता था, आज कितने रूपये में बिकता है, कहीं पर 200, 250, 300 तक LED बल्‍ब की कीमत थी, आज वो 60, 70, 80 पर आ गई है। अगर हमारे देश में हम कहीं बिजली का कारखाना लगाएं और हम घोषणा करें कि दो लाख करोड़ रूपये के बिजली के कारखानें लगेंगे, या एक लाख करोड़ रूपये बिजली के कारखानें लगेंगे, तो हमारे देश के जितने आर्थिक विषयों पर लिखने वाले अखबार हैं, वो headline बनाएंगे कि मोदी ने बहुत बड़ा सपना देखा है, एक लाख करोड़ रूपये बिजली के नये कारखाने लगेंगे, ये होगा, वो होगा, डिकना-फलाना होगा, कोई यह भी लिखेगा कि मोदी बातें करता है, लेकिन रूपये कहां से आएंगे, एक लाख करोड़ कहां से, मतलब सब बातें हो सकती है, लेकिन इस बात की चर्चा नहीं होगी कि LED बल्‍ब के campaign के कारण जिन पांच सौ शहर को हमने target किया है, उन पांच सौ शहर में अगर हम शत-प्रतिशत, LED बल्‍ब पहुंचाने में हम सफल हो गये और होने वाले हैं, जिस दिन वो काम पूरा होगा इस देश में करीब-करीब 20 हजार मेगावाट बिजली बचने वाली है। 20 हजार मेगावाट बिजली बचने का मतलब होता है, एक लाख करोड़ रूपये की बिजली की कारखाने की जो लागत जो है वो बचने वाली है, लेकिन 60-70 रूपये की LED बल्‍ब का यह न्‍यूज का विषय हो सकता है क्‍या? उसमें क्‍या खबर है जी और इसलिए हम लोग जो तेज गति से बदलाव ला रहे हैं और जो बदलाव देश आज अनुभव कर रहा है, एक बाद योजनाएं, जो अब किसी ने कल्‍पना की थी हमारे देश में हमने देखा होगा पिछले कई चुनाव हो गए, आपके कई चुनाव देख लिए, जो चुनाव में यह ही चर्चा होती थी कि 12 cylinder होने चाहिए, या छह होनी चाहिए। और बड़े-बड़े लीडर घोषणा करते थे और दूसरे दिन अखबार में headline छपती थी कि 9 cylinder नहीं अब 12 cylinder पर सब्सिडी मिलेगी और 9 cylinder से 12 cylinder के नाम पर वोट मांगे जाते थे। उन दिन को याद कीजिए जब हिन्‍दुस्‍तान में Parliament की member को 25 रसोई गैस के कूपन मिलते थे। MP बनने के नाते और वो 25 कूपन से लोगों को अपने कार्यकर्ताओं को और साथियों को, supporters को obelise करता था कि मुझे एक गैस कूपन दीजिए। मुझे बराबर याद है, हमारे यहां अहमदाबाद में airport पर एक अफसर थे, वो हर MP को जानते नहीं कि क्‍योंकि वो airport पर जो आते-जाते रहते थे, हर MP को कहा करते थे कि एक गैस की कूपन दे दीजिए न भईया मुझे, मेरा बेटा जो अलग रहने गया है तो उसके लिए रसोई गैस की कूपन चाहिए। और साल भर एक भी एमपी उसको दे नहीं पाई। एक gas connection के वो दिन हम भूल न जाएं। यह मैं पांच साल, दस साल पहले की बात कर रहा हूं कोई बहुत पुरानी बात नहीं कर रहा हूं, जिस देश में यह चर्चा होती हो और इस देश का प्रधानमंत्री बातों-बातों में देश की जनता को request करें कि आप गैस subsidy छोड़ दीजिए और मैं देश को नमन: करता हूं, 1 करोड़ 13 लाख लोगों ने अपनी subsidy छोड़ दी, क्‍या यह बदल नहीं है, यह जन-मन का बदलाव नहीं, यह देश बदलाव नहीं है, देश के विकास के लिए जनभागीदारी का इससे बड़ा क्‍या उदाहरण हो सकता है। यह देश ने अनुभव किया है। और हमने भी तय किया कि हम इस गैस subsidy जो छोडी है, गरीब के घर में मां लकड़ी का चूल्‍हा जलाती है और दिन भर खाना मकाने के कारण करीब-करीब चार सौ सिगरेट का धुआं उसके शरीर में जाता है। चार सौ सिगरेट जितना धुआं उस मां की चिंता कौन करेगा और हमने पिछले एक वर्षों में करीब-करीब तीन करोड़ से ज्‍यादा परिवारों को नये रसोई गैस के connections दे दिये हैं। आजाद हिन्‍दुस्‍तान में एक साल में इतना बड़ा काम कभी नहीं हुआ है और हमने ठान ली है कि आने वाले तीन साल में पांच करोड़ परिवार, जिनके पास आज रसोई गैस नहीं है उनको हम पहुंचाएंगे, क्‍योंकि वो गरीब परिवार है, मध्‍यम वर्ग तक तो रसोई गैस पहुंचा है। निम्‍न मध्‍यम वर्ग तक नहीं पहुंचा है। झोपड़ी का तो सवाल नहीं है, लेकिन हमने बेड़ा उठाया है। यह कैसा संभव हो रहा है, यह तब समझ में आएगा कि 9 cylinder-12 cylinder के लिए झगड़े होते थे, यह तब समझ आएगा कि एक Parliament का member 25 गैस subsidy की कूपन के कारण गर्व अनुभव करता था, किसी को रसोई गैस देने का उस दिनों के सामने पांच करोड़ गैस connection ये यह बदलाव है। और इसलिए scale देखें, quantum देखे, speed देखे, target group देंखे, तो आपको ध्‍यान में आएगा कि गरीबों के कल्‍याण के लिए, गरीबों के भलाई के लिए एक-के बाद एक कदम उठाये।

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हमारा किसान, हम चाहे बारिश को तो कभी-कभी कह देते हैं कि अभी बारिश नहीं आई, लेकिन हम धरती माता का क्‍या हाल करके रखा है, इसकी कोई चर्चा ही नहीं करते। किसान बेचारा बर्बाद हो जाए, तो कह देते हैं कि बीज खराब था या पानी नहीं आया, लेकिन हम इस चीज को नहीं देखते कि हमने धरती मां को बर्बाद कर दिया। हमने इस मां का इतना exploitation किया है कि आवश्‍यकता है कि हमारे धरती मां को बचाना। और इसलिए हमने Soil Health Card का बहुत बड़ा mission लेकर चल पड़े। धरती की सेहत कैसी है, मिट्टी में कौन से गुण है, कौन सी कमियां है, किस प्रकार के फसल के लिए वो जमीन अनुकूल है, कौन सी दवाई चलेगी, कौन सा fertilizer चलेगा। इंसान जिस प्रकार से blood test करवाता है, urine test करवाता है, diabetes है, नहीं है, वो तय करवाता है, यह धरती माता की भी वैसी ही परीक्षण का काम इस सरकार ने उठाया है और देश के किसानों तक इस बात हमने बड़े पहुंचाया है और काफी मात्रा में किसान आज अपने Soil Health Card के द्वारा इस बात पर निर्णय करने लगें हैं कि crop pattern को कैसे बदला जाए।

मेरा कहने का तात्‍पर्य यह है कि देश के सामान्‍य मानव के जीवन में बदलाव लाने के दिशा में अनेक ऐसे काम हमने किए हैं, और उसमें एक महत्‍वपूर्ण काम है, और मैं मानता हूं लोकतंत्र की बहुत बड़ी पूंजी होती है, लोकतंत्र की पहली शर्त होती है कि शासकों के दिल में अपनी जनता के प्रति अप्रतिम विश्‍वास होना चाहिए, भरोसा होना चाहिए। हमने अब तक सरकारें चलाई हैं, जनता पर अविश्‍वास करना। मैंने एक दिन Income Tax Officers की मीटिंग की थी मैंने कहा आप व्‍यापारियों को चोर मानकर क्‍यों चल रहे हो भाई? क्‍या देश ऐसे चलेगा? यह पूरी तरीका गलत है, सोच गलत है। हमने बदलाव शुरू किया।

हमारे यहां तो graduate हैं, कहीं apply करना है, तो certify कराने के लिए किसी corporator या कोई MLA या MP के घर के बाहर कतार में खड़ा रहना पड़ता था और आपका चेहरा भी नहीं देखता था और उसका छोटा सा लड़का घर में बैठता था ठप्‍पा मार देता था। आपको certify कर देता था, हां आपका certify कर दिया। अगर यहीं करना है, तो जरूरत क्‍या है हमने कहा कोई जरूरत नहीं लोगों को कह दिया आप अपने ही certify करो और सरकार में भेज दो जब final order होगा तब आप original certificate दिखा देना। हमने जनता जर्नादन पर भरोसा करना चाहिए। यह देश उनका भी तो है।

एक बार जनता पर हम भरोसा करते है, आप देखिए आपको बदलाव आएगा। मैं एक सुरेश प्रभु को कह रहा था। मैंने कहा सुरेश कभी ये तो घोषित करो कि फलानी तारीख को, फलाने रूट पर ट्रेन में एक भी टिकट चेकर नहीं रहेगा। देखिए ये देश के लोग ऐसे है हम विश्‍वास करें, कभी ये भी करके देखना। हम कोशिश कर रहे है, मैं एक के बाद एक ये जो अफसरशाही चल रही है, उसको दूर करने की कोशिश बड़ी भरपूर कर रहा हूं।

ये लोकतंत्र है, जनता-जनार्दन की ताकत ये सर्वाधिक होनी चाहिए और उस दिशा में एक के बाद एक कदम उठा रहे है। अभी हमने निर्णय किया, ये निर्णय देश के नौजवानों के लिए अत्‍यन्त महत्‍वपूर्ण निर्णय है। हमारे देश में corruption का एक area कौन सा है? नौकरी! वो written test देता है, लिखित परीक्षा देता है, तब तक तो ज्‍यादा चिंता नहीं रहती बेचारा देता है और उसमें भी interview call आ जाता है। Interview call आ जाता है, तो उसके मन में एक आशा जग जाती है। तो वो interview में क्‍या पूछेंगे, कैसे कपड़े पहन करके जाऊं, ये चिंता नहीं करता है। चिंता ये करता है interview call आया है यार, कोई सिफारिश वाला मिल जाएगा क्‍या? कोई मुझे मदद करने वाला मिल जाएगा क्‍या? और कोई दलाल उसके यहां पहुंच जाता है कि देखो भई तुम्‍हारा interview आया है, ये नौकरी चाहिए, पास होना है, इतना देना पड़ेगा। ये corruption का पूरा खेल interview के आस-पास चल रहा है। हमने तय कर दिया भारत सरकार में वर्ग 3 और 4 के जो employees है कोई interview नहीं होगा, merit list कम्‍प्‍यूटर तय करेगा कि पहले इतने लोग है इनको नौकरी चली जाए। दो निर्णय गलत हो भी जायेंगे, लेकिन इससे देश को जो दीमक लगी है इस दीमक से मुक्ति मिल जाएगी और इसलिए एक के बाद एक ऐसे निर्णय हमने किए है और ये निर्णय, पूरे निर्णय एक नए सोच के साथ है।

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और यही सबसे बड़ा बदलाव है कि देश के अंदर एक विश्‍वास भरना, संकल्‍प के साथ चलना और सामान्‍य मानव की जिंदगी की आशा-आकांक्षाओं को पूर्ण करने का निरंतर प्रयास करना। सरकार के दो साल के कामों पर मुझे अगर बोलना हो तो हो सकता है कि दूरदर्शन वालों एक सप्‍ताहभर यहां मेरे पूरा दिन भाषण रखना पड़ेगा। इतने सारे achievements, लेकिन मैं achievements की चर्चा करने आपके बीच में नहीं आया हूं, मैं आपको विश्‍वास दिलाने आया देशवासियों ने हमें भरोसा दिया, उस भरोसे को हम पूरा करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। और देश ने देखा है, बदइरादे से कोई निर्णय नहीं किया है। मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखी है और राष्‍ट्रहित को सर्वोत्‍त रख करके जन-सामान्‍य के हितों को सार्वोत्‍त रख करके हमने अपने-आप को जुटा दिया है।

Team India का कल्‍पना लेकर चले है। राज्‍य को कंधे से कंधा मिलकर काम में जोड़कर चले है, लेकिन ये बात सही है कि जिन्‍होंने आज तक खाया है उनको तो मुश्किलें आनी ही आनी है, उनको तो तकलीफ होनी ही होनी है। किसने खाया, कब खाया वो मेरा विषय नहीं है लेकिन ये देश का रुपया है गरीब का पैसा है, ये किसी औरों के पास जाने नहीं दिया जाएगा। इस काम पर मैं लगा हुआ हूं। जिन को तकलीफ होती होगी, होती रहे, हम देश के लिए काम करते रहेंगे। देश की जनता हमें आर्शीवाद देती रहें। मैं फिर एक बार आज इस अवसर पर आप सब के बीच आने का अवसर मिला, मेरी बात बताने का अवसर मिला, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

धन्‍यवाद

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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM


پیارے ہم وطنو،

نمسکار!

ہم سبھی نے گذشتہ دنوں ملک کی طاقت اور تحمل دونوں کو دیکھا ہے۔ سب سے پہلے میں بھارت کی بہادر افواج، مسلح افواج، ہماری انٹیلی جنس ایجنسیوں، ہمارے سائنس دانوں کو ہر بھارتی کی طرف سے سلام کرتا ہوں۔ ہمارے بہادر جوانوں نے ’آپریشن سندور‘ کے مقاصد کو حاصل کرنے کے لیے بے پناہ بہادری کا مظاہرہ کیا۔ آج میں اس بہادری کو ان کی شجاعت کو، ان کی ہمت، ان کی بہادری کو، ہمارے ملک کی ہر ماں، ملک کی ہر بہن اور ملک کی ہر بیٹی کو وقف کرتا ہوں۔

ساتھیو،

22 اپریل کو پہلگام میں دہشت گردوں نے جو بربریت دکحاءی تھی اس نے ملک اور دنیا کو جھنجھوڑ کر رکھ دیا تھا۔ چھٹیوں کے موقع پر معصوم شہریوں کو ان کے اہل خانہ اور ان کے بچوں کے سامنے بے دردی سے قتل کرنا دہشت گردی کا ایک ہولناک چہرہ تھا۔ یہ ملک کی ہم آہنگی کو توڑنے کی بھی گھناؤنی کوشش تھی۔ ذاتی طور پر میرے لیے، کرب بہت بڑا تھا۔ اس دہشت گردانہ حملے کے بعد پوری قوم، ہر شہری، ہر سماج، ہر طبقہ، ہر سیاسی جماعت دہشت گردی کے خلاف سخت کارروائی کے لیے ایک آواز میں کھڑی ہوئی۔ ہم نے بھارتی افواج کو دہشت گردوں کو نیست و نابود کرنے کی مکمل آزادی دی۔ اور آج ہر دہشت گرد، دہشت گردی کی ہر تنظیم جانتی ہے کہ ہماری بہنوں اور بیٹیوں کے ماتھے سے سندور ہٹانے کا کیا انجام ہوتا ہے۔

ساتھیو،

’آپریشن سندور‘ صرف ایک نام نہیں ہے، یہ ملک کے کروڑوں لوگوں کے جذبات کا غماز ہے۔ ’آپریشن سندور‘ انصاف کا اٹوٹ وعدہ ہے۔ 6 مئی کی رات دیر گئے، 7 مئی کی صبح پوری دنیا نے اس عہد کو نتیجہ میں بدلتے دیکھا ہے۔ بھارتی افواج نے پاکستان میں دہشت گردوں کے ٹھکانوں اور ان کے تربیتی مراکز کو درست طریقے سے نشانہ بنایا۔ دہشت گردوں نے خواب میں بھی نہیں سوچا تھا کہ بھارت اتنا بڑا فیصلہ لے سکتا ہے۔ لیکن جب ملک متحد ہوتا ہے، ’پہلے قوم ‘کے جذبے سے بھرا ہوتا ہے، قوم سب سے اوپر ہوتی ہے، تب فولادی فیصلے کیے جاتے ہیں اور نتائج دکھائے جاتے ہیں۔

جب بھارت کے میزائلوں نے پاکستان میں دہشت گردوں کے ٹھکانوں پر حملہ کیا ، بھارت کے ڈرونز نے حملہ کیا ، جس سے نہ صرف دہشت گرد تنظیموں کی عمارتیں تباہ ہوئیں بلکہ ان کے حوصلے بھی لرز اٹھے۔ بہاولپور اور مردکے جیسے دہشت گردوں کے ٹھکانے عالمی دہشت گردی کی یونیورسٹیاں رہے ہیں۔ دنیا میں کہیں بھی ہونے والے بڑے دہشت گرد حملے، چاہے وہ نائن الیون ہو، لندن ٹیوب بم دھماکے ہوں، یا دہائیوں میں بھارت میں ہونے والے بڑے دہشت گرد حملے ہوں، کہیں نہ کہیں دہشت گردی کے ان اڈوں سے جڑے ہوئے ہیں۔ دہشت گردوں نے ہماری بہنوں کے سندور کو اجاڑا تھا، اس لیے بھارت نے دہشت گردی کے ان ہیڈکوارٹرز کو اجاڑ دیا۔ بھارت کے ان حملوں میں 100 سے زائد خطرناک دہشت گرد مارے جا چکے ہیں۔ دہشت گردی کے بہت سے آقا، جو گذشتہ ڈھائی سے تین دہائیوں سے پاکستان میں آزادانہ گھوم رہے تھے، جو بھارت کے خلاف سازشیں کرتے تھے، ان کو بھارت نے ایک ہی جھٹکے میں ختم کر دیا۔

ساتھیو،

بھارت کے اس اقدام کی وجہ سے پاکستان شدید مایوسی میں گھرا ہوا تھا، بدحواسی میں گھرا ہوا تھا، گھبرا گیا تھا اور اسی مایوسی میں اس نے ایک اور جرات کرڈالی ۔ دہشت گردی کے خلاف بھارت کی کارروائی کی حمایت کرنے کے بجائے ، پاکستان نے بھارت پر حملہ کرنا شروع کردیا۔ پاکستان نے ہمارے اسکولوں، کالجوں، گردواروں، مندروں، عام شہریوں کے گھروں کو نشانہ بنایا، پاکستان نے ہمارے فوجی اڈوں کو نشانہ بنایا، لیکن پاکستان خود اس میں بے نقاب ہوگیا۔

دنیا نے دیکھا کہ کس طرح پاکستان کے ڈرون ز اور پاکستان کے میزائل بھارت کے سامنے بھوسے کی طرح بکھر گئے۔ بھارت کے مضبوط فضائی دفاعی نظام نے انھیں آسمان میں ہی تباہ کر دیا۔ پاکستان کی تیاری سرحد پر حملہ کرنے کی تھی لیکن بھارت نے پاکستان کے سینے پر وار کردیا۔ بھارت کے ڈرونز، بھارت کے میزائلوں نے درست انداز میں حملہ کیا۔ پاکستانی فضائیہ نے ان ایئر بیسز کو نقصان پہنچایا جن پر پاکستان کو بہت فخر تھا۔ بھارت نے پہلے تین دنوں میں پاکستان کو اتنا تباہ کر دیا کہ اسے اندازہ بھی نہیں تھا۔

لہٰذا بھارت کی جارحانہ کارروائی کے بعد پاکستان نے فرار کے راستے تلاش کرنا شروع کر دیے۔ پاکستان دنیا بھر میں کشیدگی کم کرنے کی درخواست کر رہا تھا۔ اور بری طرح پٹنے کے بعد اسی مجبوری کے تحت 10 مئی کی سہ پہر پاکستانی فوج نے ہمارے ڈی جی ایم او سے رابطہ کیا۔ اس وقت تک ہم نے بڑے پیمانے پر دہشت گردی کے انفراسٹرکچر کو تباہ کر دیا تھا، دہشت گرد مارے جا چکے تھے، ہم نے پاکستان کے سینے میں بسائے گئے دہشت گردی کے ٹھکانوں کو کھنڈرات میں تبدیل کر دیا تھا، اس لیے جب پاکستان کے ذریعے درخواست کی گئی، جب پاکستان سے کہا گیا کہ پاکستان کے ذریعے مزید دہشت گردی کی کوئی سرگرمی اور فوجی مہم جوئی نہیں کی جائے گی۔ لہٰذا بھارت نے بھی اس پر غور کیا۔ اور میں ایک بار پھر دہرا رہا ہوں کہ ہم نے پاکستان میں دہشت گردوں اور فوجی اڈوں کے خلاف اپنی جوابی کارروائی معطل کر دی ہے۔ آنے والے دنوں میں ہم پاکستان کے ہر قدم کو اس کے رویے کی بنیاد پر پیمائش کریں گے۔

ساتھیو،

بھارت کی تینوں افواج، ہماری فضائیہ، ہماری آرمی اور ہماری بحریہ، ہماری بارڈر سیکورٹی فورس- بی ایس ایف، بھارت کی نیم فوجی دستے، مسلسل چوکس ہیں۔ سرجیکل اسٹرائیک اور ایئر اسٹرائیک کے بعد اب یہ آپریشن سندور دہشت گردی کے خلاف بھارت کی پالیسی ہے۔ آپریشن سندور نے دہشت گردی کے خلاف جنگ میں ایک نئی لکیر کھینچ دی ہے، ایک نیا پیمانہ، ایک نیا نارمل قائم کیا ہے۔

سب سے پہلے، اگر بھارت پر دہشت گردانہ حملہ ہوتا ہے تو اس کا منہ توڑ جواب دیا جائے گا۔ ہم اپنے طریقے سے، اپنی شرائط پر جواب دیں گے۔ ہم ہر اس جگہ جا کر سخت کارروائی کریں گے جہاں سے دہشت گردی کی جڑیں نکلتی ہیں۔ دوسرا یہ کہ بھارت کسی بھی طرح کی جوہری بلیک میلنگ کو برداشت نہیں کرے گا۔ بھارت جوہری بلیک میلنگ کی آڑ میں بڑھتے ہوئے دہشت گردوں کے ٹھکانوں پر درست اور فیصلہ کن حملہ کرے گا۔

تیسری بات یہ کہ ہم دہشت گردی کی سرپرست سرکار اور دہشت گردی کے آقاؤں کو الگ الگ نہیں دیکھیں گے۔ آپریشن سندور کے دوران دنیا نے ایک بار پھر پاکستان کی گھناؤنی حقیقت دیکھی ہے جب پاک فوج کے اعلیٰ افسران ہلاک ہونے والے دہشت گردوں کو الوداع کہنے کے لیے جمع ہوئے۔ یہ ریاستی سرپرستی میں ہونے والی دہشت گردی کا ایک بڑا ثبوت ہے۔ انھوں نے کہا کہ ہم کسی بھی خطرے کے خلاف بھارت اور اپنے شہریوں کے دفاع کے لیے فیصلہ کن اقدامات جاری رکھیں گے۔

ساتھیو،

ہم نے ہر بار میدان جنگ میں پاکستان کو شکست دی ہے۔ اور اس بار آپریشن سندور نے ایک نئی جہت کا اضافہ کیا ہے۔ ہم نے صحراؤں اور پہاڑوں میں اپنی صلاحیتوں کا مظاہرہ کیا اور ساتھ ہی نئے دور کی جنگ میں اپنی برتری بھی ثابت کی۔ اس آپریشن کے دوران ہمارے میڈ ان انڈیا ہتھیاروں کی صداقت ثابت ہوئی۔ آج دنیا دیکھ رہی ہے، اکیسویں صدی میں بھارت کے دفاعی سازوسامان تیار کیے، اس کا وقت آ گیا ہے۔

ساتھیو،

ہمارا اتحاد، ہماری سب سے بڑی طاقت یہ ہے کہ ہم سب ہر قسم کی دہشت گردی کے خلاف متحد رہیں۔ یقیناً یہ جنگ کا دور نہیں ہے، لیکن یہ دہشت گردی کا دور بھی نہیں ہے۔ دہشت گردی کے خلاف زیرو ٹالرنس ایک بہتر دنیا کی ضمانت ہے۔

ساتھیو،

جس طرح پاکستانی فوج، حکومت پاکستان دہشت گردی کی پرورش کر رہی ہے، وہ ایک دن پاکستان کو ختم کر دے گی۔ اگر پاکستان کو زندہ رہنا ہے تو اسے اپنے دہشت گردی کے بنیادی ڈھانچے کو ختم کرنا ہوگا۔ اس کے علاوہ امن کا کوئی راستہ نہیں ہے۔ بھارت کا موقف بالکل واضح ہے کہ دہشت گردی اور گفت و شنید ایک ساتھ نہیں چل سکتے، دہشت گردی اور تجارت ایک ساتھ نہیں چل سکتے۔ اور پانی اور خون بھی ایک ساتھ نہیں بہہ سکتے۔

میں آج عالمی برادری کو یہ بھی بتانا چاہوں گا کہ ہماری اعلان کردہ پالیسی یہ رہی ہے کہ اگر پاکستان سے بات ہوگی تو وہ دہشت گردی پر ہوگی، اگر پاکستان سے بات ہوگی تو پاکستان مقبوضہ کشمیر اور پی او کے پر ہوگی۔

پیارے ہم وطنو،

آج بدھ پورنیما ہے۔ بھگوان مہاتما بدھ نے ہمیں امن کا راستہ دکھایا ہے۔ امن کا راستہ بھی طاقت سے گزرتا ہے۔ بھارت کا طاقتور ہونا بہت ضروری ہے، بھارت کا انسانیت، امن اور خوشحالی کی طرف بڑھنا بہت ضروری ہے، ہر بھارتی امن سے رہ سکتا ہے، وکست بھارت کا خواب پورا کر سکتا ہے، اور ضرورت پڑنے پر اس طاقت کا استعمال بھی ضروری ہے۔ اور پچھلے کچھ دنوں میں بھارت نے یہی کیا ہے۔

میں ایک بار پھر بھارتی فوج اور مسلح افواج کو سلام پیش کرتا ہوں۔ میں ہم بھارتیوں کی ہمت، ہر بھارتی کی یکجہتی کے عہد کو سلام کرتا ہوں۔

بہت بہت شکریہ۔

بھارت ماتا کی جئے!!

بھارت ماتا کی جئے!!

بھارت ماتا کی جئے!!