भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय।
चंपारण में अनेक बार मुझे आने का अवसर मिला है,, हर बार आपने मुझे असीम प्यार दिया है। आपके इस प्यार और सत्कार को मैं शीश झुकाकर मैं नमन करता हूं। भाइयो-बहनो, बिहार की महान धरती ने, यहां के महान लोगों ने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ हमेशा देश को दिशा दी है, भारत की चेतना को नई ऊर्जा दी है, शक्ति दी है। आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं की देश में स्वच्छता के प्रति जन आंदोलन के लिए भी चंपारण और बिहार की धरती ने राह दिखाई है।
साथियो, आज पूरे देश में स्वच्छाग्रह जीवन का हिस्सा बन गया है, बहन-बेटियों के सम्मान की गारंटी बन गया है। मुझे खुशी होती है जब पद्मश्री भागीरथी देवी जी जैसी बहने नए भारत को प्रेरणादायक नेतृत्व देने का काम कर रही हैं। भाइयो और बहनो, कांग्रेस, आरजेडी और उनके साथियों द्वारा कैसे इस धरती के साथ विश्वासघात किया गया। यहां के नवजवानों के साथ कैसे धोका किया गया, बिहार के सपनों को कैसे तोड़ा गया। आप सब इसके भी गवाह हैं लेकिन बिहार के लोगों ने इन महामिलावटी लोगों की ताकत बढ़ने नहीं दी। इनके इरादों के सामने बिहार के लोग खुद चट्टान बन कर के खड़े हो गए हैं। साथियो, देश में चार चरण के मतदान के बाद सारे महामिलावटी दलों के झूठे दावों की पोल खुल गई है। वंशवाद और भ्रष्टाचार की काली कमाई से इन लोगों में जो अहंकार पैदा हुआ है उसे बिहार के लोगों ने टीक करने की ठान ली है। इसलिए ये हारे हुए लोग अब इससे बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं। इन लोगों ने पहले सिर्फ मोदी को गाली दी, दिन-रात सारी गालियां मोदी पर पड़ती थीं और ये महामिलावटी सुबह डिक्शनरी ले कर के बैठ जाते थे और रोज-रोज नई गाली खोजते थे, नई गाली बनाते थे। और एक ही काम सुबह-शाम मोदी के नाम रोज नई गाली। ऐसा होता था कि नहीं? अब चार चरण चुनाव के बाद उनकी जो बंदूक है ना इसकी नोक बदली है। उसके बाद उन्होंने आधी गाली मोदी को दी और आधी गाली ईवीएम को दी, अब वो सुबह-शाम थोड़ी गाली मोदी को देते हैं, थोड़ी गाली ईवीएम को देते हैं लेकिन पिछले तीन दिन से इनकी हालत इतनी खराब हो गई है की अब संतुलन गवां चुके हैं तो पहले मोदी को गाली दी फिर आधा हिस्सा ईवीएम की तरफ गया और अब चुनाव आयोग को गाली देना शुरू कर दिया है।
साथियो, ये और कुछ नहीं है, ये उनकी हार का रेडीमेड बहाना है, ये बहाना ढूंढ रहे हैं। जब कोई विद्यार्थी परीक्षा के लिए जाता है और पेपर खराब निकलता है जवाब खराब देता है तो स्कूल से घर आते समय रास्ते में सोचता है की मम्मी-पापा को क्या बताऊंगा, तो आकर कहता है बेंच ठीक नहीं थी, आवाज आती थी, पेन खराब हो गई थी, टीचर बार-बार मुझे परेशान करते थे, मेरे बगल में जो बैठा था वो चोरी करता था और सब मुझे डांटते थे, इसलिए पेपर ठीक नहीं गया। ऐसे करते हैं कि नहीं कुछ बच्चे? पेपर खराब गया और बहाना बताते है पेन ठीक नहीं थी। ये महामिलावटियों का खेल खत्म हो गया है और इसलिए ईवीएम का बहाना निकालता है। ये उस तरह के लोग हैं, जो क्रिकेट में खुद बोल्ड होने पर अंपायर को दोषी ठहराते हैं। उन पर हार का डर साफ दिख रहा है, अपनी हार के लिए जमीन तैयार करने का उनका ये तरीका है।
भाइयो-बहनो, आज स्थिति ये हो गई है की एक जमाने में जिस पार्टी का पूरे देश में परचम फहरता था, एक छत्र शासन था। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक पूरे हिंदुस्तान में एक ही दल विराजता था। आज देश की जनता ने उनके अहंकार को ऐसा मारा है, अहंकार को ऐसे चूर-चूर कर दिया है की वे आज 40 सीटें वापस लाने के लिए जी-जान से कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने अब प्रधानमंत्री पद के सपने देखना बंद कर दिया है। अब ये महामिलावटियों के बीच झगड़ा चल रहा है की विपक्ष का नेता कौन बने, 50 सीट पार करके क्योंकि 2014 में तो इस देश की जनता ने उनके विपक्ष के नेता बनने लायक भी नहीं गिना था। विपक्ष का नेता बनने के लिए 54 सीट चाहिए। पार्लियामेंट में 2014 में विपक्ष में एक को भी 50 से ऊपर सीट नहीं दी। पांच साल आजाद हिंदुस्तान में पहली बार कांग्रेस को इतना बड़ा झटका लगा था और ये भी याद रखिए ये पहला चुनाव है जब कांग्रेस इतिहास में कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके साथियों की ये स्थिति क्यों हुई है इसका सीधा जवाब है विश्वसनीयता का संकट। वंश और विरासत से आपको एक कंपनी की कमान तो मिल सकती है लेकिन चलाने के लिए विजन कहां से लाओगे। कांग्रेस हो, आरजेडी हो इनके पास सिर्फ नाम और दाम का ही विजन है, यही कारण है की झूठ और प्रपंच की राजनीति इनके लिए वजूद बचाने का एक मात्र जरिया बन गई है।
साथियो, इनका इरादा बिहार की सेवा करने का नहीं है, देश के लोगों की सेवा करने का नहीं है, ये लोग खुद को सेवक नहीं, लोकतंत्र का महाराजा समझते हैं। इसके लिए चाहे कानून व्यवस्था को बर्बाद करना हो, भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाना हो, जनता के पैसे लूट लेना हो, किसी भी हद तक जा कर झूठ बोलना हो, अफवाह फैलाना हो, इन्हें कोई संकोच नहीं होता है, उनको शर्म ही नहीं आती है। साथियो, समाज में भेद पैदा करने के लिए बरसों से आरक्षण के नाम पर झूठ फैलाने की फैशन हो गई है और कुछ लोगों को सुबह-शाम ये झूठ बोले बिना खाना ही हजम नहीं होता है। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी जी की जब सरकार थी, हमारे नीतीश जी उस सरकार में बहुत ही महत्वपूर्ण मंत्री थे। उस समय थारू समाज को उनका हक दिया था और वर्तमान एनडीए सरकार ने गरीब परिवारों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया है। हमने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया, वो भी किसी का हक छीने बगैर।
भाइयो-बहनो, ये लोग कैसे हैं मैं बताता हूं। इस देश में जब भी आरक्षण का मुद्दा आया, समाजों को तोड़ा गया, आत्मदहन हुए, लोगों के घर जलाए गए, एक दूसरे को लड़ाया गया और अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते रहे। इस देश में पहली बार हुआ की सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण आया, ना कोई आग लगी ना कोई संघर्ष हुआ, ना किसी समाज का माथा फूटा, ना किसी को जेल जाना पड़ा, भाईचारे के साथ सब ने अपना अच्छा काम किया, इस भाव से इसे लिया गया भाइयों। देश की एकता के लिए ऐसे काम किया जाता है। आप देखिए जब अटल जी की सरकार थी, नीतीश जी मंत्री थे तब अटल जी ने तीन राज्य बनाए।
बिहार में से झारखंड बना, मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ बना, उत्तर प्रदेश में से उत्तराखंड बना, ये तीनों नए राज्य प्यार से अलग हुए। झारखंड बना तो बनने के बाद बिहार ने उसे उतना ही प्यार किया, झारखंड ने बिहार को उतना ही आदर दिया। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ बना, मध्यप्रदेश ने छत्तीसगढ़ के उतना ही प्यार दिया, छत्तीसगढ़ ने मध्यप्रदेश को उतना ही आदर दिया। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड बना, उत्तर प्रदेश ने उत्तराखंड को प्यार दिया, उत्तराखंड ने उत्तर प्रदेश को आदर दिया लेकिन देश को तोड़ने की मानसिकता वालों ने आन्ध्रा और तेलंगाना का विभाजन किया। इतनी लड़ाइयां हुईं, आज उस बात को पांच साल हो गए, आज भी तेलंगाना और आन्ध्रा दोनों तेलगू भाषा बोलते हैं लेकिन इन लोगों ने ऐसे जहर के बीज बोए हैं की एक दूसरे के सामने देखते नहीं हैं। क्या ये रास्ता देश के लिए उचित है क्या? क्या देश ऐसे चलेगा क्या, भाई से भाई को मरवा कर कुर्सियां पकड़ी जाती हैं क्या?
भाइयो-बहनो, हम देश की एकता के लिए निकले हुए लोग हैं, जाति-पंथ और दल से भी परे हमारे लिए सबसे पहले देश होता है। भाइयो-बहनो, विचार और विजन से दिवालिया हो चुके ये महामिलावटी लोग गरीब के साथ, आदिवासी के साथ, किसान के साथ धोखे का जो खेल खेलते हैं उससे सावधान होने की जरूरत है। साथियो, ये ऐसे शातिर हैं की फर्जी स्कीम भी वोट के लिए बेच देते हैं। मैं मेरा एक गुजरात का अनुभव बताता हूं। आप सुन कर हैरान हो जाओगे की इतना बड़ा लोकतंत्र और ये ऐसा झूठ कर सकते हैं।
गुजरात में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए आदिवासियों को मूर्ख बनाने का कार्यक्रम बनाया। सरकार का जैसे फार्म होता है वैसा फार्म बनाया और आदिवासियों को कहा की अब हमारी सरकार बनने वाली है। आप ये फार्म भर दीजिए, सरकार बनते ही हम आपको जमीन का पट्टा देंगे और फार्म का 100-100 रुपया ले लिया और आदिवासियों के दिमाग में ऐसी आग भर दी। आदिवासी सारे सरकारी दफ्तर में गए, सरकार ने कहा भाई ऐसा तो कोई फार्म हमने निकाला नहीं है तो वो बोले कि ये तो हमारा 100-100 रुपया मार ले गए। ये पाप कांग्रेस ने किया था, सब पकड़े गए। दूसरा चुनाव आया तो क्या किया इन्होंने, कांग्रेस दफ्तर के सामने एक मैदान था। उस मैदान में उन्होंने एक टेंपोरेरी हार्डबोर्ड का मकान खड़ा किया, रंग-रोगन करके उसको खड़ा कर दिया और पूरे गुजरात में फार्म भरना शुरू किया की आपको घर मिलने वाला है और घर देखना है तो जाइए कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के सामने बना हुआ है। फर्जी घर का फार्म, फर्जी घर, उसमें भी 200-250 रुपए मार लिए। इन दिनों नया खेल शुरू किया है, राजस्थान में पकड़े गए, क्या किया उन्होंने। एक फार्म निकाला है, गरीबों के पास जाते हैं, ये फार्म भर दीजिए 23 मई के बाद आपको 72 हजार रुपए का चेक आएगा, झूठे चेक छाप दिए इन लोगों ने।
भाइयो-बहनो, भारत के नागरिकों का ऐसा अपमान सत्ता के लिए। भाइयो-बहनो, मुझे बताया गया है की कांग्रेस और उसके साथियों ने फ्राड तंत्र यहां बिहार और झारखंड में खेलना शुरू कर दिया है। मैं आप सब से कहता हूं चौकन्ने रहिए, ये कागज की पर्ची पकड़ा कर के गरीबों के 100-200 रुपए मार लेंगे ये लोग, ये लुटेरे हैं, ये ऐसे लोग हैं जो 55 साल के शासन में गरीब का खाता नहीं खुलवा पाए, बैंक के दरवाजे तक गरीब जा नहीं सका और कहते हैं हम पैसे डालेंगे, कितना झूठ बोलते हैं ये लोग। असल में इन लोगों का खेल गरीब के नाम पर बिचौलियों का भला करने का है। जो इनके चेले-चपाटे होते हैं उनकी जेब भरने के लिए ये ऐसा करते हैं। मत भूलिए जब 10 साल पहले कांग्रेस ने कर्जमाफी का ऐलान किया था। उस समय किसानों का कर्ज था 6 लाख करोड़ और कांग्रेस ने 2009 का चुनाव जीतने के लिए ये झूठ चलाया की हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे। 6 लाख करोड़ का कर्ज था किसानों का, माफ कितना किया सिर्फ 52 हजार करोड़, कहां 6 लाख करोड़, कहाँ 52 हज़ार करोड़ और उसमें भी बाद में सी ए जी की जो रिपोर्ट आयी 40 लाख लोग वो थे जो किसान थे ही नहीं और पैसे उनको बांट दिए गए। आप मुझे बताइए ये पैसों के मालिक आप हैं कि नहीं हैं, ये देश के खजाने के मालिक आप हैं की नहीं हैं ये खजाना लुटने देंगे क्या, भाइयों बहनों, मैं आपको वादा करता हूँ हिंदुस्तान के खजाने पर किसी पंजे को पड़ने नहीं दूंगा मैं।
भाइयों और बहनों सत्ता इन लोगों के लिए अपने और अपने परिवार के लिए मेवा जुटाने का जरिया है मेवा नहीं मिल रहा था इसलिए इन्होंने ओ बी सी कमीशन को बैकवर्ड कमीशन को संवैधानिक दर्जा मिलने में भी लगातार अड़ंगा लगाया। इन लोगों की स्वार्थी राजनीति से अलग हम लोगों के लिए एन डी ए के लोगों के लिए सत्ता आपकी सेवा का माध्यम है। हमारी सरकार किसानों, व्यापारियों, कर्मचारियों, मज़दूरों हर वर्ग के लिए व्यापक काम कर रही है। यहां बांस आधारित उद्योग की अच्छी संभावनाएं हैं, अब तो हमने कानून को बदलकर बांस की खेती कर सकते हैं खेती करके बांस काट सकते हैं, आप अपना बांस बेच सकते हैं सरकार कुछ नहीं कर सकती ऐसा कानून के परिवर्तन कर दिया है। अब किसान बांस उगाकर आसानी से बेच सकेंगे। साथियो, साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी, डबल करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। किसानों को लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य का वादा भी हमने पूरा किया है। 2007 से ये महिलावटी लोग उस फ़ाइल पर बैठ गए थे ये मोदी है उस फ़ाइल को निकाल लाया। वन रैंक-वन पेंशन किसान के साथ धोखा, जवान के साथ धोखा वन रैंक-वन पेंशन 40 साल से किसान मांग रहा था, नहीं दे रहे थे, हमने दिया आज फौजी के घर में 35 हज़ार करोड़ रुपया पहुंच गया भाइयो। देश कैसे चलाते हैं हमने दिखाया भाइयो।
अब हमने तय किया है की 23 मई को इस समय तो सारे चुनाव के नतीजे आ गए होंगे, 23 मई को चुनाव का परिणाम आ गया होगा और 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, 23 मई को जब फिर एक बार जब मोदी सरकार आएगी तब बिहार के बिहार के सभी किसान परिवारों के खाते में सीधी मदद हर वर्ष 3 बार जमा होगी भाइयो। 5 एकड़ की सीमा जो हमनें बनायीं है वो हटा दी जाएगी, सब किसान को लाभ मिलेगा। दूसरा, इसी तरह हम जो छोटे किसान हैं जो खेत मजदूर है जिसके पास जमीन नहीं है जो छोटे कामगर है कोई सफाई का काम करता है कोई ऑटो रिक्शा चलाता है कोई बच्चों को स्कूल ले जाने का काम करता है, छोटे छोटे कामगार छोटे दुकानदार छोटी छोटी रेडी चलाते हैं छोटा किसान हो छोटा दुकानदार हो इन सब को 60 साल के बाद हर महीने पेंशन की व्यवस्था पहली बार हम इस देश में करने वाले हैं। इसकी व्यापक योजना तैयार हो जाएगी 23 मई के बाद उसको हम लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे भाइयो।
साथियो, हमारी सरकार ने पैट्रोल, डीजल में एथेनॉल को मिलाने वाली जो योजना बनाई है उस से आने वाले दिनों में यहां के गन्ना किसानों को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। साथियो, इस से पूरे क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर पर यहां सुविधाओं के निर्माण पर हमने बल दिया है। गांव की सड़कें हो हाईवे हो या फिर रेलवे हज़ारों करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। मोतिहारी-अमलेख गंज पाईप लाइन हो या फिर जो गैस से जुड़े दूसरे प्लांट इस से सुविधाएं भी बढ़ रही हैं और रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। रामायण से जुड़ा अहम स्थान होने के कारण इस पूरे क्षेत्र को रामायण सर्किट के तहत विकसित किया जा रहा है। पर्यटन की सुविधाएं, पर्यटन की सुविधा बढ़ेंगी तो यहां युवा साथियों को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। साथियो, बिहार में बिजली की उपलब्धता पर विशेष बल दिया जा रहा है, नीतीश जी ने बड़ी मेहनत से लालटेन को हटाया है। घर-घर के बिजली पहुंचाई है वो आपको लालटेन युग की तरफ ढकेलने को कोशिश कर रहे हैं लेकिन नीतीश जी और उनकी टीम एल ई डी बल्ब का दुधिया प्रकाश हर घर में फैले इसलिए लगे हुए हैं।
भाइयो-बहनो, ये बिजली अच्छी तरह मिले सीतामढ़ी में जो सब स्टेशन बन रहा है उसे पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के साथ-साथ मधुबनी दरभंगा और शिवहर जिलों को भी पर्याप्त बिजली मिल पाएगी। भाइयो और बहनो, विकास के रास्ते तभी खुल पाएंगे जब सुरक्षा की गारंटी होगी। आप वो दिन याद कीजिए जब आपको बड़े शहरों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों, काम के लिए गए लोगों की चिंता करनी पड़ती थी। आए दिन ट्रेनों में धमाका, बाजारों में धमाका, पूजा स्थलों में धमाका, कोई महीना ऐसा नहीं जाता था की बम धमाके की सूचना ना आती हो निर्दोष लोग मारे ना जाते हों। बीते 5 वर्ष में इन सब पर लगाम लग गई है लगी है कि नहीं लगी है ? ये लगाम किसने लगाई ? ये किसने किया ? किसने किया ? किसने किया ? ये बम धमाकों पर लगाम किसने लगाई? मोदी ने नहीं लगायी ये आपका जवाब गलत है ये जो हुआ है ये आपके वोट की ताकत है, आपके वोट ने किया है। आपके वोट की ताकत है की सुरक्षा एजेंसियां आपकी सुरक्षा के लिए आज चौकन्नी हो कर के काम कर रहीं है। मोदी ने तो उनको आदेश दिया है की मेरे लिए अब सेना के हाथ बांधे नहीं जाएंगे। साथियो, आपने जो मजबूत सरकार बनाई है उसने ये स्पष्ट संदेश दुनिया को दिया है की अब भारत चुप नहीं बैठेगा। हम पर जो बुरी नज़र डालेगा, उस पर उतनी ही सख़्ती से वार किया जाएगा। आतंकी हो या फिर आतंक के मददगार घर में घुस कर मारा जाएगा और अगर वो गोली चलाएंगे तो मोदी गोला चलाएगा। हमें शांति चाहिए, हमें गरीब का भला करना है ये हमें इस प्रकार से हमारे जवानों की ज़िंदगी नहीं बर्बाद होने देनी है और जहां होगा पाताल में भी होगा तो भी छोड़ने वाले नहीं है जी।
भाइयो और बहनो, आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म करने के लिये, हमारी नीति बहुत साफ है। इसलिए हमारी नीति और रणनीति का दम आज पूरी दुनिया देख रही है, वहीं कांग्रेस आर जे डी की महमिलावट की नीति क्या है उनको खुद को पता नहीं है लेकिन आपको जानना बहुत जरूरी है। साथियो, कांग्रेस के ढकोसला पत्र में इनके इरादे साफ झलकते हैं। इन्होंने क्या लिखा है अपने मैनिफेस्टो में, उन्होंने ढकोसला पत्र में जो लिखा है आप हैरान हो जाओगे, जिसके लिए 70 साल से देश के जवान अपना खून बहा रहे हैं। माइनस टेम्प्रेचर में अपनी ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। अनेक माताओं ने अपने लाडले खोये हैं और आज 70 साल के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने ढकोसला पत्र में क्या लिखा है, खून गरम हो जाता है दोस्तो सुनता हूँ तो। गुस्सा आता है मन में बेचैनी होती है कि 70 साल तक राज करने वाली पार्टी इतनी नीचे गिर गई, उन्होंने लिखा है और वो जो लिखा है पाकिस्तान वही बोलता है आप कोई भी पाकिस्तान के नेता के पिछले 50 साल के बयान निकालो, यही बोलता है। इन्होंने क्या लिखा है, ये चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में वो सेना को कम कर देंगे, क्या होगा भाई। इन्होंने कहा है कि ये हमारे जवानों को जो विशेष अधिकार मिला है जिसके कारण हमारे सुरक्षा बल उनको सुरक्षा मिलती है, उसको भी खत्म कर देंगे और उसके कारण पत्थरबाजों को आतंकियों को जो चाहे वो कर सकते हैं सेना का जवान कुछ करेगा तो जिंदगी भर कोर्ट के चक्कर काटता रहेगा भाइयों बहनों ये लोग अलगाव वादियों नक्सलवादियों के समर्थकों को जो देश द्रोह का कानून है। उस से भी उनको आज़ादी दिलाना चाहते हैं। ये देश के जवानों पे गोलियां चलाने वाले लोगों को आज़ादी मिलनी चाहिए क्या, मिलनी चाहिए क्या ? ऐसे लोगों को सज़ा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ? ये कानून हटाना चाहते हैं ये उन्होंने लिखित में कहा है। साथियो, जात पात का ज़हर घोलकर नामपंथी और दामपंथी देश के टुकड़े-टुकड़े करने की सोच रखने वालों के साथ खड़े हैं। आप सभी लोगों को उन्हें भरपूर जवाब देना है। वाल्मीकि नगर में तीर निशान और शिवहर पुर्वी और पश्चिम चंपारण वालों को कमल के निशान पर बटन दबाना है। आप तीर पर बटन दबाएं और कमल पर बटन दबाएं और जहां-जहां पर बंगला वाले जो हैं वहां पे बटन दबाएं, आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।
भाइयो-बहनो, इतनी बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने आये मैं हृदय से आपका बहुत बहुत आभारी हूं।
मेरे साथ बोलिये… भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद!