QuoteI urge all the eligible voters in Kerala to turn out and exercise their franchise in support of the BJP: PM Modi
QuoteOnly the BJP can ensure social justice for every group in Kerala like we did across the country: PM Modi
QuoteEverybody has seen how the UDF and LDF are threatening the traditions and religious practices of the people here: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी और हमारे सभी साथी दलों के वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, आपने जिस प्रकार से मोबाइल फोन का दीप प्रज्वलन करके इस पूरी जनसभा को रोशन कर दिया, आपके पवित्र वोट से पूरा हिंदुस्तान रोशन होने वाला है। आधुनिक ट्रावनकोर के निर्माता मार्तन्ड वर्मा की इस धरती को मैं नमन करता हूं। स्वाथी थिरूनल, वक्कोम खादर मौलवी, अय्या वैकुंदार स्वामी कल और श्री नारायण गुरु जैसी विभूतियों को मेरा कोटि-कोटि नमन।

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 साथियो, आप भली-भांति जानते हैं की भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी तिरुवनंतपुरम में अपना उम्मीदवार श्री कुम्मनम राजशेखरन जी को बनाया है वो आपके बीच मशहूर हैं ही। इनका सादगी ईमानदारी और स्वच्छ छवि की दिल्ली तक बहुत चर्चा होती है। राजशेखरन जी ने कई साल केरला में बीजेपी की कमान भी संभाली है। मेरा आपसे आग्रह होगा की इस बार हमारे सभी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को भव्य विजय दिलाएं।

साथियो, पिछले पांच वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर जो भरोसा आपने दिखाया उसके कारण भारत आज तेज गति से आगे बढ़ रहा है और जल में, थल में, नभ में और अंतरिक्ष में भी सुरक्षित है। आज मोबाइल से लेकर मिसाइल तक जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जो स्पेस से कंट्रोल नहीं होता, कल्पना कीजिए अगर कोई गलत ताकत कभी स्पेस में हमारे संसाधनों पर हमला कर दें तब क्या होगा। साथियो, ये काम पहले भी हो सकता था लेकिन कांग्रेस की सरकार के पास हिम्मत नहीं थी वो फैसले लेने से डरते थे। हां कुछ ऐसा करना हो जिससे देश को नुक्सान होता हो, वैज्ञानिकों का मनोबल टूटता हो तो कांग्रेस का सारा डर खत्म हो जाता है। केरला की धरती के सुपूत वैज्ञानिक नंबी नारायण जी के साथ क्या किया गया ये आपको पता है ना? साथियो, यही अंतर एक राष्ट्रवादी सरकार और एक वंशवादी सरकार के बीच होता है, यही अंतर एक निर्णायक सरकार और एक नारे देने वाली सरकार में होता है।

भाइयो-बहनो, इस बार का चुनाव सिर्फ एक सरकार बनाने के लिए नहीं हैं, ये चुनाव आने वाले वर्षों में भारत विकसित देश कैसे बने, इसके लिए है। भारत, दुनिया की टॉप थ्री इकोनॉमी के क्लब में कितनी जल्द पहुंच सके, आप इस चुनाव में आपके एक वोट से ये तय करने वाले हैं।


साथियो, ऐसे में तिरुवनंतपुरम के, केरल के हर वोटर, विशेष तौर पर फर्स्ट टाइम वोटर पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। साथियो, जब सरकारें विचार और विजन के बजाए राजनीतिक हिंसा से चलती हैं तो केरल जैसे स्वर्ग पर भी आंच आती है। कांग्रेस और कम्यूनिस्टों ने यहां के भाइचारे, आस्था और विश्वास के साथ क्या कर दिया है ये आपके सामने है। सिर्फ सत्ता पाने के लिए अपनों का खून बहाना ये केरल का कल्चर नहीं है, आए दिन हिंसा- आए दिन हत्याएं बच्चों को अनाथ कर देना, मांओं की कोख उजाड़ देना ये केरल का कल्चर नहीं है। ये केरल की महान परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है, जब पूरा देश विकास के रास्ते पर चल पड़ा है तो केरल को कम्यूनिस्टों और कांग्रेस के इस कल्चर से मुक्ति दिलाना ये बहुत जरूरी रहेगा। इसी हिंसक कांग्रेस-कम्यूनिस्ट कल्चर ने यहां केरल में सैकड़ों संघ-बीजेपी कार्यकर्ताओं की जान ली है। उनके बलिदान को मैं नमन करता हूं, मैं बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता को कहूंगा की उनकी तपस्या एक ना एक दिन अवश्य सफल होगी। केरल को भी हिंसा की राजनीति करने वालों की महामिलावट से मुक्ति मिलेगी।

भाइयो-बहनो, लोकतंत्र में विचारधाराओं पर सरकारें बनती हैं-बिगड़ती हैं। नीतियों के आधार पर विरोध और समर्थन होते हैं लेकिन कांग्रेस और कम्यूनिस्ट की विचारधारा अवसरवाद की है। केरल में एक-दूसरे की नीतियों का विरोध करते हैं, आपस में लड़ते हैं और दिल्ली में सत्ता के लिए एक साथ आ जाते हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष को संसद पहुंचने के लिए यहां वायनाड आना पड़ रहा है, वो कहते हैं की वाम दलों के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। केरल में कुश्ती और दिल्ली में दोस्ती ये इनका खेल है। साथियो, अगर ये सोचते हैं की केरल की जनता इसको समझती नहीं है तो ये बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। साथियो, कांग्रेस के नामदार का कहना है की साउथ को मैंसेज देना था तभी वायनाड गया। अरे तिरुवनंतपुरम से मैसेज नहीं दिया जा सकता था क्या, ये तो राजधानी है।

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भाइयो-बहनो, ये मैसेज साउथ के लिए नहीं बल्कि ये मैसेज अपीजमेंट पॉलीटिक्स का है जिसको कांग्रेस ने अपने विजन का हिस्सा बना लिया है। कांग्रेस अमेठी मॉडल ऑफ डेव्लपमेंट का विजन केरल के लिए लेकर आई है। आज के डिजिटल इंडिया के युग में जब स्मार्ट फोन हर हाथ में है और डेटा सबसे सस्ता दुनिया में हमारे यहां है, तब अमेठी की हालत जानने में केरल को ज्यादा परेशानी नहीं होगी। कम्यूनिस्टों को हमारे पूजा-पाठ और धर्म-कर्म से दिक्कत है ये हम जानते हैं लेकिन वो आस्थावानों के अधिकारों को नहीं कुचल सकते। आज यहां स्थिति ये बना दी गई है की भगवान का नाम तक नहीं ले सकते, भगवान का नाम लेने पर यहां की कम्यूनिस्ट सरकार झूठे केस करती है, लाठियों से पिटवाती है।

भाइयो-बहनो, भारत में हजारों सालों से जो परंपराएं विकसित हुई हैं, उन पर राजनीति के लिए किसी प्रकार का प्रहार हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। केरल का बच्चा-बच्चा इसका विरोध करेगा, आस्था का चौकीदार बनकर खड़ा होगा। भाइयो-बहनो, मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं, 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी तो कोर्ट से लेकर संसद तक हम आपकी आस्था के लिए लड़ेंगे, आस्था को संविधान संरक्षण दिलाने का काम हम करेंगे। साथियो, केरल में जाति-पंथ के आधार पर भेदभाव और भ्रष्टाचार गवर्नेंस का मॉडल बन चुका है, खुद मुख्यमंत्री पर लवलीन घोटाले के आरोप हैं, मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं, यहां तक की बाढ़ और तूफान से प्रभावित लोगों के लिए जो पैसा आया उसको भी नहीं छोड़ा। अब तो यह भी साबित हो रहा है की केरल की भीषड़ बाढ़ नेचुरल कैलिमिटी से ज्यादा सरकारी लापरवाही का परिणाम ही थी।

साथियो, ये तो भला हो केरल के माछीमार साथियों का जिन्होंने अपनी जान हथेली पर रख कर लोगों की जान बचाई, ये हमारे साथी सच में हमारे समंदर के चौकीदार हैं। मछुआरों को सशक्त करने के लिए, केंद्र की एनडीए की सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। मछुआरों को समय पर खतरे का अलर्ट मिले इसके लिए नए नाविक डिवाइस दिए जा रहे हैं। इसके अलावा फिशरीज के लिए अलग डिपार्टमेंट बनाने का हमने बजट घोषित किया है। वहीं मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी दे दी गई है। इसके अलावा डीप सी फिशिंग के लिए बोट के आधुनिकीकरण के लिए भी मदद दी जा रही है।

साथियो, केरल में भाजपा हर वर्ग को उसका हक दिलाने के लिए खड़ी है। हम केरल के सामान्य मानवी को भी उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम पूरे देश में 10 प्रतिशत आरक्षण देकर गरीबों को उनका हक दिला रहे हैं, वो भी किसी का हक छीने बिना। बीजेपी सरकार ने ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है।

भाइयो-बहनो, केरल के सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए भी हम कमटेड हैं। नेशनल हाईवे क प्रोजेक्ट्स हो, बाईपास हो, एयरपोर्ट का विकास हो हर प्रकार से कनेक्टिविटी को सशक्त किया जा रहा है। यहां के टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए प्रसाद योजना के तहत अनेक काम हुए हैं, हेरितेज टूरिज्म पर हमारा विशेष फोकस रहने वाला है, हम केरल में 100 से ज्यादा आस्था से जुड़े स्थानों को आध्यात्मिक सर्किट से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। भाइयो-बहनो, चौकीदार की सरकार ने सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम किया है। गरीबों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज हो या फिर गरीब से गरीब घर तक एलपीजी कनेक्शन देने का काम ये हमारी सोच को दिखाता है। इतना ही नहीं मिडिल क्लास के लिए विशेष तौर पर हमारी सरकार ने प्रयास किए हैं, बीते पांच वर्षों में महंगाई की दर 4 प्रतिशत के आस-पास रही है जो कांग्रेस के राज में दस प्रतिशत तक थी। पांच साल में हमने एक बार भी टैक्स नहीं बढ़ाया बल्कि अब तो पांच लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स के दायरे से ही बाहर कर दिया। इसी तरह पहली बार मिडिल क्लास के घर के लिए भी सरकारी सहायता देने का काम किया, एजुकेशन लोन भी बहुत सस्ता किया गया है।

साथियो, एक तरफ हम आनेस्ट टैक्सपेयर को थैंक्यू कहते हैं तो वहीं कांग्रेस मिडिल क्लास को सेल्फिश कहती है, टैक्स का बोझ लादने की बात करती है। कांग्रेस के ढकोसलापत्र उनके मेनिफेस्टो में मिडिल क्लास का जिक्र तक नहीं किया गया है। वो ये मान चुकी है कि मिडिल क्लास कांग्रेस का करेक्टर पहचान चुका है। भाइयो-बहनो, केरल के विकास में प्रवासी भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान रहा है, हमारी सरकार ने प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और सम्मान के लिए बड़े कदम उठाए हैं। साथियो, आपको इस बार हिसां, अपमान और अवसरवाद को हराना है, केरल के उज्जवल भविष्य के लिए, केरल में शांति का वातावरण मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को जिताइए कमल के निशान पर बटन दबाइए।

भाइयो-बहनो, आज-कल कांग्रेस और कम्यूनिस्टों को और उनके महामिलावटी साथियों को भारतीय सेना का मजाक उड़ाने की आदत हो गई है और जब भारत की सेना पाकिस्तान में घुस कर के आतंकवादियों का हिसाब चुकता करती है। सर्जिकल स्ट्राइक करती है, एयर स्ट्राइक करती है, पाकिस्तान में घर में घुसकर मारती है तो ये कम्यूनिस्ट, ये कांग्रेस के महामिलावटी लोग हिंदुस्तान की सेना को भला-बुरा कहने में तुले हुए हैं। भाइयो-बहनो, देश की सेना, उसका सम्मान देश की सुरक्षा से सीधा-सीधा जुड़ा हुआ है लेकिन कांग्रेस को, जो अब तक सरकार में भागीदार रहे हैं उनके लिए देश की सेना और सुरक्षा और डिफेंस मंत्रालय सिर्फ एटीएम बन कर रह गया है, उसमें से रुपए मारना यही उनका काम रहा है। मजबूत भारत ही सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों को सपनों को पूरा कर सकता है। मजबूत भारत बनाने के लिए मजबूत सरकार होना जरूरी है और मजबूत सरकार में एक चौकीदार प्रधानमंत्री का ताकत का बहुत बड़ा महत्व रहता है। आपका एक-एक वोट चौकीदार को मजबूत करेगा, देश में एक मजबूत सरकार बनाएगा। एनडीए और कमल को दिया हुआ आपका वोट वो सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। इतनी बड़ी तादाद में आप हमें आशीर्वाद देने के लिए आए इसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।