Congress and its allies were making tall promises before the elections but now, they have realized that the country no longer favours their divisive politics: PM Modi
The recent discovery of large amounts of illegal cash from the state’s CM and his aides shows how the return of Congress in MP means a return of corruption: PM Modi
A growing country like India needs an inclusive model of development of the BJP rather than the divisive politics of Congress: Prime Minister Modi

नए भारत के निर्माण के लिए मध्य प्रदेश के इस उत्साह को मैं विशेष रुप से नमन करता हूं, सिद्धि, रीवा, शहडोल सहित पूरे मध्य प्रदेश ने पांच वर्ष पहले दिल्ली में इस सेवक को मजबूत किया था। 2014 में 30 साल के बाद तीन दशक के बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनी थी, और उसमें मध्य प्रदेश का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज जब मैं आपके बीच आया हूं तो ये कह सकता हूं पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ आपने मुझपे जो भरोसा रखा था। मैंने काम करने का प्रयास किया है। दिन-रात जुटा रहा हूं। आपके आशीर्वाद से बहुत लक्ष्य हासिल हुए है, और जो बाकी है उनको भी आपके ही सहयोग से पूरा करने वाला हूं। साथियो, इस जगह के साथ बीरबल का नाम का जुड़ा है। बीरबल की खिचड़ी के बारे में देश का बच्चा-बच्चा जानता है। कांग्रेस अपने महामिलावटियों के साथ मिलकर ऐसी ही खिचड़ी पकाने की फिराक में थी। लेकिन तीन चरणों के मतदान के बाद उसको समझ आ गया है कि वंशवाद के चूल्हे में अब ताप नहीं है। इसलिए जो स्वार्थ की राजनीति रोटियां सेकते थे, उनकी न दाल गलने वाली है। न खिचड़ी पकने वाली है। अब देश का हर चौकीदार जाग चुका है, और नए भारत के सपने के साथ आगे बढ़ रहा है। देश ने मजबूर और कमजोर सरकार बनाने के सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया है। विशेष तौर पर वो युवा बेटे बेटी जो पहली बार लोकसभा चुनाव में अपना वोट डाल रहे हैं। ये हमारे नौजवान 20वीं सदी की सोच के साथ चलने को तैयार नहीं है। ये हमारे नौजवान 21वीं सदी के सपने को साकार करने वाला भारत चाहते हैं।

भाइयो –बहनो, कांग्रेस किस तरह आपको धोखा देती है, उसका उदाहरण मैं यहीं मध्य प्रदेश से देना चाहता हूं। आज मध्य प्रदेश में बिजली की स्थिति क्या है? कांग्रेस का वादा था कि बिजली का बिल कम करने का और इसका तरीका उसने निकाला कि आप लोगों के घर में बिजली की सप्लाई ही कम कर दी। जितनी शिवराज जी के समय में बिजली मिलती थी उससे हाफ बिजली देकर कांग्रेस सरकार आपका बिजली बिल कम करने की फॉर्मूला पर चल रही है। ये धोखा नहीं तो क्या है? ये बेईमानी नहीं है तो क्या है? क्या जनता के साथ ऐसा खेल खेलते हैं? साथियो, सिद्धि सहित ये पूरा क्षेत्र तो पावर हब रहा है। बिजली के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट यहां पर है, बल्कि आपका ये चौकीदार जो सौर ऊर्जा पर काम कर रहा है। पूरी दुनिया में सौर ऊर्जा के लिए हम जो अभियान चला रहे हैं। उसका एक अहम सेंटर हमारा ये पूरा क्षेत्र होने वाला है। कांग्रेस और उसके महामिलावटियों को अगर गलती से दिल्ली में भी मौका मिल गया तो क्या हाल होगा इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं? कभी-कभी ट्रेलर देखकर पता चलता है कि फिल्म कैसी होगी। ये मध्य प्रदेश कांग्रेस कल्चर का ट्रेलर दिखा रहा है। 6 महीने में जो पाप उन्होंने शुरू किया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ अभी तो वोट मिला है। पता है सामने लोकसभा का चुनाव है उसके बावजूद भी वो अपनी आदत से नहीं निकल पा रहे और उसका जो ट्रेलर देखकर कांप उठता है मन कि ऐसे लोगों ने 70 साल तक दिल्ली को कितना बर्बाद कर दिया है इन लोगों ने। भाइयो-बहनो, कांग्रेस की धोखाबाजी का एक और सबूत है कर्जमाफी का झूठा वादा, यहां जो किसान है। जरा मैं इन किसान भाइयो से पूछना चाहता हूं क्या उनका कर्ज माफ हुआ क्या? जोर से बताइए कर्ज माफ हुआ क्या? लेकिन देश भर में ये घूम-घूम कर कह रहे हैं कि भाइयो-बहनो इतना झूठ बोलने की इनकी आदत इतनी ताकत मैं तो हैरान हूं जी। इतना बड़ा वादा किया था पूरा नहीं किया। और मैं ये भी पूछना चाहता हूं, ये कर्जमाफी किसके लिए लाते हैं। कोई आदिवासी किसान क्या उसको कभी कर्ज मिलता है? उसे कभी कर्ज मिलता है? किसी दलित किसान को कभी कर्ज मिलता है? उसे कभी कर्ज मिलता है? ये उनके मुठ्ठी भर जो यार दोस्त है वही कर्ज लेते हैं और हर दस साल के बाद उन्हीं का कर्ज माफ होता है, गरीब किसान को कुछ नहीं मिलता है। आज देश के हर किसान को आपकी आवाज सुनकर समझ आ गया होगा कि कांग्रेस पर भरोसा का मतलब क्या होता है।

भाइयो –बहनो, कर्जमाफी तो दूर कांग्रेस किस तरह गरीब बच्चों के मूंह से निवाला छीन रही है निवाला। मैं उसके लिए भी आपको बताना चाहता हूं। साथियो, मध्य प्रदेश के आदिवासी बच्चों के लिए प्रसूता माताओं के लिए, गरीब माताओं बच्चों के लिए भारत सरकार पोषक आहार के लिए ये चौकीदार की सरकार दिल्ली से पैसे भेजती है। ताकी जो प्रसूता माता है उसको प्रसूता के समय नौ महीने अच्छा खाना मिले। उसका शरीर ताकतवर हो, ताकी उसके गर्व में जो बच्चा है वो भी तंदुरुस्त हो और देश को तंदुरुस्त बेटा-बेटी मिले। लेकिन भाइयो- बहनो, भारत सरकार ने ये चौकीदार ने जो पैसा भेजा और ये ऐसे लोग हैं ऐसे लोग हैं। ये चौकीदार के रहते हुए भी चोरी करने की हिम्मत कर गए, और उसने इस पैसे से तुगलक रोड चुनावी घोटाला कर दिया है। पूरे देश ने टीवी पर देखा है कि कैसे मध्य प्रदेश के बारे में बातें आ रही है। बोरे भर-भर के नोटें मिली है। आपको पता है ये तुगलक रोड कहां है? ये दिल्ली में तुगलक रोड है और ये तुगलक रोड पर कांग्रेस के एक बहुत बड़े नेता का बांग्ला है। आपका पैसा गरीब के निवाले का पैसा प्रसूता माता के पोषण का पैसा ये चोरी कर कर के वहां पहुंचाते थे भाइयो। बंडल के बंडल जाते थे और यही पैसे नामदार के प्रचार में लगा दिया गया।

साथियो, और मजा है उनके जो चेले चपाटे है वो मोदी को पूछते हैं कि मोदी तुम विरोधी दल वालों के यहां रेड क्यों करते हो? एक तो ये रेड मोदी करता नहीं है। वो तो डिपार्टमेंट डिपार्टमेंट का काम करता है। लेकिन मुद्दा ये नहीं है कि रेड भाजपा के यहां हुई कि कांग्रेस के यहां हुई। मुद्दा ये है इतना सारा माला कहां से निकला? क्यों निकला ? लेकिन उस मुद्दे की चर्चा नहीं करते। इनके चेले चपाटे चर्चा ये करते हैं कि कांग्रेस वालो के यहां रेड क्यों हुई? भाइयो-बहनो, रेलवे में जो टिकट लेकर जाता है उसको कोई पकड़ता है क्या? कोई पकड़ता है क्या? बिना टिकट जो जाएगा उसी को पकड़ेगा न। जो चोरी करेगा वही पकड़ा जाएगा। जो चोरी नहीं करेगा कौन पकड़ेगा उसको। चोरी पर सीनाजोरी हमको क्यों पकड़ा? हम तो कांग्रेस के हैं। हम तो नेता हैं। हम तो मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं। अरे देश का कानून हर किसी के लिए सामान होता है। अगर मोदी गलती करता है तो मोदी के घर पर भी इनकम टैक्स ने रेड करना चाहिए। सबके लिए कानून सामान होना चाहिए।

साथियो, यहीं कांग्रेस का सच है, गरीब और किसान के नाम घोषणाएं करती है, योजनाएं बनाती है और उसी पैसे में घोटाला करती रहती है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक कांग्रेस में भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है। लेकिन आपका ये चौकीदार चौकन्ना है। नामदार हो या उनके राग दरबारी कोई नहीं बचेगा। साथियो, कांग्रेस कैसे काम करती है इसका एक उदाहरण रीवा और सिंगरौली के बीच रेल लाइन के काम का भी है। जितने दिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही। ये योजना धूल फांकती रही। इसे शुरू करवाने का काम हमारी सरकार ने ही किया है। साथियो, देश के लोगों का जीवन सुधरे, गरीबी कम हो। किसान की दिक्कतें कम हो। ये कांग्रेस कभी नहीं चाहती। कांग्रेस ने कर्ज माफी तो नहीं की। मोदी सरकार जो आपके खाते में किसानों के खाते में पैसे जमा करना चाहती है। उसको भी ये भ्रष्ट सरकार रोक रही है। यहां एमपी के 84 लाख किसान परिवारों के खाते में पीएम किसान योजना का पैसा अब पहुंच जाना चाहिए था। अब तक उनके खाते में जमा हो जाना चाहिए था, उनके खाते में जमा होना चाहिए था। देश भर में करोड़ों किसानों का हो चुका है। लेकिन मध्य प्रदेश के किसानों को ये लाभ नहीं पहुंचा है। क्यों? क्योंकि यहां जो भ्रष्ट सरकार है जो यहां भ्रष्ट सरकार है वो ऐसा निकम्मा काम कर रही है कि अभी तक हमें किसानों की लिस्ट नहीं दे रहे हैं, सूची नहीं दे रहे हैं। उन्हें डर लग रहा है कि सूची देंगे बैंक अकाउंट देंगे और मोदी सीधा पैसा देगा तो ये किसानों के सामने इनकी पोल खुल जाएगी।

मुख्यमंत्री जी मैं जानता हूं, आप बहुत बिजी है, मैं जानता हूं चुनाव के बाद आपका स्विट्जरलैंड जाना जरूरी था। आप बहुत बिजी हैं। बेटे को सेट करना है। उसमें आपको बहुत काम है। आप बिजी है। आपके पीए- फिए जो रहे हैं, उनके घर नोटों के बोरे निकले उनको बचाना है। इसलिए आप बहुत बिजी हैं। लेकिन किसी और अफसर को दे दो उनको बोलो मोदी जी लिस्ट मांग रहे हैं दे दो। किसानों को पैसा मिल जाएगा। लेकिन आप आश्वस्त रहिए जब इस बार मध्य प्रदेश से आप भारतीय जनता पार्टी को सबकी सब सीटें जीताकर के देंगे। 23 मई को चुनाव नतीजा आएगा, और किसानों के भविष्य पर ताला लगाने वाली जो टोली है उनका दिमाग ठिकाने आ जाएगा। तब वो किसानों के नाम हमको भेजेंगे। वो लाइन में आ जाएंगे। भाइयो –बहनो, किसानों को सीधी मदद के अलावा हम सिंचाई और भंडारण की भी एक मजबूत व्यवस्था हम खड़ी कर रहे हैं। आने वाले पांच वर्षों में ग्राम भंडारण योजना बनाने वाले हैं। ताकी गांव के पास ही भंडारण की उचित व्यवस्था किसान को मिले। इसी तरह आदिवासी परिवार जो वन उपज इकठ्ठा करते हैं उनकी अच्छी कीमत मिले, इसके लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे समर्थन मूल्य के दायरे में अब 50 ऐसी वन उपज को लाया गया है। वन उपज से शरबत, जैम, चटनी, आचार जैसी अनेक चीजें बन सके। दवाइयों में काम आए। आयुर्वेद के लिए मदद हो। ऐसी हर चीज का अच्छी से अच्छी मार्केटिंग हो। इसके लिए विशेष वन धन केंद्र बनाया जा रहा है। यानी वन धन केंद्र से कमाई होगी और जन धन खातों में पैसा जमा होगा। जन धन से वन धन तक आदिवासी भाइयो-बहनो की चिंता ये चौकीदार कर रहा है। साथियो, हमारे गांव हो या देश के विकास में एक बहुत बड़ी भागीदारी हमारी बहन बेटियों की है। वित्त क्षेत्र तो महिला स्वावलंबन और सशक्तिकरण के लिए जाना जाता है। पशु पालन हो, मुर्गी पालन हो। इसमें भी बहुत बड़ी भूमिका बहनों की है। आपको पशुधन से जुड़े काम के लिए पैसे की दिक्कत न आए इसलिए इस चौकीदार ने पशुपालकों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दे दी है। स्वावलंबन से सशक्तिकरण के जिस सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं उसको हमारी बहनें तेजी से पूरा कर रही है। 

भाइयो –बहनो, दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का लाभ मध्य प्रदेश के देश के गांव-गांव में देखने को मिल रहा है, और इसके लिए मैं शिवराज जी ने जो सरकार चलाई, उस समय जो काम किया, उसका अभिनंदन करता हूं। उनको बधाई देता हूं। इसके तहत देश के करोड़ों बहनें देश से गरीबी हटाने में अहम भूमिका निभा रहीं हैं। मैं स्वंय सहायता समूह से जुड़ी बहनों को भारत सरकरा द्वारा शुरू की गई एक नई व्यवस्था के बारे में बताना चाहता हूं। हमने जैम GEM गवर्नमेंट E मार्केटप्लेस नाम से एक सुविधा विकसित की है। इसके माध्यम से आप अपने सामान को केंद्र सरकार को सीधे बेच सकते हैं। ऐसी ही आसान व्यवस्थाएं इस चौकीदार ने बनाई है। जो पहले किसी ने सोचा भी नहीं था, भाइयो बहनो, आपका ये चाकीदार महिला सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह समर्पित है। जन्म से लेकर जीवन के हर चरण में बेटियों और बहनों की रक्षा सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए तमाम योजनाएं आज चल रही है। प्रसूता माता के पोषण के लिए 6 हजार रुपये की सीधी मदद अस्पतालों में सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित कराने की योजना। मुफ्त में टिकाकरण का अभियान, बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ अभियान, स्कूल और घर में शौचालय की सुविधा, माताओं और बहनों को मुफ्त में गैस कनेक्शन, गरीबों को मिल रहे घर और उसका मालिकाना हक माताओं और बहनों के नाम पर। ऐसी अनेक योजनाएं जो बेटियों को ध्यान में रखते हुए ही बनाई गई है। इतना ही नहीं आपके इस चौकीदार ने पहली बार बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान भी किया है। साथियो, इस चौकीदार को भारत की बेटियों पर पूरा विश्वास है इसलिए पहली बार देश की रक्षा सुरक्षा के अग्रिम मोर्चे पर बेटियों को तैनात करने का फैसला लिया गया है। पहली बार महिला फाइटर पायलटों ने देश की ताकत बढ़ाई है, और इसमें भी मेरे रीवा की बेटी मध्य प्रदेश की बेटी ने देश का नाम रौशन किया है। भाइयो-बहनो, राष्ट्र रक्षा के लिए लड़ना एक सम्मान की बात है। लेकिन कांग्रेस के समर्थन से सरकार चला रहे एक मुख्यमंत्री ने क्या कहा, ये सुनकर आप चौंक जाओगे।

मुझे मालूम नहीं है नई सरकार बनने के बाद मीडिया वाले कुछ लिख पाते हैं कि नहीं लिख पाते हैं। मुझे पता नहीं है उनकी तकलीफ हो सकती है क्योंकि उनका नेचर ही ऐसा है। इसलिए शायद ये बात न भी छपी हो आगे भी छपेगी कि नहीं मुझे भरोसा नहीं है। लेकिन मैं बता देता हूं कर्नाटक में एक मुख्यमंत्री जो सरकार कांग्रेस चलाती है। उस मुख्यमंत्री ने एक गंभीर प्रकार का बयान दिया है, और न ही वो माफी मांग रहे हैं न ही कांग्रेस पार्टी माफी मांग ही है, न कांग्रेस के नामदार माफी मांग रहे हैं, न ही उनके चेले चपाटे कांग्रेस को सवाल पूछ रहे हैं। क्या पाप किया है ? मैं बताऊ? बताऊ? याद रखोगे? कांग्रेस का जवाब मांगोगे? ये कर्नाटक की जो कांग्रेस सरकार चला रही है उसके मुख्मंत्री ने कहा कि सेना में जो जवान जाते हैं वो भूखे मरते हैं, दो टाइम खाने के लिए रोटी का पैसा नहीं है इसलिए वो सेना में जाते हैं। मुझे बताइए भाइयो-बहनो, ये हमारी देश की सेना का अपमान है कि नहीं? वीर जवानों का अपमान है कि नहीं? उन वीर माताओं का अपमान है कि नहीं, जिन्होंने वीर बेटे को जन्म दिया उन मां का अपमान है कि नहीं है ? क्या जान हथेली पर लेकर दुश्मनों की छाती पर गोलियां दागने के लिए मां के पैर छुकर जो सीमा पर जाता है, यूनिफॉर्म पहनकर के दिन-रात ड्यूटी करता है, उसकी आंखें दिन-रात दुश्मन को तलाशती रहती है। क्या ये भूखा मर रहा है इसलिए कर रहा है? पेट की खातिर लोग सेना में जाते हैं? अरे वो रोटी खानी तो पत्थर पर लात मारकर के रोटी कमा सकता है। वो तो गोली खाने के लिए जाता है। मां भारती के लिए जाता है। हमारी रक्षा करने के लिए, भारत मां की रक्षा के लिए, जान की बाजी लगाने वाले जवानों का ये अपमान ये अपमान मध्य प्रदेश सहन कर सकता है। आप सहन कर सकते हैं? इसका जवाब मांगेंगे कि नहीं मांगेंगे ? उनको सजा करेंगे कि नहीं करेंगे ?

भाइयो-बहनो, ये चुनाव मौका है देश के इस प्रकार से अपमानित करने वालों को सजा करेगा। साथियो, इसी सोच का परिणाम है कि कांग्रेस के सरकार में आतंकवादी देश में मौत का खुला खेल खेलते रहे, और पाकिस्तान ऊपर से नाचता रहा, हमारी मजाक उड़ता रहा। लेकिन भाइयो-बहनो, ये नया हिंदुस्तान है, अब हिंदुस्तान ये सहन नहीं करेगा। करना चाहिए क्या ? ये आतंकियों का जुल्म सहना चाहिए क्या ? आतंकियों को गोली चलाने देना चाहिए क्या? बम फोड़ने देना चाहिए क्या ? भाइयो-बहनो, अब आतंकियों को पता है कि अब गलती कि तो ये मोदी है। पाताल से भी आतंकवादियों को खोजेगा और फिर घर में घुसकर के मारेगा। आप बताइए आतंकवाद खत्म होना चाहिए कि नहीं चाहिए ? आतंकवाद को जड़ मूल से यहां से उखाड़ फेंकना चाहिए कि नहीं चाहिए? जो कांग्रेस कहती है कि कश्मीर से सेना को हटा देंगे। जवानों को मिला विशेष अधिकार हटा देंगे। देशद्रोह का कानून हटा देंगे। क्या ऐसी कांग्रेस आतंकवाद खत्म कर सकती है क्या ? कर सकती है क्या ? भाइयो –बहनो, आप मुझे बताइए, आज हमारे देश में प्रधानमंत्री बनने के लिए एक बहुत बड़ी लंबी कतार खड़ी है। जैसे राशन कार्ड लेकर लोग खड़े रहते हैं, ये प्रधानमंत्री की कुर्सी लेने के लिए लंबी कतार है, कर्नाटक में जो 8 सीट लड़ रहे हैं वो भी कहते हैं कि वो प्रधानमंत्री बन सकते हैं। इसमें से कोई 20 सीट लड़ने वाला कहता है प्रधानमंत्री बनना चाहता है। कोई 40 सीट वाला कहता है प्रधानमंत्री बनना चाहता है। और सब टेलर के यहां कपड़े तैयार कर कर के बैठे हैं। जैकेट बनवा बनवा कर रेडी रखा है। आप मुझे बताइए ये जितने चेहरे हैं देशभर में जिनके दिमाग में भरा है कि देश की जनता उनको प्रधानमंत्री बनाएगी। ठीक है सपने रखने के लिए कोई मना करेगा भाई। लेकिन मैं आपको पूछना चाहता हूं कि ये जितने भी चेहरे हैं। जितने भी लोग प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। उनमें से आतंकवाद को कौन खत्म कर सकता है? ऐसा नहीं ये मुझे खुश करने के लिए बोलेंगे नहीं चलेगा? ये मीडिया वालों को खुश करने के लिए नहीं बोलना चाहिए। कुछ मीडिया वालों को दुखी करने के लिए भी नहीं बोलना चाहिए। ये कांग्रेस वालों की नींद खराब करने के लिए भी नहीं बोलना चाहिए। सच बोलना है, जो आपके दिल से आवाज है, वो निकलनी चाहिए। मोदी को अच्छा लगे या बुरा लगे। मुझे बताइए आतंकवाद को कौन खत्म कर सकता है। आपको पूरा भरोसा है ये मोदी कर सकता है।

भाइयो –बहनो, अकेला मोदी कुछ नहीं सकता है, आतंकवाद को खत्म करेगा आपका एक वोट, आपके वोट की ताकत है, कमल के निशान पर बटन दबाओगे, तब विश्वास करो आप आतंकवाद को मारने की तैयारी कर रहे हो। इस बार कमल के निशान पर बटन दबाना, ये सिर्फ मतदान नहीं है, ये आतंकवादियों को सफाए का संकल्प है। भाइयो-बहनो, ये चुनाव में आप कमल के निशान पर बटन दबाओगे, तो आप विश्वास रखिए आपका वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आपका वोट मोदी के लिए है। आपको वोट मोदी के लिए देना है। एक चौकीदार के लिए देना है। आप चाहते हैं चौकीदार मजबूत बने? आप चाहते हैं चौकीदार मजबूत बने ? आप चाहते हैं चौकीदार मजबूत बने ? तो मेरे साथ एक संकल्प करेंगे? दोनों मुठ्ठी बंद करके। पूरी ताकत से बोलेंगे? आपको बोलना है.. चौकीदार

गांव-गांव है... चौकीदार, शहर-शहर है... चौकीदार, बच्चा-बच्चा... चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी... चौकीदार, माता-बहने भी.... चौकीदार, घर-घर में है... चौकीदार, खेत-खलिहान में.... चौकीदार, बाग-बगान में... चौकीदार, देश के अंदर.... चौकीदार, सरहद पर भी... चौकीदार, डॉक्टर-इंजीनियर... चौकीदार, शिक्षक-प्रोफेसर.. चौकीदार, लेखक-पत्रकार भी... चौकीदार, कलाकार भी... चौकीदार, किसान-कामगार भी... चौकीदार, दुकानदार भी... चौकीदार, वकील-व्यापारी... चौकीदार, छात्र- छात्राएं... चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान... चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान... चौकीदार
भारत माता की जय
बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!