The people who hurt the confidence of India & who have selfish interests, don’t have any place in governance: PM Modi
For the comfort of the poor, we have built roads, expressways, ran modern trains from village to village: PM Modi on upgrading the infrastructure of UP
These horribly corrupt ‘Pariwarvadis’ are neither concerned about the middle class nor the poor, backward, deprived Dalits, farmers, youth and the daughters of UP: PM Modi

महाराजगंज क्षेत्र और इस पूरे इलाके के लोगों को मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। आप सब लोगन के गोड़ लागत बानी! भाजपा की जीत का जो परचम पश्चिम से लहराना शुरू हुआ है, वो पूरब में और प्रचंड हो गया है। 

भाइयों और बहनों,

महाराजगंज का ये क्षेत्र सीमा से लगा हुआ है। सीमा पर शांत क्षेत्र हो या चुनौती भरा, वहां रहने वाला बच्चा-बच्चा इस बात को जानता है कि देश के सामर्थ्य का कितना महत्व होता है। जितना ज्यादा देश का सामर्थ्य, उतना ही सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाला सुरक्षित। बीते 2 सालों से तेजी से बदलती दुनिया की स्थिति आप देख रहे हैं। दुनिया इस समय बहुत सी चुनौतियों से गुजर रही है। इन हालात से कोई भी अछूता नहीं रह सकता। अमीर हो गरीब हो, किसान हो या मजदूर, व्यापारी-कारोबारी या कर्मचारी, दुनिया के हर नागरिक पर किसी ना किसी रूप से इस पर असर पड़ता है। ऐसी स्थिति में भारत का ताकतवर होना इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत है। 

साथियों, 

आप मुझे बताइए भारत ताकतवर होना चाहिए की नहीं होना चाहिए, भारत मजबूत होना चाहिए की नहीं होना चाहिए। भारत हिम्मतवाला होना चाहिए की नहीं होना चाहिए। 

साथियों,  

खेती से लेकर मिलिट्री तक, समंदर से लेकर स्पेस तक, भारत को हर क्षेत्र में शक्तिशाली बनना है। इसलिए देश के इतने बड़े राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी, हम सब उत्तर प्रदेश के लोगों की जिम्मेदारी सबसे बड़ी है। इस बार आपका वोट, आपने गांव के, गली के, मोहल्ले के, अपने जिले के विकास के लिए तो है ही, साथ-साथ आपका वोट भारत को ताकतवर बनाने के लिए भी है। बनाएंगे न, भारत को ताकतवर बनाना है न, आपका वोट भारत को ताकतवर बनाएगा की नहीं बनाएगा। इस बार आपका वोट, समर्थ देश के लिए, सशक्त उत्तर प्रदेश के लिए है ये घोर परिवारवादी लोग कभी भी भारत को समर्थ नहीं बना सकते, यूपी को सशक्त नहीं बना सकते। बना सकते हैं क्या, ये घोर परिवारवादी कुछ कर सकते हैं क्या। इस कोरोना काल में आपने देखा है कि कैसे इन लोगों ने भारत के आत्मविश्वास को चोट पहुंचाने की कोई कोशिश छोड़ी नहीं। भारत में बनी जिस कोरोना वैक्सीन पर हर हिंदुस्तान को गौरव होना चाहिए था, इन घोर परिवारवादियों को भी गौरव होना चाहिए था, उस वैक्सीन के खिलाफ ही इन परिवारवादियों ने देश के गरीबों को भड़काने की कोशिश की। दुनिया के बड़े-बड़े देश भी आज वैक्सीन लगाने में भारत से पीछे हैं। भारत बहुत आगे निकल गया है। आज हमारा भारत, अपने नागरिकों को पौने दो सौ करोड़ वैक्सीन डोज मुफ्त लगा चुका है। आपका टीका लगा है कि नहीं लगा है। हाथ ऊपर करके बताइए लगा है टीका। आपको एक रुपया भी खर्च करना पड़ा है क्या , कोई पैसा देना पड़ा है क्या। 

भाइयों-बहनों 

यही आत्मनिर्भर भारत की ताकत है, शक्तिशाली भारत की ताकत है। लेकिन ये घोर परिवारवादी, अपने स्वार्थों की वजह से भारत को ताकतवर देखना नहीं चाहते हैं। कुछ न कुछ रोड़ अटकाते रहते हैं। इसलिए इस चुनाव में एक बार फिर इन्हें हराना है, हराओगे, फिर से उनके महल में वापस भेजोगे। हर सीट पर पटखनी देनी है। देंगे क्या। कोई सीट उनके पास जानी नहीं चाहिए, करोगे न। चाहे बीजेपी हो या निषाद पार्टी या अपना दल हर कोई जीत कर आना चाहिए। करोगे न। भारत के आत्मविश्वास पर, हमारी आत्मनिर्भरता पर हमला करने वालों को उत्तर प्रदेश कभी माफ नहीं करता, दोस्तों ये जो हम कहते हैं न कि माफ नहीं करता। इसका कड़ा संदेश आपको वोट देकर देना है, देंगे न। 

साथियों, 

महाराजगंज की इस उपजाऊ मिट्टी को ईश्वर ने खास वरदान दिया है। लेकिन घोर परिवारवादियों की सरकारों ने आपको विकास से जानबूझकर वंचित रखा। इस क्षेत्र में उन्होंने कोई मूलभूल सुविधाएं, कोई इनफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनने दिया, पूर्वांचल को सड़कों से वंचित रखा! इन लोगों की नीतियों की वजह से यहां की चीनी मिलें बंद हुईं, किसानों की हालत बदतर होती गई। आज जब महाराजगंज, कुशीनगर और पूरा पूर्वांचल, पूरा यूपी, विकास की राह पर चल पड़ा है, तो इन घोर परिवारवादियों को नींद हराम हो जाती है, उनको बुरा लगता है कि पूर्वांचल कैसे आगे बढ़ रहा है। पूर्वांचल को जात-पात में उलझा कर ये घोर परिवारवादी खुद यूपी का विकास रोकना चाहते हैं। ऐसे लोगों से, भाइयों-बहनों आज मैं आपके पास यही कहने आया हूं कि इन घोर परिवारवादियों से  सावधान रहना है। सावधान रहेंगे, एक-एक को जगाएंगे, मेरी बात पहुंचाएंगे।

साथियों,

जिन जिलों को घोर-परिवारवादियों ने जितना पीछे धकेला, उनके विकास के लिए हम उतनी ही ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने जो नहीं किया, जो उन्हें करना चाहिए था। वो भी हम पूरा कर रहे हैं। साथियों महाराजगंज इसका भी एक उदाहरण है। आज नेपाल बॉर्डर पर सड़कों का जाल बिछ रहा है, मुख्य सड़कें फोरलेन व हाईवे में बदली जा रही हैं। कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट शुरू होने के बाद अब यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। पूरी दुनिया से जब श्रद्धालु कुशीनगर आएंगे, तो इसका लाभ इस पूरे क्षेत्र को होने वाला है। इस बजट में हमने सीमा पर जो गांव है, हमारे आखिरी गांवों का जो पट्टा है, इस बजट में हमारे सीमा पर सटे हुए आखिरी गांवों के विकास के लिए एक विशेष योजना बनाई है और सिर्फ बातें नहीं की हैं। इस बजट में धन का प्रावधान किया है और नाम दिया है वाइब्रेंट विलेज। सीमावर्ती गांवों को हम ताकत देंगे। और हमारे पंकज जी, ये बजट बनाने में उनका बहुत बड़ा रोल है। ये हमारे देश के वित्त मंत्रियों में से हैं। और इसलिए उन्होंने सुझाव दिया, क्योंकि वे इस इलाके से आते हैं सीमा की स्थिति का पता है। उन्होंने मुझे बताया की मोदी जी सीमा के गावों के लिए हम विशेष प्रवधान करें। मैने कहा पंकज जी आपके मन में जो है कर दीजिए, इसलिए ये वाइब्रेंट विलेज, भाइयों-बहनों ये योजना, सीमा के किनारे बसे गांवों में विकास को तेज गति देने के लिए है। मुझे पलायन रोकना है और सीमा का गावों को मजबूत और जिंदा दिल बनाना है।  महाराजगंज को तो इसका विशेष लाभ मिलना ही मिलना है। 

साथियों, 

घोर परिवारवादी जब सत्ता में आते हैं तो भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति बनाते हैं। वो खुद के लिए, अपने कुनबे के लिए नोटों के ढेर लगा देते हैं। इन परिवारवादियों की कोशिश रही है कि सारी सुविधाएं, सारे साधन उनके परिवार के लोगों के पास ही रहे। वो गरीब की परेशानी कभी नहीं समझते, गरीब की तकलीफ नहीं देखते। ये लोग अगर बीमार पड़े, तो इनके पास इलाज के लिए अच्छे से अच्छे इलाज की सुविधा होती है। विदेश जाना है तो भी पहुंच जाते हैं। लेकिन गरीब जब बीमार पड़ता है, तो इलाज का खर्च, उस बेचारे को कर्ज करके ही चुकाना पड़ता है, उसकी मुसीबतें बढ़ा देता है। और इसलिए ही हमारी सरकार ने आयुष्मान योजना बनाकर गरीब को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। और मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, ये जो पांच लाख रूपये की जो सुविधा है न, मेरे गरीब परिवार का कोई व्यक्ति, गंभीर से गंभीर बीमारी उसे हो गई, बड़े से बड़े अस्पताल में भी जाना है, तो भी 5 लाख रुपए तक का खर्चा मोदी करेगा, आप के लिए करेगा। इतना ही नहीं आपको मुंबई के अस्पताल में जाना पड़ा। अहमदाबाद के के अस्पताल में जाना पड़ा। चेन्नई के अस्पताल में जाना पड़ा। तो भी खर्चा मोदी उठाएगा, ये मैं आपको विश्वास देता हूं।  आज हम गरीब के लिए यूपी के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा रहे हैं, यूपी में आधुनिक अस्पताल खुलवा रहे हैं। 

साथियों, 

घोर परिवारवादियों को अपने बच्चों को पढ़ाने की चिंता भी नहीं होती। वो तो चपाचप अंग्रेजी पढ़ लेते हैं और विदेशों में पढ़ने चले जाते हैं। मैंने तो कह दिया। अब डॉक्टर बनना है तो अंग्रेजी की जरूरत नहीं है, अपनी मातृभाषा में पढ़ करके डॉक्टर बन सकता है। अपनी मातृभाषा में पढ़ करके इंजीनियर बन सकते हैं। ये गरीब परिवारों को लूट करके जिन्होंने रुपए कमाए हैं। ये परिवारवादी लोग जो है अपने-अपने बच्चों का अच्छे से अच्छे स्कूलों-कॉलेजों में दाखिला करा लेते हैं, उन्हें विदेश भेज देते हैं। गरीब के बच्चों को, मध्यम वर्ग के बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले, इसकी चिंता हमारी ही सरकार कर रही है। भाजपा सरकार ने गरीब बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने से लेकर। जैसे मैने कहा अपनी मातृभाषा में पढ़ने की व्यवस्था हमने अपने देश में लागू की है, मेरे भाईयों। 

साथियों, 

इन परिवारवादियों को कहीं आना जाना होता है तो इनके पास बड़ी-बड़ी गाड़ियां होती हैं, पलक झपकते ही ये हवा में उड़ सकते हैं। लेकिन गरीब को तो जमीन पर ही रहना होता है। हमने गरीब, मध्यमवर्ग के सफर को आरामदायक बनाने के लिए गांव-गांव में सड़कें बनवाई हैं, एक्सप्रेसवे बनाए हैं, आधुनिक ट्रेनें चलवाई हैं। किसानों के लिए स्पेशल किसान रेल चलाई है ताकि किसान अपना माल दूसरे शहरों में बेचने के लिए तुरंत पहुंच सके। 

भाइयों-बहनों 

इन लोगों के घर में बिजली चली जाय तो अंधेरा दूर करने के लिए भी बहुत से साधन होते हैं। कमरा ठंडा करना तो बहुत से साधन होते हैं, ठन में कमरा गरम करना है, तो भी बहुत कुछ होता है। पर यूपी के हर जिले में, हर गरीब के घर में ज्यादा से ज्यादा बिजली आए, ये व्यवस्था तो भाजपा सरकार ने की भाइयों। इन परिवारवादियों के घर के बच्चे कुछ भी करना चाहें तो पैसों की कभी कमी नहीं होती। गरीब के बच्चे अपना सपना पूरा कर पाएं इसके लिए हमारी सरकार मुद्रा योजना, कौशल विकास, उनकी मदद के लिए हम काम कर रहे हैं। 

साथियों, 

अकूत संपत्ति कमाने वाले इन परिवारवादियों को घर बनाना हो तो, वो लखनऊ में भी घर बना सकते हैं और लंदन में भी घर बनवा सकते हैं। लेकिन गरीब के सिर पर पक्की छत हो इसकी चिंता मोदी दिन रात करता है मेरे भाइयों। ये लोग तो कई-कई घर, बड़े-बड़े फार्महाउस खरीद लेते हैं। लेकिन मध्यमवर्ग जो जिंदगी में एक घर बनाता है उसे भी घर के लिए लोन लेना पडता है। ऐसे मध्यमवर्ग को सस्ता लोन दिलाकर हमारी सरकार उसके घर का सपना पूरा कर रही है।

साथियों, 

इन घोर भ्रष्टाचारी, परिवारवादियों को ना तो मध्यमवर्ग की चिंता है और ना ही गरीब की, ना ही पिछड़ों की, वंचित-दलित या किसान की चिंता नहीं है। माताएं-बहनें और नौजवान उनकी लिस्ट में ही नहीं हैं भाइयों। इन परिवारवादियों ने कोरोना के समय में जो किया, उसे उत्तर प्रदेश के लोग कभी नहीं भूल सकते। सौ साल की सबसे बड़ी मुसीबत कोरोना पूरी दुनिया को दो साल से चपेट में लिया हुआ है, पूरी मानव जाति इस मुसीबत में फंसी हुई है। । लेकिन ये परिवारवादी आपकी मदद करने के बजाय अपने घर में घुसकर बैठ गए। अपने को बचाते रहे , ये भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों की चिंता करते रहे। भाइयों-बहनों मुझे गरीब की चिंता है, कोरोना के इस कालखंड में मेरे किसी गरीब परिवार के घर में कोई भूखा नहीं सोना चाहिए। किसी गरीब के घर में ऐसा दिन न आए की उसका चूल्हा न जला हो। इसलिए भाइयों-बहनों हमने 15 करोड़ गरीबों को, उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देकर के उनको हमने इस मुसीबत से बचाने का, सेवा भाव से पवित्र भाव से काम किया है। अगर यूपी में इनकी सरकार होती तो क्या होना, अनाज राशन माफिया हड़प कर जाते और रुपए उनकी जेब में चले जाते, लेकिन योगी जी के राज में आपका हक आप तक पहुंच रहा है। 

साथियों,

यूपी के भविष्य के लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। पूर्वांचल की प्रगति के लिए आपका आशीर्वाद चाहिए। देश की मजबूती के लिए आपका आशीर्वाद चाहिए। आपका आशीर्वाद मुझे है ना, मुझको है ना, इन सबको है ना। ये मेरे सभी साथियों को है न। आप इतनी बड़ी तादाद में आकर के हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। भाईयों-बहनों जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य क्या होता है। 

भाइयों-बहनों 

मेरा एक काम करोगे आप लोग। मेरा एक काम करोगे। पूरी ताकत से हाथ उठा कर बताइए मेरा काम करोगे, और जरा जोर से बताइए करेंगे और जोर से बताइए करेंगे, बहुत छोटा काम है। ये हमारे इलाके में मतदान से पहले हर घर जाना है। जाएंगे, हर घर जाएंगे , हर घर में लोगों से मिलेंगे , मिलकर मेरी एक बात बताएंगे, इतना ही कहना है मोदी जी आए थे आपको प्रणाम भेजा है। देखिए आप घर-घर जाकर के मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे न, तो वो जो आशीर्वाद देंगे थोड़ा हिस्सा आपको भी मिलेगा, थोड़ा हिस्सा मुझे भी मिलेगा। तो ये पुण्य मेरे काम आएगा, आएगा न। तो घर घर जाएंगे हर एक को जगाएंगे, मतदान करवाएंगे।  

याद रखिएगा- 

पहले मतदान, 

फिर जलपान!

 

मेरे साथ बोलिए 

भारत माता की.....

भारत माता की.....

 

बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

Explore More
وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن

Popular Speeches

وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن
Working rapidly for Odisha's development, budget increased by 30% this yr, says PM Modi

Media Coverage

Working rapidly for Odisha's development, budget increased by 30% this yr, says PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!