The nation has witnessed rapid development since 2014 which is why people are again voting for a BJP government: PM Modi
Why hasn’t Behenji’s BSP withdrawn support from Congress government in Rajasthan despite the gruesome rape of a Dalit woman there: PM Modi in U.P.
Taking historic decisions requires a political resolve to work for the country which cannot come from dynastic parties like the Congress or SP-BSP: Prime Minister Modi

 भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय, यशस्वी एवं परिश्रमी मुख्यमंत्री श्रीमान आदित्यनाथ योगी जी, मंच पर विराजमान  भाजपा के सभी वरिष्ठ नेतागण, इस चुनाव में भाजपा के सभी होनहार उम्मीदवार और विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। मैं सबसे पहले आपकी क्षमा मांगता हूं, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस सभा के लिए इतनी बड़ी व्यवस्था की, आपको कठिनाई ना हो इसके लिए टेंट भी लगवा दिया। लेकिन जितने लोग टेंट में हैं, उससे डबल मैं बाहर देख रहा हूं और वे धूप में तप रहे हैं। जो धूप में तप रहे हैं, जिनको असुविधा हुई है मैं उनसे क्षमा मांगता हूं लेकिन मैं उनको विश्वास दिलाता हूं, आपकी ये तपस्या बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं इसे ब्याज समेत लौटाऊंगा और इस इलाके का विकास करके लौटाऊंगा।

महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर की इस पवित्र भूमि को प्रणाम करता हूं, आपको प्रधान सेवक का नमस्कार।

साथियो, पांच चरणों के चुनाव हो चुके हैं, विरोधी चारों खाने चित हैं, बौखलाए हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा की इस चौकीदार पर, देश के सेवक पर, लोगों का इतना प्यार क्यों उमड़ रहा है। भाइयो और बहनो, आज दुनिया में जो भारत की गूंज सुनाई दे रही है, देश इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को और मोदी को वोट दे रहा है। आतंक के खिलाफ जो सीधी लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसके लिए देश कमल के निशान पर बटन दबा रहा है, मोदी को वोट दे रहा है। भारत को दहलाने वाले आज डर-डर कर जीने को मजबूर हैं, वो डर रहे हैं इसलिए इसलिये देश की हिम्मत बढ़ रही है। इसलिए देश मोदी को वोट दे रहा है। पाकिस्तान के आतंकियों को घर में घुस कर मारने की, ये रीति नीति आपको पसंद है? आपको पसंद है? इस रीति नीति के लिए ही देश कमल खिला रहा है। राम का नाम लेने वालों को जेल में डालने वालों को सबक मिले, लोकतांत्रिक तरीके से सजा मिले इसलिए पश्चिम बंगाल हो या हिंदुस्तान का कोई भी किनारा हो इसलिये देश कमल के निशान पर वोट दे रहा है।

देश, मजबूत, निर्णायक, और ईमानदार सरकार के लिए वोट दे रहा है। देश वोट दे रहा है इसलिए फिर एक बार... मोदी सरकार, 23 मई को नतीजे आएंगे, फिर एक बार मोदी सरकार तय है। ये लोग इतने परेशान हैं, आज सुबह मैं जब खबरें आती हैं, रिपोर्ट आती हैं तो पता चला कि कश्मीर में कुछ आतंकवादियों को हमारी सेना ने मार गिराया। अब कुछ लोगों को ये परेशानी है कि आज जब मतदान चल रहा है तब मोदी ने आतंकियों को क्यों मारा। वो बम बंदूक लेकर सामने खड़ा है। क्या वहां मेरा जवान इलेक्शन कमिशन की परमिशन लेने जाए क्या, कि मैं इसको गोली मारूं की ना मारूं। क्या खेल बना के रखा है हमारे विरोधियों ने।

कश्मीर में जब से हम आए हैं हर दूसरे दिन सफाई होती रहती है, सफाई अभियान मेरा काम है भाई ये। कुशीनगर, महाराजगंज और गोरखपुर के मेरे साथियों अब समय आ गया है जब आपको भाजपा, एनडीए की जीत को और भव्य और दिव्य बनाना है। हम लोगों को बचपन से सिखाया गया है की बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है। इसलिए आपका हर वोट मेरे लिए बहुत जरूरी है। मेरे लिए एक वोट भी जरा भी कम नहीं है, मेरे लिए हर वोट पवित्र है, हर वोट अमूल्य है। भाइयो-बहनो, ये गंभीर बात मैं बता रहा हूं, जीत सामने देखकर ये समय आराम करने का नहीं, ये जीत को इतना ऐतिहासिक बनाने का समय है कि महामिलावट करने वाले लोग देश के खिलाफ जाने का भी विचार सोचना छोड़ दें।

साथियो, सपा, बसपा और कांग्रेस इनकी ये महामिलावट कैसे काम करती है, इसका उदाहरण राजस्थान है। मैं हैरान हूं की आए दिन बातें करने वाले सारे चुप बैठ गए हैं। राजस्थान में क्या हुआ, वहां एक दलित बेटी के साथ अत्याचार हुआ है, सामूहिक बलात्कार हुआ हैवहां कांग्रेस की सरकार है, नामदार की सरकार है और राजस्थान की सरकार बहुमत वाली सरकार नहीं है, बीएसपी के समर्थन से चल रही है। कांग्रेस और बीएसपी ने ये दोनों ने दलित बेटी पर जो बलात्कार हुआ है उसे दबाने में जुटी हुई हैं। न्याय-न्याय के नाम से चीखने वाली कांग्रेस के नामदार के मुंह पर भी ये बलात्कारियों ने ताला लगा दिया है। साथियो, आज यूपी की बेटियां बहन जी से पूछ रही हैं और बहन जी आपको जवाब देना पड़ेगा, राजस्थान में बहन जी आपके समर्थन से सरकार चल रही है और वहां दलित बेटी पर बलात्कार हुआ है, आपने अपना समर्थन वापस क्यों नहीं लिया। बयानबाजी करके घड़ियाली आंसू बहा रही हो। अगर आप और बहन जी, आपके साथ गेस्टहाउस में हुआ था पूरे देश की बहनों को पीड़ा हुई थी, क्या कारण है बहन जी आपको पीड़ा नहीं हो रही है। अगर आप बेटियों की रक्षा के प्रति इतनी ही ईमानदार हैं तो आज ही इसी मिनट राजस्थान सरकार से बसपा का समर्थन वापस ले लीजिए, गवर्नर को चिट्ठी लिखकर के आइए... बयानबाजी नहीं।

साथियो, बेटियों पर अत्याचार करने वाले राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों को सजा देने के लिए ही आपके इस चौकीदार ने फांसी की सजा का प्रावधान किया है। कांग्रेस सरकार की भी नीयत सही होती तो अलवर में जो हुआ उसे छिपना में, दबाने में नहीं लगती। लेकिन इनके पास तो एक ही जवाब है। आपको मालूम है जवाब क्या है? उनके पास एक ही जवाब है, हुआ तो हुआ। क्या जवाब है, क्या बोल रहे कांग्रेस के नेता? हुआ तो हुआ।

साथियो, भ्रष्टाचार हो, महंगाई हो या 1984 में हजारों सिखों की बेरहमी से कत्ल हुई हो। इनका जवाब यही होता है, हुआ तो हुआ। साथियो, जिस अहंकार में ये लोग कहते हैं, हुआ तो हुआ। वो इन लोगों ने देश की सरकारी मशीनरी का एक हिस्सा बना दिया, आदत बना दी थी। बीते पांच साल में आपके इस सेवक ने इस कार्य संस्कृति को बदल दिया है। इन लोगों के दांव-पेंच नाकाम हो रहे हैं और इसलिए ये लोग मुझे पानी पी-पी करके कोस रहे हैं। हर दिन नई गाली देती हैं, भांति-भांति की गालियां देते हैं, दुनिया भर की प्रेम की डिक्शनरी खोज कर के लाते हैं और प्रेम का नकाब पहना कर के मुझे गालियां देते हैं। अब आज कल इन लोगों ने मेरी जाति का सर्टिफिकेट मांगना शुरू कर दिया है।

साथियो, मैं कभी इस राजनीति में जाता नहीं हूं और आपके आशीर्वाद से मुझे कभी जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी लेकिन जब लोग सर्टिफिकेट मांग रहे हैं तो मैं बताऊंगा मेरा जन्म तो अति पिछड़ी जाति का है लेकिन मेरा सपना पूरे हिंदुस्तान को अगड़ा बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करना। मेरी एक ही जाति है, कान खोलकर सुन लो, सारे जातिवादी नेता सुन लो, जातिवाद के नाम पर गरीबों को 70 साल से लूटने वाले लोग कान खोलकर सुन लो मोदी की एक ही जाति है गरीब। मेरी एक ही पहचान है गरीब। मैंने गरीबी सही है, गरीबी का दर्द सहा है, गरीबी से निकल कर ही, गरीबों के आशीर्वाद से ही मुझे आज देश की सेवा करने का मौका मिला है। ये पद, ये प्रतिष्ठा कभी गुजरात में लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद, पांच साल के प्रधानमंत्री पद, ये सब आपने मुझे दिया है पर मैंने और मेरे परिवार ने ये सत्ता का, इस पद का कभी दुरुपयोग नहीं किया है। लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा हूं, ये दोनों बुआ और बबुआ दोनों मिलाकर गिनूं, इससे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहकर आया हूं। लेकिन मैंने मेरी और परिवार की गरीबी को अमीरी में नहीं बदला। मैंने सत्ता का उपयोग गरीबों की सेवा के लिए किया है, उसके हितों के लिए किया है। मैंने देश में गरीबी कम करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया है। साथियो, आज जो लोग मेरी जाति का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं, उन्हें जब आपकी सेवा का मौका मिला तो उन्होंने अपने लिए सैकड़ों हजार करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी कर ली।

मैं गुजरात में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा, पांच साल से देश का प्रधानमंत्री हूं और मेरा बहीखाता, खुली किताब देश के सामने है। कौन गरीबों के लिए जीता है इसका जीता जागता उदाहरण आपके सामने मौजूद है। साथियो, जब इन्हें मौका मिला तो इन्होंने अपने लिए और ये उत्तर प्रदेश की जनता जानती है। अपने लिए लाखों करोड़ों के बंगले बना लिए। बनाए कि नहीं बनाए? परिवार के सभी लोगों के लिए बनाए कि नहीं बनाए? सबके पास महंगी से महंगी गाड़ियां हैं कि नहीं हैं?  उनसे ज्यादा मुझे सत्ता पर रहने का अवसर मिला है, मेरे लिए सत्ता सेवा का माध्यम है। मैंने क्या किया? मैंने मेरा बंगला नहीं बनाया , ना ही मैंने मेरे परिवार को, मैंने इस सेवा का उपयोग डेढ़ करोड़ गरीबों के घर बनाए। जब इन लोगों को मौका मिला तो इन लोगों ने कोयला घोटाला कर दियाजब मुझे सेवा का अवसर मिला तो मैंने 7 करोड़ गरीब माताओं को चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाई और मुफ्त में गैस का कनेक्शन दिया। जब इन लोगों को मौका मिला तो इन लोगों ने बिजली में भी घोटाला कर दिया। और मुझे सेवा का अवसर मिला तो ढाई करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों में मुफ्त में बिजली देने का काम मैंने पूरा किया। जब इन लोगों को मौका मिला तो NRHM में घोटाला कर दिया, एंबुलेंस में घोटाला कर दिया, जब मुझे सेवा करने का अवसर मिला तो मैंने हर गरीब को साल में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज की सुविधा वाली आयुष्मान भारत योजना लेकर आए। साथियो, जब इन लोगों की सरकार थी तो गरीब के लिए बैंक के दरवाजे बंद थे, तब गरीब बैंक में जाने से भी डरता था। जब मुझे सेवा का अवसर मिला तो मैंने 34 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुलवाए, बैंक के दरवाजे गरीबों के लिए खोल दिए। आज गरीबों के उन्हीं बैंक खातों में एक लाख करोड़ रुपए तक लोगों ने जमा किया हुआ है। पहले यही पैसे उनके इधर-उधर चले जाते थे, खर्च हो जाते थे और गरीब वही गरीब रह जाता था।

भाइयो-बहनो, ये वहीं लोग हैं जो आज भी, ये सपा, बसपा, कांग्रेस महामिलावटी पूरे देश की ये सारी जमात आधार कार्ड का विरोध कर रही है, सुप्रीम कोर्ट तक गई। जितने अड़ंगे डाल सकेत थे डाले, पार्लियामेंट में जितनी रुकावट करनी थी की। भाइयो-बहनो, मैं अड़ा रहा क्योंकि आधार कार्ड मेरे गरीब के लिए अधिकार का एक बहुत बड़ा औजार है।

भाइयो-बहनो, मैंने क्या किया, उन्होंने आधार कार्ड को ठुकराने का, रोकने का प्रयास किया। जबकि इसी आधार कार्ड जनधन खाते और आपके मोबाइल को जोड़कर हमारी सरकार ने 8 करोड़ फर्जी बिचौलिए, गरीबों को लूटने वाले, ऐसी सारी जमात को मैंने एक झटके में निकाल दिया। उनके नाम हट गए, उनका कारोबार हट गया, उनकी दलाली हट गई। इन्हीं फर्जी नामों की मदद से बिचौलिए गरीबों को मिलने वाली सीधी रकम हड़प कर जाते थे। साथियो, गरीब को गंदगी में रहने का शौक नहीं होता है, वो उसकी मजबूरी होती है, लेकिन महामिलावटी लोगों ने गरीब को स्वच्छ वातावरण देने के लिए कुछ नहीं किया। मैंने स्वच्छ भारत अभियान चलाया, खुद फावड़ा-झाड़ू ले कर निकल पड़ा था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए और इसी का नतीजा है कि गंदगी से होने वाली तमाम बीमारियों कम हुई हैं, लाखों गरीबों का जीवन बचा है।

भाइयो-बहनो, वंशवाद की बेल पकड़ कर ये लोग इतना ऊपर चढ़ चुके हैं की गरीब को तुच्छ मानते हैं, गंदगी साफ करने वालों को तुच्छ मानते हैं। वहीं गरीबी से पैदा हुआ, गरीबी में पला बड़ा, गरीबों के आशीर्वाद से उसने कुंभ के मेले में गरीबों का पैर धोकर सफाई कर्मचारी का पैर धोकर खुद धन्य हो गया मैं।

भाइयो-बहनो, इन लोगों ने पूर्वांचल की बीमारी के, यहां के गरीबों की मुसीबत को, बीमारी के चंगुल में छोड़ रखा था, जापानी बुखार को लेकर इनके राज्य में क्या स्थिति थी उससे आप परिचित हैं। हमने इस बीमारी को रोकने के लिए अनेक गंभीर प्रयास किए हैं जो टीकारण अभियान है उसमें पहली बार इंसेफेलाइटिस का टीक भी हमने जोड़ा है। वहीं पूरे पूर्वाचंल में अस्पतालों का अधुनिकीकरण किया जा रहा है। गोरखपुर में एम्स आपकी सेवा कर रहा है तो बनारस में आधुनिक  कैंसर अस्पताल बने हैं।

साथियो, किसानों की जरूरत के प्रति हमारी सरकार संवेदनशील है। छोटे किसानों के खातों में सीधी मदद पहुंचनी शुरू हो चुकी है। हमने तो ये भी तय किया है की 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तो पांच एकड़ का नियम भी हटा दिया जाएगा और सभी किसानों के खाते में सीधा पैसा जाएगा। इसी प्रकार हम गन्ने को भविष्य के ईंधन का महत्वपूर्ण स्रोत बना रहे हैं। अब गाड़ियों से लेकर हवाई जहाज तक अब इथेनॉल से मिले हुए ईंधन से चलने लगे हैं। ये ईथेनॉल गन्ने से बनाया जा रहा है, इसलिए गन्ने से ईथेनॉल बनाने के लिए देश भर में प्लांट बनाए जा रहे हैं। जिसका लाभ यहां गन्ना किसानों को भी होना तय है।

भाइयो-बहनो, हम पूर्वांचल को देश की गैस आधारित अर्थव्यवस्था और कृषि उत्पादकों का बड़ा हब बनाने का काम कर रहे हैं। गोरखपुर के यूरिया कारखाने पर तेजी से काम चल रहा है। ऊर्जा गंगा योजना के अंतर्गत इस पूरे क्षेत्र में गैस पाइप लाइन बिछाई जा रही है। साथियो, ये स्थान तो महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली है। कुशीनगर को बुद्धिस्ट सर्किट के तहत देश भर के बौद्ध श्रद्धा के केंद्रों से जोड़ा जा रहा है, सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। यहां रोड और रेल की कनेक्टिविटी तो सशक्त की जा रही है, एयरपोर्ट पर भी काम चल रहा है। भाइयो-बहनो हमारा ये निरंतर प्रयास रहा है की जो हमारी संस्कृति है, जो हमारी आस्था के केंद्र हैं, उसका प्रचार-प्रसार करें। लेकिन सिर्फ अपना परिवार देखने वाले कांग्रेस हो, सपा हो, बसपा हो, ये महामिलावटी लोगों ने हमारा देश, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा, हमारे सवा सौ करोड़ देशवासियों की ताकत, उनके नायक, राष्ट्र के इन महापुरुषों की कभी परवाह नहीं की।     

दुनियाभर में बाबासाहेब अंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में आपके इसी सेवक ने ही विकसित किया है। आज लाखों लोग इन स्थलों पर प्रेरणा लेने जा रहे हैं। किसानों के लिए जीवन खपाने वाले सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा भी ये चौकीदार ने बनाई है। आज गूगल में जा कर के नवजवान पूछेगा की दुनिया में सबसे ऊंचा स्टेच्यू कब और कहां तो निकल के आता है हिंदुस्तान में, सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्टेच्यू। लेकिन कांग्रेस, सपा और बसपा के महामिलावटी लोगों को यह भी नहीं पच रहा। साथियो, ऐसे स्वार्थ से भरे हुए लोग गरीबों का भला नहीं कर सकते हैं, किसानों का भला नहीं कर सकते। जो चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुआ और जिन्होंने गरीबों के नाम पर राजनीति करके खुद के लिए चांदी के चम्मच बनवा लिए। जो आज भी खुद को राजा-महाराजा समझते हैं और जनता को अपना गुलाम। वो कभी आपके आगे बढ़ने के लिए काम नहीं कर सकते। ये काम सिर्फ आपका ये चौकीदार कर सकता है, ये सेवक कर सकता है। इसलिए दिल्ली में फिर एक बार भाजपा-एनडीए को शक्ति देना जरूरी है। आपका हर वोट मोदी के खाते में आएगा।

भाइयो-बहनो, आप चाहते हो देश मजबूत हो? देश मजबूत होना चाहिए? घर में घुसकर मारने वाला होना चाहिए? देश मजबूत बनाना है तो पोलिंग बूथ भी मजबूत बनाना पड़ेगा? बनाओगे? घर-घर जाओगे, मतदाता से मिलोगे? वोट डालने के लिए समझाओगे? देश के लिए मतदान करवाओगे? गरीबी से देश को मुक्त कराने के लिए मतदान कराओगे? सुरक्षा के लिए मतदान कराओगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराओगे?  

आप विश्वास करिए, जब आप कमल के निशान पर बटन दबाएंगे, आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरे साथ जोर से बोलिए, दोनों हाथ बंद करके मुट्ठी बंद करके बोलिए… भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!