Atal Ji’s efforts in creating a separate ministry for tribal welfare facilitated better policies for betterment of tribal communities in the long run: PM Modi
The ‘Namdar’ family of the Congress has issues with those chanting ‘Bharat Mata Ki Jai,’ they will happily abuse Modi but will not let people sing praise of our great motherland: PM Modi in M.P.
The ‘Tughlaq Road Chunavi Ghotala’ once again revealed the corrupt face of the Congress and that looting people’s hard-earned money is the Congress’ top-priority: Prime Minister Modi

भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, भारत माता की जय।

मालवा निमाड़ की धरती ने मुझे हमेशा से बहुत प्यार दिया है। मैं जानता हूं रतलाम में 10 बजे के आस-पास लोगों को बुलाना, ये सबसे कठिन काम होता है लेकिन मैं देख रहा हूं इधर भी उस कच्चे रास्ते से, उधर से भी हुजूम का हुजूम चला आ रहा है और यहां सामने उस बिल्डिंग तक मुझे माथे ही माथे नजर आ रहे हैं। आपका ये प्यार आपके आशीर्वाद के लिए मैं हृदय से आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। जब मैं गुजरात में था तब भी और बीते पांच वर्ष में प्रधानमंत्री के तौर पर भी कदम-कदम पर आपने इस सेवक को जम कर के समर्थन दिया है। यही प्यार आज भी मैं अनुभव कर पा रहा हूं।

साथियो, मां काली का और बाबा गढ़ कैलाश के सानिध्य में आना हमेशा दिव्य अनुभव रहा है। महान क्रांतिवीर चंद्रशेखर आजाद को जन्म देने वाली भूमि को मैं नमन करता हूं। मेरे साथ इन सभी महापुरुषों के सम्मान में दोनों हाथ ऊपर कर के दोनों मुट्ठी भींच के नारा बोलिए, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय।

साथियो, ये हमारे संस्कार हैं, ये रतलाम के संस्कार हैं की हम मां भारती के वंदन से अपना काम शुरू करते हैं लेकिन हमेशा याद रखिएगा, कांग्रेस को भारत माता की जय से दिक्कत है। उन्हें मुझे गाली देने में खुशी होती है लेकिन भारत मां की जय नहीं बोल सकते। भाइयो-बहनो, देश गाली भक्ति से चलेगा कि राष्ट्रभक्ति से चलेगा? आपने देखा होगा नामदार भाषण की शुरूआत ही गाली से करते हैं।

भाइयो-बहनो, संस्कारों में क्या फर्क होता है इसका एक और उदाहरण मैं आपको देता हूं। कुछ दिन पहले यहां के सपूत लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र जी ने आग के दौरान अपने युद्धपोत को बचाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, मैं उन्हें और उनके परिवार को नमन करता हूं। लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस का नामदार परिवार, ये लोग क्या करते हैं। ये लोग पिकनिक के लिए देश के युद्धपोत का इस्तेमाल करते हैं और जब सवाल उठते हैं तो निर्लज्ज हो करके, बेपरवाह हो कर के कोई डर के बिना कहते हैं, हुआ तो हुआ। ये तीन शब्द नहीं हैं, ये कांग्रेस की विचारधारा है, अहंकार है, देश की जनता के प्रति उनका रवैया है। ये तीन शब्द नहीं हैं, ये देश की जनता को अपनी जेब में लेकर घूम रहे हैं इस अहंकार का प्रतीक है। बोफोर्स तोप घोटाले पर इनका एक ही जवाब है, हुआ तो हुआ। सबमरीन घोटाले पर इनका एक ही जवाब है, हुआ तो हुआ। हेलिकॉप्टर घोटाले पर इनका एक ही जवाब है, क्या जवाब है? हुआ तो हुआ। 

साथियो, इनके राज में हमारे वीर सपूतों को बुलेटप्रूफ जैकेट तक नहीं मिल पाती थी। आतंकी हमलों में, नक्सली हमलों में हमारे वीर साथी अपनी जान गंवा देते थे और ये लोग कहते थे, हुआ तो हुआ। ऐसे मुश्किल सवालों का इनके पास एक ही जवाब होता था, हुआ तो हुआ। सारे देश को पता चल गया है, हुआ तो हुआ। इसी तरह भोपाल में जो गैस कांड हुआ, जिसका खामियाजा आज भी लोग भुगत रहे हैं उस बारे में बात की जाए तो उनका अंदाज यही रहता है, हुआ तो हुआ।

साथियो, कॉमनवेल्थ घोटाला करके इन्होंने देश की प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी लेकिन जवाब है, हुआ तो हुआ। 2 जी घोटाला कर के इन्होंने देश में टेलीफोन सेवाएं महंगी कर दीं लेकिन जवाब है, हुआ तो हुआ। कोयला घोटाला करके इन्होंने देश की संपदा को लूट लिया लेकिन इनका एक ही जवाब है, हुआ तो हुआ। साथियो, ये महामिलावटी लोग कह रहा हैं, हुआ तो हुआ। लेकिन देश कह रहा है, महामिलावटी लोगों अब बहुत हुआ।

वो मध्यम वर्ग जिसे कांग्रेस लालची कहती है, जिस पर टैक्स बढ़ाने की धमकी देती है वो मध्यम वर्ग का मानवी कह रहा है, महामिलावटी लोगों, मिडिल क्लास का अपमान बहुत हुआ। वो नवजवान जिनके अधिकार कांग्रेस के करीबी लूट रहे हैं वो नवजवान चीख-चीख कर कह रहा है महामिलावटी लोगों भाई-भतीजावाद बहुत हुआ, वंशवाद बहुत हुआ। वो गरीब महिलाएं, जिन्हें कांग्रेस राज में भेदभाव के चलते रसोई गैस नहीं मिली, पक्का घर नहीं मिला, बिजली नहीं मिली। वो मां वो बहन कह रही है महामिलावटी लोगों जातिवाद बहुत हुआ। वो गरीब जिन्हें कांग्रेस के शासन में सस्ता लाज नहीं मिला वो कह रहा है महामिलावटी लोगों गरीब के साथ भद्दा मजाक बहुत हुआ। वो देशवासी जिन्होंने कांग्रेस की नीतियों की वजह से आतंकी हमलों में अपनों को खोया है वो कह रहा हैं महामिलावटी लोगों आतंकवाद बहुत हुआ।

भाइयो-बहनो, कांग्रेस के नामदारों की गलत नीतियों के कारण देश भर में आए दिन बम धमाके होते थे, बम फोड़ने वालों के तार सीमा पार पाकिस्तान जाते थे लेकिन कांग्रेस ने क्या किया, वो कहती रही हुआ तो हुआ। इतना ही नहीं इन लोगों ने हिन्दू आतंकवाद का एक सिगूफा गढ़ दिया। हमारी महान परंपरा को जबरदस्ती बदनाम करने की इस कांग्रेस की साजिश के कारण ही असली आतंकी बचते रहे और निर्दोषों का खून बहाते रहे। साथियो, यही कारण है की आज ये आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बात करने से डरते हैं। आपने देखा पहले सर्जिकल स्ट्राइक फिर एयर स्ट्राइक, दोनों पर इन्होंने सवाल खड़े किए। कांग्रेस की इसी सोच ने हमेशा देश का नुकसान कराया है। ये सिर्फ अपने रिश्तेदारों और अपने दरबारियों के हित में ही सोच सकते हैं। अपने अहंकार में ना ये झूठ बोलने से घबराते हैं ना झूठे वादे करने से। आप मुझे बताइए, यहां इन लोगों ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था कि नहीं किया था। सब के सब बताएंगे तो मैं मानूंगा वरना मैं भी क्यों मानूंगा। कर्जमाफी का वादा किया था, दस दिन में करेंगे कहा था। उनके नामदार ने आ कर कहा था, मध्यप्रदेश को एक से दस की गिनती सिखाई थी और अगर दस दिन में नहीं करेंगे तो मुख्यमंत्री बदल देंगे ऐसा कहा था? ये सब कुछ पब्लिक में कहा था कि नहीं कहा था? जनता-जनार्दन ईश्वर का रूप होता है, जनता के सामने कहा था कि नहीं कहा था उसको भी उन्होंने ठगा था कि नहीं ठगा, ईश्वर को ठगा कि नहीं ठगा। इस पर भरोसा कर सकते हैं? आजादी के 55 सालों एक परिवार ने इसी प्रकार से देश को ठगा है, क्या अब भी आप उनको ठगने का अधिकार देना चाहते हो क्या? किसी भी हालत में देना चाहते हो क्या? बिजली का बिल हाफ करेंगे, ये कहा था ना? भाइयो-बहनो, बिल हाफ हुआ या बिजली की सप्लाई हाफ हुई?  

भाइयो-बहनो, आज किसानों के घर पर पुलिस पहुंच रही है, कर्जदार किसानों के जेल जाने की नौबत आ रही है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, इस सवाल का जवाब है, तुगलक रोड चुनाव घोटाला। दिल्ली में जो इनके नामदार हैं उनके पोस्टर जो आज आप रतलाम में, मंदसौर में, उज्जैन में देख रहे हैं वो उस चेरी का माल है, भ्रष्टाचार का पैसा है, वो तुगलक रोड घोटाले का पैसा है और ये पैसे आपके लिए भेजे गए थे। गरीब आदिवासी बच्चों, प्रसूता माताओं के पोषण के लिए जो पैसा दिल्ली से भेजा गया था वो इन्होंने लूट लिया। पूरे देश ने देखा की कैसे नोटों से भरे बोरे कांग्रेसियों के घर से निकले।

साथियो, इनका अहंकार कल भोपाल में भी दिखा है। जब देश लोकतंत्र का पर्व मना रहा है, अपने प्रतिनिधि चुन रहा है, मैं खुद अहमदाबाद गया था वोट डालने के लिए। देश के राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे और दिग्गी राजा, उनको ना लोकतंत्र की चिंता थी, ना नागरिकों के कर्तव्य की चिंता थी, ना उनको मतदाता की जिम्मेवारी की चिंता थी। उनको तो कैसे भी कर के, अरे दौड़ो, मत डालो, वोट डाल-वोट डालो, मुझे बचाओ-मुझे बचाओ। ये निर्दय परिक्रमा भी मुझे बचा नहीं पाई, अब भोपाल वालों मुझे बचा लो वरना मेरी नौकरी चली जाएगी, रो रहे थे। और इसलिए वोट डालने की जरूरत भी नहीं मानी, लोकतंत्र में पसंद, नापसंद हो सकती है, आपकी यहां के मुख्यमंत्री से खींचतान हो सकती है, दिग्गी राजा संभव है की आपको वहां का उम्मीदवार पसंद ना हो, वो आपका घर का झगड़ा है। अरे आपको अंदर जाना था, उंगली दबाए बिना वापस आना था लेकिन इतना तो कर देना था। आपका उनसे झगड़ा है, उनसे लड़ाई है, इस प्रकार से खुली कर दी आपने। आपने वोट का बहिष्कार कर दिया उनका, ऐसा क्या झगड़ा है आपका। अरे दिग्गी राजा इतना क्यों डर गए और आप तो जाकिर नाईक से भी नहीं डरते हो फिर आपको अपने ही क्षेत्र के लोगों से डर क्यों लगा। कांग्रेस के महामिलावटी लोगों, देश का फर्स्ट टाइम वोटर हिंदुस्तान के सभी नेताओं को बड़ी बारीकी से देख रहा है। उसके मोबाइल फोन पर वो दुनिया की सारी खबरों को तलाशता है। वो युवा साथी जो देश के विकास के लिए वोट डालने निकला है, जो 21वीं सदी में भारत की भूमिका तय करने के लिए निकल रहा है, उसे आप यही सिखा रहे हैं की मतदान करना जरूरी नहीं है। अरे आपने बहुत बड़ा पाप किया है दिग्गी राजा। आज मैं इस मंच से फर्स्ट टाइम वोटर को आग्रह करूंगा, जिनका जन्म 21वी सदी में पहली बार वोट देने का अधिकार दे रहा है। उनका जन्म या तो 20वी सदी के आखिर में हुआ है या तो 21वीं सदी में हुआ लेकिन उनको जीवन में पहली बार देश के चुनाव के लिए वोट करना है। मध्यप्रदेश में करने का मौका मिल गया होगा, देश का भविष्य तय करने का मौका उन्हें पहली बार मिल रहा है। और लोग वोट देते होंगे, उनके दिमाग में पांच साल के हिसाब होगा लेकिन जो फर्स्ट टाइम वोटर है उसके लिए तो इस शताब्दी के लिए वोट देना है, सदी के लिए वोट देना है क्योंकि उसको इसी 21वीं सदी में जिंदगी गुजारनी है। उसकी शिक्षा-दीक्षा, रोजी-रोटी, नौकरी-परिवार सब कुछ इसी सदी में होने वाला है और इसलिए ये सदी का आरंभ काल मजबूत होना चाहिए, देश मजबूत होना चाहिए ताकि मेरे फर्स्ट टाइम वोटर की पूरी शताब्दी अच्छी हो जाए। और इसलिए मैं फर्स्ट टाइम वोटर से आग्रह करूंगा की कांग्रेस के इस रवैये को सजा देने के लिए भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें।

भाइयो-बहनो, आप इस वोट को ऐतिहासिक वोट मानिए, आपकी जिंदगी का पहला वोट आपको जीवन भर याद रहना चाहिए और आपने देश को गढ़ने में अपनी उंगली का उपयोग किया था इस भाव के साथ जाना चाहिए। जो पंडित लोग कह रहे हैं ना वेव नहीं है, कुछ लोगों का रहता है चुनाव जैसे आगे बढ़ता है और उनकी नापसंद की सरकार बनना तय हो जाता है। उनको पता है की 23 मई के बाद फिर एक बार… मोदी सरकार आएगी इसलिए अब नई-नई कथाएं दिल्ली से प्लांट की जा रही हैं शुरू किया गया है। पहले चलाया वेव नहीं, अब पहले से मतदान ज्यादा हो रहा है तो उन्हें परेशानी है। उन्हें पता नहीं है, इस चुनाव में दो लोग है जो बड़ा विक्रम कर रहे हैं, एक मेरे नवजवान साथी, जो पहली बार वोट दे रहे हैं। दूसरी मेरी माताएं-बहने जिन्होंने प्रण किया है की जिस भाई ने बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा तय की है उसको फिर से जिताना है, वो माताएं-बहने तय कर रही हैं जिसने हमारे घर में गैस का चूल्हा दिया है उसको फिर से प्रधानमंत्री बनाना है। उन मां-बहनों ने तय किया है की जिसने हमारे बच्चों के भविष्य के लिए घर में बिजली पहुंचा दी है उसको फिर से प्रधानमंत्री बनाना है और इसलिए वोट देने के लिए पूरी ताकत से माताएं-बहने बाहर आई हैं। जब माताएं-बहने आती हैं तो ये पंडितों को वेव कहां से आया है समझ ही नहीं आ रहा है, हर घर से वेव आ रहा है।  

साथियो, कांग्रेस में चल रही रस्सा-कसी ने उसके बाच आपका ये चौकीदार, हर आदिवासी, हर किसान, हर गरीब उसका जीवन आसान बनाने में फिर से जुटा है। छोटे किसानों के बैंक खाते में पैसे पहुंचाए जा रहे थे लेकिन मध्यप्रदेश सरकार किसानों की लिस्ट देने में आना-कानी कर रहे हैं। 23 मई को जब इनको झटका लगेगा तब इनको ये काम तेजी से करना ही पड़ेगा। हमने तय किया है की 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तो अभी जो 5 एकड़ की शर्त है उसे हटा लिया जाएगा और सभी किसानों के खाते में पैसा डाला जाएगा।

साथियो, भारतीय जनता पार्टी गरीब किसान के साथ ही सब के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी काम कर रही है। उम्र के एक पड़ाव के बाद, 60 साल की आयु के बाद गरीबों को, छोटे किसानों को, खेत मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पैसे की दिक्कत ना हो, इसके लिए ऐसे समाज के लिए कभी-कभी परिवार के बच्चे भी नहीं देखते हैं, ये आपका बेटा दखने वाला है और इसके लिए हमने पेंशन योजना तय की है। हर महीना पेंशन योजना ले कर आएंगे और जो भी उससे जुड़ना चाहेगा उसको 60 साल के बाद पेंशन मिलेगा ताकि वो बुढ़ापे में परेशान ना हो। इस देश का एक बेटा दिल्ली में भी तो होना चाहिए ना जो 60 साल से ऊपर के लोगों की चिंता करे। आपने एक ऐसे बेटे को बिठाया है जो 60 साल से ऊपर वालों की भी चिंता करता है और 18 से 25 वालों की भी विशेष चिंता करता है। वो मध्यम वर्ग की भी चिंता करता है वो गरीब की भी चिंता करता है। वो गांव की भी चिंता करता है, वो शहर की भी चिंता करता है। वो किसान की भी चिंता करता है, वो मजदूर की भी चिंता करता है। समाज के हर वर्ग की चिंता करता है, हिंदुस्तान के हर कोने की चिंता करता है। हिंदुस्तान के भविष्य की भी चिंता करता है, हिंदुस्तान के वर्तमान की भी चिंता करता है। ऐसे बेटे को आपके आशीर्वाद की जरूरत है, भाइयो और इसलिए मैं आपके बीच आया हूं।

इसी तरह हमारे व्यापारी भाई-बहनो, के हितों पर ध्यान देने के लिए, सरकार के साथ उनका संवाद और बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय व्यापारी आयोग भी बनाया जाएगा। व्यापारियों को 50 लाख रुपए तक का कर्ज बिना गारंटी उपलब्ध हो, ये व्यवस्था भी की जाएगी।

भाइयो-बहनो, देश और लोगों की आवश्यकता को देखते हुए नई व्यवस्थाओं का निर्माण भाजपा सरकारों की पहचान है। देश में पानी से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने के लिए अब हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाने का फैसला लिया है। देश को कौशल विकास मंत्रालय भी भाजपा-एनडीए सरकार ने ही दिया है वरना पहले तो खानापूर्ति के लिए कौशल विकास का काम दर्जनों विभागों में बिखरा पड़ा था। साथियो, ये अटल जी की ही सरकार थी जिसने आदिवासी के हितों का ध्यान रखते हुए आदिवासी मंत्रालय का गठन किया था। आप मुझे बताइए भाइयो, हमारे देश में भगवान राम के जमाने में आदिवासी थे कि नहीं थे, जरा ताकत से बताओ ना। आदिवासी थे कि नहीं थे, महाभारत काल में आदिवासी थे कि नहीं थे? राजा-महाराजाओं के कालखंड में आदिवासी थे कि नहीं थे? अंग्रेजों के जमाने में आदिवासी थे कि नहीं थे, कांग्रेस के जमाने में आदिवासी थे कि नहीं थे? देश आजाद हुआ तब आतंकवादी थे कि नहीं थे? लेकिन ये कांग्रेस वालों को पता नहीं था। उनको पता नहीं था की मेरे देश में आदिवासी होते हैं। एक परिवार की चार-चार पीढ़ी प्रधानमंत्री बन के रहे गई लेकिन उनके चश्मों में कभी आदिवासी नजर नहीं आया। ये अटल बिहारी वाजपेयी जी आए, आजादी के इतने सालों के बाद, उन्होंने कहा की मेरे जंगलों को अपनी जान से भी जो ज्यादा प्यारा समझता है, जो आदिवासी हमारी महान परंपराओं को संभालता है उसके विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाना चाहिए और अटल बिहारी वाजपेयी जी आदिवासियों का अलग मंत्रालय बनाया। और ये हमारे साथी बैठे हैं इनको मंत्री बनाया था, अटल जी ने पहला मध्यप्रदेश से आदिवासी को उठाकर के ये काम के लिए लगाया था, भाइयो। ये काम अटल जी ने किया था।

साथियो, उन्हीं की प्रेरणा से हमारा प्रयास है की जन जातीय क्षेत्रों में पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई इसके संसाधन बनें। इसलिए सरकार द्वारा आदिवासी बच्चों के लिए देश भर में एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए जा रहे हैं। वन केंद्रों के माध्यम से वन उपजों में वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग पर हमारा बल है। बीते पांच वर्ष में MSP के दायरे में आने वाली वन उपज 10 से बढ़कर 50 हो गई है। साथियो, मैं फिर दोहराऊंगा की आदिवासी जमीन हो, जंगल हो, आदिवासी का हक हो जब तक मोदी बैठा है, जब तक भारतीय जनता पार्टी है किसी भी आदिवासी के हक को नहीं छीना जाएगा, उसकी जमीन को नहीं छीना जाएगा और ये झूठ बोलने वालों को, आपको भ्रमित करने वालों को सजा देने का ये वक्त है ताकि आपके भविष्य को, अधर में डालने का ये काम करते हैं। अगर उनको आदिवासियों की इतनी परवाह रही होती तो अटल जी के आने तक आदिवासियों की चिंता के लिए कोई मंत्रालय बनाने वालों को ये कहने का कोई अधिकार नहीं है।

भाइयो-बहनो, रतलाम देश की कनेक्टिविटी का, रेलवे का बहुत महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। इस पूरे क्षेत्र में रोड, रेल और हवाई कनेक्टिविटी सुधरे इसके लिए हम पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। साथियो, नए भारत के तमाम संकल्पों को पूरा करने के लिए आपको पूरी शक्ति से कमल खिलाना है। आप मुझे बताइए, हिंदुस्तान मजबूत है कि नहीं है? हिंदुस्तान अब घर में घुसकर मारता है कि नहीं मारता है? आपको अच्छा लगता है कि नहीं, आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपका सीना चौड़ा होता है कि नहीं होता है? हिंदुस्तान और मजबूत होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? सरकार और मजबूत होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? तो आपका ये चौकीदार भी तो मजबूत होना चाहिए ना। ये चौकीदार को मजबूती कहां से मिलेगी? आपके एक-एक वोट से मिलेगी। चौकीदार के मजबूत बनाने के लिए घर-घर जाना है, लोगों को समझाना है, मतदान करवाना है। बूथ पर ले जाना है, कमल के निशान के सामने बटन दबाना है। और आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए…

भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.