QuoteThese elections are about the people of the country choosing ‘India First’ over ‘Dynasty First’ and ‘Development’ over ‘Dynasty’: PM Modi
QuoteBe it implementing ‘One Nation, One Tax’ or ‘One Nation, One Card’ we have greatly enhanced uniformity in governance: PM Modi
QuoteThanks to the arrogance of the Congress party, the victims of the gruesome 1984 anti-Sikh riots are still awaiting justice: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

चंडीगढ़ के आप सभी उत्साही लोगों को मेरा नमस्कार, चंडीगढ़ में पहाड़ से लेकर मैदान तक के साथियों का अद्भुत समावेश है। किसान से लेकर जवान तक का संगम यहां मुझे सामने नजर आ रहा है। साथियो, अब मेरी आपसे प्रार्थना है कि मैं लंबे अरसे तक चंडीगढ़ में आपके बीच में रहा हूं, आप जितना मुझे जानते हैं हिंदुस्तान में कोई नहीं जानता है। अगर मैं आज आपको दिखाई नहीं देता हूं तो चिंता मत कीजिए आप बैठिए आपने बहुत देखा है। आप आराम से बैठिए, इन मीडिया वालों को उनका काम करने दीजिए। मीडिया के लोगों को उनका काम करने दीजिए।

भारत माता की जय, साथियो, यूथफूल और एनर्जेटिक चंडीगढ़ में आपका ये जोश बता रहा है कि फिर एक मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार। इसका कारण साफ है कि देश मजबूर सरकार के लिए नहीं, बुलंद हौसले वाली मजबूत सरकार को चुन रहा है। देश फैमिली फर्स्ट के बजाय इंडिया फर्स्ट को चुन रहा है। देश डायनेस्टी की बजाय डेवलपमेंट को चुन रहा है। देश आतंकी हमलों के बाद दुबकने वालों को नहीं आतंकियों को घर में घुसकर मारने वालों को चुन रहा है।

भाइयो-बहनो, 2014 में चंडीगढ़ सहित पूरे हिंदुस्तान ने जो मैंडेट दिया, जो आदेश आपने प्रधान सेवक को दिया उसको कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथी आज तक बर्दाश्त नहीं कर पाए हैं। इन्होंने बीते पांच वर्ष में मेरे हर फैसले, हर योजना को अपमानित करने की कोशिश की है। जब लाल किले से मैंने स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की तो ये सारे महामिलावटी खड़े हो गए। अरे ये पीएम कैसा है लाल किले पर टॉयलेट की बात करता है। मजाक उड़ाया, भांतिभांति के सवाल उठाए, इस तरह के सवालों ने एक के बाद जैसे मानो मुझ पर बौछार कर दी। जब मैंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ इसकी बात की तो उसको भी इन लोगों ने बदनाम करने की कोशिश की। जब मैंने मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया की बात की तो ये लोग उसके पीछे भी हाथ धो कर पड़ गए। जब मैंने डिजिटल इंडिया का अभियान चलाया तब भी इन्होंने मेरी सोच पर सवाल उठाए। साथियो, आपको याद होगा कांग्रेस और उसके राग दरबारियों का ये वहीं गैंग है जो कहता था कि भारत की जनता अनपढ़ है। ये लोग कहते थे कि भारत में तो बैंक नहीं है। ऐसे में डिजिटल लेन-देन कैसे संभव है। लेकिन इनकी तमाम साजिशों और सवालों के बावजूद हम डटे रहे। आज भारत के पास रुपये क्रेडिट कार्ड और बीम ऐप के रुप में एक बहुत बड़ा नेटवर्क है।

भारत आज डिजिटल का एक बहुत बड़ा डेस्टिनेशन है। और हमारे रुपये कार्ड की इज्जत तो आज सिंगापुर में भी आप भारत के रुपये कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार से हमारा विस्तार हो रहा है। वहीं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से देश भर के पोस्ट ऑफिस को अब बैंकिंग सर्विस प्रोवाइडर बनाया जा रहा है। अब पोस्टमैंन स्मार्ट फोन और दूसरे गैजट लेकर गांव गांव में बैंकिंग सर्विस की होम डिलिवरी करने लगा है। इतना ही नहीं हमने एक डिजिटल त्रिशक्ति खड़ी की है। जैम JAM यानि J जन धन बैंक खाते, A से आधार कार्ड, और M से आपका मोबाइल फोन। JAM जैम की त्रिशक्ति से हमने सुनिश्चित किया है कि सरकारी योजनाओं के लाभ सभी लाभार्थियों को ही मिले। सोचिए साथियो, अब तक हमारी सरकार, ऐसे आठ करोड़ फर्जी नामों को कागजों से हटा चुकी है। ये आठ करोड़ वो लोग है जो सरकार की सुविधाएं उनके नाम पर जाते थे। जो पैदा ही नहीं हुई ऐसी बेटी सरकारी दफ्तरों में विधवा के रुप में पेंशन लेती थी। जिसका जन्म नहीं हुआ वो दिव्यांग के रुप में लाभ लेता था। न जिसके पिता है, न माता है, न बच्चा है वो कॉलेज में भर्ती भी हुआ है स्कॉलरशिप भी ले रहा है। ये सारा खेल हमने खत्म किया।

आठ करोड़, दोस्तों, कल्पना कीजिए आठ करोड़ सिर्फ कागजों पर लोग थे। इसको हमने हटाया। ये आठ करोड़ लोगों के नाम गरीबों का राशन, पेंशन, स्कॉलरशिप सब कुछ लूटा जा रहा था। मैं जरा चंडीगढ़ से हिसाब से कहूं, जरा चंडीगढ़ की कुल आबादी उसकी जरा कल्पना कीजिए, और उससे तुलना कीजिए की आठ करोड़ क्या होता है? एक चंडीगढ़ कितने चंडीगढ़ होंगे तब ये आठ करोड़ फर्जी नाम निकलेंगे। ये आंकड़ा कितना बड़ा है इसका आपको अंदाज होगा। और ये काम मैं आज जो इस जनसभा में नौजवान आए हैं, 21वीं सदी में जो पैदा हुए जो पहली बार लोकसभा में वोट देने वाले हैं। मैं उनको कहता हूं जरा दिमाग खपाइए कितना बड़ा आंकड़ा होगा। चंडीगढ़ के टोटल पॉपुलेशन से आठ करोड़ फर्जी नामों का कम्पेयर करके देखिएगा कि हर साल भारत में कितनी बड़ी संख्या में फर्जी लाभार्थियों के पास बिचौलियों के पास टैक्स पेयर्स का ईमानदारी का पैसा जा रहा था।

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 साथियो, अब आप मुझे बताइए, आप मुझे बताइए जब इतने सारे बिचौलियों की दुकाने बंद हो गई। आपका प्यार इतना उछल रहा है। इसे आप रोक भी नहीं पा रहे हो। दोस्तो, पका प्यार मेरी सर आंखों पर। दोस्तों आप सोचिए ये आठ करोड़ फर्जी नाम से जो बिचौलिए मलामाल होते थे। आय दिन मलाई खाते थे। मौज-मस्ती मारते थे। इन सबकी दुकानें ये चौकीदार ने बंद कर दी। आप मुझे बताइए ये बिचौलिए मोदी को बर्बाद करने की कोशिश करेंगे कि नहीं करेंगे? करेंगे कि नहीं करेंगे? मोदी के पर गंदे आरोप करेंगे कि नहीं करेंगे? मोदी के खिलाफ झूठ बोलेंग कि नहीं बोलेंगे? तो मोदी की रक्षा कौन करेगा? मोदी की रक्षा कौन करेगा? भाइयो-बहनो, मुझे विश्वास है सवा सौ करोड़ देशवासी चौकीदार की रक्षा करने के लिए चौकीदार बनकर खड़े हैं। साथियो, हमारा DBT क्योंकि हमने आधार और बैंक अकाउंट मोबाइल योजना से बहुत बड़ी मात्रा में DBT स्कीम लागू किया है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, भारती जनता पार्टी सरकार की DBT है डायेरक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, और कांग्रेस उसके महामिलावटियों की भी DBT है लेकिन उनका DBT है डायरेक्ट बिचौलियां ट्रांसफर। भाइयो-बहनो, मैं टेक्नोलॉजी के माध्यम से ट्रांसपेरेंसी लाने की कोशिश कर रहा हूं। नए काननू बनाकर, पुराने कानून खत्म करके सिस्टम में जो कमियां है उसे दूर करने का प्रयास कर रहा हूं। और यही बात इनको खटक रही है। एक चाय वाला एक चाय वाला 21वीं सदी की नेक्स्ट जनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कैसे कर सकता है? इसी से इनको चिढ़ है।

मोदी इंटरनेशनल सोलर एलायंस आज पूरी दुनिया में भारत में नाम कमाया है। दुनिया का हेड क्वार्टर हिंदुस्तान में बनाया है। इंटरनेशनल सोलर एलायंस और हमारा मंत्र है वन सन एक सूरज, वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड। इस विजन की बात ये चाय वाला कैसे कर सकता है इन बातों से इनको चिढ़ है। मोदी वन नेशन वन टैक्स के सपने को कैसे साकार कर सकता है। ये इनको परेशान कर रहा है। मोदी पूरे देश के लिए मोबिलिटी कार्ड यानी वन नेशन वन कार्ड कैसे लागू कर सकता है। इससे इनको दिक्कत है। ये सब कर चुका हूं मैं, इनको इसी की परेशानी है। भाइयो-बहनो, याद कीजिए पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर एयर स्ट्राइक, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक को लेकर इन्होंने कैसे-कैसे सवाल उठाए थे। मोदी ने आतंकवादियों को घुसकर मारने की नीति को अपनाया। ये बात इनके समझ नहीं आई। आप मुझे बताइए चंडीगढ़ मेरे प्यारे बहनों, ये घुसकर के मारना ये रास्ता सही है ना। यही करना चाहिए ना? जो लोग आतंकवाद को पालते हैं पोसते हैं उसी धरती पर ठीकाने लगाना चाहिए कि नहीं चाहिए? ये मोदी सही कर रहा है? आपका आशीर्वाद है? मुझे और मजबूत बनाएंगे? साथियो, जिन्होंने पाकिस्तान की गीदड़ भभकियों से डर डरकर देश चलाया हो, उनके पास नेशनल सिक्योरिटी पर कहने के लिए कुछ नहीं है। साथियो, इसी तरह इन्होंने स्पेस में स्ट्राइक करने की क्षमता हमने हासिल की है, उस पर सवाल खड़े किए। हमारे पास दशकों से ये क्षमता थी लेकिन इंटरनेशनल प्रेशर में कांग्रेस के पैर कांपते थे। 

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भाइयो-बहनो, आज मोबाइल से लेकर मिसाइल तक जब स्पेस कंट्रोल होता है तो क्या हमारा दायित्व नहीं है कि अपने सेटेलाइटों को सुरक्षित करे, अंतरिक्ष में भी चौकीदारी की क्षमता विकसित करे। साथियो, इन लोगों ने देश की सुरक्षा कैसे की है, ये भी याद रखिए, भाई आपका प्यार मुझे मंजूर भइया, सुन लिया मैंने आपका। आगे बोलूं मैं, आगे बात बढ़ाऊं, आप इजाजत देते हैं तो बढ़ाएंगे। मैं फिर एक बार कहता हूं कि चंडीगढ़ के इतने प्यार को मैं अपने सर आंखों पर चढ़ाता हूं। मैं आपका धन्यवाद करता हूं। चुनाव चल रहा है कि नहीं चल रहा है? आन-बान-शान के साथ चल रहा है कि नहीं चल रहा है? देश में आईपीएल हुआ कि नहीं हुआ? जब चुनाव चल रहा था तो चंडी माता का नवरात्री चलता था कि नही चलता था? चंडी माता का नवरात्री मनाया कि नहीं मनाया? जब चुनाव चल रहा था, आईपीएल चल रहा था, नवरात्र चल रहा था। रामनवमी का मेला आया कि नहीं आया? रामनवमी मनाई कि नहीं मनाई? हनुमान जयंती मनाई कि नहीं मनाई ? ईस्टर मनाया कि नहीं मनाया ? अभी रमजान मना रहे हैं कि नहीं मना रहे हैं। सबकुछ चल रहा है कोई रुकावट नहीं है। इतना ही नहीं, इतने सारे काम के बीच अचानक प्रकृति रुठ गई और बहुत बड़ा साइक्लोन हमारे ईस्टरन पार्टी में आया उसको भी हमने संभाला और पूरी दुनिया ने साइक्लोन के समय भारत ने जो काम किया है उसका जय जयकार किया है भाइयो। अब जरा चंडीगढ़ के लोग पढ़े लिखे हैं। यहां तीन तीन सरकारें बैठती हैं। मैं जरा पूछना चाहता हूं इतना कुछ एक साथ जब भी हो सकता है? और आपने देखा हमने कर के दिखाया तो पहले क्यों नहीं हुआ? साथियो, लोग वहीं हैं, ब्यूरोक्रेसी वहीं हैं, अफसर भी वहीं, दफ्तर भी वहीं। लेकिन पहले क्यों नहीं हुआ? आज क्यों हो रहा है? आज क्यों हो रहा है सबकुछ ? सबकुछ एक साथ क्यों हो रहा है? क्या कारण है ? क्या कारण है ? क्या कारण है ? अरे चंडीगढ़ वालों आपका जवाब गलत है। अरे यार चंडीगढ़ वालों मैं आपके बीच में रहा हूं और आप गलत जवाब देते हो। आपका जवाब गलत हैं ये सब मोदी के कारण नहीं हो रहा है। ये सब आपके एक वोट के कारण हो रहा है। ये आपके वोट की ताकत है। ये आपके वोट की ताकत है जिसने हिंदुस्तान को मजबूत सरकार दी है। और जो मजबूत सरकार एक साथ इतनी सारी चीजें संभालने की ताकत रखती है भाइयो।

भाइयो-बहनो, कांग्रेस की क्या सोच रही है ये भी आपके लिए जानना जरूरी है। कांग्रेस की इसी सोच के कारण 1984 के सिख दंगों के मामले में आज तक सभी पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पाया है। जब इनसे इंसाफ के बारे में पूछा जाता है तो ये अहंकार में कहते हैं हुआ तो हुआ? इनका अहंकार बोलता है हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। साथियो, दिल्ली में हजारों सिखों को घर से बाहर निकाल निकाल कर मार दिया गया। लेकिन कांग्रेस कह रही है हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। किसी के पिता को किसी के भाई को किसी के बेटे को गले में टायर डालकर जला दिया गया, लेकिन कांग्रेस कह रही है हुआ तो हुआ। साथियो, जब नामदार, नामदार परिवार का सबसे करीबी व्यक्ति, जब नामदार परिवार का सबसे बड़ा राजदार 84 के सिखों के दंगे के बारे में कहे कि हुआ तो हुआ तो आप समझ सकते हैं कि वो किसकी बोली बोल रहा है। मैं दावे के साथ कहता हूं कि अगर आज पंजाब में चुनाव न होते तो नामदार अपने उस गुरु को एक शब्द भी नहीं कहते। एक शब्द भी बोलने का नाटक नहीं करते। याद रखिए जब गुजरात के चुनाव थे तो इनके खासमखास और उनकी सरकार में बहुत महत्वपूर्ण मंत्री रहे हुए व्यक्ति उन्होंने उस दिन बोल दिया कि मोदी तो नीच है नीच। किसी ने बोल दिया कि ये तो नीच जात का है और गुजरात में तूफान खड़ा हो गया तो उन्होंने ड्रामा किया, उनको पार्टी से निकाल दिया, दिखावा किया और थोड़े दिन बाद फिर से वापस लेकर के फिर से अपने साथ जोड़ लिया। जैसे ही ये पंजाब के चुनाव की सरगर्मी पूरी होगी फिर से वो अपने गुरु को गले लगाकर निकल पड़ेंगे। भाइयो-बहनो, गुजरात में जिसने गालियां दी थी, मेरे लिए अत्यंत खराब शब्द प्रयोग किए थे। उन्होंने फिर से कल फिर से बोल दिया वहीं बात जो उस समय बोली थी। लेकिन कांग्रेस ने उस समय ड्रामा किया था फिर वापस लिया था। लेकिन उन्होंने जो किया वो गलत किया ये कांग्रेस की सोच नहीं थी। उसी का ये परिणाम है। इतना ही नहीं अब वो ताल ठोककर कहने लगे है कि मुझे जो उन्होंने गाली दी उसमें कुछ गलत नहीं था। साथियो, नामदार के परिवार ने उनके साथियों ने इसी अहंकार के साथ देश पर दशकों तक शासन किया है। जब लाखों-करोड़ों के घोटाले होते थे कांग्रेस की क्या सोच थी? आप मेरे सवाल का जवाब दोगे? सब के सब दोगे? पूरी ताकत से दोगे? मैं जरा पूछता हूं आपको और एक-एक बात चंडीगढ़ याद रखे और घर-घर पहुंचाए। जब लाखों करोड़ों के घोटाले होते थे कांग्रेस सोचती थी हुआ तो हुआ। पूरी ताकत से बोलिए हुआ तो हुआ। जब रेल मंत्री के रिश्तेदार, जब रेल मंत्री के रिश्तेदार भर्तियों में भ्रष्टाचार करते थे कांग्रेस सोचती थी हुआ तो हुआ, हुआ तो हुआ, हुआ तो हुआ। जब योजनाओं को पूरा होने में दशकों लग जाते थे कांग्रेस सोचती थी हुआ तो हुआ, हुआ तो हुआ। वन रैंक वन पेंशन न लागू होने की वजह उसके कारण हमारे फौजी साथी परेशान थे। कांग्रेस सोचती थी हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। जब कालेधन की वजह से गरीब के हाथ से अपने घर का सपना टूट जाता था

कांग्रेस सोचती थी हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। जब छोटे कमरों में 400, 500 सेल कंपनियां चलाई जा रही थी। उनसे हजारों करोड़ का हवाला ट्रांजेक्शन होता था कांग्रेस सोचती थी हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ, हुआ तो हुआ। जब मंहगाई से मिडिल क्लास की कमर टूट रही थी रसोई का खर्चा बेतहाशा बढ़ रहा था कांग्रेस सोचती थी हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। साथियो, कांग्रेस के नामदार ने कहा था उनके नामदार कहते थे और उसको उनके दरबारी गाजे बाजे के साथ दुनिया में फैलाते थे। कांग्रेस के नामदार ने कहा था कि कांग्रेस एक सोच है अब नामदार के गुरु ने बता दिया है कि कांग्रेस की सोच है कि हुआ तो हुआ। हुआ तो हुआ। भाइयो-बहनो, नामदार के वहीं गुरु हैं जिन्होंने मिडिल क्लास का भी अपमान किया है। उन्होंने कहा है कि मिडिल क्लास तो सेल्फिश होता है। कांग्रेस का ढोकसला पत्र बनाने वाले इनके यहीं गुरु हैं जो कहते हैं मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ डालेंगे। साथियो, मिडिल क्लास और ईमानदार टैक्स पेयर्स का कांग्रेस ने हमेशा अपमान किया है। जबकी हमारी सरकार ने मिडिल क्लास को सम्मान दिया। इतिहास में पहली बार पांच लाख रुपये तक की इनकम इस इनकम को हमने इनकम टैक्स की प्रक्रिया में जीरो कर दिया है। इसके अलावा अपना घर खरीदने में टैक्स में छूट भी बढ़ाई गई है। पहली बार मिडिल क्लास के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम भी लाई गई हैं। इसके अलावा हमारी सरकार ने सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स में अनेक रियायतें दी है। साथ ही नीम प्लांट्स 70 से 80 प्रतिशत सस्ते किए गए हैं।

भाइयो-बहनो, चंडीगढ़ इज ऑफ लिविंग और इज ऑफ डुइंग बिजनेस सुनिश्चित करने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। आप चंडीगढ़ वालों को खुशी होगी क्योंकि मैं चंडीगढ़ में रहा हूं तो मुझे मालूम है कि यहां हर घर में बिजली का कनेक्शन ज्यादातर घरों में गैस का चूल्हा उसके बावजूद भी लाखों लीटर केरोसिन भारत सरकार की तरफ से चंडीगढ़ को अलोट होता था। सब्सिडी वाला यहां उसका कोई खरीदार नहीं था, गिने-चुने कुछ परिवार थे जिनको केरोसिन की जरूरत पड़ती थी। लेकिन लाखों लीटर केरोसिन आता था, मैंने जांच करवाई और वो केरोसिन का उपयोग यहां के एनवायरनमेंट को बर्बाद करने के लिए ऑटो रिक्शा में ब्लैक में बेचा जाता था, और जगह में ब्लैक में बेचा ताजा था। हमने कहा सर्वे करो जिन घरों के पास गैस का चूल्हा नहीं उनकी सूची निकालो उन सबको गैस का चूल्हा पहुचाओ, एक बार सबके घर में गैस का चूल्हा आ जाए, बिजली का कनेक्शन आ जाए। और आपको खुशी होगी आज चंडीगढ़ पूरी तरह केरोसिन फ्री बनाने का काम हम कर पाए हैं भाइयो। आप सोचिए कितनी लूट चली होगी और जिनकी कमाई बंद हुई होगी वो चंडीगढ़ में किसको चुनाव लड़ने के लिए रुपये खर्च करते होंगे ये भी आपको मालूम हैं। लेकिन भाइयो-बहनो, मुझे आपकी भलाई के लिए काम करना चाहिए कि नहीं चाहिए? देश की भलाई के लिए काम करना चाहिए कि नही चाहिए? हमारे देश के नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करना चाहिए की नहीं चाहिए? उसके लिए गाली पड़े तो भी करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? उसके लिए अनाप-शनाप बोला जाए तो भी करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? इसके अलावा यहां के सीवर ट्रीटमेंट, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, एयरपोर्ट को आधुनिक बनाने के लिए काम। हर क्षेत्र में आज हम काम कर रहे हैं। साथियो, न्यू इंडिया में और न्यू इंडिया के लिए हमें अपमान और अहंकार की मेनेटिलिटी को हाराना है। और देश को सुरक्षित और समृद्ध बनाना है। और इसके लिए आपका हर वोट कमल के निशान पर पड़ना चाहिए। कमल पर पड़ा हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो आप इतनी बड़ी तादाद में आकर के हम सबको आशीर्वाद दिए। काली दल के नाते भी यहां आएं, मैं उनका भी आभारी हूं, और आप सबका हम सबको आशीर्वाद देने के लिए बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं, लेकिन आग्रह करता हूं कि गर्मी कितनी ही क्यों न ज्यादा हो, चंडीगढ़ ने अपने पुराने मतदान के सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे? आपके मोबाइल फोन के फ्लैश चालू कर के मुझे बताइए? सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे? सबके मोबाइल फोन के फ्लैश चालू कीजिए देखिए कैमरे वाले अब मुझे नहीं आपको रिकॉर्ड कर रहे हैं? शाबाश... ज्यादा से ज्यादा से मतदान कराओगे? ज्यादा से ज्यादा मतदान कराओगे? घर–घर जाओगे? मतदाताओं को मिलोगो? कमल का बटन दबाओगे? भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाओगे? दिल्ली में मजबूत सरकार बनाओगे? पूरी ताकत से काम करोगे? 19 तारीख तक चैन से नहीं बैठोगे? भाइयो-बहनो, आपका बहुत-बहुत आभार, जोर से बोलिए-

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

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"Huge opportunity": Japan delegation meets PM Modi, expressing their eagerness to invest in India
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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।