BJD and Congress have always considered the poor their vote-bank: PM Modi

Published By : Admin | April 2, 2019 | 11:31 IST
I am certain that Odisha will undergo major change in the upcoming elections and will create history similar to what UP did in 2017 and Tripura in 2018: PM Modi in Kalahandi
The BJD and Congress have always considered the poor their vote-bank and thus never genuinely worked to empower the poor and bring them out of poverty: Prime Minister Modi
Only a stable, strong and decisive BJP government in Odisha and the Centre can understand and fulfill the aspirations of the people who want their state to progress at par with other states: PM Modi

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

भवानीपटना एवं कालाहांडी वासी, सबसे पहले मैं देवता भवानी शंकर और मां मणिकेश्वरी देवी के चरणों में अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।

श्री रिन्दों मांझी जी, श्री चक्रा बिसोई जी, उत्कल मणि गोपबंधु दास जी और उत्कल गौरव मधुसूदन दास जी जैसे ओडिशा के हर नायक, नायिका का मैं कालाहांडी की इस धरती से मैं वंदन करता हूं, नमन करता हूं।

साथियो, आपने अपने इस प्रधान सेवक को पांच वर्ष पहले दिल्ली का दायित्व दिया और सेवा करने का आदेश दिया था। बीते 5 वर्षों में एक भी दिन की छुट्टी लिए बिना एक शरीर से जितना काम लिया जा सकता है। उसका पल-पल का उपयोग करते हुए मैंने देश की सेवा करने का प्रयास किया है। समस्याओं का समाधान करने का रास्ता खोजा है। बदलाव लाने की दिशा में हम सफलता पूर्वक आगे बड़े है लेकिन ये सब इसीलिए संभव हुआ क्योंकि आपने, ओडिशा ने, पूरे हिंदुस्तान ने मेरा साथ दिया था। अगर आपका आशीर्वाद न होता, साथ न होता तो यह काम मैं नहीं कर पाता। और इसीलिए जो कुछ भी देश में बदलाव आया है, उसका क्रेडिट अगर किसी को जाता है तो मेरे देश के आप सभी नागरिक भाइयों-बहनों को जाता है और इसीलिए भगवान जगन्नाथ जी की धरती में आकर के आज जो कुछ भी देश ने पाया है वो आपके आशीर्वाद से पाया है। वो सब कुछ मैं आज जनता जनार्दन के चरणों में समर्पित करने के लिए आया हूं। आपका धन्यवाद करने के लिए आया हूं।

चाहे देशहित में लिए गए बड़े और कठिन फैसले हो या फिर पंचायत के चुनावो में भारतीय जनता पार्टी को दिया अभूतपूर्व समर्थन, ओडिशा की जनता पूरी मजबूती से अपने इस चौकीदार के साथ खड़ी रही है। इस विश्वास के लिए मैंने दोनों हाथ जोड़ कर आप सभी का आभार, फिर एक बार मैं व्यक्त करना चाहता हूं।  

भाइयो और बहनो, अपने काम का हिसाब देने के साथ ही, मैं आपसे कुछ सवाल भी करना चाहता हूं । मैं कुछ सवाल करूं तो जवाब देंगे आप? ऐसा तो नहीं न ,थक जायेंगे ? ऐसा तो नहीं न,गर्मी लग जाएगी ? पूरी ताकत से जवाब देंगे?  आप जो जवाब देंगे वो देश की जनता सुनने वाली है और इसीलिए मैं आज अपनी बात करने से पहले कुछ आपसे सवाल करना चाहता हूं।

बीते 5 वर्षों में ओडिशा के करीब 8 लाख गरीब परिवारों को घर मिल चुके हैं। ओडिशा में आठ लाख गरीब परिवारों को पक्का घर मिला है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं ये किसने दिए? ये किसने दिए? ये किसने दिए ?  

ओडिशा में 24 लाख घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन मिल चुका है। उनके घर से अंधेरा दूर हो चूका है। ये अंधेरा दूर किसने किया? ये अंधेरा दूर किसने किया ? ओडिशा में 3000 गांवो तक, आजादी के 70 साल बाद पहली बार बिजली पहुंची है। ये पहली बार गांव में उजाला पहुंचाने का काम किसने किया? काम किसने किया?

ओडिशा की 40 लाख गरीब बहनों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन मिला, माताए-बहने, धुएं से मुक्त हो गयीं। ये गैस का चूल्हा, गैस का कनेक्शन किसने दिया? ओडिशा में लगभग 1 करोड़ 40 लाख लोगों के बैंक के खाते खुलवाए गए, आजादी के 70 साल तक गरीब को बैंक के दरवाजे तक पहुंचने की इजाजत नहीं थी। हमने 1 करोड़ 40 लाख लोगों के बैंक के खाते खुलवाए। ये काम किसने किया ?

ओडिशा में लगभग 50 लाख शौचालयों का निर्माण किया  गया है। 50 लाख शौचालय, मतलब 50 लाख परिवारों की माताओं-बहनों के लिए इज्जत घर बनाया है। मां बहनों की इज्जत के लिए मैं शौचालय का काम कर रहा हूं। आप बताइए ये 50 लाख शौचालय बनाने का काम किसने किया? आपने हर सवाल का जवाब एक ही दिया मोदी, मोदी, मोदी, मोदी.....

आपका जवाब गलत है, ये मोदी ने नहीं, ये मोदी तो सिर्फ सेवक है ये सारे काम आपके एक वोट के कारण हुए हैं। आपके वोट की ताकत, आपके वोट ने हिंदुस्तान का भाग्य बदला है, आपके वोट ने हिंदुस्तान की दिशा बदली है, आपके वोट ने हिंदुस्तान के गरीब की ज़िन्दगी में एक नया उजाला लाया है। आपके वोट ने हिंदुस्तान के गरीब की जिन्दगी में एक नया विश्वास पैदा किया है। आपके वोट ने हिंदुस्तान के गरीब में एक आशा भरी है और इसीलिए मोदी नहीं मोदी तो सिर्फ निमित्त है, मोदी तो एक सेवक है, इस सारी सफलता के हकदार आप हैं, हिंदुस्तान के मतदाता हैं।

आपने देख लिया, आपका भाग्य विधाता कोई परिवार नहीं, दिल्ली के बड़े-बड़े बंगलो में रहने वाले नहीं, आप ही आपके भाग्यविधाता हैं। आप सभी के साथ से ही मैं ओडिशा के लिए अनेक काम कर पाया हूं। कुछ बाते मैंने बताई लेकिन बहुत कुछ कर पाया हूं वो आपके कारण और मैं मानता हूं अगर 2014 में यहां बीजेपी की सरकार बनती, भुवनेश्वर में भारतीय जनता पार्टी का मुख्यमंत्री बैठा होता तो ये सुविधाएं पहुंचाने में मुझे जो तकलीफ हो रही है, गति धीरी-धीरी चलती है। वो काम मैं तेज गति से कर सकता था और तेज रफ्तार से कर सकता था और जितना हुआ है उससे अनेक गुना कर सकता था लेकिन मुसीबत यहां राज्य में जो सरकार बैठी है वो हिलती ही नहीं है।

भाइयो और बहनो, यहां की सरकार से सहयोग न मिलने के बावजूद मैंने बहुत ईमानदारी से आपके लिए मेहनत की है। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ आदिवासी क्षेत्रों में अधिक से अधिक हो, इसका प्रयास इस चौकीदार ने किया है। बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, विकास की इसी पंचधारा को हमने देश के पिछड़े से पिछड़े इलाके तक पहुंचने की कोशिश की है।

साथियो, जनजातीय कल्याण के लिए केंद्र सरकार ने इस बार 30% से अधिक राशि का प्रावधान किया है और आपको याद होगा हिंदुस्तान में, आप मुझे बताइए आजादी के पहले आदिवासी समाज था कि नहीं था।

जरा जोर से बोलिए..

आजादी के पहले आदिवासी समाज था कि नहीं था?  नेहरू जी के जमाने में आदिवासी समाज था कि नहीं था? इंदिरा जी के जमाने में आदिवासी समाज था कि नहीं था? राजीव गाँधी जी के जमाने में आदिवासी समाज था कि नहीं था, था की नहीं था?

लेकिन कांग्रेस के इतने वर्षों के शासन में उनको कभी भी भारत सरकार में आदिवासी मंत्रालय बनाने का विचार ही नहीं आया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनने के बाद देश में पहली बार अलग आदिवासी मंत्रालय बना, आदिवासी मंत्री को काम दिया गया, सरकार से बजट आदिवासियों के लिए बजट अलग से रखा गया ताकि मेरे देश के आदिवासियों के जीवन में बदलाव आए।

भाइयो-बहनो, उस बात को हम आगे बढ़ा रहे हैं। इस बार अपने देखा होगा हमारा ओड़िशा इतने मछुआरे भाई बहन हमारे यहां रहते है, हिंदुस्तान के हर कोने में मछुआरे भाई बहन हैं। समुद्री तट पर भी हैं, नदी के तट पर भी हैं लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या उनके लिए कोई मंत्रालय नहीं, उनकी समस्या के सावधान के लिए कोई व्यवस्था नहीं। हमारी सरकार ने अभी पिछले वर्ष ही, मैंने एक बहुत बड़ी, देश की सेवा करने का सौभाग्य मिला और हमे जैसे अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जैसे आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया था। मैंने मछुआरे के लिए अलग मंत्रालय बनाया, माछीमार के लिए अलग मंत्रालय बनाया जो पूरे हिंदुस्तान के माछीमार समाज, गरीब समाज को काम आने वाला है।

भाइयो बहनो, जंगल की जो दुनिया है, वन-धन जंगल की पैदावार इसका बहुत बड़ा महत्व है और इसीलिए वन-धन योजना के माध्यम से ये सुनिश्चित किया जा रहा है की जंगल से जो आप उपज लेते है उसकी बेहतर कीमत आपको मिल पाए। 5 वर्ष पहले जहां 10 फसलों पर MSP  मिलता था वन सम्पदा पर हमारी सरकार ने उसको बढ़ा कर के 10 में से 50 सम्पदाओं पर MSP  देने का निर्णय किया, आदिवासी की आय सुनिश्चित की।  

केंद्र की NDA सरकार ने ही बांस के कानून को भी बदला है। जिससे आप अपने खेतों में भी बांस उगा कर पैसे कमा सकते हैं। पहले अगर बांस काटते थे तो जेल जाना पड़ता था, ये गरीबों के नाम पर बाते करने वाले, आदिवासियों के नाम पे बाते करने वाले लोगो ने बांस का ऐसा कानून बना दिया था की हिंदुस्तान का गरीब आदिवासी अपने खेत में बांस को छू नहीं सकता था। हमने बदल दिया कानून, गरीबों के लिए बदला, जंगल में रहने वालों के लिए बदला।

साथियो, जनजातीय बच्चों के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। देशभर में अब तक ऐसे 400 से ज्यादा स्कूल खुल चुके हैं, ज्यादा आदिवासी बच्चों को स्कॉलरशिप मिल सके, इसके लिए भी नए नियम बनाए गए है। विकास के लिए किए जा रहे इन कार्यों का ही प्रभाव है की अब ज्यादा से ज्यादा नौजवान मुख्यधारा से जुड़ते जा रहे हैं। सरकार की कोशिशों की वजह से ही नक्सली प्रभाव वाले क्षेत्रों का दायरा लगातार सिकुड़ता चला जा रहा है, कम होता जा रहा है।

साथियो,ऐसे ही अनेक काम है जिसके चलते इस बार ओडिशा एक नया इतिहास रचने वाला है। साल 2017 में जो इतिहास, उत्तर प्रदेश ने रचा 2018 में जो इतिहास  त्रिपुरा ने रचा, वही काम देश की राजनीति में इस बार मेरा ओडिशा करने वाला है। आपको भरोसा है कि नहीं है? ओडिशा में सरकार बदलेगी कि नहीं बदलेगी? दिल्ली में मजबूत सरकार  अब और मजबूत बनेगी कि नहीं  बनेगी? देशहित में साथ होंगे कि नहीं होंगे? ओडिशा की भलाई का काम होगा कि नहीं होगा? आपका ये विश्वास ये बात अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है। दिल्ली में भी अब लोग बोलने लगे है की अब ओडिशा इस बार हिंदुस्तान के अंदर एक नई ताकत बनकर के उभरने वाला है और इसिलए मेरी आपको अग्रिम बधाई, हिंदुस्तान के मुख्य धारा का नेतृत्व ओडिशा करे इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है भाई?

केंद्र की हमारी सरकार के कार्यों से देश में गरीबी कम हुई है और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं की ओडिशा में भाजपा सरकार बनने के बाद यहां पर भी गरीबों की स्तिथि में सुधार हम बहुत तेजी से ला पाएंगे। जो गति 70 साल की नहीं थी वो गति हम 5 साल में लाकर के खड़ी कर देंगे।

भाइयो और बहनो, इस बार ओडिशा में होने जा रहे परिवर्तन के बीच, मैं आज कांग्रेस और BJD पर गंभीर आरोप लगाना चाहता हूं। इन जैसे दलों ने गरीब को गरीब रखने की साजिश रची है। एक ऐसी साजिश, जिसका पाप ये दल कभी नहीं धो पाएंगे। गरीब को उन्होंने वोटबैंक समझा है, जो चुनाव दर चुनाव इनके साथ बहुत विश्वास से जुड़ा और उन्होंने हर चुनाव के बाद गरीब को धोखा दिया है। इसी धोखे की वजह से न जाने कितने दाना मांझी जैसे लोगों को एंबुलेंस तक नहीं मिलती है। इसी धोखे की वजह से न जाने कितने लोगों को अपना घर-परिवार छोड़कर मजदूरी करने के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। इसी धोखे की वजह से ओडिशा विकास की दौड़ में उतना आगे नहीं निकल पाया जितना निकलना चाहिए था।

साथियो, मत भूलिए कालाहांडी के साथ कांग्रेस की एक पहचान जुड़ी हुई है। ये पहचान है कांग्रेस द्वारा अपनी नाकामी को स्वीकार करते हुए दिया गया बयान। यहां कालाहांडी में ही राजीव गांधी ने कहा था वो दिल्ली से 1 रूपए भेजते हैं और यहां के गरीब आदिवासी तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते है, तब पंचायत से संसद से तक सिर्फ कांग्रेस का ही झंडा फहराता था और कोई पार्टी नहीं थी। सब जगह पे वही बैठे थे और उनको कहना पड़ा रूपया भेजते है तो 15 पैसा पहुंचता है, मतलब कोई पंजा रुपए को घिस-घिस के 15 पैसा कर देता था, 85 पैसे किसी पंजे के अंदर समा जाते थे।

भाइयो-बहनो, सवाल ये की इस नकामी को स्वीकार करने के बाद कांग्रेस ने क्या किया, अगर प्रधानमंत्री को उस समय पता था की रूपए का 15 पैसा जा रहा है तो उन्होंने उसका उपाय करना चाहिए था कि नहीं चाहिए था? एक रूपए निकले तो 100 पैसा पहुंचे ये उनकी जिम्मेवारी थी कि नहीं थी? अगर आप डॉक्टर के पास जायें और डॉक्टर बता दे की ये बीमारी है लेकिन डॉक्टर अगर बीमारी ठीक नहीं करेगा तो उस डॉक्टर के पास दोबारा जाओगे क्या? ये ऐसे ही लोग हैं बीमारी तो बता देते है, लेकिन दवाई करने की ताकत नहीं रखते है वो ताकत मोदी रखता है, चौकीदार रखता है।  

इतना ही नहीं दशकों बाद जब दिल्ली में कांग्रेस ने रिमोट कंट्रोल वाली सरकार बनाई, तो फिर ये माना कि 1 रुपए भेजने पर 15 पैसे नहीं, अब बहुत सुधार हुआ है। उन्होंने कहा बहुत सुधार हुआ है। राजीव गांधी के जमाने में 15 पैसे जाते थे अब हमारे जमाने में 16 पैसे जाते हैं। यानी करीब 25 साल में कांग्रेस के पंजे ने ओडिशा को देश के गरीबों को सिर्फ एक पैसे की राहत दी, एक पैसे की।  

 

साथियो, गरीबों का पैसा खाने वालों पर आपको भरोसा है क्या? आपको भरोसा है क्या? गरीबों को लूटने वालों पर भरोसा है क्या? 70 साल तक आपके हक को लूटा गया उनको आप माफ करेंगे क्या?

साथियो, जब चुनाव आता है तो ये माला जपना शुरू कर देते है गरीब, गरीब, गरीब.....

जहां भी देखो ये गरीब-गरीब कह कर गरीब का ही हक खाते हैं। यही कांग्रेस के पंजे की सच्चाई है। यही इनकी नीति और नियत रही है लेकिन मैं आपका आभारी हूं की आपने 2014 में इन सारी स्तिथियों को बदलने का मुझे आदेश मिला, अपने आदेश दिया और मुझे आपने जिम्मेदारी सौंपी।  

साथियो, कांग्रेस जो इतने दशकों में नहीं कर पाई वो मैंने सिर्फ 5 साल में कर दिखाया है। आज मैं गर्व से कह सकता हूं की अगर केंद्र सरकार दिल्ली से गरीब के लिए 100 पैसे भेजती है वो पूरा का पूरा 100 पैसा गरीब की जेब तक पहुंच जाता है भाइयो।

बहनो और भाइयो, आपके इस चौकीदार ने देशभर में लगभग 8 करोड़, ये समझने जैसा है भईया। देशभर में लगभग 8 करोड़ ऐसी फर्जी लोगों की पहचान कर उनको बहर निकाला है जो आपका राशन, आपको दी जाने वाली हर मदद, उस पर ये डाका डालते थे, लूट लेते थे।  

सोचिये, 8 करोड़ मतलब पूरी ओडिशा की आबादी है। उससे भी ज्यादा लोग फर्जी, वो इसका फायदा उठा लेते थे जिसके वो असली हकदार नहीं थे, जिसके असली हकदार आप लोग थे। ये ऐसे लोग थे जो कभी जन्में ही नहीं लेकिन इनके नाम से दूसरे लोग दूसरे बिचौलिया अपनी तिजोरियां भर रहे थे।

भाइयो और बहनो, मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं, केंद्र सरकार 24 – 25 रुपए में एक किलो गेहूं खरीदती है और देश का गरीब भूखा न मरे इसीलिए गरीब के घर  में 24 - 25 रुपए वाला गेहूं सिर्फ 2 रुपए में गरीब के घर दिल्ली की सरकार पहुंचाती है। चावल भी दिल्ली सरकार, मोदी सरकार 30-32 रुपए में खरीदती है और सिर्फ 3 रुपए में ये गरीब के घर तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों के माध्यम से पहुंच जाती है। लेकिन इस गेहूं और चावल का गरीब को पूरा लाभ मिल ही नहीं पाता था। एक समूचा तंत्र ऐसा बना हुआ था जो फर्जी राशन कार्ड से अधिकांश अनाज उठा लेता था यानी गरीब का 2 रुपए वाला उठाओ और बाजार में 30-32 में बेच दो। गरीब का 3  रुपए वाला चोरी कर लो और बाजार में 35-40  में बेच दो अब कल्पना कर सकते है कितने रुपए  मांग लेते थे। और इसलिए आप लोग जब राशन की दुकान पर जाते थे तो वहां अक्सर बोर्ड लगा रहता था, अभी माल आया नहीं, या आया था, आप देर से आये या खली हो गया और आपको बाजार से महंगी चीज खरीदनी पड़ती थी।

साथियो, सरकार व्यवस्थाएं नहीं कर पा रहीं, राज्य सरकारें ऐसी हालत थी और इसीलिए केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया अनाज बाद में वही गरीब बाहर से बाजार से ज्यादा कीमत पर खरीदने पर मजबूर होता था। आप कल्पना कर सकते हैं कि देश का कितना ज्यादा पैसा बिचौलियों के पास जा रहा था, कालेधन में बदल रहा था और कोई सुनवाई नहीं थी ये लीकेज बंद करने का काम, ये चौकीदार ने किया है भाई। अब जब फर्जी राशन कार्ड से होने वाले लूट बंद हुई तो गरीबों को भी सस्ते राशन का रास्ता साफ हुआ है। पिछले 5 वर्षो में बिना जनता पर बोझ डाले सरकार ने सस्ते राशन की कीमतों को स्थिर रखा है,  जिसका हक था उसका वो हक सुनिश्चित किया गया।

साथियो, फर्जी गैस कनेक्शन, फर्जी राशन कार्ड , फर्जी नामों को हटा कर एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा लागत, जो गलत हाथों में जाते थे उनको बचाने का काम इस चौकीदार ने किया है, लूट का ये खेल बंद हो गया और तभी ये महामिलावटी लोग, ये डाका डालने वाले लोग, ये बिचौलिये लोग, ये गरीब का लूटने वाले लोग, इन दिनों एक ही काम कर रहे है चौकीदार हटाओ, चौकीदार हटाओ, मोदी हटाओ । जितनी गालियां डिक्शनरी में है वो सारी गालियां मोदी को पड़ रही है लेकिन मोदी ये गालियां खाने के लिए तैयार है, गरीबों के हकों की रक्षा के लिए ये गालियां भी मेरे लिए गहना है।

भाइयो-बहनो, हमारे देश में जो परम्परा कांग्रेस ने डाली उसको आगे बढ़ाने का काम BJD ने भी किया है। बीते दो दशक में या खनन माफिया या चिट-फंड के धोखेबाज, भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को बढ़ावा मिला है। जिन संसाधनों का आपको लाभ मिलना चाहिए था वो बिचौलियों, दलालों और माफियाओं के पास चला गया। आपको चिटफंडियों के मददगार चाहिए या चौकीदार चाहिए? आपको चिटफंड के मददगार चाहिए या कि चौकीदार चाहिए? आपको माइनिंग माफिया चाहिए की चौकीदार चाहिए? आपकी कपास की खेती हो धान  की खेती हो इन्होनें क्या हाल बना के रखा ये भी आप अच्छी तरह जानते है। केंद्र सरकार ने कपास और धान का समर्थन मूल्य लागत का 1.5 गुणा तय किया है,लेकिन BJD  की सरकार यहां ठीक से खरीदी भी नहीं करती है। गरीब के साथ किसान की भी दुश्मन है ये  BJD सरकार। मैं इसका एक और उदाहरण आपको देता हूं। केंद्र सरकार देशभर के करीब 12 करोड़ किसानों को हर साल 75 हजार करोड़ रूपए सीधे बैंक खाते में जमा कर रही है। इस योजना को अभी महीना भर ही हुआ है और करीब 3 करोड़ किसान परिवारों के खाते में पहली किश्त पहुंच भी चुकी है। लेकिन साथियो, ओडिशा का इसमें एक भी किसान नहीं है। क्योंकि BJD सरकार, किसान और केंद्र सरकार की इस योजना के बीच दीवार बनकर खड़ी हो गई है।

भाइयो और बहनो यही काम इन्होंने आपके स्वस्थ के लिए बनी योजना, आयुष्मान भारत योजना के साथ भी किया है। देश भर में ओडिशा के लाखों परिवारों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल सकता था लेकिन यहां की सरकार ने आयुष्मान योजना भी लागू नहीं की है।

साथियो,BJD  के नेताओं ने आपके वोट को गारंटी मान लिया है, इनको लगता है की ये कुछ भी करें आप कभी भी उनका जवाब नहीं मानेंगे, हिसाब नहीं मांगेंगे, माफ करते रहेंगे। अब इनको सच्चाई का सामना करना जरुरी हो गया है।

भाइयो और बहनो, 19 साल का समय कम नहीं होता है जन्म के 19 साल से बच्चा वोट डालने के काबिल हो जाता है। पढ़ाई के 19 साल के बाद विद्यार्थी BA, MA डॉक्टर, इंजीनियर बन जाता है। आपने 19 सल तक BJD  पर भरोसा किया लेकिन अब परिवर्तन का समय आ गया है। ओडिशा में 19 साल बाद एक नए सूरज का उदय होना जरुरी रहा है। 11 अप्रैल को आपको भुवनेश्वर और दिल्ली में विकास के डबल इंजन के लिए वोट डालना है। आपको नए ओडिशा-नए भारत के इस नए विश्वास के लिए भारी संख्या में वोट करना है। आप चौकीदार को और मजबूत करेंगे। मजबूत सरकार के लिए भरपूर समर्थन देंगे, इसी विश्वास के साथ इतनी गर्मी में इतनी बड़ी तादाद में, आप आशीर्वाद देने आये इसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयो बहनो, आज जब कालाहांडी आया हूं तो पुरानी बातें याद ताजा होना बहुत स्वाभाविक है। मैं पहली बार कालाहांडी आया था जब, मैं मुरली मनोहर जोशी के साथ मैं यहां आया था। हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी कश्मीर की परिस्थिति को ललकारने के लिए कन्याकुमारी से निकले थे। जोशी जी ने एकता यात्रा निकली थी। आतंकवादियों की ललकार के बीच मौत को मुट्ठी में लेकर निकले थे और मुझे उन्होंने उस समय एक सेवक के रूप में उस यात्रा की व्यवस्था का काम दिया था। उनके साथ मुझे भी यहां आने का सौभाग्य मिला था। कश्मीर की रक्षा के लिए, कश्मीर के लाल चौक में तिरंगे झंडे की रक्षा के लिए, डॉक्टर जोशी जी के नेतृत्व में वो एकता यात्रा जब कालाहांडी पहुंची तब जो आपने स्वागत सम्मान किया था , जो प्यार दिया था, आशीर्वाद दिया था वो मैं कभी भूल नहीं सकता, कभी भूल नहीं सकता हूं। और मैं कालाहांडी में डॉक्टर जोशी जी का भी आदरपूर्वक स्मरण करता हूं की उन्होंने मुझे पूरे देश के दर्शन करने का एक मौका दिया था। श्रीनगर में मुझे वो अपने साथ ले गए थे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते उन्होंने पूरे देश में देशभक्ति का एक प्रकार से वातावरण पैदा किया था और उस समय कालाहांडी आपके बीच मुझे आने का सौभाग्य मिला था। मैं आज फिर एक बार कालाहांडी को नमन करता हूं। आपके सामर्थ्य को नमन करता हूं। जय जगन्नाथ की इस धरती को नमन करता हूं और आपके साथ आज अनेक-अनेक आशीर्वाद की कामना करते हुए मेरे साथ बोलिए…

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

और एक नारा बोलना है उसको और ताकत से बोलना है बोलेंगे..?

मैं कहूंगा मैं भी, आप कहेंगे चौकीदार हूं  

मैं भी...चौकीदार हूं

मैं भी...चौकीदार हूं

गली-गली में चौकीदार, चौक-चौक पर चौकीदार, गांव-गांव में चौकीदार, शहर-शहर में चौकीदार, बच्चा-बच्चा चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग चौकीदार, माता-बहन चौकीदार, युवा-जवान चौकीदार, खेत-खलिहान में चौकीदार, बाग-बागान में चौकीदार, चारों और चौकीदार, हिंदुस्तान भर में चौकीदार, सीमा पार चौकीदार।

भाइयो और बहनो, आइए हम चौकीदार बन के देश की चौकी करते हुए आगे बढ़े।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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