Be it Congress or SP or BSP, all have failed to meet the aspirations of people in Uttar Pradesh: PM
By allying with the Congress, the SP and the CM have insulted Dr. Lohia, who resisted the Congress: PM
The UP Chief Minister says Kaam Bolta Hai but projects are incomplete: PM
Due to anti-farmer nature of SP, insurance cover in UP stands at a low: PM
Centre committed to eradicate corruption, we've initiated several strong measures: PM

भारत माता की जय।  भारत माता की जय। मंच पर विराजमान भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमान महेंद्र सिंह जी। जिलाध्यक्ष श्री शरद वाजपेयी जी। इस रैली के प्रभारी श्री पुरुषोत्तम जी खंडेलवाल। संसद में मेरे साथी भाई अजय मिश्रा जी। जिला के प्रभारी श्री वीरेंद्र प्रताप सिंह। संसद में हमारी साथी श्रीमती रेखा अरुण वर्मा जी। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष श्रीमान गोविंद पांडेय जी। सिताबपुर के जिलाध्यक्ष श्री अजय कुमार गुप्ता जी। और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के होनहार उम्मीदवार-धौरहारा से श्रीबाला प्रसाद  अवस्थी जी। इधर आइये बाला जी। पुलिया से श्रीमान रोमी साहनी जी। निधासन से श्रीमान रामकुमार वर्मा जी। कसता से सौरभ सिंह सोनू जी। मोहमदी से श्रीमान लोकेंद्र प्रताप सिंह। हरगांव से श्रीमान सुरेश शाही जी। श्रीनगर से श्रीमती मंजू त्यागी जी। लखीमपुर से श्रीमान योगेश वर्मा जी। आप सब दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

विशाल संख्या में पधारे हुए लखीमपुर के मेरे प्यारे भाईयों और बहनों।

ये 2017 का चुनाव 2022 में भारत की आजादी के पचहत्तर वर्ष आ रहा है। ये जो सरकार चुनी जाएगी वो 2022... भारत की आजादी के 75 साल, आजादी के बाद 75 साल पहुंचते हुए हमारा देश कहां पहुंचना चाहिए। किन किन समस्याओं से देश को मुक्ति मिलनी चाहिए। ये सारा समय ऐसा महत्वपूर्ण संकल्प का काम करके दिखाने का बदलाव लाने का है।  विकास को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का ये समय हमारे सामने है। उत्तर प्रदेश ने भूतकाल में अनेक दशकों तक कांग्रेस का शासन देखा है। कई बार सपा की सरकारें देखीं है। कई बार बीएसपी की सरकार देखी है।

भाइयों बहनों मैं आपको पूछना चाहता हूं।

क्या इन लोगों ने आपके जीवन में कोई बदलाव लाया है ...? आपका भला किया है ...?  उत्तर प्रदेश का भला किया है ...? किसानों का भला किया है ...? माताओं बहनों को सुरक्षा दी है ...? हर परीक्षा में, हर कसौटी में ये जो फेल हुए हैं ।  क्या  ऐसे लोगों को दुबारा परीक्षा  देने का भी हक है क्या?

भाइयों बहनों।

2014 के लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने सारा हिसाब चुकता करके दिखा दिया था। अपने आप को दिग्गज मानने वाली पार्टियों को उत्तर प्रदेश  से साफ कर  दिया था। सिर्फ दो कुनबे के कुछ लोग जीतकर के आए थे। दो कुनबे के। सामान्य कार्यकर्ताओं को जिता नहीं पाए थे। उन्होंने  पूरी ताकत कुनबे को बचाने के लिए लगाई थी। एक कांग्रेस के दो लोग जीतकर के आए थे। सपा के कुनबे के कुछ लोग जीत करके आए थे। बाकी सारी की सारी सीटें ये उत्तर प्रदेश के लोगों ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी को जिता दिया था। श्रीमान अखिलेश जी खतरे की घंटी तो उसी दिन बज गई थी। जब 2014 में उत्तर प्रदेश की जनता ने आपका सफाया कर दिया था। अच्छा होता … 2014 के चुनाव के बाद आपको ढाई साल मिले आप जनता के लिए कुछ अच्छा कर पाते। अपनी छवि ठीक कर पाते। गुंडागर्दी को रोक पाते। किसानों के कल्याण के लिए कुछ चीजें धरती पर उतार  कर लाते। लेकिन 2014 में उत्तर प्रदेश की  जनता  ने बसपा  को साफ कर दिया। कांग्रेस को कड़ी से कड़ी सजा दी । समाजवादी पार्टी के सारे सपने चूर-चूर कर दिए। उसके बाद भी आप सुधरने के लिए तैयार नहीं है। उत्तर प्रदेश के लिए कुछ करने के लिए तैयार नहीं हैं। और इसलिए  भाइयों बहनों जब उनको डर लगा कि 2014 में परिवार भी एक था,  कोई झगड़े वगड़े नहीं थे। अखिलेश की तब तक छवि भी ठीक थी…. उस समय तक तो । लोगों को लग रहा था कि नौजवान है, कुछ करेगा. लेकिन जब 2014 में आपके सूपड़े साफ हो गए तो आप लोगों का भला करने की बजाय, जोड़ तोड़  की राजनीति में लग गए गठबंधन के कारोबार में लग गए। और ऊपर से परिवार भी बिखर गया। और इसलिए आप, आप कांग्रेस की शरण में जाकर बैठ गए। जो राम मनोहर लोहिया जिंदगी भर कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे । जो राम मनोहर लोहिया के चेले चपाटे सारे जीवन भर चना मूरमूरा खाकरके कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे... आपने राम मनोहर लोहिया जी को अपमानित किया। जय प्रकाश नारायण जी को अपमानित किया। सिर्फ कुर्सी के मोह में आप कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए। मैं आज प्रथम चरण का जो मतदान हुआ है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में... मैं सबसे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा बसपा  कांग्रेस को करारा उत्तर देने वाला मतदान हुआ है। विक्रम मतदान हुआ है। और इसलिए मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का हृदय से अभिनंदन करता हूं।

भाइयों बहनों।

पहले चरण का रुख ये साफ-साफ बता गया कितने ही गठबंधन कर लो, आपके पाप धुलने वाले नहीं है। आप बचने वाले नहीं हैं। जब उनको लगा कि प्रथम चरण में ही उनका पत्ता साफ हो रहा है तो…  चुनाव का मतदान चल रहा था, हड़बड़ी में उनको तीसरा घोषणा पत्र निकालना पड़ा। इसी चुनाव में हर हफ्ते नए घोषणा पत्र निकालने पड़ते हैं क्या? जब पराजय सामने दिख गया तो दोनों पत्रकारों के सामने बैठकरके गिड़गिड़ाने लगे। कहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव की खबरें न आ जाएं। और इसलिये नए-नए मुद्दे डाल करके अपनी इज्जत बचाने के लिए फिर से कोशिश की। अरे कितने ही घोषणा पत्र निकाल दो कितने ही मुद्दे निकाल दो। आपातकाल याद है। श्रीमती इंदिरा  गांधी जी ने 20 मुद्दे निकाले थे, 20 मुद्दे, और पूरे उत्तर प्रदेश में एक भी सीट जीत नहीं पाए थे।  आप दस मुद्दे लेकरके आए हो... उत्तर प्रदेश में बचने की कोई संभावना नहीं है। ये उनको इसलिए करना पड़ता है कि कहीं पर उनको आशा नजर नहीं आ रही है।

आप मुझे बताइये भाइयों बहनों।

ये उत्तर प्रदेश का चुनाव है यहां पर समाजवादी पार्टी अखिलेश जी की पांच साल से सरकार है। इस चुनाव में उन्होंने अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? दे रहे हैं क्या? कोई काम का हिसाब दे रहे हैं क्या? आप मुझे बताइए भाइयों आज मैं यहीं से लखनऊ जाने को तैयार हूं। मैं अखिलेश जी को कहता हूं आप भी लखनऊ आइये…  हम दोनों लखनऊ के मेट्रो स्टेशन पर जाएं और टिकट खरीदें और दोनों जाकर के मेट्रो में जरा सफर करके आएं। आपने उद्घाटन किया था न। गाजे बाजे के साथ उद्घाटन किया था न। भारत सरकार ने पैसे दिए थे, लेकिन भारत सरकार के किसी मंत्री को बुलाया तक नहीं था... अरे लखनऊ के सांसद तक को अपमानित किया था... क्यों, क्योंकि चुनाव में आपको काम दिखाना था इसलिए आपने फीता काट दिया। लेकिन न रेल का स्टेशन बना है, न कहीं ट्रेन चलती है... आप मुझे बताइये भाइयों बहनों। अगर इसी तरह से अगर … इसी प्रकार से लोगों को मूर्ख बनाने का काम चलता रहेगा। तो भाइयों बहनों मुझे बता दीजिए कि कैसे कैसे लोगों का भला होगा। आप जरा मुझे बताइये... आपने बड़े मेदांता अस्पताल का उद्घाटन किया, हड़बड़ी में किया। क्योंकि काम बोले। आइए अखिलेश जी अपन चले जाएं मेदांता अस्पताल में आपका बीपी चेक करे... मेरा बीपी चेक करे... मैं मान लूंगा अस्पताल चालू हुआ है। न कोई डॉक्टर है, न कोई पेसेंट है, न कोई व्यवस्था है, फीता काट दिया। ये आपका काम बोल रहा है क्या। ये काम बोल रहा है क्या। अरे अखिलेश जी आपका तो काम ये बोल रहा है कि उत्तर प्रदेश की माताएं बहनें गले में चेन डालने से डरती हैं। कहीं घर के बाहर जाएं कोई चेन छीनकरके ले न जाए। ये आपका काम नहीं आपकी पार्टी के दबंग लोगों के कारनामे बोलते हैं, आपकी पार्टी में गुंडागंर्दी करने वालों के पाप बोलते हैं। छत पर चढ़करके बोल रहे हैं।

भाइयों बहनों।

जिस उत्तर प्रदेश में हर दिन... कोई कहता है 12, कोई कहता 15, कोई कहता है 20, हर दिन इतनी बलात्कार की घटनाएं होतीं हों भाइयों बहनों हर  दिन 12, 15, 17 हत्याएं होती हों, हर हत्या के पीछे कहीं न कहीं राजनीति की बू आती हो, भाइयों बहनों पूरा उत्तर प्रदेश जानता है  जो जेलों में बंद है वो बाहर अपनी गैंग चलाते हैं और जेल से इशारे करते हैं और लोगों को मार दिए जाते हैं। भाइयों बहनों आप मुझे बताइये जेलों से गैंग चलती हो, हर दिन इतने बलात्कार होते हों, निर्दोषों की हत्याएं होती हों, अपहरण होते हों, दंगे होते हों इसे आप अखिलेश जी का काम कहेंगे या समाजवादियों के कारनामे कहेंगे। ये काम है कि कारनामा। ये काम है कि कारनामा। ये काम है कि कारनामा।

भाइयों बहनों>

हिंदुस्तान का सबसे बड़ा प्रदेश क्या ऐसे  गुंडा लोगों के हाथ में निर्दोष लोगों को उनके हवाले कर दिया जाएगा। भाइयों बहनों मैं आपको विश्वास दिलाता हूं एक बार... एक बार हमें सेवा करने का मौका दीजिए। छह महीने  के भीतर भीतर... छह महीने  के भीतर भीतर... ये कट्टे और कट्टे वाले हो... ये चाकू या छुरी वाले  हो... ये बलात्कारी हो... ये बड़े -बड़े लोगों की गैंग हो, छह महीने के भीतर उनको  जेल के सलाखों में न डाल दूं… तो आप मुझे कहना मेरे भाइयों। मैं उत्तर प्रदेश की माताओं को कहना चाहता हूं आज दिल्ली में आपका एक ऐसा भाई बैठा है जो आपकी रक्षा करने के लिए उत्तर प्रदेश का सेवा करना चाहता है। आप हमें मौका दीजिए। क्या कारण है, क्या कारण है, मेरी माताएं बहनें ये जुल्म सहें।  आज उत्तर प्रदेश का कोई इलाका ऐसा नहीं है जहां दिन दहाड़े भी कोई मां बेटी अकेली घर के बाहर निकल पाती हो। कृष्ण और राम की ये धरती क्या बनाकरके रख दिया भाइयों। यहां के लोग अच्छे हैं, मेहनत करते हैं। उत्तर प्रदेश के लोग जहां-जहां गए उस इलाके  की भलाई के लिए मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, ऐसे मेहनती लोग हैं, लेकिन उसी उत्तर प्रदेश को यहां की सपा सरकार कांग्रेस सरकार बीएसपी... इनकी राजनीति ने गुंडागर्दी के संरक्षण ने उन्हें तबाह कर के रखा हुआ है।

इसलिए भाइयों और बहनों।

ये हमारा लखीमपुर जिला पूरे  उत्तर प्रदेशका सबसे बड़ा जिला... चीनी का कटोरा कहा जाने वाला ये मेरा लखीमपुर... हमारे किसानों का पसीना मीठा हो  जाता है, स्वीट हो जाता है, स्वीट हो जाता है। ऐसे गन्ने की ताकत है यहां। लेकिन, भाइयों बहनों, गन्ना किसानों का बकाया चुकता करने में अखिलेशजी आपको कौन रोकता है। हर किसान बोलता है गन्ने की खेती करने वाला हर किसान बोलता  है कि आपने उसके हक को छीना है।  क्या यही आपका काम बोलता है। भाइयों बहनों मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को बहुत हृदय से बधाई देना चाहता हूं। इस चुनाव में उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में आपको वादा किया है कि भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद 14 दिन में, दो सप्ताह  में गन्ना किसानों का बकाया चुकता कर दिया जाएगा। भाइयों बहनों मैं उत्तर प्रदेश बीजेपी को इसलिए भी बधाई देता हूं कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के किसानों को वादा किया है। भाजपा की सरकार बनने के बाद यहां के छोटे किसान हैं उनका कर्ज  माफ कर दिया जाएगा।

भाइयों बहनों।

आप उत्तर प्रदेश वालों ने मुझे सांसद भी बनाया प्रधानमंत्री भी बनाया... देश को स्थिर सरकार भी दी। तीस साल के बाद देश को स्थिर सरकार देने का अगर यश किसी को जाता है तो मेरे उत्तर प्रदेश के भाइयों बहनों को जाता है। तो आपने मुझे उत्तर प्रदेश का सांसद भी बनाया है। तो उत्तर प्रदेश के सांसद के नाते लखीमपुर के मेरे किसान भाइयों को मैं वादा करता हूं कि भारतीय जनता पार्टी  की सरकार बनने के बाद पहली ही मीटिंग में पहला ही काम किसानों की कर्ज माफी कर दिया जाएगा। और मैं खुद, मैं खुद इस काम को करवा के रहूंगा ये मेरी जिम्मेवारी मान लीजिए। मैं उत्तर  प्रदेश से करवा के रहूंगा।

भाइयों बहनों।

आप  मुझे बताइये मायावती जी के शासन में चीनी मिल की नीलामी, ये बड़ा तूफान खड़ा हुआ था कि नहीं हुआ था। भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे कि नहीं लगे थे। और, श्रीमान अखिलेश जी आपने इस घोटाले की जांच करवाने का जनता को वादा किया था कि नहीं किया था। जांच करवाने का वादा किया था कि नहीं किया था। पांच साल हो गए कि नहीं गए। आप मुझे बताइये घोटाले की जांच हुई क्या। जांच हुई क्या। क्या ये काम बोलता है क्या। ये काम बोलता है क्या। मायावती का ये घोटाला दबाने  के बदले में क्या मिला । जरा अखिलेश जी ये उत्तर प्रदेश की जनता जानना चाहती है। बताओ क्यों दबा दिया भाइयों बहनों कोई मुझे बताइये, अपने खेत की जो बाड़ होती है। बाड़ बोलते हैं कि यहां पर। खेत की जो मेड़ होती है मेड़। कोई खेत की मेड़ का इंश्योरेस निकालता है क्या, कोई निकालता है क्या। आप बताइये जो मेड के बाद  सबसे कम नुकसान होने वाली कोई फसल है... कम से कम नुकसान हो सकता है, जिसका कम से कम जोखिम है वो अगर फसल है तो गन्ना है। जिसका कम से कम जोखिम  होता है। लेकिन ये उत्तर  प्रदेश की सरकार गन्ना किसानों को सजा करने के इरादे से… उतने गन्ना किसानों को गन्ने को मजबूरन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में  घुसेड़ दिया और  उसके कारण गन्ना किसानों पर हजारों करोड़ों का बोझ आ गया। हमने सितंबर में उनको चिट्ठी लिखी। हमारे मंत्री जी ने कि भाई गन्ना  किसानों पर ये बोझ मत डालो, ये प्रधानमंत्री बीमा योजना उन फसलों के लिए होती है जिस पर जोखिम ज्यादा होता है। ओले गिर जाए तो किसान खत्म हो जाता है ज्यादा बारिश होता है तो खत्म होता है। आपने ये गन्ने को अंदर डालकर के और किसानों को भी  बर्बाद किया और गन्ने किसानों पर ज्यादा बोझ डाल दिया। भाइयों और बहनों हमने एक ऐसी । कभी कभी हमारे अखिलेश जी कह रहे हैं मोदी जी जरा काम तो बताओ। ये सत्ता के नशे में ऐसे डूबे हुए हैं कि उनको  काम नजर नहीं आता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की। आजाद हिंदुस्तान में ऐसी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए कभी नहीं आई। मैं बताता हूं कैसे । किसान को ऐसी सुरक्षा की व्यवस्था आज तक हिंदुस्तान में नहीं हुई थी। मान लीजिए आप जून महीने में बुआई करना चाहते हैं। लेकिन बारिश नहीं आई। सब खर्चा कर दिया, सब व्यवस्था कर दी। बस बारिश आ जाए। बुआई के लिए तैयार बैठे हैं हम, जुलाई में बारिश नहीं आई। अगस्त में बारिश नहीं आई। बुआई हो नहीं पाई। अब मुझे बताइये किसान क्या करे। बुआई नहीं हुई तो क्या करेगा। पहली बार हम एक ऐसा बीमा योजना लाए हैं कि अगर किसान बुआई नहीं कर पाया तो भी उसको बीमा का पैसा मिलेगा। उसके साल को बचा लिया जाएगा। भाइयों बहनों इस लखीमपुर इलाके के लिए, खास यहां के किसानों को सबसे बड़ी समस्या है जल भराव की। जल भराव की समस्या है कि नहीं है। आज तक हिंदुस्तान में जल भराव के कारण अगर किसान का नुकसान हुआ तो उसको कोई मदद नहीं मिलती थी। हमारी सरकार ने कह दिया कि जलभराव के कारण भी अगर किसान का नुकसान हुआ है तो उसको भी बीमा का पैसा दिया जाएगा। किसान की रक्षा की जाएगी। भाइयों बहनों क्या कभी सोचा है आपने, अच्छी बारिश हो गई । किसान ने अच्छी मेहनत की। यहां की तो जमीन भी बड़ी उपजाऊ है। शत प्रतिशत सोलह आने पाक पैदा हो गया। पर खेत में फसल का ढेर करके रखा हुआ है। अभी एक दो दिन चार दिन में मंडी जाना है। ट्रैक्टर आने वाला है, बैलगाड़ी आने वाली है। सब तैयार है। मंडी जाने का बस इंतजार है। और अचानक ओले गिर गए। अचानक बारिश आ गई। अचानक आंधी आ गई। सोलह आनी  फसल बर्बाद हो गई। भाइयों बहनों इस बार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हम ऐसी लाए हैं, कि कटाई के बाद पंद्रह दिन में अगर खेत में आपकी फसल पड़ी   है । ढेर लगा हुआ है। मंडी में जाने  का इंतजार है। और उसी समय अगर नुकसान हो गया तो भी फसल बीमा का पैसा मिलेगा ये काम हमने किया है। यहां हमारे किसान भाई आए हैं लाखों की तादाद में । आप मुझे बताइए कि ये किसानों की भलाई का काम है कि नहीं है कि नहीं है। ये किसानों की भलाई का काम है कि नहीं है। ये काम प्रधानमंत्री ने किया है कि नहीं किया है । ये काम भारत सरकार ने किया है कि नहीं किया है। ये काम आपको दिखता है । ये  काम आपको दिखता है। ये काम आपको दिखता है।  अखिलेश जी को नहीं दिखता है।

भाइयों बहनों।

मेरा और एक गंभीर आरोप है । इस सरकार पर मेरा गंभीर आरोप है। और मैं आरोप बड़ी जिम्मेवारी के साथ लगाता हूं। मुझे मालूम है कि यहां के मुख्यमंत्री जवाब नहीं दे पाएंगे। यहां की सरकार जवाब नहीं दे पाएगी।  भाइयों बहनों मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है। पचास साठ प्रतिशत किसानों का बीमा हो जाए। हरियाणा में भाजपा की सरकार है। पचास साठ प्रतिशत किसानों का बीमा हो जाए । छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है पचास साठ प्रतिशत किसानों का बीमा है जाए। गुजरात में भाजपा की सरकार है पचास साठ प्रतिशत किसानों का बीमा हो जाए। हरियाणा में भाजपा की सरकार है पचास साठ प्रतिशत किसानों का बीमा हो जाए। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है। पचास साठ प्रतिशत किसानों की बीमा हो जाए। गुजरात में भाजपा की सरकार है पचास साठ प्रतिशत किसानों  का बीमा हो जाए। महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है पचास साठ प्रतिशत किसानों का बीमा हो जाए। क्या कारण है अखिलेश जी, जो उत्तर प्रदेश किसानों से भरा पडा प्रदेश है । हर जमीन का एक इंच उपजाऊ जमीन है। मेहनतकश किसान है लेकिन आपके रहते  हुए आप किसान विरोधी हो इसके  कारण सिर्फ 14 प्रतिशत किसानों का ही बीमा हुआ है। सिर्फ 14 प्रतिशत। कौन जिम्मेवार है इसके लिए। कौन जिम्मेवार भाइयों बहनों । कौन जिम्मेवार। ये 14 प्रतिशत भी कौन है। सिर्फ उनके वोट देने वाले जो कुनबे है न सिर्फ उनको  ही बीमा  का लाभ दिया गया। बाकी किसानों को नहीं दिया गया। क्या फसल बीमा योजना में भी आपप किसानों में मेरा तेरा करोगे। उसमें भी जातिवाद का जहर घोलोगे। क्या किसान मेहनत करता  है, गेहूं पकाता है, तो क्या ये सोचता है कि गेहूं किसके पेट में जाएगा। भाइयों बहनों इससे बडा कोई जुल्म नहीं हो सकता। इससे बड़ा कोई अन्याय नहीं हो सकता। और इसलिए मैं कहता हूं भाइयों बहनों। आप मुझे बताइये आज से दो साल पहले जब मैं नया-नया प्रधानमंत्री बना था। मई महीने में मैंने सरकार बनाई थी। और देश भर से शुरू में मुझे मुख्यमंत्रियों की चिट्ठियां जो आती थीं, वो एक ही विषय पर आती थी। और वो चिट्ठी आती थी यूरिया के लिए। हर मुख्यमंत्री लिखता था कि हमें यूरिया जायादा चाहिए, हमारे किसानों को यूरिया चाहिए, यूरिया दीजिए।

भाइयों बहनों।

दो साल हो गए आज मुझे एक भी मुख्यमंत्री की यूरिया मांग करने की चिट्ठी नहीं आती। क्या कारण है। किसलिए आप सबको याद है। कि यूरिया  खरीदने के लिए  किसान को रात रात कतार में खड़े रहना पड़ता था। यूरिया खरीदने के लिए किसान को  काले बाजारी से यूरिया खरीदना पड़ता था। अगर समय पर यूरिया नहीं मिला तो उसके लिए वो यूरिया जहर हो जाता है बेकार हो जाता । उसे समय पर  चाहिए । फसल को आवश्यकता हो तब मिलना चाहिए। दस पंद्रह दिन के बाद मिलने के बाद कोई फायदा नहीं होता। और इसलिए वो कालाधन देकर ब्लैक मनी देकर के कालेबाजारी  से यूरिया खरीदता था। भाइयों बहनों दो साल में हमने ऐसी व्यववस्था की यूरिया का उत्पादन बढाया। यूरिया में भाई भतीजावाद को खत्म किया। मेरा तेरा  समाप्त हो गया। हर किसी को न्याय से यूरिया मिले उसकी नीति बनाई। नए यूरिया के कारखाने लगाने का काम किया। गोरखपुर के अंदर कई वर्षों से बंद पडा यूरिया का खाद का कारखाना चालू करने का हमने फैसला किया। इतना ही नहीं सबसे बड़ा जो  काम किया। हमें यूरिया का नीम कोटिन कर दिया। पहले क्या होता  था। कारखाने से यूरिया निकलता था। लेकिन किसान के पास नहीं जाता था। चोर बाजारी के रास्ते से केमिकल फैक्टरियों में  चला जाता था। कैमिकल वालों के लिए यूरिया रॉ मैटेरियल होता था। उसमें से वो और चीजें बनाकरके अरबों खरबों रुपये कमाते थे। और यूरिया पैदा करने वाले राजनेता सारे मिलकरके ये यूरिया में भ्रष्टाचार का कारोबार करते थे। हमने नीम कोटिन कर दिया। भाइयों बहनों नीम कोटिन करने के कारण मुट्ठी भर यूरिया भी किसी  कैमिकल फैक्ट्री मे काम नहीं आ सकता । सिवाय खेत, सिवाय खेत के यूरिया का कोई उपयोग ही नहीं हो सकता है। मुझे बताइये चोरी गई कि नहीं गई। चोरी गई कि नहीं गई। कालेबाजारी गई कि नहीं गई। कालेबाजारी गई कि नहीं गई। किसान को यूरिया मिला कि नहीं मिला। किसान को यूरिया मिला कि  नहीं मिला। अखिलेश जी ये काम भी  आपको नहीं दिखेगा क्या। क्योंकि आपको  कारनामों की आदत है काम की  आदत नहीं है। भाइयों बहनों मुझे आज दुख कके साथ कहना पड़ता है भारत सरकार किसानों का माल पानी के मोल बिक न जाए फसल पैदा होने के बाद किसान के पास रखने की जगह नहीं होती है। वो जल्दी से जल्दी मंडी पहुचाकर के बेच देना चाहता  है। उसको डर भी रहता है कि खुले में पड़ा और कोई नुकसान हो जाएगा तो । लेकिन मंडी में जाता है तो दाम गिर जाते हैं । किसान के पसीने  की कमाई पानी के मोल बिक जाती है। भारत सरकार मिनिमम सपोर्ट प्राइस देती है भारत सरकार पैसे देती है और राज्य सरकार को कहती है कि आप किसानों से ये मूल्य से सारी चीजें खरीदिए। धान खरीदिए, गेहूं खरीदिए। किसानों की रक्षा करिये। भाइयों बहनों हरियाणा में किसान जो  पैदा करता है उसमें से साठ सत्तर प्रतिशत सरकार खरीदती है। दाम गिरने नहीं देती है। छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, राजस्थान भाजपा की सरकारें पचास साठ प्रतिशत किसानों ने जो  धान उत्पादन किया, जो चावल उत्पादन किया, जो गेहूं उत्पादन किया। उसको खरीद लेते  हैं। और ये त्तर प्रदेश जो किसानों का प्रदेश है। सबसे ज्यादा लोग गांवों में रहते हैं किसानी करते हैं। लेकिन ये अखिलेश जी की सरकार उसको पता नहीं किसानों से क्या दुश्मनी है कि भाजपा की सरकारें पचास साठ परसेंट खरीदती है।  ये सिर्फ तीन प्रतिशत खरीदती है। तीन प्रतिशत, तीन प्रतिशत, तीन। कहिए ये किसानों के साथ घोर अन्याय है कि नहीं है । ये किसानों के साथ जुल्म है कि नहीं है।

भाइयों बहनों।

मैं वादा करना चाहता हूं आपको जो भी किसान अपनी पैदावार उचित दाम  से बेचना चाहता है उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी उसको उचित दाम  से खरीदने का वादा  करती है। किसान को मरने नहीं दिया जाएगा। किसान को लूटने नहीं दिया जाएगा। लेकिन भाइयों बहनों इनको परवाह नहीं, इनको  चिंता नहीं है। हमारा तो मंत्र है विकास । विकास के  लिए ही सरकारें बननी चाहिए। भाई भतीजावाद के लिए सरकारें नहीं होती है । जात पात के लिए सरकारें नहीं होती है। संप्रदायवाद के लिए सरकारें नही होती है। पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण में भेद करने के लिए सरकारें नहीं होती है। सरकार हर किसी के लिए होती है। सबसे पहले गरीबों के लिए होती है गांव के लिए होती है। किसान के लिए होती है। दलित पीड़ित शोषित वंचित के लिए होती है। माताओं बहनों के लिए  होती है। नौजवानों के भविष्य के लिए होती है। लेकिन भाइयों बहनों ये दो कुनबे पूरा उनका कारोबार देखिए। ये जोड़ी ऐसे नहीं मिली है। दोनों में एक ही प्रकार के गुण हैं दोनों में एक ही प्रकार के अवगुण हैं। दोनों में एक ही प्रकार की आदतें हैं । और इसलिए उनको मेलजोल करा लिया।

भाइयों बहनों।

अब उत्तर प्रदेशऔर  जिन्होंने देश को लूटा  जिन्होंने  उत्तर प्रदेश को लूटा ऐसे जब मिल जाएं तो आगे क्या होगा।  इसका अंदाज कर सकते हैं। भाइयों बहनों मैं हैरान हूं जब  यहां के आइएस अफसर ये मैं नहीं कह रहा हूं। मख्यमंत्री जी। आप ही की सरकार के आपके अफसर कहते हैं कि अगर डीएम बनाना है तो सत्तर लाख रुपया जमा कराना पड़ता है। सत्तर लाख रुपया। ये काम करते हो क्या। ये काम बोलता है क्या। इसी काम के लिए जनता ने आपको बिठाया है क्या। एक एक अफसरों को तबादले के लिए पोस्टिंग के ले सत्तर लाख पचत्तर लाख एक करोड़ देना पड़ता है तो भाइयों बहनों वो लाएगा कहां से, आप ही से लूटेगा कि नहीं लूटेगा। आप ही से लूटेगा कि नहीं लूटेगा। ये लूट बंद होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। इमानदारी से व्यवस्थाएं होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। लेकिन भाइयों बहनों जब इस आइएएस अफसर ने पब्लिकली कह दिया ये सत्तर लाख रुपया मांगते हैं तो नौकरी  तो गई सस्पेंड कर  दिया गया उनको। कोई अफसर अवैध खनन करने वालों को पकड़े तो उसे नौकरी से निकाल दो। कोई अफसर कानून व्यवस्था का काम करना चाहे तो उसको टेलीफोन पर  धमकियां दो, यही काम करते हो। हर थाने को समाजवादी पार्टी का कार्यालय बना दिया गया है। जब तक समाजवादी पार्टी का नेता नहीं कहता है थाने में कुछ काम नहीं होता है। भाइयों बहनों इससे बडी चिंता का कोई विषय नहीं हो सकता है। भइयों बहनों ये लोग कैसे काम करते हैं, मैं जरा हिसाब बताता हूं आपको। इससे पता चलेगा आपको। और निर्णय इसी आधार पर होने चाहिए। जात पात के आधार पर निर्णय नहीं होने चाहिए। नौजवान आप,  आपका भविष्य के लिए चिंता  करो। जो बुजुर्ग हैं उनको शर्म के मारे शायद तकलीफ होगी । आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। नौजवानों आपको तो आपका भविष्य निर्धारित करना है। मैं उदाहरण देता हूं। जब मैडम मायावती जी की सरकार थी। बड़ा इंटरेस्टिंग है। जरा सुनने जैसा है। मैडम मायावती जी की सरकार थी। तो 2010 और 2012 के बीच में उत्तर प्रदेश के 23 गांवों में बिजली का काम हुआ जहां बिजली नहीं थी। कितने गांव, कितने गांव। कितने गांव । कितने समय में दो साल में । कितने समय में दो साल में। दो साल में कितने गांव। ये काम किसने किया मैडम , मैडम । उसके बाद बारी आई राजकुमार की। उन्होंने क्या किया 2012 और 2014 । 2012 और 2014 क्या किया। आप अंदाजा लगाइये क्या किया होगा। उत्तर प्रदेश में। जब मैं दिल्ली में बैठा तो मैंने हिसाब लगाया। हिंदुस्तान में 18 हजार गांव ऐसे हैं जिनमें बिजली का खंभा तक नहीं पहुंचा। बिजली का तार भी नहीं पहुंचा। बिजली का लट्टू भी नहीं लगा। 18 हजार गांव 18वीं शताब्दी में जीने के लिए मजबूर थे। बिजली देखी नहीं थी उन्होंने। मैंने आकरके कहा मुझे एक हजार दिन में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचानी है। 2014 में हमारी सरकार बनी। 2014 में बनीं। मैं जरा 2012 से 2014 तक का । जिनका काम बोलता  है उनका काम क्या बोलता है मैं बताना चाहता हूं। मायावती जी ने 23 गांवों में बिजली पहुंचाई थी। ये नौजवान मुख्यमंत्री ने सिर्फ तीन गांवों में बिजली पहुंचाई। तीन। दो साल में तीन गांवों में खंभे लगे। तार पहुंचा। उत्तर प्रदेश में 15 सौ गांव अंधेरे में हैं। 2014 में मैं प्रधानमंत्री बना। उस समय पंद्रह सौ गांव बाकी थे। उन्होंने सिर्फ तीन गांव का काम किया। मैडम ने 23 गांव का काम किया। और जब हमारी सरकार बनी तो हमने दो साल में कितना किया। दो साल में कितना किया। काम किसको कहते हैं। काम खुद से बोलता है। अरे काम तो उजियारा लाता है। उजियारा लाता है। काम दूर से भी दिखता है। भाइयों बहनों हमें तो दो साल के भीतर भीतर इसी उत्तर प्रदेश में मायावती के दो साल में तेइस गांव अखिलेश जी के दो साल में तीन गांव मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दो साल में एक हजार तीन सौ चौसठ गांव। आप मुझे बताइये आपको 23 गांव वाली सरकार चाहिए। 23 गांव में काम करने वाली सरकार चाहिए। तीन गांव में काम करने वाली सरकार चाहिए। कि आपको एक हजार तीन सौ चौसठ गांव में काम करने वाली  सरकार चाहिए। काम बोलता है कि नहीं बोलता है। उनके कारनामें बोलते हैं कि नहीं बोलते। उनके कारनामें बोलते हैं कि नहीं बोलते। और इसलिए भाइयों बहनों हम विकास के मुद्दे पर काम करने वाले लोग। हम विकास कर के दिखाना चाहते हैं।

और इसलिए भाइयो बहनों।

मैं आज जब आपके पास  आया हूं मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप भारतीय जनाता पार्टी को सेवा करने का अवसर दें। आज कोई कारण है  कि उत्तर प्रदेश के नौजवानों का पलायन होना चाहिए। आज किसी भी गांव मं जाइये नौजवान नजर नहीं आता है। बुजुर्ग लोग हैं गांव में। सेवा करने वाला नहीं है। पूछते हैं कि बेटा कहां गया। तो बोले वो तो मजदूरी करने के लिए काम करने के लिए शहर चला गया है उसको तो जब किसानी का काम होगा तब आ जाएगा। लेकिन अभी तो है नहीं वो चला गया है। भाइयों बहनों क्या मेरे उत्तर प्रदेश के नौजवानों को अपने मां बाप के पास रहने का हक नहीं है क्या। अपने बुजुर्गों की सेवा करने का हक नहीं है क्या। अपने यार दोस्तों के बीच जिंदगी गुजराने का हक नहीं है क्या। अपने गांव खेत खलिहान के बीच आनंद और  सुख से जीने का हक है कि नहीं है। उसको पेट भरने के लिए बूढ़े मां बाप के पेट भरने के लिए अपने गांव गलियारे छोड़करके शहरों की गंदी नाली में जीने के लए मजबूर होना पड़ता है।

भाइयों बहनों।

ये स्थिति मुझे बदलनी है। ये स्थिति  मुझे बदलनी है। मुझे नौजवानों को उनके ही जनपद में नौकरी मिले काम मिले ऐसा विकास का मॉडल लेकर काम करना है। उसके पास सामर्थ्य है, संकल्प है। परिश्रम करने की तैयारी है। ये सरकार है जो ये करना चाहती है। और इसलिए मैं नौजवानों को निमंत्रण देता हूं। भाइयों बहनों हमारी माताएं बहनें,  ये कांग्रेस के जमाने में 2014 का जब चुनाव हुआ तब कांग्रेस पार्टी किस मुद्दे पर चुनाव लड़ रही थी याद है। 2014 के लोकसभा के चुनाव मं कांग्रेस पार्टी किस मुद्दे पर चुनाव लड़ रही मालूम है। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की थी कि अगर दिल्ली में भारत सरकार में उनकी सरकार बनेगी और वे अगर प्रधानमंत्री बनेंगे तो क्या करेंगे। एक साल में गैस के जो 9 सिलेंडर मिलते हैं वो 12 कर देंगे। ये उन्होंने वादा किया था। भाइयों बहनों हमारी सरकार आई। आप लोगों को पता है एक जमाना था पार्लियामेंट के मेंबर को एमपी को 25 कूपन मिलती थी। गैस का कूपन। वो अपने कार्यकर्ताओं को अपने परिचितों को गैस का कनेक्शन 25 को दिलवा सकता  था। 25 को । पांच साल में सवा सौ लोगों के उनको कूपन मिलते थे। इतना बड़ा पार्लियामेंट का क्षेत्र दो  दो हजार गांव और सवा सौ कूपन,  ये दिन थे और कुछ एमपी थे,  वो कूपन को भी कालाबाजारी में बेचते थे, ऐसी अखबार में खबर आती थी। कैसी कैसी बीमारियां घुस गईं हैं भाइयों। हम आए। हमने तय किया। अगर स्थिति बदलनी है तो ऐसे नहीं बदलेगी। भाइयो बहनों आज भी मेरी गरीब मां जब लकड़ी का चूल्हा जलाकर के  खाना पकाती है 400 सिगरेट का धुआं एक दिन में उसके शरीर में जाता है। लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाने से चार सौ सिगरेट का धुआं उस मां के शरीर में जाता है। लकड़ी का चूल्हा जलाती है। खाना पकाती है। घर  छोटे  छोटे बच्चे इनके शरीर में भी धुआं जाता है। आप मुझे बताइये कि ये मां बीमार नहीं होगी तो क्या होगा। वो बच्चे बीमार नहीं होंगे तो क्या होगा। क्या गरीबों  के  लिए कुछ नहीं होना चाहिए। हम आए और  मैंने पहले दिन कहा है मैं गरीबी में पैदा हुआ हूं, गरीबी को जिया है और इसलिए मैं गरीबों के लिए जीना चाहता हूं। गरीबों के लिए कुछ करना चाहता हूं। मुझे गरीबी देखने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता है। मैं गरीबी जी करके आया हूं, गरीब की मुसीबतें मैंने झेली हुई है। और इसलिए भाइयों बहनों हमने जो निर्णय किया  कि पांच करोड़ परिवार जिनके घरों में गैस का चूल्हा नहीं है गरीबी में जिंदगी गुजारते हैं सरकार की तरफ से उनको मुफ्त में गैस का कनेक्शन दिया जाएगा।  और लकड़ी के कनेक्शन से मुक्ति दिला करके गैस के चूल्हे से खाना पकाने के लिए उनकी मदद की जाएगी।

भाइयों बहनों।

इस योजना को तो अभी  एक साल भी पूरा नहीं हुआ  है, काम कैसे बोलता है काम कैसे दिखता है काम की क्या ताकत होती है। अब तक साल भी नहीं हुआ है, अब तक एक करोड अस्सी लाख गरीब माताओं को गैस का कनेक्शन दे दिया। अरे उत्तर प्रदेश में लाखों परिवारों में गैस का कनेक्शन पहुंच गया। गैस का चूल्हा काम करने लग गया। एक भी रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा भाइयों बहनों। एक करोड़ अस्सी लाख लोगों को गैस का कनेक्शन दे दिया। आप मुझे बताइये इससे गरीबों का भला होगा कि नहीं होगा। ये गरीबों की सेवा है कि नहीं है। ये माताओं बहनों की सेवा है कि नहीं है । इसको काम कहेंगे कि नहीं कहेंगे। कहेंगे कि नहीं कहेंगे। और इसलिए भाइयों बहनों मैं आपसे यही कहने के लिए आया हूं कि मेरी सरकार देश के गरीबों के हक को  सुरक्षित करना चाहती है। मेरी सरकार मध्यप्रदेश । मध्यमवर्गीय लोगों का जो शोषण होता है। उनकी रक्षा करना चाहती है।

भाइयों बहनों।

इस देश को भ्रष्टाचार ने तबाह किया है कि नहीं किया है। जरा मुझे बताइये भ्रष्टाचार ने बर्बाद किया है कि नहीं किया है। हर मौके पर भ्रष्टाचार आपको रोकता है कि नहीं  रोकता है। भ्रष्टाचार आपके हकों को छीनता है कि नहीं छीनता है। आपको बर्बाद करता है कि नहीं करता है। भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि  नहीं  होना चाहिए । भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। अगर सरकार में नौकरी चाहिए तो इंटरव्यू आता है इंटरव्यू । सौ लोगों की नौकरी एक लाख लोगों का इंटरव्यू और तीन बाबू बैठे होते हैं। वो एक कमरे से आता है। दूसरे दरवाजे से निकलता है। तीस सेकेंड लगता है तीस सेकेंड। वो ऐसे ही गुजरता है, और उनका मूड कर गया  वो पूछते हैं क्या नाम है, कहां से आए हो । इतने में तो वो निकल जाता है। मुझे बताइये क्या  ये इंटरव्यू का तरीका है क्या । कोई मुझे बताइये इससे इंटरव्यू होता है क्या। क्या ये तीस सेकेंड में ऐसा कौन सा एक्सरे मशीन है कि आपको पता चल जाए कि अच्छा है ये बुरा है । ये बेइमानी है कि नहीं है ...। भाइयों बहनों ये बेइमानी भ्रष्टाचार करने की दुकान है दुकान। इमानदार होनहार बच्चा, बेटा हो या बेटी, अच्छे से अच्छा मार्क्स लाता हो, हर परीक्षा में उत्तम मार्क्स लाता हो। टेस्ट में भी अच्छे मार्क्स लाता हो, और जब इंटरव्यू कॉल आता है, मां कहती है बेटा तेरा इंटरव्यू कॉल तो आया है। लेकिन बिना सिफारिश नौकरी कहां मिलेगी। देखो ढूंढो कोई जान पहचान मिलता है क्या। कोई तुझे इंटरव्यू में पास करवा सकता है क्या। बेटा कहता है मां,  मिल तो जाएगा। लेकिन वो तो दो लाख, पांच लाख, दस लाख रुपया मांगेगा। तो गरीब मां कहती है कि बेटा अब मेरी तो जिंदगी पूरी होने आई है ये घर गिरवी रखकरके अगर तेरी  नौकरी लग जाती है तो गिरवी  रख दो। ये मेरा मंगलसूत्र गिरवी रखकरके तुझे नौकरी मिल जाती है तो बेटा गिरवी रख दो । बाप कहता है कि ये मेरा छोटा सा खेत अगर वो गिरवी रखकरके तुझे नौकरी मिल जाती है तो बेटा गिरवी रख दो, बेटा तू पैसे देकर के भी नौकरी ले लो।

भाइयों बहनों।

ये पाप खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...। ये नौजवानों का हक लूटा जा रहा है वो बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...। आपने मुझे प्रधानमंत्री बनाया। हमने फैसला किया दिल्ली में बैठते ही। हमने कहा तीसरे और चौथे वर्ग के  जो सरकारी मुलाजिम हैं जो सबसे ज्यादा होते हैं। टीचर हो नर्सेज हो, पैरा मेडिकल स्टाफ हो, ड्राइवर हो, प्यून हो, क्लर्क हो ये सबसे ज्यादा होते हैं। बड़े बड़े बाबू तो बहुत कम होते हैं। हमने तय कर लिया वर्ग तीन और चार के कोई इंटरव्यू नहीं होंगे। उसके पास जो मार्क्स आए हैं परीक्षा में टेस्ट में जो मार्क्स आए हैं वो सारा कंप्यूटर में डाल दिया जाएगा और कंप्यूटर को पूछा जाएगा कि बताओ भाई नंबर एक कौन है , दो कौन है, तीन कौन है, दस कौन है, सौ कौन है। कंप्यूटर बताएगा जो पहले सौ होंगे उनके घर ऑर्डर चला जाएगा। विधवा मां के बेटे को नौकरी मिल जाएगी। भ्रष्टाचार गया कि नहीं गया, गया कि नहीं गया। मैंने उत्तर प्रदेश की सरकार से आग्रह किया। मैंने कहा भई मैं उत्तर प्रदेश का सांसद हूं इतना तो करो।  भारत सरकार ने कर दिया है आफ उत्तर प्रदेश में ये भाई भतीजावाद जातिवाद खत्म करने के लिए इंटरव्यू खत्म करिए। नहीं किया भाई नहीं किया। और नौकरी किसको मिली। नौजवानों किसी को नौकरी मिली क्या ...। उनके रिश्तेदारों को मिली कि नहीं मिली ...। उनको  वोट बैंक वालों को मिली कि नहीं मिली ...। ईमानदार नौजवान को नौकरी मिली क्या ...।

भाइयों बहनों।

हमने वादा किया है जिन नौजवानों का हक था लेकिन पिछले पांच साल में उनके हक को डुबो गया है वो सारा कच्चा चिट्ठा खोल दिया जाएगा। और जिसका हक है उसको हक देने के लिए हम कोशिश करेंगे भाइयों बहनों। भ्रष्टाचार और कालाधन उसके खिलाफ मैंने लड़ाई छेड़ी है। बातें बहुत करने वाले आ गए। लेकिन  करने की हिम्मत नहीं थी क्योंकि राजनीतिक हिसाब किताब बैठता नहीं था। 8 नवंबर रात को 8 बजे टीवी पर आकरके मैंने कह दिया। 1000 और 500 के नोट वाले अभी भी  उनको  नींद नहीं आती है। भाइयों बहनों गरीब का लूटा है वो गरीब को लौटना चाहिए कि नहीं चाहिए। सत्तर साल से बेइमानी से इकट्ठा किया वो वापिस आना चाहिए कि नहीं चाहिए। ये लड़ाई मेरी सही है कि गलत है। ये लड़ाई चलनी चाहिए कि नहीं चलनी चाहिए । बेइमानी का पैसा वापस आना चाहिए कि नहीं चाहिए। गरीब को हक मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। भाइयों बहनों मैं रुकने वाला भी नहीं हूं। मैं झुकने वाला भी नहीं हूं। न मैं चैन से बैठूंगा और न लुटेरों को चैन से बैठने दूंगा भाइयों बहनों ।  मैं जानता हूं ये सब इकट्ठे हो जाएंगे। उनको इतना डर लग रहा है कि क्योंकि इतना जमा कर करके रखा है ये निकलना शुरू हो गया है। अभी कांग्रेस के नेता पूछ रहे थे कि मोदी जी बताएं कि कितना कालाधन आया । 2014 के पहले अखबार खोल करके देख लीजिए। क्या खबर आती थी, कोयले में कितना गया। टू जी में कितना गया। हेलीकॉप्टर में कितना गया। सिंचाई में कितना गया।  यही खबर आती थी कि नहीं आती थी ...। यही आती थी कि नहीं आती थी ...। हर कोई पूछता था कांग्रेस जवाब दे कितना खाया। मोदी को क्या पूछा जाता है। मोदी को कोई ये नहीं पूछता है कि कितना खाया, मोदी को ये नहीं पूछता है कि कितना गया। लोग मोदी से पूछ रहे हैं कितना आया। बताइये फर्क है कि नहीं है। ये बदल है कि नहीं है। अरे दिल्ली में एक ऐसी सरकार आपने बिठाई है जिससे देशवासियों को भरोसा है पूछ रहा है देश मोदी जी कितना आया जरा बता दीजिये। पहले बात होती थी कितना गया। अब बात होती है कितना आया। आएगा। सबकुछ वापस आने वाला है। और जो नेता मुझे पूछ रहे हैं जरा बताओ कर्नाटक में कांग्रेस सरकार है उसके मंत्री के घर से डेढ़ सौ करोड़ निकला वो क्या था। उसके एक एमएलए के घर से सौ करोड से ज्यादा निकला वो क्या था। उसके एक इंजीनियर के यहां से करोड़ों रुपया निकला वो क्या था। निकल रहा है सब जगह  निकल रहा है। और भी निकलने वाला है।

भाइयों बहनों।

मेरी ये लड़ाई छोटे छोटे व्यापारियों से नहीं है। व्यापारी तो क्या करता होगा ज्यादा से ज्यादा। बीस रुपये का माल बाइस में बेच देता होगा।  मौका पड़ या तो पच्चीस में बेचता होगा। सरकार को सौ रुपया देना होगा तो हो सकता है कि 80 रुपया देता होगा. इससे ज्यादा कोई पाप नहीं करता है वो। अगर सबकुछ न्याय से चले तो सबसे पहले इस देश का व्यापारी न्याय से चलने के लिए हमसे भी आगे चलने के लिए तैयार है।  लेकिन लूटा किसने है, व्यापारियों ने नहीं लूटा है। किसान ने नहीं लूटा है। मजदूर ने नहीं लूटा है। लूटा है जो पद पर बैठे हैं पद का दुरुपयोग किया है। चाहे राजनेता हो चाहे बाबू लोग हो । चाहे थानेदार हो। इन्होंने ही लूटा है। सारी जड़ वही है। और इसलिए मेरी लड़ाई छोटे छोटे व्यापारियों से नहीं है मेरी लडाई इन ठेकेदारों से है।

मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए भाइयों बहनों।

आपका आशीर्वाद चाहिए। और मुझे विश्वास है सवा सौ करौड़ देशवासी कठिनाइयां झेलकर के भी । तकलीफ झेलकर के भी इस देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए । इस देश से कालाधन खत्म करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर करके मेरे साथ खड़े हैं इससे बड़ा मेरा कोई सौभाग्य नहीं हो सकता है। आइए भाइयो बहनों उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने के लिए। यहां के नौजवानों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए। कानून व्यवस्था को वापिस लाने के लिए, भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाइए। कमल के निशान पर बटन दबाइये । भव्य विजय दिलाइये। और पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने जो कमाल करके दिखाई है। पूरा उत्तर प्रदेश वैसा ही कमाल करके दिखाए। और अभी तीन एमएलसी का चुनाव हुआ तीन एमएलसी का चुनाव। उनके गठबंधन होने के बाद हुआ। और तीनों भाजपा जीत गई। हजारों वोटों से जीत गई। पार्टियों के पत्ते साफ हो गए। सरकार उनकी थी। गठबंधन उनका था। इरादे उनके थे । करतूत उनके थे। काम बोलता है तीनों हम जीत गए। काम बोलता है तीनों एमएलसी ने उनको परास्त करके रख दिया, यही तो ताकत है काम की।

और  इसलिए मैं कहता हूं भाइयों बहनों।

कारनामों से उत्तर प्रदेश को बचाना है । काम से आगे बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश को उत्तर दो, अखिलेश जी। उत्तर प्रदेश को उत्तर दो। भाइयों बहनों भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाओ मेरे साथ मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय भारत माता की जय।  बहुत बहुत धन्यवाद।

Explore More
وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن

Popular Speeches

وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن
India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator

Media Coverage

India's Economic Growth Activity at 8-Month High in October, Festive Season Key Indicator
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address to the Indian Community in Guyana
November 22, 2024
The Indian diaspora in Guyana has made an impact across many sectors and contributed to Guyana’s development: PM
You can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian: PM
Three things, in particular, connect India and Guyana deeply,Culture, cuisine and cricket: PM
India's journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability: PM
India’s growth has not only been inspirational but also inclusive: PM
I always call our diaspora the Rashtradoots,They are Ambassadors of Indian culture and values: PM

Your Excellency President Irfan Ali,
Prime Minister Mark Philips,
Vice President Bharrat Jagdeo,
Former President Donald Ramotar,
Members of the Guyanese Cabinet,
Members of the Indo-Guyanese Community,

Ladies and Gentlemen,

Namaskar!

Seetaram !

I am delighted to be with all of you today.First of all, I want to thank President Irfan Ali for joining us.I am deeply touched by the love and affection given to me since my arrival.I thank President Ali for opening the doors of his home to me.

I thank his family for their warmth and kindness. The spirit of hospitality is at the heart of our culture. I could feel that, over the last two days. With President Ali and his grandmother, we also planted a tree. It is part of our initiative, "Ek Ped Maa Ke Naam", that is, "a tree for mother”. It was an emotional moment that I will always remember.

Friends,

I was deeply honoured to receive the ‘Order of Excellence’, the highest national award of Guyana. I thank the people of Guyana for this gesture. This is an honour of 1.4 billion Indians. It is the recognition of the 3 lakh strong Indo-Guyanese community and their contributions to the development of Guyana.

Friends,

I have great memories of visiting your wonderful country over two decades ago. At that time, I held no official position. I came to Guyana as a traveller, full of curiosity. Now, I have returned to this land of many rivers as the Prime Minister of India. A lot of things have changed between then and now. But the love and affection of my Guyanese brothers and sisters remains the same! My experience has reaffirmed - you can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian.

Friends,

Today, I visited the India Arrival Monument. It brings to life, the long and difficult journey of your ancestors nearly two centuries ago. They came from different parts of India. They brought with them different cultures, languages and traditions. Over time, they made this new land their home. Today, these languages, stories and traditions are part of the rich culture of Guyana.

I salute the spirit of the Indo-Guyanese community. You fought for freedom and democracy. You have worked to make Guyana one of the fastest growing economies. From humble beginnings you have risen to the top. Shri Cheddi Jagan used to say: "It matters not what a person is born, but who they choose to be.”He also lived these words. The son of a family of labourers, he went on to become a leader of global stature.

President Irfan Ali, Vice President Bharrat Jagdeo, former President Donald Ramotar, they are all Ambassadors of the Indo Guyanese community. Joseph Ruhomon, one of the earliest Indo-Guyanese intellectuals, Ramcharitar Lalla, one of the first Indo-Guyanese poets, Shana Yardan, the renowned woman poet, Many such Indo-Guyanese made an impact on academics and arts, music and medicine.

Friends,

Our commonalities provide a strong foundation to our friendship. Three things, in particular, connect India and Guyana deeply. Culture, cuisine and cricket! Just a couple of weeks ago, I am sure you all celebrated Diwali. And in a few months, when India celebrates Holi, Guyana will celebrate Phagwa.

This year, the Diwali was special as Ram Lalla returned to Ayodhya after 500 years. People in India remember that the holy water and shilas from Guyana were also sent to build the Ram Mandir in Ayodhya. Despite being oceans apart, your cultural connection with Mother India is strong.

I could feel this when I visited the Arya Samaj Monument and Saraswati Vidya Niketan School earlier today. Both India and Guyana are proud of our rich and diverse culture. We see diversity as something to be celebrated, not just accommodated. Our countries are showing how cultural diversity is our strength.

Friends,

Wherever people of India go, they take one important thing along with them. The food! The Indo-Guyanese community also has a unique food tradition which has both Indian and Guyanese elements. I am aware that Dhal Puri is popular here! The seven-curry meal that I had at President Ali’s home was delicious. It will remain a fond memory for me.

Friends,

The love for cricket also binds our nations strongly. It is not just a sport. It is a way of life, deeply embedded in our national identity. The Providence National Cricket Stadium in Guyana stands as a symbol of our friendship.

Kanhai, Kalicharan, Chanderpaul are all well-known names in India. Clive Lloyd and his team have been a favourite of many generations. Young players from this region also have a huge fan base in India. Some of these great cricketers are here with us today. Many of our cricket fans enjoyed the T-20 World Cup that you hosted this year.

Your cheers for the ‘Team in Blue’ at their match in Guyana could be heard even back home in India!

Friends,

This morning, I had the honour of addressing the Guyanese Parliament. Coming from the Mother of Democracy, I felt the spiritual connect with one of the most vibrant democracies in the Caribbean region. We have a shared history that binds us together. Common struggle against colonial rule, love for democratic values, And, respect for diversity.

We have a shared future that we want to create. Aspirations for growth and development, Commitment towards economy and ecology, And, belief in a just and inclusive world order.

Friends,

I know the people of Guyana are well-wishers of India. You would be closely watching the progress being made in India. India’s journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability.

In just 10 years, India has grown from the tenth largest economy to the fifth largest. And, soon, we will become the third-largest. Our youth have made us the third largest start-up ecosystem in the world. India is a global hub for e-commerce, AI, fintech, agriculture, technology and more.

We have reached Mars and the Moon. From highways to i-ways, airways to railways, we are building state of art infrastructure. We have a strong service sector. Now, we are also becoming stronger in manufacturing. India has become the second largest mobile manufacturer in the world.

Friends,

India’s growth has not only been inspirational but also inclusive. Our digital public infrastructure is empowering the poor. We opened over 500 million bank accounts for the people. We connected these bank accounts with digital identity and mobiles. Due to this, people receive assistance directly in their bank accounts. Ayushman Bharat is the world’s largest free health insurance scheme. It is benefiting over 500 million people.

We have built over 30 million homes for those in need. In just one decade, we have lifted 250 million people out of poverty. Even among the poor, our initiatives have benefited women the most. Millions of women are becoming grassroots entrepreneurs, generating jobs and opportunities.

Friends,

While all this massive growth was happening, we also focused on sustainability. In just a decade, our solar energy capacity grew 30-fold ! Can you imagine ?We have moved towards green mobility, with 20 percent ethanol blending in petrol.

At the international level too, we have played a central role in many initiatives to combat climate change. The International Solar Alliance, The Global Biofuels Alliance, The Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Many of these initiatives have a special focus on empowering the Global South.

We have also championed the International Big Cat Alliance. Guyana, with its majestic Jaguars, also stands to benefit from this.

Friends,

Last year, we had hosted President Irfaan Ali as the Chief Guest of the Pravasi Bhartiya Divas. We also received Prime Minister Mark Phillips and Vice President Bharrat Jagdeo in India. Together, we have worked to strengthen bilateral cooperation in many areas.

Today, we have agreed to widen the scope of our collaboration -from energy to enterprise,Ayurveda to agriculture, infrastructure to innovation, healthcare to human resources, anddata to development. Our partnership also holds significant value for the wider region. The second India-CARICOM summit held yesterday is testament to the same.

As members of the United Nations, we both believe in reformed multilateralism. As developing countries, we understand the power of the Global South. We seek strategic autonomy and support inclusive development. We prioritize sustainable development and climate justice. And, we continue to call for dialogue and diplomacy to address global crises.

Friends,

I always call our diaspora the Rashtradoots. An Ambassador is a Rajdoot, but for me you are all Rashtradoots. They are Ambassadors of Indian culture and values. It is said that no worldly pleasure can compare to the comfort of a mother’s lap.

You, the Indo-Guyanese community, are doubly blessed. You have Guyana as your motherland and Bharat Mata as your ancestral land. Today, when India is a land of opportunities, each one of you can play a bigger role in connecting our two countries.

Friends,

Bharat Ko Janiye Quiz has been launched. I call upon you to participate. Also encourage your friends from Guyana. It will be a good opportunity to understand India, its values, culture and diversity.

Friends,

Next year, from 13 January to 26 February, Maha Kumbh will be held at Prayagraj. I invite you to attend this gathering with families and friends. You can travel to Basti or Gonda, from where many of you came. You can also visit the Ram Temple at Ayodhya. There is another invite.

It is for the Pravasi Bharatiya Divas that will be held in Bhubaneshwar in January. If you come, you can also take the blessings of Mahaprabhu Jagannath in Puri. Now with so many events and invitations, I hope to see many of you in India soon. Once again, thank you all for the love and affection you have shown me.

Thank you.
Thank you very much.

And special thanks to my friend Ali. Thanks a lot.