I get inspiration from you: PM Modi to winners of Rashtriya Bal Puraskar

Published By : Admin | January 24, 2020 | 11:24 IST

राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार के आप सभी विजेताओं को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। अब आप बधाई लेते-लेते थक गए लगते हो। बधाई ज्‍यादा हो गई ना? कम है कि ज्‍यादा हो गई; ऐसा तो नहीं हुआ ना? अच्‍छा, यहां आते समय मास्‍टरजी ने कहा होगा वहां बिल्‍कुल discipline में रहना है, हाथ-पैर नहीं हिलाने, ऐसा बोला होगा। हां....ये गड़बड़ है। यहां आ करके कैसा लग रहा है आप लोगों को? मतलब क्‍या – मौसम अच्‍छा लग रहा है? राष्‍ट्रपति भवन देखा…पूरा..और आज क्‍या देख रहे हैं? पेड़-पौधे ?

आप में से कितने लोग हैं जो पहली बार दिल्‍ली आए हैं? अच्‍छा...बाकी सब बार-बार आ चुके हैं.. सब परिचित हैं। ये जो पीछे लोग हैं उनके लिए सवाल नहीं हैं मेरे...ये सब बच्‍चों के लिए हैं। वरना prompting पीछे से हो रहा है।

वैसे दिल्‍ली आने का अपना ही एक उत्‍साह होता है, फिर भी मुझे पता है कि आपको जरा जल्‍दी जाने का मूड करता होगा, घर जाने का। देखिए, आपको पक्‍का मन करता होगा जल्‍दी घर जाएं, क्‍या-क्‍या हुआ दोस्‍तों को बताएं, फोटो दिखाएं, अपना अवॉर्ड दिखाएं, दिल्‍ली के अनुभव सुनाएं, दिल्‍ली की ठंड कैसी है, वो बताएं, ऐसा मन करता है ना? किसी का भी करता है जी, अपने सा‍थियों को अपनी अच्‍छी-अच्‍छी बातें बताने का मन हर किसी को करता है। आपको नहीं करता है?

देखिए, पूरी यात्रा की ढेर सारी कहानियां होंगी, जो आप सुनाना चाहते होंगे। आप भले ही न कहते हों, लेकिन आपका मन करता होगा, पहले जा करके दादीजी को तो ये कहना ही कहना है, ऐसा मन करता होगा। और कुछ लोग होंगे जो घर जा करके कहेंगे, देखो आप मुझे मना कर रहे थे, अब पता चला ना मैं अच्‍छा-अच्‍छा काम कर रहा हूं। तो अब आप लोग घर में जा करके मम्‍मी-पापा को डांटोगे? बताओगे- हां-हां देखो हमारे पास फोटो है राष्‍ट्रपति जी के साथ, हम अवॉर्ड लेकर आए हैं, ऐसा करोगे ना? नहीं करोगे? ऐसा हो सकता है क्‍या? अच्‍छा छुपा करके करना, चोरी-छिपे से करना। करेंगे, नहीं करेंगे?

ये क्‍या बचपन खो दिया है आपने? अरे बचपन तो बचा रहना चाहिए। आपका बचपन खो गया है। जिसको ये मन न करे कि मम्‍मी–पापा को भी जा करके बताऊंगा,  ये कहूंगा, उनको ये सुनाऊंगा, तो फिर तो आपने बचपन खो दिया है आपका। तो आपको अलग खुला नहीं छोड़ते हैं मम्‍मी-पापा, पीछे लगे रहते हैं? उनको भरोसा नहीं है, छोटे बच्‍चे हैं क्‍या करेंगे, ऐसा लग रहा है ना? अगली बार बताइए उनको कि मुझे अकेले कहीं जाने दो।

देखिए, थोड़ी देर पहले आप सभी का जब परिचय हो रहा था, तो मैं सचमुच में बहुत हैरान था। इतनी कम आयु में जिस प्रकार से आप सभी ने अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ न कुछ करके दिखाया है, कोई प्रयास किए, कोई काम किया है, आपको तो समाधान होगा ही होगा लेकिन आज के बाद आपको कुछ और करने का मन कर जाएगा। और अधिक अच्‍छा करने का इरादा हो जाएगा। 

और मैं समझता हूं कि ये सारे जो awards वगैरह होते हैं ना, वो आखिरी मुकाम नहीं होता है। एक प्रकार से ये beginning होता है। जब कोई recognize करता है तो मन को अच्‍छा लगता है। एक प्रकार से ये जिंदगी की शुरूआत है। और आपने मुश्किल परिस्थितियों से लड़ने का साहस दिखाया। आप में से कुछ वीर बालक हैं, कुछ ऐसे भी हैं जिन्‍होंने गंभीर बीमारियों से लोगों को बाहर निकालने के लिए, ease of living के लिए कई नए-नए innovation किए हैं। किसी ने आर्ट एंड कल्‍चर में, किसी ने स्‍पोर्ट्स में, तो किसी ने शिक्षा साहित्‍य में, तो किसी ने समाज सेवा में; विविधताओं से भरा हुआ आपका योगदान रहा है।

आप अपने समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी... आपने देखा होगा मैंने लालकिले से एक बात कही थी, याद है किसी को...लाल किले से कुछ कहा था?  याद है ? बहुत कुछ कहा था, कुछ भी कहोगे तो सच निकलेगा। एक बात मैंने कही थी- ‘कर्त्तव्‍य पर बल’। ज्‍यादातर हम अधिकार पर बल देते हैं। अब देश की आजादी को 75 साल होने वाले हैं, तो कब तक अधिकार पर बल देते रहेंगे? अब कर्त्तव्‍य पर बल देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? Duty को प्राथमिकता कि rights को प्राथमिकता? पक्‍का, सब सहमत हैं, चलिए हमने आज एक कानून पास कर दिया।

देखिए, आप अपने समाज के प्रति, राष्‍ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी से और उसके लिए जिस प्रकार से जागरूक हैं, ये सिर्फ आपके माता-पिता को नहीं, आपके परिवारजनों के लिए, जो भी आपके बारे में जानेगा उन सबको गर्व होगा,  उनको पक्‍का गर्व होगा।

देखिए, मैं एक काम करूंगा, आप सबकी फोटो के साथ मैं आज आपकी जो स्‍टोरी है, उसको मैं सोशल मीडिया में दुनिया से शेयर करूंगा। हर individual, कैसे आपने किया है, कहां से आए हैं, कैसा रहा है; मैं लिखूंगा उसमें। लेकिन कुछ गलती हो जाए तो फिर आप नाराज मत हो जाना, क्‍योंकि कभी-कभी जानकारियों में गलती हो जाती है।

देखिए दोस्‍तो, आप सब कहने को तो बहुत छोटी आयु के हैं, कम आयु के हैं, लेकिन आपको पता है आपने जो काम किया है, उसको करने की बात छोड़ दीजिए, सोचने में भी बड़े-बड़े लोगों को पसीने छूट जाते हैं। आप में से जिन्‍होंने innovation किया होगा, जब अपने टीचर को बताओगे तो टीचर भी कहेगा, तुम मुझे परेशान मत करो, तुम जाओ। उनको दिमाग खपाते होंगे, टीचर भी नाराज हो जाते होंगे। उनको लगता होगा ये बच्‍चा इतना bright है, ये मेरे पल्‍ले कैसे पड़ गया, ये मुझे पढ़ाता है। ऐसा होता है ना? देखिए, मैं एक बात बताऊं आपको, आप अपने सभी friends और teachers को जरूर बताइएगा। मैं आप सभी युवा साथियों के ऐसे साहसिक काम के बारे में जब भी सुनता हूं, आपसे बातचीत करता हूं, तो मुझे भी प्रेरणा मिलती है, आपसे मैं भी कुछ सीखता हूं। अभी एक बच्‍चे ने मुझे पूछा कि आप इतना काम करते हैं तो मां की याद नहीं आती है; याद करता हूं तो सब थकान उतर जाती है।

सा‍थियो, आप जैसे बच्‍चों के भीतर छुपी इस प्रतिभा को प्रोत्‍साहित करने के लिए ही ये राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों का दायरा बढ़ाया गया है। और ये सिर्फ आपको पुरस्‍कार मिल रहा है, ऐसा नहीं है, इस अवसर के कारण देशभर के बच्‍चों का इन चीजों पर ध्‍यान जाता है। एक प्रकार से आप उनके लिए हीरो बन जाते हैं, आप उनके लिए inspiration बन जाते हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर में बैठा हुआ कोई बच्‍चा होगा, लद्दाख में बैठा हुआ बच्‍चा होगा, नागालैंड में बैठा हुआ बच्‍चा होगा; वो केरल के किसी बच्‍चे की कथा सुनेगा तो उसको लगेगा अच्‍छा! हमारे देश के बालक ऐसा कर रहे हैं? ये अपने आप में- कई गुना इसका प्रभाव पैदा होता है, इसकी तरंगें चलती रहती हैं। Waves लगातार नीचे प्रभावित करते रहते हैं और इसलिए इन चीजों की तरफ, इन घटनाओं को कभी कम नहीं आंकना चाहिए, उसका अपना एक महत्‍व है। लेकिन कभी-कभी क्‍या होता है, जब नाम हो जाए, अखबार में तस्‍वीर छप जाए तो फिर हम भी जमीन से दो-तीन फीट ऊपर चलते हैं ना, फिर पैर जमीन पर नहीं पड़ते हैं,  ऐसा हो जाता है ना? फिर घर में भी- देखिए, मुझे कोई काम मत बताइए, मैं National award लेकर आया हूं, ऐसा होता है ना? तो क्‍या ऐसा करोगे आप लोग? पैर जमीन पर रखोगे?

अधिकतम लोगों के जीवन में दो पड़ाव आते हैं- एक सहज भाव से अच्छा करता चला जाता है और जब कहीं recognized हो जाता है, फिर जाने-अनजाने में हवा भर जाती है और फिर वो उसी धुन में रहता है आगे कुछ नया नहीं कर पाता है। उसको लगता है बस हो गया, फोटो छप गई, दिल्‍ली हो आया, राष्‍ट्रपति भवन हो आया, अब क्‍या है। ज़िन्दगी में सब हो गया है। ज़िन्दगी इतनी छोटी नहीं है।

दूसरे वो लोग होते हैं- अगर कुछ किया, कहीं recognized हुआ तो उसी को वो अपनी प्रेरणा बना लेते हैं, उसी को अपनी प्रतिज्ञा बना लेते हैं, उसी में से पुरुषार्थ करने के रास्‍ते खोजते रहते हैं और वे नई-नई चीजों को हासिल करने के लिए रुकते नहीं हैं, थकते नहीं हैं।

मैं चाहूंगा कि आप कभी भी अपने जीवन में उन दूसरे प्रकार की आदतों को घुसने ही मत देना। अभी जो हुआ है वो कुछ नहीं, ऐसा ही मानकर जाइए। ठीक है, अभी तो मुझे बहुत कुछ करना है, देश को बहुत कुछ देना है, खुद को हर प्रकार से तैयार करना है। ये अगर जज्‍बा ले करके जाते हैं तो आप देखिए, आपको इस अवसर का बहुत बड़ा आनंद मिलेगा, उसमें से कुछ नया सीखने को मिलेगा। तो आप बताइए पहले रास्‍ते पर जाएंगे कि दूसरे? अपने हाथ ऊपर कीजिए, कितने लोग हैं जो पहले रास्‍ते पर जाएंगे? अच्‍छा ये बताइए, जो दूसरे रास्‍ते पर जाएंगे, वो कौन हैं? इसका मतलब आप मेरी बात समझे नहीं? मैं ये कह रहा था कि एक रास्‍ता वो होता है जो पहला रास्‍ता, कि जिसमें इसको आप अंतिम नहीं मानते हैं, इसको आप शुरूआत मानते हैं। आपके पैर जमीन से उखड़ नहीं जाते हैं, आप हवा में उड़ने नहीं लगते और कुछ और अधिक करने का संकल्‍प करते हैं, ये पहला रास्‍ता है। दूसरा- यार बहुत हो चुका, अब फोटो छप गई, टीवी में आ गए, अब क्‍या करना है, सो जाओ। तो बताइए कि पहला रास्‍ता है कि दूसरा? पक्‍का, देखिए, पहले गलती की थी ना?

अच्छा, मैं आपसे कुछ सवाल पूछता हूं। आप में से कौन इतने लोग हैं जिनको दिन में चार बार पसीना आता है, भरपूर पसीना आता है, पूरा पसीना-पसीना शरीर हो जाता है, जैसे कोई भी सीजन हो, ठंडी हो, गरमी हो। जिसको चार बार दिन में पूरा पसीना निकलता है, कैसे निकलता है, धूप में खड़े रहते हैं? Morning exercise में? और कोई ? देखिए एक भी बालक ऐसा नहीं होना चाहिए, अपने दोस्‍तों को भी बताइए कि जिसको दिन में चार बार पसीना नहीं आए, ऐसा एक भी बालक नहीं होना चाहिए। मुझे एक बार किसी ने बहुत साल पहले किसी ने पूछा था कि आपके चेहरे पर इतना तेज क्‍यों है तो मैंने बड़ा आसान जवाब दिया था- मैंने कहा मेरे शरीर में इतना पसीना निकलता है, मेहनत करता हूं और मैं उसी पसीने से मालिश करता हूं, इसलिए चमक जाता है। अच्‍छा आप में से कितने लोग हैं जो पानी पीते हैं तो खड़े-खड़े पीते हैं, बैठ करके नहीं पीते? ऐसे कितने लोग हैं? देखिए, पानी जब पीते हैं तो बैठ करके पीजिए। छोटी चीज है लेकिन आपको जा करके उसका शास्‍त्र कोई समझाएगा, मैं उस चक्‍कर में नहीं पड़ता हूं। करेंगे ये?

अच्‍छा आपमें से कितने हैं जो पानी दवाई की तरह पीते हैं? कुछ लोग होंगे जो पानी जूस की तरह पीते होंगे, पानी का भी आनंद लेते होंगे। कुछ लोग होते होंगे दवाई की तरह...आप कितने हैं जो पानी को पानी का मजा लेते हैं, पानी का टेस्‍ट करते हैं? Enjoy करते हैं। आप कोशिश कीजिए पानी का टेस्‍ट होता है, वो शरीर को बहुत फायदा करता है, आप उसको enjoy कीजिए। दवाई की तरह ऐसे पानी लगा दिया, ऐसे मत कीजिए। करेंगे? आप कहेंगे- ऐसे क्‍या फायदा, मां तो कहती है पढ़ाई करो, मैं पांच मिनट तक पानी पी रहा हूं, तो झगड़ा हो जाएगा ना। कभी-कभी मां दूध ले करके आती है, मां को काम है, टीवी सीरियल चल रहा है तो मां कहती है, चल जल्‍दी दूध पी ले और आप वो दूध भी दवाई की तरह पी जाते हो, क्‍योंकि मां को सीरियल देखना है। ऐसा होता है ना? कौन सा- सास भी कभी बहू थी?

छोटी-छोटी चीजें होती हैं, हमने बचपन में शरीर को जो आदतें डाली होती हैं वो जीवनभर काम आती हैं और मन में वो एकदम से फिट बैठ जाती हैं। आपको मालूम है देश में एक अभियान चल रहा है, ‘फिट इंडिया’, पता है? कितनों को मालूम है? तो फिट इंडिया के लिए किस दर्जी के पास जाते हो, किस tailor के पास जाते हो? कौन, फिट इंडिया के लिए tailor के पास कौन जाता है, तो क्‍या करते हैं फिट इंडिया के लिए कोई बताएगा? नहीं, क्‍या करते हैं? exercise कहने से थोड़ा ही होता है, कोई कहेगा मैं सूर्य नमस्‍कार करता हूं, कोई कहता है मैं साइकलिंग करता हूं, कोई कहता है मैं स्‍वीमिंग करता हूं...क्‍या करते हैं? अच्‍छा आप में से कितने लोग हैं फटाफट पेड़ पर चढ़ जाते हैं, फिर उतर जाते हैं? घरवालों को चिल्‍लाना पड़ता है, अरे नीचे उतरो, नीचे उतरो- ऐसे कितने लोग हैं?

देखिए साहस- ये हमारे स्‍वभाव में होना चाहिए। यहां पैर रखूंगा तो गिर जाऊंगा, तो ये करूंगा तो- ऐसे जिंदगी नहीं जीते। साहस के बिना जीवन संभव नहीं है। आप छोटी-छोटी चीजों का साहस करने की आदत बनाओगे तो आगे चलकर वो भी बहुत काम आएगा। और आप जैसे लोग जब करेंगा ना,  तो बाकी 50 लोग देखेंगे- अरे देखो,  ये भी करता है। इतना अवॉर्ड लेकर आया, फिर भी इतनी मेहनत करता है। इतना मान-सम्‍मान ले करके आया, लेकिन देखिए ये काम कर रहा है। तो क्‍या होगा- बहुतों को प्रेरणा मिलेगी। करोगे? पक्‍का करोगे? तो परसों 26 जनवरी की तैयारी? तो सिखाया गया होगा, ऐसे-ऐसे करो? दाहिने हाथ से करना है कि बाएं हाथ से? ये नहीं बताया। जिस तरफ लोग होंगे, उस तरफ करना है। अरे हम होंगे तो पांच मीटर, दस मीटर तक ही होंगे, बाकी तो बहुत भीड़ होती है।

चलिए, मुझे बहुत अच्‍छा लगा आप लोग enjoy कीजिए और दिल्‍ली में बहुत कुछ देखिए। अलग-अलग जगह पर जाइए। लालकिले में आपको मालूम होगा, नेताजी सुभाष बाबू को ले करके, क्रांतिकारियों को ले करके बहुत अच्‍छा म्‍यूजियम बना है। देखेंगे आप लोग? देखकर आए, ले जाने वाले हैं? अच्‍छा वॉर मेमोरियल देखा? हैं, नहीं देखा। देखिए, वॉर मेमोरियल भी देखने जाना चाहिए। और अपने राज्‍य का कोई एकाध भी जो वीर शहीद हुआ होगा, उसका नाम पढ़ करके, लिख करके ले जाना, अपने घर पर। अगर मोबाईल फोन है तो उसकी फोटो निकाल करके ले जाना। देखिए, कर्नाटक के ये वीर शहीद का नाम है, उसका फोटो लेकर जाना चाहिए। किसी को दिखाना चाहिए- देखिए, हमारे कर्नाटक के वीर शहीद का नाम वहां वॉर मेमोरियल में है। हरेक को अपने-अपने राज्‍य का ढूंढना चाहिए। ऐसे ही देखकर नहीं आना चाहिए वो जो नाम लिखे हैं ना उन पर तुम्‍हें गर्व होना चाहिए। यहां एक पुलिस मेमोरियल भी बना है, देखने जाओगे? आपको मालूम है ये देश में 33 हजार से ज्‍यादा पुलिस, कभी-कभी लोग पुलिस से नफरत करते हैं ना? पुलिसवाले कहते हैं, चलो इधर चलो,  साइकिल यहां मत रखो,  बहुत गुस्‍सा होता है ना? 33 हजार पुलिस देश के नागरिकों की रक्षा के लिए शहीद हुए हैं आजादी के बाद। आंकड़ा बहुत बड़ा है, 33 हजार। उस पुलिस के प्रति आदर का, गौरव का भाव बनना चाहिए, देखिए समाज जीवन में एक बदलाव शुरू हो जाएगा। पुलिस मेमोरियल देखोगे ना तो आपको लगेगा कि ये इतना काम होता रहा, ये ऐसे करते रहे। करोगे? पक्‍का करोगे?

चलिए, बहुत-बहुत धन्‍यवाद आपको। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।