Solutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal

Published By : Admin | April 7, 2016 | 20:07 IST
QuoteI have come here so ensure proper education for children, opportunities for youth and for development: PM Modi
QuoteI have only three agendas: Development, fast-paced development & all-round development
QuoteFor 34 years the Left front ruled and ruined Bengal; TMC stands for Terror, Maut, Corruption: PM Modi
QuoteLeft and Congress contest against one another in Kerala but in spite of ideological differnces are allies in West Bengal: PM
QuoteAfter coming to power, Mamata Di said Maa, Maati, Manush but now it's all about only Maut and Money: PM
QuoteSolutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal
QuoteWe will ensure overall development of Bengal and eliminate all the problems people face in the state: PM
 

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए आसनसोल के मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों 

आज मैं सुबह से पश्चिम बंगाल में दौरा कर रहा हूँ। टीवी पर आता है कि इस बार जून महीने में जो गर्मी पड़ती है, वो गर्मी अप्रैल महीने में शुरू हो गई है और इतनी भयंकर गर्मी के बीच पश्चिम बंगाल में चुनावी गर्मी है और आप लोगों का इतना जबर्दस्त उत्साह है। दिल्ली में बैठकर किसी को अंदाजा नहीं सकता कि पश्चिम बंगाल के चुनाव का मिजाज़ क्या है, यहाँ के लोगों का इरादा क्या है। मैंने ऐसा उत्साह पश्चिम बंगाल में कभी देखा नहीं था। मैं आप लोगों से एक शिकायत करना चाहता हूँ जब 2014 में लोकसभा का चुनाव था और मैं ख़ुद प्रधानमंत्री का उम्मीदवार था और इसी मैदान में आया था और तब इसकी आधी भीड़ भी नहीं थी। आज पश्चिम बंगाल का भविष्य तय करने के लिए आप जो उत्साह दिखा रहे हैं, ये मेरी शिकायत नहीं है, आपका अभिनंदन है। 

लेफ़्ट और टीएमसी और उसके पीछे भाग रही कांग्रेस, आने वाले दिनों में ये सभा देखने के बाद सोचेंगे कि कौन से गुंडे हैं जिनको आसनसोल भेजा जाए ताकि ये लोग मतदान न कर सकें, घपलेबाजी हो, हिंसा हो। ये सभा दीदी की भी नींद खराब कर देंगे और लेफ़्ट और सोनिया जी की भी नींद खराब कर देंगे। आप लोगों ने पूरे पश्चिम बंगाल को ये सन्देश दिया है कि अब पश्चिम बंगाल इन दोनों से मुक्ति चाहता है। क्या मिला पश्चिम बंगाल को? 34 साल तक लेफ्ट वालों ने बंगाल की प्रतिष्ठा, सम्मान को मिट्टी में मिला दिया और जब बाद में दीदी आई तो उन्होंने कहा था कि मां, माटी और मानुष लेकिन हमने 5 साल में हर दिन देखा – मौत का कारोबार, पैसों का कारोबार। 

यहाँ जिस प्रकार से बंगाल के लोगों के साथ धोखा किया गया, शारदा चिटफंड को कोई भूल सकता है क्या? गरीबों के पैसे डूबे हैं और ये पाप करने वाले जेलों में होने चाहिए थे, दीदी को ऐसे लोगों के खिलाफ़ कठोर कदम उठाने चाहिए थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। ये सरकार गरीबों का धन लूटने वालों पर मेहरबानी करने वाली सरकार है। गरीब बेचारा कुछ सपने देखकर पैसे रखता था, बेटी की शादी हो या बच्चों की पढ़ाई लेकिन इन लुटेरों ने गरीब के पैसे हज़म कर लिये और उन्हें बेघर बना दिया। 

जब अच्छी एवं ईमानदार सरकार होती है तो गरीबों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाती हैं। इन्होंने चिटफंड चलाया और हम प्रधानमंत्री जन-धन योजना लेकर आए; उन्होंने चिटफंड के नाम पर गरीबों से पैसे बनाए और हमने बिना पैसे गरीबों के खाते खोल दिए और मुफ़्त में अकाउंट खोलने की व्यवस्था कर दी। हमने गरीबों को रूपये कार्ड दिया ताकि उनके परिवार में कभी कोई संकट आ गया तो उसमें 2 लाख का बीमा होगा और परिवार को ये पैसा मिल जाएगा। अनेकों को ये मिला भी और जन-धन योजना के तहत हमने हिंदुस्तान के करोड़ों गरीबों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए। असम हो, उड़ीसा हो, बंगाल हो, इन्होंने कहीं के गरीबों को नहीं छोड़ा। गरीबों को लूटने वालों को क्या चुनाव जीतना चाहिये? 

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूँ कि जिन-जिन लोगों ने गरीबों के पेट पर लात मारी है, ऐसे लोगों को इस चुनाव में एक पल के लिए भी स्वीकार नहीं करना चाहिए। 34 साल तक बंगाल में लेफ़्ट वालों की सरकार रही और उन्होंने बंगाल को बर्बाद कर दिया। दूर जाने की जरुरत नहीं है, 5 साल पहले चुनाव में कांग्रेस के नेता ने लेफ़्ट के खिलाफ़ क्या-क्या बोला था, ये आप वीडियो निकाल के सुन लो तो पता चल जाएगा कि लेफ़्ट वाले क्या करते थे और ये अजूबा देखो कि कांग्रेस वाले लेफ़्ट का कुर्ता पकड़ कर चल पड़े। जिस कांग्रेस पार्टी ने पहली बार केरल में लेफ़्ट की सरकार को धारा 356 लगाकर भंग कर दिया था और जिस कांग्रेस को लेफ़्ट के प्रति गुस्सा रहता था, आज पूरी कांग्रेस पार्टी लेफ़्ट के चरणों में जाकर बैठ गई है। ये जनता-जनार्दन जब देती है तो छप्पर फाड़कर देती है लेकिन जब ये लेती है तो कूड़े-कचरे की तरह साफ़ कर देती है। 

एक जमाना था जब कांग्रेस पार्टी 400 लोगों के साथ संसद में बैठती थी और जनता का गुस्सा ऐसा फूटा कि वे 40 पर आ गए। आज कांग्रेस की हालत देखो कि जीने-मरने के लिए लेफ़्ट के सामने झुकना पड़ा है और इनकी बेईमानी देखो - विचारधारा से अगर झगड़ा होता है तो ये केरल में भी होना चाहिए और वहां भी आमने-सामने लड़ना चाहिए लेकिन कांग्रेस का कमाल देखो कि केरल में वे कम्युनिस्ट को गाली दे रहे हैं और उनसे लड़ रहे हैं और बंगाल में कम्युनिस्ट को कंधे पर बिठाकर नाच रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि केरल में कुश्ती और बंगाल में दोस्ती? ये आप लोगों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं। केरल में दोनों एक-दूसरे को गालियां देते हैं और बंगाल में कहते हैं कि बहुत अच्छे हैं और सबका भला करेंगे। 

एक जमाना था जब दीदी भ्रष्टाचार का नाम सुनती थी तो कुर्सी फेंक कर चली जाती थी लेकिन अब दीदी को क्या हो गया, ऐसा परिवर्तन कैसे आ गया। वो तो भ्रष्टाचार के खिलाफ़ रोड पर निकलती थीं, लाठियां झेलती थीं; आज इतना बड़ा स्कैंडल आ गया, टेंडर का सौदा होता है, नोटों की थप्पियाँ दी जा रही हैं और सब कैमरा पर है लेकिन इसके बावजूद दीदी ने कोई कदम नहीं उठाया। इसका मतलब है कि अब दीदी भ्रष्टाचार से एडजस्ट हो गई हैं; अब दीदी को ये सब ठीक लग रहा है। ये लुटते रूपये जनता के हैं और ये लूट बंद होना चाहिए। ये चुनाव एक ऐसा मौका है जब ऐसा करने वालों को राजनीति से हमेशा के लिए विदा कर देना चाहिए। 

मैं कभी कभी सोचता हूँ कि ये टीएमसी क्या है – टी फॉर टेरर, एम फॉर मौत और सी फॉर करप्शन। पांच सालों में टीएमसी का यह सीधा-सीधा मतलब निकल कर आया है। जब हम छोटे थे और लेफ़्ट वाले चुनाव जीतते थे तो हम लोगों से पूछते थे कि ये लेफ़्ट वाले चुनाव कैसे जीतते हैं तो समझदार लोग मुझे बताते थे कि यहाँ का चुनाव साइंटिफिक रिजीम करके जीता जाता था। साइंटिफिक रिजीम तो मैंने सुना था लेकिन दीदी के राज़ में मैं देख रहा हूँ - साइंटिफिक करप्शन। टेंडर का कारोबार टेंडर निकलने से पहले तय हो जाता है। 

अभी कोलकाता में करप्शन का भंडा फूट गया। विवेकानंद ब्रिज अनेकों की ज़िन्दगी को तबाह कर गया जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है लेकिन दीदी मौत पर भी राजनीति कर रही हैं। ब्रिज गिरा है, लाशें पड़ी हैं, घायल लोग कराह रहे हैं और दीदी मदद करने के नाम पर कुछ नहीं बोलती हैं और कहती हैं इस ब्रिज का कॉन्ट्रैक्ट तो लेफ़्ट वालों ने दिया था। मैं पूछता हूँ कि अगर ये ब्रिज बन जाता तो आप उद्घाटन करने जाती कि नहीं और आप ब्रिज बनाने के क्रेडिट लेने की कोशिश करती कि नहीं। अगर लेफ़्ट वालों ने पाप किया तो उस पाप को आपने आगे क्यों बढ़ाया। पूरे पश्चिम बंगाल में जो लेफ़्ट वाले करके गए, उसे ही आगे बढ़ाने का काम दीदी कर रही हैं और इसलिए पश्चिम बंगाल को लेफ़्ट और दीदी, दोनों से मुक्ति चाहिए। 

जिस प्रकार से टेरर का माहौल बनाया जा रहा है, अपने विरोधियों को ख़त्म करने की कोशिश हो रही है, ये लोकतंत्र और उसके प्रति आस्था का प्रतीक नहीं है। इस चुनाव में जो डिबेट चल रही है, उससे मैं हैरान हूँ। वो पूछते हैं कि ममता जी के राज़ में कितनी हत्याएं हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके राज़ में इतनी हत्याएं हुईं, लेफ़्ट वाले कहते हैं कि आपके ज़माने में इतनी बलात्कार की घटनाएँ हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके ज़माने में इतनी हुईं, दोनों के बीच दंगों की गिनती हो रही है। मैं पूछता हूँ कि चुनाव में यही डिबेट चलेगा क्या? ये आरोप-प्रत्यारोप गलत है। अच्छा होता कि ये कहते कि लेफ़्ट वालों ने इतना रास्ता बनाया था और हमने उससे ज्यादा बना दिया; लेफ़्ट वालों ने इतने स्कूल खोले थे और हमने उससे ज्यादा स्कूल खोल दिए, ये स्पर्धा होनी चाहिए थी लेकिन यहाँ स्पर्धा इस बात की हो रही है कि कौन ज्यादा बुरा है। 

भाईयों-बहनों, हमारी सरकार को 2 साल होने को आए हैं। आपने कभी अपने सांसद बाबुल सुप्रियो जो मेरी सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री हैं, उनके ऊपर एक भी आरोप सुना है क्या? 2 साल से हम बैठे हैं, हमने एक भी पाप नहीं किया, ऐसे सरकार चलाई जाती है। हमारी सभी समस्याओं का समाधान चुनावी खोखलेबाजी से नहीं होने वाला है। मेरा 3 एजेंडा है – पहला विकास, दूसरा तेज़ गति से विकास और तीसरा चारों तरफ विकास, जिस पर मैं पिछले साल से काम कर रहा हूँ और यहाँ भी करना चाहता हूँ। आप मुझे सेवा करने का मौका दीजिए। हमारी सभी समस्याओं का समाधान विकास में है। 

आप हैरान होंगे कि ये पश्चिम बंगाल इतना प्यारा और प्रगतिशील था कि अंग्रेजों को भी कोलकाता में आकर अपना काम करने का मन कर गया था, ऐसा शानदार और जानदार हुआ करता था हमारा बंगाल। बंगाल पूरे देश को दिशा दिखाता था लेकिन आज इस बंगाल की स्थिति देखिये। सुभाष भाई के भतीजे, चन्द्र कुमार बोस भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं और दीदी ऐसी घबरा गई हैं और दीदी ने ऐसा टेरर दिया है कि कोई चन्द्र बोस को दफ्तर खोलने की जगह नहीं दे रहा है। लोग कहते हैं कि हम वोट दे देंगे लेकिन जब तक दीदी हैं तब तक हम आपको मकान नहीं दे पाएंगे वर्ना हम जिंदा नहीं रह पाएंगे। ये लोकतंत्र है क्या? 

आसनसोल सुंदर नगरी के रूप में जाना जाता था। अभी भारत सरकार पूरे देश में लगातार स्पर्धा करती है और ज्यूरी निष्पक्षता से उसकी जाँच करती है। 2016 के शुरू में इस देश के 72 शहरों में सफ़ाई को लेकर स्पर्धा हुई। दो महीने का समय दिया गया कि आपको क्या-क्या करना है। आपको जानकर दुःख होगा कि आसनसोल उस सूची में नीचे से दूसरे पायदान पर था। दीदी ने आसनसोल को ऐसा बना दिया कि पूरे हिंदुस्तान में इसकी इज्ज़त को मिट्टी में मिला दिया। आसनसोल एक औद्योगिक नगरी रही है, साफ़-सुथरा होना चाहिए लेकिन न बंगाल की सरकार को परवाह है और न यहाँ बैठे हुए लोगों को परवाह है। 

मैं कहता हूँ कि आप इन लोगों से मुक्ति लेकर बंगाल में भाजपा को स्वीकार करें। दिल्ली पूरी ताक़त लगाएगा और जितनी बुराईयाँ यहाँ पिछले कई वर्षों से हैं, उसे निकालने के लिए मैं कंधे से कंधा मिलकर काम करूँगा। साइंटिफिक रिजीम और साइंटिफिक करप्शन; पश्चिम बंगाल में सिंडिकेट के नाम पर सारा कारोबार हड़प लिया जाता है। कोयले की कालाबाजारी में सिंडिकेट का क्या नाता है और ये सिंडिकेट लेफ़्ट वालों ने शुरू किया और तृणमूल वालों ने उसे आगे बढ़ाया है। मैंने पहले भी कहा है कि जिन्होंने देश का कोयला भी नहीं छोड़ा, उन्हें हम नहीं छोड़ेंगे। आपने कुछ दिन पहले देखा होगा कि कोयले की कालाबाजारी करने वाले कुछ लोगों को सजा भी हो गई और जेल भी हो गया और अब आगे औरों की भी बारी है। 

हमने करप्शन के खिलाफ़ लड़ाई चलाई है और मैं जानता हूँ कि मैं जितना इन चीजों को ठीक करता हूँ, उतना इन लोगों को परेशानी ज्यादा होती है। इसलिए वे जोर से चिल्लाते हैं क्योंकि उनको पता है कि अब उनके जेल में जाने के दिन आ रहे हैं। विकास की बात को छोड़कर और बातें जो उठाई जा रही हैं, उसका मूल कारण यही है कि मुसीबत अब उनके कदमों तक पहुँचने की तयारी कर रही है। कहीं भी जोर से आवाज़ सुनाई दे तो समझ लेना कि मोदी ने कोई ऐसा कदम उठाया है जिससे बेईमान लोगों के लिए परेशानी आनी शुरू हो गई है। 

मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। मुझे वोट चाहिए – बच्चों की पढ़ाई के लिए, नौजवानों की कमाई के लिए, बुजुर्गों की दवाई के लिए, अच्छी शिक्षा के लिए, अच्छे जीवन के लिए, विकास के लिए। आप पूरी तरह समर्थन देकर भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी बनाईए। 

बहुत-बहुत धन्यवाद!
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    West Bengal 356 Dhara
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    modi ji
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India is now among the countries where infrastructure is rapidly modernising: PM Modi in Amaravati, Andhra Pradesh
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QuoteThe development works launched today will strengthen infrastructure and accelerate the growth of Andhra Pradesh: PM
QuoteAmaravati is a land where tradition and progress go hand in hand: PM
QuoteNTR Garu envisioned a developed Andhra Pradesh, Together, we have to make Amaravati, Andhra Pradesh, the growth engine of developed India: PM
QuoteIndia is now among the countries where infrastructure is rapidly modernising: PM
QuoteViksit Bharat will be built on four pillars - poor, farmers, youth and Women power: PM
QuoteThe Navdurga Testing Range will strengthen the country's defense power just like Maa Durga, I congratulate the country's scientists and the people of AP for this: PM

तल्लि दुर्गा भवानि कोलुवुन्ना ई पुण्यभूमि पै मी अन्दरिनि कलवडम नाकु आनन्दमुगा उन्नदि॥

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर जी, मुख्यमंत्री मेरे मित्र श्री चंद्रबाबू नायडू जी, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी मंत्रीगण, डिप्टी सीएम ऊर्जावान पवन कल्याण जी, राज्य सरकार के मंत्रीगण, सभी सांसद और विधायक गण, और आंध्र प्रदेश के मेरे प्यारे भाइयों-बहनों!

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आज जब मैं इस अमरावती की पुण्य भूमि पर खड़ा हूं, तो मुझे केवल एक शहर नहीं दिख रहा, मुझे एक सपना सच होते दिख रहा है। एक नया अमरावती, एक नया आंध्रा। अमरावती वो धरती है, जहां परंपरा और प्रगति दोनों साथ चलते हैं। जहाँ बौद्ध विरासत की शांति भी है और विकसित भारत के निर्माण की ऊर्जा भी है। आज यहां करीब 60 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। ये प्रोजेक्ट्स सिर्फ कंक्रीट का निर्माण नहीं है, ये आंध्र प्रदेश की आकांक्षाओं की, विकसित भारत की उम्मीदों की मजबूत नींव भी हैं। मैं भगवान वीरभद्र, भगवान अमरलिंगेश्वर और तिरुपति बालाजी के चरणों में प्रणाम करते हुए आंध्र प्रदेश की सम्मानित जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू गारू और पवन कल्याण जी को भी मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

हम सब जानते हैं, इंद्रलोक की राजधानी का नाम अमरावती था और अब अमरावती आंध्र प्रदेश की राजधानी है। ये सिर्फ संयोग नहीं है। ये “स्वर्ण आंध्रा” के निर्माण का भी शुभ संकेत है। “स्वर्ण आंध्रा”, विकसित भारत की राह को मज़बूत करेगा और अमरावती, “स्वर्ण आंध्रा” के विजन को ऊर्जा देगी। अमरावती केवलं ओक नगरम कादु अमरावती, ओक शक्ति। आंध्रप्रदेश नू आधुनिक प्रदेश गा मार्चे शक्ति। आंध्रप्रदेश नू अधूनातन प्रदेश गा मार्चे शक्ति।

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साथियों,

अमरावती एक ऐसा शहर होगा, जहां आंध्र प्रदेश के हर नौजवान के सपने साकार होंगे। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी, क्लीन इंडस्ट्री, शिक्षा और स्वास्थ्य, आने वाले कुछ सालों में, इन सारे सेक्टर्स में अमरावती एक लीडिंग सिटी बनकर खड़ा होगा। इन सारे सेक्टर्स के लिए जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी होगा, केंद्र सरकार उसे रिकॉर्ड स्पीड से पूरा करने में राज्य सरकार की पूरी मदद कर रही है। अभी हमारे चंद्रबाबू जी टेक्नोलॉजी को लेकर के मेरे भारी तारीफ कर रहे थे। लेकिन मैं आज एक रहस्य बता देता हूं। जब मैं गुजरात में नया-नया मुख्यमंत्री बना, तो मैं बाबू हैदराबाद में बैठकर के किस-किस प्रकार के इनिशिएटिव ले रहे हैं, उसका बड़ा बारीकी से अध्ययन करता था और मैं उसमें से बहुत कुछ सीखता था और उसे आज मुझे लागू करने का अवसर मिला है, मैं लागू कर रहा हूं। और मैं अपने अनुभव से कहता हूं, फ्यूचर टेक्नोलॉजी हो, बहुत बड़े स्केल पर काम करना हो और जल्दी से इसे जमीन पर उतारना हो, तो वो काम चंद्रबाबू उत्तम से उत्तम तरीके से कर सकते हैं।

साथियों,

2015 में मुझे प्रजा राजधानी का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। बीते सालों में केंद्र सरकार ने हर प्रकार से अमरावती के लिए मदद दी है। यहां बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। अब चंद्रबाबू गारू के नेतृत्व में राज्य सरकार बनने के बाद सारे ग्रह जो लगे थे, अब हट गए हैं। यहां विकास कार्यों में तेजी आ गई है। हाईकोर्ट, विधानसभा, सेक्रेटेरिएट, राजभवन, ऐसी कई जरूरी बिल्डिंग बनाने के कामों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।

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साथियों,

एनटीआर गारू ने विकसित आंध्र प्रदेश का सपना देखा था। हमें मिलकर, अमरावती को, आंध्र प्रदेश को, विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बनाना है। हमें एनटीआर गारू का सपना पूरा करना है। चंद्रबाबू गारू, Brother पवन कल्याण, इदि मनमु चेय्याली इदि मनमे चेय्याली।

साथियों,

बीते दस सालों में भारत ने देश में फिजिकल, डिजिटल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष बल दिया है। भारत आज दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां का इंफ्रास्ट्रक्चर तेज गति से आधुनिक हो रहा है। इसका फायदा आंध्र प्रदेश को भी मिल रहा है। आज भी रेल और रोड से जुड़े हजारों करोड़ के प्रोजेक्‍ट्स आंध्र प्रदेश को मिले हैं। यहां आंध्र प्रदेश में कनेक्टिविटी का नया अध्याय लिखा जा रहा है। इन प्रोजेक्ट्स से एक जिले से दूसरे जिले की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। आसपास के राज्यों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी, इससे किसानों के लिए बड़े बाजार तक फसल पहुंचाना आसान होगा और उद्योगों के लिए भी सुविधा होगी। टूरिज्म सेक्टर को, तीर्थ यात्राओं को बल मिलेगा। जैसे रेनीगुंटा-नायडूपेटा हाइवे से तिरुपति बालाजी के दर्शन आसान होंगे, लोग बहुत कम समय में वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन कर पाएंगे।

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साथियों,

दुनिया में जो भी देश तेजी से विकसित हुए हैं, उन्होंने अपनी रेलवे पर बहुत अधिक बल दिया है। बीता दशक भारत में रेलवे के ट्रांसफॉर्मेशन का रहा है। भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश में रेलवे के विकास के लिए रिकॉर्ड पैसे भेजे हैं। वर्ष 2009 से 2014 तक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए रेलवे का कुल बजट 900 करोड़ रुपए से भी कम था। जबकि आज सिर्फ आंध्रा का ही रेल बजट 9 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। यानि करीब 10 गुणा से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

साथियों,

रेलवे के बढ़े हुए बजट से, आंध्र प्रदेश में रेलवे का hundred percent electrification हो चुका है। यहां आठ जोड़ी आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। साथ ही, आधुनिक सुविधाओं वाली अमृत भारत ट्रेन भी आंध्र प्रदेश से होकर गुजरती है। बीते 10 साल में आंध्र प्रदेश में 750 से अधिक रेल फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए हैं। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के 70 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है।

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साथियों,

इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जब इतने सारे काम होते हैं, तो उसका बहुत मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है। इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में जो रॉ मटेरियल लगता है, उससे मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बल मिलता है। सीमेंट का काम हो, स्टील का काम हो, ट्रांसपोर्टेशन का काम हो, ऐसे हर सेक्टर को इससे फायदा होता है। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का सीधा लाभ हमारे नौजवानों को होता है, उन्हें ज्यादा रोजगार मिलते हैं। आंध्र प्रदेश के भी हजारों युवाओं को इन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स से रोजगार के नए मौके मिल रहे हैं।

साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि विकसित भारत का निर्माण गरीब, किसान, नौजवान और नारी शक्ति, इन चार पिलर्स पर होगा। NDA सरकार की नीति के केंद्र में चार पिलर्स सबसे अहम हैं। हम विशेषकर किसानों के हितों को बड़ी प्राथमिकता देते हुए काम कर रहे हैं। किसानों की जेब पर बोझ ना पड़े और इसलिए बीते दस सालों में केंद्र सरकार ने सस्ती खाद देने के लिए करीब 12 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। हज़ारों नए और आधुनिक बीज भी किसानों को दिए। पीएम फसल बीमा स्कीम के तहत, आंध्र प्रदेश के किसानों को अब तक साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए का क्लेम मिल चुका है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत भी आंध्रा के लाखों किसानों के खाते में साढ़े सत्रह हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंचे हैं।

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साथियों,

आज पूरे देश में सिंचाई के प्रोजेक्ट्स का जाल बिछाया जा रहा है। रिवर-लिंकिंग का भी, उसका अभियान भी शुरू किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि हर खेत को पानी मिले, किसानों को पानी की दिक्कत ना हो। यहां नई सरकार बनने के बाद पोलवरम प्रोजेक्ट में भी नई गति आई है। आंध्र प्रदेश के लाखों, करोड़ों लोगों का इस प्रोजेक्ट से जीवन बदलने वाला है। पोलवरम प्रोजेक्ट तेज़ी से पूरा हो, इसके लिए केंद्र की NDA सरकार से राज्य सरकार को पूरी मदद दी जा रही है।

साथियों,

आंध्र की धरती ने दशकों से भारत को स्पेस पावर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। श्रीहरिकोटा से जब-जब कोई मिशन लॉन्च होता है, तो वो कोटि-कोटि भारतीयों को गर्व से भर देता है। करोड़ों भारतीय नौजवानों को ये क्षेत्र स्पेस के प्रति आकर्षित करता रहा है। अब आज देश को, हमारे डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने वाला नया संस्थान भी मिला है। कुछ देर पहले, हमने डीआरडीओ की नई मिसाइल टेस्टिंग रेंज की आधारशिला रखी है। नागयालंका में बनने जा रही नवदुर्गा टेस्टिंग रेंज, मां दुर्गा की तरह देश की डिफेंस पावर को शक्ति देगी। मैं इसके लिए भी देश के वैज्ञानिकों को, आंध्र प्रदेश के लोगों को बधाई देता हूं।

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साथियों,

आज भारत की ताकत सिर्फ हमारे हथियार ही नहीं हैं, बल्कि हमारी एकता भी है। एकता का यही भाव, हमारे एकता मॉल्स में मजबूत होता है। देश के अनेकों शहरों में, एकता मॉल्स बनाए जा रहे हैं। मुझे खुशी है कि अब विशाखापत्तनम में भी एकता मॉल बनेगा। इस एकता मॉल में, देशभर के कारीगरों, हस्तशिल्पियों के बने प्रोडक्‍ट्स एक ही छत के नीचे मिलेंगे। ये भारत की डायवर्सिटी से सबको जोड़ेगा। एकता मॉल से लोकल इकोनॉमी को भी गति मिलेगी और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना भी और अधिक मजबूत होगी।

साथियों,

अभी हमने चंद्रबाबू जी को सुना, उन्होंने 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की चर्चा की। मैं चंद्रबाबू का, आंध्र की सरकार का और आंध्र के लोगों का आभारी हूं कि आपने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए देश का प्रमुख कार्यक्रम आंध्र में करने के लिए निमंत्रण दिया, में इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। और जैसा आपने कहा है, मैं स्‍वयं भी 21 जून को आंध्र के लोगों के साथ योग करूंगा और दुनिया का एक कार्यक्रम यहां पर होगा। इस कार्यक्रम का महत्व इसलिए भी है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का दस साल की यात्रा का ये दसवीं साल का महत्वपूर्ण पड़ाव है। पूरे विश्‍व में योग के प्रति एक आकर्षण है, इस बार पूरी दुनिया 21 जून को आंध्र की तरफ देखेगी और मैं चाहूंगा कि आने वाले 50 दिन पूरे आंध्र में योग को लेकर के एक जबरदस्त वातावरण बने, स्पर्धाएं हों और वर्ल्‍ड रिकॉर्ड करने का काम आंध्र प्रदेश करके पूरी दुनिया को चकित कर दे और मैं मानता हूं, चंद्रबाबू के नेतृत्व में ये होकर रहेगा।

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साथियों,

आंध्र प्रदेश में ना तो सपने देखने वालों की कमी है और न ही सपनों को साकार करने वाले कम हैं। मैं ये विश्वास के साथ कह सकता हूं, आज आंध्र प्रदेश सही राह पर चल रहा है, आंध्र ने सही स्पीड पकड़ ली है। अब ग्रोथ की इस स्पीड को हमें लगातार तेज करते रहना है। और मैं कह सकता हूं, जैसा बाबू ने तीन साल में अमरावती के निर्माण का जो सपना देखा है, इसका मतलब ये तीन साल के सिर्फ अमरावती की गतिविधि आंध्र प्रदेश की जीडीपी को कहां से कहां पहुंचा देगी, ये मैं साफ देख रहा हूं। मैं आंध्र प्रदेश की जनता को, यहां जो मेरे सहयोगी बैठे हैं, सभी को फिर आश्वस्त करता हूं, आंध्र प्रदेश की प्रगति के लिए आप मुझे हमेशा अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए देखेंगे। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मी अन्दरि आशीर्वादमुतो ई कूटमि आन्ध्रप्रदेश अभिवृद्धिकि कट्टूबडि उन्नदि॥

धन्यवाद!

भारत माता की जय! भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम!