وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے 10 ستمبر 2023 کو نئی دہلی میں جی 20 سربراہ اجلاس کے موقع پر یوروپی کونسل کے صدر جناب چارلس مشیل اور یورپی کمیشن کی صدر محترمہ ارسلا وان ڈیر لیین سے ملاقات کی۔

دونوں مہمانوں نے ہندوستان کی جی 20 صدارت کی کامیابی پر وزیر اعظم کو مبارکباد دی۔

مذاکرات کا مرکز ہندوستان کے مختلف پہلوؤں پر بات چیت - یورپی یونین اسٹریٹجک پارٹنرشپ، بشمول آئندہ بھارت - ای یو سربراہ کانفرنس، جاری فری ٹریڈ ایگریمنٹ گفت و شنید، موسمیاتی تبدیلی اور لائف، ڈیجیٹل ٹیکنالوجی، اور ٹریڈ اینڈ ٹیکنالوجی کونسل (ٹی ٹی سی) پر رہا۔

قائدین نے ہندوستان - مشرق وسطی - یورپ اقتصادی راہداری پر بھی تبادلہ خیال کیا جو 9 ستمبر 2023 کو شروع کیا گیا تھا۔ انہوں نے محسوس کیا کہ راہداری پر تیزی سے عمل آوری ہونی چاہئے۔ وزیر اعظم نے راہداری کے تحت شمسی منصوبوں کے امکانات کو بھی اجاگر کیا۔

 

 

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The relationship between India and Indonesia is rooted in thousands of years of shared culture and history: PM
February 02, 2025
The relationship between India and Indonesia is not just geo-political, but is rooted in thousands of years of shared culture and history: PM
The cultural values, heritage, and legacy are enhancing people-to-people connections between India and Indonesia: PM

वेट्रिवेल् मुरुगनुक्कु.....हरोहरा

His Excellency President प्रबोवो, मुरुगन टेंपल ट्रस्ट के चेयरमैन पा हाशिम, मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. कोबालन, Dignitaries, तमिलनाडु और इंडोनेशिया के पुजारी एवं आचार्यगण, Indian diaspora के सदस्य, इस पावन अवसर का हिस्सा बनने वाले इंडोनेशिया और अन्य देशों के सभी साथी, और इस दिव्य-भव्य मंदिर के निर्माण को साकार करने वाले सभी कारीगर बंधु!

ये मेरा सौभाग्य है कि मैं जकार्ता के मुरुगन टेंपल के महा कुंभ-अभिशेखम जैसे पुनीत कार्यक्रम का हिस्सा बन रहा हूँ। My brother, President प्रबोवो उनकी मौजूदगी ने इसे मेरे लिए और विशेष बना दिया है। मैं physically भले ही जकार्ता से सैकड़ों किलोमीटर दूर हूँ, लेकिन मेरा मन इस आयोजन के उतने ही करीब है, जितना भारत-इंडोनेशिया के आपसी रिश्ते!

अभी कुछ ही दिन पहले President प्रबोवो, भारत से 140 करोड़ भारतवासियों का प्यार लेकर गए हैं। मुझे विश्वास है, उनके जरिए आप सब हर भारतीय की शुभकामनाओं को वहाँ अनुभव कर रहे होंगे।

मैं आप सभी को और भारत-इंडोनेशिया समेत दुनिया भर में भगवान मुरुगन के करोड़ों भक्तों को जकार्ता टेंपल के महा कुंभ-अभिशेखम की बधाई देता हूँ। मेरी कामना है तिरुप्पुगळ् के भजनों के माध्यम से भगवान मुरुगन का यशगान होता रहे। स्कंद षष्ठी कवचम् के मंत्र सभी लोगों की रक्षा करें।

मैं डॉ. कोबालन और उनके सभी सहयोगियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि उन्होंने कड़ी मेहनत से मंदिर निर्माण का सपना पूरा किया है।

साथियों,

भारत और इंडोनेशिया के लोगों के लिए, हमारे रिश्ते सिर्फ geo-political नहीं हैं। हम हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति से जुड़े हैं। हम हजारों वर्ष पुराने इतिहास से जुड़े हैं। हमारा संबंध विरासत का है, विज्ञान का है, विश्वास का है। हमारा संबंध साझी आस्था का है, आध्यात्म का है। हमारा संबंध भगवान मुरुगन और भगवान श्री राम का भी है। और, हमारा संबंध भगवान बुद्ध का भी है।

इसीलिए साथियों,

भारत से इंडोनेशिया जाने वाला कोई व्यक्ति जब प्रम्बानन मंदिर में हाथ जोड़ता है, तो उसे काशी और केदार जैसी ही आध्यात्मिक अनुभूति होती है। जब भारत के लोग काकाविन और सेरात रामायण के बारे में सुनते हैं तो उनमें वाल्मीकि रामायण, कम्ब रामायण और रामचरित मानस जैसी ही भावना जगती है। अब तो भारत में अयोध्या में इंडोनेशिया की रामलीला का मंचन भी होता रहता है। इसी तरह, बाली में जब हम ‘ओम स्वस्ति-अस्तु’ सुनते हैं, तो हमें भारत के वैदिक विद्वानों का स्वस्ति-वाचन याद आता है।

आपके यहाँ बोरोबुदुर स्तूप में हमें भगवान बुद्ध की उन्हीं शिक्षाओं के दर्शन होते हैं, जिनका अनुभव हम भारत में सारनाथ और बोधगया में करते हैं। हमारे ओडिशा राज्य में आज भी बाली जात्रा को सेलिब्रेट किया जाता है। ये उत्सव उन प्राचीन समुद्री यात्राओं से जुड़ा है, जो कभी भारत-इंडोनेशिया को व्यापारिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ती थीं। आज भी, भारत के लोग जब हवाई यात्रा के लिए ‘गरुड़ इंडोनेशिया’ में बैठते हैं, तो उन्हें उसमें भी हमारी साझा संस्कृति के दर्शन होते हैं।

साथियों,

हमारे रिश्ते ऐसे कितने ही मजबूत तारों से गुथे हैं। अभी जब प्रेसिडेंट प्रबोवो भारत आए थे, हम दोनों ने तब भी इस साझी विरासत से जुड़ी कितनी ही चीजों पर बात की, उन्हें cherish किया! आज जकार्ता में भगवान मुरुगन के इस नए भव्य मंदिर के जरिए हमारी सदियों पुरानी विरासत में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ रहा है।

मुझे विश्वास है, ये मंदिर न केवल हमारी आस्था का, बल्कि हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का भी नया केंद्र बनेगा।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि इस मंदिर में भगवान मुरुगन के अलावा विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों की भी स्थापना की गई है। ये विविधता, ये बहुलता, हमारी संस्कृति का सबसे बड़ा आधार है। इंडोनेशिया में विविधता की इस परंपरा को ‘भिन्नेका तुंग्गल इका’ कहते हैं। भारत में हम इसे ‘विविधता में एकता’ कहते हैं। ये विविधता को लेकर हमारी सहजता का ही है कि इंडोनेशिया और भारत में भिन्न-भिन्न संप्रदाय के लोग इतने अपनत्व से रहते हैं। इसलिए आज का ये पावन दिन हमें Unity in Diversity की भी प्रेरणा दे रहा है।

साथियों,

हमारे सांस्कृतिक मूल्य, हमारी धरोहर, हमारी विरासत, आज इंडोनेशिया और भारत के बीच people to people connect बढ़ा रहे हैं। हमने साथ मिलकर प्रम्बानन मंदिर के संरक्षण का फैसला किया है। हम बोरोबुदुर बौद्ध मंदिर को लेकर अपनी साझी प्रतिबद्धता प्रकट कर चुके हैं। अयोध्या में इंडोनेशिया की रामलीला का ज़िक्र अभी मैंने आपके सामने किया! हमें ऐसे और कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। मुझे विश्वास है, प्रेसिडेंट प्रबोवो के साथ मिलकर हम इस दिशा में और तेजी से आगे बढ़ेंगे।

हमारा अतीत हमारे स्वर्णिम भविष्य का आधार बनेगा। मैं एक बार फिर प्रेसिडेंट प्रबोवो का आभार व्यक्त करते हुए आप सभी को मंदिर के महा कुंभ-अभिशेखम की बधाई देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।