Left Front and TMC governments have not done enough for irrigation in Purulia: PM Modi
Purulia ranks among the backward regions in Purulia due to lackadaisical attitude of TMC government: PM Modi
We will have to live up to the 'Sonar Bangla' dream of Tagore, Netaji and Vivekananda: PM Modi
Centre has stressed on education, health and income generation of tribal people: PM Modi
TMC govt has given Purulia only water crisis, forced migration and administration that discriminates: PM Modi at West Bengal rally

भारत माता की.... जय!

भारत माता की.... जय!

नमोष्कार !

आपनारा कैमोन आछेन?

“आमी एई रांगामाटिर देशे पा रेखे, निजेके औनेक भाग्योशाली मोने कोरछि”
मेरे लिए यह बहुत सुखद है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब जंगलमहल की इस पवित्र धरती पर आने का मुझे सौभाग्य मिला है। ऋषि निबारण चन्द्र, मानभूम केसरी अतुल चन्द्र घोष, मानभूम जननी लाबन्या प्रभा घोष की कर्मभूमि को मेरा शत-शत प्रणाम! भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, पंडित रघुनाथ मुर्मू, जैसे अनेक वीर राष्ट्रनायकों को मैं आज आदरपूर्वक नमन करता हूं, उन महापुरुषों को वंदन करता हूं।

यह धरती भगवान राम और मां सीता के वनवास की भी साक्षी रही है। यह ऐसी धरती है, जहां अजुध्या पर्बत है, सीता कुंड है, इतना ही नहीं अजुध्या नाम से ग्राम पंचायत भी है। कहते हैं कि वनवास के दौरान जब मां सीता को प्यास लगी थी, तो राम जी ने जमीन पर बाण मारकर पानी की धारा निकाल दी थी। सोचिए, तब पुरुलिया में भूजल की क्या स्थिति रही होगी। और यह विडंबना है कि आज पुरुलिया में पानी का संकट, बहुत बड़ी समस्या है। यहां के किसानों को, मेरे आदिवासी-वनवासी भाई-बहनों को इतना पानी भी नहीं मिलता कि वे सही से खेती कर सकें। यहां की महिलाओं को पीने के पानी के इंतजाम के लिए बहुत दूर तक पैदल चलकर जाना पड़ता है। पहले वामपंथियों की सरकार और फिर टीएमसी सरकार ने यहां पर उद्योग-धंधे पनपने नहीं दिए। फिर यहां जितना सिंचाई के लिए काम होना चाहिए था, वो भी नहीं हुआ। कम पानी की वजह से पशुओं को पालने में जो दिक्कत होती है, वो भी मैं भलीभांति जानता हूं। खेती-किसानी को अपने हाल पर छोड़कर, टीएमसी सरकार सिर्फ अपने खेल में ही लगी रही। इन लोगों ने पुरुलिया को दिया है- जल संकट से भरा जीवन। इन लोगों ने पुरुलिया को दिया है- पलायन। इन लोगों ने पुरुलिया के गरीबों को दिया है- भेदभाव भरा शासन। इन लोगों ने पुरुलिया की पहचान बनाई है देश के सबसे पिछड़े क्षेत्र के रूप में। ये लोग कैसे काम करते हैं, इसका बहुत बड़ा उदाहरण है पुरुलिया पाइप्ड वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट। आठ साल हो गए, ये अब तक अधूरा पड़ा है। साहेब बांध सरोवर की स्थिति भी आपके सामने है। यहां के किसानों को, यहां के लोगों को इसका जवाब कौन देगा दीदी?

दीदी, ये लोग आपसे जवाब मांग रहे हैं। जवाब मांग रहो कि नहीं मांग रहे हो। दीदी को जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। दीदी को अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। अरे दीदी, “बोच्छोरेर पोर बोच्छोर धोरे, ऐकटा सेतुओ तोयरी कोरते पार्लोना तृणमूल, एखोन बोल्छे उन्नोयोनेर कोथा।” और इसलिए, आज मैं पुरुलिया के लोगों को, पूरे जंगलमहल क्षेत्र के लोगों को विश्वास दिलाने आया हूं। बंगाल में भाजपा सरकार बनने के बाद, आपकी इन दिक्कतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा। जब बंगाल में डबल इंजन की सरकार बनेगी, एक दिल्ली का इंजन और दूसरा बंगाल का इंजन, जब डबल इंजन की सरकार बनेगी, तो यहां विकास भी होगा और आपका जीवन भी आसान बनेगा। यहां पुरुलिया में तो टूरिज्म की भी इतनी संभावनाएं हैं। यहां पर हैंडीक्राफ्ट का इतना बेहतरीन काम होता है। इन सभी को बढ़ावा दिया जाएगा।

भाइयो और बहनो,

इस क्षेत्र जैसा ही जलसंकट देश के अन्य क्षेत्रों में भी रहा है। जहां-जहां भाजपा को सेवा करने का मौका मिला, भाजपा सरकारों ने वहां सैकड़ों किलोमीटर लंबी पाइपलाइनें बिछाईं , हजारों तालाब बनवाए। और आज इन क्षेत्रों में पानी का संकट तेजी से दूर हो रहा है। पानी की उपलब्धता बढ़ी है, तो आज वहां के किसान अलग-अलग तरह की फसलों को उगाने लगे हैं। अब यही काम बंगाल के उन सभी क्षेत्रों में भी किया जाएगा, जहां पानी की दिक्कतें हैं।

साथियो,
पुरुलिया सहित इस पूरे क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को सुधारना बहुत जरूरी है। पश्चिम बंगाल के हर हिस्से को रेल सेवा से जोड़ना हमारी प्राथमिकता में है। इस समय पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में करीब 50 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स के लिए स्वीकृति दे दी गई है। पूर्वी भारत के विकास को नई बुलंदी देने का सामर्थ्य रखने वाले Eastern Dedicated Freight Corridor का एक सेक्शन शुरू भी हो चुका है। 2 मई के बाद यहां जब भाजपा सरकार बनेगी तो पश्चिम बंगाल में जो डानकुनी तक का सेक्शन है, उस पर भी तेजी से काम शुरू कर दिया जाएगा। पुरुलिया भी इस कॉरिडोर से जुड़ेगा और यहां उद्योगों के लिए, रोजगार के लिए अनेक अवसर बनेंगे। रेल के अलावा रोड कनेक्टिविटी को भी सशक्त किया जा रहा है। इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में पश्चिम बंगाल में हाइवे का सिस्टम मजबूत करने के लिए हजारों करोड़ रुपए की भी विशेष व्यवस्था की गई है।

साथियो,
2 मई के बाद जब यहां भाजपा सरकार बनेगी, तो पुरुलिया सहित इस पूरे क्षेत्र में ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी ताकि लोगों को पलायन के लिए मजबूर न होना पड़े। यहां कृषि आधारित उद्योगों को बल दिया जाएगा, ताकि यहां के युवाओं को यहीं पर ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके। दलित, आदिवासी, पिछड़े इलाकों के हमारे युवा भी रोजगार के अवसरों से जुड़ सकें, इसके लिए उनके कौशल विकास पर और ज्यादा फोकस किया जाएगा। यहां के छाऊ कलाकारों, यहां के हस्तशिल्पियों को कमाई और मान-सम्मान से जुड़ी दूसरी सुविधाएं मिले, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

साथियो,
पुरुलिया और जंगलमहल के सामर्थ्य के साथ हमेशा अन्याय किया गया है। मैं आपका दुख, आपकी तकलीफ दिल्ली में रहते हुए भी भलीभांति समझता हूं, इसलिए इसे दूर करने का भरोसा मैं आपको दे रहा हूं। मैं जानता हूं, किस तरह यहां के युवाओं का हक, तुष्टिकरण के नाम पर आपसे छीनकर के आपके अधिकार को छीनकर के किसी और को दे दिया गया। मैं जानता हूं, किस तरह OBC समुदाय से आने वाले मेरे अन्य भाई-बहनों के साथ यहां पर विश्वासघात किया गया है। मां-माटी-मानुष की बात करने वाली दीदी को अगर दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, वनवासियों के प्रति ममता होती, तो वो ऐसा कभी नहीं करतीं। यहां तो दीदी की निर्मम सरकार ने माओवादियों की एक नई नस्ल बना दी है, जो टीएमसी के माध्यम से गरीबों का पैसा लूटती है। गरीबों के हकों को लूटती है। पूरा बंगाल जानता है कि कोयला माफिया, बालू माफिया, इन लोगों को यहां किसका संरक्षण मिला हुआ है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए दीदी की सरकार, माओवादी हिंसा को भी बढ़ावा देती है। और इन सबका नुकसान उठाना पड़ता है आपको, मेरे गरीब भाइयों-बहनों को, मेरे नौजवानों को, मेरी माताओं-बहनों को, यहां की महिलाओं को, यहां के बच्चों को। और इसलिए आज बंगाल की जनता कह रही है, एक-एक बंगाली कह रहा है-
ऑत्याचार ऑनेक कोरेछो दीदी,
भॉय देखानोई तोमार ओस्त्रो...
रूखे दांड़ाबे एबार बांग्लार मानुष
मां दुर्गार आशीर्बादे कोरबे तोमाय पोरास्तो

भाइयो और बहनो,
आपका ये उत्साह दिखा रहा है कि टीएमसी की पराजय तय है।
तय है ना...तय है ना...
इस बार बंगाल के चुनाव में सिंडिकेट वालों की पराजय होगी।
इस बार बंगाल के चुनाव में कट मनी वालों की पराजय होगी।
इस बार बंगाल के चुनाव में तोलाबाजों की पराजय होगी।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी के दिन अब गिनती के ही रह गए हैं। और ये बात ममता दीदी भी अच्छी तरह समझ रही हैं। और इसलिए वो कह रही हैं, खैला हौबे। खैला हौबे। जब जनता की सेवा की प्रतिबद्धता हो, जब बंगाल के विकास के लिए दिन-रात एक करने का संकल्प हो, तो दीदी खेला नहीं खेला जाता दीदी !
और इसलिए,
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले चाकरी होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले बीकाश होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले शीक्खा होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले मोहिलादेर उत्थान होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले जुबो-शोक्तीर शंपूर्नो बीकाश होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले शोबार पाका बाड़ी होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले प्रोत्तेक घोरे कोल होबे आर कोले पोरिष्कार जोल होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले ग्रामे-ग्रामे जोनोशुबिधा होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले अस्पताल होबे
दीदी बोलेन खैला होबे, बीजेपी बौले इस्कूल होबे दीदी, इस्कूल होबे
दीदी ! ओ दीदी!
बांगलार भाई-बोनेदेर चिंतार खैला आपनि दोश बोच्छोर खेले छेन।
खैला शेष होबे, बीकाश आरोम्भो होबे।
आपका ये प्यार, आपका ये आशीर्वाद, ये बंगाल का मिजाज है।

साथियो,
दीदी को बंगाल के लोगों के हितों से ज्यादा खेल की चिंता पड़ी है। लेकिन दीदी ये भूल रही हैं कि इस बार खुद बंगाल की जनता उनके विरोध में खड़ी है। दस साल का विश्वासघात, दस साल की दुर्नीति की सजा अब बंगाल के लोग इस चुनाव में उन्हें देकर रहेंगे। कोलकाता की ब्रिगेड रैली के बाद जो कुछ भी हो रहा है, वो आप भी देख रहे हैं, देश भी देख रहा है। दस साल के तुष्टिकरण के बाद, लोगों पर लाठियां-डंडे चलवाने के बाद, अब ममता दीदी अचानक बदली-बदली सी दिख रही हैं। ये हृदय परिवर्तन नहीं है, ये हारने का डर है। ये बंगाल की जनता की नाराजगी है, जो दीदी से ये सब करवा रही है। दीदी, आप ये सब करते रहिए, हर तरह से खेलते रहिए, लेकिन ये मत भूलिए कि बंगाल की जनता की याददाश्त बहुत तेज होती है। बंगाल की जनता को याद है कि गाड़ी से उतर कर आपने कितने लोगों को डांटा-फटकारा है। तुष्टिकरण के लिए आपकी हर कार्रवाई बंगाल के लोगों को याद है। साथियो, आपको याद है न? दीदी के सारे कारनामे याद है न? बंगाल की जनता को याद है जब आपने देश की सेना पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया था। जब पुलवामा हमला हुआ तो आप किसके साथ खड़ी थीं, ये भी बंगाल के लोग भूले नहीं हैं।

साथियो,
दो-तीन दिन पहले दिल्ली की एक अदालत ने एक बहुत बड़ा फैसला सुनाया है। ये फैसला बाटला हाउस एनकाउंटर से जुड़ा है। इस एनकाउंटर ने भारत में आतंकवाद और आतंकवाद के पीछे जो ताकतें हैं, उनके असली चेहरों को उजागर कर दिया था। इसी एनकाउंटर में एक आतंकी की गोली ने देश के जांबांज सपूत इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा जी को शहीद कर दिया था। अदालत ने अब उस आतंकी को फांसी की सजा सुनाई है। लेकिन ममता दीदी और उनकी पार्टी का उस समय का व्यवहार कोई भूल नहीं सकता। ये लोग उस समय आतंकवादियों के साथ खड़े थे, एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रहे थे। तुष्टिकरण के लिए ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, ये इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। बंगाल में घुसपैठ को हवा देने के पीछे भी वजह एक ही है- तुष्टिकरण, वोटबैंक की सियासत। देश को वंदे मातरम का पाठ पढ़ाने वाली इस पवित्र धरती पर दीदी के इस व्यवहार की उम्मीद किसी को नहीं थी। इसलिए बंगाल के लोग बहुत पहले से मन बना चुके हैं। बंगाल के लोग बहुत पहले से कह रहे हैं- लोकसभा में TMC Half और इस बार पूरी साफ। लोगों का ये इरादा देख, दीदी अपनी खीज मुझ पर निकाल रही हैं। वो क्या-क्या नहीं कह रहीं। वो भाजपा के कार्यकर्ताओं पर भी भड़की हुई हैं। लेकिन हमारे लिए तो देश की करोड़ों बेटियों की तरह दीदी भी भारत की एक बेटी हैं, जिनका सम्मान हमारे संस्कारों में रचा-बसा है। इसलिए, जब दीदी को चोट लगी तो हमें भी चिंता हुई। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि उनके पैरों की चोट जल्द से जल्द ठीक हो। भोगोबान के प्रार्थना कोरी आपनी शिघ्रो-ही सुस्तो होए उठून !

साथियो,
पश्चिम बंगाल तभी प्रगति कर सकता है, जब विकास प्रक्रिया में सभी साझीदार एक साथ आ सकें। लेकिन दीदी ने बंगाल के दलितों-पिछड़ों, आदिवासियों-वनवासियों को कभी अपना साझीदार माना ही नहीं। बीते 10 सालों में कट, कमीशन और तोलाबाजी कल्चर का सबसे बड़ा नुकसान बंगाल के गरीब, बंगाल के दलित, बंगाल के वंचित, बंगाल के आदिवासी को ही हुआ है। यहां जो लाखों गरीबों को पक्के घर मिल रहे हैं, उसमें भी टीएमसी के तोलाबाज हर कदम पर अड़ंगा लगाते हैं। केंद्र से गरीब के लिए सस्ता चावल भेजा जाता है, उसको भी टीएमसी के तोलाबाज नहीं छोड़ते। बीते साल कोरोना के समय जब महीनों तक मुफ्त चावल और दाल का प्रबंध किया गया तो, दीदी के तोलाबाजों ने उसमें भी घोटाला कर दिया।

साथियो,
आप याद करिए, जब अम्फान साइक्लोन आया और बंगाल की जनता राज्य सरकार की ओर उम्मीद लगाए देख रही थी तो दीदी ने क्या किया था? अगर सहायता राशि चाहिए तो एक हिस्सा पार्टी ऑफिस में जमा करवाइए। अगर नुकसान न भी हुआ हो तो भी आपको सहायता राशि मिल सकती है, बस एक ही शर्त है, पार्टी ऑफिस में पैसा जमा कर के आ जाइए। जरा सोचिए, ऐसी आपदा में भी टीएमसी की कट मनी चलती रही।

साथियो,
इस क्षेत्र के हमारे संथाल भाई-बहन, अन्य आदिवासी साथी वन अधिकारों को लेकर, कृषि उत्पादों के सही मूल्य को लेकर कब से मांग कर रहे हैं। लेकिन दीदी ने उनकी बातों पर भी ध्यान नहीं दिया। खेती और वन उत्पादों पर निर्भर रहने वाले हमारे आदिवासी साथियों को ममता दीदी ने अपने हाल पर छोड़ दिया है। जबकि भाजपा सरकार, कहीं भी हो, केंद्र में हो या राज्य में, आदिवासी हितों की रक्षा, उनके बच्चों का कल्याण, ये हमारी सबसे पहली प्राथमिकता में रहा है।

साथियो,
ये अटल जी की ही सरकार थी, जिसने आदिवासी हितों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए अलग से एक मंत्रालय बनाया था। आदिवासी हितों के लिए केंद्र सरकार ने अलग बजट दिया, अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। बंगाल में 36 लाख से ज्यादा उज्ज्वला के गैस कनेक्शन दलित-आदिवासी और पिछड़े परिवारों को मिले हैं। वन उत्पादों की MSP बढ़ाने के साथ ही हमारी सरकार ने वन-उपज की संख्या में भी वृद्धि की है। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में भी आदिवासी क्षेत्रों की पढ़ाई, दवाई और कमाई के लिए बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने दलित परिवारों, SC परिवारों के बच्चों को पढ़ाई और कमाई के बेहतर अवसर देने के लिए आर्थिक मदद बहुत ज्यादा बढ़ाई है। डबल इंजन की सरकार बनने के बाद इसका लाभ बंगाल के लाखों दलितों, लाखों मेरे आदिवासी बच्चों को भी होगा। आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए सैकड़ों एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं। यहां का एकलव्य स्कूल भी गरीब आदिवासी बच्चों का भविष्य बनाने का काम करेगा। स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी महापुरुषों के योगदान का गौरवगान, उनके त्याग-तपस्या और बलिदान के गौरवगान को आने वाली पीढ़ियां याद रखे, आदिवासी वीर पुरुषों को याद रखे, इसलिए उनके म्यूजियम भी बनाए जा रहे हैं।

साथियो,

युवाओं को रोजगार, यहां बनने वाली भाजपा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक होगा। यहां की भर्ती परीक्षाओं में जो खेल टीएमसी सरकार ने खेले हैं, वो सारे खेल बंद किए जाएंगे। जो युवा, शिक्षक परीक्षा देने के बाद बरसों से इंतजार कर रहे हैं, उनकी मुश्किलें भी दूर की जाएंगी। राज्य सरकार में जो कर्मचारी कॉन्ट्रेक्ट पर हैं, सभी की स्किल और ज्यादा बढ़े, वो और अच्छी तरह से बंगाल के विकास में योगदान कर सकें, इस पर भी बहुत जोर दिया जाएगा। राज्य सरकार के जो बाकी कर्मचारी हैं, उन्हें भी ममता सरकार द्वारा अनेक सुविधाओं और मानदेयों से वंचित रखा गया है। भाजपा सरकार में ये सारी विसंगतियां दूर की जाएंगी।

साथियो,
भाजपा की केंद्र सरकार की नीति है- DBT- यानि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर। पश्चिम बंगाल में दीदी सरकार की दुर्नीति है- TMC- यानि ट्रांसफर माय कमीशन !! हम DBT वाले हैं जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की बात करते हैं, वो TMC ट्रांसफर माय कमीशन में ही डूबे हुए हैं। यहां आयुष्मान योजना क्यों नहीं लागू हुई? क्योंकि ट्रांसफर माय कमीशन नहीं हो पाया। यहां किसानों के बैंक खातों में हजारों रुपए जाने से क्यों रोक दिया गया? क्योंकि ट्रांसफर माय कमीशन नहीं हो पाया। अब आप ही बताइए साथियो, पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए, पश्चिम बंगाल को विकास चाहिए कि नहीं चाहिए, पश्चिम बंगाल के नौजवानों का भविष्य चाहिए कि नहीं चाहिए, पश्चिम बंगाल के आदिवासियों को हक मिलना चाहिए कि नहीं चाहिए? पश्चिम बंगाल की माताओं और बहनों को सम्मान मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए?

बस आपका यही जोश, हर सिंडिकेट, हर टोलाबाज का होश उड़ा रहा है। और इसलिए दीदी को आपके जनधन बैंक खातों से डर लगता है। बंगाल में खुले करोड़ों जनधन खाते, आपका हक आपको ही मिले, इसकी गारंटी हैं। दीदी, दीदी, दीदी चान चुरीर खैला चोलते थाकुक, आमरा चाई एई खैला शेष होक। इसलिए आज पुरुलिया के लोगों का, जंगलमहल का, बंगाल का दीदी को संदेश साफ है-
चुरीर खैला चोलबे ना! चोलबे ना!
मेरे साथ बोलिए.. चुरीर खेला… चोलबे ना! चोलबे ना!
चुरीर खेला…
चुरीर खेला…
चुरीर खेला…
अरे, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए-
चुरीर खेला…
चुरीर खेला…

साथियो,
आपकी ये गर्जना बताती है कि दीदी सरकार जाने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। अब बंगाल के भ्रष्टाचार से, कुशासन से मुक्त होने का समय आ गया है। क्या हालत बना दी है दीदी ने बंगाल की? क्राइम है, क्रिमिनल है, लेकिन जेल में नहीं है। माफिया हैं, घुसपैठिए हैं, लेकिन खुलेआम घूम रहे हैं। सिंडिकेट है, स्कैम है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है।

साथियो,
आज मुझे वो परिवार आशीर्वाद देने आए हैं, जिन्होंने दीदी के अत्याचारों को सहा है। किसी ने अपने को खोया है, परिवार के लोग शहीद हो गए हैं। ये पुरुलिया के वो परिवार हैं जिन्हें दीदी के विरोध की सजा दी गई। इनके परिवार के नौजवानों को फांसी पर लटका दिया गया, उनकी निर्ममता से हत्या कर दी गई। खुलेआम ये धमकी दी गई कि बीजेपी का साथ दोगे तो यही होगा। ये किस तरह का राज चला रही हैं आप दीदी? अभी कल रात ही 24 उत्तर परगना में दर्जन से ज्यादा जगहों पर बमबारी हुई है, बम फेंके गए हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया है। ये स्थिति ठीक नहीं है। ये बदले की हिंसा, ये अत्याचार, ये माफियाराज और नहीं चलेगा। मैं स्थानीय प्रशासन से भी कहूंगा, बंगाल की पुलिस से आग्रह करूंगा कि संविधान को सर्वोपरि रखें, लोकतंत्र को सर्वोपरि रखें। मैं बंगाल के लोगों को विश्वास दिलाता हूं, हर भाजपा कार्यकर्ता को विश्वास दिलाता हूं कि 2 मई को बीजेपी की सरकार बनने के बाद, हर अत्याचारी पर कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। बीजेपी की सरकार में, कानून का राज फिर से स्थापित किया जाएगा। क्रिमिनल, माफिया और भ्रष्टाचारी को कानून जेल के हवाले करके रहेगा।

मेरे प्यारे भाइयो-बहनो,
हमारे लिए जनता-जनार्दन ही ईश्वर का रूप है। 130 करोड़ देशवासी, यही हमारे परमात्मा हैं। उनकी प्रतिष्ठा, उनका पराक्रम, उनकी सेवा के लिए हम जी जान से जुटे हैं। हम रामकृष्ण परमहंस की सीख को जीवन में उतारने वाले, रामकृष्ण परमहंस देव ने कहा था जीव में ही शिव को देखो। हम जीव में ही शिव को देखकर के 130 करोड़ देवता-रूप देशवासियों की सेवा करने में लगे हुए हैं। हम सब को मिलकर गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्वों के सपनों को, उन सपनों को साकार करते हुए सोनार बांग्ला का फिर से निर्माण करना है। वो सोनार बांग्ला, जहां बंगाल के स्वर्णिम गौरव का समावेश होगा और आत्मनिर्भर का सामर्थ्य होगा। वो सोनार बांग्ला जहां हर गरीब, मजदूर, आदिवासी, किसान भाई-बंधु एक सम्मानित जीवन जिए। वो सोनार बांग्ला जहां की मां-बहन-बेटी सब सुरक्षित और भयमुक्त रहें। वो सोनार बांग्ला जहां के युवाओं के पास शिक्षा और रोजगार के भरपूर अवसर हों। वो सोनार बांग्ला जहां उद्योगों की कोई कमी न हो। वो सोनार बांग्ला जहां तोलाबाजी, कटमनी, सिंडिकेट जैसे भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह न हो। वो सोनार बांग्ला जहां गुंडे-अपराधी, उग्रवादियों की जगह जेल में हो, सड़कों पर ना हो। वो सोनार बांग्ला जहां सबके पास एक आवास हो, हर घर साफ जल पहुंचे, आयुष्मान भारत का साथ रहे। आज पूरा बंगाल हमारी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर इसी सोनार बांग्ला के पुनर्निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है। मैं देख रहा हूं, बंगाल की ये धरती सोनार बांग्ला का अब और इंतजार नहीं कर सकती। इसलिए, अब ये तय हो गया है- 2 मई दीदी जाच्छे, 2 मई दीदी जाच्छे, 2 मई दीदी जाच्छे, 2 मई दीदी जाच्छे, 2 मई दीदी जाच्छे। आशोल पोरिबोर्तन आश्छे, आशोल पोरिबोर्तन आश्छे।

इस बार,
भॉय नहीं, सिर्फ जॉय!
भॉय नहीं, सिर्फ जॉय!
पश्चिम बांग्लार मानुषेर जॉय!!
इस बार,
जोर से छाप, कमल छाप!!
इस बार,
जोर से छाप, कमल छाप !!
आपका एक-एक वोट डबल इंजन की ताकत बनेगा।
कमल छाप पर पड़ा हर वोट, आशोल पोरिबोर्तन लाएगा, शोनार बांग्ला का निर्माण करेगा। बंगाल के एक-एक व्यक्ति को याद रखना है। ये समय अपनी मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरने का समय है, ये हमारे बंगाल को कुशासन से मुक्त करने का समय है, ये दमनकारी और अत्याचारी शासन से बंगाल को मुक्त करने का समय है, ये अपने आदर्शों और विचारों के लिए पूरी ताकत लगा देने का समय है। आपके पास सुनहरा अवसर है, अपने राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का। हम बस मंजिल तक पहुंच ही गए हैं। आशोल पोरिबोर्तन के संकल्प के साथ, हम यहां से अपने गांव, अपने घर जाएंगे और घर-घर ये संदेश पहुंचाएंगे, एक-एक परिवार तक पहुंचाएंगे, पहुंचाएंगे न....घर-घर जाएंगे....लोगों को बताएंगे....मतदान करवाएंगे....कमल खिलाएंगे....सोनार बांग्ला बनाएंगे....

इसी आग्रह के साथ, आप सभी का बहुत धन्यवाद ! मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए...दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए....
भारत माता की.... जय!
भारत माता की.... जय!
वंदे.... मातरम्!
वंदे.... मातरम्!

बहुत-बहुत धन्यवाद!

Explore More
وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن

Popular Speeches

وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن
'India Delivers': UN Climate Chief Simon Stiell Hails India As A 'Solar Superpower'

Media Coverage

'India Delivers': UN Climate Chief Simon Stiell Hails India As A 'Solar Superpower'
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi condoles loss of lives due to stampede at New Delhi Railway Station
February 16, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the loss of lives due to stampede at New Delhi Railway Station. Shri Modi also wished a speedy recovery for the injured.

In a X post, the Prime Minister said;

“Distressed by the stampede at New Delhi Railway Station. My thoughts are with all those who have lost their loved ones. I pray that the injured have a speedy recovery. The authorities are assisting all those who have been affected by this stampede.”