Your Excellency,

प्रधान मंत्री
शेख हसीना जी,

त्रिपुरा के मुख्य मंत्री
माणिक साहा जी,

केन्द्रीय मंत्रिमंडल में
मेंरे सहयोगी,
डॉ. जयशंकर,

श्री अश्विनी वैष्णव,

श्री आर. के. सिंह,

श्री जी. किशन रेड्डी,

इस समारोह से जुड़े सभी साथीगण,

नमस्कार!

ये बहुत खुशी की बात है, कि हम एक बार फिर, भारत-बांग्लादेश सहयोग की सफलता को सेलिब्रेट करने के लिए एक साथ जुड़े हैं।

हमारे संबंध निरंतर नई ऊंचाइयां छू रहे हैं।

पिछले 9 वर्षों में हमने मिलकर जितना काम किया है, इतना काम कई दशकों में भी नहीं हुआ था।

हमने बॉर्डर पर शांति, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली के लिए, दशकों से लंबित, लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट किया।

और, मैरीटाइम बाउन्ड्री को भी सुलझाया।

दोनों देशों के लोगों की साझा अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमने infrastructure और connectivity के विकास पर विशेष बल दिया।

पिछले 9 वर्षों में तीन नई बस सेवाएं शुरू की की गई हैं।

इससे ढाका, अगरतला, शिलांग, गुवाहाटी, और कोलकता को आपस में जोड़ा गया।

पिछले 9 वर्षों में तीन नई रेल सेवाएं भी शुरू की गईं।

2020 से तो, भारत-बांग्लादेश के बीच कंटेनर और पार्सल ट्रेनें भी चल रही हैं।

पिछले 9 वर्षों में Inland Waterways को passenger और goods के यातायात के लिए विकसित किया गया।

इसी रास्ते से बांग्लादेश से त्रिपुरा के लिए exports का रास्ता खुल गया है।

विश्व का सबसे बड़ा क्रूज़ – गंगा विलास - भारत और बांगलादेश के बीच शुरू होने से पर्यटन को बढ़ावा मिला है।

पिछले 9 वर्षों में चिटागोंग और मोंगला पोर्ट के रास्ते से भारत के उत्तर पूर्व के राज्यों को जोड़ा गया है।

हमारे कनेक्टिविटी initiatives ने, Covid महामारी के दौरान लाइफ-लाइन का काम किया।

''ऑक्सीजन एक्सप्रेस'' ने चार हज़ार टन से ज्यादा लिक्विड medical ऑक्सीजन भारत से बांग्लादेश पहुंचाई।

पिछले 9 सालों में, भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र पर, चार नए इमिग्रेशन चेक पोस्ट खोले गए हैं।

और, पिछले 9 वर्षों में हमारा आपसी व्यापार लगभग तीन गुना हो गया है।

Friends,

इन 9 वर्षों की यात्रा में, आज ''अखौरा-अगरतला रेल लिंक'' उसका उद्घाटन भी एक ऐतिहासिक पल है।

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से बांग्लादेश का ये पहला रेल लिंक है।

त्रिपुरा का बांग्लादेश के साथ लिबरेशन स्ट्रगल के समय से गहरा नाता रहा है।

इस लिंक के माध्यम से, पूर्वोत्तर भारत के राज्य, बांग्लादेश के ports से भी जुड़ेंगे।

''खुलना - मोंगला पोर्ट रेल लाइन'' इसके बनने से अब बांग्लादेश का मोंगला पोर्ट, रेल के रास्ते ढाका और कोलकाता ट्रेड सेंटर्स से जुड़ गया है।

मुझे खुशी है कि आज हमने ''मैत्री थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट'' के दूसरे यूनिट का उद्घाटन किया।

पिछले 9 वर्षों में, हमारे पावर और एनर्जी सहयोग में यह एक नई कड़ी है।

2015 से, 160 मेगावाट बिजली, त्रिपुरा से बांग्लादेश जा रही है।

पिछले वर्ष, हमने मैत्री थर्मल पॉवर प्लांट के पहले यूनिट का अनावरण किया था।

इसी वर्ष, मार्च में, दोनों देशों के बीच पहली क्रॉस बार्डर हाई स्पीड डीजल पाईपलाइन का उद्घाटन किया गया।

हमारे आपसी सहयोग से बांग्लादेश की एनर्जी सिक्यूरिटी को बल मिला है।

ऊर्जा क्षेत्र में बांग्लादेश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुआ है।

यही नहीं, इस वर्ष सब-रिजनल कनेक्टिविटी के लिए भारत, बांग्लादेश और नेपाल के बीच बिजली के आदान-प्रदान पर भी सहमति बनी है।

Friends,

हमने ''सबका साथ, सबका विकास'' की हमारी approach को बांग्लादेश जैसे अपने निकटतम पड़ोसी मित्र के लिए भी प्रासंगिक माना है।

बांग्लादेश का सबसे बड़ा development पार्टनर होने पर हम गौरवान्वित महसूस करते हैं।

पिछले 9 वर्षों में, विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए लगभग 10 बिलियन डॉलर की सहायता दी जा रही है।

हमारे achievements की लिस्ट इतनी बड़ी है कि, उसकी व्याख्या करते हुए पूरा दिन निकल जाए।

हमने साथ मिल कर पुराने, रुके हुए काम तो पूरे किए ही हैं।

लेकिन आज के कार्यक्रम की एक और विशेषता है।

आज जिन तीन प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया है,

उनका निर्णय भी हमने लिया था, और इन्हें लोगों को समर्पित करने का सौभाग्य भी हमें ही मिला है।

Friends,

हमारे संयुक्त प्रयासों की सफलता के लिए मैं प्रधानमंत्री शेख हसीना जी का विशेष रूप से आभार प्रकट करता हूँ।

कुछ सप्ताह पहले, वे G-20 समिट में विशेष अतिथि के रूप में भी शामिल हुईं, हमें उनका स्वागत, सम्मान करने का अवसर मिला, इसके लिए भी मैं प्रधानमंत्री शेख हसीना जी का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।

Excellency,

आपके 'Smart बांग्लादेश' को आगे बढ़ाने में भारत पूरा सहयोग देता रहेगा।

मुझे खुशी है कि बांग्लादेश के 12 जिलों में 12 आई-टी पार्क्स बनाने में भारत सहयोग दे रहा है ।

Fintech के क्षेत्र में, दोनों देशों के पेमेंट गेटवेस को जोड़ने के लिए भी सहमति बनी है।

मेरा पूर्ण विश्वास है कि हमारे साझा प्रयासों से, बंगबंधु के 'सोनार बांग्लादेश' का विजन साकार होगा।

एक बार फिर, इस आयोजन में शामिल होने के लिए, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!

Explore More
وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن

Popular Speeches

وزیراعظم نریندر مودی کا 78 ویں یوم آزادی کے موقع پر لال قلعہ کی فصیل سے خطاب کا متن
Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry

Media Coverage

Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM to distribute over 50 lakh property cards to property owners under SVAMITVA Scheme
December 26, 2024
Drone survey already completed in 92% of targeted villages
Around 2.2 crore property cards prepared

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute over 50 lakh property cards under SVAMITVA Scheme to property owners in over 46,000 villages in 200 districts across 10 States and 2 Union territories on 27th December at around 12:30 PM through video conferencing.

SVAMITVA scheme was launched by Prime Minister with a vision to enhance the economic progress of rural India by providing ‘Record of Rights’ to households possessing houses in inhabited areas in villages through the latest surveying drone technology.

The scheme also helps facilitate monetization of properties and enabling institutional credit through bank loans; reducing property-related disputes; facilitating better assessment of properties and property tax in rural areas and enabling comprehensive village-level planning.

Drone survey has been completed in over 3.1 lakh villages, which covers 92% of the targeted villages. So far, around 2.2 crore property cards have been prepared for nearly 1.5 lakh villages.

The scheme has reached full saturation in Tripura, Goa, Uttarakhand and Haryana. Drone survey has been completed in the states of Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, and Chhattisgarh and also in several Union Territories.