نئی دلی، 5اگست، وزیراعظم جناب نریندر مودی نے آج ایودھیا میں شری رام جنم بھومی میں، بھومی پوجن کا عمل انجام دیا۔
بھارت کے لئے زریں باب
اس موقع پر اظہار خیال کرتے ہوئے وزیراعظم نے اہل وطن اور دنیا بھر میں پھیلے ہوئے رام بھکتوں کو اس مقدس موقع پر مبارکباد پیش کی۔ اسے تاریخی لمحہ قرار دیتے ہوئے انہوں نے کہا کہ بھارت آج ایک زریں باب کا آغاز کر رہا ہے۔ اس وقت ملک بھر کے عوام ازحد جوش و جذبے سے معمور ہیں اور انہیں آخر کار وہ چیز حاصل ہو گئی ہے، جس کے لئے وہ صدیوں سے انتظار کر رہے تھے۔ ان میں سے متعدد اب بھی اس امر میں مشکل سے ہی یقین کریں گے کہ وہ اپنی زندگی میں یہ دن ملاحظہ کر رہے ہیں۔ انہوں نے زور دے کر کہاکہ رام جنم بھومی تخریب اور تعمیر کے دائمی دائرے سے آزاد ہو گئی ہے اور رام للا کاایک عظیم الشان مندراب ان شامیانوں کی جگہ تعمیر کیا جائے گا۔
وزیراعظم نےکہاکہ جس طریقے سے 15اگست کی تقریب، ملک بھر کے عوام کی قربانیوں کی نمائندگی کرتی ہے، یعنی ان کی جدوجہد کے نتیجے میں آزادی حاصل ہوئی تھی، آج کا دن بھی اُسی نوعیت کی وابستگی اور پیڑھی در پیڑھی چلنے والی جدو جہد کا نتیجہ ہے، جو رام مندر کے لئے کی جا رہی تھی۔ انہوں نے اس موقع پر ان شخصیات کو بھی یاد کیا اور خراج عقیدت پیش کیا، جن کی جدو جہد نے رام مندر کے خواب کو حقیقی شکل دی ہے۔
شری رام-ہماری ثقافت کے معمار
وزیراعظم نے خیال ظاہر کیا کہ اگرچہ ان کے وجود کو مٹانے کی کئی کوششیں کی گئیں، شری رام، اب بھی ہماری ثقافت کی بنیاد بنے ہوئے ہیں۔ انہوں نے کہا کہ رام مندر ہماری ثقافت، دائمی یقین، قومی جذبے اور اجتماعی قوت ارادی کی ایک جدید علامت ہوگی، جو آنے والی پیڑھیوں کو ترغیب فراہم کرے گی۔ مندر کی تعمیر سے مختلف شعبوں میں متعدد مواقع فراہم ہوں گے اور اس خطے کی معیشت کو بدل دیں گے۔
وزیراعظم نے زور دے کر کہا کہ آج کا دن کروڑوں رام بھکتوں کے سچے عقیدے اور عزم کا بھی ایک ثبوت ہے۔ انہوں نے اُس وقار اور تحمل کی ستائش کی، جس کا مظاہرہ اہل ملک کی جانب سے کیا گیا، ہر کسی کے جذبات کو مدنظر رکھتے ہوئے، جب گزشتہ برس عدالت عظمیٰ نے اپنا فیصلہ سنایا، وہی وقار اور وہی تحمل آج بھی نظر آ رہا ہے۔
وزیراعظم نے یاد کیا کہ کس طریقے سےناداروں، پسماندہ، دلتوں، قبائلی افراد سمیت ہر شعبہ ہائے حیات کے افراد شری رام کی فتحیابیوں میں مددگار رہے، شری کرشن کے ذریعے گووردھن پہاڑ اٹھانے میں مددگار رہے، چھترپتی شوا جی نے سوراجیہ قائم کیا، گاندھی نے تحریک آزادی کی قیادت کی وغیرہ۔ اُسی طریقے سے رام مندر کی تعمیر عام شہریوں کے تعاون سے شروع کی گئی ہے۔
شری رام کے کردارکے اوصاف بیان کرتے ہوئے وزیراعظم نے کہا کہ وہ ہمیشہ حق پر قائم رہتے تھے اور انہوں نے سماجی ہم آہنگی کو اپنی حکمرانی کی بنیاد بنایا تھا۔ وہ اپنی رعایا سے مساویانہ محبت کرتے تھے۔ تاہم ناداروں اورضرورتمندوں کے لئے خاص جذبہ ترحم بھی رکھتے تھے۔ زندگی کا کوئی ایک بھی پہلو ایسا نہیں ہے، جہاں شری رام ہمارے لئے باعث ترغیب نہ ہوں اور ان کے اثرات ثقافت، فلسفے، عقیدے اور ملک کی روایات میں ظاہر ہوتے ہیں۔
شری رام-کثرت میں وحدت کا سوتر
وزیراعظم نے کہا کہ شری رام نے عوام کے لئے ایک مشعل راہ بن کر کام کیا۔ قدیم زمانے میں والمیکی رامائن کے توسط سے، تلسی داس، کبیر اور گرونانک کے ذریعے عہد وسطیٰ میں اور موجودہ وقت میں مہاتما گاندھی کے بھجنوں میں وہ عدم تشدد اور ستیہ گرہ کی قوت بن کر ابھرے۔ بھگوان بدھ بھی شری رام سے مربوط ہیں اور ایودھیا نگری صدیوں سے جینیوں کے عقیدے کا مرکز رہی ہے۔ مختلف زبانوں میں تصنیف کردہ رامائن کا حوالہ دیتے ہوئے وزیراعظم نے زور دے کر کہا کہ شری رام ملک میں کثرت میں وحد کا مشترکہ دھاگہ یا سوتر ہیں۔
وزیراعظم نے زور دے کر کہا کہ شری رام کا متعدد ممالک میں احترام کیا جاتا ہے۔ انہوں نے رامائن کی مقبولیت کا ذکر کرتے ہوئے انڈونیشیا کا نام لیا، جہاں آبادی کی اکثریت مسلمانوں کی ہے، کمبوڈیا، لاؤس، ملیشا، تھائی لینڈ، سری لنکا، نیپال کا بھی ذکر کیا اور کہا کہ شری رام کے حوالے ایران اور چین میں بھی پائے جاتے ہیں اور رام کتھا متعدد ممالک میں مقبول عام ہے۔ انہوں نے کہاکہ ان تمام ممالک میں آج رام مندر کی تعمیر کے آغاز کی اطلاع پاکر عوام مسرور ہوں گے۔
مکمل بنی نوع انسانیت کے لئے باعث ترغیب
وزیراعظم نے توقع ظاہر کی کہ یہ مندر آنے والے عہد میں مکمل بنی نوع انسان کے لئے ایک ترغیب ثابت ہوگا۔ انہوں نے زور دے کر کہا کہ یہ بات ازحد اہم ہے کہ شری رام کا پیغام، رام مندر اور ہماری دیرینہ روایات پوری دنیا تک پہنچیں۔اِس امر کو ذہن میں رکھتے ہوئے ملک میں رام سرکٹ بنایا جا رہا ہے۔
رام راج
وزیراعظم نے مہاتما گاندھی کے ذریعے دیکھے گئے نظریاتی خواب یا رام راج کی خصوصیات کا ذکر کیا۔ انہوں نے کہا کہ شری رام کی تعلیمات جو ہمارے ملک کو راستہ دکھاتی رہی ہیں، ان میں یہ باتیں شامل ہیں کہ: نہ کوئی شخص نادار ہوں، نہ دکھی، افراد و خواتین کو یکساں طور پر مسرور ہونا چاہئے۔ کاشتکاروں اور جانوروں کو پالنے والوں کو بھی ہمیشہ خوش رہنا چاہئے، معمر افراد ، بچوں اور ڈاکٹروں کو ہمیشہ تحفظ ملنا چاہئے۔ ہم سب کا فرض بنتا ہے کہ ہم پناہ چاہنے والوں کو پناہ دیں۔ مادرِ وطن جنت سے بڑھ کر ہوتی ہے اور ملک جس حد تک مضبوط ہوگا، وہ اتنی ہی قوت سے امن کو فروغ دے سکے گا۔ وزیراعظم نے کہا کہ شری رام جدت طرازی اور تبدیلی کے بھی علمبردار ہیں۔ ملک شری رام کے ان آئیڈیلس کو اپنا کر آگے بڑھ رہا ہے۔
باہمی محبت اور بھائی چارے کی بنیاد
وزیراعظم نے زور دے کر کہا کہ مندر کی تعمیر باہمی محبت اور بھائی چارے کی بنیاد پر عمل میں آنی چاہئے۔ انہوں نے کہا کہ سب کا ساتھ کے ذریعے اور سب کے وشواس کے ساتھ ہمیں سب کا وکاس بھی حاصل کرنا ہے اور اعتماد سے بھرپور اور آتم نربھر بھارت تعمیر کرنا ہے۔ انہوں نے زور دے کر کہا کہ شری رام کے پیغام پر عمل آوری تاخیر نہیں ہونی چاہئے اور ہم آگے بڑھیں گے اور ملک کو اسی پیغام پر عمل پیرا ہونے کی ضرورت ہے۔
کووڈ کے دوران مریادا
وزیراعظم نے اپنی بات کووڈ کی صورتحال کے پس منظر میں شری رام کے ذریعے اپنائے جانے والےمریادا کے راستے کی اہمیت کا ذکر کرتے ہوئے مکمل کی۔ انہوں نے کہا کہ موجودہ صورتحال کا تقاضہ ہےکہ دو گزکی دوری-ماسک ہے ضروری کی مریادا پر عمل کیاجائے۔ انہوں نے ہر کس و ناکس کو اسی اصول پر چلنے کی تلقین کی۔
बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा।
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टूटना और फिर उठ खड़ा होना,
सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है: PM
राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था।
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जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है,
जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है,
मैं उन सब लोगों को आज नमन करता हूँ, उनका वंदन करता हूं: PM
राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं।
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कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं: PM
आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए।
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इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ,
लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं: PM
यहां आने से पहले, मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया।
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राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं।
राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है।
हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राममंदिर भूमिपूजन का ये आयोजन शुरू हुआ है: PM
श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा,
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हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा,
हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा,
और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा: PM
राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है।
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ये महोत्सव है-
विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का।
नर को नारायण से, जोड़ने का।
लोक को आस्था से जोड़ने का।
वर्तमान को अतीत से जोड़ने का।
और
स्वं को संस्कार से जोडऩे का: PM
आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है।
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आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है: PM
इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
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हमने तब भी देखा था कि कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ, सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था ।
आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं: PM
कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमिपूजन का ये कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है।
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श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है: PM
जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया, वैसे ही घर-घर से,गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं।
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देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों,वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं,आज यहां की शक्ति बन गई हैं: PM
जिस तरह दलितों-पिछ़ड़ों-आदिवासियों, समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में गांधी जी को सहयोग दिया,
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उसी तरह आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का ये पुण्य-कार्य प्रारंभ हुआ है.. : PM
इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है।
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जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम की विजय का माध्यम बनने का सौभाग्य मिला.. : PM
श्री रामचंद्र को तेज में सूर्य के समान,
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क्षमा में पृथ्वी के तुल्य,
बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य.
और यश में इंद्र के समान माना गया है।
श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना।
इसीलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं: PM
श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया था।
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उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान,
केवट से प्रेम,
शबरी से मातृत्व,
हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और
प्रजा से विश्वास प्राप्त किया।
यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया: PM
उनका अद्भुत व्यक्तित्व,
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उनकी वीरता, उनकी उदारता
उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता,
उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता,
उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे।
राम प्रजा से एक समान प्रेम करते हैं लेकिन गरीबों और दीन-दुखियों पर उनकी विशेष कृपा रहती है: PM
जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों।
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भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों।
भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं!
भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं: PM
हजारों साल पहले वाल्मीकि की रामायण में जो राम प्राचीन भारत का पथप्रदर्शन कर रहे थे,
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जो राम मध्ययुग में तुलसी, कबीर और नानक के जरिए भारत को बल दे रहे थे,
वही राम आज़ादी की लड़ाई के समय बापू के भजनों में अहिंसा और सत्याग्रह की शक्ति बनकर मौजूद थे: PM
आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा, आज भी प्रचलित है।
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मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी: PM
मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा।
— PMO India (@PMOIndia) August 5, 2020
मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा: PM
हमें ये भी सुनिश्चित करना है कि भगवान श्रीराम का संदेश, राममंदिर का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे।
— PMO India (@PMOIndia) August 5, 2020
कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हमारी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी है: PM
राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं।
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राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं।
राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं।
उनकी इन्हीं प्रेरणाओं के साथ, श्रीराम के आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है: PM
हमें ध्यान रखना है, जब जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है, जब जब हम भटके हैं विनाश के रास्ते खुले हैं!
— PMO India (@PMOIndia) August 5, 2020
हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है।
हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है: PM
प्रभु श्रीराम ने हमें कर्तव्यपालन की सीख दी है, अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं इसकी सीख दी है!
— PMO India (@PMOIndia) August 5, 2020
उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है!
हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राममंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है: PM
मुझे विश्वास है, हम सब आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा!
— PMO India (@PMOIndia) August 5, 2020
भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा: PM