Quote"برسوں سے عدلیہ اور بار ہندوستان کے عدالتی نظام کے محافظ چلے آرہے ہیں"
Quote"قانونی پیشے کے تجربے نے آزاد ہندوستان کی بنیاد کو مضبوط کیا ہے اور آج کے غیر جانبدار عدالتی نظام نے بھی ہندوستان پر دنیا کا اعتماد بڑھانے میں مدد کی ہے"
Quote’’ناری شکتی وندن ایکٹ ہندوستان میں خواتین کی زیر قیادت ترقی کو نیا رُخ اور توانائی دے گا‘‘
Quote"جب خطرات عالمی ہوں تو ان سے نمٹنے کے طریقے بھی عالمی ہونے چاہئیں"
Quote"شہریوں کو محسوس کرنا چاہیے کہ قانون كا ان سے تعلق ہے"
Quote"اب ہم ہندوستان میں نئے قوانین آسان زبان میں مرتب کرنے کی کوشش کر رہے ہیں"
Quote"قانونی پیشے كو نئی تکنیکی ترقی کا فائدہ اٹھایا جانا چاہئے"

وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے آج نئی دہلی کے وگیان بھون میں ’بین الاقوامی وکلاء کانفرنس 2023‘ کا افتتاح کیا۔ کانفرنس کا مقصد قومی اور بین الاقوامی اہمیت کے مختلف قانونی موضوعات پر بامعنی مکالمے اور غور و خوض کے لیے ایک پلیٹ فارم کے طور پر کام کرنا ہے۔ خیالات اور تجربات کے تبادلے کو فروغ دینا ہے اور بین الاقوامی تعاون اور قانونی مسائل کی سمجھ کو مضبوط بنانا ہے۔

 

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اجتماع سے خطاب کرتے ہوئے وزیر اعظم نے عالمی قانونی برادری کے سركردہ لوگوں کے ساتھ بات چیت کا موقع ملنے پر خوشی کا اظہار کیا۔ انگلینڈ کے لارڈ چانسلر جناب ایلکس چاک اور بار ایسوسی ایشن آف انگلینڈ کے مندوبین كے علاوہ دولت مشترکہ اور افریقی ممالک کے نمائندوں اور ملک بھر کے لوگوں کی موجودگی کو نمایاں کرتے ہوئے وزیر اعظم نے کہا کہ بین الاقوامی وکلاء کانفرنس 2023 'واسودھیوا کٹمبکمکے جذبے کی علامت بن گئی ہے۔ وزیر اعظم نے غیر ملکی معززین کا ہندوستان میں خیرمقدم کیا اور بار ایسوسی ایشن آف انڈیا کا بھی شکریہ ادا کیا کہ وہ اس پروگرام کے انعقاد میں پیش پیش رہی۔

وزیراعظم نے کسی بھی ملک کی ترقی میں قانونی برادری کے کردار پر زور دیا۔"برسوں سے عدلیہ اور بار ہندوستان کے عدالتی نظام کے محافظ چلے آرہے ہیں"۔وزیر اعظم مودی نے آزادی کی جدوجہد میں قانونی پیشہ ور افراد کے کردار پر بھی روشنی ڈالی۔ انہوں نے مہاتما گاندھی، بابا صاحب امبیڈکر، بابو راجندر پرساد، جواہر لال نہرو، سردار پٹیل، لوک مانیہ تلک اور ویر ساورکر کی مثالیں پیش كیں۔

انہوں نے مزید کہا کہ "قانونی پیشے کے تجربے نے آزاد ہندوستان کی بنیاد کو مضبوط کرنے میں اپنی خدمات پیش كی ہیں اور آج کے غیر جانبدار عدالتی نظام نے ہندوستان پر دنیا کا اعتماد بڑھانے میں بھی مدد کی ہے"۔

وزیراعظم نے اس بات پر زور دیا کہ بین الاقوامی وکلاء کانفرنس ایسے وقت میں ہو رہی ہے جب قوم کئی تاریخی فیصلوں کی گواہ رہی ہے۔ اسی كے ساتھ انہوں نے لوک سبھا اور راجیہ سبھا میں ناری شکتی وندن ادھینیم کی منظوری کو یاد کیا جس میں خواتین لوک سبھا اور ودھان سبھا میں 33 فیصد ریزرویشن کی حقدار ہیں۔ انہوں نے كہا كہ ’’ناری شکتی وندن ایکٹ ہندوستان میں خواتین کی زیر قیادت ترقی کو نیا رُخ اور توانائی دے گا‘‘۔ انہوں نے یہ بھی ذکر کیا کہ نئی دہلی میں حال ہی میں ختم ہونے والی جی 20 چوٹی کانفرنس میں دنیا کو ہندوستان کی جمہوریت، آبادی اور سفارت کاری کی جھلک ملی۔ ایک ماہ قبل آج كا دن وزیر اعظم نے یاد کیا کہ ہندوستان چاند کے جنوبی قطب پر چندریان 3 کو کامیابی کے ساتھ لینڈ کرنے والا دنیا کا پہلا ملک بن گیا۔ ان کامیابیوں کو اجاگر کرتے ہوئے وزیر اعظم نے اس بات پر زور دیا کہ آج کا ہندوستان جو خود اعتمادی سے بھرا ہوا ہے 2047 تک ’وکشت بھارت‘ کے ہدف کو حاصل کرنے کے لیے کام کر رہا ہے۔

 

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انہوں نے ایک ترقی یافتہ ملک کا ہدف حاصل کرنے کے لیے ہندوستان میں قانونی نظام کے لیے مضبوط، آزاد اور غیر جانبدارانہ بنیادوں کی ضرورت کا بھی اظہار کیا۔ وزیراعظم نے یقین ظاہر کیا کہ بین الاقوامی وکلاء کانفرنس 2023 انتہائی کامیاب ثابت ہو گی اور ہر ملک کو دوسری قوموں کے بہترین طریقوں سے سیکھنے کا موقع ملے گا۔

وزیر اعظم مودی نے آج کی دنیا کے گہرے روابط پر تفصیل سے روشنی ڈالی اور کہا کہ آج دنیا میں بہت سی قوتیں ہیں جو سرحدوں اور دائرہ اختیار کی پرواہ نہیں کرتیں۔ انہوں نے کہا کہ جب خطرات عالمی ہوں تو ان سے نمٹنے کے طریقے بھی عالمی ہونے چاہئیں۔ انہوں نے سائبر دہشت گردی، منی لانڈرنگ اور مصنوعی ذہانت کے غلط استعمال کے اندیشوں پر بات کی اور کہا کہ ایسے مسائل پر عالمی فریم ورک تیار کرنا صرف حکومتی معاملات نہیں بلكہ یہ ضرورت مختلف ممالک کے قانونی فریم ورک کے درمیان رابطے کا مطالبہ کرتی ہے۔

تنازعات کے متبادل حل پر بات کرتے ہوئے وزیر اعظم نے کہا کہ تجارتی لین دین کی بڑھتی ہوئی پیچیدگی کے ساتھ اے ڈی آر نے پوری دنیا میں اہمیت حاصل کی ہے۔ انہوں نے کہا کہ ہندوستان میں تنازعات کے حل کی غیر رسمی روایت کو منظم کرنے کے لیے حکومت ہند نے ثالثی ایکٹ نافذ کیا ہے۔ اسی طرح لوک عدالتیں بھی ایک بڑا کردار ادا کر رہی ہیں اور لوک عدالتوں نے گزشتہ 6 سالوں میں تقریباً 7 لاکھ مقدمات فیصل كءے ہیں۔

 

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انصاف کی فراہمی کے ایک اہم پہلو کو اجاگر کرتے ہوءے جس کے بارے میں بات نہیں کی گئی وزیراعظم نے زبان اور قانون کی سادگی کا ذکر کیا۔

وزیر اعظم نے حکومت کے نقطہ نظر کے بارے میں بصیرت فراہم کی اور کسی بھی قانون کو دو زبانوں میں پیش کرنے کے حوالے سے جاری بحث کے بارے میں آگاہ کیا - ایک وہ جس کا قانونی نظام عادی ہے اور دوسرا وہ جوعام شہریوں کے لیے ہو۔ اس تمہید كے ساتھ كہ "شہریوں کو یہ محسوس کرنا چاہئے کہ قانون ان سے تعلق ركھتا ہےجناب مودی نے زور دے كر كہا کہ حکومت سادہ زبان میں نئے قوانین کا مسودہ تیار کرنے کی کوشش کر رہی ہے اور ڈیٹا پروٹیکشن قانون کی مثال دی۔ وزیر اعظم نے سپریم کورٹ آف انڈیا کو اپنے فیصلوں کا 4 مقامی زبانوں ہندی، تمل، گجراتی اور اڑیہ میں ترجمہ کروانے کے انتظامات کرنے پر مبارکباد دی اور ہندوستان کے عدالتی نظام میں یادگار تبدیلی کو ستائش كی۔

 

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آخر میں وزیراعظم نے ٹیکنالوجی، اصلاحات اور نئے عدالتی عمل کے ذریعے قانونی عمل کو ہموار کرنے کے طریقے تلاش کرنے کی ضرورت پر زور دیا۔

انہوں نے یہ كہتے ہوئے کہ تکنیکی ترقی نے عدالتی نظام کے لیے نئی راہیں کھول دی ہیں قانونی پیشے کے ذریعے تکنیکی اصلاحات سے فائدہ اٹھانے پر زور دیا۔

چیف جسٹس آف انڈیا، ڈاکٹر ڈی وائی چندرچوڑ، مرکزی وزیر قانون و انصاف، جناب ارجن رام میگھوال، اٹارنی جنرل آف انڈیا، جناب آر وینکٹرامانی، سالیسٹر جنرل آف انڈیا، جناب تشار مہتا، چیئرمین بار کونسل آف انڈیا،جناب منن كمار مشرا اور لارڈ چانسلر برطانیہ جناب ایلکس چاک بھی اس موقع پر موجود تھے۔

پس منظر

بین الاقوامی وکلاء کانفرنس 2023 کا انعقاد بار کونسل آف انڈیا نے 23 تا 24 ستمبر 2023 کو ’’انصاف کی فراہمی کے نظام میں ابھرتے ہوئے چیلنجز‘‘ کے موضوع پر کیا ہے۔ کانفرنس کا مقصد قومی اور بین الاقوامی اہمیت کے مختلف قانونی موضوعات پر بامعنی مکالمے اور غور و خوض کے لیے ایک پلیٹ فارم کے طور پر کام کرنا ہے۔ خیالات اور تجربات کے تبادلے کو فروغ دینا ہے اور بین الاقوامی تعاون اور قانونی مسائل کی سمجھ کو مضبوط کرنا ہے۔ ملک میں پہلی بار منعقد ہونے والی اس کانفرنس میں ابھرتے ہوئے قانونی رجحانات، سرحد پار قانونی چارہ جوئی میں چیلنجز، قانونی ٹیکنالوجی، ماحولیاتی قانون وغیرہ جیسے موضوعات پر بات کی جائے گی۔

پروگرام میں معزز ججوں، قانونی ماہرین اور عالمی قانونی برادری کے رہنماؤں کی شرکت كی۔

تقریر کا مکمل متن پڑھنے کے لیے یہاں کلک کریں

  • Pankaj Manojkumar Vishvakarma March 10, 2024

    good
  • Babla sengupta January 04, 2024

    Babla sengupta
  • Nandu Rajpurohit bhandara December 19, 2023

    भारत माता की – जय भारत माता की – जय भारत माता की – जय बहुत-बहुत धन्‍यवाद
  • CHANDRA KUMAR September 25, 2023

    लोकसभा चुनाव 2024 विपक्षी गठबंधन का नाम 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) रखा गया है। बंगलूरू में एकजुट हुए समान विचारधारा वाले 26 राजनीतिक दलों ने इस नाम पर सहमति जताई और अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लिया। कांग्रेस पार्टी ने बहुत चतुराई से सत्ता पाने का तरीका खोज लिया है: 1. बीजेपी 10 वर्ष सत्ता में रहकर कुछ नहीं किया, इसीलिए अब सत्ता हमलोगों को दे दो। 2. जितना भ्रष्टाचारी नेता हमारे पार्टी में था, वो सब बीजेपी में चला गया। अब दोनों तरफ भ्रष्टाचारी लोग है, इसीलिए सत्ता मुझे दे दो। 3. बीजेपी ने काला धन विदेश से नहीं लाया, इसीलिए सभी काला धन बीजेपी का है। अडानी अंबानी का काला धन बीजेपी बचा रही है। इसीलिए मुझे सत्ता दे दो, हम अडानी अंबानी का पैसा जनता में बांट देंगे। 4. सिर्फ बीजेपी ही देशभक्त पार्टी नहीं है, हम देशभक्त पार्टी हैं और मेरा पार्टी गठबंधन का नाम ही इंडिया है। 5. भारतीयों के पास सभी समस्या का अब एक ही उपाय है, बीजेपी को छोड़कर विपक्ष को अपना लो। क्योंकि विपक्ष एकजुट हो गया है तो एकसाथ काम भी कर लेगा। अब बीजेपी को यह साबित करना होगा की 1. राष्ट्र निर्माण के लिए दस वर्ष पर्याप्त नहीं है। हमने दस वर्ष में जो काम किया है, उससे भी ज्यादा काम अगले पांच वर्ष में करेंगे। 2. सभी विपक्षी दल देश को लूटने के लिए एकजुट हो गया है, विपक्षी दलों में एक भी दूरदर्शी नेता नहीं हैं। 3. विपक्षी दल नेतृत्व विहीन है, देश हित बड़ा निर्णय ले सकने वाला एक भी नेता विपक्ष के पास नहीं है। 4. बीजेपी ने आज तक ईमानदारी से देश हित में कार्य किया है, सभी बड़े प्रोजेक्ट समय पर और कम खर्च में पूरा किया है। 5. बीजेपी कालाधान वापस लाने के प्रयास में जुटा हुआ है। अब बीजेपी को दो कदम और उठाने की जरूरत है: 1. मुस्लिम और ईसाई मतदाताओं को मतदान करने से वंचित कर दिया जाए। इससे विपक्षी दलों का बहुत बड़ा नुकसान होगा। 2. इंडिया शब्द को संविधान से पूरी तरह हटा दिया जाए। इससे देशभर में इंडिया शब्द से ही विश्वास उठ जायेगा। विपक्षी दल इंडिया ब्रांड का इस्तेमाल बीजेपी के खिलाफ करना चाहता है, इसका प्रति उत्तर देना ही होगा। सर्वोत्तम उपाय : 1. संविधान में संशोधन किया जाए, और एक अधिनियम संविधान में जोड़ दिया जाए। अथवा एक अध्यादेश चुनाव से ठीक पहले पारित कर दिया जाए , "विदेशी धर्म का अनुयाई, विदेशी है। अर्थात सभी मुस्लिम , ईसाई, यहूदी, पारसी, जोराष्ट्रीयन आदि विदेशी है। इन्हें भारत में शरणार्थी घोषित किया जाता है तथा इनसे भारतीय नागरिकता वापस लिया जाता है।" इसके बाद कोई भी विदेशी धर्म मानने वाला मतदान नहीं कर पायेगा और चुनाव में प्रतिनिधि के रूप में खड़ा भी नहीं हो पायेगा। बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव 2024 में विजयी होना बहुत आवश्यक है। विपक्षी दल मोदी को हर हाल में हराना चाहता है। भारतीयों ने पृथ्वीराज चौहान को हारते देखा, महाराणा प्रताप को भागते देखा, शिवाजी को छिपते देखा और सुभाष चंद्र बोस को लापता होते देखा। अब मोदीजी को हारते हुए देखने का मन नहीं कर रहा है। इसीलिए बीजेपी वालों तुम्हें लोकसभा चुनाव 2024 हर हाल में जीतना है, विजय महत्वपूर्ण है, इतिहास में विजेता के सभी अपराध क्षम्य है। अर्जुन ने शिखंडी के पीछे छिपकर भीष्म का वध किया, युधिष्ठिर ने झूठ बोलकर द्रोणाचार्य का वध कराया, अर्जुन ने निहत्थे कर्ण पर बाण चलाया, भीम ने दुर्योधन के कमर के नीचे मारा तब जाकर महाभारत का युद्ध जीता गया। रामजी ने बाली का छिपकर वध किया था। इसीलिए बीजेपी को चाहिए की वह मुस्लिम और ईसाई मतदाताओं को लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान ही नहीं करने दे। जैसे एकलव्य और बर्बरीक को महाभारत के युद्ध में भाग लेने नहीं दिया गया। एकलव्य का अंगूठा ले लिया गया और बर्बरीक का गर्दन काट दिया गया। 2. लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान कार्य को शिक्षक वर्ग ही संभालेगा। शिक्षक ही presiding officer बनकर चुनाव संपन्न कराता है। इसीलिए सभी शिक्षक को उत्तम शिक्षण कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के बहाने से, दुर्गा पूजा में कपड़ा खरीदने हेतु, सभी शिक्षक के बैंक खाते में दो हजार भेज दिया जाए। सभी शिक्षक बीजेपी को जीतने के लिए जोर लगा देगा। 3. बीजेपी के द्वारा देश के सभी राज्य में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन कराया जाए और नारी सशक्तिकरण का संदेश देश भर में दिया जाए। दुर्गा मां की प्रतिमा के थोड़ा बगल में भारत माता का प्रतिमा भी हर जगह बनवाया जाए। चंद्रयान की सफलता को हर जगह प्रदर्शित करवाया जाए। यदि संभव हो तो हर हिंदू मजदूर, खासकर बिहारी मजदूरों को जो दूसरे राज्य में गए हुए हैं, को घर पहुंचने के लिए पैसा दिया जाए और उस पैसे को थोड़ा बढ़ाकर दिया जाए, ताकि हर मजदूर अपने अपने बच्चों के लिए कपड़ा भी खरीदकर ले जाए। बीजेपी को एक वर्ष तक गरीब वर्ग को कुछ न कुछ देना ही होगा, तभी आप अगले पांच वर्षों तक सत्ता में बने रहेंगे। 4. देशभक्ति का नया सीमा रेखा खींच दीजिए, जिसे कांग्रेस और विपक्षी दल पार नहीं कर सके। लोकसभा में एक प्रस्ताव लेकर 1947 के भारत विभाजन को रद्द कर दिया जाए। इससे निम्न लाभ होगा: 1. भारतीय जनता के बीच संदेश जायेगा की जिस तरह से बीजेपी ने राम मंदिर बनाया, धारा 370 को हटाया, उसी तरह से पाकिस्तान को भारत में मिलाया जायेगा। 2. पाकिस्तान की सीमा रेखा का महत्व खत्म हो जायेगा। यदि भारतीय सेना पाकिस्तान की सीमा पार भी कर जायेगी, तब भी उसे अपराध। नहीं माना जायेगा। 3. चीन पाकिस्तान कोरिडोर गैर कानूनी हो जायेगा। भारत अधिक मुखरता से चीन पाकिस्तान कोरिडोर का विरोध अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कर सकेगा। 4. पाकिस्तानी पंजाब के क्षेत्र में सिक्खों का घुसपैठ कराकर, जमीन पर एक एक इंच कब्जा किया जाए। जैसे चीन पड़ोसी देश के जमीन को कब्जाता है, बिलकुल वैसा ही रणनीति अपनाया जाए। पाकिस्तान आज बहुत कमजोर हो गया है, उसके जमीन को धीरे धीरे भारत में मिलाया जाए। 5. कश्मीर में पांच लाख बिहारी लोगों को घर बनाकर दिया जाए। इससे कश्मीर का डेमोग्राफी बदलेगा और कश्मीरी पंडित को घर वापसी का साहस जुटा पायेगा। कांग्रेस पार्टी जितना इसका विरोध करेगा बीजेपी को उतना ही ज्यादा फायदा होगा। 6. भाषा सेतु अभियान : इस अभियान के तहत देश भर में सभी भाषाओं को बराबर महत्व देते हुए, संविधान में वर्णित तथा प्रस्तावित सभी भाषाओं के शिक्षकों की भर्ती निकाली जाए। इससे भारतवासियों के बीच अच्छा संदेश जायेगा। उत्तर भारत में दक्षिण भारतीय भाषाएं सिखाई जाए और दक्षिण भारत में उत्तर भारतीय भाषाएं सिखाई जाए। पूरब में पश्चिमी भारतीय भाषाएं सिखाई जाए और पश्चिम में पूर्वी भारत की भाषाएं सिखाई जाए। कर्मचारी चयन आयोग दिल्ली को आदेश दिया जाए, की वह (1) असमिया, ( 2 ) बंगाली (3) गुजराती, (4) हिंदी, (5) कन्नड, (6) कश्मीरी, (7) कोंकणी, (8) मलयालम, ( 9 ) मणिपुरी, (10) मराठी, (11) नेपाली, ( 12 ) उड़िया, ( 13 ) पंजाबी, ( 14 ) संस्कृत, ( 15 ) सिंधी, ( 16 ) तमिल, ( 17 ) तेलुगू (18) उर्दू (19) बोडो, (20) संथाली (21) मैथिली (22) डोंगरी तथा (१) अंगिका (२) भोजपुरी (३) छतीसगढ़ी और (४) राजस्थानी भाषाओं के शिक्षक की भर्ती निकाले। प्रत्येक भाषा में पांच हजार शिक्षक की भर्ती निकाले, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी राज्य में नियुक्त किया जा सके, और भविष्य में किसी भी विद्यालय अथवा किसी भी राज्य में स्थानांतरित किया जा सके। 7. भाषा सेतु अभियान को सफल बनाने के लिए, देश भर में पांच वर्ष के लिए अंग्रेजी भाषा को शिक्षण का माध्यम बनाने पर प्रतिबंधित कर दिया जाए। अंग्रेजी एक विषय के रूप में पढ़ाया जा सकता है लेकिन अंग्रेजी माध्यम में सभी विषय को पढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। इससे देश भर में अभिभावकों से पैसा वसूल करने के षड्यंत्र को रोका जा सकेगा। 8. देश में किसी भी परीक्षा में अंग्रेजी माध्यम में प्रश्न नहीं पूछा जाए। अंग्रेजी विषय ऐच्छिक बना दिया जाए। यूपीएससी एसएससी आदि परीक्षाओं में, भाषा की नियुक्ति में ही अलग से अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दिया जाए। अन्य सभी प्रकार की नियुक्ति में अंग्रेजी विषय को हटा दिया जाए। इससे देश भर में बीजेपी का लोक प्रियता बढ़ जायेगा। भारतीय बच्चों के लिए अंग्रेजी पढ़ना बहुत ही कठिन कार्य है, अंग्रेजी भाषा का ग्रामर , उच्चारण, शब्द निर्माण कुछ भी नियम संगत नहीं है। अंग्रेजी भाषा में इतनी अधिक भ्रांतियां है और अंग्रेजी भाषा इतना अव्यवहारिक है कि इसे सीखने में बच्चों की सारी ऊर्जा खर्च हो जाती है। बच्चों के लिए दूसरे विषय पर ध्यान देना मुश्किल हो जाता हैं। बच्चों की रचनात्मकता, कल्पनाशीलता को निखारने के लिए अंग्रेजी से उन्हें आजाद करना होगा, बच्चों को उसके मातृभाषा से जोड़ना होगा। छात्रों को अपनी सभ्यता संस्कृति भाषा आदि पर गर्व करना सिखाना होगा। 9. राजस्थान के कोटा में 24 छात्रों ने इसी वर्ष आत्महत्या कर लिया। मोदीजी को उन सभी आत्महत्या कर चुके छात्र छात्राओं के माता पिता से मिलना चाहिए। जिन बच्चों ने डॉक्टर बनकर दूसरे की जान बचाने का सपना देखा, उन्हीं बच्चों ने तनाव में आकर अपना जान दे दिया। 10. देश भर के निजी शिक्षण संस्थानों के लिए कुछ नियम बनाना चाहिए : १. शिक्षण संस्थानों के एक कमरे में अधिकतम साठ (60) बच्चों को ही बैठाकर पढ़ा सकता है। अर्थात शिक्षक छात्र का अनुपात हमेशा एक अनुपात साठ हो, चाहे क्लासरूम कितना ही बड़ा क्यों न हो। क्योंकि छात्रों को अपने शिक्षक से प्रश्न भी पूछना होता है, यदि एक क्लासरूम में सौ ( 100 ) से ज्यादा छात्र बैठा लिया जाए, तब छात्र शिक्षक के बीच दूरियां पैदा हो जाती है। फिर छात्र तनाव में रहने लगता है। वह शिक्षक को कुछ बता नहीं पाता है और आत्महत्या कर लेता है। २. एक शिक्षक एक छात्र से अधिकतम एक हजार रुपए प्रति महीना शिक्षण शुल्क ले सकता है और वर्ष में अधिकतम बारह हजार रुपए। इससे अभिभावक से पैसा मांगने में छात्रों को शर्मिंदा होना नहीं पड़ेगा। छात्र अपने अभिभावक से पैसा मांगते समय बहुत तनाव में रहता है। कई बार अभिभावक कह देता है, सिर्फ पैसा पैसा, कितना पैसा देंगे हम। ३. एक शिक्षण संस्थान, एक छात्र से ऑनलाइन शिक्षण शुल्क अधिकतम पांच हजार रुपए ले सकता है। क्योंकि ऑनलाइन शिक्षण कार्य में कई छात्र एक साथ जुड़ जाते हैं। कई बार रिकॉर्डिंग किया हुआ शिक्षण सामग्री दे दिया जाता है। इन शिक्षण सामग्री का मनमाना शुल्क लेने से रोका जाए। भारत में गरीब छात्र तभी अपराधी बनता है जब वह देखता है की शिक्षा भी सोना चांदी की तरह खरीदा बेचा जा रहा है। इसका इतना पैसा , उसका उतना पैसा। ४. शिक्षण संस्थान केवल शिक्षा देने का कार्य करेगा। बच्चों का यूनिफॉर्म बेचना, किताब कॉपी बेचना, होस्टल से पैसा कमाना, एक साथ इतने सारे स्रोतों से पैसा कमाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। यह सभी कार्य अलग अलग संस्थान, अलग अलग लोगों के द्वारा किया जाए। यदि कोई शिक्षण संस्थान छात्रों से अवैध पैसा लेते हुए पकड़ा जाए तब उन पर आजीवन शिक्षण कार्य करने से प्रतिबंधित कर दिया जाए। ५. गरीब विद्यार्थियों की एक बहुत बड़ी समस्या यह है की उन्हें यूनिफॉर्म पहनना पड़ता है। विद्यालय जाते समय अलग कपड़ा पहनना और वापस आकर घर का कपड़ा पहनना। मतलब एक दिन में दो कपड़ा गंदा हो जाता है। छात्र के पास कम से कम चार जोड़ा कपड़ा होना चाहिए। छोटे छोटे बच्चों को हर रोज रंग बिरंगा कपड़ा पहनकर विद्यालय आने देना चाहिए। इसीलिए प्राथमिक विद्यालय के छोटे छोटे बच्चों को यूनिफॉर्म पहनने के अनुशासन से मुक्त रखा जाए। निजी शिक्षण संस्थानों को भी निर्देश दिया जाए की वह छोटे बच्चों को रंग बिरंगे कपड़ों में ही विद्यालय आने के लिए प्रेरित करे। बच्चों के अंदर की विविधता को ईश्वर ने विकसित किया है। यदि ईश्वर ने यूनिफॉर्म चाइल्ड पॉलिसी लागू कर दिया, और हम सबों के बच्चे एक जैसे दिखने लगे, तब कितनी समस्या होगी, जरा सोचकर देखिए। पश्चिमी देशों की मान्यता को रद्द किया जाए और यूनिफॉर्म में विद्यालय आने की बाध्यता को हटाया जाए। न्यायालय के न्यायाधीश काला चोगा पहनते हैं जिससे वे बड़े अजीब लगते हैं। कानून लागू कराने वाले व्यक्ति को सभी रंगों को प्राथमिकता देनी चाहिए, काले कपड़े तो चोर पहनकर रात में चोरी करने निकलते हैं ताकि पकड़े जाने से बच सके। न्यायालय के न्यायाधीशों को काला चोगा पहनने के बजाए, राजस्थानी अंगरखे को पहनना चाहिए, जिसमें वह ज्यादा आकर्षक और भव्य लगेगा। अभी न्यायालय जाने पर चारों तरफ अजीब सा उदासी, मायूसी, गमगीन माहौल नजर आता है। ऊपर से काले कोट वाले वकील और काले चोगे वाले न्यायाधीश वातावरण को निराशा से भर देता है। भारतीय न्यायाधीश को भारतीय अंगरखा पहनना चाहिए, राजस्थानी लोग कई तरह के सुंदर आकर्षक अंगरखा बनाना जानता है। उनमें से कोई भी न्यायाधीशों को पहनने के लिए सुझाव दिया जाए।
  • Umakant Mishra September 24, 2023

    Jay Shri ram
  • Babaji Namdeo Palve September 24, 2023

    Jai Hind Jai Bharat Bharat Mata Kee Jai
  • Gangadhar Rao Uppalapati September 24, 2023

    Jai Bharat.
  • Lalit Agnihotri September 23, 2023

    EVM MACHINE इस पर भी राजनीति कर रहे हैं यह लोग अरे बताइए एवं मशीन में क्या कौन गड़बड़ करेगा जो जिसको वोट देगा उसी कोर्ट मिलेगा आदरणीय मोदी जी नंबर निवेदन है कि पिछले 5 साल में जितने चुनाव हुए हैं सबको एक साथ ले लीजिए वंदे मातरम वंदे भारत एक भारत श्रेष्ठ भारत एक इलेक्शन अब रुपए खर्च हो जाते हैं एक इलेक्शन में जय महादेव
  • Lalit Agnihotri September 23, 2023

    आदरणीय मोदी जी जो सनातन के विरोधी है उनके लिए विपक्ष लालू प्रसाद बेट का बेटा प्रमोद तिवारी हेलो नहीं बोलते हैं और एक विधूड़ी जी कुछ भी बोल दिए पता नहीं एकता क्यों नहीं आती है हमारे हिंदुओं में एकता क्यों नहीं आती है प्रमोद तिवारी जी के अंदर नहीं आती कितने लोग हैं जय राम जी के नहीं आती है पर मैं आपसे नंबर निवेदन करता हूं कि ऐसे लोगों को आप डिलीट कर दीजिए जो हिंदू हित की बात करेगा वही हिंदुस्तान में राज करेगा हम सर्वधर्म मांगते हैं जो हिंदुस्तान के वासी है जो हिंदू में कोई भी धर्म वाले हो हम हमें किसी से किसी प्रकार की कोई भी नहीं है हम किसी धर्म के प्रति कुछ भी अपशब्द नहीं बोलते लेकिन कोई भी हमारे धर्म के प्रति अपशब्द बोलेगा तो नहीं चलेगा ना सनातन धर्म है आज जय श्री राम जय श्री राम राम की जय हो राम नाम श्री राम है राम नाम में श्री राम को सदा विराजित जान
  • Krishna September 23, 2023

    केन्द्रीय कार्यपालिका/न्यायपालिका/व्यवस्थापिका से जुड़े कार्मिक/पेंशनर्स/फैमिली पेंशनर्स परिवारों एवं सभी राज्यों की कार्यपालिका/न्यायपालिका/व्यवस्थापिका से जुड़े कार्मिक/पेंशनर्स/फैमिली पेंशनर्स परिवारों की हर 10 साल में वेतन/पेंशन रिवाइज कर महंगाई से लडने/महंगाई से बचाये रखने/उनके जीवन स्तर को बनाये रखने हेतु वेतन/पेंशन रिवाइज की जाती है जिसके लिए वेतन आयोग का गठन करना अनिवार्य होता है। वेतन आयोग गठित करने की जिम्मेदारी केवल केन्द्र सरकार की होती है और उसके अनुसार रिवाइज वेतन/पेंशन लागू करने की जिम्मेदारी सभी राज्य सरकारों की होती है। यदि वेतन आयोग गठित करने का क्षेत्राधिकार राज्य सरकारों में निहित होता तो अब तक तमाम राज्य सरकारें अपने अपने यहां आठवां वेतन आयोग गठित कर चुकी होती। छठवां वेतनमान मनमोहन सरकार ने लागू किया जिसमें सबसे अधिक बढ़ोतरी इस समाज को मिली थी। सातवां वेतन आयोग मनमोहन सरकार ने गठित किया था जिसको मोऊ केन्द्र सरकार ने लागू किया था जिसमें आजादी के बाद सबसे कम बढ़ोतरी दी गई थी। मनमोहन सरकार ने बिना अनावश्यक विज्ञापन किये बहुत से अच्छे काम अपने 10 साल के कार्यकाल में किये जिन्हें आज भी सभी लोग याद करते है। मनमोहन सरकार के काम से आज भी आम लोगों में कोई नाराज़गी नहीं है बल्कि उनके कुछ बेहद खराब मंत्रियों के काम से नाराज़गी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के व्यक्तिगत काम से कोई भी नाराज़ नहीं है। आठवें वेतन आयोग का गठन वर्ष 2023 के शुरूआत में हो जाना चाहिए था लेकिन अभी तक भी नहीं किया जबकि इसका वास्तविक लाभ 1 जनवरी 2026 से मिलना है। इस समाज के लगभग 15 से 20 करोड़ वोटर है जो किसी भी अन्य मुद्दे पर वोट नहीं करते है बल्कि इस समय वो केवल आठवें वेतन आयोग के गठन पर ही वोट करेंगे क्योंकि उनका ये अपने अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा है और अस्तित्व से जुड़े मुद्दे पर ये समाज किसी से समझौता नहीं करता है। केन्द्र सरकार लगातार 9 साल से कुर्सी पर बैठी होने से बेहद अहंकारी/तानाशाह/हठधर्मी/अड़ियल हो गई है जिसे अब सच्चाई दिखाई ही नहीं दे रही है। इस समाज का 5 प्रतिशत वोट भी लोकसभा चुनावों में अब भाजपा नहीं पा सकती है इसलिए भाजपा लोकसभा चुनाव का मैच खेलने से पहले ही हार चुकी है। लोकसभा चुनाव के बाद जो दूसरी सरकार बनेगी वो तुरंत आठवें वेतन आयोग का गठन भी करेगी और उसे लागू भी करेगी। इस समाज में आठवें वेतन आयोग के गठन का मुद्दा अंडर करंट की तरह काम कर रहा है। किसी सरकार को जब अपने पर घमंड हो जाता है तो वोटर उसका घमंड ईवीएम मशीनों से हमेशा तोड़ते रहे है।
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Prime Minister Narendra Modi greets the people of Arunachal Pradesh on their Statehood Day
February 20, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has extended his greetings to the people of Arunachal Pradesh on their Statehood Day. Shri Modi also said that Arunachal Pradesh is known for its rich traditions and deep connection to nature. Shri Modi also wished that Arunachal Pradesh may continue to flourish, and may its journey of progress and harmony continue to soar in the years to come.

The Prime Minister posted on X;

“Greetings to the people of Arunachal Pradesh on their Statehood Day! This state is known for its rich traditions and deep connection to nature. The hardworking and dynamic people of Arunachal Pradesh continue to contribute immensely to India’s growth, while their vibrant tribal heritage and breathtaking biodiversity make the state truly special. May Arunachal Pradesh continue to flourish, and may its journey of progress and harmony continue to soar in the years to come.”