معاشرے اور عوام کو ’مائیکرو کنٹینمنٹ زون‘ تیار کرنے کے معاملے میں قیادت کرنی چاہیے: وزیراعظم
ہمیں ویکسین کے زیرو ویسٹیج کی جانب بڑھنا ہے: وزیراعظم
’ٹیکہ اتسو‘ کے لئے ذاتی سماجی اور انتظامی سطح پر نشانے بنائیں اور انہیں پورا کرنے کی کوشش کریں: وزیراعظم
نئی دہلی۔ 11 اپریل میرے پیارے ہم وطنو،
آج 11 اپریل یعنی جیوتبا پھولے جینتی سے ہمارے ہم وطن ‘ٹیکہ اتسو’ کی شروعات کر رہے ہیں۔ یہ ‘ٹیکہ اتسو’ 14 اپریل یعنی بابا صاحب امبیڈکر جینتی تک چلے گا۔
یہ اتسو، ایک طرح سے کو رونا کے خلاف دوسری بڑی جنگ کی شروعات ہے۔ اس میں ہمیں ذاتی طور پر صفائی و ستھرائی کے ساتھ ہی معاشرتی صفائی پر خاص زور دینا ہے۔
ہمیں یہ چار باتیں، ضرور یاد رکھنی ہے۔
Each One- Vaccinate One یعنی جو لوگ کم پڑھے لکھے ہیں، بزرگ ہیں، جو خود جاکر ٹیکہ نہیں لگوا سکتے، ان کی مدد کریں۔
Each One- Treat One یعنی جن لوگوں کے پاس اتنےوسائل نہیں ہیں، جنہیں جانکاری بھی کم ہے، ان کی کو رونا کے علاج میں مدد کریں۔
Each One- Save Oneیعنی میں خود بھی ماسک پہنوں اور اس طرح خود کی بھی حفاظت کریں اور دوسروں کو بھی محفوظ رکھیں ، اس پر زور دینا ہے۔
اور چوتھی اہم بات، کسی کو کو رونا ہونے کی صورت میں ، ‘مائکرو کنٹین مینٹ زون’ بنانے کی قیادت سماج کے لوگ کریں۔ جہاں ایک بھی کو رونا کامثبت معاملہ آیا ہے، وہاں خاندان کے لوگ، سماج کے لوگ ‘مائکرو کنٹین مینٹ زون’ بنائیں۔
ہندوستان جیسے گھنی آبادی والے ہمارے ملک میں کو رونا کے خلاف لڑائی کا ایک اہم طریقہ ‘مائکرو کنٹین مینٹ زون’ بھی ہے۔
ایک بھی مثبت معاملہ آنے پر ہم سبھی کا بیدار رہنا، باقی لوگوں کی بھی جانچ کرانا بہت ضروری ہے۔
اسکے ساتھ ہی جو ٹیکہ لگوانے کا حق رکھتا ہے ، اسے ٹیکہ لگے، اس کی پوری کوشش سماج کو بھی کرنی ہے اور انتظامیہ کو بھی۔
ایک بھی ویکسین کا نقصان نہ ہو، ہمیں یہ یقینی بنانا ہے۔ ہمیں زیرو ویکسین ویسٹ کی طرف بڑھنا ہے۔
اس دوران ہمیں ملک کی ٹیکہ کاری کی صلاحیت کے زیادہ سے زیادہ استعمال کی طرف بڑھنا ہے۔ یہ بھی ہماری صلاحیت سازی کو فروغ دینے کا ہی ایک طریقہ ہے۔
ہماری کامیابی اس بات سے طے ہوگی کہ ‘مائکرو کنٹین مینٹ زون’ کے تئیں کتنی بیداری ہم لوگوں میں ہے۔
ہماری کامیابی اس بات سے طے ہوگی کہ جب ضرورت نہ ہو، تب ہم گھر سے باہر نہ نکلیں۔
ہماری کامیابی اس بات پر طے ہوگی کہ جو ٹیکہ لگوانے کا حق رکھتے ہیں ، انہیں بھی ٹیکہ لگے۔
ہماری کامیابی اس بات پر طے ہوگی کہ ہم ماسک پہنیں اور قوانین پر عملدر آمد کس طرح کرتے ہیں۔
ساتھیوں،
ان چار دنو ں ذاتی طور پر ، سماجی سطح پر اور انتظامی سطح پر ہمیں اپنے اپنے اہداف مقرر کرنے ہیں ، انہیں حاصل کرنے کی پوری کوشش کرنا ہے۔
مجھے پورا یقین ہے، اسی طرح عوامی شراکت داری سے، بیدار رہتے ہوئے، اپنی ذمہ داری نبھاتے ہوئے، ہم ایک بار پھر کو رونا کو قابو کرنے میں کامیاب ہوں گے ۔
یاد رکھیے دوائی بھی، کڑائی بھی۔
आज से हम सभी, देशभर में टीका उत्सव की शुरुआत कर रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के इस चरण में देशवासियों से मेरे चार आग्रह हैं… https://t.co/8zXZ0bqYgl
The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM Modi at Khelo India Youth Games
May 04, 2025
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Best wishes to the athletes participating in the Khelo India Youth Games being held in Bihar, May this platform bring out your best: PM
Today India is making efforts to bring Olympics in our country in the year 2036: PM
The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM
The sports budget has been increased more than three times in the last decade, this year the sports budget is about Rs 4,000 crores: PM
We have made sports a part of mainstream education in the new National Education Policy with the aim of producing good sportspersons & sports professionals in the country: PM
बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनसुख भाई, बहन रक्षा खड़से, श्रीमान राम नाथ ठाकुर जी, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, उपस्थित अन्य महानुभाव, सभी खिलाड़ी, कोच, अन्य स्टाफ और मेरे प्यारे युवा साथियों!
देश के कोना-कोना से आइल,, एक से बढ़ के एक, एक से नीमन एक, रउआ खिलाड़ी लोगन के हम अभिनंदन करत बानी।
साथियों,
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान बिहार के कई शहरों में प्रतियोगिताएं होंगी। पटना से राजगीर, गया से भागलपुर और बेगूसराय तक, आने वाले कुछ दिनों में छह हज़ार से अधिक युवा एथलीट, छह हजार से ज्यादा सपनों औऱ संकल्पों के साथ बिहार की इस पवित्र धरती पर परचम लहराएंगे। मैं सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत में स्पोर्ट्स अब एक कल्चर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। और जितना ज्यादा भारत में स्पोर्टिंग कल्चर बढ़ेगा, उतना ही भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ेगी। खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस दिशा में, देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।
साथियों,
किसी भी खिलाड़ी को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए, खुद को लगातार कसौटी पर कसने के लिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना, ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा, ये बहुत जरूरी होता है। NDA सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया यूथ गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया विंटर गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया पैरा गेम्स होते हैं, यानी साल भर, अलग-अलग लेवल पर, पूरे देश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका टैलेंट निखरकर सामने आता है। मैं आपको क्रिकेट की दुनिया से एक उदाहरण देता हूं। अभी हमने IPL में बिहार के ही बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा। इतनी कम आयु में वैभव ने इतना जबरदस्त रिकॉर्ड बना दिया। वैभव के इस अच्छे खेल के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, उनके टैलेंट को सामने लाने में, अलग-अलग लेवल पर ज्यादा से ज्यादा मैचों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। यानी, जो जितना खेलेगा, वो उतना खिलेगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान आप सभी एथलीट्स को नेशनल लेवल के खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, आप बहुत कुछ सीख सकेंगे।
साथियों,
ओलंपिक्स कभी भारत में आयोजित हों, ये हर भारतीय का सपना रहा है। आज भारत प्रयास कर रहा है, कि साल 2036 में ओलंपिक्स हमारे देश में हों। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भारत का दबदबा बढ़ाने के लिए, स्पोर्टिंग टैलेंट की स्कूल लेवल पर ही पहचान करने के लिए, सरकार स्कूल के स्तर पर एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रही है। खेलो इंडिया से लेकर TOPS स्कीम तक, एक पूरा इकोसिस्टम, इसके लिए विकसित किया गया है। आज बिहार सहित, पूरे देश के हजारों एथलीट्स इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार का फोकस इस बात पर भी है कि हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा नए स्पोर्ट्स खेलने का मौका मिले। इसलिए ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गतका, कलारीपयट्टू, खो-खो, मल्लखंभ और यहां तक की योगासन को शामिल किया गया है। हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों ने कई नए खेलों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वुशु, सेपाक-टकरा, पन्चक-सीलाट, लॉन बॉल्स, रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में भी अब भारतीय खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम ने लॉन बॉल्स में मेडल जीतकर तो सबका ध्यान आकर्षित किया था।
साथियों,
सरकार का जोर, भारत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी है। बीते दशक में खेल के बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि की गई है। इस वर्ष स्पोर्ट्स का बजट करीब 4 हज़ार करोड़ रुपए है। इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। आज देश में एक हज़ार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर्स चल रहे हैं। इनमें तीन दर्जन से अधिक हमारे बिहार में ही हैं। बिहार को तो, NDA के डबल इंजन का भी फायदा हो रहा है। यहां बिहार सरकार, अनेक योजनाओं को अपने स्तर पर विस्तार दे रही है। राजगीर में खेलो इंडिया State centre of excellence की स्थापना की गई है। बिहार खेल विश्वविद्यालय, राज्य खेल अकादमी जैसे संस्थान भी बिहार को मिले हैं। पटना-गया हाईवे पर स्पोर्टस सिटी का निर्माण हो रहा है। बिहार के गांवों में खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स- नेशनल स्पोर्ट्स मैप पर बिहार की उपस्थिति को और मज़बूत करने में मदद करेंगे।
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साथियों,
स्पोर्ट्स की दुनिया और स्पोर्ट्स से जुड़ी इकॉनॉमी सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं है। आज ये नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार को भी नए अवसर दे रहा है। इसमें फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नॉलॉजी, ब्रॉडकास्टिंग, ई-स्पोर्ट्स, मैनेजमेंट, ऐसे कई सब-सेक्टर्स हैं। और खासकर तो हमारे युवा, कोच, फिटनेस ट्रेनर, रिक्रूटमेंट एजेंट, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स लॉयर, स्पोर्ट्स मीडिया एक्सपर्ट की राह भी जरूर चुन सकते हैं। यानी एक स्टेडियम अब सिर्फ मैच का मैदान नहीं, हज़ारों रोज़गार का स्रोत बन गया है। नौजवानों के लिए स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं बन रही हैं। आज देश में जो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही हैं, या फिर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसमें हमने स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया है, इसका मकसद भी देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ बेहतरीन स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स बनाने का है।
मेरे युवा साथियों,
हम जानते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में स्पोर्ट्समैन शिप का बहुत बड़ा महत्व होता है। स्पोर्ट्स के मैदान में हम टीम भावना सीखते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं। आपको खेल के मैदान पर अपना बेस्ट देना है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ब्रांड ऐंबेसेडर के रूप में भी अपनी भूमिका मजबूत करनी है। मुझे विश्वास है, आप बिहार से बहुत सी अच्छी यादें लेकर लौटेंगे। जो एथलीट्स बिहार के बाहर से आए हैं, वो लिट्टी चोखा का स्वाद भी जरूर लेकर जाएं। बिहार का मखाना भी आपको बहुत पसंद आएगा।
साथियों,
खेलो इंडिया यूथ गेम्स से- खेल भावना और देशभक्ति की भावना, दोनों बुलंद हो, इसी भावना के साथ मैं सातवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स के शुभारंभ की घोषणा करता हूं।