Demonetization drive is to safeguard honest people’s interest: PM Modi

Published By : Admin | November 20, 2016 | 20:15 IST
QuoteNDA Government has initiated several steps for the welfare of people across the country: PM Modi
QuoteYears after Independence many villages lack access to electricity. We are working to change that: PM
Quote Decision on currency notes ban taken for safeguarding the honest people’s interest: PM Modi
Quote 500 & 1000 rupee notes ceasing to be legal tender has adversely affected those in fake currency rackets and narcotics: PM

भारत माता की..जय

भारत माता की..जय

मंच पर विराजमान हमारे साथी और उत्तर प्रदेश के प्रभारी श्री ओम जी माथुर, उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के युवा अध्यक्ष श्रीमान केशव प्रसाद जी मौर्य, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान नरेंद्र सिंह जी तोमर, श्रीमान डॉ. महेश शर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति जी, श्रीमान रामकृपाल जी यादव, श्रीमान राज्यवर्धन जी राठौड़, डॉ. अनिल जैन, श्रीमान स्वतंत्र देव सिंह, श्री अशोक कटारिया, रमेश बिधूड़ी, बीएल वर्मा, यहां के सांसद-भाई राम शंकर कठेरिया जी, श्री एसपीसी बघेल जी, चौधरी बाबूलाल जी, श्रीमान राजेश दिवाकर जी, श्रीमान हर्तवार जी दुबे और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाईयों और बहनों...

मुझे बताया गया कि आप सुबह 10 बजे से आना शुरु कर दिया था। घंटो से आप इंतजार कर रहे हैं, आप इतना कष्ट उठा करके मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए... इसलिए मैं आप सब को प्रणाम करता हूं, आपका धन्यवाद करता हूं।

भाईयों-बहनों... आज सुबह ही कानपुर के पास रेल दुर्घटना के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हो गई, अनेक लोग घायल हो गए, भाईयों-बहनों राहत के हर... बचाव के हर काम चल रहे हैं। केंद्र सरकार के तरफ से इस दुर्घटना की पूरी जांच तो होगी ही, लेकिन जो घायल हैं, जिनकी मौत हुई है। उन सबके परिवारों के आर्थिक सहायता, घायल लोगों की सारवार की चिंता... रेलवे की पूरी शक्ति लगी हुई है, लेकिन ये जो दुर्घटना घटी, जिन-जिन परिवारों ने अपने स्वजन खोये हैं, उन सब के प्रति मेरी संवेदना प्रकट करता हूं। मृतात्माओं के प्रति श्रंद्धाजलि प्रकट करता हूं। और भाईयों-बहनों आज मैं थोड़ी देर पहले यहां पड़ोस में ही भारत सरकार का एक बहुत बड़ा कार्यक्रम का आरंभ करके आपके बीच आया हूं। दो प्रमुख कार्यक्रम थे, एक था प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), 2022 में जब हमारा देश आजादी के 75 साल मनाता होगा तब हिंदुस्तान के गरीब से गरीब के पास अपना खुद का घर होना चाहिए, ये संकल्प लेकर के मैं काम कर रहा हूं। और इसलिए आज आगरा में हमारे नरेंद्र सिंह जी तोमर के नेतृत्व में, उनके साथी श्रीमान रामकृपाल जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का मुझे शिलान्यास करने का सौभाग्य मिला। 267 वर्गफीट का घर और पहली बार हमने... जो इलाका है उस इलाके के लोगों की आदत, जिस प्रकार के घर की है, जिन प्रकार के चीजों से वो घर बनाते हैं ऐसी लचीली व्यवस्था करके घर बनाने का एक बीड़ा उठाया है। 100 से ज्यादा अलग-अलग राज्यों के लोगों के आदत के अनुसार, उसके मॉडल तैयार किए हैं और घर भी सिर्फ चार दिवारें नहीं, घर भी यानि एक डिब्बा खड़ा कर दिया डिब्बा और परिवार वालों को डिब्बे में बंद कर दिया ऐसा नहीं, सच्चे अर्थ में घर बनाने का काम आज से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पूरे देश के लिए योजना को आज उत्तर प्रदेश की आगरा की धरती से मैं प्रारंभ कर रहा हूं।

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करोड़ों-करोड़ों घर बनाने हैं। ये घर बनाने के लिए भी कारीगर लगेंगे, राजमिस्त्री लगेंगे। देश के पास बेरोजगार लोग तो मिलेंगे, लेकिन काम होने पर राजमिस्त्री नहीं मिल जाएंगे और इसलिए सरकार ने पिछले कुछ महीनों से पूरे हिंदूस्तान के कोने-कोने में राजमिस्त्री बनाने के लिए नौजवानों को ट्रेनिंग देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। ताकि गांव-गांव लोकल राजमिस्त्री तैयार हों, करोड़ो-करोड़ो घर बनें और उस घर के कारण नौजवान को रोजगार भी मिले। इसके साथ-साथ पहले मनरेगा का पैसा पता नहीं चलता था किसके काम आता है, किसके नहीं आता है। हमने कहा अगर परिवार के लोग खुद मेहनत करेंगे, अपना मकान बनाने के लिए काम करेंगे तो उस काम को भी मनरेगा मान कर उनको भी पैसा दिया जाएगा ताकि उनका घर खुद बनाएंगे तो ज्यादा अच्छा बनाएंगे, और खुद का घर भी बनाएंगे पैसे भी कमाएंगे... ऐसी योजना बनाई है। हमने घर ऐसा भी बनाना तय किया है जिस घर में बिजली भी हो, खाना पकाने की व्यवस्था हो। इतना ही नहीं... उज्ज्वला, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत उस गरीब को गैस का कनेक्शन भी मिल जाए, ताकि गैस के चूल्हे पर वो खाना पका सके। भाईयों-बहनों एक संपूर्ण योजना... हिंदुस्तान के गरीबों के लिए... गांव के गरीब के लिए और वैसे ही कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी जनों के लिए उसको तो लांच कर दिया, आज मैं ग्रामीण आवास को लांच कर रहा हूं, इसका मतलब ये हुआ की शहरी क्षेत्र हो, ग्रामीण क्षेत्र हो सबसे पहला लाभ जिसके पास अपना घर नहीं है ऐसे मेरे गरीबों को मिलने वाला है। और आजादी के 75 साल होते-होते इस काम को पूरा कर देना है। आज मुझे रेलवे के अधिकारी तो मौजूद नहीं थे, मंत्री मौजूद नहीं थे, क्योंकि उनको कानपुर पहुंचना पड़ा लेकिन रेलवे की भी योजनाएं करीब-करीब 1100 करोड़ की योजनाएं मथुरा से पलवल, मथुरा से भूतेश्वर... चौथी लाईन... एक प्रकार से यहां आर्थिक गति देने वाला कार्यक्रम.... उसका भी मैंने शिलान्यास किया है, उसके कारण.... यहां जो रेल में ठहराव आ जाता है, चौथी लाईन होने से... गति बढ़ जाएगी। यहां के जीवन में बदलाव लाने में रेल बहुत बड़ी भूमिका अदा करेगा, उस काम का भी प्रारंभ किया है। भाईयों-बहनों ये सरकार गरीबों को समर्पित है। हमने प्रधानमंत्री जन-धन एकाउंट का काम किया ताकि गरीबों का बैंको में खाता हो, हमने आधार योजना लागू की ताकि गरीब को उसका हक का मिलना चाहिए कोई बिचौलिया गरीब के हाथ से छिनना नहीं चाहिए। भाईयों-बहनों हमने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बनाई ताकि मेरी गरीब मां लकड़ी का चूल्हा जला करके एक दिन में जब खाना पकाती है तो 400 सिगरेट का धुआं उसके शरीर में चला जाता है वो गरीब मां की तबियत का हाल क्या होगा? और इसलिए मेरे प्यारे भाईयों-बहनों प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब माताओं को गैस का चूल्हा मिले, गैस का कनेक्शन मिले और गैस पर बडे-बड़े अमीर के घर में गैस के चूल्हे पर खाना पकता है, अब मेरे देश में गरीब के घर में भी गैस के चूल्हे पर खाना पकेगा। धुएं में मां को मरना नहीं पड़ेगा, धूएं में बच्चों को रोना नहीं पड़ेगा। लकड़ी खोजने के लिए गरीब को गांव-गांव, जंगल-जंगल भटकना नहीं पड़ेगा, खाना पकाने के लिए नौकरी धंधा काम छोड़ करके दो-दो घंटा किचन में नहीं बिताना पड़ेगा, गरीब की जिंदगी में बदलाव आएगा, ये काम मैंने प्रारंभ किया है। भाईयों-बहनों इस देश में 18000 गांव आजादी के 70 साल हो गए, 18000 गांव आजादी के 70 साल बाद भी 18वीं शताब्दी में जीते थे, बिजली क्या होती है उस गांव में कभी नजर नहीं आई थी। भाईयों-बहनों मैंने बीड़ा उठाया, 1000 दिन में बिजली का काम मुझे पूरा करना है, सबसे ज्यादा गांव अंधेरे में पड़े थे उत्तर प्रदेश के... 95% से ज्यादा काम पूरा कर दिया है भाईयों और बाकी काम भी तेज गति से चल रहा है।

हम निर्धारित समय में निर्धारित रुप में गरीबों की भलाई के काम को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ रहे हैं। भाईयों-बहनों आज जब मैं आगरा की धरती पर आया हूं मैं आप सब के माध्यम से देश के गरीबों का, देश के मध्यम वर्ग के लोगों का, देश के पढ़े-लिखे लोगों का, देश के ईमानदार लोगों का सर झुका करके नमन करना चाहता हूं भाईयों-बहनों। देश को भ्रष्टाचारियों से मुक्त कराने के लिए, देश को कालाबाजारियों से मुक्त कराने के लिए, देश को काले धन से मुक्त कराने के लिए... मैंने जो बीड़ा उठाया है उसको सबसे ज्यादा आशीर्वाद गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों ने दिये हैं। मैं उनको प्रणाम करता हूं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके सपने सच होके रहेंगे। भाईयों-बहनों मैंने 50 दिन कहा है मैंने पहले ही दिन कहा था ये काम बहुत बड़ा है, समय लेने वाला काम है, तकलीफ उठानी पड़ेगी ऐसा काम है, कुछ असुविधा होगी ये भी मैंने कहा था, लेकिन मैं हैरान हूं मेरे देशवासी तकलीफ झेलने के बाद भी... इस काम की सफलता के लिए कष्ट उठा रहे हैं। इस काले धन से देश को मुक्त कराने के लिए, भ्रष्टाचार से देश को मुक्त कराने के लिए, आप जो कष्ट उठा रहे हो, मेरे गरीब भाई जो कष्ट उठा रहे हैं, मेरे मध्यम वर्ग के भाई जो कष्ट उठा रहे हैं, मेरे दलित भाई कष्ट उठा रहे हैं, मेरे आदिवासी कष्ट उठा रहे हैं, मेरे किसान भाई कष्ट उठा रहे हैं, मेरी माताएं, बहने कष्ट उठा रही हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये आपका तप कभी बेकार नहीं जाएगा। देश सोने की तरह तप करके बाहर निकलेगा, देश सोने की तरह तप करके बाहर निकलेगा... ये मेरा पूरा विश्वास है। और भाईयों-बहनों मैंने 8 तारीख रात को 8 बजे भी कहा था कि मैं हर दो-तीन दिन सारी अवस्था का मूल्यांकन करुंगा और जैसे-जैसे जरुरत पड़ेगी छूटछाट बढ़ानी है तो बढ़ाऊंगा, व्यवस्था में सुधार करना है तो करुंगा। हम ऐसे कोई लकीर के फकीर लोग नहीं हैं।

और मैंने पिछले दिनों जहां से जनता से मेरे कान पे कोई बात आई, कहीं लचीलापन होना पड़ा तो हम होते रहे हैं। गरीबों की भलाई के लिए काम उठाया है लेकिन भाईयों-बहनों आप जानते हो एक समय था, जिस शहर को बिजली का 5 करोड़ बिल इकठ्ठा करने में आंखो पानी आ जाता था। 8 तारीख के बाद 500 और 1000 की नोट पर मोदी ने हाथ लगाया, भाईयों-बहनो जहां 5 करोड़ का बिल आता था, इस म्युनीसीपालिटी को 15 करोड़ का बिल आना शुरु हो गया। ये बिल कौन नहीं देते थे, नियमों का पालन कौन नहीं करते थे, क्या मध्यम वर्ग नहीं करता था?, क्या गरीब नहीं करता था? जिनकी पहूंच ज्यादा है जो नेताओं के अगल-बगल पहुंच सकते हैं, जो बाबुओं के अगल-बगल पहुंच सकते हैं वही मजा ले सकतृते थे। आज उन सब को 8 तारीख के बाद पाई-पाई चुकता करनी पड़ रही है। भाईयों-बहनों अभी तो आज 18 तारीख हुई है। भाईयों-बहनों 8 तारीख को शुरु किया 10 तारीख को बैंक ने काम शुरु किया, आज 20 तारीख हुई है। मेरे भाईयों-बहनों 5 लाख करोड़ से ज्यादा रकम लोगों ने आके बैंको में जमा करवायी है, 5 लाख करोड़। भाईयों-बहनों आप मुझे बताइए किसी मध्यम वर्ग व्यक्ति के पास काला धन होता है? गरीब के पास काला धन होता है? नौकरी करके कमाने वालों के पास काला धन होता है? लेकिन अगर उसको बच्चे को स्कूल में छोड़ना है तो स्कूल वाला कहता है, 2000 रुपया कैश देना पड़ेगा, 5000 रुपया कैश दोगे तब बच्चे का स्कूल में दाखिला होगा, कोई गरीब आदमी को भी अपना गोरा धन भी काला करके देना पड़ता है। उसको मजबूरन बैंक से अपनी ईमानदारी का पैसा उठा करके उसको कैश में देना पड़ता है। भाईयों-बहनों ये जो मैंने कदम उठाया है, ये गरीब, मध्यम वर्ग के मां-बाप जो बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, पैसों के अभाव में लुटेरों के कारण नहीं दे पाते हैं अब वो बीमारी जाने वाली है, मेरे भाईयों-बहनों बीमारी जाने वाली है। भाईयों-बहनों एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति मकान खरीदना चाहता है, अपना घर बनाना चाहता है, पैसे इकठ्ठे किये हैं बैंक में रखे हैं, कानूनन मेहनत की, ईमानदारी का पैसा है, लेकिन जब मकान खरीदने जाता है तो मकान वाला बोलता है, 3 लाख रु कैश देना पड़ेगा और इतना    चेक से देना होगा वो कहता है कि मेरे पास तो कैश है नहीं... वो कहता है कुछ भी करो ले आओ। उसको बेचारे को सफेद को काले में बेचना पड़ता है, उसका भी पैसा जाता है वो काला लाके इसको देना पड़ता है। पूरी कॉलोनी को कुछ लोगों ने बर्बाद करके मेरे देश के गरीब को मेरे देश के मध्यम वर्ग को लूटा है। ये 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के कारण आपको तो असुविधा हुई है, इसका मैंने पहले दिन भी इनकार नहीं किया था। लेकिन कुछ लोगों की तो सारी जिंदगी तबाह हो जाए,  ऐसा उनलोगों को दंड दिया है मैंने। क्योंकि उन्होंने गरीब का लूटा है, मध्यम वर्ग का लूटा है आपका हक का पैसा लूटकर के अपना कारोबार चलाया है। इसलिए भाईयों-बहनों ये लड़ाई मैंने छेड़ी है, और मैं जानता हूं कि कैसे-कैसे लोग मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

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क्या देश नहीं जानता है चिट-फंड के कारोबार में किसके रुपए लगे थे। लाखों, करोड़ों गरीबों ने चिट-फंड में पैसा जमा कराया और राजनेताओं के आशीर्वाद से करोडों, करोड़ों रुपए के चिट-फंड के पैसे गायब हो गए  और चिट-फंड के कारण सैकड़ों परिवार के मुखियों को आत्महत्या करने की नौबत आ गई थी, मरना पड़ा था जरा इतिहास गवाह करके देख लो वो आज मुझे सवाल पूछ रहे हैं। भाईयों-बहनों देश का सामान्य व्यक्ति मेहनत करता है, ईमानदारी से जीना चाहता है, लेकिन कुछ बेईमान लोग उसको जीने नहीं देना चाहते। क्या उसकी रक्षा करना ये सरकार का दायित्व है कि नहीं और इसलिए भाईयों-बहनों जो मध्यम वर्ग के मानवीय मेहनत करके कमाता है, लेकिन उसका काले धंधे करने वाले शोषण करते हैं, उससे लूटते हैं... मेरे इस कदम से मध्यम वर्ग के मानवीय को सुरक्षा मिलने वाली है। और जो गरीब है जिसका हक है, लेकिन उसको हक का मिलता नहीं है, उसको पीने का शुद्ध पानी चाहिए, उसको बच्चों को पढ़ने के लिए शिक्षा चाहिए, उसको बुजूर्गों के लिए बीमार है तो सस्ते में दवाई चाहिए, गरीब को उसका हक चाहिए, ये बीच में लूटेरों के कारण गरीबों को उसका हक नहीं मिल पा रहा है। मध्यम वर्ग का शोषण बंद होगा, गरीब को हक मिलेगा, पैसे जमा होंगे। इन बैंको में 5 लाख करोड़ रुपया आया है, आगे भी आएगा, बैंक वाले क्या करेंगे इसको... क्या डिब्बे में बंद रखेंगे क्या...? उनको बाजार में देना पड़ेगा... लोगों को कुछ खरीदना है तो देना पड़ेगा... लोन देनी पड़ेगी, कोई नाई की दुकान करना चाहता है तो लोन देनी पड़ेगी, धोबी की दुकान करना चाहता है तो लोन देनी पड़ेगी, कपड़े की दुकान, बर्तन की दुकान करना चाहता है तो लोन देनी पड़ेगी और इतने सारे पैसे निकालने के लिए उनको ब्याज भी कम करने का पड़ेगा.. भाईयों।  बहुत कम ब्याज दर पर रुपया गरीब और मध्यम वर्ग को मिलने वाला है। भाईयों-बहनों हमारे देश में सीमा पार से एक तरफ आतंकवाद हमारे सेना के जवानों को मौत के घाट उतारता है, दूसरी तरफ आर्थिक आतंकवाद नौजवानों को ड्रग्स में और देश को आर्थिक तबाही की ओर ले जाता है। जाली नोट छाप,छाप करके हिंदुस्तान में घूसेड़ना, आपने देखा होगा कि ड्रग्स का कारोबार कैश में चलता है, नशीली चीजों का कारोबार कैश में चलता है, उसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। थैले में पैसे होते हैं इधर-उधर जाते रहते हैं....आते रहते हैं। भाईयों-बहनों 500,1000 बंद करने के कारण जाली नोट के पूरे कारोबार को बड़ा... बड़ा झटका लगा है भाईयों। करोड़ों की... करोड़ों की जाली नोट इस देश में घुसेड़ दी गई हैं और देश को बर्बाद कर दिया गया है। ड्रग और इन पैसों से शस्त्र लाकर के आतंकवादियों को पहुंचाएं गए और आतंकवादियों ने मेरे देश के नौजवानों को  गोलीयों से भून दिया है। भाईयो क्या ऐसा पाप चलने देना चाहिए क्या?  क्या मेरे देश के सेना के जवानों को मरने देना चाहिए क्या?  कब तक चुप रहेगा देश, 70 साल तक चुप रहे भाईयो, 70 साल चुप तो रहे और चुप इसलिए रहे इसलिए नहीं की उनको पता नहीं था, इसलिए नहीं की उनको बीमारी का मालूम नहीं था, लेकिन उनको देश की चिंता कम थी और कुर्सी की चिंता ज्यादा थी, इसलिए कदम उठाने को तैयार नहीं थे। भाईयों-बहनों मैं जानता हूं कि कुछ लोगों का तो सब कुछ लूट गया है। आपको एमएलए बनना है.. इतनी नोटें लाओ, इतनी नोटें लाओ... तब एमएलए बनोगे। नोटें भर-भर के रखी थी क्या हुआ उन नोटों का....? ये नोटें किसकी थी गरीब और ईमानदार आदमी की थी कि नहीं भाईयों...? ये खेल बंद होना चाहिए। देश में और इसलिए मेरे भाईयो  और बहनों हमने जो कोशिश की है देश के मध्यम वर्ग को उसका हक मिले, देश के गरीबों की आशाएं पूरी हो, मध्यम वर्ग का शोषण बंद हो ये काले जो अर्थनीति चली है, जिसने देश को अंदर से खोखला किए हुए है भाईयों-बहनों मैंने कोई निर्णय किसी को परेशान करने के लिए नहीं किया है, मैंने निर्णय देश की भावी पीढ़ी का भला करने के लिए किया है, नौजवानों का भाग्य बदलने के लिए किया है।

प्यारे मेरे देशवासियों पहले दिन से मैंने आपसे 50 दिन मांगे है कि नहीं मांगे है आप बताईए मांगे है कि नहीं मांगे है... 50 दिन थोड़ी तकलीफ रहेगी मैंने कहा है कि नहीं कहा है, इतना बड़ा देश, इतना बड़ा निर्णय थोड़ा कष्ट झेलना पड़ेगा मैंने कहा था कि नहीं कहा था...? भाईयों-बहनों आज मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, मेहरबानी करके ये बदमाशी करने वाले जो लोग होते हैं बड़े चतुर होते हैं, जो गरीबों के जन-धन अकाउंट खुले हैं न... वहां पहुंच जाते हैं और समझाते हैं देखो तुम्हारे खाते में ढाई लाख डाल दो 6 महीने के बाद मैं उसमे से तुम्हें 50 हजार दे दूंगा, दो लाख मैं ले जाउंगा... भाईयों-बहनों ऐसे पापियों को घुसने मत देना क्योंकि कानून इतना सख्त है पैसा देने वालों का तो जो होगा, सो होगा वो तो कह देगा कि मैंने तो दिए ही नहीं थे, ये तो मेरे पैसे है ही नहीं, खाते में जिसके होगा वो बोलेगा और बेकार में मेरा गरीब भाई-बहन परेशान हो जाएगा। मैं नहीं चाहता हूं कि मेरा कोई गरीब भाई-बहन परेशान हो। ये लोग देने वाले पकड़े जाएंगे तो झूठ बोलेंगे कि मैंने तो दिया ही नहीं... ये हाथ ऊपर कर देंगे कि मैंने तो दिया ही नहीं और आप मुसीबत पड़ जाएगी... आपके सर पर भाईयों-बहनों किसी का भी रुपया 500 और 1000 का नोट कोई पकड़ा देता है, मेहरबानी करके मेरे भाईयों-बहनों उससे जितना दूर रह सको.. रहो। वरना आप में डाल दिया तो आपको फंसा कर भाग जाएगा और मेरा गरीब आदमी मर जाएगा। भाईयों-बहनों ये गरीबों को बचाने के लिए मेरी योजना है, ये मध्यम वर्ग के लोगों को बचाने के लिए मेरी योजना है, ये मेरे आदिवासी भाई-बहनों को बचाने की मेरी योजना है, उनका भला करने के लिए मेरी योजना है, मेरे किसानों का भला करने के लिए योजना है, और मेरी एक-एक योजना इन लोगों को तकलीफ दे रही है और इसलिए मौके के इंतजार में रहते हैं कि मोदी का क्या होता है? आपको मालूम है मेरे किसान भाईयों-बहनों जब खेत में यूरिया की जरुरत होती थी तो यूरिया के लिए इस देश में दो-दो, तीन-तीन दिन मेरा किसान कतार में खड़ा रहता था। ठंड में भी वो फुटपाथ पर सोकर करके यूरिया लेने के लिए कतार में खड़ा रहता था।

रहता था कि नहीं रहता था भाईयों...? और जब यूरिया वाला यूरिया नहीं देता था हो-हल्ला होता था तो ये पुलिस आकर के किसानों को डंडा मारती थी कि नहीं मारती थी? हमारा किसान लहू-लुहान होता था कि नहीं होता था...? भाईयों-बहनों ये इसलिए होता था कि काला बाजारी करने वाले लोग यूरिया की चोरी करते थे। आता था किसान के नाम से सब्सिडी वाला यूरिया और वो ट्रक से उतरता ही नहीं था, कैमिकल के कारखाने में चला जाता था क्योंकि कैमिकल कारखाने वाले को वो सस्ते में मिल जाता था, और मेरा किसान यूरिया के बिना परेशान रहता था। मैंने आकर के एक काम कर दिया, मैंने यूरिया का नीमकोटिंग कर दिया और यूरिया और यूरिया का नीमकोटिंग किया वो भी शत प्रतिशत किया, हंडरेड परसेंट किया और जब तक कोई काम हंडरेड परसेंट नहीं करते हैं न... सफलता नहीं मिलती है भाईयों-बहनों। 500 और 1000 का भी हंडरेड परसेंट करना पड़ा मुझे..। यूरिया का नीमकोटिंग किया, नीमकोटिंग करने के कारण अब यूरिया किसी भी कैमिकल के काम नहीं आता है, वो सिर्फ और सिर्फ किसान के खेत में ही काम आ सकता है, उसका कोई उपयोग नहीं हो सकता और उसके कारण यूरिया की काला बाजारी गई, यूरिया का गोरखधंधा गया, किसानों की कतार गई, किसानों पर लाठी चार्ज गया औऱ मेरे किसान के खेत को नीमकोटेड यूरिया मिलने के कारण उसके खेत में भी फायदा हुआ क्योंकि नीमकोटिंग यूरिया से जमीन को ज्यादा लाभ होता है वो भी हुआ, फसल को भी लाभ हुआ। भाईयों-बहनों अच्छा करने के लिए अब मुझे बताईए... जो व्यापारी, जो कैमिकल के कारखाने वाले... जिनको सस्ते में यूरिया मिलता था... मोदी ने दरवाजे बंद कर दिए वो मोदी से नाराज होगा कि नहीं होगा...? वो मोदी से हिसाब चुकता करने का रास्ता खोजेगा की नहीं खोजेगा, मोदी परेशान होगा तो उसको आनंद होगा कि नहीं होगा...? अब ऐसे तो कितने लोग हैं। चंडीगढ़ में... चंडीगढ़ ऐसा शहर है,  जिसमें सब घरों में बिजली है, सब घरों में गैस का कनेक्शन है, वहां केरोसिन की कोई जरुरत नहीं है फिर भी 30 लाख लीटर केरोसिन चंडीगढ़ को जाता था।

मैंने पूछा कि भाई चंडीगढ़ में तो केरोसिन की जरुरत ही नहीं है, कुछ झुग्गी-झोपड़ी के घर हैं, उनको चाहिए तो कितना चाहिए? 500, 1000 लीटर चाहिए, 50,000 लीटर चाहिए, ये 30 लाख लीटर... तो पता चला कि पिछले दरवाजे से डीजल में मिक्स करने के लिए काले काम करने वालों को चला जाता है। हमने एक-एक घर की जांच की, हमने एक-एक घर की जांच की... जहां गैस नहीं था, जहां बिजली नहीं थी, ऐसे घर को गैस कनेक्शन दिया और ये 30 लाख लीटर केरोसिन जो चंडीगढ़ में चाऊ हो जाता था, वो बंद हो गया, और किसी का नुकसान तो हुआ होगा। इतने दिन जो मलाई खाते थे, उनको तकलीफ तो हुई होगी..., हुई होगी की नहीं हुई होगी,,, तो क्या वो मोदी को फूल चढ़ाएगा क्या?  क्या मोदी का जयजयकार करेगा क्या? गाली देगा कि नहीं देगा ,   मोदी का बुरा चाहेगा कि नहीं चाहेगा, ऐसी सरकारें इन लोगों को चाहिए जो उनके इशारे पर नाचने वाली हो, उनके पैसे लेकर सोने वाली हो, भाईयों-बहनों ये बिकाऊ माल आपने नहीं भेजा है, उत्तर प्रदेश ने बिकाऊ माल नहीं भेजा है। ये उत्तर प्रदेश के लोगों की शान है कि उन्होंने बिकाऊ माल बाजार में नहीं रखा है। दम के साथ गरीब के लिए जीने मरने वाला इंसान  आज दिल्ली में आपने सेवा करने के लिए बिठाया है और इसलिए मेरे प्यारे भाईयों और बहनों ये लड़ाई लंबी है .. ये लड़ाई लंबी है लेकिन गरीबों के लिए लड़ने का आनंद कुछ और होता है। मैं गरीबों के लिए लड़ूंगा, मैं मध्यम वर्ग के लिए लड़ूंगा, मैं आपके हक के लिए लड़ूंगा, ये लुटेरों से आपको बचाने के लिए लड़ूंगा, मुझे आपके आशीर्वाद चाहिए, मुझे आपके आशीर्वाद चाहिए, दोनों हाथों को ऊपर करके आशीर्वाद दीजिए भाईयों...  दोनों हाथों को ऊपर करके आशीर्वाद दीजिए, भाईयों-बहनों ये 50 दिन तकलीफ है वो आप झेलेंगे, जोर से जवाब दीजिए ये 50 दिन की तकलीफ झेलेंगे, 50 दिन की तकलीफ झेलेंगे, ये बेईमानों की लड़ाई, बेईमानों के खिलाफ जीतेंगे, ये बेईमानों से देश बचाना चाहिए, ईमानदारों की रक्षा होनी चाहिए, आपका मुझे आशीर्वाद है...? आपका मुझे आशीर्वाद है...? आपका मुझे आशीर्वाद है....? भाईयों-बहनों आपके सपने सच होकर के रहेंगे, देश सोने की तरह तप करके बाहर निकलेगा, ये मेरा विश्वास है। मेरे साथ बोलिए भारत माता की.... जय, भारत माता की....जय, भारत माता की....जय

 

  • Manoj Kumar February 10, 2025

    हिन्दू हृदय सम्राट श्री रमेश बिधूड़ी जी 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
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This decade is becoming the decade of Uttarakhand: PM Modi at Harsil
March 06, 2025
QuoteBlessed to be in Devbhoomi Uttarakhand once again: PM
QuoteThis decade is becoming the decade of Uttarakhand: PM
QuoteDiversifying our tourism sector, making it perennial, is very important for Uttarakhand: PM
QuoteThere should not be any off season, tourism should be on in every season in Uttarakhand: PM
QuoteOur governments at Center and state are working together to make Uttarakhand a developed state: PM

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय!

उत्तराखंड का म्यारा प्यारा भै-वैण्यों, आप सबी तैं मेरी सेवा-सौंली, नमस्कार!

यहां के ऊर्जावान मुख्यमंत्री, मेरे छोटे भाई पुष्कर सिंह धामी जी, केंद्रीय मंत्री श्री अजय टम्टा जी, राज्य के मंत्री सतपाल महाराज जी, संसद में मेरे साथी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जी, संसद में मेरे साथी माला राज्य लक्ष्मी जी, विधायक सुरेश चौहान जी, सभी गणमान्य लोग, भाइयों और बहनों।

सबसे पहले मैं माणा गांव में कुछ दिन पहले जो हादसा हुआ है, उस पर अपना दु:ख व्यक्त करता हूं। मैं हादसे में जान गंवाने वाले साथियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। संकट की घड़ी में देश के लोगों ने जो एकजुटता दिखाई है, उससे पीड़ित परिवारों को बहुत हौसला मिला है।

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साथियों,

उत्तराखंड की ये भूमि, हमारी ये देवभूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। चार धाम और अनंत तीर्थों का आशीर्वाद, जीवनदायिनी मां गंगा का ये शीतकालीन गद्दी स्थल, आज एक बार फिर यहाँ आकर, आप सब अपने परिवारजनों से मिलकर, मैं धन्य हो गया हूं। माँ गंगा की कृपा से ही मुझे दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला है। मैं मानता हूँ, उन्हीं के आशीर्वाद से मैं काशी तक पहुंचा, और अब सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहा हूँ। और इसलिए, मैंने काशी में कहा भी था- मुझे माँ गंगा ने बुलाया है। और कुछ महीने पहले मुझे ये भी अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने मुझे अब गोद ले लिया है। ये माँ गंगा की ही दुलार है। अपने इस बच्चे के प्रति उनका स्नेह है कि आज मैं उनके मायके मुखवा गांव आया हूँ। यहाँ मुझे मुखीमठ-मुखवा में दर्शन पूजन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

साथियों,

आज हर्षिल की इस धरती पर आया हूं तो मैं अपनी दीदी-भुलियों के स्नेह को भी याद कर रहा हूं। वो मुझे हर्षिल का राजमा और दूसरे लोकल प्रोडक्ट्स भेजती रहती हैं। आपके इस लगाव और उपहार के लिए मैं आपका आभारी हूं।

साथियों,

कुछ साल पहले जब मैं बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए, बाबा के चरणों में गया था, तो बाबा के दर्शन-अर्चन के बाद मेरे मुंह से अचानक कुछ भाव प्रकट हुए थे, और मैं बोल पड़ा था- ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। वो शब्द मेरे थे, भाव मेरे थे, लेकिन उनके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ ने दी थी। मैं देख रहा हूँ, बाबा केदार के आशीर्वाद से धीरे-धीरे वो शब्द, वो भाव सच्चाई में, हकीकत में बदल रहे हैं। ये दशक उत्तराखंड का बन रहा है। यहां उत्तराखंड की प्रगति के लिए नए-नए रास्ते खुल रहे हैं। जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए जो संकल्प हमने लिए थे, नित नई सफलताओं और नए लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए वो संकल्प आज पूरे हो रहे हैं। इसी दिशा में, शीतकालीन पर्यटन एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से उत्तराखंड के आर्थिक सामर्थ्य को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। मैं इस अभिनव प्रयास के लिए धामी जी को, उत्तराखंड सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, और उत्तराखंड की प्रगति के लिए कामना करता हूँ।

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साथियों,

अपने टूरिज्म सेक्टर को diversify करना, बारहमासी बनाना, 365 दिन, ये उत्तराखंड के लिए बहुत जरूरी है। मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड में कोई भी सीजन हो, कोई भी सीजन ऑफ सीजन ना हो, हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। अब ऑफ नहीं ऑन का जमाना। अभी पहाड़ों पर पर्यटन सीजन के हिसाब से चलता है। आप सब जानते हैं, मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन इसके बाद उनकी गिनती बहुत कम हो जाती है। सर्दियों में अधिकतर होटल्स, resorts और होमस्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन उत्तराखंड में, साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक सुस्ती ला देता है, इससे पर्यावरण के लिए भी चुनौती पैदा होती है।

साथियों,

सच्चाई ये है कि अगर देश-विदेश के लोग सर्दियों के मौसम में यहाँ आएं, तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा का वास्तविक परिचय मिलेगा। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी Activities का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। कई तीर्थ स्थलों पर इसी समय विशेष अनुष्ठान भी होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही देखिए, यहाँ जो धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन और अद्भुत परंपरा का हिस्सा है। इसलिए, उत्तराखंड सरकार का बारहमासी पर्यटन का विजन, 365 दिन के पर्यटन का विजन लोगों को दिव्य अनुभूतियों से जुड़ने का अवसर देगा। इससे यहां साल भर उपलब्ध रहने वाले रोजगार के अवसर विकसित होंगे, इसका बड़ा फायदा उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को होगा, यहां के युवाओं को होगा।

साथियों,

उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही हैं। चारधाम-ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेस-वे, राज्य में रेलवे, विमान औऱ हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार, 10 वर्षों में उत्तराखंड में तेजी से विकास हुआ है। अभी कल ही उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार ने बहुत बड़े निर्णय लिए हैं। कल केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद जो यात्रा 8 से 9 घंटे में पूरी होती है, अब उसे लगभग 30 मिनट में पूरा किया जाएगा। इससे बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं के लिए केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी। इन रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मैं उत्तराखंड समेत पूरे देश को इन प्रोजेक्ट्स की बधाई देता हूं।

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साथियों,

आज पहाड़ों पर इको लॉग हट्स, कन्वेंशन सेंटर, हेलीपैड इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस भी किया जा रहा है। उत्तराखंड के टिम्मर-सैण महादेव, माणा गांव, जादुंग गांव में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर नए सिरे से विकसित हो रहा है, और देशवासियों को पता होगा, शायद नहीं होगा, 1962 में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया, तब ये हमारा जादुंग गांव को खाली करवा दिया गया था, ये हमारे दो गांव खाली कर दिए गए थे। 60-70 साल हो गए, लोग भूल गए, हम नहीं भूल सकते, हमने उन दो गांवों को फिर से बसाने का अभियान चलाया है, और बहुत बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। और इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या इस एक दशक में तेजी से बढ़ी है। 2014 से पहले चारधाम यात्रा पर हर साल औसतन 18 लाख यात्री आते थे। अब हर साल लगभग 50 लाख तीर्थयात्री आने लगे हैं। इस साल के बजट में 50 Tourist destinations को विकसित करने का प्रावधान किया गया है। इन destinations पर होटलों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाएगा। इससे पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

हमारा प्रयास है, उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों को भी पर्यटन का विशेष लाभ मिले। पहले सीमावर्ती गांवों को आखिरी गाँव कहा जाता था। हमने ये सोच बदल दी, हमने कहा ये आखिरी गांव नहीं है, ये हमारे प्रथम गाँव कहा। उनके विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया। इस क्षेत्र के भी 10 गांव इस योजना में शमिल किए गए हैं, और मुझे बताया गया, उस गांव से भी कुछ बंधु आज यहां हमारे सामने मौजूद हैं। नेलांग और जादुंग गांव, जिसका मैंने वर्णन किया, 1962 में क्या हुआ था, फिर से बसाने का काम शुरू किया गया है। आज यहां से जादुंग के लिए मैंने अभी-अभी बाइक रैली को रवाना किया। हमने होमस्टे बनाने वालों को मुद्रा योजना का लाभ देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार भी राज्य में होमस्टे को बढ़ावा देने में जुटी है। जो गांव इतने दशकों तक इंफ्रास्ट्रक्चर से वंचित रहें, वहाँ नए होमस्टे खुलने से पर्यटन बढ़ रहा है, लोगों की आय बढ़ रही है।

साथियों,

आज मैं देवभूमि से, देश के पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, और मध्य भी, हर कोने के लोगों से, खासकर युवा पीढ़ी से, और मां गंगा के मायके से, इस पवित्र भूमि से, देश की नौज़वान पीढ़ी को विशेष रूप से आह्वान कर रहा हूं, आग्रह कर रहा हूं।

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साथियों,

सर्दियों में देश के बड़े हिस्से में जब कोहरा होता है, सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है। ये एक स्पेशल इवेंट बन सकता है। और गढ़वाली में इसे क्या कहेंगे? 'घाम तापो पर्यटन', सही है ना? 'घाम तापो पर्यटन'। इसके लिए देश के कोने-कोने से लोग उत्तराखंड जरूर आयें। खासकर, हमारे कॉरपोरेट वर्ल्ड के साथी, वे विंटर टूरिज्म का हिस्सा बनें। Meetings करनी हों, conferences करनी हों, exhibitions करने हों, तो विंटर का समय और देवभूमि, इससे होनहार कोई जगह नहीं हो सकती है। मैं कॉरपोरेट वर्ल्ड के बड़े महानुभावों से भी आग्रह करूंगा, वो अपने बड़े-बड़े सेमिनार्स के लिए उत्तराखंड आएं, माइस सेक्टर को explore करें। यहाँ आकर लोग योग और आयुर्वेद के जरिए recharge और re-energise भी हो सकते हैं। देश की यूनिवर्सिटीज, प्राइवेट स्कूल्स और कॉलेज में, मैं उन सब नौज़वान साथियों से भी कहूंगा कि students के विंटर ट्रिप्स के लिए आप उत्तराखंड को पसंद कीजिए।

साथियों,

हमारे यहाँ हजारों करोड़ की इकोनॉमी, वेडिंग इकोनॉमी है, शादियों में हजारों करोड़ रूपये का खर्च होता है, बहुत बड़ी इकोनॉमी है। आपको याद होगा, मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था- Wed in India, हिन्दुस्तान में शादी करों, आजकल लोग दुनिया के देशों में चले जाते हैं, यहां क्या कमी है भई? पैसे यहां खर्च करो ना, और उत्तराखंड से बढ़िया क्या हो सकता है। मैं चाहूँगा कि सर्दियों में destination वेडिंग के लिए भी उत्तराखंड को देशवासी प्राथमिकता दें। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री से भी मेरी अपेक्षाएं हैं। उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार मिला हुआ है। यहां तेजी के साथ आधुनिक सुविधाएं डेवलप हो रही हैं। इसलिए सर्दियों के दिनों में फिल्म की शूटिंग्स के लिए भी उत्तराखंड, पूरे भारत का फेवरेट डेस्टिनेशन बन सकता है।

साथियों,

दुनिया के कई देशों में विंटर टूरिज़्म काफी पॉपुलर है। उत्तराखंड में विंटर टूरिज़्म को बढ़ावा देने के, और इसके लिए हम ऐसे देशों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। मैं चाहूँगा, उत्तराखंड के टूरिज़्म सेक्टर से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स, होटल और resorts उन देशों की जरूर स्टडी करें। अभी मैं यहां, एक छोटी सी प्रदर्शनी लगी है, उसको मैंने देखा, बहुत प्रभावित करने वाला मुझे लगा, जो कल्पना की गई है, जो लोकेशंस तय किए गए हैं, जो आधुनिक रचनाएं खड़ी की जा रही हैं, एक-एक लोकेशन का, एक-एक चित्र इतना प्रभावित करने वाला था, जैसे मन कर रहा था, मेरे 50 साल पुरानी वो जिंदगी के दिन, मैं फिर एक बार यहां आपके बीच आकर के बिताऊ, और हर डेस्टिनेशन पर कभी जाने का मौका तलाशू, इतने बढ़िया बना रहे हैं। मैं उत्तराखंड सरकार से कहूंगा कि जो विदशों से स्टडी हो, और स्टडी से निकले एक्शनेबल प्वाइंट्स पर सक्रिय रूप से काम करे। हमें स्थानीय परंपराओं, म्यूजिक, डांस और कुजीन को बढ़ावा देना होगा। यहां कई हॉट स्प्रिंग्स हैं, सिर्फ बद्रीनाथ जी में ही है, ऐसा नहीं है, और भी है, उन क्षेत्रों को वेलनेस स्पा के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। शांत और बर्फीले क्षेत्रों में विंटर योगा रिट्रीट का आयोजन किया जा सकता है। मैं सभी बड़े-बड़े साधु-महात्माओं को, मठ-मंदिर के मठाधिपतियों को, सभी योगाचार्यों को, उनसे भी आग्रह करूंगा कि वे साल में एक योगा कैंप अपने शिष्यों का, विंटर में उत्तराखंड में लगाए। विंटर सीजन के लिए स्पेशल वाइल्ड लाइफ सफारी का आकर्षण उत्तराखंड की विशेष पहचान बन सकता है। यानि हमें 360 डिग्री अप्रोच के साथ आगे बढ़ना होगा, हर स्तर पर काम करना होगा।

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साथियों,

सुविधाओं के विकास के अलावा, लोगों तक जानकारी पहुंचाना भी उतना ही अहम होता है। इसके लिए मैं देश के युवा content creators, आजकल सोशल मीडिया में, बहुत बड़ी संख्या में influencers हैं, content creators हैं, वे अपने यहाँ बैठे-बैठे भी मेरे उत्तराखंड की, मेरी देवभूमि की सेवा कर सकते हैं, वे भी पुण्य कमा सकते हैं। आप देश के पर्यटन सेक्टर को गति देने में, लोगों तक जानकारी पहुंचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, जो भूमिका निभाई है, उसका और विस्तार करने की जरूरत है। आप उत्तराखंड की विंटर टूरिज़्म की इस मुहिम का भी हिस्सा बनिए, और मैं तो चाहूंगा कि उत्तराखंड सरकार एक बड़ा कंपटीशन आयोजित करें, ये जो content creators हैं, influencers हैं, वे 5 मिनट की, विंटर टूरिज्म की प्रमोशन की फिल्म बनाएं, उनकी कंपटीशन हो और जो अच्छी से अच्छी बनाएं, उसको बढ़िया से बढ़िया इनाम दिया जाए, देशभर के लोगों को कहा जाए, आइए मैदान में, बहुत बड़ा प्रचार-प्रसार होना शुरू हो जाएगा। और मुझे विश्वास है जब ऐसे कंपटीशन करेंगे, तो नई-नई जगहों को एक्सप्लोर करके, नई-नई फिल्में बनाएंगे, लोगों को बताएंगे।

साथियों,

मुझे विश्वास है, आने वाले वर्षों में हम इस सेक्टर में तेज गति से विकास के साक्षी बनेंगे। एक बार फिर 365 दिन का, बारहमासी टूरिज्म अभियान, इसके लिए मैं उत्तराखंड के सभी भाई-बहनों को शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं और राज्य सरकार का अभिनदंन करता हूं। आप सब मेरे साथ बोलिए-

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

गंगा मैया की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।