प्रश्न- भाजपा का नारा है-‘अबकी बार 400 पार’, चार चरणों का चुनाव हो चुका है, अब आप भाजपा को कहां पाते हैं?
उत्तर- चार चरणों के चुनाव में भाजपा और एनडीए की सरकार को लेकर लोगों ने जो उत्साह दिखाया है, उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि हम 270 सीटें जीत चुके हैं. अब बाकी के तीन चरणों में हम 400 का आंकड़ा पार करने वाले हैं. 400 पार का नारा, भारत के 140 करोड़ लोगों की भावना है, जो इस रूप में व्यक्त हो रही है. दशकों तक जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को देश ने सहन किया. लोगों के मन में यह स्वाभाविक प्रश्न था कि एक देश में दो विधान कैसे चल सकता है. जब हमें अवसर मिला, हमने आर्टिकल 370 को खत्म कर जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान लागू किया. इससे देश में एक अभूतपूर्व उत्साह का प्रवाह हुआ. लोगों ने तय किया कि जिस पार्टी ने आर्टिकल 370 को खत्म किया, उसे 370 सीटें देंगे. इस तरह भाजपा को 370 सीट और एनडीए को 400 सीट देने का लोगों का इरादा पक्का हुआ. मैं पूरे देश में जा रहा हूं. उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम मैंने लोगों में 400 पार नारे को सच कर दिखाने की प्रतिबद्धता देखी है. मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि इस बार जनता 400 से ज्यादा सीटों पर हमारी जीत सुनिश्चित करेगी.
प्रश्न- लोग कहते हैं कि हम मोदी को वोट कर रहे हैं, प्रत्याशी के नाम पर नहीं. लोगों का इतना भरोसा है, इस भरोसे को कैसे पूरा करेंगे?
उत्तर- देश की जनता का यह विश्वास मेरी पूंजी है. यह विश्वास मुझे शक्ति देता है. यही शक्ति मुझे दिन रात काम करने को प्रेरित करती है. मेरी सरकार लगातार एक ही मंत्र पर काम कर रही है, वंचितों को वरीयता. जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, मोदी उनको पूजता है. इसी भाव से मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों, दलित, पिछड़े, गरीब, युवा, महिला, किसान सभी की सेवा कर रहा हूं. जनता का भरोसा मेरे लिए एक ड्राइविंग फोर्स की तरह काम करता है.
देखिए, जो संसदीय व्यवस्था है, उसमें पीएम पद का एक चेहरा होता है, लेकिन जनता सरकार बनाने के लिए एमपी को चुनती है. इस चुनाव में चाहे भाजपा का पीएम उम्मीदवार हो या एमपी उम्मीदवार, दोनों एक ही संदेश लेकर जनता के पास जा रहे हैं. विकसित भारत का संदेश. पीएम उम्मीदवार नेशनल विजन की गारंटी है, तो हमारा एमपी उम्मीदवार स्थानीय आकांक्षाओं को पूरा करने की गारंटी है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक टीम की तरह काम करती है और इस टीम के लिए उम्मीदवारों के चयन में हमने बहुत ऊर्जा और समय खर्च किया है. हमने उम्मीदवारों के चयन का तरीका बदल दिया है. हमने किसी सीट पर उम्मीदवार के चयन में कोई समझौता नहीं किया, न ही किसी तरह के दबाव को महत्व दिया. जिसमें योग्यता है, जिसमें जनता की उम्मीदों को पूरा करने का जज्बा है, उसका चयन किया गया है. हमें मिल कर हर सीट पर कमल खिलाना है. भाजपा और एनडीए की यह टीम 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमेशा समर्पित रहेगी.
प्रश्न- आपने 370 को हटाया, राम मंदिर बनवा दिया. अब तीसरी बार आपकी सरकार अगर लौटती है, तो कौन से वे बड़े काम हैं, जिन्हें आप पहले पूरा करना चाहेंगे?
उत्तर- जब आप चुनाव जीत कर आते हैं, तो आपके साथ जनता-जनार्दन का आशीर्वाद होता है. देश के करोड़ों लोगों की ऊर्जा होती है. जनता में उत्साह होता है. इससे आपके काम करने की गति स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है. 2024 के चुनाव में जिस तरीके से भाजपा को समर्थन मिल रहा है, ऐसे में ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि तीसरी बार सरकार में आने के बाद क्या बड़े काम होने वाले हैं.
यह चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि 2014 और 2019 में चुनाव जीतने के बाद ही सरकार एक्शन मोड में आ गयी थी. 2019 में हमने पहले 100 दिन में ही आर्टिकल 370 और तीन तलाक से जुड़े फैसले लिये थे. बैंकों के विलय जैसा महत्वपूर्ण फैसला भी सरकार बनने के कुछ ही समय बाद ले लिया गया था. हालांकि इन फैसलों के लिए आधार बहुत पहले से तैयार कर लिया गया था.
इस बार भी हमारे पास अगले 100 दिनों का एक्शन प्लान है, अगले पांच वर्षों का रोडमैप है और अगले 25 वर्षों का विजन है. मुझे देशभर के युवाओं ने बहुत अच्छे सुझाव भेजे हैं. युवाओं के उत्साह को ध्यान में रखते हुए हमने 100 दिनों के एक्शन प्लान में 25 दिन और जोड़ दिये हैं. 125 में से 25 दिन भारत के युवाओं से जुड़े निर्णय के होंगे. हम आज जो भी कदम उठा रहे हैं, उसमें इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि इससे विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने में कैसे मदद मिल सकती है.
प्रश्न- दक्षिण पर आपने काफी ध्यान दिया है. लोकप्रियता भी बढ़ी है. वोट प्रतिशत भी बढ़ेगा, लेकिन क्या सीट जीतने लायक स्थिति साउथ में बनी है?
उत्तर- देखिए, दक्षिण भारत में बीजेपी अब भी सबसे बड़ी पार्टी है. पुद्दुचेरी में हमारी सरकार है. कर्नाटक में हम सरकार में रह चुके हैं. 2024 के चुनाव में मैंने दक्षिण के कई जिलों में रैलियां और रोड शो किये हैं. मैंने लोगों की आंखों में बीजेपी के लिए जो स्नेह और विश्वास देखा है, वह अभूतपूर्व है. इस बार दक्षिण भारत के नतीजे चौंकाने वाले होंगे.
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हम सबसे ज्यादा सीटें जीतेंगे. लोगों ने आंध्र विधानसभा में एनडीए की सरकार बनाने के लिए वोट किया है. कर्नाटक में भाजपा एक बार फिर सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी. मैं आपको पूरे विश्वास से कह रहा हूं कि तमिलनाडु में इस बार के परिणाम बहुत ही अप्रत्याशित होंगे और भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में होंगे.
प्रश्न- ओडिशा और पश्चिम बंगाल से भाजपा को बहुत उम्मीदें हैं. भाजपा कितनी सीटें जीतने की उम्मीद करती है?
उत्तर- मैं ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जहां भी जा रहा हूं, मुझे दो बातें हर जगह देखने को मिल रही हैं. एक तो भाजपा पर लोगों का भरोसा और दूसरा दोनों ही राज्यों में वहां की सरकार से भारी नाराजगी. लोगों की आकांक्षाओं को मार कर राज करने को सरकार चलाना नहीं कह सकते. ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लोगों की आकांक्षाओं, भविष्य और सम्मान को कुचला गया है. पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी का दूसरा नाम बन गयी है. लोग देख रहे हैं कि कैसे वहां की सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को ताक पर रख दिया है.
संदेशखाली की पीड़ितों की आवाज दबाने की कोशिश की गयी. लोगों को अपने त्योहार मनाने से रोका जा रहा है. टीएमसी सरकार लोगों तक केंद्र की योजनाओं का फायदा नहीं पहुंचने दे रही. इसका जवाब वहां के लोग अपने वोट से देंगे. पश्चिम बंगाल के लोग भाजपा को एक उम्मीद के तौर पर देख रहे हैं. बंगाल में इस बार हम बड़ी संख्या में सीटें हासिल करेंगे. मैं ओडिशा के लोगों से कहना चाहता हूं कि उनकी तकलीफें जल्द खत्म होने वाली हैं. चुनाव नतीजों में हम ना सिर्फ लोकसभा की ज्यादा सीटें जीतेंगे, बल्कि विधानसभा में भी भाजपा की सरकार बनेगी.
पहली बार ओडिशा के लोगों को डबल इंजन की सरकार के फायदे मिलेंगे. बीजेडी की सरकार हमारी जिन योजनाओं को ओडिशा में लागू नहीं होने दे रही, हमारी सरकार बनते ही उनका फायदा लोगों तक पहुंचने लगेगा. बीजेडी ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा नुकसान उड़िया संस्कृति और भाषा का किया है. मैंने ओडिशा को भरोसा दिया है कि राज्य का अगला सीएम भाजपा का होगा, और वह व्यक्ति होगा, जो ओडिशा की मिट्टी से निकला हो, जो ओडिशा की संस्कृति, परंपरा और उड़िया लोगों की भावनाओं को समझता हो.
ये मेरी गारंटी है कि 10 जून को ओडिशा का बेटा सीएम पद की शपथ लेगा. राज्य के लोग अब एक ऐसी सरकार चाहते हैं, जो उनकी उड़िया पहचान को विश्व पटल पर ले जाए, इसलिए उनका भरोसा सिर्फ भाजपा पर है.
प्रश्न- बिहार और झारखंड में पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहेगा, आप क्या उम्मीद करते हैं?
उत्तर- मेरा विश्वास है कि इस बार बिहार और झारखंड में भाजपा को सभी सीटों पर जीत हासिल होगी. दोनों राज्यों के लोग एक बात स्पष्ट रूप से समझ गये हैं कि इंडी गठबंधन में शामिल पार्टियों को जब भी मौका मिलेगा, तो वे भ्रष्टाचार ही करेंगे. इंडी ब्लॉक में शामिल पार्टियां परिवारवाद से आगे निकल कर देश और राज्य के विकास के बारे में सोच ही नहीं सकतीं.
झारखंड में नेताओं और उनके संबंधियों के घर से नोटों के बंडल बाहर निकल रहे हैं. यह किसका पैसा है? ये गरीब के हक का पैसा है. ये पैसा किसी गरीब का अधिकार छीन कर इकट्ठा किया गया है. अगर वहां भ्रष्टाचार पर रोक रहती, तो यह पैसा कई लोगों तक पहुंचता. उस पैसे से हजारों-लाखों लोगों का जीवन बदल सकता था, लेकिन जनता का वोट लेकर ये नेता गरीबों का ही पैसा लूटने लगे. दूसरी तरफ जनता के सामने केंद्र की भाजपा सरकार है, जिस पर 10 साल में भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा.
आज झारखंड में जिहादी मानसिकता वाले घुसपैठिये झुंड बना कर हमला करते हैं और झारखंड सरकार उन्हें समर्थन देती है. इन घुसपैठियों ने राज्य में हमारी बहनों-बेटियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. वहीं अगर बिहार की बात करें, तो जो पुराने लोग हैं, उन्हें जंगलराज याद है. जो युवा हैं, उन्होंने इसका ट्रेलर कुछ दिन पहले देखा है.
आज राजद और इंडी गठबंधन बिहार में अपने नहीं, नीतीश जी के काम पर वोट मांग रहा है. इंडी गठबंधन के नेता तुष्टीकरण में इतने डूब चुके हैं एससी-एसटी-ओबीसी का पूरा का पूरा आरक्षण मुस्लिम समाज को देना चाहते हैं. जनता इस साजिश को समझ रही है. इसलिए, भाजपा को वोट देकर इसका जवाब देगी.
प्रश्न- संपत्ति का पुनर्वितरण इन दिनों बहस का मुद्दा बना हुआ है. इस पर आपकी क्या राय है?
उत्तर- शहजादे और उनके सलाहकारों को पता है कि वे सत्ता में नहीं आने वाले. इसीलिए ऐसी बात कर रहे हैं. यह माओवादी सोच है, जो सिर्फ अराजकता को जन्म देगी. इंडी गठबंधन की परेशानी यह है कि वे तुष्टीकरण से आगे कुछ भी सोच नहीं पा रहे. वे किसी तरह एक समुदाय का वोट पाना चाहते हैं, इसलिए अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं. लूट-खसोट की यह सोच कभी भी भारत की संस्कृति का हिस्सा नहीं रही. वे एक्सरे कराने की बात कर रहे हैं, उनका प्लान है कि एक-एक घर में जाकर लोगों की बचत, उनकी जमीन, संपत्ति और गहनों का हिसाब लिया जायेगा. कोई भी इस तरह की व्यवस्था को स्वीकार नहीं करेगा. पिछले 10 वर्षों में हमारा विकास मॉडल लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने का है. इसके लिए हम लोगों तक वे मूलभूत सुविधाएं पहुंचा रहे हैं, जो दशकों पहले उन्हें मिल जाना चाहिए था. हम रोजगार के नये अवसर तैयार कर रहे हैं, ताकि लोग सम्मान के साथ जी सकें.
प्रश्न- भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है. भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है. आम आदमी को इसका लाभ कैसे मिलेगा?
उत्तर- यह बहुत ही अच्छा सवाल है आपका. तीसरे कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगी. जब मैं यह कहता हूं कि तो इसका मतलब सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था सम्मान के साथ देशवासियों के लिए समृद्धि भी लाने वाला है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मतलब है बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी का विस्तार, ज्यादा निवेश और ज्यादा अवसर. आज सरकार की योजनाओं का लाभ जितने लोगों तक पहुंच रहा है, उसका दायरा और बढ़ जायेगा.
भाजपा ने तीसरे टर्म में आयुष्मान भारत योजना का लाभ 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को देने की गारंटी दी है. हमने गरीबों के लिए तीन करोड़ और पक्के मकान बनाने का संकल्प लिया है. तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की बात कही है. जब अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, तो हमारी योजनाओं का और विस्तार होगा और ज्यादा लोग लाभार्थी बनेंगे.
प्रश्न- आप लोकतंत्र में विपक्ष को कितना जरूरी मानते हैं और उसकी क्या भूमिका होनी चाहिए?
उत्तर- लोकतंत्र में सकारात्मक विपक्ष बहुत महत्वपूर्ण है. विपक्ष का मजबूत होना लोकतंत्र के मजबूत होने की निशानी है. इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि पिछले 10 वर्षों में विपक्ष व्यक्तिगत विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगा. विपक्ष या सत्ता पक्ष लोकतंत्र के दो पहलू हैं, आज कोई पार्टी सत्ता में है, कभी कोई और रही होगी, लेकिन आज विपक्ष सरकार के विरोध के नाम पर कभी देश की सेना को बदनाम कर रहा है, कभी सेना के प्रमुख को अपशब्द कह रहा है. कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाता है, तो कभी एयरस्ट्राइक पर संदेह जताता है. सेना के सामर्थ्य पर उंगली उठा कर वे देश को कमजोर करना चाहते हैं.
आप देखिए, विपक्ष कैसे पाकिस्तान की भाषा बोलने लगा है. जिस भाषा में वहां के नेता भारत को धमकी देते थे, वही आज कांग्रेस के नेता बोलने लगे हैं. मैं इतना कह सकता हूं कि विपक्ष अपनी इस भूमिका में भी नाकाम हो गया है. वे देश के लोगों का विश्वास नहीं जीत पा रहे, इसलिए देश के खिलाफ बोल रहे हैं.
प्रश्न- झारखंड में बड़े पैमाने पर नोट पकड़े गये, भ्रष्टाचार से इस देश को कैसे मुक्ति मिलेगी?
उत्तर- देखिए, जब कोई सरकार तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के दलदल में फंस जाती है तो इस तरह की चीजें देखने को मिलती हैं. मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं. 2014 से पहले, कांग्रेस के 10 साल के शासन में ईडी ने छापे मार कर सिर्फ 35 लाख रुपये बरामद किये थे. पिछले 10 वर्ष में इडी के छापे में 2200 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं. यह अंतर बताता है कि जांच एजेंसियां अब ज्यादा सक्रियता से काम कर रही हैं.
आज देश के करोड़ों लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं. कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से भेजे गये 100 पैसे में से लाभार्थी को सिर्फ 15 पैसे मिलते हैं. बीच में 85 पैसे कांग्रेस के भ्रष्टाचार तंत्र की भेंट चढ़ जाते थे. हमने जनधन खाते खोले, उन्हें आधार और मोबाइल नंबर से लिंक किया, इसके द्वारा भ्रष्टाचार पर चोट की. डीबीटी के माध्यम से हमने लाभार्थियों तक 36 लाख करोड़ रुपये पहुंचाये हैं. अगर यह व्यवस्था नहीं होती, तो 30 लाख करोड़ रुपये बिचौलियों की जेब में चले जाते. मैंने संकल्प लिया है कि मैं देश से भ्रष्टाचार को खत्म करके रहूंगा. जो भी भ्रष्टाचारी होगा, उस पर कार्रवाई जरूर होगी. मेरे तीसरे टर्म ये कार्रवाई और तेज होगी.
प्रश्न- विपक्ष सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों- इडी और सीबीआइ के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है. इस पर आपका क्या कहना है?
उत्तर- आपको यूपीए का कार्यकाल याद होगा, तब भ्रष्टाचार और घोटाले की खबरें आती रहती थीं. उस स्थिति से बाहर निकलने के लिए लोगों ने भाजपा को अपना आशीर्वाद दिया, लेकिन आज इंडी गठबंधन में शामिल दलों की जहां सरकार है, वहां यही सिलसिला जारी है. फिर जब जांच एजेंसियां इन पर कार्रवाई करती हैं तो पूरा विपक्ष एकजुट होकर शोर मचाने लगता है. एक घर से अगर करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं, तो स्पष्ट है कि वो पैसा भ्रष्टाचार करके जमा किया गया है. इस पर कार्रवाई होने से विपक्ष को दर्द क्यों हो रहा है? क्या विपक्ष अपने लिए छूट चाहता है कि वे चाहे जनता का पैसा लूटते रहें, लेकिन एजेंसियां उन पर कार्रवाई न करें.
मैं विपक्ष और उन लोगों को चुनौती देना चाहता हूं, जो कहते हैं कि सरकार किसी भी एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है. एक भी ऐसा केस नहीं हैं जहां पर कोर्ट ने एजेंसियों की कार्रवाई को गलत ठहराया हो. भ्रष्टाचार में फंसे लोगों के लिए जमानत पाना मुश्किल हो रहा है. जो जमानत पर बाहर हैं, उन्हें फिर वापस जाना है. मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि एजेंसियों ने सिर्फ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही की है.
प्रश्न- विपक्ष हमेशा इवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, आपकी क्या राय है?
उत्तर- विपक्ष को अब यह स्पष्ट हो चुका है कि उसकी हार तय है. यह भी तय हो चुका है कि जनता ने उन्हें तीसरी बार भी बुरी तरह नकार दिया है. ये लोग इवीएम के मुद्दे पर अभी-अभी सुप्रीम कोर्ट से हार कर आये हैं. ये हारी हुई मानसिकता से चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए पहले से बहाने ढूंढ कर रखा है. इनकी मजबूरी है कि ये हार के लिए शहजादे को दोष नहीं दे सकते. आप इनका पैटर्न देखिए, चुनाव शुरू होने से पहले ये इवीएम पर आरोप लगाते हैं. उससे बात नहीं तो इन्होंने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों का मुद्दा उठाना शुरू किया है. जब मतगणना होगी तो गड़बड़ी का आरोप लगायेंगे और जब शपथ ग्रहण होगा, तो कहेंगे कि लोकतंत्र खतरे में है. चुनाव आयोग ने पत्र लिख कर खड़गे जी को जवाब दिया है, उससे इनकी बौखलाहट और बढ़ गयी है. ये लोग चाहे कितना भी शोर मचा लें, चाहे संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठा लें, जनता इनकी बहानेबाजी को समझती है. जनता को पता है कि इसी इवीएम से जीत मिलने पर कैसे उनके नरेटिव बदल जाते हैं. इवीएम पर आरोप को जनता गंभीरता से नहीं लेती.
प्रश्न- आपने आदिवासियों के विकास के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं. आप पहले प्रधानमंत्री हैं, जो भगवान बिरसा की जन्मस्थली उलिहातू भी गये. आदिवासी समाज के विकास को लेकर आपका विजन क्या है?
उत्तर- इस देश का दुर्भाग्य रहा है कि आजादी के बाद छह दशक तक जिन्हें सत्ता मिली, उन लोगों ने सिर्फ एक परिवार को ही देश की हर बात का श्रेय दिया. उनकी चले, तो वे यह भी कह दें कि आजादी की लड़ाई भी अकेले एक परिवार ने ही लड़ी थी. हमारे आदिवासी भाई-बहनों का इस देश की आजादी में, इस देश के समाज निर्माण में जो योगदान रहा, उसे भुला दिया गया. भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को ना याद करना कितना बड़ा पाप है. देश भर में ऐसे कितने ही क्रांतिकारी हैं जिन्हें इस परिवार ने भुला दिया.
जिन आदिवासी इलाकों तक कोई देखने तक नहीं जाता था, हमने वहां तक विकास पहुंचाया है. हम आदिवासी समाज के लिए लगातार काम कर रहे हैं. जनजातियों में भी जो सबसे पिछड़े हैं, उनके लिए विशेष अभियान चला कर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है. इसके लिए सरकार ने 24 हजार करोड़ रुपये की योजना बनायी है.
भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को भाजपा सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया. एकलव्य विद्यालय से लेकर वन उपज तक, सिकेल सेल एनीमिया उन्मूलन से लेकर जनजातीय गौरव संग्रहालय तक, हर स्तर पर विकास कर रहे हैं. एनडीए के सहयोग से पहली बार एक आदिवासी बेटी देश की राष्ट्रपति बनी है.अगले वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती है. भाजपा ने संकल्प लिया है कि 2025 को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जायेगा.
प्रश्न- देश के मुसलमानों और ईसाइयों के मन में भाजपा को लेकर एक अविश्वास का भाव है. इसे कैसे दूर करेंगे?
उत्तर- हमारी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में एक काम भी ऐसा नहीं किया है, जिसमें कोई भेदभाव हुआ हो. पीएम आवास का घर मिला है, तो सबको बिना भेदभाव के मिला है. उज्ज्वला का गैस कनेक्शन मिला है, तो सबको मिला है. बिजली पहुंची है, तो सबके घर पहुंची है. नल से जल का कनेक्शन देने की बात आयी, तो बिना जाति, धर्म पूछे हर किसी को दी गयी. हम 100 प्रतिशत सैचुरेशन की बात करते हैं. इसका मतलब है कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे, हर परिवार तक पहुंचे. यही तो सच्चा सामाजिक न्याय है.
इसके अलावा मुद्रा लोन, जनधन खाते, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, स्टार्ट अप- ये सारे काम सबके लिए हो रहे हैं. हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के विजन पर काम करती है. दूसरी तरफ, जब कांग्रेस को मौका मिला, तो उसने समाज में विभाजन की नीति अपनायी. दशकों तक वोटबैंक की राजनीति करके सत्ता पाती रही, लेकिन अब जनता इनकी सच्चाई समझ चुकी है.
भाजपा को लेकर अल्पसंख्यकों में अविश्वास की बातें कांग्रेसी इकोसिस्टम का गढ़ा हुआ है. कभी कहा गया कि बीजेपी शहरों की पार्टी है. फिर कहा गया कि बीजेपी ऐसी जगहों में नहीं जीत सकती, जहां पर अल्पसंख्यक अधिक हैं. आज नागालैंड सहित नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में हमारी सरकार है, जहां क्रिश्चियन समुदाय बहुत बड़ा है. गोवा में बार-बार भाजपा को चुना जाता है. ऐसे में अविश्वास की बात कहीं टिकती नहीं.
प्रश्न- झारखंड और बिहार के कई इलाकों में घुसपैठ बढ़ी है, यहां तक कि डेमोग्रेफी भी बदल गयी है. इस पर कैसे अंकुश लगेगा?
उत्तर- झारखंड को एक नयी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जेएमएम सरकार की तुष्टीकरण की नीति से वहां घुसपैठ को जम कर बढ़ावा मिल रहा है. बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से वहां की आदिवासी संस्कृति को खतरा पैदा हो गया है, कई इलाकों की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है. बिहार के बॉर्डर इलाकों में भी यही समस्या है. झारखंड में आदिवासी समाज की महिलाओं और बेटियों को टारगेट करके लैंड जिहाद किया जा रहा है. आदिवासियों की जमीन पर कब्जे की एक खतरनाक साजिश चल रही है.
ऐसी खबरें मेरे संज्ञान में आयी हैं कि कई आदिवासी बहनें इन घुसपैठियों का शिकार बनी हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है. बच्चियों को जिंदा जलाया जा रहा है. उनकी जघन्य हत्या हो रही है. पीएफआइ सदस्यों ने संताल परगना में आदिवासी बच्चियों से शादी कर हजारों एकड़ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. आदिवासियों की जमीन की सुरक्षा के लिए, आदिवासी बेटी की रक्षा के लिए, आदिवासी संस्कृति को बनाये रखने के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है.
Following is the clipping of the interview:
Source: Prabhat Khabar