نئی دہلی،10اگست2018؍وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے آج نئی دہلی میں حیاتیاتی ایندھن کے عالمی دن کے موقع پر منعقدہ تقریب سے خطاب کیا۔ انہوں نے کسانوں، سائنسدانوں، صنعت کاروں، طلباء، سرکاری افسران اور قانون سازوں پر مشتمل ایک گونا گوں اجتماع سے خطاب کیا۔ وزیر اعظم نے کہا کہ حیاتیاتی ایندھن اکیسویں صدی میں ہندوستان کو نئی رفتار فراہم کرسکتا ہے۔ انہوں نے کہا کہ یہ فصلوں سے پیدا کیا جانے والا ایندھن ہے جو کہ گاؤں اور شہروں، دونوں میں ہی لوگوں کی زندگیوں کو بدل سکتا ہے۔
انہوں نے کہا کہ حیاتیاتی ایندھن سے ایتھانول کی پیداوار کرنے کے منصوبے کا آغاز اس وقت ہوا تھا جب جناب اٹل بہاری واجپئی ملک کے وزیر اعظم تھے۔ 2014ء کے بعد ایتھانول کی آمیزش کے پروگرام کے لئے ایک روڈ میپ تیار کیا گیا۔ انہوں نے کہا کہ اس کے ذریعہ کسانوں کو فائدہ پہنچانے کے علاوہ گزشتہ سال 4000کروڑ روپے کی مالیت کے غیر ملکی زر مبادلہ کی بچت کرنے میں مدد ملی ہے۔ اگلے چار برسوں کے دوران اس بچت کو تقریباً 12ہزار کروڑ روپے تک پہنچانے کا نشانہ ہے۔
وزیر اعظم نے کہا کہ مرکزی حکومت بایوماس کو بایو فیول میں منتقل کرنے کی کوشش کے تئیں بڑے پیمانے پر سرمایہ کاری کررہی ہے۔ 12جدید ترین ریفائنریاں قائم کرنے کا منصوبہ ہے۔ اس عمل کے دوران بڑے پیمانے پرروزگار کے موقع پیدا ہوں گے۔
وزیر اعظم نے کہا کہ جن دھن، وندھن اور گوبردھن جیسی اسکیمیں ملک کے غریبوں، قبائلی آبادیوں اور کسانوں کی زندگیوں کو بدلنے میں تعاون فراہم کررہی ہیں۔ انہوں نے کہا کہ حیاتیاتی ایندھن کی تبدیلی کی صلاحیتوں اور امکانات کو صرف طلباء ، اساتذہ، سائنسدانوں، صنعت کاروں اور عوام کی شراکت داری کے ذریعہ ہی بروئے کار لایا جاسکتا ہے۔ انہوں نے اجتماع میں موجود ہر ایک فرد سے زور دے کر کہا کہ وہ حیاتیاتی ایندھن کے فوائد کو دیہی علاقوں تک پہنچانے میں تعاون کریں۔
وزیر اعظم جناب نریندر مودی نے اس موقع پر ‘‘حیاتیاتی ایندھن سے متعلق قومی پالیسی 2018’’پر ایک کتابچہ کا بھی اجرا ءکیا۔۔ علاوہ ازیں انہوں نے ‘‘پرو ایکٹیو اینڈ ریسپانسیوفیسیلئیشن بائی انٹریکٹیو اینڈ ورچوس انوارنمنٹل سنگل ونڈو ہب’’ (پریویش) کو بھی لانچ کیا۔
बायोफ्यूल सिर्फ विज्ञान नहीं है बल्कि वो मंत्र है जो 21वीं सदी के भारत को नई ऊर्जा देने वाला है
बायोफ्यूल यानि फसलों से निकला ईंधन, कूड़े-कचरे से निकला ईंधन
ये गांव से लेकर शहर तक के जीवन को बदलने वाला है
आम के आम, गुठली के दाम की जो पुरानी कहावत है, उसका ये आधुनिक रूप है: PM
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गन्ने से इथेनॉल बनाने की योजना पर अटल जी की सरकार के दौरान काम शुरु हुआ था।
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लेकिन बीते एक दशक में इस पर उतनी गंभीरता से प्रयास नहीं हुए।
जब 2014 में केंद्र में NDA की सरकार बनी तो बाकायदा एक रोडमैप तैयार किया गया, Ethanol Blending Programme शुरु किया गया: PM
इथेनॉल ने ना सिर्फ किसानों को लाभ पहुंचाया है, बल्कि देश का पैसा भी बचाया है
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इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिक्स करने से पिछले वर्ष देश को लगभग 4 हज़ार करोड़ रुपए के बराबर की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है
लक्ष्य है कि अगले चार वर्ष में ये बचत करीब 12 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंचे: PM
बायोमास को बायोफ्यूल में बदलने के लिए सरकार बहुत बड़े स्तर पर निवेश कर रही है।
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देशभर 12 आधुनिक रिफाइनरी बनाने की योजना है।
रिफाइनरी के संचालन से लेकर सप्लाई चेन तक, लगभग डेढ़ लाख नौजवानों को रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध होंगे: PM
आज गोबरधन, वनधन और जनधन से गरीबों, किसानों, आदिवासियों के जीवन में व्यापक बदलाव के प्रयास चल रहे हैं।
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ना सिर्फ फसल बल्कि पशु के गोबर का, खेत अवशेष का, कूड़े-कचरे का उचित उपयोग हो इस दिशा में काम हो रहा है।
जंगल में उगे पौधे और फल होते हैं, उनसे होने वाली आमदनी अलग: PM
बायोफ्यूल से बदलाव की क्रांति घर-घर सिर्फ सरकार के प्रयासों से नहीं पहुंच पाएगी, बल्कि इसमें छात्रों की, शिक्षकों की, वैज्ञानिकों की, उद्यमियों की, जन-जन की भागीदारी अहम है।
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यहां मौजूद सब से आग्रह है कि गांव-गांव तक बायोफ्यूल के लाभ पहुंचाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें: PM