QuoteThese elections in Bihar will change the fortune of the state: PM Modi #ParivartanRally
QuoteBihar will lead the world in second green revolution: PM Modi #ParivartanRally
QuoteNDA’s vision - electricity, water & roads for people, medicine for elderly, education & jobs for youth: PM #ParivartanRally
QuoteThe 'Mahaswarthbandhan' is arrogant and deceitful: PM Narendra Modi #ParivartanRally
QuoteThe 'Mahaswarthbandhan' has four players, one is Lalu yadav, second is Nitish Kumar, third is Sonia Ganghi & fourth 'Tantrik': PM
QuoteThe more mud you spread, more the Lotus will bloom: PM Modi #ParivartanRally
QuoteLoktantrik Nitish Kumar & Tantrik Lalu Yadav must answer that who made migrants of the youth of Bihar: PM #ParivartanRally

मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान गिरिराज सिंह जी, सांसद श्रीमान लालन पासवान जी, श्रीमान विश्वनाथ भगत जी, श्रीमान सत्यानन्द शर्मा जी, श्रीमान राजीव रंजन जी, हम पार्टी के श्रीमान विश्वजीत पासवान जी, श्री रविशंकर प्रसाद जी, श्री पी सी विद्यार्थी जी, श्रीमान राजू पासवान जी, श्रीमान छोटेलाल राजवंशी जी, श्री प्रेम रंजन पटेल जी, श्री भूपेन्द्र सहनी जी और इस चुनाव में आपके आशीर्वाद से जो इस विजय यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं, लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान अरूण कुमार, लोजपा के उम्मीदवार श्रीमति दीपिका कुमारी, मोकामा से लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान कन्हैया कुमार सिंह, नालंदा से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान कौशलेन्द्र कुमार, इस्लामपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान वीरेन्द्र गोप, बख्तियारपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान रणविजय सिंह, राजगीर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान सत्यदेव नारायण आर्य, बिहारशरीफ से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान सुनील कुमार, अफसावा से लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान छोटेलाल यादव, मेरे साथ बोलिये – भारत माता की जय

मुझे समझ नहीं आ रहा है कि एक सभा है कि चार सभाएं हैं। इस ताप में आज नालंदा ने कमाल कर दिया। चुनाव का नतीज़ा तो 8 तारीख को आएगा और उसके बाद उनका क्या होगा, ये सब जानते हैं लेकिन आज इस सभा की ख़बर सुनने के बाद लोकतांत्रिक नीतीश जी का क्या होगा। भाईयों-बहनों, ये बिहार की जनता की सूझ-बूझ है, ये मतदाताओं का राजनीतिक बड़प्पन है कि ये बड़ी आसानी से दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते हैं। एक प्रकार से बिहार के नागरिकों की सोच राजहंस जैसी सोच है जो सच्चे मोती को परखने में पावरफुल है। मैं अभी जो माहौल देख रहा हूँ, ये सिर्फ़ चुनाव के विजय का, लोकतांत्रिक नीतीश जी या लालू जी के पराजय का माहौल नहीं है, ये सोनिया जी को दर्पण दिखाने का माहौल नहीं है, बल्कि ये माहौल उन लोगों को सजा देने का है जिन्होंने 60 साल तक बिहार को बर्बाद किया।

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बिहार की जनता यह चुनाव किसी को पराजित करने के लिए नहीं बल्कि बिहार का भाग्य बदलने के लिए लड़ रही है और उन्होंने बिहार का भाग्य बदलने का फैसला कर लिया है। ये ऐसा इलाक़ा है जहाँ चाहे कोई भी हो, उसे नालंदा का पता होता है कि इसका कितना गौरवशाली इतिहास रहा है। हिन्दुस्तान का कोई बच्चा ऐसा नहीं होगा जिसने नालंदा के बारे में कभी सुना नहीं हो। आप कल्पना कर सकते हैं कि कितनी महान विरासत के आप धनी हैं जिस बिहार के पास नालंदा जैसी विरासत हो और जिस विरासत के कारण पूरा हिन्दुस्तान सदियों से सीना चौड़ा करके जी रहा हो, आजादी के बाद उस नालंदा की चिंता होनी चाहिए थी लेकिन सत्ता में डूबे लोगों को नालंदा की याद नहीं आई।

पूरा विश्व नालंदा की धरती पर ज्ञान की प्यास बुझाने आता था। दूर-सुदूर से लोग सालों तक यात्रा करके नालंदा आते थे और आखिरी तक ज्ञान पिपासा के लिए वो यही तक डूबे रहते थे लेकिन क्या हो गया जो नालंदा की यह धरती दुनिया को ज्ञान देती थी, बिहार के नौजवान को पढ़ने के लिए कहीं और जाना पड़ता है। शिक्षा के लिए उसे अपना नालंदा छोड़ना पड़ता है अपना गाँव, खेत-खलिहान, दोस्तों और अपने बूढ़े मां-बाप को छोड़ना पड़ता है। लोकतांत्रिक नीतीश जी को लगता है कि अब बिहार को सिर्फ़ तांत्रिक बचा सकता है। बिहार को तांत्रिकों की जरुरत नहीं है, इसे लोकतंत्र की ताकत ही बचा सकती है। बिहार के नौजवान में वो ताकत है और इसलिए बिहार को बचाने के लिए किसी जंतर-मंतर की जरुरत नहीं है।

आप बताएं कि बिहार के चुनाव का मुद्दा क्या होना चाहिए? लेकिन उनके भाषण में देखिए, कहते हैं, हम सफ़ेद कबूतर को काटेंगे, काले कबूतर को काटेंगे, क्या ये चुनाव का मुद्दा है? लोग पूछते हैं कि मोदी जी, नवराति के कारण पिछले 10 दिन आप बिहार गये नहीं, फिर भी नीतीश जी, लालू जी, दिन-रात आप पर कीचड़ क्यों उछाल रहे हैं, आप ही के पीछे क्यों पड़ गए हैं? इसका कारण है कि पिछले 20 साल से ये अगड़े-पिछड़े की राजनीति करते रहे, वे पिछड़ों के मसीहा बन गए, जातिवाद का जहर घोलते रहे और ये सपने देख रहे थे कि हम जो ये जहर लेकर निकले हैं, कभी न कभी हम प्रधानमंत्री बन जाएंगे। अब उनको परेशानी ये है कि 30 साल तक वे ये सब करते रहे और अचानक अति पिछड़ा और एक चाय वाले का बेटा प्रधानमंत्री कैसे बन गया। ये जहर इस बात का है कि एक गरीब परिवार का बेटा प्रधानमंत्री कैसे बन गया और इसलिए ये सभी मुझे अपमानित करते रहते हैं लेकिन मेरा कहना है कि आप जुल्म करके देखो, जनता हमारे साथ है और हम सेवा करके देखेंगे।

आजकल आरक्षण के नाम पर झूठ चलाया जा रहा है। मैं गुजरात में 14 साल मुख्यमंत्री रहा, मध्यप्रदेश में हम 15 साल से राज कर रहे हैं, हम झारखंड, छतीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा में राज कर रहे हैं, किसी भी आरक्षण को कोई खरोच तक नहीं आई। हमने समाज को हमेशा साथ लेकर चलने का प्रयास किया है दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित, जिन्हें बाबा अम्बेडकर ने हक़ दिया है, उन्हें हम साथ लेकर चलते रहे हैं। हमने गरीबी और पिछड़ापन देखा है, इस परिस्थिति में कैसे गुजारा करना पड़ता है, इस दर्द को मैं जी चुका हूँ और इसलिए उसकी रक्षा के लिए बाबा अम्बेडकर ने जो दिया है, उसको कोई हाथ नहीं लगा सकता है।

अटल जी की सरकार इतने समय रही, कभी ऐसा हमने हाथ नहीं लगाया लेकिन वे झूठा प्रचार कर रहे हैं क्योंकि उनके पास विकास का मुद्दा नहीं है। इस चुनाव में उनको इस प्रकार की चीज़ें बनानी पड़ती है। ये पहला चुनाव ऐसा है जिसमें ये बड़े भाई-छोटे भाई ने 80 प्रतिशत चुनाव आउटसोर्स कर दिया है और ये आउटसोर्स हुआ है दिल्ली में। दिल्ली के एयर-कंडिशन्ड रूम में रोज नई-नई कथाएं गढ़ने वाले, भ्रम फ़ैलाने वाले और झूठ को प्रचलित करने वाला एक कॉन्ट्रैक्ट दिया है। सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही चुनाव उनका बिहार में बचा है, 80 प्रतिशत वे आउटसोर्स कर चुके हैं। लोगों को भ्रमित करने का प्रयास करके ही ये खुद को भ्रमित कर रहे हैं। मैं बिहार का पानी पीता-पीता घूम रहा हूँ, मैं देख रहा हूँ कि ये जन सैलाब भाजपा और एनडीए की विजय का बिगुल बजा रहा है।

आप बताएं कि आज पूरे विश्व में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं? अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, चीन, चारों तरफ हिन्दुस्तान की जय-जयकार हो रही है कि नहीं? ये मोदी के कारण नहीं हो रहा है बल्कि ये सवा सौ करोड़ देशवासियों के कारण हो रहा है। आज अगर दिल्ली में आपने हमें पूर्ण बहुमत नहीं दिया होता तो दुनिया में हिन्दुस्तान का डंका नहीं बज सकता था। ये डंका इसलिए बजता है क्योंकि देशवासियों ने 30 साल के बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई है। दुनिया में कितना ही महान और ताक़तवर देश क्यों न हो, लेकिन उसका नेता जब मोदी से हाथ मिलाता है तो उसे मोदी नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी दिखाई देते हैं।

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अगर आप बिहार का डंका बजाना चाहते हो तो दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनाईए। आप देखिये कि दुनिया को बिहार का लोहा मानना पड़ेगा, ये मेरा आपको विश्वास है। इस चुनाव में एक तरफ हम विकास की राजनीति लेकर आए हैं और दूसरी तरफ जंगलराज की राजनीति की बगावत हो रही है। आपको चुनना है कि आपको कौन सी राजनीति चाहिए। बड़े भाई-छोटे भाई ने 25 साल सरकार चलाई, उनको अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? इनके पास एक ही काम है – बस मोदी को गाली देना, क्या लोकतंत्र ऐसे चलता है?

जहाँ तक रही बात महास्वार्थबंधन की तो मैं सोच रहा था कि इसमें तीन लोग हैं, एक लालू जी, दूसरे लोकतांत्रिक नीतीश कुमार, तीसरे सोनिया जी लेकिन अब पता चला कि ये तीन लोगों का गठबंधन नहीं है, ये चार लोगों का गठबंधन है, एक है आरजेडी, दूसरा है जेडीयू, तीसरी है कांग्रेस, और चौथा है तांत्रिक। 18वीं सदी की सोच लेकर के 21वीं सदी का बिहार बनाया जा सकता है क्या? क्या जंतर-मंतर से बिहार बनेगा क्या? बिहार को इस 18वीं सदी की सोच से मुक्ति दिलानी है, आधुनिक दिशा में जाना है। हमें जंतर-मंतर नहीं बल्कि कंप्यूटर चाहिए; हमारे नौजवानों के हाथ में लैपटॉप होना चाहिए न कि ताबीज। इसलिए मैं कहने आया हूँ कि हम बिहार को अगड़ा बनाना चाहते हैं। ये पिछड़ा बिहार का कलंक हमें मिटाना है और मैं अगड़े बिहार की लड़ाई के लिए आपके साथ खड़ा हूँ।

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपये का विकास पैकेज दिया। लालू जी के युवराज को कहा जाए कि 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपये लिखो, तो उसमें कितने जीरो होते हैं, उन्हें ये भी नहीं पता। जिनको 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपया लिखना नहीं आता, वे इतने पैसों से विकास कार्य कर पाएंगे क्या? हमने कुल मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ रूपये का विकास पैकेज दिया, इससे बिहार का भाग्य बदलेगा कि नहीं?

हमारे लोकतांत्रिक नीतीश कुमार कहते हैं कि ये गठबंधन बहुत पवित्र है। नीतीश कुमार ने लालू जी को एक चिट्ठी लिखी थी। नीतीश कुमार ने लालू जी पर भ्रष्टाचार जातिवाद, संप्रदायवाद, कुशासन के कितने गंभीर आरोप लगाए थे। इन दोनों को पहचानने के लिए इससे ज्यादा किसी और सबूत की जरुरत है क्या? महास्वार्थबंधन की तीन पहचान है – दंभ, दगा और दमन यही इनकी पहचान है। बिहार में दमन की राजनीति का दौर ख़त्म। आज बिहार के नौजवानों और नागरिकों से मैं अनुरोध करने आया हूँ कि आप विकास के लिए मतदान कीजिये।

बिहार के लिए विकास का मेरा छह-सूत्रीय कार्यक्रम है – बिहार राज्य की भलाई के लिए तीन सूत्र है, बिजली, पानी एवं सड़क; बिहार के परिवारों के लिए तीन सूत्र है, पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई। मेरे भाईयों-बहनों, विकास के इस छह-सूत्रीय कार्यक्रम को लेकर मैं आपके पास आया हूँ। लोकतांत्रिक नीतीश कुमार कहते हैं कि मोदी बाहरी हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि बिहार के नौजवानों को बिहार से बाहर किसने धकेल दिया, उन्हें किसने मजबूर किया? आपने मेरे बिहार के नौजवान को बाहरी बना दिया है। हम बिहार के नौजवानों को बाहरी बनाना नहीं चाहते, वो बिहार के भाग्य निर्माता बनें, हम इस दिशा में काम करना चाहते हैं। यहाँ उद्योग-धंधे हो, रोजगार के अवसर हों और इसलिए मेरे नौजवानों, पूरी ताकत से मतदान कीजिये, 25 साल से बैठे कुशासकों को भयंकर से भयंकर सजा दीजिए।

हिमालय में जब बर्फबारी होती है तो बिहार में तुरंत ठंड आती है। जो हिमालय में होता है, उसका असर बिहार पर तुरंत होता है। अभी कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख में चुनाव में बाकि सभी राजनीतिक पार्टियां साफ़ हो गई अकेली भाजपा रह गई। जिस कांग्रेस के पास 22 सीटें थी, वो 5 पर आ गई। ये विजय की हवा बह रही है जो बिहार में भी पहुँच गई है। लद्दाख दिवाली माना रहा है और इस बार 8 तारीख को बिहार दो-दो दिवाली मनाएगा। लालू जी और नीतीश जी समझ लें कि आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिये -   

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!       

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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The Food Security Saturation Campaign launched in Surat will be an inspiration for other districts of the country as well: PM Modi
March 07, 2025
QuoteThe Surat Food Security Saturation Campaign Programme is a remarkable step in India's mission for food and nutrition security: PM
QuoteThe Food Security Saturation Campaign launched in Surat will be an inspiration for other districts of the country as well: PM
QuoteOur government always stands with the poor as their partner: PM
QuoteNutritious food has a big role in the journey of Viksit Bharat: PM

मंच पर विराजमान गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी श्री सी. आर. पाटिल जी, राज्य सरकार के मंत्रीगण, यहां उपस्थित सारे जनप्रतिनिधिगण और सूरत के मेरे भाइयों एवं बहनों!

आप सब कैसे हैं? आनंद में हैं?

मेरा सौभाग्य है कि आज देश की जनता ने, और गुजरात ने मुझे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर सेवा करने का अवसर प्रदान किया। और इसके बाद मेरी सूरत की यह प्रथम मुलाकात है। गुजरात ने जिसका निर्माण किया, उसको देश ने प्यार से अपनाया। मैं हमेशा-हमेशा के लिए आपका ऋणी रहूंगा, आपने मेरे जीवन के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है। आज जब सूरत आया हूं, तो सूरत की स्पिरिट याद ना आए, देखने को ना मिले, ऐसा भला कैसे संभव है। काम और दान, ये दो ऐसी चीज़ें हैं, जो सूरत को और विशेष बनाती है। एक दूसरे को सपोर्ट करना, सबके विकास को सेलिब्रेट करना, ये हमें सूरत के हर कोने में दिखता है। आज का ये कार्यक्रम, सूरत की इसी स्पिरिट को, इसी भावना को आगे बढ़ाने वाला है।

साथियों,

सूरत अनेक मामलों में गुजरात का, देश का, एक लीडिंग शहर है। अब सूरत आज गरीब को, वंचित को, भोजन और पोषण की सुरक्षा देने के मिशन में भी आगे निकल रहा है। यहां सूरत में जो खाद्य सुरक्षा सैचुरेशन अभियान चलाया गया है, ये देश के दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। ये सैचुरेशन अभियान सुनिश्चित करता है- जब 100 प्रतिशत सबको मिलता है, तो पक्का हो जाता है। ये सुनिश्चित करता है- ना कोई भेदभाव, ना कोई छूटे, ना कोई रूठे और ना कोई किसी को ठगे। ये तुष्टिकरण की भावना को छोड़कर के, उन कुरीति को छोड़कर के संतुष्टिकरण की पवित्र भावना को आगे बढ़ाता है। जब सरकार ही लाभार्थी के दरवाजे जा रही है, तो फिर कोई छूटेगा कैसे, और जब कोई छूटेगा नहीं, तो कोई रूठेगा भी नहीं, और जब सोच ये हो कि हमें सब तक लाभ पहुंचाना है, तो ठगने वाले भी दूर भाग जाते हैं।

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साथियों,

इसी सैचुरेशन अप्रोच के चलते यहां प्रशासन ने सवा दो लाख से अधिक नए लाभार्थियों की पहचान की है। इनमें बहुत बड़ी संख्या में, हमारे बुजुर्ग माताएं-बहनें, हमारे बुजुर्ग भाई-बहन, हमारी विधवा माताएं-बहनें, हमारे दिव्यांगजन, इन सबको इसमें जोड़ा गया है। अब ऐसे सभी हमारे नए परिवारजनों को भी मुफ्त राशन मिलेगा, पोषक खाना मिलेगा। मैं सभी लाभार्थियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हम सभी ने एक कहावत सुनी है, बार-बार कानों पर पड़ता था- रोटी-कपड़ा और मकान, यानि रोटी का महत्व, कपड़े और मकान, दोनों से ऊपर है। और जब किसी गरीब को रोटी की चिंता होती है, तो उसका दर्द क्या होता है, वो मुझे किताबों में नहीं पढ़ना पड़ता, मैं इसे अनुभव कर सकता हूं। इसलिए बीते वर्षों में हमारी सरकार ने जरूरतमंद की रोटी की चिंता की है, भोजन की चिंता की है। गरीब के घर में चूल्हा नहीं जलता, बच्चे आंसू पीकर सो जाते हैं- यह अब भारत को स्वीकार नहीं है, और इसलिए रोटी और मकान की व्यवस्था करना हमारी प्राथमिकता है।

साथियों,

आज मुझे संतोष है, हमारी सरकार गरीब की साथी बनकर, सेवक के भाव से उसके साथ खड़ी है। कोविड काल में, जब देशवासियों को सपोर्ट की सबसे ज्यादा ज़रूरत थी, तब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, ये मानवता को महत्व देने वाली, गरीब के घर में चूल्हा जलता रहे, इसलिए गरीब कल्याण योजना शुरु की। ये दुनिया की सबसे बड़ी और अपने आप में एक अनूठी योजना है, जो आज भी चल रही है। मुझे खुशी है कि गुजरात सरकार ने इसको विस्तार भी दिया है। गुजरात ने आय सीमा बढ़ाई, ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थी इसका लाभ ले सकें। आज हर साल केंद्र सरकार करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपए, गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे, इसलिए खर्च कर रही है।

साथियों,

विकसित भारत की यात्रा में पौष्टिक भोजन की बड़ी भूमिका है। हमारा लक्ष्य देश के हर परिवार को पर्याप्त पोषण देने का है। ताकि कुपोषण और अनीमिया जैसी बड़ी समस्याओं से देश मुक्त हो सके। पीएम पोषण स्कीम के तहत करीब 12 करोड़ स्कूली बच्चों को पोषक आहार दिया जा रहा है। सक्षम आंगनबाड़ी कार्यक्रम के तहत, छोटे बच्चों, माताओं, गर्भवती महिलाओं के पोषण की चिंता की जा रही है। पीएम मातृ वंदना योजना के तहत भी, गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार के लिए हज़ारों रुपए दिए जा रहे हैं।

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साथियों,

पोषण सिर्फ अच्छे खान-पान तक सीमित नहीं है, स्वच्छता भी इसका बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए साफ-सफाई पर हमारी सरकार बहुत ही बल दे रही है। और सूरत की बात करें तो स्वच्छता के मामले में जब भी देशभर में प्रतियोगिता होती है, सूरत हमेशा पहले-दूसरे स्थान पर होता ही है। इसलिए सूरत के लोग अभिनंदन के अधिकारी तो हैं ही।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि देश का हर शहर, हर गांव गंदगी से मुक्ति के लिए लगातार काम करता रहे। आज दुनिया की अनेक बड़ी संस्थाएं कह रही हैं कि स्वच्छ भारत अभियान से गांवों में बीमारियां कम हुई हैं। अभी हमारे सी आर पाटिल जी के पास पूरे देश के जल मंत्रालय की जिम्मेदारी है। उनकी देखरेख में हर घर जल अभियान चल रहा है। इससे जो साफ पानी घर-घर पहुंच रहा है, इससे भी बहुत सारी बीमारियों में कमी आई है।

साथियों,

आज हमारी मुफ्त राशन की योजना ने करोड़ों लोगों का जीवन आसान किया है। आज असली हकदार को उसके हक का पूरा राशन मिल पा रहा है। लेकिन 10 साल पहले तक ये संभव नहीं था। आप कल्पना कर सकते हैं, हमारे देश में 5 करोड़ से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड धारक थे। अपने यहां गुजराती में इसे भूतिया कार्ड कहते हैं, देश में 5 करोड़ ऐसे नाम थे, जो कभी पैदा ही नहीं हुए थे, जिसका जन्म ही नहीं हुआ, उनके राशन कार्ड बन जाए। और उसका राशन खाने वाले चोर-लुटेरों की जमात भी रेडी हो, जो गरीब के राशन के नाम पर गरीबों के हक का खा जाते थे, आप सबने सिखाया है, इसलिए मैंने क्या किया, सफाया कर दिया। हमने इन 5 करोड़ फर्जी नामों को सिस्टम से हटाया, हमने राशन से जुड़ी पूरी व्यवस्था को आधार कार्ड से लिंक किया। आज आप राशन की सरकारी दुकान में जाते हैं और अपने हिस्से का राशन ले पाते हैं। हमने राशन कार्ड से जुड़ी एक और बड़ी समस्या को हल किया है।

सूरत में, बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से आए हमारे श्रमिक साथी काम करते हैं, यहां भी मैं कई चेहरे देख रहा था, कोई उड़िया है, कोई तेलुगू है, कोई महाराष्ट्र से है, कोई बिहार से है, कोई उत्तर प्रदेश से है। एक जमाना था, पहले एक जगह का राशन कार्ड दूसरी जगह नहीं चलता था। हमने इस समस्या का समाधान किया। हमने वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया। अब राशन कार्ड चाहे कहीं का भी हो, लाभार्थी को उसका फायदा देश के हर शहर में मिलता है। यहां सूरत के भी अनेकों श्रमिकों को इसका लाभ हो रहा है। ये दिखाता है कि जब सच्ची नीयत के साथ नीति बनती है, तो उसका फायदा गरीब को जरूर मिलता है।

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साथियों,

बीते दशक में पूरे देश में हमने गरीब को सशक्त करने के लिए मिशन मोड पर काम किया है। गरीब के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा कवच बनाया गया, ताकि उसे किसी के सामने भी हाथ फैलाने की नौबत ना आए। पक्का घर हो, टॉयलेट हो, गैस कनेक्शन हो, नल कनेक्शन हो, इससे गरीबों को नया आत्मविश्वास मिला। इसके बाद हमने बीमा का एक सुरक्षा कवच गरीब परिवार को दिया। पहली बार, करीब 60 करोड़ भारतीयों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ। लाइफ इंश्योरेंस और एक्सीडेंट इंश्योरेंस के बारे में तो गरीब परिवार पहले सोच ही नहीं पाता था। हमारी सरकार ने गरीब को, निम्न मध्यम वर्ग को, बीमा का सुरक्षा कवच भी दिया। आज देश के 36 करोड़ से ज्यादा लोग सरकारी बीमा योजनाओं से जुड़े हैं। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि अभी तक 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा क्लेम राशि के रूप में इन गरीब परिवारों को मिल चुकी है। यानि ये पैसा, मुश्किल समय में परिवारों के काम आया है।

साथियों,

जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी ने पूजा है। आप वो दिन याद करिए, गरीब को अपना कोई काम शुरु करना होता था, तो उसको बैंक के दरवाजे तक भी घुसने नहीं दिया जाता था, पैसे देने का तो सवाल ही नहीं था। और बैंक वाले गरीब से गारंटी मांगते थे। अब गरीब गारंटी कहां से लाएगा, और गरीब को गारंटी कौन देगा, तो गरीब मां के बेटे ने तय कर लिया कि हर गरीब की गारंटी मोदी देगा। मोदी ने ऐसे गरीब की गारंटी खुद ली और मुद्रा योजना शुरू की। आज मुद्रा योजना से करीब-करीब 32 लाख करोड़ रुपए, ये आंकड़ा, जो हमारे हमें रोज गालियां देते रहते हैं ना, उनको जब 32 लाख लिखना है तो कितनी जीरो होते हैं, ये भी समझ नहीं है। ये जीरो सीट वालों को ये समझ नहीं आएगा। 32 लाख करोड़ रुपया बिना गारंटी के दिए गए हैं, मोदी ने ये गारंटी ली है।

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साथियों,

रेहड़ी-ठेले-फुटपाथ पर काम करने वाले हमारे साथियों को सहायता देने वाला भी पहले कोई नहीं था। वो बेचारा सुबह अगर सब्जी का ठेला चलाता है, तो किसी साहूकार से हजार रुपया लेने जाता था, वो हजार लिखता था, 900 देता था। वो दिन भर मजदूरी कर करके, कमा करके शाम को जब पैसे देने जाता था, फिर वो हजार मांगता था। अब बताइए, वह गरीब बेचारा क्या कमाएगा, बच्चों को क्या खिलाएगा। हमारी सरकार ने स्वनिधि योजना से उनको भी बैंकों से मदद दिलवाई, सड़क पर बैठने वाले, ठेलों पर सामान बेचने वाले सभी लोगों के लिए इस वर्ष के बजट में तो ऐसे साथियों के लिए हमने एक विशेष क्रेडिट कार्ड देने का भी ऐलान किया है। हमारे विश्वकर्मा साथी, जो हर राज्य में, हर गांव-शहर में रोजमर्रा के किसी ना किसी काम से जुड़े हैं, उनके लिए भी पहली बार सोचा गया। देशभर में हज़ारों-हज़ार ऐसे साथी आज पीएम विश्वकर्मा स्कीम के तहत ट्रेनिंग ले रहे हैं, उनको आधुनिक टूल दिए जा रहे हैं, उनको नई-नई डिजाइन सिखाई जाती है। और इस काम को आगे बढाने के लिए उनको धन भी दिया जाता है, पैसे भी दिए जाते हैं। अपने परंपरागत काम को वो आगे बढ़ा रहे हैं। और यही तो सबका साथ-सबका विकास है। ऐसे ही प्रयासों के कारण, बीते दशक में 25 करोड़ भारतीय गरीबी हटाओ के नारे, 50 साल तक देश सुन-सुन करके थक गया था, देशवासियों के कान पक गए थे। हर बार चुनाव आते ही गरीबी हटाओ, गरीबी हटाओ के नारे लगते थे, लेकिन गरीबी हटती नहीं थी। आपने मुझे इस तरह गढ़ा कि मैंने वहां जाकर ऐसा काम किया कि आज 25 करोड़ से ज्यादा लोग, मेरे भारत के गरीब परिवार, 25 करोड़ से ज्यादा गरीब, गरीबी से बाहर निकले हैं।

साथियों,

यहां सूरत में बड़ी संख्या में हमारे मध्यम वर्ग के परिवार रहते हैं। मिडिल क्लास का देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए, बीते दशक में मिडिल क्लास को सशक्त करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। इस वर्ष के बजट में इसी भावना को आगे बढ़ाया गया है। इनकम टैक्स में जो राहत दी गई है, उससे दुकानदारों को, कारोबारियों को, कर्मचारियों को बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है। अब 12 लाख रुपए तक की आय पर ज़ीरो टैक्स हो चुका है। किसी ने सोचा तक नहीं था, ये हमने करके दिखाया है। और इतना ही नहीं, जो नौकरीपेशा लोग हैं, उनको तो पौने तेरह लाख तक अब कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। जो टैक्स स्लैब हैं, उनको भी नए सिरे से बनाया गया है। इसका फायदा, हर टैक्सपेयर को होगा। यानि अब देश के, गुजरात के, सूरत के मिडिल क्लास परिवारों के पास ज्यादा पैसा बचेगा। ये पैसा, वो अपनी ज़रूरतों पर खर्च करेगा, इसे वो अपने बच्चों के बेहतर फ्यूचर पर लगाएगा।

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साथियों,

सूरत, उद्यम करने वालों का शहर है, यहां बहुत बड़ी संख्या में छोटे-बड़े उदयोग हैं, MSMEs हैं। सूरत लाखों लोगों को रोजगार देता है। हमारी सरकार, आज लोकल सप्लाई चेन को मज़बूत बनाने में जुटी हैं। इसलिए, MSMEs को बहुत अधिक मदद दी जा रही है। सबसे पहले हमने MSMEs की परिभाषा बदली। इससे MSMEs के लिए अपना विस्तार करने का रास्ता खुला। इस वर्ष के बजट में इस परिभाषा में और सुधार किया गया है। बीते वर्षों में हमने MSMEs के लिए लोन लेने की प्रक्रिया को आसान किया है। MSMEs के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले विशेष क्रेडिट कार्ड देने की घोषणा इस बजट में की गई है। इससे MSMEs को बहुत मदद मिलेगी। हमारा प्रयास है कि हमारी SC/ST वर्गों के हमारे युवा ज्यादा से ज्यादा संख्या में उद्यमी बनें, MSMEs सेक्टर में आएं। इसमें मुद्रा स्कीम ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस वर्ष के बजट में पहली बार उद्यम करने वाले ऐसे वर्गों के साथियों को 2 करोड़ रुपए का लोन देने की घोषणा की गई है, दलित आदिवासी और महिलाएं, 2 करोड़ रूपया। इसका बहुत अधिक फायदा सूरत के, गुजरात के हमारे नौजवान उठा सकते हैं, और मैं आपसे आग्रह करता हूं, आइए मैदान में, मैं आपके साथ खड़ा हूं।

साथियों,

भारत को विकसित बनाने वाले अनेक सेक्टर्स में सूरत की बहुत बड़ी भूमिका है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि यहां के टेक्सटाइल्स, केमिकल और इंजीनियरिंग से जुड़े उद्योगों का विस्तार हो। हम सूरत को ऐसा शहर बनाना चाहते हैं, जहां global business footprint हों, एक ऐसा शहर, जहां शानदार कनेक्टिविटी हो, इसलिए हमने सूरत एयरपोर्ट की नए integrated टर्मिनल बिल्डिंग को बनवाया। सूरत के लिए western dedicated freight corridor, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और आने वाले समय में बुलेट ट्रेन, ये बहुत अहम प्रोजेक्ट है। सूरत मेट्रो से भी शहर की कनेक्टिविटी और शानदार होने जा रही है। सूरत देश के सबसे वेल कनेक्टेड सिटी बनने की राह पर तेज गति से चल रहा है। इन सब प्रयासों से सूरती लोगों का जीवन आसान हो रहा है, उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ भी बढ़ रही है।

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साथियों,

आपको पता होगा, कुछ दिन पहले मैंने देश की नारीशक्ति से अपनी सफलताओं को, अपनी उपलब्धियों को, अपने जीवन की प्रेरणादायी यात्रा को नमो ऐप पर शेयर करने का आग्रह किया था। आपको जानकर अच्छा लगेगा कि अनेक बहनों-बेटियों ने नमो ऐप पर अपनी गाथाएं शेयर की हैं। कल ही महिला दिवस है। और कल महिला दिवस के मौके पर मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को, ऐसी ही कुछ प्रेरणादायी बहनों-बेटियों को सौंपने जा रहा हूं। इन महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में देश के विकास में, समाज के विकास में बड़ी भूमिका निभाई है। ये देश की दूसरी माताओं-बहनों-बेटियों को भी प्रेरणा देगा। महिला दिवस का ये अवसर, नारीशक्ति की उपलब्धियों को सेलीब्रेट करने का अवसर है। हम अपने देश में, हर क्षेत्र में देखते हैं कि कैसे नारीशक्ति हर सेक्टर में अपना योगदान दे रही हैं। और हमारा गुजरात तो इसका कितना बड़ा उदाहरण है। और कल ही नवसारी में, मैं नारीशक्ति को समर्पित एक बड़े कार्यक्रम में हिस्सा भी लेने जा रहा हूं। सूरत में आज हो रहे इस कार्यक्रम का भी बड़ा लाभ महिलाओं को ही मिलेगा, और मैंने देखा बहुत बड़ी मात्रा में आज माताएं-बहनें आशीर्वाद देने के लिए आई हैं।

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साथियों,

सूरत ऐसे ही, मिनी भारत के रूप में, विश्व के एक शानदार शहर के रूप में विकसित होता रहे, इसके लिए हम हर प्रयास करते रहेंगे। और जहां के लोग जानदार होते हैं ना, उनके लिए सब कुछ शानदार होना चाहिए। एक बार फिर सभी लाभार्थियों को बहुत-बहुत बधाई। और मेरे सूरत के भाई-बहनों बहुत-बहुत आभार, फिर मिलेंगे, राम-राम।

धन्यवाद।