21st century is the century of knowledge, says Prime Minister Modi
India has the potential to become the manufacturing hub for the world: PM Narendra Modi
In history, whenever knowledge has been the driving force of the world, India has provided leadership: PM Modi
Today India is demographically the youngest country in the world, with young dreams full of energy: PM Narendra Modi
The current generation of youngsters don't want to be job seekers. The youth wants to be job creators: PM Modi
Global agencies say India is the fastest growing economy in the world: PM

मंच पर विराजमान सभी वरिष्‍ठ महानुभाव, नौजवान साथियों, और इस समय online नॉर्थ ईस्‍ट के कई विद्यार्थी भी इस समारोह में शरीक हैं। मैं उन सबका भी स्‍वागत करता हूं।

सब से पहले मैं आपसे क्षमा चाहता हूँ क्योंकि मुझे आने में बहुत विलंब हुआ, क्‍योंकि आज सुबह सिक्किम से मुझे चलना था। लेकिन weather साथ नहीं दे रहा था। बार बार समय बदलना पड़ रहा था। लेकिन आखिकार पहुंच ही गया। कभी-कभी देर होती है, लेकिन पहुंचता हूं। आज यहां दो महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम हैं। एक तो IIIT का, नये भवन का शिलान्‍यास और दूसरा ICT Academy की शुरूआत। हम सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिन्‍दुस्‍तान की सदी है, लेकिन 21वीं सदी हिन्‍दुस्‍तान की सदी है इसका कारण क्‍या है। तो पूरा विश्‍व ये मानता है कि 21वीं सदी ये ज्ञान की सदी है। information की सदी है और इसलिए information , knowledge के क्षेत्र में जो अगुवाई करेगा वो दुनिया की अगुवाई करेगा। वो लीडरशिप करेगा और दूसरा महत्‍वपूर्ण कारण है आज भारत विश्‍व का सबसे युवा देश है। 65 प्रतिशत जनसख्‍ंया इस देश में 35 साल से कम उम्र की है, कई तो 35 से भी नीचे है। जिस देश मे सदियों से यह परंपरा रही है कि जब-जब मानव जाति नाजुक दौर से गुजरी है हमेशा हमेशा भारत ने नेतृत्‍व किया है और 21वीं सदी में demographic dividend ये हमारी ताकत है इतनी बड़ी संख्‍या में जिस देश के पास नौजवान हों उसके सपने भी नौजवान होते हैं और जवान सपनों में समर्पण का भाव भी होता है, ऊर्जा भी होती है। भारत इस परिस्थिति का फायदा कैसे उठाए, इस अवसर को भारत किस प्रकार से दुनिया के विश्‍व के पटल पर एक शक्ति के रूप में उभर सकें। ये अवसर भी है, चुनौती भी है और जिंदगी बिना चुनौतियों के कभी सफल नहीं होती है। जो चुनौतियों को पार करता है वो ही अवसर को पाता है और वही अवसर को सिद्धि में परिवर्तित कर सकता है। आज पूरे विश्‍व में जितने भी मानको पर चर्चा होती है चाहे वर्ल्‍ड बैंक का रिपोर्ट देख लीजिए। IMF का रिपोर्ट देख लीजिए। credit rating agency, global level की कुछ कहें, एक बात साफ साफ उभर करके आती है और सर्व दूर से एक ही प्रकार से आती है और वो ये कि आज बड़े देशों की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली कोई economy है। वो economy का नाम है हिन्‍दुस्‍तान।

आए दिन खबरें आती है कि दुनिया में ये हो रहा है। वो हो रहा है। पूरे विश्‍व में आर्थिक मंदी का माहौल है। विश्‍व आर्थिक संकट में घिरा हुआ है। ऐसे संकट के काल में एक अकेला हिन्‍दुस्‍तान अपने पैरों पर स्थिर खड़ा है और तेज गति से आगे भी बढ़ रहा है और ये भी विश्‍व मानता है कि आने वाले दिनों में भारत इससे भी अधिक गति से आगे बढ़ने वाला है। ये जो अवसर आया है। इस अवसर का फायदा अगर उठाना है। तो हमें हमारी युवा शक्ति पर ध्‍यान केन्द्रित करना होगा और इसलिए सरकार ने जिन बातों पर ध्‍यान दिया है वे बिखरी हुई चीजें नहीं हैं। सरकार में हैं कुछ करना पड़ता है चलो कुछ करते रहें ऐसा भी नहीं हैं। एक के बाद एक कदम एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं, interlinked हैं। एक के बाद एक कदम अंतिम परिणाम को प्राप्‍त करने का अवसर है। पहली बार इस देश में skill development एक अलग department बनाया गया। पहले क्‍या था। हर department अपने-अपने तरीके से skill department का काम करता था। लेकिन जब इतने बड़े department के एक कोने में skill department चलता है तो उसमें focus नहीं रहता था। चीजें चलती थी, कागज पर सब दिखता था। लेकिन धरती पर नजर नहीं आता था। हमने अलग skill department बनाया और पूरे देश में 21वीं सदी के अनुकूल किस प्रकार का मैन पावर तैयार करना चाहिए, किस प्रकार का Human resource development करना चाहिए और न सिर्फ हिन्‍दुस्‍तान वैश्विक संदर्भ में global perspective में आप कल्‍पना कर सकते हैं जब दुनिया पूरी बूढ़ी हो, दुनिया के पास पैसे हों। उद्योग कारखाने लगे हुए हों। लेकिन चलाने के लिए नौजवान न हो तो क्‍या होगा। पूरी विश्‍व को 2030 के बाद बहुत बड़ी मात्रा में human resource की आवश्‍यकता पड़ने वाली है। globally man power पहुंचाने का काम अगर कोई कर सकता है तो हिन्‍दुस्‍तान कर सकता है। दूनिया के हर कोने में भारत का नौजवान जा करके उस देश के जीवन में बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। वो दिन दूर नहीं है। जब पूरे global requirement को अगर ध्‍यान में रखें तो आज से हमारा प्रयास है कि हिन्‍दुस्‍तान में वो Human resource development हो वो man power तैयार हो जो आने वाले दिनों में global requirement को पूरी कर पाएं।

दूसरी तरफ भारत सिर्फ सेवादार बना रहे क्‍या ? ये बात हमें मंजूर नहीं है और इसलिए हमारे देश में Make in India का अभियान चलाया है। आज देश पेट्रोलियम पैदावार के बाद सबसे ज्‍यादा इम्‍पोर्ट जो पहली तीन चार चीजें हैं देश में जिसमे हमारी सबसे ज्‍यादा धन हमारे विदेश में जाता है। उसमें एक है electronic goods का import। चाहे लैपटॉप हो, चाहे मोबाइल फोन हो, चाहे electronic medical devices हो। अब जिस देश में ऐसी बढि़या IIT हो जिस गुवाहाटी के IT के, जो गुवाहाटी यहाँ के IIT के कारण पहचाना जाता है। यहां के IIT ने गुवाहाटी को एक नई पहचान दी है। लेकिन उस देश में electronic goods भी हमें इम्‍पोर्ट करना पड़े । ये अच्‍छी बात है क्‍या। Thermometer भी बाहर से लाना है। बीपी कम हुआ ठीक हुआ नहीं ठीक हुआ वो भी foreign का instrument तय करेगा क्‍या।

दोस्‍तों ये चीजे बदलनी है। मैं आज आपके बीच आया हूं चुनौती को ले करके, कम से कम electronic goods ये तो हम बना सकते हैं ऐसा नहीं हम दुनिया को दे सकते हैं। इस देश के पास टेलेंट की कमी नहीं है, इरादों की भी कमी नहीं है। हर नौजवान के पास कुछ न कुछ करने का इरादा है तो क्‍यों न हम हमारे देश की इस requirement को ध्यान में रखते हुए मेक इन इंडिया की बात को आगे बढ़ाएं। और दुनिया ने भारत के लोगों का लोहा माना है। आज सिलिकॉन मेले में जाइए। Address तो यूएसए का है। लेकिन चेहरा हिन्‍दुस्‍तानी है। हर तीसरी चौथी कंपनी का सीईओ हिन्‍दुस्‍तानी है। 50 परसेंट 60 परसेंट काम करने वाले नौजवान हिन्‍दुस्‍तानी है। इस देश के पास टेलेंट भी है।

भारत ने Mars Mission किया। ऑरबिट में हम पहुंचे। दूनिया में हम पहले देश हैं जो Mars Orbit Mission में पहले ही ट्रायल में सफल हो गये। दुनिया के और देशों में सफलता 20-20-25 बार ट्रायल करने पर मिली। भारत को पहली बार मिल गई। और खर्चा कितना आप गुवाहाटी में एक किलोमीटर ऑटो रिक्‍शा में जाए तो दस रुपया लगता होगा। हम मार्स मिशन में सिर्फ सात रुपए किलोमीटर पर गए। हॉलीवुड की फिल्‍म का जो खर्चा होता है उससे कम खर्चें में हम मार्स मिशन पर पहुंचे। ये कैसे संभव हुआ। हमारे नौजवानों के talent के कारण, तजुर्बे के कारण। कुछ कर गुजरने के इरादे के कारण। जिस देश के पास ये सामर्थ्‍य हो तो वो देश का प्रधानमंत्री make in India का सपना क्‍यों न देखे। हमारा दूसरा क्षेत्र है Defence. क्‍या भारत अपनी सुरक्षा के लिए आजादी के 70 साल के बाद भी औरों पर dependent रहे। अश्रु गैस है न अश्रु गैस, रोने के लिए भी tear gas, वो भी बाहर से लाना पड़ता है। ये स्‍थिति अब बदलनी है दोस्‍तों। हम हमारी रक्षा के लिए जो आवश्‍यकताएं हैं वो तो हम बनाएं। इतना ही नहीं दुनिया को हम supply भी करे, ये ताकत हमारी होनी चाहिए।

हम मोबाइल के बिना जी नहीं सकते और आप में से कई लोग है, मेरे से जुड़े हुए हैं, फेसबुक पर, ट्वीटर पर। कुछ लोग मेरी Narendra Modi app पर भी कुछ न कुछ लिखते रहते हैं गुवाहाटी से। लेकिन मोबाइल फोन बाहर से लाना पड़ता है और इसलिए दोस्‍तों हमारे जो IITs है। हमारी IIIT है। हमारी technical institutions है। वहां make in India का मुझे माहौल create करना है। अभी से विद्यार्थी के मन में विचार होना चाहिए कि मैं शस्‍त्रार्थों की दुनिया में भारत को ये अमानत दूंगा ताकि दुनिया हमें कुछ न कर पाए।

हम ICT के क्षेत्र में जा रहे हैं। ICT हम व्‍यापार-धंधे के लिए नए-नए सॉफ्टवेयर बनाने की ताकत create कर रहे हैं, लेकिन दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और सारी दुनिया के सामने है। वो चुनौती है, cyber security की। हर कोई परेशान है, कहीं कोई हाई-जैक तो नहीं कर लेगा। मेरी पूरी फाइल चली तो नहीं जाएगी। मैं research कर रहा हूं, कोई उठा तो नहीं ले जाएगा। दुनिया को कोई ठप्‍प तो नहीं कर देगा। हवाई जहाज उड़ता होगा और cyber attack करके उसको वही रोक दिया जा सकता है और फिर वो नीचे ही आएगा। ये संकट है, दुनिया डरी हुई है। technology ने जहां-जहां पर हमको पहुंचाया है तो उसके साथ हमारे सामने चुनौतियां भी आई हैं। क्‍या हमारे विद्यार्थी, हमारे नौजवान विश्‍व को cyber security देने के लिए नेतृत्‍व नहीं कर सकते क्‍या? अगर दुनिया में किसी को भी cyber security की जरूरत होगी, भारत के नौजवान पर उसको भरोसा करना पड़ेगा, तब जाकर के उसका काम होगा। ये नहीं कर सकते क्‍या?

और इसलिए दोस्‍तों skill development से लेकर के make in India. दो दिन पहले आप में से कई लोग शायद मेरे साथ वीडियो कॉंफ्रेंस में जुड़े हुए होंगे। जब मैं दो दिन पहले दिल्‍ली में ‘स्‍टार्ट-अप’ का आरंभ किया। जब मैं पहले ‘स्‍टार्ट-अप’ कह रहा था तो कुछ लोगों को तो पता ही नही पड़ता, क्‍या कह रहा है ये। ‘स्‍टार्ट-अप इंडिया, स्‍टैंड-अप इंडिया’. जब लालकिले से हमने कहा तो ऐसे ही आकर के चला गया विषय। पता ही नहीं चला, कहीं रजिस्‍टर्ड ही नहीं हुआ। लेकिन अभी जब ‘स्‍टार्ट-अप’ का कार्यक्रम हुआ, लाखों नौजवानों ने रजिस्‍ट्रेशन कराया। एक नया mood बना है, देश में। नौजवान सोच रहा है मैं रोजगार के लिए apply नहीं करूंगा, मैं अपने पैरों पर नई चीज खोजकर के दुनिया के बाजार में ले आऊंगा, नए तरीके से ले आऊंगा।

‘स्‍टार्ट-अप’ का एक माहौल बना है। वर्तमान में जो नई पीढ़ी है वो job-seeker नहीं बनना चाहती है, वो job-creator बनना चाहती है और सरकार ‘स्‍टार्ट-अप इंडिया, स्‍टैंड-अप इंडिया’ के भरोसे उसे बल देना चाहती है और इसलिए अभी आपने देखा होगा, हमने कई नई योजनाएं घोषित की है, नए initiative लिए हैं क्‍योंकि भारत दुनिया का ‘स्‍टार्ट-अप’ का capital बन सकता है जिस देश के पास इतनी talent हो, वो दुनिया का capital बन सकता है और मैंने ये देखा, आपने भी शायद टीवी पर इन चीजों को ध्‍यान से देखा होगा, नहीं देखा होगा तो इंटरनेट पर सारी चीजें इन दिनों available है। 22-25-27-30 साल के नौजवान अरबों-खरबों रुपयों का व्‍यापार करने लगे हैं और दो-तीन साल में करने लगे हैं और पांच हजार- दस हजार- 25 हजार लोगों को रोजगार दे रहे हैं just अपना दिमाग और technology का उपयोग करते हुए।

और जमाना App का है, हर चीज का App बनता है और दुनिया जुड़ जाती है। मैं भी अब जुड़ गया लेकिन हमारे नौजवानों की जो बुद्धिमत्‍ता है वो कुछ कर गुजरने की बुद्धिमत्‍ता है और इसलिए skill development से लेकर के ‘स्‍टार्ट-अप’ तक की यात्रा Make in India. पहले Make for India और बाद में Make for Global, ये requirement को पूरा करने के लिए हम आगे बढ़ना चाहते हैं और उसमें technical force एक बहुत बड़ी आवश्‍यकता है। हर हाथ में हुनर होना चाहिए। कभी-कभी हम लोग रोते बैठते हैं। हमारे देश में कुछ ये भी आदत है। समस्‍याएं होती है। हर किसी के नसीब में मक्‍खन पर लकीर करने का सौभाग्‍य नहीं होता है। पत्‍थर पर लकीर करने की ताकत होनी चाहिए और अगर हम अपने आप को युवा कहते हैं तो उसकी पहली शर्त यह होती है कि वो मक्‍खन पर लकीर करने के रास्‍ते न ढूंढे, वो पत्‍थर पर लकीर करने की ताकत के लिए सोचे। अगर यही इरादे लेकर के हम चलते हैं तो हम अपनी तो जिन्‍दगी बनाते हैं लेकिन कइयों की जिन्‍दगी में बदलाव लाने के लिए कारण भी बनते हैं।

तो भारत में हमारी जितनी भी academic institutions है, technical institutions है, हमारी Universities है। चाहे हमारी आईआईटी हो या हमारी आईटीआई हो, छोटी से छोटी technical इकाई से लेकर के, top most technical venture, इन दोनों के अंदर एकसूत्रता होनी चाहिए और हम देश की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के लिए सामर्थ्‍यवान बने। समस्‍याएं अपने आप उसका रास्‍ता भी खोजकर के आती है। कोई समस्‍या ऐसी नहीं होती जिसकी कोख में समाधान भी पलता न हो। सिर्फ पहचानने वाला चाहिए। हर समस्‍या की कोख में समाधान भी पलता है, उस समाधान को पकड़ने वाला चाहिए, समस्‍या का समाधान निकल आता है।

मैं चाहूंगा मेरे नौजवान चीजों को देखे तो उसके मन में पहले ये न आए कि यार ऐसा क्यों है। जो सो है सो है, यार ये है ऐसा करेंगे तो ये नहीं रहेगा। हम बदलाव ला सकते हैं। हमारी विचार प्रक्रिया को हम बदले।

पिछले दिनों राष्‍ट्रपति भवन में स्‍कूल के कुछ बच्‍चों को बुलाया गया था। हमारे राष्‍ट्रपति जी ऐसे लोगों को काफी encourage करने के अनेक कार्यक्रम करते रहते हैं। तो उन्‍होंने कहा, मोदी जी एक बार आइए, जरा देखिए। आठवीं, नौवीं, दसवीं कक्षा के बच्‍चे थे और मैंने देखा कि ‘स्‍वच्‍छ भारत’ के विषय में technology क्‍या role कर सकती है, कौन-सी innovative equipment create किया जा सकता है जो स्‍वच्‍छ भारत के लिए next requirement जो process है उसको पूरा कर सके। आठवीं-नौवी कक्षा के बच्‍चों ने ऐसी-ऐसी चीजें बनाई थी, मैं हैरान था। इसका मतलब यह हुआ कि हर समस्‍या का समाधान करने के लिए हमारे पास सामर्थ्‍य होता है।

अगर इंडिया के पास million problem है तो हिन्‍दुस्‍तान के पास billion brain भी है और इसलिए दोस्‍तों नया भवन तो मिलेगा। हिन्‍दुस्‍तान के पूर्वी छोर में ये ज्ञान का सूरज ऐसा तेज होकर के निकले कि पूरे हिन्‍दुस्‍तान को ज्ञान से प्रकाशित कर दे, ये मेरी आप सबको शुभकामनाएं हैं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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The next 25 years will be dedicated to achieving a prosperous and Viksit Bharat: PM
January 31, 2025
Government is moving forward in mission mode towards comprehensive development, be it geographically, socially, or economically: PM
PM highlights the importance of reform, perform, and transform in achieving rapid development
State and Central governments must work together to perform, public participation will lead to transformation: PM
The next 25 years will be dedicated to achieving a prosperous and developed India: PM

Friends,

Today, at the beginning of the budget session, I bow to Goddess Lakshmi, the goddess of prosperity. And on such occasions, for centuries, we have been remembering the virtues of Goddess Lakshmi:

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि। मंत्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते।

Maa Lakshmi gives us success and wisdom, prosperity and well-being. I pray to Maa Lakshmi that every poor and middle class community of the country should be blessed with the special blessings of Maa Lakshmi.

Friends,

Our Republic has completed 75 years, and this is a matter of great pride for every citizen of the country, and this strength of India also creates a special place for itself in the democratic world.

Friends,

The people of the country have given me this responsibility for the third time, and this is the first full budget of this third term, and I can confidently say that in 2047 when the country will celebrate 100 years of independence, the resolution of a developed India that the country has taken, this budget session, this budget will create a new confidence, will give a new energy, that when the country celebrates 100 years of independence, it will be developed. 140 crore countrymen will fulfill this resolution with their collective efforts. In the third term, we are moving ahead in mission mode towards all-round development of the country, whether it is geographically, socially or in the context of different economic levels. We are moving ahead in mission mode with the resolution of all-round development. Innovation, inclusion and investment have constantly been the basis of the roadmap of our economic activity.

As always, this session will have many historic days. Tomorrow there will be discussions in the House and after a lot of deliberation, laws will be made that will increase the strength of the nation. Especially, to re-establish the pride of Nari Shakti, to ensure that every woman gets a respectable life without any discrimination of caste and creed and gets equal rights, many important decisions will be taken in this session in that direction. Reform, Perform and Transform. When we have to achieve a fast pace of development, the maximum emphasis is on reform. The state and central governments have to perform together and we can see transformation with public participation.

Ours is a young country, a youthful power and the youth who are 20-25 years old today, when they turn 45-50 years old, they will be the biggest beneficiaries of a developed India. They will be at that stage of their life, they will be sitting in that position in the policy making system, that they will proudly move forward with a developed India in the century that will begin after independence. And hence this effort to fulfill the resolution of a developed India, this immense hard work, is going to be a great gift for our teenagers, our young generation today.

Those who had joined the freedom struggle in 1930, 1942, the young generation of the entire country was spent in the freedom struggle, and its fruits were reaped by the generation that came after 25 years. The youth who were in that war got those benefits. Those 25 years before independence became an opportunity to celebrate independence. Similarly, these 25 years are the intention of the countrymen to achieve a prosperous and developed India through their resolve and reach the pinnacle through their achievements. And therefore, in this budget session, all the MPs will contribute towards strengthening developed India. Especially, it is a golden opportunity for the young MPs because the more awareness and participation they will have in the House today, the more fruits of developed India they will see right in front of their eyes. And therefore, it is a priceless opportunity for the young MPs.

Friends,

I hope that we will live up to the hopes and aspirations of the country in this Budget session.

Friends,

Today you must have noticed one thing, people in the media should definitely notice it. Perhaps since 2014, this is the first session of Parliament in which there has been no foreign spark a day or two before the session, there has been no attempt to ignite a fire from abroad. I have been observing for 10 years, since 2014, that before every session people used to sit ready to create mischief, and here there is no dearth of people who fan it. This is the first session I am seeing after the last 10 years in which there was no spark from any foreign corner.

Thank you very much, friends.