In these years of Amritkal, rapid development is necessary for Himachal, and a stable government is necessary: PM Modi on the role of BJP in Himachal
Congress always thought that what is the stature of that state from where 3-4 MPs come. Congress never gave priority to the development of Himachal: PM Modi
“Making false promises, giving false guarantees has been an old trick of Congress”: PM Modi on Congress never fulfilling its promises to the people

हाटेशवरी माता, सितला माता, शिकारी माता,
होर,
देवभूमि रे सारे,
देवी देवताओं अगे,
मैं आपणा माथा टेकाँ।
इस पवित्र देवभूमि रे,
तुसे सभी लोका नूं मेरा प्रणाम !

साथियों,
मुझे कुछ दिन पहले ही मंडी आना था लेकिन मौसम अचानक खराब हो गया था। बारिश इतनी तेज थी लेकिन लोग मैदान में डटे हुए थे।

तब मैंने हिमाचल की युवा शक्ति को आपको टेक्नोलॉजी के माध्यम से संबोधित किया था। और उसी समय मैंने मन में ठान लिया था, मैंने संकल्प लिया था कि जब भी हिमाचल में चुनावी रैलियां शुरू होंगी, सबसे पहले मैं मंडी जाऊंगा और आप लोगों से क्षमा मांगूगा।

मंडी के लोगों ने, हिमाचल के लोगों ने इतना कष्ट उठाया, मैं पहुंच नहीं पाया उसकी पीड़ा मेरे मन में हमेशा रहेगी।

लेकिन आज मुझे उतना ही अच्छा भी लग रहा है क्योंकि आज हिमाचल की मेरी पहली सभा मंडी से ही हो रही है, सुंदरनगर में हो रही है।

यहां इतनी बड़ी संख्या में आप लोग होंगे, हमारी माताएं-बहनें-बेटियां हम सबको आशीर्वाद देने आई हैं। और मैं हेलीपैड से यहां आ रहा था पूरे रास्ते भर जो प्यार, जो उमंग जो आशीर्वाद, देखते ही बनता था।

हम सभी आपके बहुत-बहुत आभारी हैं।

साथियों,
देवभूमि से मेरा नाता इतना निकट रहा है। यहां सुंदरनगर में भी पहले भी बहुत बार आना होता था।

मैंने निहरी की चढ़ाई भी चढ़ी है और सराज, कुल्लू, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा के दुर्गम क्षेत्र भी पैदल नापे हैं, दोस्तों। यहां के रास्ते, सुंदरनगर की इतनी सुंदर BBMB झील, उसे कोई कैसे भूल सकता है।

मैं जब मंडी शहर की ओर फिर यहां से जब जाता था तो अक्सर रास्ते में चाय पीना। यहां की दुकानों पर लोगों से गप्पे मारना, यहां पर मेरा एक प्रकार से क्रम बन गया था।

तब न मैने सोचा थी कि एक दिन हिमाचल प्रदेश की, देश की सेवा का मौका मिलेगा, आप सबसे आशीर्वाद से मिलेगा और सुंदरनगर के पुराने मेरे साथी, उनको भी जब वे पुरानी बातें याद करते होंगे तो उनको आश्चर्य होता होगा।

हम लोग घंटों-घंटों गप्पे लड़ाया करते थे, हंसी मजाक किया करते थे। हमारे ठाकुर गंगा सिंह जी, दिले राम जी, हमारे दामोदार दास जी जैसे सहयोगियों से भी मैंने बहुत कुछ सीखा।

मुझे कुछ समय पहले की गई सुंदरनगर के होनहार सपूत, बॉक्सर आशीष चौधरी से बातचीत भी याद है। उनसे बातचीत करने का मौका मिला था।

टोक्यो ओलंपिक जाने से पहले जब वो स्पेन में ट्रेनिंग ले रहे थे, तब मेरी उनसे बात हुई थी।

पिता की मृत्यु के बाद जिस तरह का हौसला भाई आशीष ने दिखाया, वो सब लोग नहीं दिखा पाते। सुंदरनगर के लोगों की यही बात, पूरे हिमाचल की पहचान है, ये पहाड़ी लोगों की पहचान है।

साथियों,
मैं आज सुबह जब आप लोगों से मिलने आ रहा था, तभी मुझे स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और कल्पा-किन्नौर के रहने वाले श्याम सरन नेगी जी के दुखद निधन की भी खबर मिली।

106 वर्षीय नेगी जी ने अपने जीवन में 30 से ज्यादा बार मतदान किया था।
इतना ही नहीं, अभी दो दिन पहले, 2 नवंबर को ही, ये जो विधानसभा चुनाव हो रहे हैं उसके लिए भी उन्होंने पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट दिया था।

जाने से पहले भी उन्होंने मतदान करके अपना कर्तव्य निभाया, ये बात हर देशवासी को, खास करके मेरे युवा मतदाताओं को, हर नागरिक को सदा सर्वदा प्रेरित करती रहेगी।

मैं बहुत भावुक मन से परम आदरणीय श्याम सरन नेगी जी को सर झुका करके श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

साथियों,

इस बार का हिमाचल चुनाव बहुत खास है। खास इसलिए, क्योंकि इस बार 12 नवंबर को जो वोट पड़ेंगे, वो वोट सिर्फ आने वाले 5 वर्षों के लिए नहीं होंगे।
इस बार 12 नवंबर को पड़ने वाला एक-एक वोट, हिमाचल के अगले 25 साल की विकास यात्रा तय करेगा।

कुछ महीने पहले ही हिमाचल की स्थापना के 75 वर्ष हुए हैं। कुछ सप्ताह पहले ही भारत ने भी अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं।

जब भारत, अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा, उसी के आसपास हिमाचल भी अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करेगा।

इसलिए, अगले 25 साल का ये कालखंड बहुत ही अहम है। अमृतकाल के इन वर्षों में हिमाचल में तेज विकास जरूरी है, स्थिर सरकार जरूरी है।

मुझे खुशी है कि हिमाचल के लोग, यहां के युवा, यहां की माताएं-बहनें इस बात को अच्छी तरह समझ रही हैं।
वो जानते हैं,

भाजपा यानि स्थिरता,
भाजपा यानि सेवाभाव,
भाजपा यानि समभाव,
भाजपा यानि नीतियों में स्थाई भाव,
और भाजपा यानि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता।

इसलिए इस विधानसभा चुनाव में हिमाचल के लोग भाजपा सरकार की जोरदार वापसी की ठान चुके हैं।

और फौजियों की ये धरती, वीर माताओं की ये धरती जब कुछ संकल्प ले लेती है, तो उसे सिद्ध करके ही दिखाती है।

भाइयों और बहनों,

आजादी के बाद कांग्रेस ने बहुत लंबे समय तक हिमाचल प्रदेश पर शासन किया है।

कांग्रेस के लिए सरकार में आना, सरकार में रहना, राज-पाट चलाने जैसा ही रहा है।

हिमाचल में, पहाड़ी राज्यों में तो कांग्रेस दशकों तक तरसाओ, लटकाओ-भटकाओ, यही उनकी रीति थी, यही उनकी नीति पर चली है।

कांग्रेस ने हमेशा यही सोचा, इतना छोटा राज्य, 3-4 सांसद आते हैं, देश की राजनीति में क्या फर्क पड़ता है। इतने छोटे राज्य की हैसियत क्या है? होता है चलता है, करो न करो, कौन पूछता है भाई।

 बड़े-बड़े राज्य हैं उनकी आवाभगत होगी, हिमाचल की क्यों होगी भाई। इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने हिमाचल के विकास को कभी प्राथमिकता नहीं दी।

इसी वजह से हिमाचल लगातार पीछे होता चला गया। बीच-बीच में आपने यहां भाजपा की सरकारें बनाईं, तो कुछ काम आगे बढ़ा और सदभाग्य यह रहे कि पहले अटल जी थे, यहां धूमल जी थे, अब मुझे सेवा का मौका दिया।

हिमाचल को मैं भी अपना घर मानता हूं और इधर आपने जयरामजी को दे दिया। लेकिन उन दिनों का याद रखिए जब दिल्ली में भाजपा सरकार थी हिमाचल में भाजपा सरकार थी, काम तेजी से चल रहे थे, लेकिन जैसे ही पांच इसके, पांच उसके चक्कर में पड़ गए और कांग्रेस वाले वापस आए, सारे काम ठप्प कर दिए,

वो अपनी कटकी ढूंढने में लग गए, इसलिए हिमाचल विकास की उस ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया, जिस पर पहुंचना उसका हक था, हिमाचल के लोगों की आवश्यकता थी।

साथियों,
मैं आपसे एक चीज जानना चाहता हूं। जरा आप सोचिए, रोजमर्रा की जिंदगी के अनुभव से सोचिए,

अगर घर में कोई बीमार पड़ता है और फिर एक अच्छे डॉक्टर से दवाई लेता है। हफ्ते भर दवाई लेता है और फिर कोई आ जाता है। अरे रे रे...आप ये दवाई क्यों लेते हो आयुर्वेद ले लो, तो इसको भी लगता है यार हफ्ते भर तो अंग्रेजी दवा खाई अब आयुर्वेद ले लेते हैं।

तो एक हफ्ता तो अंग्रेजी दवा खाई उसके बाद आयुर्वेद पर चढ़ गए। दूसरे सप्ताह आयुर्वेद खाई। इतने में कोई आ गया, अरे भाई ये आयुर्वेद क्यों खाते हो क्या फायदा है, ऐसा करो होमियोपैथी ले लो। तो तीसरे हप्ते होमियोपैथी ले लिया।

तो आप मुझे बताइए एक हफ्ते एक दवाई दूसरे हफ्ते दूसरी दवाई, तीसरे हफ्ते तीसरी दवाई, चौथे हफ्ते चौथी दवाई, क्या मरीज ठीक होगा क्या, मुझे बताइए क्या बीमारी जाएगी क्या। अरे भाई बीमारी है तो एक दवाई को लंबे समय तक पकड़ के एक बार जरा देख लें तब फायदा होता है कि नहीं होता है।

भाइयों-बहनों

इतनी जल्दी जल्दी दवाइयां बदलने से बीमारी जाती नहीं है। आप दवा का एक डोज लें फिर दूसरी डोज, फिर तीसरी डोज, कभी कोई फायदा नहीं होता है और उसका परिणाम ये आया है कि यहां जो मुसीबतें हैं, इसके लिए किसी ने अपनी जिम्मेवारी नहीं ली।

आपकी जो तकलीफें हैं, जिन मुसीबतों से आपको जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। उसकी जो आकर के जो शिमला में बैठे, उन्होंने जिम्मेवारी नहीं ली है। उनको भी पता था अब पांच साल आए हैं क्या करना है भाई। क्या जरूरत है।

पांच साल कितना भी काम करो पांच साल के बाद दूसरे को लाने वाले हैं। तो वो सोचता है कि कुछ करना ही नहीं है।

ये जो पांच-पांच वाला दिमाग में भरा बदमाश लोगों ने, गलत सोचने वाले लोगों ने, उन्होंने आपका इतना नुकसान किया है कि आप किसी का जवाब ही नहीं मांगते हो। वो तो हाथ ऊपर कर देता है , कहता है कि क्या करें भाई आपने मुझे मौका नहीं दिया एक बार दिया हम कुछ काम करें, उतने में तो आपने दूसरे को ला लिया।

आप अगर सरकार से जवाब मांगना चाहते हैं। आप अगर सरकार से जवाबदेही चाहते हैं, आप उसको दुबारा मौका दीजिए, ताकि उसको लगे की हिमाचल की जनता अच्छे काम को आशीर्वाद देती है। तो उसका काम करने का उत्साह डबल हो जाता है।

इस बार हिमाचल करेगा न। इस बार दुबारा लाने का निर्णय करेगा न। ये पुरानी बातों को छोड़ेगा की नहीं छोड़ेगा और मेरे हिमाचल के भाइयों बहनों आपने मुझे दिल्ली में बिठाया है। मैं आपके लिए कुछ करना चाहता हूं।

पिछले पांच साल से कर रहा हूं आगे भी करना चाहता हूं। मुझे सेवा का मौका दोगे न पक्का दोगे...और मैं वादा करता हूं इस धरती के बेटे के नाते, आपके लिए जितना कर सकता हूं, कभी पीछे नहीं रहूंगा भाइयों।

लेकिन अगर यहां ऐसे लोगों को बिठा दिया जो काम होने ही न दें तो क्या होगा मैं कितना ही जोर लगाऊं, काम होगा क्या, रूकावट आएगी की नहीं आएगी। इसलिए भाइयों बहनों यहां भाजपा की सरकार बनाइए। ताकि मैं आपकी सेवा अच्छी तरह से कर सकूं।

भाइयों-बहनों

कांग्रेस ने अपने लंबे शासन में हिमाचल का जितना नुकसान किया है, उसकी भरपाई के लिए, और फिर तेज गति से काम करने के लिए भाजपा को दोबारा जीतना और भाजपा को बार-बार जीतना और दिल्ली की मोदी सरकार की भी भाजपा सरकार को पूरी मदद मिलती रहे। ये पक्का करने वाला ये चुनाव है।

साथियों,
कांग्रेस कैसे काम करती है, इसका मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। एक-एक चीज याद रखिए, भूलना मत। 50 साल से ज्यादा हो गए जब कांग्रेस ने गरीबी हटाओ की बात कही थी, जब भी आओ गरीबी हटाओ के नारे लगाओ, गरीबी हटाओ नारे लगाओ, वादा करना…और लोग भी मानते थे कि हां यार गरीबी जाएगी।

चुनाव होते गए, गरीबी हटाओ का नारा देकर कांग्रेस सरकार बनाती गई, लेकिन देश से गरीबी नहीं हटी। झूठे वायदे करना, झूठी गारंटी देना, कांग्रेस की पुरानी तरकीब रही है।

आपको याद होगा किसानों को कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस किस तरह झूठ बोलती रही, इसका भी गवाह पूरा देश रहा है।

कांग्रेस की सच्चाई ये है कि 2012 में जिस घोषणापत्र पर वो चुनाव जीती, मैं आज से 10 साल पहले की बात कर रहा हूं। उसमें आप निकाल करके देख लीजिए। 2012 में जो वायदे किए थे जो उनके घोषणापत्र में लिखा था, एक भी काम उन्होंने 2012 से 2017, आपने उन्हें सर आंखों पर बिठाया, आपका एक भी काम उन्होंने नहीं किया। खोलकर देखा नहीं घोषणापत्र उन्होंने।

जबकि भाजपा की पहचान है कि जो हम कहते हैं उसे पूरा करने के लिए दिन रात खपा देते हैं, दिन-रात खपा देते हैं भाइयों-बहनों ।

भाजपा जो संकल्प लेती है, उसकी सिद्धि करके दिखाती है।

भाजपा ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प लिया, लिया था न, लिया था न, पूरा किया कि नहीं किया। उसे सिद्ध करके दिखाया।

भाजपा ने राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था, और वो निर्णय भी इसी हिमाचल की धरती में पालनपुर में भाजपा की वर्किंग कमेटी में निर्णय किया गया था भाइयों, इसी देवभूमि में निर्णय किया गया था। आज राम मंदिर बन रहा है कि नहीं बन रहा है। आप बताइये बन रहा है कि नहीं बन रहा है।

जोरों से बोलिए, वादा निभाया की नहीं निभाया। वचन पूरा किया कि नहीं किया।

साथियों,
भाजपा के संकल्पों की सिद्धि का एक उदाहरण….ये तो हमारी वीरों की भूमि है, हर परिवार फौजी परिवार है। हर घर हिंदुस्तान की सुरक्षा का किला है। अब देखिए वन रैंक वन पेंशन…एक ऐसा उदाहरण है जो कांग्रेस को जानने समझने के लिए काफी है।

कांग्रेस 40 साल से देश के फौजियों को हर चुनाव में वादा करती थी, आप के हिमाचल के फौजी परिवार याद होगा, हर बार वादा करते थे वन रैंक वन पेंशन बस आ जाएगा, चुनाव जिता दो बस आ जाएगा। कितनी ही सरकारें बनी, कितने ही प्रधानमंत्री आए, कितनी बार वादे करके गए।

लेकिन इतने वर्षों तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहने के बावजूद वन रैंक वन पेंशन को लागू नहीं किया। दिखावे के लिए बजट में मामूली सौ-दो सौ-तीन सौ करोड़ डाल देते थे और लिख देते थे, लेकिन इससे होना नहीं था।
ये आंख में धूल झोंकने की उनकी आदत, झूठे वादे करना, चुनाव जीतना, फिर भूल जाना यही उनका चरित्र है। हिमाचल में हर बार वो झूठ बोलते रहे। देवभूमि में झूठ बोला है। देश की वीर माताओं के सामने झूठ बोला। देश के वीर जवानों के सामने झूठ बोला।

भाइयों बहनों मैं हिमाचल में आया था 2014 में। चुनाव में आपके वोट मांगने आया था और मैंने हिमाचल में आकर कहा था मैं जानता हूं मामला बड़े धन का है। धन खर्च करना पड़ेगा, तिजोरी खाली करनी पड़ेगी।

लेकिन ये वादा मैं पूरा करूंगा। भाइयों और बहनों वन रैंक वन पेंशन का वादा हमने पूरा किया कि नहीं किया। वादा 40 साल तक उन्होंने किया था, पूरा नहीं किया।

हमने वादा किया था और पांच साल के भीतर पूरा कर दिया था भाइयों।
जुबां की कीमत होती है और लोकतंत्र में भारतीय जनता पार्टी की जुबां जनता जनार्दन को समर्पित होती है। जनता जनार्दन के लिए संकल्पित होती है भाइयों।

वन रैंक वन पेंशन लागू होने की वजह से हमारे रिटायर्ड फौजी साथियों की जेब में उनके परिवार के पास पहले जो पेंशन जाता था।

उसके अतिरिक्त और 60 हजार करोड़ रुपए मेरे इन फौजी भाइयों की जेब में गए हैं। 60 हजार करोड़ रुपए बहुत बड़ी अमाउंट होती है।

आप ध्यान दीजिए साथियों,

क्या कांग्रेस सरकार होती तो ये 60 हजार करोड़ रुपए मेरे फौजी परिवारों के घर में आते क्या, फौजी विधवाओं के घर में जाते क्या।

कांग्रेस की सरकार होती, तो आज भी वन रैंक वन पेंशन के नाम पर आप लोगों को ठगती रहती।

साथियों,
उनके वादे कभी सही नहीं निकले इस चुनाव में भी वादे करने में पीछे नहीं हटेंगे। उनपर भरोसा मत करना।

कांग्रेस का एक और इतिहास रहा है, जिस पर बहुत बात नहीं हुई है। आज के युवा तो ये भी नहीं जानते होंगे कि आजादी के बाद देश का पहला घोटाला कांग्रेस ने रक्षा क्षेत्र में ही किया था।

तब से लेकर जब तक कांग्रेस की सरकार रही, तब तक उसने रक्षा सौदों में जमकर दलाली खाई, हजारों करोड़ के घोटाले किए।

इसके साथ ही, कांग्रेस ने एक और बात सुनिश्चित की। कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि देश, रक्षा साजो-सामान के मामले में आत्मनिर्भर बने।

वो सेना के लिए हर खरीद में कमीशन चाहती थी, अपने नेताओं की तिजोरी भरना चाहती थी। इस वजह से हमेशा हथियार खरीदने में देरी की गई। इसका नुकसान किसे हुआ?

इसका सबसे बड़ा नुकसान हुआ हिमाचल की उस वीर माताओं को जिसने अपना बेटा बॉर्डर पर लड़ने के लिए भेजा था।

इसका सबसे बड़ा नुकसान हुआ हमारे हिमाचल की उस बहन बेटियों को, जिसने अपना भाई, दुश्मन से मोर्चा लेने के लिए भेजा था।

इसका नुकसान हिमाचल की हजारों महिलाओं ने उठाया, हजारों बच्चों ने उठाया।
हथियारों में दलाली खाकर, कांग्रेस ने कितनी ही जिंदगियों के साथ खिलवाड़ किया है।

मैं हिमाचल की किसी माता-बहन-बेटी के साथ ये अन्याय नहीं होने दूंगा।
इसलिए आज भारत, आत्मनिर्भर होने का अभियान चला रहा है, अपने हथियार खुद बनाने पर जोर दे रहा है।

साथियों,
कांग्रेस, देश की रक्षा की ही नहीं, बल्कि देश के विकास की भी हमेशा से विरोधी रही है।

गुजरात में इतने साल मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने इसे खुद महसूस किया। जब 2014 में आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैं चाहता था कि हिमाचल में विकास की योजनाएं तेजी से आगे बढ़ें।

ये मैं 2014 की बात कर रहा हूं। जब मैं दिल्ली में बैठा तो हिमाचल के साथ मेरा लगाव रहा था।

हिमाचल ने मुझे बहुत प्यार दिया था, तो मुझे बैठते ही हिमाचल याद आना बहुत स्वाभाविक था। लेकिन भाइयों -बहनों उस समय यहां कांग्रेस की सरकार थी।

मुझे आज भी याद है, केंद्र सरकार की अनेकों योजनाओं को कैसे यहां की कांग्रेस सरकार ने तब लागू नहीं होने दिया। अड़ंगे डाले रूकावटें डाली।

उनके दिमाग में तो यही नशा था कि मोदी होता कौन है , ये दिल्ली की सरकार होती क्यों है। हमारी मर्जी क्या करें क्या न करें।

मोदी की योजनाओं को लागू करेंगे, तो हिमाचल के लोग को मोदी को अपना नेता मानेंगे, हमें तो मानेंगे नहीं, इसी चिंता में, दिल्ली से मैं योजना भेजता था, पैसे भेजता था। उसको अड़ंगे लगा कर बैठ जाते थे।

मैं इसका एक उदाहरण देता हूं आपको। 2014 से और 2017 के बीच यहां कांग्रेस
की सरकार थी और दिल्ली में आपने मुझे बैठाया था। हमने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत घर बनाने के लिए, जो शहर में लोग हैं , जिनके पास अपने घर नहीं हैं।

जैसे सुंदरनगर हो, मंडी हो शिमला हो कांगड़ा हो। जिनके पास घर नहीं हैं उनके पास घर होना चाहिए और ये पहाड़ों में ठंड में झुग्गी-झोंपड़ी में जिंदगी बसर करते हैं उनको अच्छा पक्का छत वाला घर मिलना चाहिए।

तो हमने प्रधानमंत्री घर बनाने की योजना के तहत हमने पैसे दिए, उनका काम था, सिर्फ उन पैसों को खर्च करके लागू करना। 2014 से 17 ये मेरे पत्रकार मित्र भी, आंखें फट जाएगी, आपकी ये सुन करके, 2014 से 17, इतनी बड़ी सरकार, इतना बड़ा मेरा हिमाचल, ये मेरी वीर भूमि, वीर माताएं, कितने घर बने होंगे।

2014 से 17 पैसे भारत सरकार दे रही थी, कितने घर बने होंगे। आप अंदाज लगा सकते हो, मैं बोलूंगा तो आपको भी शर्म आएगी कि कैसी सरकार यहां चलती थी कांग्रेस की, पूरे हिमाचल में सिर्फ 15 घर बने..15 ।…और जरा जोरों से बोलो, आप जान लीजिए साथियों सिर्फ 15 घर।

और जैसे ही आप लोगों ने हिमाचल को डबल इंजन की सरकार दी, दिल्ली में मुझे और यहां पर जयरामजी को तो जो योजना लगाने के लिए मैं 2014 से लग रहा था, जिसको लटका करके बैठे थे, अटका करके बैठे थे, अड़ंगे लगा कर बैठे थे, उनको आप लोगों ने हटाया, जयरामजी को बिठाया।

कहां 15 घर और हमने 10 हजार घरों पर काम शुरू कर दिया, कितने भाई, कितने घर, कितने, उनके कितने थे, हमने कितनों पर काम शुरू किया और आज

मुझे संतोष से कहना है जयरामजी को और उनकी पूरी टीम को अभिनंदन करना है। इनमें से 8 हजार से ज्यादा घर पूरे भी किए जा चुके हैं और बाकी पर काम चल रहा है वो भी कुछ समय में पूरे हो जाएंगे।

कहां 15 घरवाली कांग्रेस की सरकार और कहां 8000 घरों को बनाने वाली डबल इंजन की सरकार। अब आप तय कीजिए की आपको 15 घर बनाने वाली सरकार चाहिए या 8000 घर बनाने वाली सरकार चाहिए, कौन सी सरकार चाहिए, निर्णय आप को करना है दोस्तों, मैं कह रहा हूं इसलिए करो ये नहीं कहने आया हूं मैं हिसाब देकर कह रहा हूं कि हम आपके लिए काम करने वाले लोग हैं।

यानि 2017 के बाद से भाजपा सरकार में हिमाचल के विकास ने अभूतपूर्व तेजी पकड़ी है।
मैं आज भी ये सोचकर परेशान हो उठता हूं कि अगर 2017 में भी हिमाचल में कांग्रेस की सरकार आती, जयराम जी की सरकार न आती, तो क्या होता दोस्तों। 15 के बजाय 25 घर बना लेते, 25 की जगह 50 घर बना लेते, साथियों

बीते दो-ढाई साल में दुनिया की इतनी बड़ी महामारी से हिमाचल के लोगों ने मुकाबला किया है।

भाजपा की सरकार में हिमाचल ने देश में सबसे पहले शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया।

आप कल्पना करिए, अगर महामारी के समय भी यहां कांग्रेस ही होती तो क्या होता।

कांग्रेस का तो इतिहास है कि उसने गंभीर से गंभीर बीमारी के टीकों के लिए भी देश के लोगों को बरसों-बरसों तक इंतजार करवाया है। और हिमाचल में टीका लगवाने का मतलब सिर्फ एक नागरिक की जान से जुड़ा हुआ नहीं है।

हिमाचल में सबको टीका लग गया तो बाहर से आने वाले टूरिस्टों को पता लग गया कि हिमाचल सेफ है। हिमाचल में टूरिज्म ने गति पकड़ना शुरू किया, यहां के लोगों की रोजी रोटी चल पड़ी ये वैक्सीन की ताकत थी। और यह जयरामजी और भाजपा सरकार की ताकत थी कि उन्होंने देश में हिमाचल को पहला और मैं यहां की आशा वर्करों, हमारे आंगनबाड़ी वर्कर, हमारे गावों में काम करने वाले हेल्थ वर्कर को आज नमन करता हूं कि उन्हों पहाड़ों पर चलकर बर्फीली जगह पर जाकर भी वैक्सीनेशन का काम कर लिया और जिंदगी बचाने का काम कर लिया। मुफ्त में एक पैसा नहीं लिया किसी से भाइयों।

कोराना के समय में अगर हिमाचल में भाजपा होती, हिमाचल में सबसे अंत में टीके पहुंचते और दूर-दराज वाले क्षेत्र तो आज भी कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे होते।

100 साल की इस सबसे बड़ी आपदा में डबल इंजन की सरकार आज भी हिमाचल के लाखों गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है। मुफ्त राशन मिल रहा है न ये मेरी माताएं बहनें मुझे आशीर्वाद देती हैं कि दिल्ली में उनका बेटा बैठा है जिसने हमारे घर के चूल्हे को कभी बुझने नहीं दिया।

कोई रात ऐसी नहीं थी, जब बच्चों को भूखे सोना पड़े, क्योंकि दिल्ली में एक बेटा बैठा था , जो जागता था कि मेरा बेटा खा करके सो जाए, इसलिए भाइयों बहनों।

कांग्रेस की सरकार होती तो गरीब का ये राशन लुट जाता, गरीब की रसोई तक नहीं पहुंच पाता।

साथियों,
2017 में कांग्रेस की सरकार ना बनाकर, भाजपा को सेवा का मौका देकर, हिमाचल के लोगों ने इस देवभूमि की रक्षा करने का काम किया है।

अगर हिमाचल के लोगों ने भाजपा को सेवा का मौका नहीं दिया होता तो आज 9 लाख नए घरों में नल से जल नहीं पहुंचता, भाइयों।

अगर हिमाचल के लोगों ने हमें सेवा का मौका नहीं दिया होता तो यहां की लाखों रसोइयों में उज्जवला का सिलेंडर नहीं पहुंचता।

अगर हिमाचल के लोगों ने भाजपा को सेवा का मौका नहीं दिया होता तो आयुष्मान योजना और हिम-केयर योजना के तहत 4 लाख लोगों को मुफ्त इलाज नहीं मिलता।

अगर यहां 2017 में भाजपा सरकार नहीं बनती तो अटल टनल वहीं अटका लटका पड़ा होता , वो काम कभी पूरा नहीं होता।

साथियों,
आज अटल टनल से हमारी सेनाओं को भी फायदा हो रहा है और लाहौल-स्पीति के साथियों को आजादी के बाद पहली बार उनके सुख का समय आया है।

ये काम हमने किया है और इसे हमेशा याद रखिए, ये सब किसने किया, ये सारा काम किसने किया, ये काम किसने किया , जोर से बताइए ये काम किसने किया....आपका जवाब गलत है..ये मोदीजी ने नहीं किया है, ये जयरामजी ने नहीं किया है। ये आपके वोट ने किया है।

ये सब आपके एक वोट की ताकत से हुआ है। इसलिए हुआ है, वोट सही जगह पर डाला तो इतने सारे काम किए, इस बार भी आपका वोट सही जगह पर होगा, तो आगे इससे भी ज्यादा बढ़िया काम होंगे भाइयों-बहनों।

हिमाचल के लोगों का एक वोट, आज हिमाचल में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेजी से करा रहा है, यहां रेल-रोड का नेटवर्क बनवा रहा है।

आप सोचिए,

यहां चंडीगढ़ से मनाली हाईवे को बने कितने साल हो गए थे।
इसका चौड़ी करण हो, इसकी याद कांग्रेस को अपने 10 साल के शासन में नहीं आई।

अब हिमाचल के लोगों के एक वोट के कारण इस मार्ग पर फोरलेन का ऐसा नेशनल हाईवे बन रहा है, जो आपके टूरिज्म को बहुत ताकत देने वाला है।

हमारी सरकार पठानकोट से मंडी जाने वाले नेशनल हाईवे को भी आधुनिक बनाने पर 9 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

पिछली कांग्रेस सरकार के समय गांव में जितनी सड़क बनवाई गई थी, हमारी सरकार ने उससे दोगुनी सड़कें बनाकर दिखाई हैं।

डबल तेजी से काम, डबल इंजन की सरकार की पहचान है।

आठ दिसंबर को नतीजे आने के बाद हिमाचल के विकास में और तेजी लाई जाएगी।

भाजपा की सरकार ने आगे के रोडमैप पर काम करना शुरू कर दिया है।
हिमाचल के बॉर्डर पर बने गावों में विकास के लिए, वहां कनेक्टिविटी और टूरिज्म बढ़ाने के लिए वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना शुरू की जा रही है।
हिमाचल में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए, रोप-वे से प्रमुख स्थानों को जोड़ने के लिए पर्वतमाला योजना चलाई जा रही है।

यहां डबल इंजन की सरकार की वापसी के बाद, ऐसे विकास कार्यों में और तेजी लाई जाएगी।

बस आपको एक बात याद रखनी है।

हर बूथ पर कमल का फूल ही भाजपा का उम्मीदवार है। याद रहेगा न हमारा उम्मीदवार सिर्फ कमल का फूल ही है। जहां कमल का फूल दिखे वही भाजपा का उम्मीदवार है।

कमल के फूल पर पड़ा हर वोट मुझे ताकत देगा, हिमातल के इस बेटे को दिल्ली में बड़ी ताकत देगा। मंडी को, कुल्लू को, रामपुर को, किन्नौर को, लाहौल स्पीति को ताकत देगा।

मैं विशेष रूप से इतनी तादाद में आई माताओं-बहनों से कहूंगा कि माताएं बहनें अधिक से अधिक संख्या में इस बार लोगों को वोट करने के लिए प्रेरित करें।

आप भी ज्यादा से ज्यादा वोट करिए, महिलाओं के वोटिंग के सारे रिकॉर्ड तोड़ दीजिए, भाइयों-बहनों। आपको जुलूस निकाल कर गीत गाते हुए मतदान केंद्रों तक पहुंचना है।

आप मेरा एक काम करोगे। जरा जोर से बताओ तो पता चलेगा। घर-घर जाओगे मेरी बात लोगों को बताओगे। जो मैं कह रहा हूं समझाओगे।

जहां भी जाओगे तो मेरी तरफ से एक बात कहना कि मोदीजी आए थे मिलने के लिए, समय के कारण सबको तो नहीं मिल पाए, लेकिन मोदीजी ने आपको प्रणाम कहा है, इतना कह देंगे। कह देंगे भाइयों। मेरा प्रणाम पहुंचा दीजिए।

हम मिलकर “हिमाचल को आगे बढ़ाएंगे, नया रिवाज बनाएंगे, भाजपा को वापस लाएंगे”

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.