एक तरफ श्री अमरनाथ यात्रा चल रही है, बड़ा पवित्र माहौल है दूसरी तरफ रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और तीसरी तरफ आज माता वैष्णों देवी के चरणों में भारत भर से भक्तों को लाने की सुविधा प्रदान करने का एक मंगल प्रारंभ हो रहा है। एक प्रकार से सब ओरएक पवित्रता का माहौल हैऔर पवित्रता के माहौल में इस मंगल कार्य का आरंभ हो रहा है। प्रदेश के माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले करोड़ों-करोड़ों भक्तों को शुभकामनाएं देता हूँ और आज ये सुविधा सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए सुविधा नहीं है और न ही यह सिर्फ जम्मू-कश्मीर को भेंट है, यह भेंट पूरे हिन्दुस्तान को है,सवा सौ करोड़ देशवासियों को है जो जम्मू-कश्मीर आने के लिए लालायित रहते हैं, जो माता वैष्णों देवी के चरणों में आने के लिए आतुर रहते हैं। ऐसे कोटि-कोटिजनों के लिए ये सुविधा है और उनके चरणों में ये समर्पित करते हुए मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ और उनको मंगल कामनाएं देता हूँ। ये रेल सुविधा आज प्रारंभ हो रही है।
मैंने रेल मंत्री को सुझाया था किदिल्ली से कटरा तक की जो सुविधा है और आगे चलकर और स्थानों से भी जुड़करकेदेश के भिन्न-भिन्न कोने से यात्रियों को कटरा तक लाने का जो प्रबंध हो रहा है। इस ट्रेन को “श्री शक्तिएक्सप्रेस” के रूप में जाना जाए ताकिमाता वैष्णों देवी के चरणों में हम जा रहे हैं इसकी अनुभूतियात्रियों को लगातार होती रहे। मैं ‘माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड’ का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ। गवर्नर साहब का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ कियहां रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों के लिए आवश्यक आई-कार्ड निकालने की सुविधाओं का प्रबंध हुआ है। टैक्नोलॉजी का प्रबंध हुआ है और इसीलिए हिन्दुस्तान के किसी भी कोने से आने वाले यात्री के लिए ये बहुत सुनिश्चित हो जाएगा कियात्री का समय न खराब होते हुए उसके आगे की यात्रा के लिए जो भी प्रबंध होना चाहिए उसके लिए पूरी व्यवस्था मिलेगी, पूरा मार्गदर्शन मिलेगा।
जब विकास होता है तो कभी-कभार ऐसा लगता है किवहां पर ये हुआ तो मेरा क्या होगा जैसे मुख्यमंत्री जी ने जम्मू के लोगों की चिंता का जिक्र किया। मैं अनुभव से कह सकता हूँ किजम्मू के विकास को कभी कोई रूकावट नहीं आएगी। जब सुविधाएं बढ़ती है तो लोग भी अपने समय का सदुपयोग और जगह पर जाने के लिए करते हैं और इसीलिए जो सीधा कटरा आएगा वो जम्मू गए बिना जाएगा नहीं ऐसा मैं नहीं मानता और इसलिए जम्मू की विकास यात्रा और अधिक क्वालिटी की बन पाएगी, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है और साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में कटरा का जुड़ना, कटरा का सेंटर स्टेज पर आना, आने वाले 10 साल की आप कल्पना कीजिए कटरा इतनी तेजी से विकास करेगा, इतनी तेजी से विकास करेगा जो पूरे जम्मू-कश्मीर के विकास के अंदर एक नया योगदान करने वाला एक आर्थिक प्रभुत्तिका केन्द्र बन जाएगा। जब व्यवस्था विकसित होती है और विकास के केन्द्र बिंदु में हमेशा इनफ्रास्ट्रक्चर का सबसे बड़ा महत्व होता है। जैसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर बना आप मानके चलिए किउसके अगल-बगल में व्यवस्थाएं विकसित होना शुरू हो जाएगी। मुझे अभी बताया जा रहा था किट्रेन तो अभी आज शुरू हो रही है लेकिन स्टेशन के अगल-बगल व्यापारियों ने अपनी-अपनी जगह बना ली है और काम शुरू कर दिया है। अगर उनको समय दे किविकास के अंदर कैसे फायदा उठाना, विकास को कैसे भागीदार बनाना है और इसलिए ये सिर्फ एक रेलवे है, एक यात्रा करने की सुविधा है ऐसा नहीं है।
ये एक प्रकार से विकास की जननी बन जाती है और मेरे हिसाब से जम्मू-कश्मीर को रेल से जोड़ने का अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जो शुभारंभ किया है उसको हमें और आगे बढ़ाना है और आने वाले दिनों में बनिहाल तक जाने की जो व्यवस्था है उसको भी आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इतना ही नहीं, हिन्दुस्तान में पहली बार राज्य और केन्द्र मिल करके एक नवीन व्यवस्था को आज प्रारंभ कर रहे हैं। एक प्रकार से हाइब्रिड व्यवस्था है। रेल और बस की कनेक्टिविटी को कॉम्बिनेशन बनाया गया है। अब जो लोग श्रीनगर जाना चाहते होंगे उनको रेलवे से ही रेलवे की भी टिकट मिलेगी और कटरा से बनिहाल तक जो किजहां रेल-मार्ग नहीं है वहां बस की भी टिकट मिलेगी, कटरा वो उतरेगा, बस उपलब्ध होगी, बनिहाल पहुंचेगा, रेल उपलब्ध होगी और तुरंत वो आगे श्रीनगर पहुंचेगा। एक ही टिकट में रेल और बस दोनों का ट्रेवलिंग हो और पैसेंजर को कठिनाई न हो, यात्री को कठिनाई न हो ऐसी सुविधा का आरंभ राज्य और केन्द्र की रेल मिल करके ये दे रहे हैं और भविष्य में भी रेलवे का विकास करने के लिए केन्द्र और राज्य की पार्टनरशिप का मॉडल जितना ज्यादा विकसित होगा उतना फायदा होने वाला है।
मैं मुख्यमंत्री जी की इस बात से सहमत हूँ किहमारे रेलवे स्टेशन ऐसे पुराने क्या होने की जरूरत है,क्यों न हिन्दुस्तान के महत्वपूर्ण स्थानों के रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट से भी बढ़िया क्यों न हो और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ,सिर्फ जम्मू वासियों को नहीं, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूँ किहम रेलवे के विकास में, प्राथमिकता मेट्रो सिटीज़ में जम्मू जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को और उसके जैसे रेलवे स्टेशनों को अतिआधुनिक बनाना, एयरपोर्ट से भी रेलवे स्टेशन ज्यादा अधिक सुविधाजनक हो, ये बनाने का हमारा सपना है और ये बन सकता है। ये कोई कठिन काम नहीं है और ये इकनॉमिकली वाइबल प्रोजेक्ट बन सकता है। मैंने पिछले दिनों रेलवे के मित्रों के साथ बड़े विस्तार से समय निकालकर चर्चा की है और मैंने इसके विषय पर उनको डिटेल में प्रारूप दिया है और अब देखिए देखते ही देखते आपको बदलाव नजर आएगा और इसमें प्राइवेट पार्टी भी इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार हो जाएगी क्योंकिये आर्थिक रूप से एक अच्छी योजना होगी। जो सबको लाभ पहुंचाने वाली होगी एक विन-विन सिचुएशन वाला प्रोजेक्ट होगा। उस दिशा में हम आने वाले दिनों में जरूर आगे बढ़ना चाहते हैं, आज जब हम इस रेल सुविधा को दे रहे हैं यह भी मेरे लिए अत्यंत खुशी की बात है। भारत के विभिन्न राज्यों से कटरा तक छह जोड़ी रेल गाड़ियाँ तुरंत चलाई जाएगी। यानि उसका विस्तार और जगहों पर भी किया जाएगा। उसके अतिरिक्त जम्मू और उधमपुर तक चलने वाली तीनजोड़ी डेमू रेलगाड़ियों का कटरा तक, आज से विस्तार भी किया जा रहा है। जो जम्मू से चलने वाली उधमपुर वाली जो डेमू ट्रेन्स है उसको भी कटरा से जोड़ने का काम हो रहा है।
आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में विकास एक नयी ताकत कैसे बनेगी, देखिए आज का दिन एक प्रकारसे महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण इसलिए है किआज का दिवस जम्मू कश्मीर को नयी गतिभी देने जा रहा है और आज का दिन जम्मू कश्मीर को नयी ऊर्जा भी देने जा रहा है। आज मुझे दो कार्यक्रम करने का अवसर मिला है एक इस रेल कनेक्टिविटी, जो जम्मू कश्मीर को गतिदेगा और उरी में जा करके पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन जो जम्मू कश्मीर को ऊर्जा देगा, विकास की ऊर्जा देगा और जम्मू कश्मीर को विकास की ऊर्जा चाहिए, जम्मू कश्मीर को विकास की गतिचाहिए और एक प्रकार से आज के ये दोनों कार्यक्रम उस निमित्त बड़े महत्वपूर्ण हैं।
मैं मानता हूँ किहमारे देश के जो हिमालयन स्टेट्स हैं, उन हिमालयन् स्टेट्स के विकास के लिए एक अलग से रूप-रेखा की आवश्यकता है। सारे हिमालयन् रेजिंग स्टेटस की कई एक समान कठिनाइयां है कई प्रकार की एक समान अवसर भी हैं अगर उनका एक कॉमन मॉडल विकसित किया जाएगा तो समस्याओं का समाधान भी बहुत जल्दी होगा। केंद्र के पास भी स्पष्ट विज़न होगा। राज्यों की अपेक्षाओं को समझने में केन्द्र सामर्थ बनेगा और हिमालयन स्टेट्स जो है उसके विकास में इस नयी परिधिमें हम जाना चाहते हैं और जिसका लाभ जम्मू कश्मीर को भी मिलेगा और उधर नार्थ-ईस्ट तक हिमालयन रेंज की विकास की यात्रा का लाभ उन सभी राज्यों को मिलेगा और उस दिशा में भी हम आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज मैं जम्मू कश्मीर की धरती पर आया हूँ माता वैष्णोदेवी के चरणों में आया हूँ और जब चुनाव अभियान प्रारंभ किया था तब भी माता वैष्णोदेवी का आशीर्वाद ले करके गया था और आज विकास यात्रा का आरंभ कर रहा हूँ वो भी माता वैष्णोदेवी के आशीर्वाद से कर रहा हूँ और इसलिए मुझे विश्वास है किभारत की विकास यात्रा को और अधिक शक्तिमिलेगी, और अधिक ताकत मिलेगी और अधिक सामर्थ्यवान विस्तार के साथ हम इस विकास यात्रा को आगे बढ़ाएंगे।
टूरिज्म में यात्रियों की सुविधा के साथ रेलवे एक प्रकार से Environment Friendly व्यवस्था होती है और जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly Transportation, वो दुनिया को आकर्षित करने का कारण बनता है। हम इस मार्ग के माध्यम से विश्व के अंदर जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly यातायात को भी बल दे रहे हैं यह अपने आप में एक अच्छे प्रयोग के रूप में हम दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।
और हिमालयन में जितना विकास हम करना चाहेंगे, वो Environment Friendly विकास हो सकता है। उसको हम बल भी दे सकते है, उसकी सुरक्षा करते हुए यात्रियों की सुविधा भी बढ़ा सकते हैं, Environment की सुरक्षा भी हो, यात्रियों की सुविधा भी बढ़े, उस दिशा में हम प्रयास करते हैं, मैं जब यहां रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने गया, वहां का जो मैंने द़श्य ऐसा, ऐसा रेलवे स्टेशन देखने को मिलता बहुत कम है, क्योंकि ऊपर पहाड़ से नीचे स्टेशन पर जाना होता है, तो छोटी पहाड़ी पर से पूरा स्टेशन दिख रहा है, तो कितना बड़ा तामझाम है उसका दर्शन होता है। मैंने तुरंत कहा-हिंदुस्तान का ये ऐसा रेलवे स्टेशन बन सकता है कि जिसको पूरा हम सोलर रेलवे स्टेशन के रूप में कनवर्ट कर सकते हैं। इतनी संभावनाएं पड़ी है। रेलवे चेयमैन ने मुझे कहा मैं साहब, तुरंत इस काम को हाथ में लूंगा और मैं कटरा का पूरा रेलवे स्टेशन, देश का एक रेलवे स्टेशन, Environment Friendly Movement का एक हिस्सा... और बहुत संभावना पड़ी है, उसको जब करेंगे तो जब यात्री आएंगे और ऊपर स्टेशन पे जब जाते होंगे तो उसको देखकर कोर्ठ भी जान लेगा कि सोलर एा उपयोग कैसे और कहां हो सकता है और मुझे विश्वास है कि बहुत जल्दी रेलवे विभाग पूरे रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल का उपयोग करके एक-एक इंच की जगह का उपयोग कर करके उस ऊर्जा का भी उपयोग आने वाले दिनों में कैसे कर सके उस पर प्रयास होगाऔर ऐसा मुझे पूरा विश्वास है।
जम्मू-कश्मीर अनेक समस्याओं से गुजरा है, अनेक कठिनाईयों से गुजरा है और एक भारत के हर नागरिक की इच्छा है, भारत के हर नागरिक का दायित्व है किहमारा जम्मू-कश्मीर सुखी हो, समृद्ध हो। हर एक की इच्छा है और इसको पूरा करना हम सबका दायित्व है। चाहे हम शासन व्यवस्था में हो तो भी, हम शासन व्यवस्था में न हो तो भी। यह हम सबका दायित्व है। यहां के नौजवानों को रोजगार मिले, रोजगार के नए अवसर मिले। उनको नई जिंदगी जीने का अवसर मिले। मैं अभी जब कटरा स्टेशन पर बच्चे ट्रेन में जा रहे थे तो उनको मैंने पूछा किआपमें से कितने लोग है जिन्होंने पहले कभी ट्रेन देखी है, कितने है जो ट्रेन में बैठे है। 21वीं सदी का पहला दशक चला गया उन बच्चों में 80 प्रसेंट बच्चों ने हाथ ऊपर किया किहमने पहली बार ट्रेन में बैठे है आज। उन बच्चों के लिए आनंद का विषय है। लेकिन हमारे लिए सोचने का विषय है किहमविकास यात्रा को कैसे चलाया कि कटरा, इतने निकट के भी बच्चों को जीवन में पहली बार रेल को देखने का 21वीं सदी आने के बाद अवसर मिला है। हमारा दायित्व बनता है किहमारे देश के दूर-सूदूर कोने में बैठे हुए लोगों को भी विकास का लाभ मिलना चाहिए। विकास से प्राप्त सुविधाएं सामान्य मानव तक पहुंचनी चाहिए, आखिरी छोर पर बैठे हुए मानव तक पहुंचनी चाहिए। हम लोगों का प्रयास यही है और मुझे विश्वास है देश की जनता ने जो आशीर्वाद दिए हैं उस आर्शीवाद के बलबूते पर अंतिम छोर पर बैठे हुए गरीब से गरीब व्यक्तिके कल्याण में ये विकास की यात्रा आगे बढ़ेगी, विकास के नए मार्ग स्थापित होंगे और सामान्य व्यक्तिके जीवन को.. उसकी Quality of life में चेंज आएगा।
उसकी आशा अपेक्षा के अनुकूल जीवन व्यवस्था विकसित हो, उस दिशा में हम प्रयास करेंगे। मैं जम्मू कश्मीर के नागरिकों को यही संदेश देना चाहता हूं, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जिस यात्रा को प्रारंभ किया है, उस यात्रा को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं और हमारा मकसद राजनीतिक जय-पराजय वाला नहीं होता है। हमारा मकसद होता है जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक का दिल जीतना है और मैं जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का दिल जीतना यही मेरी प्राथमिकता है और यह प्राथमिकता उसी को विकास के माध्यम से करना है यहां के लोगों के कल्याण के माध्यम से करना है। यहां के लोगों की भलाई के माध्यम से करना है और मुझे विश्वास है इस स्वप्न को हम बहुत ही जल्द, बहुत तेजी गतिसे पूरा करते जाएंगे। इसी सद्भावना के साथ फिर एक बार यह श्री शक्तिएक्सप्रेस राष्ट्र को समर्पित कर रहा हूँ। माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले कोटिकोटिभक्तों को समर्पित करता हूँ और जम्मू-कश्मीर के टूरिज्म के विकास के लिए यह यात्रा अहम भूमिका अदा करेगी। जम्मू–कश्मीर के टूरिज्म को बहुत बल मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के विकास को बहुत बल मिलेगा। इस शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद।
Excellencies,
I welcome the valuable suggestions given and positive thoughts expressed by all of you. WIth respect to India’s proposals, my team will share all details with you, and we will move forward on all subjects in a time bound manner.
Excellencies,
Relations between India and CARICOM countries are based on our shared past experiences, our shared present day needs and our shared aspirations for the future.
India is totally committed to taking these relations to new heights. In all our efforts, we have focused on the concerns of the Global south, and its priorities.
Under India’s presidency, last year, the G20 emerged as as the voice of the Global South. Yesterday, in Brazil as well, i called on the global community to give priority to the countries of the Global south.
I am pleased that India and all our CARICOM friends agree that reforms are necessary in global institutions .
They need to mould themselves to today’s world and to today’s society. This is the need of the hour. In order to make this a reality, close cooperation with CARICOM and CARICOM's support are very important.
Excellencies,
The decisions taken at our meeting today, will add new dimensions to our cooperation in every sector. The India-CARICOM Joint Commission and Joint Working Groups will have an important role to play in implementing them.
In order to take our positive cooperation forward, I propose that the 3rd CARICOM Summit be organised in India.
Once again, I express my heartfelt gratitude to President Irfaan Ali, to Prime Minister Dickon Mitchell, to the CARICOM secretariat, and to all of you.