When the government is strong, the country is strong: PM Modi in Rajampet

Published By : Admin | May 8, 2024 | 16:07 IST
The Congress party has lost touch with India's culture and heritage: PM Modi on the opposition
When the government is strong, the country is strong: PM Modi in Rajampet rally
Congress feels people of West look like Arabs, Congress is now making racist statements: PM Modi
People of Andhra Pradesh made the YSRCP govt with a lot of expectation but they betrayed you, says PM Modi

ना आंध्रा कुटुम्ब सभ्युलन्दरिकी नमस्कारालु…

मैं तिरुपति वैंकटेश स्वामी को श्रद्धापूवर्क प्रणाम करता हूं। भक्तिधारा के संत अन्नामैय्या को नमन करता हूं। यहां तिरुपति और चित्तूर से भी अनेक साथी आए हैं। आप सभी का भी अभिनंदन करता हूं।

भाइयो और बहनों,

रायलसीमा में सामर्थ्य की कोई सीमा नहीं, यहां माइन्स हैं, यहां मिनरल्स है, यहां दिव्य- भव्य टेम्पल्स हैं, यहां मेहनती किसान हैं, टैलेंटेड नौजवान हैं और टूरिज्म... टूरिज्म की अपार संभावना है। इसलिए आज मोदी आपके पास आर्शीवाद लेने के लिए आया है। मोदी का लक्ष्य है, रायलसीमा का डवलपमेंट नई ऊंचाई पर पहुंचे। मोदी का लक्ष्य है, आंध्र प्रदेश का विकास। मोदी लक्ष्यम् आन्ध्र प्रदेश विकासम!

साथियों,

आप सभी ने दशकों तक दूसरों पर भरोसा किया है। लेकिन आपको क्या मिला? यहां डेवलपमेंट नहीं हुआ। यहां सिंचाई की सुविधा नहीं है, यहां इंडस्ट्री नहीं है, यहां किसान परेशान हैं, यहां नौजवानों को काम के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। आप मुझे बताइए, ये हालात बदलने चाहिए या नहीं? तो आपको क्या करना पड़ेगा? आंध्र प्रदेश में डबल इंजन सरकार। आन्ध्र प्रदेश लो कूडा, डबल इंजन सरकार रावाली!

साथियों,

आंध्र प्रदेश की जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ YSR कांग्रेस सरकार बनाई थी। लेकिन इन्होंने आपके साथ विश्वासघात किया। YSR कांग्रेस ने यहां गरीबों का नहीं, माफिया का विकास किया। YSR कांग्रेस के मंत्री कैसे यहां गुंडागर्दी करते हैं, यहां राउडी राज चलाते हैं, वो सबके सामने है। मैं तो हैरान हूं, जिस sand mafia के कारण अन्नामैय्या डैम टूट गया, 25-30 गांवों को नुकसान हुआ, दर्जनों लोगों की जान गई, ऐसे माफिया को यहां की सरकार बढ़ावा देती है। मैं ऐसे हर माफिया को कहूंगा YSR कांग्रेस गवर्मेंट के जाने का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। NDA सरकार, यहां के हर माफिया का इलाज करेगी, पक्का ट्रीटमेंट करेगी। आप बताइए, आपके जीवन में साफ पानी जरूरी है या नहीं? मोदी घर-घर, पाइप से पानी पहुंचाना चाहता है। लेकिन यहां की सरकार जल जीवन मिशन में भी ठीक से सहयोग नहीं करती। पोल्लावरम प्रोजेक्ट के साथ इन्होंने क्या किया, ये आप इतने सालों से देख रहे हैं। इन्होंने रायलसीमा के किसानों को भी इरीगेशन की सुविधाएं नहीं दीं। यहां NDA सरकार बनेगी तो सिंचाई के प्रोजेक्ट तेज़ी से पूरे होंगे।

साथियों,

जब स्ट्रांग गवर्मेंट होती है, तो देश भी स्ट्रांग होता है। आज भारत स्ट्रांग है कि नहीं है? यहां से तो बहुत सारे साथी गल्फ के देशों में हैं। गल्फ के देशों में भारतीयों की आज रिस्पेक्ट बढ़ी है कि नहीं बढ़ी है? वहां किसी भी साथी को प्रॉब्लम होती है, तो मोदी सॉल्व करता है। अभी कतर में हमारे साथी फंस गए थे। 10 साल पहले वाली कांग्रेस सरकार होती, तो उनका बचना मुश्किल था। लेकिन हम उन साथियों को सुरक्षित वापस लाए। ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि आपने NDA की मज़बूत सरकार बनाई। इसलिए आपका हर वोट NDA को मिलना चाहिए।

साथियों,

मोदी नेशन बिल्डिंग के मिशन पर निकला है, देश को आगे बढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। लेकिन कांग्रेस देश को रिवर्स गियर में ले जाना चाहती है। कांग्रेस लगातार धमकी दे रही है कि जो बड़े काम पिछले 10 साल में हुए हैं, वो उन्हें रद्द कर देगी। कांग्रेस कहती है, आर्टिकल-370 को वो वापस लाएंगे फिर से। कांग्रेस कहती है, CAA के कानून को रद्द कर देंगे। कांग्रेस कहती है गरीबों को जो फ्री राशन मिलता है वो योजना को बंद कर देंगे। कांग्रेस कहती है देश के गरीबों को फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट जो मिलता है वो योजना को भी वो बंद कर देंगे। कांग्रेस कहती है, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी पलट देंगे, राम मंदिर पर ताला लगा देंगे। क्या आपको ये सब मंजूर है क्या?

साथियों,

पूरी कांग्रेस पार्टी, भारत की संस्कृति और विरासत से कट चुकी है। कांग्रेस जड़ों से एकदम कट चुकी है। कांग्रेस के मन में हमेशा विभाजनकारी सोच रहती है। कांग्रेस का माइंडसेट ही देश को टुकड़ों में देखने का हो गया है। इसलिए ही कांग्रेस के नेता कभी भारत को एक राष्ट्र मानने से इनकार करते हैं, तो कभी देश को बांटने की बात करते हैं। आज कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने फिर कांग्रेस की विभाजनकारी सोच का प्रदर्शन किया है। गांधी परिवार के बेहद करीबी और शहजादे के सबसे बड़े सलाहकार ने जो कहा है, वो शर्मनाक है। कांग्रेस को लगता है कि जो लोग नॉर्थ ईस्ट के लोग चाइनीज की तरह लगते हैं, क्या ऐसी बातें देश स्वीकार कर सकता है क्या? कांग्रेस को लगता कि साउथ इंडिया के लोग अफ्रीकन जैसे दिखते हैं। मैं जरा सिद्दारमैया जी से पूछना चाहता हूं क्या कर्नाटका के लोगों पर आरोप आप स्वीकार करेंगे क्या? मैं तेलंगाना के कांग्रेस के मुख्यमंत्री को पूछना चाहता हूं क्या वे इस प्रकार के आरोप को स्वीकार करेंगे क्या? मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को पूछना चाहता हूं जो तमिल संस्कृति की बात करतें हैं, इतना बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। क्या तमिलनाडु, DMK कांग्रेस के साथ अपना नाता तोड़ने की घोषणा करेंगे क्या? तमिल स्वाभिमान के लिए, तमिल लोगों के लिए, किया वो हिम्मत है क्या उनमें? कांग्रेस को लगता है कि पश्चिमी भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं। मैं जरा बाला साहब ठाकरे के नकली शिव सेना के जो उनके सन्तान बैठे हैं, जरा बाला साहब जी को याद करो। मैं नकली सन्तानों को पूछना चाहता हूं, मैं जरा उनके मेंटर, बुजुर्ग नेता से भी पूछना चाहता हूं, इन्होनें कहा है कि पश्चिम भारत के लोग अरब नेशन के अरबी लगते हैं? क्या महाराष्ट्र के लोगों को ये भाषा मंजूर है क्या? कांग्रेस को लगता है कि उत्तर भारत के लोग गोरों जैसे दिखते हैं। क्या आपको ये बात स्वीकार है? सत्ता के लिए देश का बंटवारा कराने वाली कांग्रेस अब भारतीयों पर नस्लवादी टिप्पणी करने पर उतर आई है। क्या हो गया है कांग्रेस पार्टी को? और ये बात जरा जो उनकी इकोसिस्टम है वो भी समझ ले कि आप इनका बचाव करने की कोशिश मत करो, क्योंकि जो शहजादे के फिलोसोफर एंड गाइड ने अमेरिका में बोला उसके चार दिन पहले खुद शाहजादे ने युवकों के बीच में कहा कि अमेरिका में इस रंग के लोग पेपर सेट करते हैं तो इस रंग के लोग परीक्षा में ना पास होते हैं। इस रंग के लोग पेपर सेट करें तो सब पास होगें। हिंदुस्तान पर भी उन्होनें वही टिप्पणी की थी जिसका विस्तार शाहजादे के गुरू ने किया है। ये दोनोम की बातें मिली हुई बातें हैं। सोच समझ कर के बोली हुई बातें हैं। और मैं पूरी कांग्रेस पार्टी पर, शहजादे पर, इस शाही परिवार पर गंभीर आरोप लगाता हूं। अरे मुद्दे नहीं हैं तो कम से कम हम भारतीयों का माखौल मत उड़ाओ ?
तीसरे फेज में घुटने टेकने की बौखलाहट में ये लोग कुछ भी कहे जा रहे हैं। लेकिन देश, कांग्रेस की एक-एक विभाजनकारी बात को सुन रहा है, समझ रहा है। क्या आप ऐसी सोच वाली कांग्रेस को, देशवासियों से भी मैं ये कहना चाहता हूं, सिर्फ में आंध्र में नहीं कह रहा हूं। मैं देश के जहां-जहां चुनाव बाकी है, सभी देशवासियों को कहना चाहता हूं ऐसा गुनाह करने वाली कांग्रेस को बक्शा नहीं जाना चाहिए, उनको सजा होनी चाहिए।

साथियों,

आज एनडीए सरकार देश में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने पर बल दे रही है। यहां भी देखिए कितने एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। चारों तरफ फोर लेन, सिक्स लेन हाईवे बन रहे हैं। नंदियाल, तेरागुंतला रेलवे लाइन का काम पूरा हो चुका है। नई कडप्पा बेंगलुरु रेलवे लाइन स्वीकृत हो चुकी है। कडप्पा एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का निर्माण हो रहा है। आने वाले पांच साल में इंफ्रास्ट्रक्चर के ऐसे हर काम का और विस्तार होगा। बीजेपी ने घोषणा की है कि साउथ में भी बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। आप मुझे बताइए आंध्र प्रदेश में बुलेट ट्रेन चलनी चाहिए कि नहीं चलनी चाहिए?

साथियों,

रायलसीमा के किसानों का जीवन सिर्फ और सिर्फ NDA सरकार ही बदल सकती है। यहां टमाटर बहुत उगाया जाता है। आने वाले 5 साल में हम टमाटर जैसी सब्जियों के लिए स्पेशल स्टोरेज के क्लस्टर बनाने जा रहे हैं। पुलिवेंदुला में Banana प्रोसेसिंग क्लस्टर से किसानों और नौजवानों को बहुत लाभ हो रहा है। आने वाले 5 सालों में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का विस्तार होगा। इसमें भी FPO यानि फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइज़शन्स को मदद दी जाएगी। NDA के जितने भी हमारे ये कैंडिडेट हैं, एमएलए का चुनाव भी साथ-साथ है हमारे सभी एमएलए के जो उम्मीदवार है। आप सबसे मेरा आग्रह है इस क्षेत्र के कल्याण के इन सबको बनाकर के भेजिए। इनके अलावा राजम पेट लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मेरे मित्र किरन कुमार रेड्डी, चित्तूर लोकसभा सीट से टीडीपी प्रत्याशी प्रसाद राव। तिरुपति लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बाला प्रसाद राव। कडप्पा लोकसभा सीट से टीडीपी प्रत्याशी भूपेश रेडी। इन मेरे सभी साथियों को जिता करके दिल्ली भेजिए और जब आप इनको वोट देंगे ना तो वोट दिल्ली में सीधा मेरे खाते में जमा होगा।

साथियों,

ज्यादा से ज्यादा मतदान कराना। कराएंगे? ज्यादा से ज्यादा पोलिंग बूथ जीतने है। जीतेंगे? अच्छा मेरा एक काम करेंगे? मेरा एक काम करेंगे? घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि अपने मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आप सबको नमस्कार कहा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे? बोलिए भारत माता की...

भारत माता की...

बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!