Flags off Vande Bharat Express between Puri and Howrah
Dedicates 100% electrification of rail network in Odisha
Lays foundation stone for redevelopment of Puri and Cuttack railway stations
“India’s speed and progress can be seen whenever a Vande Bharat Train runs”
“The Indian Railway connects and weaves everyone together in a thread”
“India has maintained the speed of its development despite extremely adverse global circumstances”
“New India is creating technology indigenously and also taking that to every nook and corner of the country”
“Odisha is one of those states in the country where 100 percent electrification of rail lines has been achieved”
“Infrastructure not only makes people’s lives easier but also empowers society”
“Country is moving with the spirit of ‘Jan Seva hi Prabhu Seva’ - Service of people is the service of god
“Balanced development of the states is necessary for the rapid development of India”
“Central government is paying full attention to ensure that Odisha can successfully combat natural calamities”

जय जगन्नाथ

ओडिशा के राज्यपाल श्री गणेशी लाल जी, मुख्यमंत्री मेरे मित्र श्रीमान नवीन पटनायक जी, कैबिनेट में मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, धर्मेंद्र प्रधान जी, बिश्वेश्वर टुडू जी, अन्य सभी महानुभाव, और पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा के मेरे सभी भाइयों और बहनों!

आज ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को वंदे भारत ट्रेन का उपहार मिल रहा है। वंदे भारत ट्रेन, आधुनिक भारत और आकांक्षी भारतीय, दोनों का प्रतीक बन रही है। आज जब वंदे भारत एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर यात्रा करती हुई गुजरती है, तो उसमें भारत की गति दिखाई देती है और भारत की प्रगति भी दिखाई देती है।

अब बंगाल और ओडिशा में वंदे भारत की ये गति और प्रगति दस्तक देने जा रही है। इससे रेल यात्रा के अनुभव भी बदलेंगे, और विकास के मायने भी बदलेंगे। अब कोलकाता से दर्शन के लिए पुरी जाना हो, या पुरी से किसी काम के लिए कोलकाता जाना हो, ये यात्रा केवल साढ़े 6 घंटे की रह जाएगी। इससे समय भी बचेगा, व्यापार और कारोबार भी बढ़ेगा, और युवाओं के लिए नए अवसर भी तैयार होंगे। मैं ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

जब भी किसी को अपने परिवार के साथ कहीं दूर यात्रा पर जाना होता है, तो रेल ही उसकी सबसे पहली पसंद होती है, उसकी प्राथमिकता होती है। आज ओडिशा के रेल डेवलपमेंट के लिए और भी कई बड़े कार्य हुए हैं। पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का शिलान्यास हो, रेल लाइनों के दोहरीकरण का काम हो, या ओडिशा में रेलवे लाइन के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति हो, मैं इन सभी के लिए ओडिशा के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

ये समय आज़ादी के अमृतकाल का समय है, भारत की एकता को और मजबूत करने का समय है। जितनी ज्यादा एकता होगी, भारत का सामूहिक सामर्थ्य उतना ही ज्यादा शिखर पर पहुंचेगा। ये वंदे भारत ट्रेनें इस भावना का भी प्रतिबिंब हैं। इस अमृतकाल में वंदे भारत ट्रेनें, विकास का इंजन भी बन रही हैं, और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को भी आगे बढ़ा रही है।

भारतीय रेलवे सबको जोड़ती है, एक सूत्र में पिरोती है। वंदे भारत ट्रेन भी अपनी इसी परिपाटी पर चलते हुए आगे बढ़ेगी। ये वंदे भारत, बंगाल और ओडिशा के बीच, हावड़ा और पुरी के बीच, जो आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, उन्हें और मजबूत करेगी। आज देश के अलग-अलग राज्यों में ऐसी ही करीब 15 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। ये आधुनिक ट्रेनें, देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार दे रही हैं।

साथियों,

बीते वर्षों में भारत ने कठिन से कठिन वैश्विक हालातों में भी अपने विकास की गति को बनाए रखा है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है कि इस विकास में हर राज्य की भागीदारी है, देश हर राज्य को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। एक समय था, जब कोई नई टेक्नोलॉजी आती थी या नई सुविधा बनती थी, तो वो दिल्ली या कुछ बड़े शहरों तक ही सीमित रह जाती थी। लेकिन आज का भारत इस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है।

आज का नया भारत, टेक्नोलॉजी भी खुद बना रहा है और नई सुविधाओं को तेजी से देश के कोने-कोने में पहुंचा रहा है। ये वंदे भारत ट्रेन, भारत ने अपने बलबूते ही बनाई है। आज भारत अपने बलबूते ही 5G टेक्नोलॉजी डेवलप करके उसे देश के दूर-सुदूर क्षेत्रों में ले जा रहा है।

भारत ने कोरोना जैसी महामारी की स्वदेशी वैक्सीन तैयार करके भी दुनिया को चौंका दिया था। और इन सब प्रयासों में समान बात ये है कि ये सारी सुविधाएं किसी एक शहर या एक राज्य तक सीमित ही नहीं रहीं, बल्कि सबके पास पहुंचीं, तेजी से पहुंचीं। हमारी ये वंदे भारत ट्रेनें भी अब उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूर्व से लेकर पश्चिम तक, देश के हर किनारे को स्पर्श करती हैं।

भाइयों और बहनों,

'सबका साथ, सबका विकास की इस नीति का सबसे बड़ा लाभ आज देश के उन राज्यों को हो रहा है, जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए थे। पिछले 8-9 वर्षों में ओडिशा में रेल परियोजनाओं के बजट में काफी वृद्धि की गई है। 2014 के पहले 10 वर्षों में यहाँ हर वर्ष औसतन 20 किलोमीटर के आसपास ही रेल लाइनें बिछाई जाती थीं। जबकि साल 2022-23 में यानि सिर्फ एक साल में ही यहां 120 किलोमीटर के आसपास नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं।

2014 के पहले 10 वर्षों में यहां ओडिशा में 20 किलोमीटर से भी कम लाइनों का दोहरीकरण होता था। पिछले साल ये आंकड़ा भी बढ़कर 300 किलोमीटर के आसपास पहुँच गया है। ओडिशा के लोग जानते हैं कि करीब 300 किलोमीटर लंबी खोरधा-बोलांगीर परियोजना कितने वर्षों से लटकी हुई थी। आज इस परियोजना पर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है। हरिदासपुर-पारादीप नई रेलवे लाइन हो, टिटलागढ़-रायपुर लाइन का दोहरीकरण और विद्युतीकरण हो, जिन कामों का इंतज़ार ओडिशा के लोगों को वर्षों से था, वो अब पूरे हो रहे हैं।

आज ओडिशा देश के उन राज्यों में है, जहां शत-प्रतिशत रेल नेटवर्क का electrification हो चुका है। पश्चिम बंगाल में भी शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए तेजी से काम चल भी रहा है। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ी है, और मालगाड़ियों के समय की भी बचत हुई है। ओडिशा जैसा राज्य जो खनिज सम्पदा का इतना बड़ा भंडार है, केंद्र है, उसे रेलवे के electrification से और ज्यादा फायदा मिलेगा। इससे औद्योगिक विकास को गति के साथ ही डीजल से होने वाले प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी।

साथियों,

इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का एक और पक्ष है, जिसकी उतनी ज्यादा चर्चा नहीं होती। इंफ्रास्ट्रक्चर से लोगों का सिर्फ जीवन ही आसान नहीं होता, बल्कि ये समाज को भी सशक्त करता है। जहां इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव होता है, वहां लोगों का विकास भी पिछड़ जाता है। जहां इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होता है, वहां लोगों का विकास भी तेजी से होता है।

आप भी जानते हैं कि पीएम सौभाग्य योजना के तहत भारत सरकार ने ढाई करोड़ से ज्यादा घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया है। इसमें ओडिशा के करीब 25 लाख और बंगाल के सवा सात लाख घर भी शामिल हैं। अब आप सोचिए, अगर ये एक योजना नहीं शुरू हुई होती, तो क्या होता? 21वीं सदी में आज भी ढाई करोड़ घरों के बच्चे अंधेरे में पढ़ने के लिए, अंधेरे में जीने के लिए मजबूर रहते। वो परिवार modern connectivity और उन सभी सुविधाओं से कटे रहते, जो बिजली आने पर मिलती हैं।

साथियों,

आज हम एयरपोर्ट्स की संख्या 75 से बढ़कर करीब 150 हो जाने की बात करते हैं। ये भारत की एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसके पीछे जो सोच है वो इसे और बड़ा बना देती है। आज वो व्यक्ति भी हवाई जहाज में यात्रा कर सकता है, जिसके लिए ये कभी जीवन का सबसे बड़ा सपना था। आपने सोशल मीडिया पर ऐसी कितनी ही तस्वीरें देखी होंगी, जिसमें देश के साधारण नागरिक एयरपोर्ट के अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। जब उनके बेटे या बेटी उन्हें पहली बार हवाई जहाज की यात्रा कराते हैं, उस खुशी की कोई तुलना नहीं हो सकती

साथियों,

इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी भारत की ये उपलब्धियां भी आज अध्ययन का विषय हैं। जब हम इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तय करते हैं, इससे लाखों रोजगार भी बनते हैं। जब हम किसी क्षेत्र को रेल और हाईवे जैसी कनेक्टिविटी से जोड़ते हैं, तो इसका असर सिर्फ यात्रा की सुविधा तक सीमित नहीं रहता। ये किसानों और उद्यमियों को नए बाजार से जोड़ता है, ये पर्यटकों को टूरिस्ट प्लेस से जोड़ता है। ये छात्रों को उनकी पसंद के कॉलेज से जोड़ता है। इसी सोच के साथ आज भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड निवेश कर रहा है।

साथियों,

आज देश जन सेवा ही प्रभु सेवा की सांस्कृतिक सोच से आगे बढ़ रहा है। हमारी आध्यात्मिक व्यवस्था ने सदियों से इस विचार को पोषित किया है। पुरी जैसे तीर्थ, जगन्नाथ मंदिर जैसे पवित्र स्थान इसके केंद्र रहे हैं। भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद से सदियों से कितने ही गरीबों को भोजन मिलता आ रहा है।

इसी भावना के साथ आज देश प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना चला रहा है, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहा है। आज किसी गरीब को इलाज की जरूरत होती है, तो आयुष्मान कार्ड के जरिए 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज उसे मिलता है। करोड़ों गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान मिले हैं। घर में उज्ज्वला का गैस सिलेंडर हो या जल जीवन मिशन के तहत पानी की सप्लाई हो, आज गरीब को भी वो सब मौलिक सुविधाएं मिल रही हैं, जिनके लिए उसे पहले बरसों का इंतजार करना पड़ता था।

साथियों,

भारत के तेज विकास के लिए, भारत के राज्यों का संतुलित विकास भी उतना ही आवश्यक है। आज देश का प्रयास है कि कोई भी राज्य संसाधनों के अभाव के कारण विकास की दौड़ में पिछड़ना नहीं चाहिए। इसीलिए 15वें वित्त आयोग में ओडिशा और बंगाल जैसे राज्यों के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा बजट की सिफ़ारिश की गई। ओडिशा जैसे राज्य को तो इतनी विशाल प्राकृतिक सम्पदा का भी आशीर्वाद मिला हुआ है। लेकिन, पहले गलत नीतियों के कारण राज्यों को अपने ही संसाधनों से वंचित रहना पड़ता था।

हमने खनिज सम्पदा को ध्यान में रखते हुए खनन नीति में सुधार किया। इससे आज खनिज संपदा वाले सभी राज्यों के राजस्व में काफी वृद्धि हुई है। GST आने के बाद टैक्स से होने वाली आमदनी भी काफी बढ़ गई है। ये संसाधन आज राज्य के विकास के लिए काम आ रहे हैं, गांव गरीब की सेवा में काम आ रहे हैं। ओडिशा, प्राकृतिक आपदाओं का सफलता से मुकाबला कर सके, इस पर भी केंद्र सरकार का पूरा ध्यान है। हमारी सरकार ने ओडिशा को आपदा प्रबंधन और NDRF के लिए 8 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी है। इससे साइक्लोन के दौरान जन और धन दोनों की सुरक्षा में मदद मिली है।

साथियों,

मुझे विश्वास है आने वाले समय में ओडिशा, बंगाल और पूरे देश के विकास की ये गति और बढ़ेगी। भगवान जगन्नाथ, माँ काली उन्‍हीं की कृपा से हम नए और विकसित भारत के लक्ष्य तक अवश्य पहुंचेंगे। इसी कामना के साथ, आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद! फिर एक बार सभी को जय जगन्‍नाथ!

 

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Prime Minister lauds the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948
December 03, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi lauded the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948 in Rajya Sabha today. He remarked that it was an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.

Responding to a post on X by Union Minister Shri Hardeep Singh Puri, Shri Modi wrote:

“This is an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.”