Centre's free ration scheme will be extended by 5 more years: PM Modi in Ratlam

Published By : Admin | November 4, 2023 | 16:12 IST
QuoteCentre's free ration scheme, Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana will be extended by 5 more years, says PM Modi in Ratlam
QuoteBe it the country or Madhya Pradesh, Congress is only left with false promises. Congress doesn't even know the roadmap for the development of Madhya Pradesh: PM Modi
QuoteIn Ratlam, PM Modi says the bag of urea, which costs Rs 3,000 in foreign countries, today is available to Indian farmers for less than Rs 300
QuoteCongress leaders are filmy, their dialogues are also filmy. When the characters are filmy then the scene will also be filmy: PM Modi takes a dig at Congress leaders in Ratlam

भारत माता की...

भारत माता की...

मैं खाटूश्याम जी को शीश नवाकर प्रणाम करता हूं। श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ को भी मेरा प्रणाम। रतलाम की पहचान, स्वाद के लिए है। रतलाम आए और रतलामी सेव नहीं खाया तो उसे रतलाम आया माना नहीं जाता है। सही बात है ना? यही सच्चाई है ना? जब 3 दिसंबर को भाजपा सरकार की वापसी का जश्न मनेगा, तो लड्डू के साथ रतलामी सेव भी खूब खाया जाएगा।

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मेरे परिवारजनों,
MP में भाजपा के समर्थन में चल रही ये आंधी अद्भुत है। जो लोग दिल्ली में बैठकर के गुणा-भाग करते रहते हैं ना आज उनका हिसाब-किताब बदल जाएगा। अब चर्चा ये नहीं होगी कौन जीतेगा? चर्चा ये होगी कि भाजपा दो तिहाई बहुमत लेगा या दो तिहाई बहुमत के कम रहेगा? ये भाजपा ही है जिसने MP को एग्रीकल्चर में इतना आगे बढ़ाया। ये भाजपा ही है जिसने MP को रोड और रेल नेटवर्क में इतना आगे बढ़ाया। ये भाजपा ही जिसने MP में औद्योगिक विकास किया, इसे आधुनिक शिक्षा का हब बनाया। इसलिए MP के लोग भाजपा पर अटूट विश्वास करते हैं। और भाजपा पर मध्य प्रदेश का ये भरोसा तब से है जब देश में भाजपा को बहुत कम लोग जानते थे। आज तो भाजपा, दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। आज केंद्र में करीब 10 साल से भाजपा की सरकार है। वो भाजपा सरकार, जिसने भारत को विश्व में 5वें नंबर की आर्थिक शक्ति बना दिया। वो भाजपा सरकार जिसने कोरोना के इतने बड़े महासंकट में देश को पिछड़ने नहीं दिया। वो भाजपा सरकार जिसके कार्यकाल में देश ने चंद्रमा पर अपना झंडा गाड़ा। आज भारत के गौरव को नई बुलंदी मिली है, नई पहचान मिली है। और इसमें मध्य प्रदेश का भी बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए, लोग आज कहते हैं कि एमपी के मन में मोदी है और मोदी के मन में एमपी है। इसलिए, एमपी कह रहा है-
एक बार फिर... एक बार फिर... एक बार फिर... भाजपा सरकार !

मेरे परिवारजनों,
देश हो या फिर मध्य प्रदेश, कांग्रेस के पास सिर्फ झूठी घोषणाओं का भोंपू ही बच गया है। मध्य प्रदेश के विकास के लिए ठोस रोडमैप क्या होगा, ये कांग्रेस को पता तक नहीं है। इतनी दूर की कांग्रेस सोच ही नहीं सकती। कांग्रेस के नेता फिल्मी हैं। कांग्रेसियों के डायलॉग फिल्मी हैं। कांग्रेस की घोषणाएं भी फिल्मी हैं। और जब किरदार फिल्मी हैं, तब सीन भी तो फिल्मी ही होगा। यहां कांग्रेस के दो नेताओं के बीच, कपड़े फाड़ने का कंपटीशन चल रहा है। और अभी तो ये फिल्म का ट्रेलर है। ये अपने-अपने चेलों को बताते हैं कि एक बार अगर मौका मिल गया ना तो उसके वे खुद के तो फाड़ेंगे ही आपके भी फाड़ेंगे। 3 दिसंबर को भाजपा की जीत के बाद यहां कांग्रेस की असली पिक्चर दिखेगी, कांग्रेस की असली सिर-फुटव्वल होगी। अभी तो प्रैक्टिस चल रही है।

साथियों,
कांग्रेस की आपसी लड़ाई में हमें एक बात कभी भी भूलनी नहीं है। आप याद रखिए, ये जो आपस में गुथमगुत्था है ना, एक-दूसरे के कपड़े फाड़ रहे हैं ना। जहां भी उनको मौका मिला है ना उन्होंने जनता के ही कपड़े फाड़ दिए हैं और इनको अवसर देना बहुत बड़ा संकट होता है।

मेरे प्यारे परिवारजनों,
आप राजस्थान और छत्तीसगढ़ में देखिए, 5 साल तक इन्होंने इन राज्यों का क्या हाल कर के रखा दिया है। कांग्रेस मतलब राज्य में हजारों करोड़ के घोटाले, कांग्रेस मतलब राज्य में अपराधियों का बोल-बाला, कांग्रेस मतलब राज्य में गरीबों से विश्वासघात, कांग्रेस मतलब राज्य में दलितों-पिछड़ों-अदिवासियों पर अत्याचार, कांग्रेस मतलब राज्य को बीमार बनाने की गारंटी। कांग्रेस को ऐसे ही काम उनके चरित्र में बन गए उनके स्वभाव में बन गए उनके खून का हिस्सा बन गए। जानते हैं कि यहां के कांग्रेस के शीर्ष नेता आपस में क्यों लड़ रहे हैं? ये सीएम की कुर्सी के लिए नहीं लड़ रहे, उन्हें पता है कि MP में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। इसलिए वे सीएम की कुर्सी के लिए नहीं ल़ड़ रहे हैं। ये जो अंदर गुत्थमगुत्थी चल रही है ना कपड़ा फाड़ काम चल रहा है ना, ये दोनों नेता तो अपने-अपने बेटों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, कि आगे किसको मिलेगा। लड़ाई इस बात की है कि किसका बेटा, मध्य प्रदेश कांग्रेस पर कब्ज़ा करेगा। कांग्रेस सिर्फ परिवारवाद का परचम लहरा सकती है। मध्य प्रदेश का परचम लहराना कांग्रेस के बस की बात नहीं है।

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साथियों,
भाजपा, आपके परिवार के वर्तमान, आपके बच्चों के भविष्य के लिए काम कर रही है। आपका सपना ही, मध्य प्रदेश के मेरे भाइयों और बहनों, मेरी गारंटी है आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। इसलिए गरीब से गरीब परिवार को समर्थ बनाना भाजपा सरकार का मिशन है। इसलिए भाजपा सरकार, गरीब की हर चिंता का समाधान कर रही है, गरीब की हर छोटी-छोटी जरूरत को पूरा कर रही है। जैसे गरीब का बहुत बड़ा सपना होता है कि उसके पास अपना पक्का घर हो। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो गरीबों के घर बनाने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। ये भाजपा सरकार है जिसने पिछले 10 साल में 4 करोड़ से ज्यादा घर गरीबों को बनाकर के दिए हैं। मध्य प्रदेश में भी करीब-करीब 50 लाख गरीबों को पीएम आवास योजना के पक्के घर मिले हैं। यहां रतलाम में भी गरीबों के लिए 90 हजार घर बनाए गए हैं। ये लाखों रुपए के घर हैं और इनमें से अधिकतर घरों की रजिस्ट्री बहनों के नाम पर हुई है। और अब हमारा मध्य प्रदेश तो जब बहन को याद करो तो मामा याद आ ही जाता है। यानि, यहां की हज़ारों महिलाएं, लखपति बनी हैं, उनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति हुई है। हमारे शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों का, अपने घर का सपना पूरा हो, इसके लिए भी केंद्र सरकार पूरी गंभीरता से काम कर रही है। जिसकी 18 लाख रुपए की आय है, उसे घर खरीदने पर ब्याज में छूट देने वाली योजना चलाई जा रही है। और इस देश में आजादी के इतने सालों के बाद भी मध्यम वर्ग के लिए शहरी मध्यम वर्ग के लिए किसी सरकार ने योजना नहीं बनाई थी। ये मोदी पहला प्रधानमंत्री है जिसने इसकी चिंता की। इस योजना का लाभ लेने वाले मध्यम वर्ग के हर परिवार को लाखों रुपए की मदद हो रही है।

मेरे परिवारजनों,
जब मैं गरीबों की बात करता हूं, तो इसमें भी सबसे बड़ी संख्या, मेरे दलित भाई-बहन, मेरे पिछड़े भाई-बहन और मेरे आदिवासी परिवारों की रही है। ये भाजपा ही है जिसने कोरोना के संकट काल में भी गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना बनाई। एक वक्त के खाने की भूख क्या होती है, ये गरीबी से निकला व्यक्ति ही महसूस कर सकता है। देश की किसी मां को, किसी पिता को, अपने बच्चे को भूखा ना देखना पड़े, आज मोदी इसकी गारंटी बन गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश में पिछले तीन साल से गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। मुफ्त राशन से जुड़ा एक और निश्चय, और मोदी तो गरीबी से निकला है ना, उसे मालूम है.. मेरा एक और निर्णय है, मेरा एक और निश्चय है। वैसे तो ये योजना एक महीने के बाद उसका समय पूरा हो रहा है। 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने वाली योजना दिसंबर में पूरी हो रही है, लेकिन मोदी का निश्चय है आने वाले पांच साल के लिए इसको बढ़ाया जाएगा। आने वाले पांच साल तक 80 करोड़ मेरे देशवासियों का चूल्हा जलता रहे। ये मोदी की गारंटी है। और अब ये योजना पांच साल के लिए आगे बढ़ेगी। गरीबों को राशन मुफ्त में मिलता रहेगा। उसे जो पैसे बचेंगे वो जीवन के और आवश्यकताओं के लिए मेरा गरीब लगाएगा। देश के हर गरीब को, हर माता-बहन को मोदी जब गारंटी देता है ना तो गारंटी पूरी करने की गारंटी साथ देकर आता है।

साथियों,
भाजपा की डबल इंजन सरकार की हर योजना के मूल में माताएं-बहनें और बेटियां हैं। शौचालय के अभाव में, गैस कनेक्शन के अभाव में, बिजली और पानी के अभाव में, सबसे अधिक परेशानी अगर किसी को होती है तो परिवार में हमारी माताओ, बहनों, और बेटियों को ही होती है। उज्जवला योजना के कारण आदिवासी परिवारों की, दलित-पिछड़े परिवारों की करोड़ों बहनों को धुएं से मुक्ति मिली है। और आपको कुछ ही दिन पहले रक्षाबंधन पर एक और खुशखबरी मैंने भेजी थी, उज्जवला की लाभार्थियों बहनों के लिए गैस सिलेंडर, 500 रुपए सस्ता कर दिया गया है। बहनों को पानी के लिए घर से दूर ना जाना पड़े, इसका बीड़ा भी आपके इस भाई ने ही उठाया है। हर घर जल अभियान, के तहत मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों को नल से जल की सुविधा दी जा चुकी है। और वो दिन दूर नहीं, जब एमपी के हर घर में पाइप से पानी की सुविधा होगी।

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साथियों,
डबल इंजन सरकार का क्या फायदा होता है, इसका एक और उदाहरण हमारे जनधन खाते हैं। मोदी ने महिलाओं के बैंकों में खाते खुलवाए, हर लाभ, उन बैंक खातों में पहुंचे इसकी व्यवस्था की। यहां मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने उन बैंक खातों के माध्यम से बहनों-बेटियों तक सीधी सहायता पहुंचाई। लाडली बहन योजना और लाडली लक्ष्मी योजना की प्रशंसा आज पूरे देश में हो रही है। गर्भवती माताओं को भी अच्छा पोषक आहार मिले, इसके लिए भी प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना चल रही है। इसके तहत भी मध्य प्रदेश की लाखों बहनों को 1600 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

मेरे परिवारजनों,
माताओं-बहनों के सशक्तिकरण की ये सच्ची कोशिश ही भाजपा सरकार की सही पहचान है। इसलिए भाजपा ने महिलाओं को दी गई अपनी एक-एक गारंटी पूरी की है। महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर कांग्रेस बरसों तक बैठी रही। हमने नारीशक्ति वंदन अधिनियम लाकर महिलाओं की बरसों पुरानी मांग पूरी की। कांग्रेस तो ऐसी पार्टी है, जो एक परिवार से बाहर देख ही नहीं सकती। इसलिए आदिवासियों के सच्चे सशक्तिकरण के लिए भी उसने कभी काम नहीं किया। आप याद कीजिए, देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति जी का कांग्रेस ने कितना घनघोर विरोध किया था। भाजपा के ही एक पुराने नेता को उनके खिलाफ मैदान में उतारकर, कांग्रेस ने दिखाया कि वो आदिवासी बेटी को रोकने के लिए किस हद तक जा सकती है। इसलिए पूरे देश का आदिवासी समाज, कांग्रेस से बहुत नाराज़ है। कांग्रेस को सजा देने के मूड में है।

मेरे परिवारजनों,
आदिवासी हितों की रक्षा, आदिवासी भाई-बहनों का कल्याण, भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। ये भाजपा है, जिसने देश की आजादी में आदिवासी समाज के योगदान को राष्ट्रीय पहचान दी है।
ये भाजपा सरकार ही है जिसने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। कुछ दिन पहले ही हमने रानी दुर्गावती की 500वीं जन्म-जयंति को धूमधाम से मनाया है। मुझे जबलपुर में उनके भव्य स्मारक का, गोंड संस्कृति के स्मारक का शिलान्यास करने का अवसर मिला। मैं और शिवराज जी दोनों वहां जाकर के एक बहुत बड़े काम का आरंभ किया। आज भारत के आधुनिकतम रेलवे स्टेशन का नाम, रानी कमलापति के नाम पर है। आज जननायक टंट्याभील के नाम पर मध्य प्रदेश में अनेक संस्थान हैं, अनेक योजनाएँ हैं।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा सरकार लोकल उत्पादों को देश-विदेश तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए, एक जिला, एक उत्‍पाद के तहत वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत रतलामी सेव को चुना गया है। यहां नमकीन क्‍लस्‍टर भी स्‍थापित किया गया है। जो नए औद्योगिक क्‍लस्‍टर बन रहे हैं, उससे भी छोटे-छोटे उद्योगों को बल मिलेगा। नए टेक्‍सटाइल पार्क से भी अनेक रोजगार बनने वाले हैं। भाजपा के शासन में 21वीं सदी का मध्य प्रदेश अब आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस हो रहा है। रतलाम से भी कभी 8 लेन का एक्सप्रेस वे होकर गुज़रेगा, पुरानी पीढ़ी ने ये सोचा भी नहीं होगा। लेकिन आज ये एक सच्चाई बन चुका है। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे की वजह से ये क्षेत्र कोटा और सूरत जैसे शहरों से भी कनेक्ट हो गया है। अब यहां उद्योगों के लिए नया गलियारा बनने जा रहा है। नया कॉरिडोर बनने जा रहा है। इससे यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनने जा रहे हैं। इससे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में मालवा की, रतलाम की पहचान और सशक्त होगी।

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मेरे परिवारजनों,
देश में ऐसा कोई नहीं है जिसे कांग्रेस ने कभी ठगा नहीं है। हर चुनाव में कांग्रेस, कर्जमाफी का झुनझुना लेकर आती रहती है। पिछली बार भी इन्होंने यही किया था। लेकिन कांग्रेस का इतिहास है कि कांग्रेस की कर्जमाफी का फायदा किसानों को नहीं कांग्रेसियों को उनके चेले चपाटों को ही मिलता है। जबकि भाजपा सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है। हम किसानों के हर छोटे-बड़े खर्चों की चिंता कर रहे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देशभर के किसानों को 2 लाख 60 हज़ार करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खाते में भेजे गए हैं। मध्य प्रदेश में तो डबल इंजन सरकार के कारण, किसानों को डबल फायदा मिल रहा है। आज अनाज हो या फिर दलहन-तिलहन, कांग्रेस राज की तुलना में भाजपा सरकार, कहीं ज्यादा मात्रा में खरीद कर रही है। हाल ही में गेहूं, चना और दूसरी फसलों के MSP में भी बड़ी बढ़ोतरी की गई है। इसका लाभ भी मध्य प्रदेश के किसानों को होगा।
किसानों को महंगा यूरिया, महंगी खाद ना खरीदनी पड़े, इसके लिए भी भाजपा सरकार लगातार काम कर रही है। विदेशों में यूरिया की जो बोरी 3 हज़ार रुपए की है, आज वही बोरी भारत के किसानों को 300 रुपए से भी कम में मिलती है। इस पर भी भाजपा सरकार लाखों करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

मेरे परिवारजनों,
समाज के हर वर्ग, हर क्षेत्र, हर परिवार के हित में जब ऐसे काम होते हैं, तभी भाजपा सरकार पर इतना अधिक भरोसा होता है। यहां रतलाम में जो कुछ मैं देख रहा हूं, वो भाजपा की प्रचंड विजय का उद्घोष है। साथियों मैं अभी छत्तीसगढ़ से आ रहा हूं। मेरा ये शब्द लिख लीजिए... छत्तीसगढ़ में भी भाजपा सरकार बनना तय है। लेकिन भाजपा की ये विजय सिर्फ सीटों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि शत-प्रतिशत बूथों में कमल खिलना चाहिए। आप इतनी बड़ी संख्या में आए। आपके दर्शन का मुझे सौभाग्य मिला। लेकिन मेरा एक काम यहां आए हैं तो करना पड़ेगा। करोगे? जो वहां टेंट के बाहर लोग बहुत खड़े हैं, सुन रहे हैं मेरी बात। जरा हाथ ऊपर करके बताइए मेरा काम करेंगे? मेरा एक काम करेगे आपलोग? ये वाले टेंट वाले भी करेंगे? ये वाले भी करेंगे? पक्का करेंगे? मैं भरोसा करूं? वाह.. तो मेरा ये काम करिए। ये जो मैं कह रहा हूं ना काम वो चुनावी काम नहीं है। करोगे ना? चुनाव के लिए नहीं कह रहा हूं मेरे लिए कह रहा हूं। करोगे पक्का? एक काम करिएगा। यहां से घर-घर जाइए.. और हर घर जाकर के कहिए कि मोदी जी रतलाम आए थे, मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। इतना कह देंगे? मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? हर परिवार में जब मेरा प्रणाम पहुंचेगा वो माता वो बुजुर्ग, घरे के परिवार के मुखिया जब मुझे आशीर्वाद देते हैं ना तो काम करने की मेरी ताकत कई गुना बढ़ जाती है। साथियों आप इतनी बड़ी तादाद में आए, ये मोमेंटम बना रहे। मेरे साथ बोलिए भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद

  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • ANKUR SHARMA September 07, 2024

    नया भारत-विकसित भारत..!! मोदी है तो मुमकिन है..!! 🇮🇳🙏
  • Rajkumar Sen Rajkumar Sen Rajkumar sen June 19, 2024

    Rajkumarsen
  • Rajkumar Sen Rajkumar Sen Rajkumar sen June 19, 2024

    मध्य प्रदेश जिला सीधी जिला कुसमी ब्लाक सभी कर्मचारी मोहल्ला परवाह है बिना घोष के काम नहीं करते हैं हमारे निवेदन है के संदेश सीएम तक पहुंचना चाहिए कार्रवाई की जाए गरीब को सताया ना जाए
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
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India is driving global growth today: PM Modi at Republic Plenary Summit
March 06, 2025
QuoteIndia's achievements and successes have sparked a new wave of hope across the globe: PM
QuoteIndia is driving global growth today: PM
QuoteToday's India thinks big, sets ambitious targets and delivers remarkable results: PM
QuoteWe launched the SVAMITVA Scheme to grant property rights to rural households in India: PM
QuoteYouth is the X-Factor of today's India, where X stands for Experimentation, Excellence, and Expansion: PM
QuoteIn the past decade, we have transformed impact-less administration into impactful governance: PM
QuoteEarlier, construction of houses was government-driven, but we have transformed it into an owner-driven approach: PM

नमस्कार!

आप लोग सब थक गए होंगे, अर्णब की ऊंची आवाज से कान तो जरूर थक गए होंगे, बैठिये अर्णब, अभी चुनाव का मौसम नहीं है। सबसे पहले तो मैं रिपब्लिक टीवी को उसके इस अभिनव प्रयोग के लिए बहुत बधाई देता हूं। आप लोग युवाओं को ग्रासरूट लेवल पर इन्वॉल्व करके, इतना बड़ा कंपटीशन कराकर यहां लाए हैं। जब देश का युवा नेशनल डिस्कोर्स में इन्वॉल्व होता है, तो विचारों में नवीनता आती है, वो पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर देता है और यही ऊर्जा इस समय हम यहां महसूस भी कर रहे हैं। एक तरह से युवाओं के इन्वॉल्वमेंट से हम हर बंधन को तोड़ पाते हैं, सीमाओं के परे जा पाते हैं, फिर भी कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं रहता, जिसे पाया ना जा सके। कोई मंजिल ऐसी नहीं रहती जिस तक पहुंचा ना जा सके। रिपब्लिक टीवी ने इस समिट के लिए एक नए कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मैं इस समिट की सफलता के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं। अच्छा मेरा भी इसमें थोड़ा स्वार्थ है, एक तो मैं पिछले दिनों से लगा हूं, कि मुझे एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है और वो एक लाख ऐसे, जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हो, तो एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरा जो यह मेरा मकसद है उसका ग्राउंड बना रहे हैं। दूसरा मेरा व्यक्तिगत लाभ है, व्यक्तिगत लाभ यह है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे उनको पता ही नहीं है कि 2014 के पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी, उसे पता नहीं है, 10-10, 12-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे, उसे पता नहीं है और वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने कंपैरिजन के लिए कुछ नहीं होगा और इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है और मुझे पक्का विश्वास है, यह जो ग्राउंड बन रहा है ना, वो उस काम को पक्का कर देगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया कह रही है कि ये भारत की सदी है, ये आपने नहीं सुना है। भारत की उपलब्धियों ने, भारत की सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है। जिस भारत के बारे में कहा जाता था, ये खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा, वो भारत आज दुनिया की ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है। मैं भारत के फ्यूचर की दिशा क्या है, ये हमें आज के हमारे काम और सिद्धियों से पता चलता है। आज़ादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की ग्यारहवें नंबर की इकॉनॉमी था। बीते दशक में हम दुनिया की पांचवें नंबर की इकॉनॉमी बने, और अब उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

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साथियों,

मैं आपको 18 साल पहले की भी बात याद दिलाता हूं। ये 18 साल का खास कारण है, क्योंकि जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनको 18 साल के पहले का पता नहीं है, इसलिए मैंने वो आंकड़ा लिया है। 18 साल पहले यानि 2007 में भारत की annual GDP, एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंची थी। यानि आसान शब्दों में कहें तो ये वो समय था, जब एक साल में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी होती थी। अब आज देखिए क्या हो रहा है? अब एक क्वार्टर में ही लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही है। इसका क्या मतलब हुआ? 18 साल पहले के भारत में साल भर में जितनी इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही थी, उतनी अब सिर्फ तीन महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जो दिखाते हैं कि बीते एक दशक में कैसे बड़े बदलाव भी आए और नतीजे भी आए। बीते 10 सालों में, हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। आप वो दौर भी याद करिए, जब सरकार खुद स्वीकार करती थी, प्रधानमंत्री खुद कहते थे, कि एक रूपया भेजते थे, तो 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था, वो 85 पैसा कौन पंजा खा जाता था और एक आज का दौर है। बीते दशक में गरीबों के खाते में, DBT के जरिए, Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए 42 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं, 42 लाख करोड़ रुपए। अगर आप वो हिसाब लगा दें, रुपये में से 15 पैसे वाला, तो 42 लाख करोड़ का क्या हिसाब निकलेगा? साथियों, आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं।

साथियों,

10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। लेकिन आज भारत सोलर एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के टॉप-5 countries में से है। हमने सोलर एनर्जी कैपेसिटी को 30 गुना बढ़ाया है। Solar module manufacturing में भी 30 गुना वृद्धि हुई है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी, बच्चों के खिलौने भी विदेशों से मंगाते थे। आज हमारे Toys Exports तीन गुना हो चुके हैं। 10 साल पहले तक हम अपनी सेना के लिए राइफल तक विदेशों से इंपोर्ट करते थे और बीते 10 वर्षों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 20 गुना बढ़ गया है।

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साथियों,

इन 10 वर्षों में, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टील प्रोड्यूसर हैं, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर हैं और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बने हैं। इन्हीं 10 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने Capital Expenditure को, पांच गुना बढ़ाया है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। इन दस सालों में ही, देश में ऑपरेशनल एम्स की संख्या तीन गुना हो गई है। और इन्हीं 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीट्स की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

साथियों,

आज के भारत का मिजाज़ कुछ और ही है। आज का भारत बड़ा सोचता है, बड़े टार्गेट तय करता है और आज का भारत बड़े नतीजे लाकर के दिखाता है। और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश की सोच बदल गई है, भारत बड़ी Aspirations के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले हमारी सोच ये बन गई थी, चलता है, होता है, अरे चलने दो यार, जो करेगा करेगा, अपन अपना चला लो। पहले सोच कितनी छोटी हो गई थी, मैं इसका एक उदाहरण देता हूं। एक समय था, अगर कहीं सूखा हो जाए, सूखाग्रस्त इलाका हो, तो लोग उस समय कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तो मेमोरेंडम देते थे गांव के लोग और क्या मांग करते थे, कि साहब अकाल होता रहता है, तो इस समय अकाल के समय अकाल के राहत के काम रिलीफ के वर्क शुरू हो जाए, गड्ढे खोदेंगे, मिट्टी उठाएंगे, दूसरे गड्डे में भर देंगे, यही मांग किया करते थे लोग, कोई कहता था क्या मांग करता था, कि साहब मेरे इलाके में एक हैंड पंप लगवा दो ना, पानी के लिए हैंड पंप की मांग करते थे, कभी कभी सांसद क्या मांग करते थे, गैस सिलेंडर इसको जरा जल्दी देना, सांसद ये काम करते थे, उनको 25 कूपन मिला करती थी और उस 25 कूपन को पार्लियामेंट का मेंबर अपने पूरे क्षेत्र में गैस सिलेंडर के लिए oblige करने के लिए उपयोग करता था। एक साल में एक एमपी 25 सिलेंडर और यह सारा 2014 तक था। एमपी क्या मांग करते थे, साहब ये जो ट्रेन जा रही है ना, मेरे इलाके में एक स्टॉपेज दे देना, स्टॉपेज की मांग हो रही थी। यह सारी बातें मैं 2014 के पहले की कर रहा हूं, बहुत पुरानी नहीं कर रहा हूं। कांग्रेस ने देश के लोगों की Aspirations को कुचल दिया था। इसलिए देश के लोगों ने उम्मीद लगानी भी छोड़ दी थी, मान लिया था यार इनसे कुछ होना नहीं है, क्या कर रहा है।। लोग कहते थे कि भई ठीक है तुम इतना ही कर सकते हो तो इतना ही कर दो। और आज आप देखिए, हालात और सोच कितनी तेजी से बदल रही है। अब लोग जानते हैं कि कौन काम कर सकता है, कौन नतीजे ला सकता है, और यह सामान्य नागरिक नहीं, आप सदन के भाषण सुनोगे, तो विपक्ष भी यही भाषण करता है, मोदी जी ये क्यों नहीं कर रहे हो, इसका मतलब उनको लगता है कि यही करेगा।

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साथियों,

आज जो एस्पिरेशन है, उसका प्रतिबिंब उनकी बातों में झलकता है, कहने का तरीका बदल गया , अब लोगों की डिमांड क्या आती है? लोग पहले स्टॉपेज मांगते थे, अब आकर के कहते जी, मेरे यहां भी तो एक वंदे भारत शुरू कर दो। अभी मैं कुछ समय पहले कुवैत गया था, तो मैं वहां लेबर कैंप में नॉर्मली मैं बाहर जाता हूं तो अपने देशवासी जहां काम करते हैं तो उनके पास जाने का प्रयास करता हूं। तो मैं वहां लेबर कॉलोनी में गया था, तो हमारे जो श्रमिक भाई बहन हैं, जो वहां कुवैत में काम करते हैं, उनसे कोई 10 साल से कोई 15 साल से काम, मैं उनसे बात कर रहा था, अब देखिए एक श्रमिक बिहार के गांव का जो 9 साल से कुवैत में काम कर रहा है, बीच-बीच में आता है, मैं जब उससे बातें कर रहा था, तो उसने कहा साहब मुझे एक सवाल पूछना है, मैंने कहा पूछिए, उसने कहा साहब मेरे गांव के पास डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दीजिए ना, जी मैं इतना प्रसन्न हो गया, कि मेरे देश के बिहार के गांव का श्रमिक जो 9 साल से कुवैत में मजदूरी करता है, वह भी सोचता है, अब मेरे डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। ये है, आज भारत के एक सामान्य नागरिक की एस्पिरेशन, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर पूरे देश को ड्राइव कर रही है।

साथियों,

किसी भी समाज की, राष्ट्र की ताकत तभी बढ़ती है, जब उसके नागरिकों के सामने से बंदिशें हटती हैं, बाधाएं हटती हैं, रुकावटों की दीवारें गिरती है। तभी उस देश के नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, आसमान की ऊंचाई भी उनके लिए छोटी पड़ जाती है। इसलिए, हम निरंतर उन रुकावटों को हटा रहे हैं, जो पहले की सरकारों ने नागरिकों के सामने लगा रखी थी। अब मैं उदाहरण देता हूं स्पेस सेक्टर। स्पेस सेक्टर में पहले सबकुछ ISRO के ही जिम्मे था। ISRO ने निश्चित तौर पर शानदार काम किया, लेकिन स्पेस साइंस और आंत्रप्रन्योरशिप को लेकर देश में जो बाकी सामर्थ्य था, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था, सब कुछ इसरो में सिमट गया था। हमने हिम्मत करके स्पेस सेक्टर को युवा इनोवेटर्स के लिए खोल दिया। और जब मैंने निर्णय किया था, किसी अखबार की हेडलाइन नहीं बना था, क्योंकि समझ भी नहीं है। रिपब्लिक टीवी के दर्शकों को जानकर खुशी होगी, कि आज ढाई सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स देश में बन गए हैं, ये मेरे देश के युवाओं का कमाल है। यही स्टार्टअप्स आज, विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट्स बना रहे हैं। ऐसे ही mapping के सेक्टर में हुआ, इतने बंधन थे, आप एक एटलस नहीं बना सकते थे, टेक्नॉलाजी बदल चुकी है। पहले अगर भारत में कोई मैप बनाना होता था, तो उसके लिए सरकारी दरवाजों पर सालों तक आपको चक्कर काटने पड़ते थे। हमने इस बंदिश को भी हटाया। आज Geo-spatial mapping से जुडा डेटा, नए स्टार्टअप्स का रास्ता बना रहा है।

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साथियों,

न्यूक्लियर एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़े सेक्टर को भी पहले सरकारी कंट्रोल में रखा गया था। बंदिशें थीं, बंधन थे, दीवारें खड़ी कर दी गई थीं। अब इस साल के बजट में सरकार ने इसको भी प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन करने की घोषणा की है। और इससे 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का रास्ता मजबूत हुआ है।

साथियों,

आप हैरान रह जाएंगे, कि हमारे गांवों में 100 लाख करोड़ रुपए, Hundred lakh crore rupees, उससे भी ज्यादा untapped आर्थिक सामर्थ्य पड़ा हुआ है। मैं आपके सामने फिर ये आंकड़ा दोहरा रहा हूं- 100 लाख करोड़ रुपए, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, ये आर्थिक सामर्थ्य, गांव में जो घर होते हैं, उनके रूप में उपस्थित है। मैं आपको और आसान तरीके से समझाता हूं। अब जैसे यहां दिल्ली जैसे शहर में आपके घर 50 लाख, एक करोड़, 2 करोड़ के होते हैं, आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू पर आपको बैंक लोन भी मिल जाता है। अगर आपका दिल्ली में घर है, तो आप बैंक से करोड़ों रुपये का लोन ले सकते हैं। अब सवाल यह है, कि घर दिल्ली में थोड़े है, गांव में भी तो घर है, वहां भी तो घरों का मालिक है, वहां ऐसा क्यों नहीं होता? गांवों में घरों पर लोन इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में गांव के घरों के लीगल डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे, प्रॉपर मैपिंग ही नहीं हो पाई थी। इसलिए गांव की इस ताकत का उचित लाभ देश को, देशवासियों को नहीं मिल पाया। और ये सिर्फ भारत की समस्या है ऐसा नहीं है, दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के राइट्स नहीं हैं। बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहती हैं, कि जो देश अपने यहां लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देता है, वहां की GDP में उछाल आ जाता है।

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साथियों,

भारत में गांव के घरों के प्रॉपर्टी राइट्स देने के लिए हमने एक स्वामित्व स्कीम शुरु की। इसके लिए हम गांव-गांव में ड्रोन से सर्वे करा रहे हैं, गांव के एक-एक घर की मैपिंग करा रहे हैं। आज देशभर में गांव के घरों के प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सरकार ने बांटे हैं और ये काम लगातार चल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड ना होने के कारण पहले गांवों में बहुत सारे विवाद भी होते थे, लोगों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे, ये सब भी अब खत्म हुआ है। इन प्रॉपर्टी कार्ड्स पर अब गांव के लोगों को बैंकों से लोन मिल रहे हैं, इससे गांव के लोग अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, स्वरोजगार कर रहे हैं। अभी मैं एक दिन ये स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस पर उसके लाभार्थियों से बात कर रहा था, मुझे राजस्थान की एक बहन मिली, उसने कहा कि मैंने मेरा प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद मैंने 9 लाख रुपये का लोन लिया गांव में और बोली मैंने बिजनेस शुरू किया और मैं आधा लोन वापस कर चुकी हूं और अब मुझे पूरा लोन वापस करने में समय नहीं लगेगा और मुझे अधिक लोन की संभावना बन गई है कितना कॉन्फिडेंस लेवल है।

साथियों,

ये जितने भी उदाहरण मैंने दिए हैं, इनका सबसे बड़ा बेनिफिशरी मेरे देश का नौजवान है। वो यूथ, जो विकसित भारत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है। जो यूथ, आज के भारत का X-Factor है। इस X का अर्थ है, Experimentation Excellence और Expansion, Experimentation यानि हमारे युवाओं ने पुराने तौर तरीकों से आगे बढ़कर नए रास्ते बनाए हैं। Excellence यानी नौजवानों ने Global Benchmark सेट किए हैं। और Expansion यानी इनोवेशन को हमारे य़ुवाओं ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए स्केल-अप किया है। हमारा यूथ, देश की बड़ी समस्याओं का समाधान दे सकता है, लेकिन इस सामर्थ्य का सदुपयोग भी पहले नहीं किया गया। हैकाथॉन के ज़रिए युवा, देश की समस्याओं का समाधान भी दे सकते हैं, इसको लेकर पहले सरकारों ने सोचा तक नहीं। आज हम हर वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आयोजित करते हैं। अभी तक 10 लाख युवा इसका हिस्सा बन चुके हैं, सरकार की अनेकों मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट ने गवर्नेंस से जुड़े कई प्रॉब्लम और उनके सामने रखें, समस्याएं बताई कि भई बताइये आप खोजिये क्या सॉल्यूशन हो सकता है। हैकाथॉन में हमारे युवाओं ने लगभग ढाई हज़ार सोल्यूशन डेवलप करके देश को दिए हैं। मुझे खुशी है कि आपने भी हैकाथॉन के इस कल्चर को आगे बढ़ाया है। और जिन नौजवानों ने विजय प्राप्त की है, मैं उन नौजवानों को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मुझे उन नौजवानों से मिलने का मौका मिला।

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साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने एक new age governance को फील किया है। बीते दशक में हमने, impact less administration को Impactful Governance में बदला है। आप जब फील्ड में जाते हैं, तो अक्सर लोग कहते हैं, कि हमें फलां सरकारी स्कीम का बेनिफिट पहली बार मिला। ऐसा नहीं है कि वो सरकारी स्कीम्स पहले नहीं थीं। स्कीम्स पहले भी थीं, लेकिन इस लेवल की last mile delivery पहली बार सुनिश्चित हो रही है। आप अक्सर पीएम आवास स्कीम के बेनिफिशरीज़ के इंटरव्यूज़ चलाते हैं। पहले कागज़ पर गरीबों के मकान सेंक्शन होते थे। आज हम जमीन पर गरीबों के घर बनाते हैं। पहले मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया, govt driven होती थी। कैसा मकान बनेगा, कौन सा सामान लगेगा, ये सरकार ही तय करती थी। हमने इसको owner driven बनाया। सरकार, लाभार्थी के अकाउंट में पैसा डालती है, बाकी कैसा घर बनेगा, ये लाभार्थी खुद डिसाइड करता है। और घर के डिजाइन के लिए भी हमने देशभर में कंपीटिशन किया, घरों के मॉडल सामने रखे, डिजाइन के लिए भी लोगों को जोड़ा, जनभागीदारी से चीज़ें तय कीं। इससे घरों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है और घर तेज़ गति से कंप्लीट भी होने लगे हैं। पहले ईंट-पत्थर जोड़कर आधे-अधूरे मकान बनाकर दिए जाते थे, हमने गरीब को उसके सपनों का घर बनाकर दिया है। इन घरों में नल से जल आता है, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन होता है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन होता है, हमने सिर्फ चार दीवारें खड़ी नहीं कीं है, हमने उन घरों में ज़िंदगी खड़ी की है।

साथियों,

किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी पक्ष है उस देश की सुरक्षा, नेशनल सिक्योरिटी। बीते दशक में हमने सिक्योरिटी पर भी बहुत अधिक काम किया है। आप याद करिए, पहले टीवी पर अक्सर, सीरियल बम ब्लास्ट की ब्रेकिंग न्यूज चला करती थी, स्लीपर सेल्स के नेटवर्क पर स्पेशल प्रोग्राम हुआ करते थे। आज ये सब, टीवी स्क्रीन और भारत की ज़मीन दोनों जगह से गायब हो चुका है। वरना पहले आप ट्रेन में जाते थे, हवाई अड्डे पर जाते थे, लावारिस कोई बैग पड़ा है तो छूना मत ऐसी सूचनाएं आती थी, आज वो जो 18-20 साल के नौजवान हैं, उन्होंने वो सूचना सुनी नहीं होगी। आज देश में नक्सलवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। पहले जहां सौ से अधिक जिले, नक्सलवाद की चपेट में थे, आज ये दो दर्जन से भी कम जिलों में ही सीमित रह गया है। ये तभी संभव हुआ, जब हमने nation first की भावना से काम किया। हमने इन क्षेत्रों में Governance को Grassroot Level तक पहुंचाया। देखते ही देखते इन जिलों मे हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनीं, स्कूल-अस्पताल बने, 4G मोबाइल नेटवर्क पहुंचा और परिणाम आज देश देख रहा है।

साथियों,

सरकार के निर्णायक फैसलों से आज नक्सलवाद जंगल से तो साफ हो रहा है, लेकिन अब वो Urban सेंटर्स में पैर पसार रहा है। Urban नक्सलियों ने अपना जाल इतनी तेज़ी से फैलाया है कि जो राजनीतिक दल, अर्बन नक्सल के विरोधी थे, जिनकी विचारधारा कभी गांधी जी से प्रेरित थी, जो भारत की ज़ड़ों से जुड़ी थी, ऐसे राजनीतिक दलों में आज Urban नक्सल पैठ जमा चुके हैं। आज वहां Urban नक्सलियों की आवाज, उनकी ही भाषा सुनाई देती है। इसी से हम समझ सकते हैं कि इनकी जड़ें कितनी गहरी हैं। हमें याद रखना है कि Urban नक्सली, भारत के विकास और हमारी विरासत, इन दोनों के घोर विरोधी हैं। वैसे अर्नब ने भी Urban नक्सलियों को एक्सपोज करने का जिम्मा उठाया हुआ है। विकसित भारत के लिए विकास भी ज़रूरी है और विरासत को मज़बूत करना भी आवश्यक है। और इसलिए हमें Urban नक्सलियों से सावधान रहना है।

साथियों,

आज का भारत, हर चुनौती से टकराते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुझे भरोसा है कि रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के आप सभी लोग हमेशा नेशन फर्स्ट के भाव से पत्रकारिता को नया आयाम देते रहेंगे। आप विकसित भारत की एस्पिरेशन को अपनी पत्रकारिता से catalyse करते रहें, इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!