Whatever BJP promises, it delivers: PM Modi in Telangana

Published By : Admin | November 25, 2023 | 15:30 IST
QuoteI see a wave of change in Telangana. The people of Telangana are fed up with the 9-year rule of the BRS government and want freedom from it: PM Modi
QuotePeople have seen our track record that whatever BJP says, it delivers, says PM Modi in Kamareddy
QuoteBJP understands the injustice done to the Madiga community. The Government of India is committed to ending this injustice and a committee is being formed to expedite the process: PM

भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

ना तेलांगाना कुटुंब सभ्युलंदरिकी शुभाभिनंदनलु...
ये स्थान अपने गन्ना किसानों और चीनी के प्रोडक्शन के लिए जाना जाता है। यहां के लोगों के व्यवहार में ये ये मिठास साफ महसूस होती है। आप इतनी बड़ी संख्या में बीजेपी को आशीर्वाद देने के लिए आए हैं। हम सभी आपके बहुत बहुत आभारी हैं।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं जब भी तेलंगाना आता हूं, मुझे यहां की जनता-जनार्दन में आशा की एक लहर दिखाई देती है, ये लहर उम्मीद की है, ये लहर बदलाव की है, ये लहर इस भावना की है कि तेलंगाना का विकास उस नई ऊंचाई को प्राप्त करे जिसका वो हकदार है। मैं जानता हूं कि यहां की जनता अब विश्वासघात के अतीत से छुटकारा पाना चाहती है। यहां के लोग अब बीआरएस के 9 वर्षों के कुशासन से परेशान हो चुके हैं बीआरएस से मुक्ति चाहते हैं। यहां के लोग उस कांग्रेस से भी मुक्ति चाहते हैं जिन्होंने सात दशक तक सत्ता में होने के बावजूद भी इस पूरे क्षेत्र को लगातार तिरस्कार किया। और इसलिए इस बार हवा बीजेपी की ओर है। तेलंगाना के लोग बिजेपी से उम्मीद लगा रहे हैं। तेलंगाना की गरीबों की, किसानों की, महिलाओं की, युवाओं की, पिछड़ों की और दलितों की आकांओं का प्रतीक बीजेपी का संकल्प पत्र है। हम सकला जनुला सौभाग्य तेलंगान के निर्माण का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं। लोगों ने National Politics में हमारा ट्रैक रिकॉर्ड देखा है। बीजेपी जो कहती है वो कर के दिखाती है। हमने वादा किया था कि आर्टिकिल 370 खत्म करेंगे, वादा पूरा हुआ, हमने कहा था ट्रिपल तलाक का अंत होगा, वादा पूरा हुआ। हमने संसद में महिला आरक्षण की बात कही थी, वादा पूरा हुआ। हमने किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी देने की गारंटी दी थी, वादा पूरा हुआ। हमने अपने सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का संकल्प दिया था, वादा पूरा हुआ। हमने वादा किया था राम मंदिर अवश्य पूरा होगा आज पूरा हो रहा है। और साथियों हमने तेलंगाना के लोगों से टर्मरिक बोर्ड बनाने का वायदा किया था ये वायदा भी बीजेपी सरकार ने पूरा करके दिखाया। हमने आपसे सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी का वायदा किया था बीजेपी सरकार ने आपसे ये वायदा भी पूरा करके दिखाया है। मोदी की गारंटी, मोदी की गारंटी यानि गारंटी के पूरा होने की गारंटी। इसलिए आज तेलंगाना के बीसी समाज के लोग भी उत्साहित हैं क्योंकि, बीजेपी ने यहां इसी समाज से सीएम बनाने का वायदा किया है। ये बीजेपी ही है जिसने देश को रिकॉर्ड संख्या में बीसी समाज से आने वाले केंद्रीय मंत्री दिए हैं। और ये बीजेपी ही है जिसने देश को ओबीसी समाज से ही एक पीएम दिया है।

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कांग्रेस और BRS ने ना BC समाज के लिए काम किया और ना ही दलितों के लिए कोई काम किया। आज जो BRS है, पहले वो टीआरएस थी। इन लोगों ने वादा किया था कि तेलंगाना का पहला सीएम दलित होगा। लेकिन जब दलित वोट मिल गए, तो केसीआर ने सीएम की कुर्सी पर खुद कब्जा जमा लिया। लेकिन इससे ठीक विपरीत, बीजेपी हमेशा सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए काम करती आई है। तेलंगाना की इस विकास यात्रा में मादिगा समुदाय के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे बीजेपी भली-भांति समझती है। इस अन्याय का अंत करने के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है। काम को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए एक कमिटी का गठन कर रही है। ये कमेटी आपको न्याय दिलाने की पहल करेगी और आपके सशक्तिकरण का एक नया रास्ता बनाएगी। मादिगा समुदाय से जुड़ी एक बड़ी न्यायिक प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है। ये केस मजबूत हो सके, इसके लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इन सभी विषयों पर कल ही मैंने दिल्ली में अफसरों से विस्तार से बात भी की है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना के किसानों को उनकी मेहनत के लिए जाना जाता है।
लेकिन राज्य सरकार ने उनके साथ भी धोखा ही किया है। BRS की सरकार ने यहां पर अनेक सिंचाई योजनाओं की घोषणा की थी, लेकिन ये योजनाएं बीआरएस के लिए उनका एटीएम बनकर रह गईं।
जब भी किसी को पैसे की जरूरत पड़ती है, लोग पैसा निकालने एटीएम तक जाते हैं। लेकिन जब BRS को पैसे की जरूरत पड़ती है, तो ये लोग एक नई सिंचाई स्कीम की घोषणा कर देते हैं। परियोजनाओं की लागत बढ़ती जाती है, लेकिन ना कोई प्रोजेक्ट पूरा होता है, ना कोई प्रोजेक्ट शुरू होता है। तेलंगाना के विकास का पैसा BRS को चलाने वाले परिवार की जेबों में जा रहा है।

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ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
किसानों का हित, बीजेपी की हमेशा प्राथमिकता रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए देश के करोड़ों किसानों को 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रकम Direct Transfer की गई है।
तेलंगाना के करीब 40 लाख किसानों को भी इसका लाभ मिला है।
इसमें करीब डेढ़ लाख किसान कामारेड्डी के भी है, जिन्हें इस योजना से करीब 400 करोड़ रुपये मिले हैं। यूरिया की जो बोरी दूसरे देशों में ढाई से तीन हजार रुपए की पड़ती है, वही बोरी भाजपा सरकार तेलंगाना के किसानों को 300 रुपए से भी कम में उपलब्ध करा रही है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
बीते वर्षों में यहां Paddy (पैडी) की 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा की ख़रीद हुई है। केंद्र सरकार किसानों से Boiled Rice भी लेती है। अब हमारी सरकार ने ये निश्चय किया है कि इस ख़रीफ़ सीजन में तेलंगाना के किसानों से 20 लाख मीट्रिक टन Boiled Rice अतिरिक्त खरीदा जाएगा। इससे भी तेलंगाना के किसानों को बहुत लाभ होगा। किसानों को आय के अतिरिक्त साधन मुहैया कराने के लिए भी केंद्र की भाजपा सरकार लगातार काम कर रही है। खेती-किसानी से निकलने वाले कचरे से ईंधन बने, इसके लिए बायो-फ्यूल प्लांट लगवाए जा रहे हैं। गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल की ब्लेडिंग बढ़ाई गई है, इथेनॉल प्लांट लगाए जा रहे हैं। ये तो शुगरकेन हब है। आप लोगों को भी इससे बहुत लाभ होने वाला है। पशुपालकों को लाभ हो, इसके लिए गोबरधन योजना चलाई जा रही है। 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करके केंद्र सरकार पशुओं का मुफ्त टीकाकरण भी करा रही है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना एक युवा राज्य है। मुझे इसका दुख है कि तेलंगाना जैसे युवा राज्य को सबसे बड़ी ओर सबसे ज्यादा युवाओं की विरोधी, युवाओं के दुश्मन ऐसी सरकार मिली है। सालों से हमारे जो हजारों युवा TS-PSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन सब के साथ BRS की सरकार ने धोखा किया है। इसके अलावा, इन लोगों ने एजुकेशन सेक्टर की भी पूरी तरह से उपेक्षा की है। और साथियों, कांग्रेस का नौजवानों के प्रति रवैया किसे पता नहीं है। कांग्रेस शासन के नकारेपन के कारण ही तेलंगाना आंदोलन के हजारों नौजवानों ने अपनी जान गंवाई थी। इन पार्टियों को देश की अगली पीढ़ी नहीं, ये ऐसे लोग हैं जिनको अपने परिवार की आने वाली पीढ़ी की चिंता है।

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ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना के लोगों को, कामारेड्डी की जनता को, इन दोनों दलों को रिजेक्ट करना ही चाहिए। BRS के सीएम और तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष दोनों ही कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही ये लोग दूसरे क्षेत्रों से भी चुनाव लड़ने उतरे हैं। ये दिखाता है कि ये लोग कितने हताश हैं। कितने डरे हुए हैं। कामारेड्डी के लोगों के पास ये मौका है कि वो कांग्रेस और BRS के लोगों को ये सिखा दें कि उनकी परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति अब चलने वाली नहीं है। BRS और कांग्रेस में एक और बात कॉमन है। ये दोनों दल, आप लोगों को धोखा देने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं। कभी अचानक से TRS को BRS बना दिया जाता है। इसी साल यूपीए को INDI Alliance बना दिया गया है। देश के लोग, ये सारे हथकंडे अच्छी तरह समझते हैं। नाम बदलने से इनके भ्रष्टाचार, कुशासन और वोटबैंक पॉलिटिक्स का इतिहास कभी नहीं बदल सकता। सच ये है कि देश के कई राज्यों में लोगों ने दशकों से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर रखा है। और मुझे विश्वास है, 3 दिसंबर को यहां जनता, केसीआर को भी सत्ता से हटाकर के रहेगी।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
बीजेपी एकलौती ऐसी पार्टी है, जो गरीबों के लिए काम करती है। जनधन अकाउंट हो, बिना गारंटी मुद्रा लोन हो, कोरोना के दरम्यान सभी देशवासियों को मुफ्त वैक्सीन हो, ये सारी व्यवस्थाएं बीजेपी ने की है। बीजेपी ये भी सुनिश्चित कर रही है कि देश का कोई भी गरीब भूखा ना सोए। अब मैंने ये निश्चय किया है कि अगले 5 साल के लिए, गरीबों को जो मुफ्त राशन देते हैं, इस योजना को पांच साल के लिए आगे बढ़ा दिया जाएगा। इसका लाभ यहां तेलंगाना के भी मेरे लाखों गरीब भाई-बहनों को मिलेगा।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,

आज आप सभी लोगों के आशीर्वाद से भाजपा के पास 300 से अधिक सांसद हैं। देश में एक वो भी समय था, जब हमारे सिर्फ 2 सांसद थे, हमारा मजाक उड़ाया जाता था। उस समय हमारे दो सांसदों में से एक इसी क्षेत्र से थे। हम इस बात को कभी भूल नहीं सकते हैं। हम ये कैसे भूल सकते हैं कि जब हम सबसे कमजोर थे, तब भी तेलंगाना और तेलुगु लोगों ने हमारा साथ दिया था। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, हम हमेशा तेलंगाना के लोगों के साथ रहेंगे और आपके विकास के लिए काम करते रहेंगे। भले ही BRS और कांग्रेस के लोग अपने बच्चों के बारे में सोचें लेकिन हम आपके बच्चों के साथ खड़े रहेंगे।
और इसीलिए मुझे ये पूरा भरोसा है कि कामारेड्डी और तेलंगाना के लोग इस बार बीजेपी के लिए वोट करने वाले हैं। बीजेपी की सरकार बनाने वाले हैं बीसी मुख्यमंत्री बनने वाला है। एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आकर आपने आशीर्वाद दिए, मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

मेरे साथ बोलिए भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

बहुत बहुत धन्यवाद।

  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

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QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।