PM Modi says be it 2014 or 2019, Rajasthan unitedly gave its blessings to form a strong BJP government in the country
Whenever we have been divided the enemy has taken advantage of it: PM Modi in Tonk-Sawai Madhopur
Congress is plotting to snatch your property and distribute it to their special people...When I exposed their politics, they started abusing Modi: PM
In the rule of Congress, even listening to Hanuman Chalisa becomes a crime, says PM Modi in Tonk-Sawai Madhopur

भारत माता की जय

भारत माता की जय

भारत माता की जय

रणथम्भौर में विराजमान त्रिनेत्र गणेश जी की जय, चौथ माता की जय , पपलाज माता की जय, मीन भगवान् की जय, देव नारायण भगवान की जय, देवधाम जोधपुरिया की जय शिवाड़ ज्योतिर्लिंग महादेव की जय, डिग्गी कल्याण जी की जय।
राम-राम सा!

भाइयों-बहनों

आपका प्यार, आपका उत्साह, आपका आशीर्वाद सब कुछ मुझ तक पहुंच गया अब मैं अपनी बात पहुंचाऊं। आज रामभक्त हनुमान जी की जयंती का पवित्र दिन है। पूरे देश को हनुमान जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मेरे साथ बोलिए...बजरंग बली की जय, बजरंग बली की जय, बजरंग बली की जय। मैं आप सबका आभारी हूं कि आप सबने आज मुझे गदा देकर बजरंग बलि की जय करने का अवसर दे दिया। महावीर वीरों के वीर बजरंगबली की जयंती पर मेरा सौभाग्य है कि मैं शूरवीरों की धरती सवाई-माधोपुर आया हूं। सामने आप सब जनता-जनार्दन का जो हुजूम दिख रहा है, मैं जो उत्साह देख रहा हूं, उसमें एक मजबूत भारत के लिए आशीर्वाद है। इसलिए हर तरफ यही गूंज है- फिर एक बार मोदी सरकार।

साथियों,

हमारे राजस्थान ने सदियों से सीमा पर खड़े मजबूत प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है। राजस्थान ये बखूबी जानता है कि सुरक्षित राष्ट्र, और स्थायी सरकार, ये कितनी जरूरी होती है। इसीलिए, चाहे 2014 हो, या 2019 हो, राजस्थान ने एकजुट होकर देश में भाजपा की ताकतवर सरकार बनाने के लिए अपना आशीर्वाद दिया था। आपने 25 की 25 सीटें भाजपा को जीत करके झोली भर दी थी। एकजुटता ही राजस्थान की सबसे बड़ी पूंजी है। याद रखिएगा, जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब देश के दुश्मनों ने फायदा उठाया है। अब भी राजस्थान को बांटने की, यहां के लोगों को बांटने की पूरी कोशिशें हो रही हैं। इससे राजस्थान को सावधान रहना है।

साथियों,

एक स्थिर और ईमानदार सरकार देश के विकास के लिए क्या कुछ कर सकती है, ये पिछले 10 वर्षों में सबने देखा है।भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये बहुत बड़ा काम हुआ है, इतना बड़ा काम कैसे संभव हुआ? इतना बड़ा काम कैसे संभव हुआ? देश को सबसे मजबूत स्थिति में किसने पहुंचाया? ये आपकी उदारता आपका प्रेम और आशीर्वाद है कि आप सारी क्रेडिट मोदी को दे रहे हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि ये जो कुछ भी हुआ है ना, ये आपके एक वोट की ताकत की वजह से हुआ है। आपके कारण हुआ है। जो 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं ना वो जो पुण्य है , उस पुण्य के हकदार आप हैं। जिस गरीब को पक्का घर मिला है ना वो जो पुण्य है उस पुण्य के हकदार आप हैं। जिस गरीब को मुफ्त राशन मिला है, जिस गरीब का चूल्हा जलता रहा है, उस पुण्य के हकदार आप हैं। आपका वोट है।

साथियों,

2014 में आपने मोदी को दिल्ली में सेवा का अवसर दिया, तो देश ने वो फैसले लिए, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन आप सोचिए, अगर कांग्रेस 2014 के बाद भी होती तो देश में क्या-क्या हुआ होता। कांग्रेस होती तो जम्मू-कश्मीर में आज भी हमारी सेनाओं पर पत्थर चल रहे होते। कांग्रेस होती तो सीमा पार से आकर दुश्मन आज भी हमारे जवानों के सिर काटकर ले जाता और कांग्रेस सरकार कुछ ना करती। कांग्रेस होती तो ना वन रैंक वन पेंशन लागू होती और ना ही पूर्व सैनिकों को एक लाख करोड़ रुपए मिलते। कांग्रेस होती तो देश में सीरियल ब्लास्ट होते ही रहते। निर्दोष लोग मरते ही रहते। कांग्रेस ने तो राजस्थान में हुए सीरियल ब्लास्ट के दोषियों को बचाने का घोर पाप भी किया हैं। कांग्रेस होती तो कोराना के समय ना किसी को मुफ्त राशन मिलता, ना मुफ्त वैक्सीन। कांग्रेस होती तो देश में महंगाई से हाहाकार मचा होता। काँग्रेस पार्टी देश की मुसीबत में अपने लिए भ्रष्टाचार के नए मौके तलाश लेती।

राजस्थान के मेरे भाइयों और बहनों, आप लोग तो कुछ महीने पहले ही कांग्रेस के पंजे से मुक्त हुए हैं। काँग्रेस पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जो जख्म दिए, वो राजस्थान के लोग भूल नहीं सकते। कांग्रेस ने महिलाओं पर अत्याचार के मामले में राजस्थान को नंबर-1 बना दिया था। काँग्रेस के लोग विधानसभा में बेशर्मी से कहते थे, यही राजस्थान की पहचान है। अरे डूब मरो, ये शोभा नहीं देता है, ये शोभा नहीं देता है। टोंक में किन असामाजिक तत्वों के कारण यहाँ की इंडस्ट्री बंद हो गई, ये भी आप सब जानते हैं। आपने हमारे भजनलाल शर्मा जी को काम का मौका दिया है और जब से भजनलाल जी और उनकी टीम काम पर लगी है। माफिया-अपराधी राजस्थान छोड़कर भागने पर मजबूर हैं। पेपरलीक माफिया भी भजनलाल जी का कानूनी डंडा चलने के बाद ठंडा पड़ गया है। जबकि, अभी तो इन्हें 3-4 महीने ही हुये हैं। जो अपराधी धोखे में हैं, वो जान लें, भजनलाल सरकार की गाड़ी चलनी शुरू ही हुई है, अभी टॉप गिअर लगना बाकी है।

साथियों,

आज हनुमान जयंती पर आपसे बात करते हुए, मुझे कुछ दिन पहले की एक तस्वीर भी याद आ रही है। हो सकता है आप में से बहुतों तक ये तस्वीर नहीं पहुंची होगी। वो तस्वीर, कांग्रेस के शासन वाले कर्नाटका की है। कुछ दिन पहले वहां एक छोटा दुकानदार को सिर्फ इसलिए बुरी तरह पीटा गया, लहूलुहान कर दिया गया, क्योंकि वो अपने दुकान में बैठे-बैठे हनुमान चालीसा सुन रहा था। ये कांग्रेस की कर्नाटक सरकार का काम देखिए...अपनी छोटी सी दुकान में एक गरीब आदमी भक्तिभाव से प्रभु हनुमानजी का स्मरण करते हुए, हनुमान चालिसा सुन रहा था, उसको लहूलुहान कर दिया गया। आप कल्पना कर सकते हैं...कांग्रेस के राज में हनुमान चालीसा सुनना भी गुनाह हो जाता है। कांग्रेस के राज में अपनी आस्था का पालन करना भी मुश्किल हो जाता है। और राजस्थान तो खुद इसका भुक्तभोगी रहा है। सीधी बात है उनकी पार्टी, उसके सारे नेता प्रभु श्री राम का मंदिर बने, प्राण प्रतिष्ठा का अवसर हो। मंदिर के लोग आने के लिए सम्मानपूर्वक निमंत्रण दें और पब्लिकली उस निमंत्रण को ठुकरा दिया जाए। तो उनके चेले-चपाटे भी हनुमान चालिसा करने वालों को पीटेंगे की नहीं पीटेंगे। कुछ दिन पहले ही रामनवमी बीती है। कांग्रेस के जाने के बाद पहली बार शांति से शोभायात्रा निकली है। पूरे राजस्थान में और चुनाव की आपाधापी और गर्मी होने के बाद भी। हमारे यहां सूरज की पहली किरण का स्वागत भी ‘राम राम सा’ से होता है। कोई किसी को मिले तो पहले मुंह से निकलता है ‘राम राम सा’। कांग्रेस ने तो ‘राम-राम सा’ कहने वाले राजस्थान में रामनवमी पर प्रतिबंध लगा दिया था। और हमारे किरोड़ीलाल हर मुद्दे पर लड़ाई करते थे। कांग्रेस ने शोभायात्रा पर पत्थरबाजी करने वालों को सरकारी संरक्षण दिया था। इसी काँग्रेस पार्टी ने तुष्टीकरण के लिए मालपुरा, करौली, छबड़ा, टोंक, जोधपुर, को दंगों की आग में झोंक दिया था। क्या ऐसे लोगों को माफ करोगे। अब भाजपा सरकार आने के बाद किसी की हिम्मत नहीं है कि आपकी आस्था पर सवाल उठा दे। आप हनुमान चालीसा भी गाएंगे और रामनवमी भी मनाएंगे- ये भाजपा की गारंटी है।

साथियों,

अभी परसों जब मैं राजस्थान आया था तो मेरा डेढ़ मिनट का भाषण, 90 सेकेंड का भाषण, और कुछ सत्य मैंने देश के सामने रखा और कांग्रेस और पूरी इंडी गठबंधन में ऐसी भगदड़ मची, ऐसी भगदड़ मची है। मैंने सत्य रखा देश के सामने। कांग्रेस आपकी संपत्ति छीनकर उनके खास लोगों को बांटने की गहरी साजिश रचकर बैठी है। दो-तीन दिन पहले मैंने कांग्रेस की इस वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति का पर्दाफाश किया था। इससे कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम को इतनी मिर्ची लगी है, इतनी मिर्ची लगी है कि हर तरह वो गालियां देने में टूट पड़े है। जो आए वो मोदी को गाली दे रहा है। मैं कांग्रेस से जानना चाहता हूं- आखिर कांग्रेस सच्चाई से इतना डरती क्यों है? कांग्रेस क्यों अपनी नीतियों को ऐसे छिपा रही है? जब नीति बनाई है, निर्णय लिया है, तो अब जब मोदी जी ने खुलकर के राज रख दिया, आपका हिडेन एजेंडा बाहर आ गया तो अब कांप रहे हो। अरे हिम्मत है तो स्वीकार करो, हम आपसे मुकाबला करने के लिए तैयार है। मैं ये बात देश को साफ-साफ बताना चाहता हूं कि कांग्रेस वोट बैंक पॉलिटिक्स के दलदल में इतना धंसी हुई है कि उसे बाबासाहेब के संविधान की भी परवाह नहीं है। और आपको पता होगा उन्होंने मेनिफेस्टो में तो लिखा है कि आपकी संपत्ति का सर्वे करेंगे। हमारी माताओं-बहनों के पास जो स्त्री-धन होता है, जो मंगलसूत्र होता है उसका सर्वे करेंगे। और फिर उनके एक नेता ने कहा कि एक्सरे किया जाएगा, एक्सरे किया जाएगा, मतलब आपके घऱ में अगर बाजरे के डिब्बे के अंदर में भी कुछ रखा है, तो वो भी एक्सरे कर के खोजा जाएगा। दीवार में भी कहीं रखा है तो उसे भी खोद कर के निकाला जाएगा। पूरा एक्सरे करने की घोषणा की है। और उनके नेता ने पब्लिकली कहा है और फिर आपकी सारी संपत्ति जरूरत से ज्यादा जो भी होगा वो उनका कब्जा करेगी, उनकी सरकार कहते हैं। और फिर लोगों को बांट देंगे। अगर आपके पास दो घर है, यहां गांव में घर है और बच्चों के लिए आपने जयपुर, जोधपुर में आपने एक छोटा सा फ्लैट ले लिया है तो एक्सरे करेंगे कि भाई दो घर है एक वापस दो, सरकार को दे दो। बताइए आपको मंजूर है क्या? मंजूर है क्या? क्या स्त्री-धन पर हाथ लगा सकते हैं क्या? मंगलसूत्र पर हाथ लगा सकते हैं क्या? ये पंजे की ये ताकत।

भाइयों-बहनों,

राजस्थान में ऐसे एक भी पंजा बचना नहीं चाहिए भाइयों-बहनों। अब देखिए कांग्रेस पार्टी ने संविधान के साथ बाबासाहेब अम्बेडकर के दिए हुए संविधान के साथ किस प्रकार से खिलवाड़ करने की कोशिश की। इस देश का जब संविधान बना तब धर्म के आधार पर आरक्षण का घोर विरोध हुआ था ताकि हमारे एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को सुरक्षा मिलती रहे। लेकिन मनमोहन सिंह जी ने भाषण किया था और उस सभा में मैं मौजूद था मुख्यमंत्री के नाते। मुस्लिमों का देश के संसाधनों पर पहला हक है- मनमोहन सिंह जी का ये बयान, संयोग नहीं था और न ही ये अकेला ऐसा बयान था। कांग्रेस पार्टी की सोच, हमेशा से तुष्टिकरण की रही है, वोट बैंक की राजनीति की रही है। 2004 में जैसे ही कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनी, उसके सबसे पहले किए गए कामों में था- सबसे पहला काम था चुनाव जीतने के बाद आंध्र प्रदेश में एससी-एसटी रिजर्वेशन में से कमी कर के मुसलमानों को रिजर्वेशन देने का प्रयास। ये एक पायलट प्रोजेक्ट था जिसे कांग्रेस पूरे देश में आजमाना चाहती थी। 2004 से 2010 के बीच कांग्रेस ने 4 बार आंध्र प्रदेश में मुस्लिम रिजर्वेशन लागू करने की कोशिश की, लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से, सुप्रीम कोर्ट की जागरूकता के कारण, वो जो अपना मंसूबा लेकर चले थे? वो पूरा नहीं कर पाए। 2011 में कांग्रेस ने इसे देश में लागू करने की कोशिश की? एससी-एसटी और ओबीसी का अधिकार छीनकर के वोट बैंक की राजनीति के लिए औरों को देने का खेल किया। कांग्रेस ने इतने प्रयास ये जानते-बूझते किए कि ये सब संविधान की मूल भावना के खिलाफ था। लेकिन कांग्रेस ने संविधान की परवाह नहीं की। बाबासाहेब की परवाह नहीं की। जब कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने… ? जब हमें मौका मिला तो हमने पहला काम किया उन्होंने एससी-एसटी से छीनकर के मुस्लिम कोटा निकाला था, उसको हमने खत्म कर दिया और जिनका हक था उनका अधिकार सुरक्षित रखा। कांग्रेस पूरे देश में आग बबूला हो गई कि मोदी अपने आप को समझता क्या है। अरे मोदी संविधान को समझता है, मोदी संविधान के प्रति समर्पित है, मोदी बाबासाहेब अम्बेडकर की पूजा करने वाला व्यक्ति है।

साथियों,

सच्चाई ये है कि काँग्रेस और इंडी अलायंस जब सत्ता में था, तो ये लोग दलितों-पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी करके वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए उनकी खास जमात को अलग से आरक्षण देना चाहते थे। जबकि संविधान इसके बिल्कुल खिलाफ है। आरक्षण का जो हक बाबासाहेब ने दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को दिया, काँग्रेस और इंडी अलायंस वाले उसे मजहब के आधार पर, मुसलमानों को देना चाहते थे। मैं काँग्रेस को पूछना चाहता हूँ, क्या कांग्रेस ऐलान करेगी कि संविधान में दलितों-पिछड़ों के आरक्षण को, आदिवासियों के आरक्षण को कम करके वो इसे मुसलमानों में नहीं बांटेगी? जरा देश की जनता से वादा करो। कांग्रेसी जहां भी आएं ? मोहल्ले में आ जाए, आपके घर में मिलने आ जाए, जरा खड़े करके पूछो कर्नाटक-आंध्र जैसे राज्यों में इन्होंने आरक्षण को मजहब के आधार पर बाँटने का खेल क्यों शुरू किया था?

साथियों,

कांग्रेस की इन साजिशों के बीच, मोदी आज आपको खुले मंच से एक गारंटी दे रहा है। दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण ना खत्म होगा, ये मोदी की गारंटी है, ना ही उसे धर्म के नाम पर बांटने दिया जाएगा।? ये मोदी की गारंटी है। 2020 में आरक्षण की संवैधानिक समयसीमा खत्म हो रही थी ? और उस समय आपने मोदी को सेवा के लिए बैठाया हुआ था । ये मोदी ही है, जिसने दलितों-आदिवासियों का आरक्षण और 10 साल के लिए बढ़ा दिया था।

साथियों,

काँग्रेस कभी भी विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ती। काँग्रेस पार्टी ने इतने दशकों तक आपको पीने के साफ पानी जैसी जरूरत तक से वंचित रखा। बीजेपी सरकार ने हर घर जल पहुंचाने के लिए जल-जीवन मिशन शुरू किया। लेकिन, राजस्थान में काँग्रेस सरकार ने उसमें भी हजारों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार कर दिया। काँग्रेस ने राजस्थान के लिए सबसे जरूरी ERCP प्रोजेक्ट को भी पास नहीं होने दिया। भाजपा सरकार ने तीन महीने के अंदर ही ERCP परियोजना को पास कर दिया है। ERCP का बहुत बड़ा लाभ टोंक-सवाई माधोपुर को मिलने वाला हैं। इसका बड़ा लाभ यहां के किसानों को होगा। यहां टोंक-सवाई माधोपुर जिले में पीएम किसान सम्मान निधि के करीब 1100 करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। राजस्थान में गेहूं का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया है।

साथियों,

कांग्रेस को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से भी एलर्जी रही है। ये बीजेपी है जो आज पूरे देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बना रही है। देश का सबसे बड़ा दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे सवाई माधोपुर से होकर गुजर रहा है। सरकार ने जयपुर-सवाई माधोपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण की मंजूरी भी दे दी है। हमने दौसा गंगापुर सिटी से जुड़ी हुई रेलवे लाइन का दशकों से लंबित काम पूरा किया है। इस क्षेत्र में इलाज की बेहतर सुविधाओं के लिए एक मेडिकल कॉलेज भी बनकर तैयार हो रहा है।

साथियों,

चौबीस के इस चुनाव अभियान में राजस्थान में मेरी ये आखिरी सभा है। अब 26 अप्रैल को अगले चरण का मतदान है। मुझे राजस्थान में अलग-अलग क्षेत्र में जाने का मौका मिला है। कल शाम को तो शायद आपका प्रचार अभियान भी पूरा हो जाएगा। यह मेरी आखिरी सभा है। राजस्थान के सभी क्षेत्र के लिए मैं उनके आशीर्वाद की कामना करता हूं। अधिकतम मतदान की कामना करता हूं। शादी ब्याह के दिन है गर्मी बहुत है। ऐसे में हम राष्ट्र का कर्तव्य ना भूले लोकतंत्र के हमारे दायित्व को ना भूले और अधिकतम वोट करें। मेरा आग्रह रहेगा आपने मेरी राजस्थान की यात्रा को देखा है। मुझे भरपूर आशीर्वाद दिया है। आपका आशीर्वाद मेरी पूंजी है। आपके सपने मेरे अपने हैं। विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए मेरा भी हर पल हर-क्षण देश के लिए है। इसलिए 24/7 मैं 2047 के लिए काम कर रहा हूं और बीते 10 वर्ष में जो काम हुआ है, वो तो केवल एक ट्रेलर है। अगले 5 वर्षों में हमें देश और राजस्थान को बहुत आगे लेकर जाना है। मेरा अनुरोध है, आप रिकॉर्ड संख्या में कमल के आगे का बटन दबाकर भाई सुखबीर सिंह जोनपुरिया समेत सभी बीजेपी उम्मीदवारों को संसद में भेजें और हमारे जोनपुरिया जी कोई सामान्य इंसान नहीं है। मैं उनको पार्लियामेंट में कहता रहता था कि जोनपुरिया नहीं, यह तो जानपुरिया हैं। यह जान भर देते हैं जहां भी पहुंचते हैं और आपका एक-एक वोट सीधा मोदी को जाने वाला है और मोदी आपके पास वोट मांगने आया है। आपको एक और काम करना है, करोगे। घर-घर जाकर कहना मोदी जी आए हर परिवार के लोगों को प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे। मेरे साथ बोलिए...

भारत माता की जय।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।