Except for scams and lawlessness, there is nothing in their report cards: PM Modi in Darbhanga
Today, India's prestige in the world is at a new height: PM Modi in Darbhanga
Despite challenges like COVID-19, India has shown resilience & provided leadership to the world: PM
Together, let's ensure Bihar's transformation & prevent a return to the ‘Lantern era’: PM Modi

राजा जनक, सीता मैया, कविराज विद्यापति के इ पावन मिथिला भूमि के नमन करे छी।

मैं दरभंगा की धरती से स्वर्गीय महाराजा कामेश्वर सिंह जी को भी प्रणाम करता हूं। एक तो मिथिला की ये पुण्य भूमि और दूसरा आप जनता-जनार्दन का आशीर्वाद, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है। (आप वो मोदी को कितना नचाओगे, वो एसपीजी वालों को कहिए वो मोदी को कब्जा कर लें। बढ़िया बनाके लाए हो आप, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी) बोलिए, भारत माता की, भारत माता की। (ये एसपीजी वालों को दे दीजिए) जय श्री राम, जय श्री राम। मैं आप सभी को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 500 वर्षों के बाद हमारा इंतजार समाप्त हुआ है। 500 साल तक ये हमारे पूर्वज संघर्ष करते रहे, बलिदान देते रहे और कभी भी निराश नहीं हुए। हमारे पूर्वजों को पता था कभी न कभी कोई बेटा पैदा होगा, कभी तो कोई बेटा पैदा होगा जो 500 साल के इंतजार को परिपूर्ण करके भगवान राम मंदिर। और इंतजार सिर्फ रामजी का ही थोड़ी था, सीता मैया का भी तो था और हमारे मिथिला का भी था। हम अपने जीवनकाल में ये शुभ समय देख रहे हैं (ऐ विश्वकर्मा भक्त आप नीचे रखो पीछे लोग देख नहीं पाते हैं। मैंने आपको देख लिया,सुखी रहो।) ये शुभ समय हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।

साथियों,

जब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी। तब मैंने कहा था कि अब भारत आने वाले एक हजार साल का भविष्य लिखेगा। कई बार इतिहास की एकाध घटना भी कई-कई शताब्दियों का भाग्य तय कर देती हैं। (मेरी आप सबसे प्रार्थना है, मैं जानता हूं आपको तकलीफ हो रही है, हो सकता है आप मुझे देख न पाते हों, लेकिन उसके लिए हमें क्षमा करें। आराम से जहां हैं वहां खड़े रहके मुझे सुनिए। और अगर आप आवाज कम करेंगे तो मुझे बोलने की सुविधा बढ़ेगी। आपका आशीर्वाद है, मैं बोलना शुरू करूं। आप शांति रखोगे। आप इतने अच्छे लोग हैं।) आज से हजार साल पहले जब पश्चिम से भारत पर हमले होने शुरू हुए थे। तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत एक हजार साल की गुलामी में घिर जाएगा। जो बिहार देश को दिशा दिखाता था, वो ऐसे संकटों से घिरा कि सबकुछ तबाह हो गया। लेकिन साथियों, भारत के भाग्य ने आज एक बार फिर करवट ली है। बिहार के भाग्य ने एक बार फिर करवट ली है। 21वीं सदी में ये कालखंड ऐसा आया है, जब भारत फिर से अपनी सारी बेड़ियां तोड़कर उठ खड़ा हुआ है। आज भारत की दुनिया में जो साख है न, वह नई ऊंचाई पर है। आज भारत चांद पर वहां पहुंच गया है, जहां कोई नहीं पहुंचा। 10 साल पहले हम दुनिया की 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था थे। सिर्फ 10 साल में हम 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। आपको कोरोना का समय याद होगा। 100 साल का इतना बड़ा संकट आया था। पूरी दुनिया सोचती थी कि भारत तो गया, भारत तो बर्बाद हो जाएगा। दुनिया भी बर्बाद करेगा। सब सोच रहे थे कि अब क्या होगा। लेकिन उस समय भारत ने दिखाया कि भारत का सामर्थ्य क्या होता है। भारत उस संकट से निकाला, दुनिया को भी राह दिखाई। लेकिन साथियों, उस इतने बड़े संकट में बिहार के लोगों के साथ कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने जो किया, वो मैं कभी भूल नहीं सकता। दिल्ली में इंडी गठबंधन की सरकार थी, महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन की सरकार थी और इन लोगों ने बिहार के लोगों को उस संकट काल में वहां से साजिश करके वापस भेज दिया। मेरे बिहार के नौजवानों को, मेरे बिहार की बेटियों को दिल्ली से इंडी गबंधन की सरकार वालों ने भगाया हुआ है। मैं जरा बिहार के नौजवानों को पूछना चाहता हूं, जिन्होंने आपके साथ ये जुल्म किया क्या उन्हें माफ करेंगे क्या? इस चुनाव में हिसाब चुकता करेंगे कि नहीं करेंगे। बिहार के लोगों को बसों में बिठाया गया और बीच रास्ते छोड़ दिया गया। और आज यही इंडी गठबंधन के लोग आपसे वोट मांगने आ रहे हैं। क्या आप इंडी गठबंधन का इतना बड़ा गुनाह माफ करेंगे क्या? माफ करेंगे क्या?

भाइयों बहनों,

मैंने इस चुनाव में अगले 5 साल के लिए विकास का रोडमैप दिया है। मैंने 25 साल का विज़न देश के सामने रखा है। लेकिन, ये भी जरूरी है हम अतीत का भी ध्यान रखें। जैसे एक शहजादे दिल्ली में हैं, वैसे ही एक शहजादे पटना में भी हैं। एक शहजादे ने बचपन से पूरे देश को और दूसरे शहजादे ने पूरे बिहार को अपनी जागीर समझा है। इन दोनों शहजादों के रिपोर्ट कार्ड एक जैसे हैं इनके रिपोर्ट कार्ड में सिवाय घोटालों और बेलगाम कानून-व्यवस्था के कुछ नहीं है। याद कीजिए, कैसे बिहार में अपहरण उद्योग चलता था? कैसे बड़े-बड़े घोटालों से बिहार के खजाने को लूटा जाता था? कैसे शाम होते ही हमारी बहन-बेटियां घर से निकलने में डरती थीं ? कैसे नौकरी देने के पहले जमीन लिखा ली जाती थी? साथियों, आज नीतीश जी के नेतृत्व में NDA सरकार बिहार के विकास के लिए दिन-रात काम कर रही है। हमारी प्रेरणा कर्पूरी बाबू हैं जिन्हें कुछ समय पहले भारत रत्न देने का सौभाग्य हमें मिला है। पिछले 10 साल में बिहार में हमने 40 लाख गरीबों को पक्के घर दिए हैं, करीब सवा करोड़ गैस कनेक्शन दिए हैं। आज गरीबों को मुफ्त राशन-मुफ्त इलाज मिल रहा है। अब मोदी ने ये भी तय किया है कि आपके परिवार में बिहार में कोई भी 70 साल के ऊपर के बुजुर्ग होंगे तो अब उनके संतानों को उनकी बीमारी में इलाज का खर्चा नहीं उठाना होगा। अब ये खर्चा दिल्ली में आपका ये बेटा उठाएगा। 70 साल के ऊपर के हर बुजुर्ग को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मिलेगा। मेरे बिहार के साथियों, मेरे दरभंगा के साथियों, मेरा एक काम करोगे, जरा हाथ ऊपर करके बताइए करोगो, पक्का करोगे, देखिए एक काम करना, जब आप इन दिनों गांव-गांव जाते होंगे, मोहल्ले में जाते होंगे, छोटी-छोटी बस्तियों में जाते होंगे। अगर वहां पर कोई परिवार ऐसे आपके ध्यान में आ जाए। जिनको अभी पक्का घर मिलना बाकी है, गैस का कनेक्शन मिलना बाकी है, नल से जल का कनेक्शन बाकी है, आयुष्मान कार्ड नहीं पहुंचा है तो उनको कह देना कि मोदी जी की गारंटी है, 4 जून के बाद नई सरकार बनने के बाद हम तीन करोड़ नए घर बनाने वाले हैं। तो आप मेरी तरफ से सब परिवारों को गारंटी दे देना। मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं।


साथियों,

दरभंगा का एयरपोर्ट हो, रेलवे स्टेशन हो, अमृत-भारत ट्रेन हो, आधुनिक सड़कें हों हर तरफ काम हो रहा है। दरभंगा एम्स की अड़चनों को भी दूर किया जा रहा है। साथियों, जब विकास की बुनियाद मजबूत होती है, तभी उद्योग और रोजगार भी पैदा होते हैं। यहां दरभंगा में IT पार्क भी बना है जिससे युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे। मिथिला में मखाना, लीची और आम खूब होता है। अच्छी सड़कों और इनफ्रास्ट्रक्चर से इसका एक्सपोर्ट बढ़ेगा। यहां के मखाने को दुनिया तक पहुंचाने के लिए हमारी सरकार ने मखाने को GI टैग भी दिया है। साथियों, हमने बिहार में महिला स्वयं सहायता समूहों को 42 हजार करोड़ रुपए की सहायता बैंकों से दी है। दरभंगा-मधुबनी में 11 लाख महिलाएं इन समूहों में जुड़ी हैं। दरभंगा में इन बहनों ने शिल्पग्राम की शुरुआत भी की है। और आपकी मधुबनी की पेंटिंग का प्रचार तो खुद मोदी पूरी दुनिया में करता है। आज आगे बढ़ती हमारी बहनों की ये खुशी, यही मोदी को मेहनत करने का हौसला देती है।

साथियों,

आपको पता है कि लंबी चर्चा के बाद हमारा संविधान बना। तब एक मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई थी। बाबा साहेब आंबेडकर थे, डॉ. राजेंद्र बाबू थे, देश के बड़े-बड़े विद्वान थे, और संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देना कि नहीं देना। इस पर गंभीर चर्चा हुई। और बाबा साहेब के नेतृत्व में संविधान सभा ने 75 साल पहले तय किया कि हमारे देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकते हैं। देश को फिर से नहीं बांट सकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर ने इसके विषय में खुलेआम वकालत की कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। इतना ही नहीं, पंडित नेहरू ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया। लेकिन अब जब हमारी गरीब SC-ST-OBC का कांग्रेस से मोहभंग हो गया है तो कांग्रेस नेहरू जी की भावना के खिलाफ जा रही है। बाबा साहब आंबेडकर की पीठ में छुरा भोंक रही है, संविधान को तोड़ने-मरोड़ने में लगी है। कांग्रेस लगी हुई है कि ओबीसी कोटे को कम करके धर्म के आधार पर उसमें से डाका डाल के मुसलमानों को आरक्षण दे दिया जाए। दलितों के आरक्षण में से डाका डालो, आदिवासियों के आरक्षण में से डाका डालो और कांग्रेस की इस साजिश में आरजेडी भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। 2007 में बिहार के शहजादे के पिता जी ने मुस्लिमों को ये आरक्षण में से निकाल करके कोटा देने की बात कही थी। रेलमंत्री रहते हुए उन्होंने रेलवे अधिकारियों को कहा था कि मुस्लिमों के लिए कोटे का इंतजाम किया जाए। सोचिए, ये SC-ST-OBC का आरक्षण छीनकर मुस्लिमों को देना चाहते हैं। आप मुझे बताइए, धर्म के आधार पर SC-ST-OBC आरक्षण अगर कटेगा तो यादव-कुर्मी समाज का हक भी बचेगा क्या? सबकुछ खतम हो जाएगा। पासवान, मुसहर, रविदास, धानुक समाज के हक पर ये डाका डालने की फिराक में हैं। साथियों, मैं पिछले 12 दिनों से कांग्रेस को और उनके चट्टों-बट्टों को आरक्षण के मुद्दे पर पर चुनौती दे रहा हूं। मैंने उनसे कहा है, मैंने लिखित में मांगा है कि इंडी गठबंधन, धर्म के आधार पर SC-ST-OBC का आरक्षण छीन करके मुसलमानों को नहीं देंगे। धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए संविधान के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे। लेकिन इनके पेट में पाप है। 12 दिन से मैं मांग कर रहा हूं। ये चुप बैठे हैं। साथियों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं जबतक मोदी जिंदा है, SC-ST-OBC के आरक्षण पर कभी भी मैं खिलवाड़ नहीं करने दूंगा।

साथियों,

मैंने जब से कांग्रेस- RJD के इरादों को बेनकाब किया है, ये लोग बौखला गए हैं। अब RJD ने ये गिनना शुरू कर दिया है कि सेना में कौन हिंदू है कौन मुसलमान है। यही इनका असली चेहरा है। ये लोग समाज को बांटने के लिए..देश की एकता तोड़ने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। मां भारती की रक्षा के लिए जो सीने पर गोली खाता है, वो पहले भारतीय होता है। और ये RJD के लोग उसे हिंदु-मुसलमान की नजर से देखते हैं। मैं जरा हिंदू-मुसलमान का बंटवारा करने वालों से पूछना चाहता हूं। क्या अब्दुल हमीद जी को हम सिर्फ इसलिए याद करते हैं क्योंकि वो मुसलमान थे? देश को इस दिशा में ले जाएंगे ये लोग? यही लोग सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं, एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं। यही लोग आर्मी चीफ को गाली देते हैं। आखिर किसको खुश करने के लिए, किसके इशारे पर ये बोला जाता है? देश सब देख रहा है। जनता है सबकुछ जानती है। देशवासी सब देख रहे हैं। साथियों, RJD का इतिहास सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर हमेशा से तुष्टिकरण करने का रहा है। जब गोधरा में कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था तब रेलमंत्री ये शहजादे के पिता जी थे, जो सजा काट रहे हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। इन्होंने दोषियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक जज की कमेटी बनाई। बेनराजी कमेटी। सोनिया मैम का राज था न। और इसलिए उन्होंने बेनराजी कमेटी बनाई थी। जज का नाम बेनराजी था तो सबलोग बेनराजी बोलते थे। और उससे ऐसा रिपोर्ट लिखवाया कि 60 कारसेवकों को जलाने वाले निर्दोष छूट जाए, लेकिन ये रेलमंत्री जो जेल में जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर है, जमानत पर घूम रहे हैं। अदालत ने उनके इस रिपोर्ट को को कूड़े-कचरे में फेंक दिया। और उन सबको सजा सुनाई, फांसी तक की सजा हो गई। पूरी दुनिया को पता था कि कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था। लेकिन, तब फर्जी जांच रिपोर्ट बनवाकर कारसेवकों पर ही दोष मढ़ने की साजिश रची गई थी। यही इनका इतिहास है, यही इनकी सच्चाई है।

साथियों,

हमें बिहार को लालटेन के दौर में वापस नहीं जाने देना है। अभी आपको पता होगा, ये शहजादे दिल्ली वाले एक नई बात लेकर आए हैं। आप मुझे बताइए, भाइयों-बहनों, जो माता-पिता होते हैं वो मेहनत करके कुछ बचत करते हैं कि नहीं करते हैं। कुछ न कुछ बचाते हैं, उनके मन में रहता है कि एक छोटा सा घर बना दूं, बच्चों को काम आ जाएगा। एक छोटी सी गाड़ी ला दूं, बच्चों के काम आएगी। खेत खरीदकर रखो, बच्चों को काम आएगा। हर मां-बाप के मन में ये इच्छा रहती है कि वो अपने मरने के बाद बच्चों को कुछ न कुछ देकर के जाए। हर मां-बाप की इच्छा रहती है। अब कांग्रेस ऐसा कानून बनाना चाहती है, कि दिल्ली में उनकी सरकार बनेगी तो आपके मां-बाप ने जो कमाया है वो अब आपको नहीं मिलेगा। आपके पिताजी, अपना 10 एकड़ का खेत होगा तो आपको नहीं दे पाएंगे, दो घर है तो नहीं दे पाएंगे। आधा ये इनकी सरकार छीन लेगी, 55 प्रतिशत विरासत पर टैक्स लगाने का ये फतवा लेकर आना चाहते हैं। क्या आपकी मेहनत की कमाई किसी सरकार को लूटने देंगे? किसी सरकार को लूटने देंगे? ये कांग्रेस वालों को लूटने देंगे? ये आरजेडी वालों को लूटने देंगे? और इसलिए भाइयों-बहनों, आपका भविष्य बचाने के लिए आपके बच्चों का भविष्य बनाने के लिए 7 मई को झंझारपुर में JDU से प्रत्याशी श्री रामप्रीत मंडल जी को, 13 मई को दरभंगा में बीजेपी से श्री गोपाल ठाकुर जी को और समस्तीपुर से LJP की हमारी बेटी श्रीमती शाम्भवी चौधरी जी, पूरे हिंदुस्तान की सबसे छोटी उमर की बेटी चुनाव लड़ रही है। आप सब आशीर्वाद दीजिए, ये हमारी बेटी तो जीतनी ही चाहिए। 20 मई को मधुबनी में बीजेपी के श्री अशोक कुमार यादव जी को, ये हमारे सभी साथियों को भारी संख्या में वोट दीजिए। जब आप उनको वोट देंगे न तो ये वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मोदी को मजबूती मिलेगी और मोदी मजबूती से आपकी पांच साल और सेवा करेगा। तो घर-घर जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे, पहले मतदान फिर जलपान, ये पक्का करेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। यहां से जाने के बाद हर घर जाना घर-घर जाकर के कहना कि अपने मोदी जी दरभंगा आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे। घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे।

बोलिए,
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद!

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PM Modi’s remarks at the BRICS session: Environment, COP-30, and Global Health
July 07, 2025

Your Highness,
Excellencies,

I am glad that under the chairmanship of Brazil, BRICS has given high priority to important issues like environment and health security. These subjects are not only interconnected but are also extremely important for the bright future of humanity.

Friends,

This year, COP-30 is being held in Brazil, making discussions on the environment in BRICS both relevant and timely. Climate change and environmental safety have always been top priorities for India. For us, it's not just about energy, it's about maintaining a balance between life and nature. While some see it as just numbers, in India, it's part of our daily life and traditions. In our culture, the Earth is respected as a mother. That’s why, when Mother Earth needs us, we always respond. We are transforming our mindset, our behaviour, and our lifestyle.

Guided by the spirit of "People, Planet, and Progress”, India has launched several key initiatives — such as Mission LiFE (Lifestyle for Environment), 'Ek Ped Maa Ke Naam' (A Tree in the Name of Mother), the International Solar Alliance, the Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, the Green Hydrogen Mission, the Global Biofuels Alliance, and the Big Cats Alliance.

During India’s G20 Presidency, we placed strong emphasis on sustainable development and bridging the gap between the Global North and South. With this objective, we achieved consensus among all countries on the Green Development Pact. To encourage environment-friendly actions, we also launched the Green Credits Initiative.

Despite being the world’s fastest-growing major economy, India is the first country to achieve its Paris commitments ahead of schedule. We are also making rapid progress toward our goal of achieving Net Zero by 2070. In the past decade, India has witnessed a remarkable 4000% increase in its installed capacity of solar energy. Through these efforts, we are laying a strong foundation for a sustainable and green future.

Friends,

For India, climate justice is not just a choice, it is a moral obligation. India firmly believes that without technology transfer and affordable financing for countries in need, climate action will remain confined to climate talk. Bridging the gap between climate ambition and climate financing is a special and significant responsibility of developed countries. We take along all nations, especially those facing food, fuel, fertilizer, and financial crises due to various global challenges.

These countries should have the same confidence that developed countries have in shaping their future. Sustainable and inclusive development of humanity cannot be achieved as long as double standards persist. The "Framework Declaration on Climate Finance” being released today is a commendable step in this direction. India fully supports this initiative.

Friends,

The health of the planet and the health of humanity are deeply intertwined. The COVID-19 pandemic taught us that viruses do not require visas, and solutions cannot be chosen based on passports. Shared challenges can only be addressed through collective efforts.

Guided by the mantra of 'One Earth, One Health,' India has expanded cooperation with all countries. Today, India is home to the world’s largest health insurance scheme "Ayushman Bharat”, which has become a lifeline for over 500 million people. An ecosystem for traditional medicine systems such as Ayurveda, Yoga, Unani, and Siddha has been established. Through Digital Health initiatives, we are delivering healthcare services to an increasing number of people across the remotest corners of the country. We would be happy to share India’s successful experiences in all these areas.

I am pleased that BRICS has also placed special emphasis on enhancing cooperation in the area of health. The BRICS Vaccine R&D Centre, launched in 2022, is a significant step in this direction. The Leader’s Statement on "BRICS Partnership for Elimination of Socially Determined Diseases” being issued today shall serve as new inspiration for strengthening our collaboration.

Friends,

I extend my sincere gratitude to all participants for today’s critical and constructive discussions. Under India’s BRICS chairmanship next year, we will continue to work closely on all key issues. Our goal will be to redefine BRICS as Building Resilience and Innovation for Cooperation and Sustainability. Just as we brought inclusivity to our G-20 Presidency and placed the concerns of the Global South at the forefront of the agenda, similarly, during our Presidency of BRICS, we will advance this forum with a people-centric approach and the spirit of ‘Humanity First.’

Once again, I extend my heartfelt congratulations to President Lula on this successful BRICS Summit.

Thank you very much.