I say remove corruption, they say save the corrupt: PM Modi in Churu

Published By : Admin | April 5, 2024 | 19:25 IST
Today, the entire nation is focused on the goal of achieving the Viksit Bharat status, with Rajasthan playing a crucial role in this endeavour: PM Modi at Churu
I say – remove corruption, they say – save the corrupt: PM Modi taking a jibe at opposition
I want to tell these corrupt family members, no matter how many lies you spread, Modi is not afraid: PM Modi
The BJP doesn't just talk, it delivers. Unlike other parties, we don't just release manifestos, we fulfill them: PM Modi
Whatever happened in 10 years is just a trailer. There is still a lot to be done; we still have to take the country forward: PM Modi at Churu rally

राम-राम सा।
भारत माता की, भारत माता की।
शक्ति स्वरूपा जीणमाता जी, सालासर बालाजी महाराज, बाबा खाटू श्याम जी, अर वीर गोगाजी महाराज ने म्हारो बारम्बार प्रणाम।
राजस्थान, पराक्रम और परिश्रम की धरती है। ये वीर बेटों को जन्म देने वाली वीर-वीरांगना माताओं की पवित्र धरती है। और इसीलिए राजस्थान जो ठान लेता है, वो पत्थर की लकीर बन जाता है। यही जज्बा मैं मेरे सामने देख रहा हूं। गर्मी और धूप ने भी हिम्मत की परीक्षा लेना शुरू कर दिया है। लेकिन, आज देखिए परमात्मा की कृपा मौसम जरा ठीक लग रहा है। और जब कुदरत साथ देती है तो इशारा भी करती है कि हवा का रुख किस तरफ है।

साथियों,
राजस्थान का किसान, मेरे राजस्थान का नौजवान, और आप सब माताएं-बहनें, इतनी बड़ी संख्या में दूर-दूर से हमें अपना आशीर्वाद देने आए हैं। और पूरा राजस्थान कह रहा है - फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! आज चुरू ने ये बता दिया है कि - 4 जून..., 400 पार! 4 जून..., 400 पार! 4 जून..., 400 पार! और जब मैं चुरू आया हूं तो दिल्ली से नरेंद्र देवेंद्र के लिए आशीर्वाद मांगने आया है। और जब नरेंद्र देवेंद्र के लिए आशीर्वाद मांगता है तो आप लोग छप्पर फाड़ कर दे देते हैं।

साथियों,
बैठिए देवेंद्र जी। आज पूरा देश विकसित भारत होने के संकल्प पर काम कर रहा है। और इसमें राजस्थान की बहुत बड़ी भूमिका है। जब राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी विकसित होगा। बीते 10 साल में मोदी ने देश में जो काम किए हैं, उन्होंने विकसित भारत की नींव तैयार कर दी है। आज पूरी दुनिया हैरान है कि भारत इतनी तेजी से कैसे विकास कर रहा है? दुनिया को पता नहीं है कि भारत की इस मिट्टी की बात ही कुछ और है। हम जो ठान लेते हैं, वो पूरा करके दिखाते हैं। पिछले 10 साल में आपने देश को बदलते देखा है। आप याद करिए, 10 साल पहले तब देश कितनी खस्ता हालत में था। कांग्रेस के बड़े-बड़े घोटालों और लूट के कारण अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। दुनिया में भारत की साख गिरती जा रही थी। आजादी के इतने दशक बाद भी देश के लोग जीवन की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए जूझ रहे थे। करोड़ों गरीबों के सर पर छत नहीं थी। करोड़ों लोगों को पीने का पानी नहीं उपलब्ध था। हमारे गांव अंधेरे में डूबे थे, वहां बिजली भी नहीं पहुंची थी। और, लाखों करोड़ की लूट से सरकारी खजाना खाली ही रहता था। आप लोगों ने भी सोच लिया जब हालत इतनी खराब थे, इतने दशकों तक बुराइयां थी। तो इसका मन पर भी असर होता है। और आप सब देशवासियों ने मान लिया था कुछ बदल नहीं सकता। अब देश का कुछ हो ही नहीं सकता। हर कोई निराशा में डूबा हुआ था। इसी हताशा-निराशा में 2014 में आपने गरीब के इस बेटे को अपनी सेवा का मौका दिया। हताशा-निराशा ये मोदी के पास भी नहीं फटक सकती। मैंने तय किया कि हालात बदलने ही होंगे। मेरे लिए तो मेरा भारत, मेरा परिवार है। हमने ईमानदारी से काम किया। कोरोना जैसा इतना बड़ा संकट आया! दुनिया सोचने लगी थी कि भारत तो बर्बाद हो जाएगा। दुनिया को भी बर्बाद कर देगा। लेकिन इसी संकट में हम भारतीयों ने अपने देश को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया। हम भी कह सकते थे भई, क्या करूं, पूरी दुनिया में आपद आई, हमारे यहां भी आपदा आई तो मैं क्या करूं। और हो सकता है देश वाले मान भी लेते। लेकिन मोदी ने वो रास्ता नहीं चुना। चुनौतियों को चुनौती देना यही तो हमारी मिट्टी की ताकत होती है। और हमारे राजस्थान में तो कहते हैं- अपणी करणी पार उतरणी ! हमने परिश्रम किया और परिणाम लाकरके दिखा दिया।

10 वर्षों में हमने करोड़ों गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के आवास पक्के घर दिए। जिनकी तीन-तीन चार-चार पीढ़ी झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी गुजारती थी। जो फुटपाथ पर जीने के लिए मजबूर थे। ऐसे करोड़ों लोगों को पक्के घर दिए। और मुझे खुशी इस बात की है कि हमने जो पक्के घर दिए न उसमें अधिकतर पक्के घर मेरी माताओं-बहनों-बेटियों के नाम पर है। वर्ना हम तो जानते हैं हमारी समाज रचना ऐसी रही है कि घर होगा तो पुरुष के नाम पर। गाड़ी होगी पुरुष के नाम पर। खेत होगा पुरुष के नाम पर। दुकान होगी पुरुष के नाम पर। सबकुछ पुरुष के नाम पर। मोदी ने तय कर लिया कि सरकार जो घर देगी वो मेरी महिलाओं के नाम पर होगा। आप याद करिए, पहले जब घर बनाने के नाम पर योजनाएं आती थीं तब क्या होता था! गरीब को पता भी नहीं चलता था। उसके नाम का पैसा सरकार में बैठे लोग और उनकी पार्टी के लोग खा जाते थे। लेकिन, अब पैसा सीधे गरीब के खाते में जा रहा है। अब गरीब को पक्का घर भी मिल रहा है, घर में जरूरत की सुविधाएं भी मिल रही हैं।

साथियों,
आज जल जीवन मिशन योजना चलाकर घर-घर में पानी का कनेक्शन भी देने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। राजस्थान में करीब 50 लाख घरों में पीने के पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। कांग्रेस सरकार हमारी इस योजना में भी भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं छोड़ती थी। अब उन कमियों को भी दूर किया जा रहा है। (वहां पीछे सुनाई नहीं देता है क्या, सुनाई दे रहा है। अच्छा ये तो आपका उत्साह है इसलिए...) देखिए राजस्थान के साढ़े 4 करोड़ जरूरतमंदों को हर महीने मुफ्त राशन भी दिया जा रहा है। यानी जीवन के हर पड़ाव पर भाजपा सरकार गरीब के साथ खड़ी है। जो काम इतने दशक में नहीं हुए, वो हमने 10 साल में करके दिखाये। इसलिए मैं कहता हूं जब नीयत सही, तो नतीजे सही!

और साथियों,
10 साल में जो हुआ, लोग तो कहते हैं बहुत कुछ हुआ। पहले की सरकारों की तुलना में बहुत कुछ हुआ। आप भी कहते हैं, अरे मोदी जी तो दिन-रात दौड़ते हैं। काम करते ही रहते हैं, सोते हैं कि नहीं सोते हैं। आपलोग बताते हैं मुझे पता है। ...लेकिन काम कितना भी हुआ हो, औरों की तुलना में अनेक गुना हुआ हो, लेकिन मोदी के मन की बात आज मैं चूरू में बता देता हूं। बता दूं, बता दूं। देखिए जो अब तक हुआ है न वो तो ट्रेलर है ट्रेलर। आजकल बड़े-बड़े होटल में खाना खाने जाते हैं न तो पहले एपेटाइजर लेकर आते हैं, थोड़ी-थोड़ी देर पर तीन-चार बड़ी चटाखेदार चीजें परोसते हैं। तो कभी लगता है इतना आ गया पेट तो भर गया अब क्या खाएंगे। मोदी ने जो किया है वो तो एपेटाइजर है... अभी तो खाने की थाली बाकी है। बहुत कुछ करना है भाई। बहुत सारे सपने हैं। हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है।

साथियों,
आज देश में मोदी की गारंटी की चर्चा हो रही है। मोदी की गारंटी कैसे पूरी होती है, और कितनी रफ्तार से पूरी होती है, राजस्थान उसका बड़ा उदाहरण है। मैंने मेरी माताओं बहनों को गारंटी दी थी कि गरीबों का उज्ज्वला सिलिंडर सस्ता किया जाएगा। ये गारंटी पूरी हो गई है। मैंने युवाओं को गारंटी दी थी कि बीजेपी सरकार बनते ही कांग्रेस की पेपरलीक इंडस्ट्री के खिलाफ जांच बिठाई जाएगी। ये गारंटी भी पूरी हो गई है। मैंने ये गारंटी भी दी थी कि, राजस्थान का मेरा किसान, शेखावटी के मेरे लोगों के लिए पानी की समस्या को खत्म किया जाएगा। जिस ERCP प्रोजेक्ट को कांग्रेस ने लटकाकर रखा था, हमने उसे न केवल स्वीकृत किया बल्कि तेजी से काम भी जारी है। इससे पीने के पानी और लाखों हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का लाभ भी मिलेगा। हमने हरियाणा से समझौता करके शेखावाटी में पानी लाने का रास्ता भी साफ कर दिया है।

भाइयों-बहनों,
भाजपा जो कहती है, वो जरूर करती है। दूसरी पार्टियों की तरह भाजपा केवल घोषणापत्र नहीं जारी करती, हम संकल्प पत्र लेकर के आते हैं। 2019 में हमने जो संकल्पपत्र जारी किया था, उसके ज़्यादातर संकल्प पूरे हो चुके हैं। दो साल कोविड के संकट के बावजूद भी मोदी ने आपको जो वादा किया था वो वादा पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। राजस्थान के मेरे भाई बहन जम्मू-कश्मीर की धरती पर जो मेरे वीर जवान शहीद हुए ना उसमें में मेरे इस शेखावटी के जवान भी शहादत दी थी। वो जम्मू-कश्मीर जहां पर मेरे राजस्थान के वीरों का रक्त, आज उस जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म हो गया। तीन तलाक पर कानून हमारी मुस्लिम बहनों की मदद कर रहा है। और मेरी मुसलमान माताएं-बहनें समझें, ये तीन तलाक आपके जीवन पर तो खतरा था ही था मेरी मुस्लिम बेटियों के सिर पर तलवार लटकती रहती थी। मोदी ने आपकी रक्षा तो की है लेकिन मोदी ने हर मुस्लिम परिवार की भी रक्षा की है क्योंकि मुस्लिम परिवार का वो पिता वो कभी सोचता था कि बेटी की शादी करके भेजा तो है। दो-तीन बच्चे हो जाएंगे, उसके बाद अगर वो तीन तलाक कर के भेज देगा तो मैं बेटी को कैसे संभालूंगा। भाई को लगता था अगर तीन तलाक के कारण मेरी बहन घर वापस आ गई तो मेरा परिवार कैसे चलेगा। हर मां को लगता था कि इतने उत्साह और उमंग के साथ बेटी को शादी करके भेजा है, लेकिन तीन तलाक कह कर के अगर बेटी को लौटा दिया तो मेरी बेटी की जिंदगी का क्या होगा। यानि पूरा परिवार तीन तलाक के नाम पर लटकती तलवार के नीचे मुसीबत में जिंदगी गुजारता था। मोदी ने सिर्फ मुस्लिम बहनों को नहीं, सभी मुस्लिम परिवारों की जिंदगी को बचाया है। लोकसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण का कानून भी संसद ने पारित कर दिया है। ये भाजपा ही है जिसका संकल्पपत्र भी अपने आपमें एक गारंटी माना जाने लगा है।

साथियों,
आज जब मैं चुरू आया हूँ, तो कुछ पुरानी यादें भी ताजा हो रही हैं। इससे पहले मैं जब 26 फरवरी, 2019 में चुरू आया था, तो उसी समय देश ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। हमने आतंकियों को सबक सिखाया था। तब मैंने 2014 में जो शब्द कहे ते चुरू की इस धरती पर दोहराए थे। आज मैं उन्हें फिर एक बार इस वीरों की धरती आया हूं तो मेरे उन भावों को दोहरता हूं। तब मैंने कहा था, यहीं चूरू में कहा था।
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं रुकने दूंगा,
मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
मेरा वचन है भारत मां को,
तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा।

लेकिन साथियों,
आपको याद होगा, हमारी सेना ने जब सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक की, तब कांग्रेस और उसके साथी क्या भाषा बोल रहे थे? इसी घमंडिया गठबंधन के लोग हमारी सेना से शौर्य के सबूत मांग रहे थे।

भाइयों बहनों,
सेनाओं का अपमान, देश का विभाजन- ये कांग्रेस पार्टी की पहचान है। जब तक इंडी अलायंस के लोग सत्ता में रहे, इन्होंने हमारे जवानों के हाथ बांधकर रखे। दुश्मन हमला करके चला जाता था। ये जवानों को जवाब देने की इजाजत नहीं देते थे। हमारे जवान ‘वन रैंक-वन पेंशन’ की मांग करते थे। कांग्रेस ने इसे भी पूरा नहीं होने दिया। हमारी सरकार बनी तो हमने सैनिकों को ‘वन रैंक-वन पेंशन’ का अधिकार भी दिया, और सीमा पर पलटवार करने की खुली छूट भी दी। आज दुश्मन को भी पता है- ये मोदी है, ये नया भारत है, ये नया भारत घर में घुसकर मारता है।

साथियों,
देशहित से भी ज्यादा कांग्रेस ने हमेशा तुष्टिकरण को प्राथमिकता दी है। ये लोग तुष्टिकरण के लिए किस हद तक जा सकते हैं, ये देश ने देखा है। ये वो लोग हैं जिन्होंने कोर्ट में जाकर कहा था कि प्रभु श्रीराम तो काल्पनिक हैं। अभी कुछ महीने पहले ही, अयोध्या में भव्य राममंदिर का सपना पूरा हुआ। पूरा देश प्राणप्रतिष्ठा का उत्सव मना रहा था, लेकिन, कांग्रेस पार्टी खुलेआम हमारी आस्था का अपमान कर रही थी।

साथियों,
देश ने कांग्रेस के पापों की हमेशा कीमत चुकाई है। और अभी-अभी तो मुझे एक पत्रकार बता रहे थे कि कांग्रेस पार्टी ने एक एडवाइजरी निकाली है और एडवाइजरी भी इतने डरे-डरे निकाली है, उन्होंने कांग्रेस के सभी इकाइयो को कहा है कि अयोध्या राम मंदिर की चर्चा अगर निकल पड़े तो मुंह पर ताला लगा देना कुछ बोलना ही मत, उनको लगने लगा है कि अगर राम का नाम लिया तो पता नहीं कि कब राम-राम हो जाएगा। ये हाल हो गया है उनका एडवाइजरी निकलनी पड़ रही है। भाइयों-बहनों हमारा देश हमारी आस्था इनका इतना घोर अपमान यह देश सह नहीं सकता है। लेकिन, अब जब इन परिवारवादी भ्रष्टाचारियों की लूट का हिसाब हो रहा है, तो ये सब एक हो गए हैं। मैं कहता हूं- भ्रष्टाचार हटाओ, तो वो कहते हैं-भ्रष्टाचारी बचाओ। अब मुझे बताइए, भ्रष्टाचार हटना चाहिए कि नहीं हटना चाहिए। देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। भ्रष्टाचार ने देश को बर्बाद किया है य नहीं किया है। भ्रष्टाचार ने नौजवानों के सपनों को चूर-चूर किया है नहीं है कि नहीं किया है। क्या अगर मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता हूं तो सही है कि गलत है। सही है कि गलत है। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखूं। आपके आशीर्वाद हैं। पूरी ताकत से आशीर्वाद मिलेंगे। आपने देखा होगा, इस समय घमंडिया गठबंधन के लोग चुनाव की रैलियां नहीं कर रहे हैं, भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैली कर रहे हैं। आप मुझे बताइये, कांग्रेस के सांसद के ठिकाने पर छापा पड़ा...वहाँ से अलमारी में बक्सों में बंद किए हुए 300 करोड़ से ज्यादा रुपए बरामद हुए। और टीवी पर देश ने देखा। और केवल एक सांसद के पास से, एक जगह से 300 करोड़ रुपए का खजाना मिला है। और क्या-क्या होगा ये तो अभी खोजना है। 10 साल में अकेले ED ने भ्रष्टाचारियों से एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। मैं आपसे पूछता हूं... ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए कि या नहीं? ऐसे लोगों की जिंदगी जेल में बिताना चाहिए कि नहीं। मैं इन भ्रष्टाचारी परिवारवादियों से कहना चाहता हूं, कितने भी झूठ फैला लो, ये मोदी डरने वाला नहीं है।

साथियों,
कांग्रेस और इंडी गठबंधन वाले सिर्फ अपना हित देखते हैं। यही उनका कार्यक्रम है। इन्हें गरीब, दलित, शोषित-वंचित के कल्याण से, उनके सम्मान से कोई मतलब नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने कभी बाबा साहब अंबेडकर का सम्मान नहीं किया। इसी कांग्रेस ने बाबा साहब को दशकों तक भारत रत्न नहीं मिलने दिया था। इन लोगों ने देश में आपातकाल लगाया। संविधान को बंधक बनाया। इसी इंडी अलायंस के लोगों ने कभी भी पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया। दशकों पुरानी ये मांग मोदी ने पूरी की। भाजपा ने देश को दलित राष्ट्रपति दिए, देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी दीं। लेकिन इन्हें चुनाव हरवाने के लिए इंडी गठबंधन वालों ने पूरी ताकत लगा दी थी। अब 19 अप्रैल को शोषितों-वंचितों के ऐसे विरोधियों के साथ क्या करना है, आपको पता है न? पता है न? पता है न? अपने यहां राजस्थान में कहते हैं। अक्कलमंद ने इशारो ई घणो॥

साथियों,
चूरू में भाई देवन्द्र झाझड़िया जी...
झुंझूनू में शुभकरण चौधरी जी...
सीकर में स्वामी सुमेधानंद सरस्वती जी... मैं आज आपके पास उन सब के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। आप में से बहुत कम लोगों को पता होगा… मैं आपको बता देना चाहता हूं…चूरू में जो उम्मीदवार हैं देवेंद्र और दिल्ली में हैं नरेन्द्र। आपमें से बहुत कम लोगों को पता होगा… देवेंद्र के साथ मेरा बहुत पुराना निकट नाता रहा है। और जब मैं देवेंद्र से पहली बार मिला। और जब मैंने उसकी मां की बातें सुनी। मेरे मन को छू गया। मेरे देश की आन बान शान के लिए शेखाबाटी की गरीब मां- अनपढ़ मां अपना बेटा… जिसका शरीर मुसीबतों से गुजारा करने वाला शरीर है… लेकिन उसको भी दुनिया में देश का नाम करने के लिए मां प्रेरित करती है… और देवेंद्र भी गरीबी की परवाह किए बिना जी-जान से जुटकरके भारत का सम्मान बढ़ाया है। देवेंद्र को टिकट देने के पीछे मोदी का मकसद यही था कि जो गरीब मां का बेटा होता है उसके सपने भी पूरे होने चाहिए… मोदी का देवेंद्र को टिकट देने का मकसद यही था मेरे देश के जो खिलाड़ी हैं उन्हें हिंदुस्तान के खेल जगत के… बेटे-बेटियां हैं उनको प्रोत्साहन मिले… कि आपके खेल का कार्यकाल ये देश कभी भूलने वाला नहीं हैं… और उसका सिंबॉल हमारा देवेन्द्र है… और इसलिए मैं चूरू वासियों से विशेष रूप से… गरीबी से ही लड़ा नहीं… दुनिया में जाकर देश का डंका बजाया ऐसे मेरे साथी को… चाहे वो चूरू हो, झुंझूनू हो या सीकर हो, आप भारतीय जनता पार्टी को भरपूर आशीर्वाद दीजिए। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं आपके सपनों को पूरा करने के लिए मैं एड़ी-चोटी का जोर लगा दूंगा। गर्मी कितनी ही क्यों न हो मतदान पूरा होगा न। गर्मी के कारण मतदान कम होगा ऐसा नहीं होगा न। घर-घर जाएंगे, माताओं-बहनों को मेरी बात बताएंगे। चुनाव जीतने के लिए मतदान करेंगे। अच्छा मेरा का एक और काम करेंगे। मेरा पर्सनल काम है करेंगे। घर-घर जाकर कहना कि हमारे मोदी जी चूरू आए थे। और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। मैं यहां भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं को भी सार्वजनिक रूप से प्रार्थना करता हूं। सार्वजनिक रूप से कभी-कभी करना पड़ता है। ऐसा है कि चुनाव का समय है हर किसी के जिम्मे बहुत सारा काम है। लेकिन इनको मन में रहता है कि प्रधानमंत्री जी आए हम नहीं जाएंगे तो कैसा लगेगा। मेरी आप कार्यकर्ताओं से विनती है आप बिलकुल मेरी चिंता छोड़ दीजिए। सभी कार्यक्रमों में वरिष्ठ लोगों को दौड़ने की जरूरत नहीं है। कोई छोटा कार्यकर्ता भी रहेगा तो मोदी भी छोटा है, छोटे के बगल में बैठ जाएगा। आप कृपा करके सभी कार्यक्रमों के लिए मत दौड़िए।
मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!