QuoteWherever the crisis struck, we have left no stone unturned to bring back our citizens safe. We are now bringing back thousands of Indians from Ukraine by running Operation Ganga: PM Modi
QuoteThose who have a history of taking commissions in defence deals cannot strengthen the country: PM Modi in Basti
QuoteFor decades these 'Parivarwadis' let our armies’ dependent on other countries, destroyed India's Defence (sector)...But today, we have a Defence corridor being set up in UP: PM Modi

नमस्कार।

बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, अंबेडकरनगर के सभी लोगों को मेरा प्रणाम। आज 5वें चरण का मतदान हो रहा है। आज का मतदान, यूपी में भाजपा, एनडीए की प्रचंड बहुमत वाली सरकार को एक और ठप्पा लगाने वाले हैं।

भाइयों और बहनों,

यूपी को दंगामुक्त बनाए रखने के लिए, गुंडामुक्त बनाए रखने के लिए, यूपी के विकास के लिए लोगों का भरपूर आशीर्वाद हमें मिल रहा है।

भाइयों और बहनों,

आज चंद्रशेखर आज़ाद जी के बलिदान दिवस पर देश अपने सपूत को याद कर रहा है। कल बालाकोट एयरस्ट्राइक के तीन साल पूरे होने पर देश ने अपनी वायुसेना के पराक्रम को भी याद किया। हमारे शूरवीरों ने देश को चुनौती देने वालों को उनके घर में ही घुसकर मारा था। याद है न... याद है न...।

ये दिन जब-जब आता है, देश का सीना गर्व से और चौड़ा हो जाता है। लेकिन साथियों, भारत का ये पराक्रम, दिल्ली और यूपी में बैठे कुछ घोर परिवारवादियों को रत्ती भर भी पसंद नहीं आता। ये लोग आज भी हमारी सेनाओं से सबूत मांगते हैं, उनके सामर्थ्य पर विश्वास नहीं करते। इसलिए ऐसे लोगों से यूपी की जनता को बहुत सतर्क रहना है।

भाइयों और बहनों,

बीते 2 साल से दुनिया में जो स्थिति बनी है, उससे आप सभी परिचित हैं। कोरोना की भयंकर महामारी पूरी दुनिया को पूरी मानव जाति को 100 साल में कभी ऐसी महामारी का सामना नहीं करना पड़ा था। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के सामने संकट खड़ा हो गया। इस समय भी जो वैश्विक हालात हैं, उस पर प्रत्येक भारतीय की नजर है। इस चुनौती भरे कालखंड में भारत ने हमेशा अपने एक-एक नागरिक के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जहां भी संकट आया, हमने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

ऑपरेशन गंगा चलाकर हम यूक्रेन से भी हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं। हमारे जो बेटा-बेटी अभी भी वहां हैं, उनको पूरी सुरक्षा के साथ अपने घर पहुंचाने के लिए सरकार दिन-रात काम कर रही है।

साथियों,

आज का ये दौर भारत को, हर भारतवासी को एक बहुत बड़ा संदेश दे रहा है। ये समय भारत को ज्यादा से ज्यादा ताकतवर, भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। ये समय जात-पात से ऊपर उठकर, छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठकर राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय है।

साथियों,

हमें हर साल, हर हाल में अपनी सेनाओं को आधुनिक बनाते ही रहना होगा। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद को खपाना होगा। ये काम घोर परिवारवादी, घोर स्वार्थी कभी नहीं कर सकते। जिन लोगों का इतिहास रक्षा सौदों में कमीशन खाने का रहा हो, वो परिवारवादी कभी भी देश को मजबूत नहीं कर सकते। जो लोग देश की सेनाओं की जरूरत को हमेशा नजरअंदाज करते रहे, वो परिवारवादी देश को मजबूत नहीं कर सकते। जिन लोगों का दिल, देश में बम धमाके करने वाले आतंकियों के लिए धड़कता है, वो कभी देश को सशक्त नहीं बनाएंगे।

भाइयों और बहनों,

देश तभी ताकतवर होगा, जब देश के राज्य ताकतवर होंगे, जब हमारा उत्तर प्रदेश ताकतवर होगा। लेकिन घोर परिवारवादियों का तो एक ही फॉर्मूला है- पैसा परिवार की तिजोरी में, कानून जेब में और जनता इनके पैरों पर । ये उत्तर प्रदेश को, देश को ताकतवर नहीं होने देंगे। ये तो समाज के कमज़ोर वर्गों पर गुंडई करने वालों, माफियाओं को ताकत देते हैं। कबीर जी इनके लिए ही बहुत पहले कह गए थे- दुर्बल को ना सताइए, जाकि मोटी हाय ! गरीब की इसी हाय ने, 2014 में इनको झटक दिया, 2017 में पटक दिया, 2019 में साफ किया, और अब 2022 में तो अब इनको अपनी ही सीट बचाने के लाले पड़ गए हैं।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत अभियान, सिर्फ भाजपा सरकार का नहीं है, बल्कि एक-एक देशवासी की जरूरत है। देश आत्मनिर्भर होगा तो नौजवानों, महिलाओं, किसानों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों सभी को लाभ होगा।

बहनों और भाइयों,

पहले की सरकारों की जो नीतियां थीं, उन्होंने विदेश से सामान मंगाने पर ही जोर दिया। इन लोगों को भारत का दूसरे देशों पर निर्भर बने रहना अच्छा लगता है। उन्हें एक ही बात नजर आती है कौन सी पता है, कमीशन, कटकी। इसलिए ये लोग कभी आत्मनिर्भर भारत की बात नहीं करते। राष्ट्रभक्ति और परिवारभक्ति में यही फर्क होता है।

|

भाइयों और बहनों,

इन घोर परिवारवादियों ने दशकों तक हमारी सेना को भी पूरी तरह विदेशों पर निर्भर रखा, भारत के रक्षा उद्योग को बर्बाद कर दिया। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ही बहुत बड़ा डिफेंस कॉरिडोर बना रहा है। हमारे पास तेल के कुएं नहीं हैं, हम बहुत सारा कच्चा तेल बाहर से मंगाते हैं, लाखों करोड़ रुपए उस पर खर्च करते हैं। इन लोगों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया कि गन्ने की मदद से ज्यादा से ज्यादा इथेनॉल भी बनाया जा सकता है, उसे पेट्रोल में मिक्स किया जा सकता है। पहले ये लोग गन्ने से सिर्फ चीनी बनवाते रहे और नीतियां ऐसी बनाईं कि चीनी मिलें और गन्ना किसानों, दोनों को सरकार की दया पर जीने के लिए मजबूर कर दिया। आज हमारी सरकार गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इथेनॉल प्लांट का बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार कर रही है।

यहां पिपराइच में जो डिस्टिलरी लगी है, उसमें भी गन्ने से सैकड़ों लीटर इथेनॉल हर रोज बनेगा। गांव में जो गोबर होता है, शहरों में घरों से जो कचरा निकलता है, उससे भी बायोगैस बनाने के लिए आज देश में सैकड़ों बायोगैस प्लांट बनाए जा रहे हैं। खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के लिए हमने हज़ारों करोड़ रुपए का मिशन शुरु किया है। इसके तहत सरकार किसानों को तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए मदद दे रही है। यानि हर साल जो लाखों करोड़ रुपए हम विदेश भेजने के लिए मजबूर हैं, वो हमारे ही किसानों की जेब में जाएंगे। कमीशन के लिए जीने वाले परिवारवादी, किसान हित और राष्ट्रहित के ऐसे कदम कभी नहीं उठा सकते। आप याद रखिएगा साथियों, ये किसी जाति के नहीं होते, किसी समाज के नहीं होते, इनके लिए अपना स्वार्थ सबसे बड़ा है। ये कितने स्वार्थी हैं आप देखिए 2017 में किनको साथ लेकर घूमते थे, 2019 में आते आते उनको छोड़ दिया, दूसरों का साथ लिया, फिर उनको छोड़ दिया, 2022 में नए साथी लेकर आए, जो अपने साथियों को छोड़ देते हैं। वो कभी आपका साथ करेंगे क्या?

साथियों,

ये घोर परिवारवादी जब सरकार में थे, तो इन लोगों ने कैसे यूपी को लूटा है, इसका एक और उदाहरण मैं आपको देना चाहता हूं। जब इन घोर परिवारवादियों की सरकार के पांच साल के खर्च का लेखा-जोखा किया गया, तो पता चला कि हजारों करोड़ रुपए का कोई हिसाब ही नहीं है। रातो-रात फर्जी कंपनियां बनाकर, उन्हें सरकारी ठेके तो दे दिए गए लेकिन वो पैसा खर्च कहां हुए इसका कभी हिसाब नहीं दिया गया। हजारों करोड़ रुपयों से इस क्षेत्र में कितने स्कूल बन सकते थे, गरीबों के कितने घर बन सकते थे। लेकिन ये घोर परिवारवादी, सारे पैसे खाकर बैठ गए।

साथियों,

बस्ती समेत ये पूरा क्षेत्र जो कभी अपनी फैक्ट्रियों, मिलों के लिए जाना जाता था, उन पर ताले किसने लगाए?...किसने ताले लगाए? ये बोरोजगार किसने किया।

भाइयों और बहनों,

गन्ना किसानों को, बुनकरों को भी इन घोर परिवारवादियों ने बेहाल कर दिया था। योगी जी की सरकार ने मुंडेरवा-पिपराइच चीनी मिल का तोहफा गन्ना किसानों को दिया है। एक जनपद, एक उत्पाद जैसी योजनाओं के माध्यम से यहां के बुनकरों, यहां के कारीगरों को भाजपा सरकार नया विश्वास दे रही है। इस साल के बजट में केंद्र सरकार ने एक स्टेशन, एक उत्पाद की घोषणा की है। इसके तहत हमारे बुनकरों, कारीगरों के सामान को बड़े मार्केट तक पहुंचाने के लिए रेलवे में विशेष सुविधाएं तैयार की जाएंगी।

भाइयों और बहनों,

हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हर गरीब को सशक्त कर रही है। जाति धर्म से ऊपर उठकर, बढ़ाया है सम्मान, सबसे पहले गरीब कल्याण, इसी भावना के साथ हम काम कर रहे हैं। जब मेडिकल कॉलेज खुलते हैं, आईटीआई खुलती हैं, तो सबका विकास होता है। जब हम सिंचाई की दशकों पुरानी योजनाओं को पूरा करते हैं, तो सबका विकास होता है। जब हम गरीब को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देते हैं, तो सबका विकास होता है। जब सरकार मुफ्त राशन देती है, जीवन बचाने वाला टीका मुफ्त लगाती है, तो ये सबका कल्याण होता है।

भाइयों और बहनों,

आपका टीका लग गया, टीका लग गया। आपको एक भी रुपया देना पड़ा क्या, कोई खर्चा करना पड़ा करना पड़ा क्या। ये बिना भेदभाव हुआ की नहीं हुआ, बिना पक्षपात हुआ की नहीं हुआ।

भाइयों और बहनों,

मेरे लिए इस देश का हर नागरिक मेरा अपना परिवार है और इसलिए बिना किसी भेदभाव बिना पक्षपात सरकार गरीब को पक्की छत देती है, तो ये सबका विकास ही है। लेकिन घोर परिवारवादियों के लिए तो अपना विकास ही सर्वोपरि है। इसलिए ये गरीब के हित में बनाई गई इन योजनाओं के खिलाफ हैं। ऐसे लोगों को सत्ता से हमेशा दूर रखना है। इसलिए आपको एकजुट होकर, भाजपा, निषाद पार्टी और अपना दल के उम्मीदवारों के लिए भारी मतदान करना है। आपका हर एक वोट उत्तर प्रदेश को मजबूत बनाएगा, देश को नई ताकत देगा। याद रखिए पहले मतदान, फिर बाकी काम !

भाइयों-बहनों

मेरा एक काम करेंगे आप लोग, ऐसे नहीं जोर से बताइए। माताएं बहनें मेरा काम करेंगी, नौजवान मेरा काम करेंगे, सारे किसान भाई मेरा काम करेंगे, पक्का करेंगे। तो देखिए 3 तारीख के पहले हरेक के घर जाइए और उनको कहिए की मोदीजी ने आपको प्रणाम भेजा है। ये काम करेंगे, हरेक के घर में मेरा प्रणाम पहुंचना चाहिए। मेरा नमस्ते पहुंचना चाहिए, पहुंचेगा न, आप घर-घर जाकर एनडीए को जिताने के लिए समझाएंगे, भाजपा तो जिताने के लिए समझाएंगे। निषाद पार्टी को जिताने के लिए समझाएंगे, अपना दल को जिताने के लिए समझाएंगे।

भाइयों-बहनों

भारी मतदान करवाइए, सबको एनडीए के साथियों को जिताइए, मेरे साथ बोलिए.

भारत माता की जय !

  • JBL SRIVASTAVA July 04, 2024

    नमो नमो
  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    नमो नमो नमो
  • Vaishali Tangsale February 15, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • n.d.mori August 09, 2022

    Namo Namo Namo Namo Namo Namo Namo 🌹
  • G.shankar Srivastav August 03, 2022

    नमस्ते
  • Laxman singh Rana July 30, 2022

    namo namo 🇮🇳🙏
  • Laxman singh Rana July 30, 2022

    namo namo 🇮🇳🌹🌷
  • narender June 30, 2022

    हर हर मोदी घर घर मोदी
  • G.shankar Srivastav June 12, 2022

    G.shankar Srivastav
  • Jignesh Sevak Bjp April 03, 2022

    namo
Explore More
140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day

Popular Speeches

140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day
From 'Kavach' Train To Made-In-India Semiconductor Chip: Ashwini Vaishnaw Charts India’s Tech Future

Media Coverage

From 'Kavach' Train To Made-In-India Semiconductor Chip: Ashwini Vaishnaw Charts India’s Tech Future
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Uttar Pradesh is no longer just a land of possibilities but of competence and accomplishments: PM Modi in Varanasi
April 11, 2025
QuoteIn the last 10 years, the development of Banaras has gained a new momentum: PM
QuoteMahatma Jyotiba Phule and Savitribai Phule ji worked throughout their lives for the welfare of women empowerment: PM
QuoteBanas Dairy has changed both the image and destiny of thousands of families in Kashi: PM
QuoteKashi is now becoming the capital of Good Health: PM
QuoteToday, whoever goes to Kashi, praises its infrastructure and facilities: PM
QuoteIndia today is carrying forward both development and heritage together, Our Kashi is becoming the best model for this: PM
QuoteUttar Pradesh is no longer just a land of possibilities but of competence and accomplishments!: PM

नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव!

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, उपस्थित मंत्रीगण, अन्‍य जनप्रतिनिधिगण, बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी और यहां इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने के लिए आए मेरे सभी परिवार जन,

काशी के हमरे परिवार के लोगन के हमार प्रणाम। आप सब लोग यहां हमें आपन आशीर्वाद देला। हम ए प्रेम क कर्जदार हई। काशी हमार हौ, हम काशी क हई।

|

साथियों,

कल हनुमान जन्मोत्सव का पावन दिन है और आज मुझे संकट मोचन महाराज की काशी में आपके दर्शन का सौभाग्य मिला है। हनुमान जन्मोत्सव से पहले, काशी की जनता आज विकास का उत्सव मनाने यहां इकट्ठी हुई है।

साथियों,

पिछले 10 वर्षों में बनारस के विकास ने एक नई गति पकड़ी है। काशी ने आधुनिक समय को साधा है, विरासत को संजोया है और उज्ज्वल बनाने की दिशा में मजबूत कदम भी रखे हैं। आज काशी, सिर्फ पुरातन नहीं, प्रगतिशील भी है। काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है। जौने काशी के स्वयं महादेव चलाव लन… आज उहे काशी पूर्वांचल के विकास के रथ के खींचत हौ!

साथियों,

कुछ देर पहले काशी और पूर्वांचल के अनेक हिस्सों से जुड़ी ढेर सारी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। कनेक्टिविटी को मजबूती देने वाले अनेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, गांव-गांव, घर-घर तक नल से जल पहुंचाने का अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार और हर क्षेत्र, हर परिवार, हर युवा को बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प ये सारी बातें, ये सारी योजनाएं, पूर्वांचल को विकसित पूर्वांचल बनाने की दिशा में मील का पत्थर बनने वाली हैं। काशी के हर निवासी को इन योजनाओं से खूब लाभ मिलेगा। इन सभी विकास कार्यों के लिए, बनारस के लोगों को, पूर्वांचल के लोगों को मैं ढेर सारी बधाई देता हूं।

|

साथियों,

आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है। महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जीवन भर, नारी शक्ति के हित, उनके आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए काम किया। आज हम उनके विचारों को, उनके संकल्पों को नारी सशक्तिकरण के उनके आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं, नई ऊर्जा दे रहे हैं।

साथियों,

आज मैं एक बात और भी कहना चाहूंगा, महात्मा फुले जी जैसे त्यागी, तपस्वी, महापुरुषों से प्रेरणा से ही देश सेवा का हमारा मंत्र रहा है, सबका साथ, सबका विकास। हम देश के लिए उस विचार को लेकर के चलते हैं, जिसका समर्पित भाव है, सबका साथ, सबका विकास। जो लोग सिर्फ और सिर्फ सत्ता हथियाने के लिए, सत्ता पाने के लिए, दिन रात खेल खेलते रहते हैं, उनका सिद्धांत है, परिवार का साथ, परिवार का विकास। आज मैं सबका साथ, सबका विकास के इस मंत्र को साकार करने की दिशा में पूर्वांचल के पशुपालक परिवारों को, विशेष रूप से हमारी मेहनतकश बहनों को विशेष बधाई देता हूं। इन बहनों ने बता दिया है, अगर भरोसा किया जाए, तो वो भरोसा नया इतिहास रच देता है। ये बहनें अब पूरे पूर्वांचल के लिए नई मिसाल बन चुकी हैं। थोड़ी देर पहले, उत्तर प्रदेश के बनास डेयरी प्लांट से जुड़े सभी पशुपालक साथियों को बोनस वितरित किया गया है। बनारस और बोनस, ये कोई उपहार नहीं है, ये आपकी तपस्या का पुरस्कार है। 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा का ये बोनस, आपके पसीने का, आपके परिश्रम का तोहफा है।

साथियों,

बनास डेयरी ने काशी में हजारों परिवारों की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल दी है। इस डेयरी ने आपकी मेहनत को इनाम में बदला और सपनों को नई उड़ान दी और खुशी की बात ये, कि इन प्रयासों से, पूर्वांचल की अनेकों बहनें अब लखपति दीदी बन गई हैं। जहाँ पहले गुज़ारे की चिंता थी, वहाँ अब कदम खुशहाली की तरफ बढ़ रहे हैं। और ये तरक्की बनारस, यूपी के साथ ही पूरे देश में दिखाई दे रही है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। 10 साल में दूध के उत्पादन में करीब 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, डबल से भी ज्यादा। ये सफलता आप जैसे देश के करोड़ों किसानों की है, मेरे पशुपालक भाइयों और बहनों की है। और ये सफलता एक दिन में नहीं मिली है, बीते 10 सालों से, हम देश के पूरे डेयरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं।

हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है, सब्सिडी की व्यवस्था की है और सबसे बड़ा महत्वपूर्ण एक काम, जीव दया का काम भी है। खुरपका-मुंहपका, Foot and Mouth Disease से पशुधन को बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। कोविड की मुफ्त वैक्सीन की तो सबको चर्चा करनी याद आती है, लेकिन ये सरकार ऐसी है, जिसके सबका साथ, सबका विकास में मेरे पशुओं को भी मुफ्त में टीकाकरण हो रहा है।

दूध का संगठित कलेक्शन हो इसके लिए देश की 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया है। इसमें लाखों नए सदस्य जोड़े गए हैं। प्रयास ये है कि डेयरी सेक्टर से जुड़े लोगों को एक साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जा सके। देश में गाय की देसी नस्लें विकसित हों, उनकी क्वालिटी अच्छी हो। गायों की ब्रीडिंग का काम साइंटिफिक अप्रोच से हो। इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन चल रहा है। इन सारे कामों का मूल यही है कि देश में जो पशुपालक भाई बहन हैं, वो विकास के नए रास्ते से जुड़ें। उन्हें अच्छे बाजार से, अच्छी संभावनाओं से जुड़ने का अवसर मिले। और आज बनास डेरी का काशी संकुल, पूरे पूर्वांचल में इसी प्रोजेक्ट को, इसी सोच को आगे बढ़ा रहा है। बनास डेयरी ने यहां गिर गायों का भी वितरण किया है और मुझे बताया गया है कि उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। बनास डेयरी ने यहां बनारस में पशुओं के चारे की व्यवस्था भी शुरू कर दी है। पूर्वांचल के करीब-करीब एक लाख किसानों से आज ये डेयरी दूध कलेक्ट कर रही है, किसानों को सशक्त कर रही है।

|

साथियों,

अभी कुछ देर पहले मुझे यहां कई बुजुर्ग साथियों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड सौंपने का अवसर मिला है। मैंने उन साथियों के चेहरे पर जो संतोष का भाव देखा, मेरे लिए वो इस योजना की सबसे बड़ी सफलता है। इलाज को लेकर घर के बुजुर्गों की जो चिंता रहती है, वो हम सब जानते हैं। 10-11 साल पहले इस क्षेत्र में, पूरे पूर्वांचल में, इलाज को लेकर जो परेशानियां थीं, वो भी हम सब जानते हैं। आज स्थितियां बिल्कुल अलग हैं, मेरी काशी अब आरोग्य की राजधानी भी बन रही है। दिल्ली-मुंबई के बड़े-बड़े जो अस्पताल, ये अस्पताल अब आज आपके घर के पास आ गए हैं। यही तो विकास है, जहाँ सुविधाएं लोगों के पास आती हैं।

साथियों,

बीते 10 वर्षों में हमने सिर्फ अस्पतालों की गिनती ही नहीं बढ़ाई है, हमने मरीज की गरिमा भी बढ़ाई है। आयुष्मान भारत योजना मेरे गरीब भाई-बहनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। ये योजना सिर्फ इलाज नहीं देती, ये इलाज के साथ-साथ विश्वास देती है। उत्तर प्रदेश के लाखों और वाराणसी के हजारों लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। हर इलाज, हर ऑपरेशन, हर राहत, जीवन की एक नई शुरुआत बन गई है। आयुष्मान योजना से यूपी में ही लाखों परिवारों के करोड़ों रुपये बचे हैं, क्योंकि सरकार ने कहा, अब आपके इलाज की जिम्मेदारी हमारी है।

और साथियों,

जब आपने हमें तीसरी बार आशीर्वाद दिया, तो हमने भी आपको सेवक के रूप में स्नेह स्वरूप अपने कर्तव्य को निभाया है और कुछ लौटाने का नम्र प्रयास किया है। मेरी गारंटी थी, बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा, इसी का परिणाम है, आयुष्मान वय वंदना योजना! ये योजना, बुजुर्गों के इलाज के साथ ही उनके सम्मान के लिए है। अब हर परिवार के 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, मुफ्त इलाज के हकदार हैं। वाराणसी में सबसे ज़्यादा, करीब 50 हज़ार वय वंदना कार्ड यहां के बुजुर्गों तक पहुंच गए हैं। ये कोई आंकड़ा नहीं, ये सेवा का, एक सेवक का नम्र प्रयास है। अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं! अब इलाज के लिए कर्ज लेने की मजबूरी नहीं! अब इलाज के लिए दर-दर भटकने की बेबसी नहीं! अपने इलाज के पइसा क चिंता मत करा, आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज के पइसा अब सरकार देई!

साथियों,

आज काशी होकर जो भी जाता है, वो यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर की, यहां की सुविधाओं की बहुत प्रशंसा करता है। आज हर दिन लाखों लोग बनारस आते हैं। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करते हैं, मां गंगा में स्नान करते हैं। हर यात्री कहता है, बनारस, बहुत बदल गया है। कल्पना कीजिए, अगर काशी की सड़कें, यहां की रेल और एयरपोर्ट की स्थिति 10 साल पहले जैसी ही रहती, तो काशी की हालत कितनी खराब हो गई होती। पहले तो छोटे-छोटे त्योहारों के दौरान भी जाम लग जाता था। जैसे किसी को चुनार से आना हो और शिवपुर जाना हो। पहले उसको पूरा बनारस घूम कर, जाम में फंसकर, धूल-धूप में तपकर जाना पड़ता था। अब फुलवरिया क फ्लाईओवर बन गइल हो। अब रास्ता भी छोटा, समय भी बचत हो, जीवन भी राहत में हौ! ऐसे ही जौनपुर और गाजीपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आने-जाने में और बलिया, मऊ, गाजीपुर जिलों के लोगों को एयरपोर्ट जाने के लिए वाराणसी शहर के भीतर से जाना होता था। घंटों लोग जाम में फंसे रहते थे। अब रिंग रोड से कुछ ही मिनट में, लोग इस पार से उस पार पहुंच जाते हैं।

|

साथियों,

केहू के गाजीपुर जाए के हौ त पहिले कई घंटा लगत रहल। अब गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़ हर शहर में जाने का रास्ता, पहुंचने का रास्ता चौड़ा हो गया है। जहां पहले जाम था, आज वहाँ विकास की रफ्तार दौड़ रही है! बीते दशक में वाराणसी और आस-पास के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी, उस पर करीब 45 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। ये पैसा सिर्फ कंक्रीट में नहीं गया, ये विश्वास में बदला है। इस निवेश का लाभ आज पूरी काशी और आसपास के जिलों को मिल रहा है।

साथियों,

काशी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हो रहे इस निवेश को आज भी विस्तार दिया गया है। हजारों करोड़ के प्रोजेक्टस का आज शिलान्यास किया गया है। हमारा जो लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है, उसके विस्तारीकरण का काम तेजी से चल रहा है। जब एयरपोर्ट बड़ा हो रहा है, तो उसको जोड़ने वाली सुविधाओं का विस्तार भी ज़रूरी था। इसलिए अब एयरपोर्ट के पास 6 लेन की अंडरग्राउंड टनल बनने जा रही है। आज भदोही, गाजीपुर और जौनपुर के रास्तों से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर भी काम शुरु हुआ है। भिखारीपुर और मंडुवाडीह पर फ्लाईओवर की मांग लंबे समय से हो रही थी। हमके खुशी हौ कि इहो मांग पूरा होए जात हौ। बनारस शहर और सारनाथ को जोड़ने के लिए नया पुल भी बनने जा रहा है। इससे एयरपोर्ट और अन्य जनपदों से सारनाथ जाने के लिए शहर के अंदर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

|

साथियों,

अगले कुछ महीनों में, जब ये सारे काम पूरे हो जाएंगे, जो बनारस में आवाजाही और भी आसान होगी। रफ्तार भी बढ़ेगी और कारोबार भी बढ़ेगा। इसके साथ-साथ, कमाई-दवाई के लिए बनारस आने वालों को भी बहुत सुविधा होगी। और अब तो काशी में सिटी रोपवे का ट्रायल भी शुरू हो गया है, बनारस अब दुनिया के चुनिंदा ऐसे शहरों में होगा, जहां ऐसी सुविधा होगी।

साथियों,

वाराणसी में विकास का, इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई भी काम होता है, तो इसका लाभ पूरे पूर्वांचल के नौजवानों को होता है। हमारी सरकार का बहुत जोर इस पर भी है कि काशी के युवाओं को स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने के लगातार मौके मिलें। और अब तो 2036 में, ओलंपिक भारत में हो, इसके लिए हम लगे हुए हैं। लेकिन ओलंपिक में मेडल चमकाने के लिए मेरे काशी के नौजवानों आपको अभी से लगना पड़ेगा। और इसलिए आज, बनारस में नए स्टेडियम बन रहे हैं, युवा साथियों के लिए अच्छी फैसिलिटी बन रही है। नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खुल गया है। वाराणसी के सैकड़ों खिलाड़ी उसमें ट्रेनिंग ले रहे हैं। सांसद खेल प्रतियोगिता के भी प्रतिभागियों को इस खेल के मैदान में अपना दम दिखाने का अवसर मिला है।

|

साथियों,

भारत आज विकास और विरासत, दोनों एक साथ लेकर चल रहा है। इसका सबसे बढ़िया मॉडल, हमारी काशी बन रही है। यहां गंगा जी का प्रवाह है और भारत की चेतना का भी प्रवाह है। भारत की आत्मा, उसकी विविधता में बसती है और काशी उसकी सबसे सुंदर तस्वीर है। काशी के हर मोहल्ले में एक अलग संस्कृति, हर गली में भारत का एक अलग रंग दिखता है। मुझे खुशी है कि काशी-तमिल संगमम् जैसे आयोजन से, एकता के ये सूत्र निरंतर मजबूत हो रहे हैं। अब तो यहां एकता मॉल भी बनने जा रहा है। इस एकता मॉल में भारत की विविधता के दर्शन होंगे। भारत के अलग-अलग जिलों के उत्पाद, यहां एक ही छत के नीचे मिलेंगे।

साथियों,

बीते वर्षों में, यूपी ने अपना आर्थिक नक्शा भी बदला है, नजरिया भी बदला है। यूपी, अब सिर्फ संभावनाओं की धरती नहीं रहा, अब ये सामर्थ्य और सिद्धियों की संकल्प भूमि बन रहा है! अब जैसे आजकल ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज हर तरफ है। भारत में बनी चीजें, अब ग्लोबल ब्रांड बन रही हैं। आज यहां कई उत्पादों को GI टैग दिया गया है। GI टैग, ये सिर्फ एक टैग नहीं है, ये किसी जमीन की पहचान का प्रमाण पत्र है। ये बताता है कि ये चीज़, इसी मिट्टी की पैदाइश है। जहां GI टैग पहुंचता है, वहां से बाजारों में बुलंदियों का रास्ता खुलता है।

|

साथियों,

आज यूपी पूरे देश में GI टैगिंग में नंबर वन है! यानी हमारी कला, हमारी चीजें, हमारे हुनर की अब तेजी से अंतरराष्ट्रीय पहचान बन रही है। अब तक वाराणसी और उसके आसपास के जिलों में 30 से ज्यादा उत्पादों को GI टैग मिला है। वाराणसी का तबला, शहनाई, दीवार पर बनने वाली पेंटिंग, ठंडाई, लाल भरवां मिर्च, लाल पेड़ा, तिरंगा बर्फी, हर चीज़ को मिला है पहचान का नया पासपोर्ट, GI टैग। आज ही, जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला, बुंदेलखंड का कठिया गेहूँ, पीलीभीत की बांसुरी, प्रयागराज की मूंज कला, बरेली की ज़रदोज़ी, चित्रकूट की काष्ठ कला, लखीमपुर खीरी की थारू ज़रदोज़ी, ऐसे अनेक शहरों के उत्पादों को GI टैग वितरित किए गए हैं। यानी यूपी की मिट्टी में जो खुशबू है, अब वो सिर्फ हवा में नहीं, सरहदों के पार भी जाएगी।

साथियों,

जो काशी को सहेजता है, वह भारत की आत्मा को सहेजता है। हमें काशी को निरंतर सशक्त करते रहना है। हमें काशी को, सुंदर और स्वप्निल बनाए रखना है। काशी की पुरातन आत्मा को, आधुनिक काया से जोड़ते रहना है। इसी संकल्प के साथ, मेरे साथ एक बार फिर, हाथ उठाकर कहिए। नमः पार्वती पतये, हर हर महादेव। बहुत बहुत धन्यवाद।