MP means 'Maximum Progress': PM Modi in Gwalior

Published By : Admin | November 16, 2018 | 19:42 IST
QuoteCongress must answer why during the time of Emergency, Rajmata Ji was jailed for a long time: PM Modi
QuoteFor 55 years Congress were in power. During all those years, Madhya Pradesh was termed 'Bimaru': PM Modi
QuoteIn the last 15 years, definition of MP has changed. It has now become 'Maximum Progress': PM Modi
QuoteCongress manufactures lies and spreads it. But now people are more aware. They know about Congress' lies: PM
QuoteEven today, the Congress cries fowl of demonetisation. Why is it so? Because they faced the heat of demonetisation: PM Modi
QuoteOur fight against corruption won't end. Those who have looted the poor must return what they have looted: PM

मुझे लगता है ग्वालियर वालों ने कांग्रेस को दिन में तारे दिखा दिए हैं!

मंच पर विराजमान मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान नरेंद्र सिंह जी तोमर, श्री प्रभात झा, श्री अनूप मिश्रा, बहन माया सिंह जी, ग्वालियर के मेयर भाई विवेक जी, प्रदेश के महामंत्री बंशीलाल जी, दतिया के जिलाध्यक्ष भाई विक्रम जी, भिंड के जिलाध्यक्ष भाई संजीव जी, मुरैना से श्री अनूप जी, ग्वालियर शहर के भाई श्री देवेश जी,  ग्रामीण से भाई वीरेंद्र जी, मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार, हमारे सभी कर्मठ कार्यकर्ता समाजसेवा के वृति कार्यकर्ता मुरैना से श्रीमान रुस्तम सिंह जी, यहां आइए रुस्तम सिंह जी, ग्वालियर से जयभान सिंह, ग्वालियर दक्षिण से नारायण सिंह, गोहद से लाल सिंह जी, भाण्डेर से रजनी प्रजापति, मेहगांव से श्री राकेश जी, सेवड़ा से राजा लाल, करैरा से राजकुमार जी, डबरा से कप्तान सिंह जी, लाहर से रसाल सिंह जी, ग्वालियर पूर्व से श्रीमान सतीश जी, भिंड से चौधरी राकेश जी, दिमनी से शिवमंगल सिंह जी, अटेर से अरविंद सिंह जी, जौरा से सूबेदार सिंह जी, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह जी, सुमावली से अजब सिंह जी...आप सब दोनों हाथ ऊपर करके भारत माता की जय बोल करके हमारे सभी साथियों को आशीर्वाद दें...भारत माता की...जय! भारत माता की…जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।  

मैं आज सबसे पहले ग्वालियर के लिए शिकायत करना चाहता हूं...करूं? आप बुरा मान जाएंगे तो क्या होगा..नहीं मानेंगे? आप बड़े राजा दिल के लोग हैं जी... शिकायत करूं? पक्का? बुरा नहीं मानेंगे ना? मैं आप पे भरोसा करके बोल देता हूं... देखिए 2014 में हम लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे और उसी कालखंड में मेरा ग्वालियर भी आना हुआ था। मैं स्वयं...भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया था...एक प्रकार से मैं, मेरे लिए आपके बीच आया था लेकिन उस समय इससे आधे लोग भी नहीं आए थे, और आज..आज मैं हैरान हूं जब उन्होंने हमारे नरेंद्र जी ने सबके मोबाइल के फ्लैश चालू करवाए तो मेरी नजर नहीं पहुंच रही थी इतनी बड़ी तादाद में आप लोगों का आना, ये हमारे सभी साथियों को आशीर्वाद देने के लिए...ये ग्वालियर इलाके के लोगों का इतना बड़ा जमावड़ा भाइयो-बहनो, दिल्ली में बैठे हुए पंडितों को पता चल जाएगा हवा का रुख किस तरफ है। भाइयो-बहनो, ये ग्वालियर की धरती तप, तपस्या और त्याग की धरती है। ये ऋषि गालव जी की तपोभूमि और ये शौर्य की प्रेरणा देने वाली धरती है। रानी लक्ष्मीबाई हों, तात्या टोपे हों, राम प्रसाद बिस्मिल हों...एक से बढ़कर एक ये क्रांतिदूतों की कर्मस्थली रही है। इस धरती को मैं नमन करता हूं। 

और हम भारतीय जनता पार्टी के लिए एक विशेष विरासत भी इस धरती से जुड़ी हुई है...राजमाता से लोकमाता बनी हुईं राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी। एक मां की तरह हम जैसे अनेक कार्यकर्ताओं को उन्होंने संबल दिया। मां का अपूर्व..अभूतपूर्व प्यार और मुझे बराबर याद है जब मैं 90 के दशक में एकता यात्रा लेकर के चला था…शिवपुरी में रात 9 बजे आने के बजाय रात को 2 बजे पहुंचे। कार्यक्रम पूरा करके जल्दी-जल्दी सोने के लिए प्रबंध कर रहे थे, इतने में मेरे दरवाजे पर आवाज आई...मैं हैरान था रात को दो-ढाई बजे कौन आया...जब दरवाजा खोला तो स्वयं राजमाता जी अपने साथ 3-4 साथियों को लेकर के एक ट्रे में गर्म-गर्म दूध के ग्लास लेकर के आई थीं और कहने लगीं बेटा पहले रात को दूध पीकर के सो जाना। कोई कल्पना कर सकता है कि राजपरिवार में पली-बढ़ी एक मां, अपने एक छोटा सा कार्यकर्ता और वो भी रात को 3 बजे...उसको गर्म दूध पिलाने के लिए आए और सिर्फ मुझे नहीं हमारी एकता यात्रा के ड्राइवर...साथी जो भी थे हर एक के कमरे में जाकर के उस मां ने दूध का कटोरा उनके हाथ में पकड़ाया। ये प्यार जिस मां ने दिया और आज हम भारतीय जनता पार्टी के लोग...हम इस देश के नागरिक, राजमाता जी का जन्मशती वर्ष मना रहे हैं...और ऐसे समय मेरा ग्वालियर की धरती पर आना, राजमाता का पुण्य स्मरण करना और उनको आदरपूर्वक नमन करना ये अपने आप में एक बहुत बड़ा सौभाग्य है। 

ग्वालियर की धरती पर आएं और यहां की हर दीवार से, हर गली से, हर चौराहे से, हर पेड़-पौधे से जो आवाज बार-बार गूंज करके निकलती है, वो आवाज अटल बिहारी वाजपेयी की है। इसी धरती से उनकी जिह्वा पर से बह रही मां सरस्वती, ग्वालियर का बच्चा-बच्चा जिससे परिचित रहा। यही धरती कभी हमारे कुशाभाऊ ठाकरे की कर्मभूमि रही। सादगी, त्याग, तपस्या, कर्मठता, समर्पण सब चीजें एक जगह पे समेटी हुई यानि कुशाभाऊ ठाकरे। राजमाता जी हों, अटल बिहारी वाजपेयी जी हों, कुशाभाऊ ठाकरे जी हों, ग्वालियर की धरती पर इन सभी महापुरुषों का पुण्य स्मरण होना बहुत स्वाभाविक है और इसीलिए आज सबसे पहले मैं हमारे उन महापुरुषों को, उनकी संकल्प भूमि को, उनकी कर्मभूमि को नमन करते हुए इस धरती के लोगों से आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। मेरे साथियों के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं और मुझे विश्वास है भाइयो-बहनो, ये ग्वालियर की ताकत है जो राजमाता को लोकमाता बना देती है। 

और जब राजमाता की याद आती है तो आपातकाल के दिनों को हम कैसे भूल सकते हैं। मैं जरा कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहता हूं और राजमाता जी के परिवार के जो लोग कांग्रेस में हैं उनको भी पूछना चाहता हूं, विशेष रूप से उनसे पूछना चाहता हूं...ग्वालियर की जनता के नात...ये ग्वालियर की जनता की आवाज उठाना चाहता हूं...जरा बताइए...इमरजेंसी के समय, आपातकाल के समय ये कांग्रेस सरकार ने जिस कांग्रेस का झंडा लेकर के आज आप घूम रहे हो, राजमाता जी को किस गुनाह की सजा के तहत 19 महीने तक जेल में बंद कर दिया था जरा जवाब दो। और आपमें अगर हिम्मत है, आप अपनी पार्टी के कर्ताधर्ता लोगों से जरा पूछने की हिम्मत करो कि आपकी दादीमां को 19 महीने तक जेल में क्यों पीड़ित किया गया था, क्या गुनाह था उनका, क्यों उनको जेलों में यातना दी गई थी? और अगर वो निर्दोष थीं तो फिर कांग्रेस पार्टी ने ये पाप क्यों किया था उस प्रकार का, उस सरकार ने लोकतंत्र के नाम पर गला घोंटने का प्रयास क्यों किया था? 

मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस पार्टी की परंपरा रही है, मैं..मैं, नहीं तो कोई नहीं... यही एक सूत्र कांग्रेस पार्टी का जीवनमंत्र रहा है। इस देश में मिलीजुली सरकारें अगर बनीं और कांग्रेस के समर्थन से बनीं 2 महीने, 4 महीने, 6 महीने, साल...पीठ में छूरा भोंक करके देश को स्थिर करते समय...उनको कभी देश के नुकसान की चिंता नहीं होती है क्योंकि वो कांग्रेस पार्टी एक परिवार के लिए पैदा हुई है, एक परिवार के लिए जीती है, एक परिवार के लिए जूझती है और एक परिवार के लिए देश का भविष्य भी दांव पे लगा देती है। क्या भाइयो-बहनो...क्या मध्य प्रदेश का भाग्य ऐसी कांग्रेस के हाथ में दे सकते हैं? ऐसी कांग्रेस को फिर से प्रवेश दे सकते हैं? ये मध्य प्रदेश की विकास यात्रा में फिर से रुकावट पैदा करने देंगे क्या? ऐसे तत्त्वों को घुसने देंगे क्या? जिसके भी दिल में अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है..अपने बेटे-बेटियों के भविष्य की चिंता है, वे 50 बार सोचें कि आपने जिस बर्बादी को भुगता है, क्योंकि जवानी कांग्रेस के कालखंड में बीती है, आप तो बर्बाद हो चुके, क्या आप अपने बेटे-बेटियों को बर्बाद होने देना चाहते हैं? उनका भविष्य अंधकार में जाने देना चाहते हैं, उनके भविष्य को बर्बाद होने देना चाहते हैं? अगर नहीं चाहते हैं तो यहीं से संकल्प करके उठिए कि अब हिन्दुस्तान में कही पर भी नहीं, मध्य प्रदेश में कहीं पर भी नहीं, ग्वालियर हो, मुंड हो, मुरैना हो, कोई भी इलाका हो कांग्रेस को पैर नहीं रखने देंगे ये हमें निर्णय करना होगा भाइयो-बहनो। 

इतिहास गवाह है, 55 साल कांग्रेस के 15 साल बीजेपी के...हम चुनौती देते हैं कांग्रेस वालों को...किसी भी तराजू पर तौल लीजिए 55 साल में आपने मध्य प्रदेश को जितना दिया हमने 15 साल में उससे अनेक गुना दिया है क्योंकि मध्य प्रदेश का भविष्य हमारे सपनों का भविष्य है। एक समय था ये हमारा MP...मध्य प्रदेश...ये बीमारू राज्य की गिनती में आता था, आता था कि नहीं आता था? आता था कि नहीं आता था? तब यहां सरकार किसकी थी..सरकार किसकी थी...जिम्मेवार कौन था...बर्बादी कौन लाया...दुनियाभर में मध्य प्रदेश को बदनाम किसने किया? उसे बीमारू से बाहर किसने निकाला...बीमारू से बाहर किसने निकाला...ये बीमारू का कलंक किसने मिटाया? अरे एक मध्य प्रदेश कभी बीमारू कहा जाता था...आज MP का मतलब हो गया है...मध्य प्रदेश का मतलब बदल गया है...अब MP कहते हैं, तो तुरंत लगता है MP का मतलब हो गया है Maximum Progress…उनके जमाने में मध्य प्रदेश का मतलब था बीमारू…15 साल के भाजपा के शासन का मतलब हो गया है Maximum Progress- MP. और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं...आज गांवों में गरीबों को घर देने में आपको मालूम है पूरे हिन्दुस्तान में सबसे अच्छा काम कहां हुआ है? मालूम है..? ये कांग्रेस वाले नहीं बोलेंगे...पूरे हिन्दुस्तान में ग्रामीण इलाके में गरीबों को घर देने का नंबर-1 प्रदेश, मध्य प्रदेश है। 

भाइयो-बहनो, गांवों में सड़क हमें तो बराबर याद है...जब हम गुजरात से आते थे झाबुआ हो करके...मालवा से होकर के मध्य प्रदेश बाई रोड आते थे, तो ड्राइवर कहता था कि साहब पूछने की जरूरत नहीं मध्य प्रदेश आया कि नहीं आया...गुजरात का रोड खत्म होते ही गाड़ी हिलने लगे तो मान लीजिए मध्य प्रदेश आ गया है...उस समय जब दिग्विजय जी राज करते थे, कांग्रेस शासन चलाती थी...किसी को पूछना नहीं पड़ता था कि गुजरात कहां खत्म हुआ..मध्य प्रदेश कहां शुरू हुआ..रास्ते की हालत बता देती थी कि मध्य प्रदेश आ गया। भाइयो-बहनो, ये हालत जिन्होंने बनाई हो, ये बर्बादी जिन्होंने की हो, ऐसे लोगों को भाइयो-बहनो फिर से मध्य प्रदेश के लोगों के पास वोट मांगने का अधिकार नहीं है। 

और उनके खेल देखो मध्य प्रदेश में मैंने सुना है 8 अलग-अलग इलाके में कांग्रेस 8 अलग-अलग भाषा बोलती है। जैसा इलाका...और वहां कहते हैं नहीं-नहीं मुख्यमंत्री तो इधर वाला ही बनने वाला है...दूसरे इलाके में जा करके नहीं-नहीं मुख्यमंत्री तो यही बनने वाला है। 8-8 मुख्यमंत्रियों के चेहरे लेकर के ये भटक रहे हैं जी! क्या ये मध्य प्रदेश की जनता को जानते नहीं है क्या? ये कांग्रेस वाले अभी भी वो आपातकाल की मनोदशा में जी रहे हैं। उनको लगता है कि इमरजेंसी में दिल्ली से एक झूठ बोला जाता था, हिन्दुस्तान में वो धीरे-धीरे percolate हो जाता था…लोग मान लेते थे। अरे जमाना बदल चुका है…50 साल उसके बाद बीत चुके हैं और इसीलिए आज आपके हर झूठ को पल-पल लोग चुनौती दे रहे हैं। आप सोचते होंगे कि आप छिंदवाड़ा में एक बात बोलोगे और ग्वालियर में दूसरी बोलोगे तो लोगों को पता नहीं चलेगा. अरे वहां मंच से उतरने से पहले लोगों को पता चल जाता है कि आपने छिंदवाड़ा में क्या बोला और ग्वालियर में क्या बोला है। क्यों जनता के साथ धोखा कर रहे हो? अरे हिम्मत है तो मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का नाम घोषित करके निकलो ना! जिस पार्टी के मुखिया अपनी पार्टी का सिरमौर कौन होगा, इसका नाम तय नहीं कर पाते वो आपका भविष्य तय कर पाएंगे क्या..आपका भाग्य तय कर पाएंगे क्या..आपका भाग्य बदल पाएंगे क्या? और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं शिवराज जी की सरकार को एक काम के लिए और बधाई देना चाहता हूं जी...हमारे देश में जब भी कृषि विकास की बात आती थी तो कृषि विकास यानि हरियाणा, पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश, गंगा-यमुना का तट इसी की चर्चा होती थी। इस भ्रामकता के सामने मध्य प्रदेश के किसानों ने कमाल करके दिखाया, शिवराज जी की सरकार ने कमाल करके दिखाया और कृषि क्षेत्र में लगातार-लगातार हिन्दुस्तान में नंबर एक पर रहने का काम ये मध्य प्रदेश ने किया और उसका कारण...शिवराज जी ने पानी पहुंचाने पर बल दिया, जरूरत के अनुसार बिजली पहुंचाने पर बल दिया। ये जब कांग्रेस यहां राज करती थी 15 साल पहले, क्या शाम को खाना खाने के लिए घर में बिजली आती थी क्या? आज घर में 24 घंटे बिजली देने का काम शिवराज जी की सरकार ने किया है भाइयो-बहनो। मध्य प्रदेश बीजेपी की सरकार ने किया है और इसीलिए उनको जरा बड़ी कठिनाई हो रही है कि इन कामों पर कैसे चलें। 

भाइयो-बहनो, हमने ग्वालियर को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना देखा है और ये स्मार्ट सिटी के तहत ग्वालियर को आने वाले दिनों में जो मध्य प्रदेश में 7 स्मार्ट सिटी बनने वाले हैं उसमें एक हमारा ग्वालियर भी होगा। और इन 5 शहरों में...7 शहरों में 5 साल में 23 हजार करोड़ रुपया...भारत सरकार 23 हजार करोड़ रुपया लगाने वाली है भाइयो-बहनो। आप कल्पना कर सकते हैं, जब 23 हजार करोड़ रुपया लगेगा तब ग्वालियर और यहां के 7 शहरों की शक्ल-सूरत कितनी बदल जाएगी...यहां की ज़िंदगी कितनी बदल जाएगी, इसका आप अंदाज कर सकते हो। भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस पार्टी नौजवानों को उकसाने के लिए झूठ फैला रही है। हमारा मंत्र है बालक-बालिकाओं को पढ़ाई, युवा को कमाई, किसान को सिंचाई और बुजुर्गों को दवाई। इन मंत्र को लेकर के हम लगातार काम कर रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना बनाई। बिना बैंक गारंटी हमारे देश का नौजवान बैंक से रुपये ले सकता है। अपनी योजना लेकर के जा सकता है...और मुझे खुशी है अकेले मध्य प्रदेश में एक करोड़ ऐसे लोग बैंक से लोन लेकर के...10,000 रुपये से 50 लाख रुपये तक की पूंजी लेकर के अपने पैरों पर खडे़ हुए...अकेले मध्य प्रदेश में एक करोड़ भाइयो-बहनो। आज मेरे देश का नौजवान रोजगार के लिए घर-घर भटकना पसंद नहीं करता है। वो अपने पैरों पर खड़े हो करके दो-चार-पांच लोगों को रोजगार देने का इरादा रखता है और मुद्रा योजना के तहत हमने ये काम करके दिखाया है। 

भाइयो-बहनो, हमने जन धन योजना की...कांग्रेस का वादा था, श्रीमती इंदिरा गांधी का और ये कांग्रेस के नेता की दादीमां का...उनका नारा था कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण गरीबों के लिए कर रहे हैं। बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने के 50 साल बाद भी हिन्दुस्तान के 50% लोगों का बैंक में खाता नहीं था। ये वादे करना, लोगों की आंख में धूल झोंकना, चुनाव में वोट पा लेना और भूल जाना...यही कांग्रेस की परंपरा रही है। हमने आके तय किया, बैंक का दरवाजा गरीबों के लिए खोल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री जन धन अकाउंट खोल दिए हमने। अकेले मध्य प्रदेश में 3 करोड़ लोगों के बैंक के अकाउंट खोले गए भाइयो-बहनो। आज गरीब से गरीब इंसान भी...सब्जी का ठेला चलाने वाला, अखबार इकट्ठा करने वाला, फुटपाथ पर बैठ करके जूते रिपेयर करने वाला, आज बैंक के अंदर अपना अकाउंट...खाता खोल करके बैंक में जाकर के गर्व से खड़ा होता है, ये काम हमने किया है। भाइयो-बहनो, लघु और मध्यम वर्ग के मकान...पहली बार हिन्दुस्तान में मध्यम वर्गीय परिवार...उनको कभी मकान बनाने का सपना पूरा नहीं होता था...ये पहली सरकार ऐसी है जिन्होंने उनको बैंक के अंदर रियायत दी और उनके जीवन में हमने बदलाव लाने का प्रयास किया है। 

भाइयो-बहनो, मैं आज कांग्रेस के कुछ झूठ की भी चर्चा करना चाहता हूं। जरा कांग्रेस पार्टी जवाब दे...उन्होंने चुनाव के पहले कर्नाटक में ऐसा ही चुनावी घोषणा पत्र निकाला था जैसा अभी मध्य प्रदेश में लोगों की आंख में धूल झोंकने का किया है। हमारे देश के किसानों की दुर्दशा किसने की..आपको मालूम है, किसान कांग्रेस के समय अगर बैंक से कर्जे लेता था, तो 15% उसको ब्याज होता था...ये शिवराज जी की सरकार है कि किसान को शून्य ब्याज से पैसा दिया जाता है। ये हमने करके दिखाया है भाइयो-बहनो। ये कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में किसानों के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे। भाइयो-बहनो, कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में...अभी-अभी सरकार बनी है...कर्जमाफी...किसानों का वादा किया था लेकिन बैंको ने FIR करके अनेक किसानों को कर्ज न चुकाने के लिए जेलों में बंद करके रख दिया है। भाइयो-बहनो, ये मैं मध्य प्रदेश के किसानों को कहना चाहता हूं, वो दिन याद कीजिए, जब कांग्रेस की सरकार होती थी...यूरिया लेने जाते थे...लाठियों के मार झेलने पड़ते थे। हमारे आने के बाद यूरिया..जितना चाहे, जब चाहे आज उपलब्ध करा दिया गया है। कांग्रेस के समय में कांग्रेस के पास मिनिमम सपोर्ट प्राइस के लिए मांग हुआ करती थी...लागत से डेढ़ गुना की मांग होती थी...10-10 साल तक कांग्रेस उन फाइलों पर बैठी रही...उन्होंने दिया नहीं। भाइयो-बहनो, ये भारतीय जनता पार्टी को आपने दिल्ली में बैठाया और हमने किसानों के एमएसपी को लागत का डेढ़ गुना करने का वादा पूरा कर दिया। 

कांग्रेस का काम वादाखिलाफी का है, हमारा काम वादा निभाने का है और लोगों का कल्याण करने का है। भाइयो-बहनो, वन रैंक वन पेंशन...कांग्रेस के जमाने में..वन रैंक वन पेंशन...हर चुनाव में लॉलीपॉप पकड़ा देते थे सेना के जवानों को, उनकी डिसिप्लीन का दुरुपयोग करते थे। सेना के जवान अनुशासन में रहने के कारण कभी मोर्चे नहीं निकालते थे, मुंह खोलते नहीं थे और हर चुनाव में ये वन रैंक वन पेंशन के नारे देते थे और जब बहुत दबाव बना और मैंने जब घोषणा की 2013 में कि हमारी सरकार आएगी तो वन रैंक वन पेंशन देगी तो वो मारे-मारे बजट के अंदर 500 करोड़ रुपया लेके आ गए। 500 करोड़ रुपये से वन रैंक वन पेंशन हो नहीं सकता है। जब हमने लागू किया तो करीब-करीब 12,000 करोड़ रुपया लग गया। भाइयो-बहनो, देश के लिए जीने-मरने वाले जवान, उनका मान-सम्मान और ये चंबल का पूरा इलाका...इस ग्वालियर का इलाका...ये देश की सेवा के लिए हर परिवार से कोई ना कोई जवान सीमा पर तैनात रहता है, ऐसे जवानों को वन रैंक वन पेंशन देने का काम हमारी सरकार ने किया है। 

भाइयो-बहनो, चाहे युवा हो, चाहे किसान हो, चाहे हमारे देश के लघु उद्योंगों से जुड़े हुए लोग हों, चाहे छोटे कारोबारी हों...हर क्षेत्र में हमने विकास को माहात्म्य दिया है और भारतीय जनता पार्टी का एक ही मंत्र है विकास..विकास..और विकास। कांग्रेस का मंत्र है बांटो...बांटो...बांटो, भाई को भाई से जुदा करो, एक जाति को दूसरी जाति से जुदा करो, एक शहर को गांव से लड़ाओ, गांव को शहर से लड़ाओ हर जगह पर भेद करो, खाई पैदा करो, बंटवारा करो। हमारा मंत्र है सबका साथ, सबका विकास। ये सबका साथ, सबका विकास इसी मंत्र को लेकर के मैं आज ग्वालियर वासियों के पास आया हूं। मध्य प्रदेश में आज मेरा दूसरा कार्यक्रम है. मैंने सुबह छत्तीसगढ़ से शुरू किया है। मैं शहडोल भी गया और अभी ग्वालियर आया हूं। हवा का रुख साफ दिख रहा है। भाइयो-बहनो आप संकल्प कीजिए, ज्यादा से ज्यादा मतदान करेंगे और नियम बनाइए, पहले मतदान फिर जलपान। पहले मतदान करेंगे बाद में जलपान करेंगे। भारी संख्या में मतदान कीजिए। भारतीय जनता पार्टी के लोगों को विजयी बनाइए और मध्य प्रदेश की विकास यात्रा को एक नई प्रेरणा, नई ताकत, नई ऊर्जा देकर के आप आगे बढ़ें, इसी एक अपेक्षा के साथ मेरे साथ जोड़ से बोलिए भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! 

 

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The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM Modi at Khelo India Youth Games
May 04, 2025
QuoteBest wishes to the athletes participating in the Khelo India Youth Games being held in Bihar, May this platform bring out your best: PM
QuoteToday India is making efforts to bring Olympics in our country in the year 2036: PM
QuoteThe government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM
QuoteThe sports budget has been increased more than three times in the last decade, this year the sports budget is about Rs 4,000 crores: PM
QuoteWe have made sports a part of mainstream education in the new National Education Policy with the aim of producing good sportspersons & sports professionals in the country: PM

बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनसुख भाई, बहन रक्षा खड़से, श्रीमान राम नाथ ठाकुर जी, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, उपस्थित अन्य महानुभाव, सभी खिलाड़ी, कोच, अन्य स्टाफ और मेरे प्यारे युवा साथियों!

देश के कोना-कोना से आइल,, एक से बढ़ के एक, एक से नीमन एक, रउआ खिलाड़ी लोगन के हम अभिनंदन करत बानी।

साथियों,

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान बिहार के कई शहरों में प्रतियोगिताएं होंगी। पटना से राजगीर, गया से भागलपुर और बेगूसराय तक, आने वाले कुछ दिनों में छह हज़ार से अधिक युवा एथलीट, छह हजार से ज्यादा सपनों औऱ संकल्पों के साथ बिहार की इस पवित्र धरती पर परचम लहराएंगे। मैं सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत में स्पोर्ट्स अब एक कल्चर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। और जितना ज्यादा भारत में स्पोर्टिंग कल्चर बढ़ेगा, उतना ही भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ेगी। खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस दिशा में, देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।

साथियों,

किसी भी खिलाड़ी को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए, खुद को लगातार कसौटी पर कसने के लिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना, ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा, ये बहुत जरूरी होता है। NDA सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया यूथ गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया विंटर गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया पैरा गेम्स होते हैं, यानी साल भर, अलग-अलग लेवल पर, पूरे देश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका टैलेंट निखरकर सामने आता है। मैं आपको क्रिकेट की दुनिया से एक उदाहरण देता हूं। अभी हमने IPL में बिहार के ही बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा। इतनी कम आयु में वैभव ने इतना जबरदस्त रिकॉर्ड बना दिया। वैभव के इस अच्छे खेल के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, उनके टैलेंट को सामने लाने में, अलग-अलग लेवल पर ज्यादा से ज्यादा मैचों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। यानी, जो जितना खेलेगा, वो उतना खिलेगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान आप सभी एथलीट्स को नेशनल लेवल के खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, आप बहुत कुछ सीख सकेंगे।

साथियों,

ओलंपिक्स कभी भारत में आयोजित हों, ये हर भारतीय का सपना रहा है। आज भारत प्रयास कर रहा है, कि साल 2036 में ओलंपिक्स हमारे देश में हों। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भारत का दबदबा बढ़ाने के लिए, स्पोर्टिंग टैलेंट की स्कूल लेवल पर ही पहचान करने के लिए, सरकार स्कूल के स्तर पर एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रही है। खेलो इंडिया से लेकर TOPS स्कीम तक, एक पूरा इकोसिस्टम, इसके लिए विकसित किया गया है। आज बिहार सहित, पूरे देश के हजारों एथलीट्स इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार का फोकस इस बात पर भी है कि हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा नए स्पोर्ट्स खेलने का मौका मिले। इसलिए ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गतका, कलारीपयट्टू, खो-खो, मल्लखंभ और यहां तक की योगासन को शामिल किया गया है। हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों ने कई नए खेलों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वुशु, सेपाक-टकरा, पन्चक-सीलाट, लॉन बॉल्स, रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में भी अब भारतीय खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम ने लॉन बॉल्स में मेडल जीतकर तो सबका ध्यान आकर्षित किया था।

साथियों,

सरकार का जोर, भारत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी है। बीते दशक में खेल के बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि की गई है। इस वर्ष स्पोर्ट्स का बजट करीब 4 हज़ार करोड़ रुपए है। इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। आज देश में एक हज़ार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर्स चल रहे हैं। इनमें तीन दर्जन से अधिक हमारे बिहार में ही हैं। बिहार को तो, NDA के डबल इंजन का भी फायदा हो रहा है। यहां बिहार सरकार, अनेक योजनाओं को अपने स्तर पर विस्तार दे रही है। राजगीर में खेलो इंडिया State centre of excellence की स्थापना की गई है। बिहार खेल विश्वविद्यालय, राज्य खेल अकादमी जैसे संस्थान भी बिहार को मिले हैं। पटना-गया हाईवे पर स्पोर्टस सिटी का निर्माण हो रहा है। बिहार के गांवों में खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स- नेशनल स्पोर्ट्स मैप पर बिहार की उपस्थिति को और मज़बूत करने में मदद करेंगे। 

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साथियों,

स्पोर्ट्स की दुनिया और स्पोर्ट्स से जुड़ी इकॉनॉमी सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं है। आज ये नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार को भी नए अवसर दे रहा है। इसमें फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नॉलॉजी, ब्रॉडकास्टिंग, ई-स्पोर्ट्स, मैनेजमेंट, ऐसे कई सब-सेक्टर्स हैं। और खासकर तो हमारे युवा, कोच, फिटनेस ट्रेनर, रिक्रूटमेंट एजेंट, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स लॉयर, स्पोर्ट्स मीडिया एक्सपर्ट की राह भी जरूर चुन सकते हैं। यानी एक स्टेडियम अब सिर्फ मैच का मैदान नहीं, हज़ारों रोज़गार का स्रोत बन गया है। नौजवानों के लिए स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं बन रही हैं। आज देश में जो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही हैं, या फिर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसमें हमने स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया है, इसका मकसद भी देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ बेहतरीन स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स बनाने का है। 

मेरे युवा साथियों, 

हम जानते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में स्पोर्ट्समैन शिप का बहुत बड़ा महत्व होता है। स्पोर्ट्स के मैदान में हम टीम भावना सीखते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं। आपको खेल के मैदान पर अपना बेस्ट देना है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ब्रांड ऐंबेसेडर के रूप में भी अपनी भूमिका मजबूत करनी है। मुझे विश्वास है, आप बिहार से बहुत सी अच्छी यादें लेकर लौटेंगे। जो एथलीट्स बिहार के बाहर से आए हैं, वो लिट्टी चोखा का स्वाद भी जरूर लेकर जाएं। बिहार का मखाना भी आपको बहुत पसंद आएगा।

साथियों, 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स से- खेल भावना और देशभक्ति की भावना, दोनों बुलंद हो, इसी भावना के साथ मैं सातवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स के शुभारंभ की घोषणा करता हूं।