Arunachal Pradesh is India's pride: PM Narendra Modi in Itanagar

Published By : Admin | February 9, 2019 | 12:21 IST
In an effort to connect all the capitals of North East states, Itanagar has also been connected with the Railways: PM
Not just airports, the lives of people in Arunachal Pradesh will improve vastly with new and improved rail and road facilities: PM Modi
Arunachal Pradesh is India's pride. It is India's gateway, Centre will not only ensure its safety and security, but also fast-track development in the region: PM

मेरे प्‍यारे भाईयों और बहनों।

उगता हुआ सूरज ऊर्जा, उम्‍मीद और आकांक्षाओं का प्रतीक होता है। अरूणाचल का तो नाम ही सूर्य का ही नाम है। यह उगते हुए सूरज की भूमि है। इस वजह से यह भूमि पूरे देश के विश्‍वास का प्रतीक भी है। अरूणाचल हमारे विश्‍वास को ताकत देता है, हमारे संकल्‍प को और समर्थ बनाता है। बीते 55 महीने में अनेक बार मैं आप सभी के बीच आया हूं। उसका एक कारण आप सभी के आशीर्वाद की इच्‍छा तो है ही साथ में देश के लिए निरंतर नई ऊर्जा और ताजगी से काम करने की प्रेरणा मिले इसके लिए भी अरूणाचल प्रदेश आना मुझे बहुत सुखद लगता है। और हर नागरिक जब मिलता है, जय हिंद बोल करके greet करता है। ऐसा मन को आनंद मिलता है, इतनी ऊर्जा मिलती है और यह जयहिंद को जिंदगी का हिस्‍सा बनाने वाली धरती को मैं आज फिर एक बार नमन करता हूं।

साथियों, बीते 55 महीनों से केंद्र की एनडीए सरकार और यहां पर हमारे मित्र खांडू जी की अगुवाई में चल रही बीजेपी की सरकार अरूणाचल को सशक्‍त करने के लिए आप सभी लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए पूरी निष्‍ठासे, पूरी ईमानदारी से जुटी हुई है। आज भी मुझे अरूणाचल प्रदेश को मजबूती देने वाली 4 हजार करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा रुपये की परियोजनाओं का शिलान्‍यास और लोकार्पण करने का अवसर मिला है।

इन परियोजनाओं के अलावा आपके प्रदेश में करीब 13 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। आज की परियोजनाओं से अरूणाचल प्रदेश की connectivity तो सुधरेगी ही राज्‍य के Power Sector को भी मजबूती मिलेगी। इन परियोजनाओं से जहां, एक राज्य की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की सेहत बेहतर होगी, तो वहीं दूसरी तरफ अरूणाचल की संस्‍कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। इन सभी परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई है।

भाईयों और बहनों, आज आजादी के बाद एक ही पार्टी के 55 सालों को एक तरफ रखिए और दूसरी तरफ केंद्र में हमारे बीते 55 महीनों को रखकर तुलना कीजिए। अरूणाचल और पूरे नॉर्थ ईस्‍ट के लिए क्‍या काम हुए हैं, इसकी तस्‍वीर आपके सामने साफ हो जाएगी।

अरूणाचल के पास तो समृद्ध जल संपदा है। यहां बिजली पैदा करने की अभूतपूर्व क्षमता है, लेकिन विकास उस गति से नहीं हो पा रहा था, जैसा होना चाहिए था। यह देश की सुरक्षा से जुड़ा एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र रहा है। strategic लिहाज से अहम क्षेत्र रहा है। फिर भी यहां आवश्‍यक सुविधाओं का निर्माण नहीं हुआ है। स्थिति यह थी कि न तो यहां के नौजवानों की परवाह की गईऔर न ही सीमा पर डटे जवानों की।

साथियों, पहले की सरकारों ने इस बात पर कम ही ध्‍यान दिया कि इस क्षेत्र को नजर अंदाज करने से यहां के लोगों को कितनी परेशानाी और तकलीफ होती है। देश को.... और आप देखते हुए दशकों से मांग हो रही थी कि अरूणाचल प्रदेश समेत यहां के तमाम क्षेत्रों में आधुनिक Infrastructure की जरूरत है, लेकिन पहले वालों ने इसकी भी परवाह नही की। साथियों, इस सरकार द्वारा इस स्थिति को बदलने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। मैं बार-बार कहता आया हूं कि New India तभी अपनी पूरी शक्ति से विकसित हो पाएगा जब पूर्वी भारत North East का तेज गति से विकास होगा। यह विकास संसाधनों का भी है और संस्‍कृति के गौरव का भी है। यह विकास अलग-अलग क्षेत्रों को जोड़ने का भी है और जन-जन को भी जोड़ने का है।

भाईयों और बहनों, सबका साथ, सबका विकास इस मंत्र पर चलते हुए बीते 55 महीनों में अरूणाचल और उत्‍तर पूर्व के विकास के लिए न तो कभी फंड की कमी आने दी गई और न ही इच्‍छा शक्ति की कमी आई है। बीते वर्षों में राज्‍यों को 44 हजार करोड़ रुपयों का फंड दिया गया, जो पिछली सरकार की तुलना में लगभग डबल है डबल। इसके अलावा केंद्र सरकार यहां हजारों करोड़ के अन्‍य प्रोजेक्‍ट पर भी काम कर रही है। विकास की इसी कड़ी में आज अरूणाचल में एक साथ दो एयरपोर्ट का उद्घाटन और शिलान्‍यास हो रहा है। संभवत: यह प‍हली बार है कि भारत में किसी भी राज्‍य में एक एयरपोर्ट पर काम पूरा हुआ हो और दूसरे पर काम शुरू हुआ हो। अरूणाचल प्रदेश के लिए तो यह और भी अहम अवसर है क्‍योंकि आजादी के इतने वर्षों तक यहां एक भी ऐसा एयरपोर्ट नहीं था जहां नियमित रूप से बड़े यात्री जहाज उतर पाए। गुवाहाटी तक एयरपोर्ट की connectivity थीऔर वहां से या तो सड़क के रास्‍ते आपको आना-जाना होता था, या फिर मजबूरी में, या emergency में हेलीकॉप्‍टर का सहारा लेना पड़ता था।

साथियों, आज से तेजू एयरपोर्ट सामान्‍य जनता से जुड़ी यात्री सेवाएं देने के लिए तैयार है। तेजू हवाई अड्डे को लगभग 50 साल पहले बनाया गया थाऔर उसके बाद किसी ने यह नहीं सोचा कि इसका इस्‍तेमाल यहां के लोगों को देश से जोड़ने के लिए भी किया जा सकात है। हमारी सरकार ने इस छोटे एयरपोर्ट का करीब सवा सौ करोड़ रुपया खर्च करके विस्‍तार किया। यहां की आधुनिक सुविधाएं जुटाई। अब इसके बाद अरूणाचल प्रदेश की air connectivity गुवाहाटी, जोरहार्ट और वालोंग से हो जाएगी। और यह भी मैं बताऊं, अरूणाचल प्रदेश प्राकृतिक रूप से इतना बड़ा समृद्ध है अगर दिल्‍ली और बड़े शहर के लोगों को यहां के भिन्‍न-भिन्‍न colour के पुष्‍प, ताजे फूल अगर देखने को भी मिल जाए न तो भी शायद दिनभर वो वही देखते रहेंगे।

अब यह हवाई अड्डे बनने से हम कुछ ही घंटों में यहां से फल-फूल हिन्‍दुस्‍तान बड़े मार्केटों में ले जा सकते हैं, मेरा किसान कमाई कर सकता है।

साथियों, कुछ महीनें पहले ही अरूणाचल के लिए commercial flight शुरू की गई थी। अब इस एयरपोर्ट के विस्‍तार से आपको दोहरा लाभ होने वाला है। सरकार का प्रयास है कि उड़ान योजना के तहत बहुत ही सस्‍ती हवाई यात्रा का और अधिक फायदा अरूणाचल प्रदेश के आप सभी को मिल सके। साथियों, करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत से Hollongigreenfield airportका शिलान्‍यास भी आज हुआ है। कुछ महीने पहले ही देश के 100वें और North East के पहले greenfield पाक्योंग airportका लोकार्पण करने सौभाग्‍य मुझे मिला था। मैं आपको आश्‍वस्‍त करता हूं कि North East के इस दूसरे greenfield airportका उद्घाटन भी समय से ही करने का प्रयास किया जाएगा। और आप जानते हैं कि जिसका शिलान्‍यास हम करते हैंउद्घाटन भी हम ही करते हैं।

साथियों, के एयरवे के साथ-साथ रोड वे और रेलवे से भी अरूणाचल की भारत से connectivity मजबूत की जा रही है। लगभग सात करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली --- सुरंग को भी जल्‍द से जल्‍द तैयार करने का प्रयास किया जाएगा। जब यह सुरंग बन जाएगी तो बालीपाड़ा से तवांग तक पहुंचना आसान हो जाएगा। साल भर हर मौसम में आपके आने-जाने की समस्‍या का सामाधान हो सकेग। हाल ही में ब्रह्मपुत्र, परदेश के सबसे बड़े रेल रोड ब्रिज बोगीबिल पुल का भी लोकार्पण किया जा चुका है। इससे भी अरूणाचल प्रदेश के अनेक क्षेत्रों को बहुत लाभ मिल रहा है।

भाईयों और बहनों, अरूणाचल प्रदेश में connectivity चाहे गांव की हो, शहर की हो या फिर देश के दूसरे हिस्‍सों से केंद्र सरकार हजारों, करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट्स पर आज काम कर रही है। इसमें लगभग 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करके नये National Highway तो बनाए ही जा रहे हैं, बीते दो वर्षों में ही लगभग एक हजार गांवों को भी सड़कों से जोड़ा गया है। लगभग 4 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे ट्रांस अरूणाचल हाईवे उस पर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है।

साथियों, सड़क संपर्क के अलावा रेलवे को लेकर भी अभूतपूर्व काम अरूणाचल प्रदेश में किया जा रहा है। North East के हर राज्‍य की राजधानी को रेलवे से जोड़ने के अभियान के तहत ईंटानगर भी रेलवे से जुड़ चुका है। नाहरलांगुन और दिल्‍ली के बीच चलने वाली अरूणाचल AC express अब हफ्ते में दो बार चलती है। इसके अलावा पूरे अरूणाचल प्रदेश में रेलवे नेटवर्क का विस्‍तार करने के लिए सात जगहों पर सर्वे का काम चालू किया गया है। इसमें से तीन जगह पर सर्वे का काम पूरा भी हो चुका है। तवांग को भी रेल नेटवर्क से जोड़ने की बड़ी योजना पर तेजी से काम चल रहा है।

भाईयों और बहनों, हाईवे, रेलवे, एयरवे के साथ-साथ बिजली की connectivity भी अहम है। आज में अरूणाचल प्रदेश को सौभाग्‍य योजना के तहत करीब-करीब हर परिवार तक बिजली पहुंचाने वाला राज्‍य बनने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं, मुख्‍यमंत्री जी को बधाई देता हूं, उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं। आज अरूणाचल ने जो हासिल किया है वो बहुत ही जल्‍द पूरे देश में भी हासिल होने वाला है। सौभाग्‍य योजना के तहत बीते एक-डेढ़ साल में ही देश में करीब ढ़ाई करोड़ परिवारों के घरों, उन घरों से अंधेरों को मिटाया गया है, दूर किया जा चुका है। मुफ्त में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है।

साथियों, हर घर तक बिजली पहुंचाने के साथ-साथ पर्याप्‍त बिजली भी पहुंचे इसके लिए भी हमारी सरकार power generation पर भी बल दे रही है। आज एक 110 MW Pare Hydroelectric Plant का उद्घाटन किया है, इससे अरूणाचल को तो बिजली मिलेगी ही, North East के दूसरे राज्‍यों को भी लाभ मिलेगा। वहीं, यहां transmission system को सुधारने के लिए लगभग तीन हजार करोड़ रुपये का काम भी आज से शुरू हुआ है। इससे राज्‍य के दूर-दराज इलाकों को बिजली मिल सकेगी। साथ ही, एक और बड़ा काम यह होगा कि यहां की बिजली व्‍यवस्‍था ग्रिड से जुड़ जाएगी। साथियों, connectivity और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं जब किसी राज्‍य में बनती है तो वहां सामान्‍य मानव का तो जीवन सुगम होता ही है, पर्यटन को भी बल मिलता है। पर्यटन तो एक ऐसा सेक्‍टर है, जहां हर कोई कमाता है। गाइड कमाता है, होटल वाला कमाता है, टैक्‍सी वाला कमाता है, दुकानदार कमाता है, खिलौने वाल कमाता है, फूल वाला कमाता है और चाय वाला भी कमाता है।

कल मैंने एक ट्वीट किया था North Eastके सौंदर्य के संदर्भ में, North Eastके टूरिज्‍म के संभावनाओं के संदर्भ में, और मैंने लोगों से request की थी कि आप अगर North Eastगए हो तो वहां के अनुभव की एक फोटो शेयर कीजिए। मैं हैरान हूं कुछ ही सेकेंड में हजारों लोगों ने ट्वीट पर कि वो North Eastगए थे क्‍या अनुभव हुआ, अपनी फोटो ट्वीट कर दी। टूरिज्‍म को प्रोमोशन को कैसे बढ़ाया जा सकता है और जिस प्रकार से देशवासियों ने यानी विदेशों से भी, विदेशों से भी लोगों ने ट्वीट किया। आप भी अगर उस हेश टेग पर जा करके देखेंगे, आप भी हैरान हो जाएंगे कि कैसे देश और दुनिया आपके प्रति गर्व का अनुभव करती है।

अरूणाचल के लिए न तो प्रकृति ने कोई कमी छोड़ी है और न ही अध्‍यात्‍म और आस्‍था से जुड़े स्‍थानों की यहां कमी है। नई एयरपोर्ट बनने से, नई रेल लाइन बिछने से यहां देश-विदेश के टूरिस्‍टों की संख्‍या भी बढ़ेगी। इससे यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अनेक नये अवसर बनेंगे और अरूणाचल की अर्थव्‍यवस्‍था को भी ताकत मिलेगी।

भाईयों और बहनों, केंद्र सरकार देश के हर क्षेत्र की संस्‍कृति, भाषा, खान-पान, रहन-सहन को सुरक्षित और संरक्षित करने उनको और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह विविधता यह भारत का अनमोल खजाना है, यह हमारा गौरव है और भाजपा की तो विचारधारा में ही भारत की संस्‍कृति के प्रति हमारा मजबूत आग्रह है। यही कारण है कि हमारी सरकार ने अरूणाचल की संस्‍कृति को ताकत देने के लिए यहां के अपने 24 घंटे के टीवी चैनल अरूण प्रभा को launch किया गया है। आपके इस चैनल के लिए यहां सारी आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई है। इस चैनल की वजह से अब राज्‍य के दूर-दराज वाले इलाकों की खबरें भी आप तक और जल्‍दी पहुंचा करेगी। मुझे उम्‍मीद है कि चैनल यहां की संस्‍कृति, यहां की परंपरा का एक शानदार वाहक बनेगा। पूरे देश के लोगों को अरूणाचल की सुदंरता से परिचय कराएगा। इसी तरह जोटे में बनने वाले film and television institute से यहां के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे हीयहां की संस्‍कृति को एक बेहतर अभिव्‍यक्ति भी मिलेगी।

भाईयों और बहनों, हमारी सरकार विकास की पंचधारा यानी बच्‍चों की पढ़ाई, युवा का कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। विशेष तौर पर खेल सेक्‍टर में देश के हर व्‍यक्ति तक सस्‍ती और उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य सेवा पहुंचाने के लिए देश में ऐतिहासिक काम हो रहा है। आयुष्‍मान भारत योजना के तहत Health and wellness centresबनाए जा रहे हैं और गंभीर बीमारियों के लिए बड़े अस्‍पतालों में गरीबों को मुफ्त ईलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।

साथियों, आज यहां जो 50 Health and wellness centresका उद्घाटन हुआ है उससे दूरदराज के क्षेत्रों में अच्‍छी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं तो मिल ही पाएगी साथ में गंभीर बीमारियों की पहचान शुरूआती दौर में ही हो पाएगी। विशेषतौर पर गर्भवती महिलाओं और emergency जैसी स्थितियों के लिए यह Health and wellness centreबहुत काम आने वाला है।

साथियों, अरूणाचल प्रदेश के गरीब परिवारों को भी बाकी देश की तरह ही आयुष्‍मान भारत PMJAY यानी Modicareका लाभ मिल पा रहा है। इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों की स्थिति में गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त ईलाज उपलब्‍ध कराया जा रहा है। अभी इस योजना को डेढ़ सौ दिन भी नहीं हुए हैं। लगभग 11 लाख लोगों को देशभर में ईलाज का लाभ मिल चुका है। मुझे जानकारी दी गई है कि PemaKhanduजी की सरकार के इन प्रयासों को और विस्‍तार देने में जुटी हुई है।

साथियों, सामान्‍य मानव की सेहत के साथ-साथ देश के किसान के स्‍वास्‍थ्‍य को आर्थिक ताकत देने के लिए भी इस साल के बजट में किसानों के लिएबहुत बड़ी योजना लाई गई है। पीएम किसान सम्‍मान निधि। इस पीएम किसान सम्‍मान निधि के तहत हर उस किसान परिवार को जिसके पास पांच एकड़ या उससे कम जमीन है हर वर्ष उसके बैंक खाते में छह हजार रुपया दिल्‍ली से केंद्र सरकार उसके खाते में सीधी जमा कराएगी। और यह हर वर्ष होगा। साल में तीन बार दो-दो हजार रुपया पहुंचाए जाएंगे, ताकि खेती के साथ उसका जोड़ा जा सके। इससे अरूणाचल प्रदेश के भी अनेक किसानों को लाभ मिलेगा।

भाईयों और बहनों, खेती को तो हम शक्ति देने का प्रयास कर ही रहे हैं, साथ में organic खेती को भी बढ़ावा दे रहे हैं। मुझे बताया गया है कि यहां की सरकार इस दिशा में बहुत तेजी से काम कर रही है। और मैं आपको आश्‍वस्‍त करता हूं कि केंद्र की तरफ से जो भी मदद आपको चाहिए वो मदद पूरी तरह उपलब्‍ध कराई जाएगी।

भाईयों और बहनों, अरूणाचल प्रदेश देश का अभिमान है, यह भारत के विकास का, भारत की सुरक्षा का Gate way भी है। इस Gate wayको शक्ति देने का काम भाजपा की सरकारें करती रहेगी। आप सभी के आशीर्वाद से आपका यह प्रधान सेवक अरूणाचल सहित इस पूरे क्षेत्र को विकास का अंचल बनाने में जुटा है। एक बार फिर आज शुरू हुई परियोजनाओं के लिए मैं सभी अरूणाचल के मेरे प्‍यारे भाईयों-बहनों को बहुत बधाई देता हूं। जय हिंद का नारा जिनकी जुबां पर हर पल रहता है ऐसे मेरे अरूणाचलवासी मेरे साथ बोलिये –

जय हिंद.... जय हिंद....

जय हिंद.... जय हिंद....

जय हिंद... जय हिंद....

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।